महासमुन्द
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुन्द, 21 मार्च। गुरूवार को विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर महासमुंद जिला मुख्यालय स्थित उद्यानिकी नर्सरी सहित विकासखण्ड मुख्यालयों एवं महिला, पुरूष किसानों को मधुमक्खी पालन की जानकारी देते हुए इसके फायदे बताए गए। इस मौके पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने मधुमक्खी पालन की विधियां, लागत और लाभ की जानकारी दी। जानकारी देते समय कोविड-19 गाईड लाईन का भी ध्यान रखा गया।
जानकारी अनुसार मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित गतिविधि है, जो एकीकृति कृषि व्यवस्था के तहत् ग्रामीण क्षेत्र में किसान, भूमिहीन मजदूरों द्वारा किए जा रहे हैं। फसलों के परागण में मधुमक्खी पालन खास उपयोगी है। जिससे कृषि आय में बढ़ोतरी के अलावा किसानों, मधुमक्खी पालकों के आमदनी भी बढ़ गयी है। अधिकारियों के मुताबिक उद्यानिकी कृषक फसलों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को भी एक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं।
मालूम हो कि एकीकृत कृषि प्रणाली के तहत मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तीन साल के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन एनबीएचएम राशि आबंटन के साथ स्वीकृति दी है। मधुमक्खी पालन के संबंध में अधिक जानकारी राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की वेबसाईट पर प्राप्त किया जा सकता है।