बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 मई। जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पहंदा में लॉकडाउन में श्रमिकों को रोजगर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा कार्य का संपादन किया जा है। लेकिन इस दौरान शासन की कोरोना गाइड लाइन व जिला पंचायत सीईओ द्वारा मनरेगा कार्य संपादन के लिए जारी आदेश का उल्लघंन किया जा है। जबकि कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने 16 मई को जारी आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि मनरेगा कार्य में शारीरिक दूरी नहीं होने पर काम बंद किया जा सकता है। इसके बावजूद कार्य के दौरान लापरवाही कम नहीं हो रही है।
जिला पंचायत सीआईओ डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी ने मनरेगा कार्य के संपादन के लिए 12 बिंदुओं का आदेश जारी किया था, जिसमें मनरेगा कार्य कर रहे श्रमिकों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी, कार्य स्थल पर हाथ धोने के लिए साबुन, हैंडवाश, पानी की व्यवस्था व श्रमिकों के लिए मास्क की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। लेकिन कार्य स्थल पर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। उक्त व्यवस्था की जिम्मेदारी रोजगार सहायक व सचिव की होती है।
गांव के उपसरपंच निगमचंद बांधे ने बताया कि तकनीकी सहायक के स्थल निरीक्षण नहीं करने से श्रमिकों द्वारा काम में लापरवाही बरती जा रही है। गांव में मनरेगा के तहत चल रहे कार्य में लोग न तो मास्क पहन रहे और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। कार्यस्थल पर श्रमिकों द्वारा अनौपचारिक समूह बना कर बातचीत भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि मजदूरों द्वारा गोदी के माप के अनुसार खोदाई नहीं की जा रही है बल्कि उनके गोदी की गहराई 4 से 5 इंच है, जबकि उसे 12 इंच गहराई में खोदना है।
तकनीकी सहायक को मजदूर बोले-मास्क लगाने से घुटता है दम
तकनीकी सहायक मोती कोशरिया ने बताया कि वह सभी गांव में निरीक्षण के लिए जाते हैं। ग्राम पहंदा में मनरेगा में कार्य कर रहे श्रमिकों द्वारा मापदंड के हिसाब से खुदाई नहीं की जा रही है। श्रमिकों को मापदंड के हिसाब से खोदाई करने के लिए बोलने पर सभी श्रमिक कहते है कि इतने धूप में पूरा काम कैसे कर पाएंगे। शासन जब हमको पैसे दे रहा है तो आपको क्या करना। वहीं मास्क लगाने की बात बोलने पर श्रमिक कहते हैं कि कार्य के दौरान मास्क लगाने पर हमारा दम घूटता है। मास्क लगना संभव नहीं है।