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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 18 सितंबर। नक्सलियों ने स्टेट हाईवे में सुरक्षा बलों के लिए सब्जी ले कर जा रही वाहन में आग लगा दी है। इस दौरान नक्सलियों ने ड्राइवर का मोबाइल भी लूट लिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सारकेगुड़ा सीआरपीएफ कैंप से 2 किलोमीटर दूर स्टेट हाइवे पर सशस्त्र नक्सलियों ने पिकअप को आग लगा दी। इस वाहन में मोक्कुर सीआरपीएफ कैंप के लिए सब्जियां भेजी जा रही थी।
दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब 10 से 15 नक्सलियों ने सब्जी से भरे वाहन को रोका। उसके वाहन चालक से मोबाइल फोन छीन कर मारपीट की। फिर पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 18 एच 0803 में आग लगा दी। वाहन चालक के अनुसार उसके साथ मारपीट कर नक्सलियों ने उसके आंखों को गमछे से बांध दिया था। आग लगाने से पहले कुछ सब्जियों की बोरी नक्सली उतार लिए थे। वाहन बीजापुर के सब्जी विक्रेता की बताई जा रही है।
बीजापुर एसपी आंजनेय वाष्र्णेय ने बताया कि सब्जी ले जाते वाहन में आगजनी हुई है तथा लूट जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। सब्जियों को सडक़ पर बिखेर दिया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 18 सितंबर। रेत खुदाई को लेकर प्रकाशित खबर के बाद प्रशासन ने रेत माफियाओं पर कार्रवाई की है। रेत परिवहन कर रहे तीन गाडिय़ों को तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व अमले ने जब्त किया है। साथ ही दस घनमीटर रेत भी बरामद किया गया है। इस कार्रवाई में खनिज विभाग का कोई भी कर्मी मौजूद नहीं रहा।
ज्ञात हो कि शनिवार को ‘छत्तीसगढ़’ में पाबंदी का कोई असर नहीं, डंके की चोट पर हो रहा रेत उत्खनन शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। जिसे संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने एसडीएम व तहसीलदारों को गौण खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
रविवार को बीजापुर तहसीलदार डीआर ध्रुव एवं उसकी टीम ने पोंजेर नाला से अवैध रेत परिवहन करने वालों पर कार्रवाई करते हुए एक मेटाडोर और 2 ट्रैक्टर सहित 10 घनमीटर अवैध रेत को जब्त कर बीजापुर थाना पहुंचाया गया है। उक्त अवैध तस्करी पर नियमानुसार गौण खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदार डीआर ध्रुव ने बताया कि मेटाडोर आनन्द राव पागे शांति नगर बीजापुर, ट्रैक्टर गोपाल झाड़ी शांति नगर बीजापुर व ट्रेक्टर संदीप हेमला पोंजेर की थी। उन्होंने बताया कि आगे की चालानी कार्रवाई जिला कार्यालय से की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस पूरी कार्रवाई में खनिज विभाग का कोई भी कर्मी मौजूद नहीं था। इस अवसर पर तहसीलदार के साथ राजस्व निरीक्षक शंकर लाल कतलाम पटवारी बीरा राजाबाबू और मिच्चा पेरैय्या शामिल थे।
बीजापुर, 17 सितंबर। जिला अस्पताल बीजापुर में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी बीजापुर के सौजन्य से ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया गया।
ब्लड बैंक बीजापुर ने पहले दिन 25 यूनिट ब्लड डोनेशन कलेक्ट किया है। ब्लड डोनेशन करने वालो में ट्रैफिक पुलिस, बैंक कर्मचारी सहित युवा शामिल थे। कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित करने में ब्लड बैंक जिला अस्पताल बीजापुर के कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा। भारतीय रेड क्रास सोसायटी द्वारा ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. अभय सिंह तोमर ने बताया की यह ब्लड डोनेशन और कलेक्शन पूरे सप्ताह भर चलेगी। आज युवाओं, बैंक कर्मियों सहित ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने ब्लड डोनेट किया है। हमारा लक्ष्य 250 यूनिट ब्लड कलेक्शन का है। जिसमें पहले दिन 25 यूनिट कलेक्ट किया गया हैं।
खनिज विभाग बना मूकदर्शक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 17 सितंबर। पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाने सरकार ने नदियों से रेत निकाले जाने पर पाबंदी लगाई हुई है। बावजूद डंके की चोट पर रेत निकालकर नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा हैं।
इस बारे सहायक खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा ने बताया कि उनकी यहां नई पोस्टिंग होने से उन्हें क्षेत्र की ज्यादा जानकारी नहीं हैं। उन्होंने खनिज इंपेक्टर से दिखवाने की बात कही हैं।
दरअसल, राज्य सरकार ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए नदियों से रेत निकालने पर पाबन्दी लगाई हैं। मगर बीजापुर जिले में सरकारी नियम कायदों की परवाह किये बिना डंके की चोट पर नदियों से रेत का उत्खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
बीजापुर ब्लाक के पोंजेर व पदेडा नदी से ट्रेक्टर व 407 वाहन से रेत खनन कर उसका परिवहन किया जा रहा हैं। इससे नदियों के तट पर कटाव हो रहा है।
पोंजेर से रेत लेकर जा रही 407 वाहन के चालक से बात की गई तो उसने बताया कि रेत निकालने के एवज में गांव में प्रत्येक गाड़ी का 600 रुपये देते हैं। चालक से रॉयल्टी पटाने की बात पूछने पर उसने इससे अनभिज्ञता जाहिर की।
ज्ञात हो कि चेरपाल व पोंजेर ही नहीं जिले के अन्य ब्लाकों में स्थित नदियों से भी पाबंदी के बावजूद इन दिनों रेत का उत्खनन बेरोक टोक जारी है। एक तरफ़ रेत उत्खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं किये जाने से मानो उनकी मौन स्वीकृति समझी जा रही है।
ज्ञात हो कि ये बात निस्संदेह कही जा सकती है कि रेत नदी के पारिस्थिति की तंत्र का अनिवार्य हिस्सा है। नदी के जल-प्रवाह और मछलियों की ही तरह यह नदियों को सेहतमंद रहने में मदद करता है। यह भू-जल के पुनर्भरण के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रवाही जल में पोषक-तत्वों की आपूर्ति करता है। नदियों में जल-प्रवाह की कमी के दिनों में रेत जल-प्रवाह को बनाये रखने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार के जलीय जीव-जंतुओं के प्राकृतिक वास के लिहाज से भी रेत महत्वूर्ण है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट आई चर्चा में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 सितंबर। देश से लगभग विलुप्त हो चुके चीते एक बार फिर से देश में दिखने लगेंगे। केंद्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट के तहत आठ चीते नामीबिया से भारत मंगवाएं हैं। जिन्हें मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएगा।
भैरमगढ़ स्थित एकलव्य संस्था में वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश रात्रे की अगुवाई में चीता प्रोजेक्ट को लेकर प्रकृति प्रेमियों सर्पमित्रों की टीम प्रकृति और हम( ए जेड एन) ने बच्चों को जानकारी देते उन्हें जागरूक किया।
बताया गया है कि 17 सितंबर को केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से 8 चीते भारत लाये जाएंगे। इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएंगे। इस राष्ट्रीय उद्यान को चुनने के पीछे एक मात्र वजह थी कि कूनो उद्यान ऐसी जगह थी, जहां भारत की बड़ी बिल्लियों की चारों प्रजातियां बाघ, शेर, चिता व तेंदुआ साथ रहते थे। सब कुछ ठीक रहा तो भारत के जंगल में फिर से चीते दिखने लगेंगे।
बताया गया है कि अभी फिलहाल 8 चीतों को लाये जाएंगे। यहां चीतों के ढलने की काबिलियत व संख्या को देख आने वाले सालों में चीते मंगवाएं जाएंगे।
जानकारी में बताया गया कि सन 1948 में भारत की बड़ी बिल्ली का अंतिम बार शिकार हुए था। वहीं सन 1952 के सर्वे में यह विलुप्त घोषित किये गए। इसके बाद चीता के पुनर्वास का लगातार प्रयास किया गया। लेकिन लंबी अवधि के बाद यह वर्तमान में केंद्र सरकार के कार्यकाल में संभव हो पाया। शनिवार 17 सितंबर को अफ्रीका महाद्वीप के नामीबिया से 8 चीते भारत पहुंच रहे हैं। जिससे देश में उत्सुकता का माहौल हैं।
इस अवसर पर भैरमगढ़ परिक्षेत्र अधिकारी योगेश रात्रे, पर्यावरण कार्यकर्ता अमित मिश्रा, अक्षय मिश्रा, मनोज हलधर, दीपक ठाकुर, मनोज कश्यप व कमल किशोर रावत ने व्याख्यान दिया।
मद्देड़ थाना में भाजपाइयों ने की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 सितंबर। बांध मरम्मत में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद वस्तुस्थिति जानने गुरुवार को भाजपा का जांच दल अंगमपल्ली पहुंची था। यहां ग्रामीणों से चर्चा कर डैम देखने जा रही जांच दल को गांव के कन्हैया वासम नामक व्यक्ति ने आगे जाने से रोक दिया। उक्त व्यक्ति ने किसी भी शर्त पर आगे जाने नहीं देने की बात कहते हुए अड़ा रहा।
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने डैम पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होने की बात कही थी, परंतु कन्हैया नामक व्यक्ति आकर चर्चा के बीच कार्य पूर्ण होने की बात कहते हुए आगे जाने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद डैम तक जाने के लिए तैयार हुए अन्य ग्रामीण भी इस व्यक्ति से डरकर जाने एवं बयान देने से पीछे हट गये। इसके बाद भाजपा की जांच टीम मद्देड़ थाना पहुंच कर एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया।
इस दौरान भाजपा उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू, महांमत्री सतेंद्र ठाकुर, कार्यसमिति सदस्य फूलचन्द गागड़ा, रंजना उद्दे सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 सितंबर। गुरुवार को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल कुटरु का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी के कर कमलों से हुआ।
विधायक ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण, किसान एवं सुदूर अंचल के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है। हर पालक चाहता है, उसका बच्चा अच्छे से अच्छे अंग्रेजी स्कूल में पढ़े, किन्तु प्राईवेट स्कूलों की मोटी फीस बाधा बनती। जिससे गरीबों के बच्चे अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। गरीब, किसान, आदिवासी जैसे बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल खोला गया है।
बीजापुर में पहले चारों ब्लाक में 1-1 स्कूल खुला थे। जिसके बाद लगातार ग्रामीण पालकों की मांग आ रही है। मुख्यमंत्री ने कुटरु और मद्देड़ को नवीन आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल की सौगात दी। जिससे जिले के पालकों में खुशी की लहर है। आने वाले दिनों में और भी स्कूल खुलेंगे, जिससे आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे अब अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। कुटरु जैसे सुदूर क्षेत्र नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था जो अब शिक्षा के गढ़ के रूप में तब्दील हो रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर ने बताया कि कुटरु व आस-पास के बेदरे, फरसेगढ़, गुदमा जैसे गांवों के बच्चे पढऩे आते हंै। स्कूल में मध्यान्ह भोजन, गणवेश स्कूल बैग, पुस्तक सहित नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। इस दौरान विधायक मंडावी ने स्वच्छता ही सेवा स्वच्छता रथ को जिले में स्वच्छता संबंधी जागरुकता हेतु हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत रवि कुमार साहू, जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर, सीईओ जनपद पंचायत जेआर अरकरा, बीईओ मोहम्मद जाकिर खान, प्राचार्य स्वामी आत्मानंद स्कूल एच आर सोरी सहित गणमान्य नागरिक अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
सरकार शांति पदयात्रा करने वाले आदिवासियों से डरती है, तय समय पर होगी पद यात्रा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 सितंबर। सिलगेर में चले गोलियों से निर्दोष आदिवासियों की मौत पर बने न्यायिक जांच आखिर कब अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। बस्तर में आदिवासियों पर हमले और हिंसा से जुड़े मामलों पर जांच के लिए कमेटियां तो बनती रही हैं, पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होती, जिनके रिपोर्ट आ भी जाते हैं तो सरकार के हाथ बंध जाते हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय आदिवासी महा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने बीजापुर प्रेस क्लब में एक अनौपचारिक चर्चा में कही।
मनीष कुंजाम ने बताया कि सिलगेर से सुकमा तक की पद यात्रा को लेकर अब तक प्रशासनिक अनुमति नहीं मिल सकी है, फिर भी सीपीआई प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 19 से 26 तक पदयात्रा करेगी।
मनीष कुंजाम ने कहा कि भूपेश सरकार शांति पूर्वक पद यात्रा से डरती है। पदयात्रा को लेकर हमने सुरक्षा की मांग की थी पर सरकार सुरक्षा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होने की बात कहती है। मनीष कुंजाम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पदयात्रियों से शासन-प्रशासन डर रही है।
सिलगेर और आसपास इलाके के युवाओं को पेसा की जानकारी भारत जन आंदोलन से जुड़े विजय भाई द्वारा दी जा रही है।
सीपीआई नेता ने कहा कि बस्तर में बीते 15 सालों के पुलिसिया राज आज भी कायम है। इस दौरान उनके साथ भारत जन आंदोलन के नेता विजय भाई, सीपीआई के जिला परिषद सचिव कमलेश झाड़ी सहित अन्य सीपीआई कार्यकर्ता मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 सितंबर। छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन रसोइया संयुक्त महासंघ के बैनर तले जिले के 1300 से ज्यादा मध्यान्ह भोजन रसोइये पिछले छह दिनों से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। रसोइयों के हड़ताल पर होने से बच्चों के लिए मध्यान भोजन बनाने में खासी दिक्कत पेश आ रही है। हालांकि समूह इसकी व्यवस्था कर रही है।
10 सितंबर से विभिन्न मांगों को लेकर रसोइया संघ सांस्कृतिक भवन मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। रसोइयों के हड़ताल पर जाने से जिले के पोटाकेबिनों, मिडिल और प्राथमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ की श्रीमती ज्योति डारा ने बताया कि 50 रुपये रोजी से विगत कई वर्षो से हम काम कर रहे है। इस मंहगाई के दौर में यह बहुत ही कम है। वर्तमान में हम रसोइया श्रमिकों को प्रतिमाह 1500 रूपये के हिसाब से दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि सरकार उन्हें कलेक्टर दर पर मानदेय और एरियर्स के रूप में 300 रूपये प्रतिमाह दें। इतना ही नहीं उन्होने यह भी बताया कि बिना वजह के रसोइया श्रमिकों को उनके कार्य से उन्हें निकाला जाता है जो सही नहीं है, उस पर रोक लगाई जाये। वर्तमान में जिले में 1300 सौ से ज्यादा रसोइया श्रमिक स्कूलों में कार्यरत हैं।
इस दौरान जिलाध्यक्ष रम्भा झा, उपाध्यक्ष उमेश यादव सचिव सरोजनी सीपी, ज्योति डारा, मुन्ना ताती विनय तेलम के अलावा सैकड़ों की संख्या में रसोइया श्रमिक मौजूद रहे।
दो सौ से ज्यादा लोग जुटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 14 सितंबर। भैरमगढ़ एरिया जेल रिहाई मंच बैनर तले कल ग्रामीणों ने जेल की अव्यवस्था के खिलाफ पोन्दुम इलाके में रैली निकाली। प्रदर्शन में केशकुतुल, पोमरा, हल्लुर व पिटेतुंगाली आदि गांवों के दो सौ से ज्यादा लोग जुटे थे। ग्रामीणों की मांगों का समर्थन सरपंच व जनप्रतिनिधियों ने भी किया है।
अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण भैरमगढ़ ब्लॉक मुख्यालय आ रहे थे, लेकिन सुरक्षागत कारणों से पुलिस ने उन्हें भैरमगढ़ से 5 किलो पहले ही रोक दिया। जिससे ग्रामीण पोन्दुम गांव में ही धरने पर बैठ गए।
उनकी मांग है कि जेलों में खाने पीने, कपड़े के साथ जेलों में बंद लोगों से मिलने में काफी परेशानी होती है। जेलों में बंद लोगों से दूरदराज से मिलने आये परिजनों को मिलने भी नहीं दिया जाता है। साथ ही जो खाना ले जाया जाता है, वह भी आधा अधूरा ही मिल पाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि जेल में काफी अव्यवस्था है। वहां पर कैदियों को सही भोजन नहीं मिल रहा है, साथ ही भोजन की मात्रा भी कम और गुणवत्ताहीन है। जेल में बंद लोगों से मिलने में परिजनों को परेशानी होती है।
ग्रामीणों की मांग है कि सरकार जेल में बंद लोगों को सही मात्रा में ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएं। कैदियों को हो रही दिक्कतों को सरकार ध्यान में रखकर उन्हें दूर करें।
वहीं भैरमगढ़ एसडीओपी तारेश साहू का कहना है कि मंगलवार को ग्रामीणों ने सरपंचों के नेतृत्व में एक सभा की थी, जिसमें जेल में बंद कैदियों को नित्य उपयोग में आने वाली वस्तुओं के नहीं मिलने और गुणवत्ताहीन भोजन मिलने के विषय में चर्चा की गई तथा ग्रामीण सभा के माध्यम से प्रशासन से मांग कर रहे हंै कि जेल में कैदियों से मिलने का समय भी बढ़ाया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 सितंबर। मंगलवार को जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित होकर 32 लोगों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया।
यहां विधायक विक्रम मंडावी की मौजूदगी में बीजापुर के युवा व्यवसायी राजीव सिंह समेत 32 लोगों ने कांग्रेस पार्टी की रीतिनीति से प्रभावित होकर कांग्रेस प्रवेश कर लिया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ भी शामिल थीं।
विधायक विक्रम मंडावी व अन्य कांग्रेस नेताओं ने नवप्रवेशियों को फूल माला एवं कांग्रेस पार्टी का गमछा पहनाकर पार्टी में प्रवेश कराया।
कांग्रेस प्रवेश करने के बाद राजीव सिंह ने कहा कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार लगातार लोगों के कल्याण के काम कर रही है। जिसका सीधा लाभ लोगों को मिल रहा है। वहीं विधायक मंडावी की कार्यकुशलता से भी प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस प्रवेश किया हैं।
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि मोदी सरकार की ग़लत नीतियों के कारण देश में आज महंगाई आसमान छू रही है, लेकिन केंद्र की भाजपा और मोदी सरकार लोगों को अब तक राहत नहीं दे पाई।
कांग्रेस प्रवेश करने वालों में मुख्य रूप से गोपाल दुर्गम, अभिषेक दुर्गम,विनय दुर्गम,श्रीमती मरियम पोडियम, राधा उद्दे, संध्या पोंगटी, लक्ष्मी जर्ऱे, सुकली कोर्षा, सरिता जुमड़े, बबिता जुमार, कमला कुडियम, अंजना मिंज, पुण्या पावरे, सुगन्ति जुमड़े, सुनीता समतुल, पदमा पुल्ला, श्रीमती सरोजनी कावटी,पामेला चेन्नूर, रीना ताती, कमला कुडियम, सीता कुडियम, कमला बेडके, रुक्मणि पोंदि, रामे हेमला, सूक्मती वेको,रोनी हेमला, सन्नी माड़वी, देवी वाचम, कमला नीलकंठ, समैया जुमार और पाण्डु झाड़ी हंै।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद के सदस्य बसन्त राव ताटी, प्रवक्त ज्योति कुमार, मीडिया प्रभारी राजेश जैन सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
स्वास्थ्य अमले ने मारूड़बाका, लिंगापुर और नेलाकांकेर में पहुंचकर टीका लगाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 सितंबर। लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने स्वास्थ्य विभाग की टीम मुश्किल हालातों के बीच भी दुर्गम और दूरस्थ अंचलों में पहुंच रही है। स्वास्थ्य अमला ने जान जोखिम में डालकर तीन नदियों को पार कर गांव पहुंचे और ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए टीके लगाये।
बीजापुर जिले के मारूड़बाका उप स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले तीन गांवों लिंगापुर, नेलाकांकेर और मारूड़बाका में कोरोना से बचाव का टीका लगाने स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन-तीन नदियों को पार कर पहुंची। अचानक हुई बारिश के कारण लौटते समय इन तीनों नदियों का जलस्तर सीने तक पहुंच चुका था। दल सीने तक भरी नदियों को ग्रामीणों की सहायता से पैदल पार कर वापस पहुंची।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उसूर से उप स्वास्थ्य केन्द्र मारूड़बाका की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। मारूड़बाका उप स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत नौ आश्रित गांव हैं। ये सभी गांव नदी के दूसरी तरफ हैं और अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। इनमें से अधिकांश गांवों की उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दूरी 30-35 किलोमीटर है। दो गांव करीब 50 किलोमीटर दूर हैं।
कोविड वैक्सीनेशन के लिए तीन नदियों राला वागु, इल्का और कोंगा वागु को पार कर लिंगापुर, नेलाकांकेर और मारूड़बाका पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम में ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी (आरएचओ) श्रीमती ज्योति सिदार, श्रीमती नागमणी चिलमुल, रमेश गड्डेम और शिक्षक आनन्द राव यालम शामिल थे। उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से गांव जाते समय इन नदियों में करीब घुटने तक पानी था।
वापसी के समय अचानक बारिश होने के कारण पानी का स्तर बहुत बढ़ गया। कोंगा वागु नदी में छाती तक पानी भरा होने के कारण टीम पार नहीं कर पा रही थी।
कुछ समय इंतजार करने के बाद भी नदी का जलस्तर कम नहीं होता देख टीम के सदस्यों ने पास में ही मवेशी चरा रहे लोगों के माध्यम से गांव में खबर भिजवाई। ग्रामीणों के पहुंचने पर उनकी सहायता से टीम ने सुरक्षित नदी पार किया। कोंगा वागु नदी पार करने के बाद दल को आगे दो और नदियां इल्का और राला वागु भी पैदल पार करना पड़ा। तीनों नदियों को पार कर स्वास्थ्य विभाग की टीम कीचडय़ुक्त पगडण्डी रास्ते से पैदल चलकर भूषापुर से पहाड़ी रास्ते से शाम करीब सात बजे गलगम पहुंची।
वहां मोबाइल का नेटवर्क मिलने पर टीम ने सेक्टर प्रभारी हरिशंकर ध्रुव से संपर्क किया। उनके द्वारा एम्बुलेंस भेजने के बाद टीम रात आठ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उसूर पहुंची।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 सितंबर। ग्राम पंचायत पेद्दाकोडेपाल में मनरेगा योजना, 14वें वित्त और 15वें वित्त आयोग की योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सरपंच, पंच व सर्व आदिवासी समाज ने सचिव और तकनीकी सहायक पर कार्रवाई की मांग की है।
बीजापुर ब्लॉक के पेद्दाकोडपाल में पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक के खिलाफ सरपंच व पंचों ने मोर्चा खोल दिया है। सचिव रामबत्ती भोगामी पर 14वें वित्त, 15वें वित्त आयोग और मनरेगा योजना की राशि का आहरण कर बंदरबांट करने का आरोप लगाया गया है।
सरपंच व पंचों ने इस मामले को लेकर प्रशासन को एक लिखित रूप से शिकायत भी की है, लेकिन अब तक सचिव और तकनीकी सहायक पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।
पेद्दाकोडेपाल की सरपंच पार्वती कोरसा व वार्ड के पंच बुधराम कोरसा, सुकलूराम कुडियम, लक्ष्मी कोरसा, मंगूराम कोरसा आलम रूकमणी, पांडूराम कोरसा सुन्दरलाल लेकाम, शांति कोरसा, विमला कोरसा आलम पांडू और मोहन लेकाम ने आरोप लगाते बताया कि सचिव रामबत्ती भोगामी और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से वर्ष 2021-22 में किये गये 14वें वित्त, 15वें वित्त आयोग और मनरेगा योजना के चौबीस लाख रुपए की राशि का आहरण कर बंदरबाट किया गया है, जिसकी शिकायत लिखित रूप से प्रशासन दी गई थी, लेकिन दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है।
सर्व आदिवासी समाज का एक दल पहुंचा पेद्दाकोडेपाल
इस मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अशोक तलांडी के नेतृत्व में बीते दिनों ग्राम पंचायत पेद्दाकोडेपाल में बैठक की गई।
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अशोक तलांडी ने बताया कि तीन सितंबर को पेद्दाकोडेपाल के ग्रामीणों के द्वारा सर्व आदिवासी समाज को एक पत्र लिखा था। जिसमें सचिव रामबत्ती भोगामी और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से ग्राम पंचायत पेद्दाकोडेपाल में किये गये कार्य 14वें वित्त, 15वें वित्त, डबरी और मनरेगा योजना के राशि का आहरण कर बंदरबांट किया है। तलांडी ने कहा कि प्रशासन से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
इस दौरान दोरला समाज के संम्भागीय अध्यक्ष अनील बुरका दोरला समाज के जिला अध्यक्ष ककेम नारायण, सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक बी एस नागेश, गोड़वाना समाज के ब्लाक अध्यक्ष फकलू तेलम ,हल्बा समाज के अध्यक्ष गुज्जाराम पवार, कुरूख उरांव प्रगतिशील समाज के सहकोषाध्यक्ष जिलूयस तिर्की, भतरा समाज के अध्यक्ष के अलावा अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
2 घंटे तक चला बचाव अभियान, पेगड़ापल्ली पुल पर फँसे थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 सितंबर। जिले में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त -व्यस्त हो गया था। दर्जनों गाँवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था, वहीं रविवार को अत्यधिक बारिश की वजह से भोपालपटनम तहसील के पेगड़ापल्ली पंचायत के पास बसों में सवार 100 से अधिक लोग बाढ़ के पानी की वजह से पेगड़ापल्ली पुल पर फँस गए थे।
यात्रियों को लगा कि पानी जब उतर जाएगा तो वे निकल जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तब बाढ़ में फँसे लोगों ने विधायक विक्रम मंडावी को इसकी जानकारी दी, तब विधायक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात की और फँसे हुए लोगों का रेसक्यू करने को कहा।
नगर सेना के प्रभारी निर्मल साहू ने बताया कि मेरे पास विधायक विक्रम मंडावी ने फ़ोन किया औऱ कहा कि पेगड़ापल्ली में फँसे हुए यात्रियों की जानकारी दी। तभी हम नगर सेना के 10 जवानों के साथ 2बोट लेकर हम पेगड़ापल्ली पहुँच गए। हमारे साथ विधायक विक्रम मंडावी, जिला पंचायत सीईओ रवि साहू मौजूद रहे। हमने बाढ़ में फँसे लोगों को निकालने के लिए रात कऱीब 11.30 बजे रेसक्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया औऱ यह ऑपरेशन लगभग रात के 2.30 बजे तक चलता रहा। हमने बाढ़ में फँसे सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
विधायक विक्रम मंडावी ने बताया कि मेरे पास सूचना आयी थी कि दो बसों में सवार कुछ लोग पेगड़ापल्ली के पास बाढ़ के पानी में फँस गए हैं, वे यात्री काफ़ी डरे सहमे हुए थे। मैंने तत्काल नगर सेना की टीम को फ़ोन लगाया औऱ लोगों को रेसक्यू करने के लिए कहा और दो घंटों की मशक्कतके बाद लोगों का रेसक्यू किया गया। सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उनके भोजन औऱ रहने की व्यवस्था की गई।
तीन गांवों के 100 बच्चों के हाथ में पहुंची कॉपी कलम और किताब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 सितंबर। अनगिनत बाधाओं और चुनौतियों को पार कर नक्सलगढ़ के ग्रामीण अपने 3 गांव में 17 साल बाद स्कूल खोलने में कामयाब हुए हैं। साल 2005 के सलवा जुडूम अभियान के बाद ये गांव आतंक और दहशत की गिरफ्त में सरकार की पहुंच से दूर होकर मुख्यधारा से कट गए थे। छतीसगढ़ सरकार की विश्वास बढ़ाने और अंतिम छोर तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने की नीति ने एक बार फिर माओवाद प्रभावित इलाके में ग्रामीणो के दिल जीतने में कामयाबी पाई और मोसला कचिलवार व गुण्डापुर जैसे नक्सलगढ़ में फिर अ आ इ ई की गूंज सुनाई देने लगी है।
कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने बताया कि ज्ञानदूतों के माध्यम से झोपड़ी में स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। इन ज्ञानदूतों को पहले एक सप्ताह का ट्रेनिंग दिया जाएगा। फिर महीने के 2 दिन इन्हें ट्रेनिग दी जाएगी। कलेक्टर कटारा के मुताबिक शासन से व्यवस्था हो जाने के बाद यहां रेगुलर टीचरों की पोस्टिंग की जा जाएगी। गांव वालों के सहयोग से स्कूल शेड जल्द ही बनवा दिया जाएगा। बच्चों को मीड डे मील, कॉपी, किताब, स्कूल ड्रेस व खेल सामान भी देंगे। उन्होंने बताया कि प्रशासन बेहतर शिक्षा के प्रयास कर रहा है। साथ ही मैदानी स्तर पर सरकार की योजनाओं को पहुंचाने में फायदा होगा। विश्वास बढ़ेगा।
दरअसल, बीजापुर जिला माओवादी प्रभाव की दृष्टि से देश का अतिसंवेदनशील इलाका है । आज भी यहां के सैकड़ों गांव सरकार, सरकारी अमले और सरकारी योजनाओं से कोसों दूर हैं । साल 2005 में नक्सल विरोधी सलवाजुड़ुम अभियान ने यहां दहशत और आतंक का माहौल पैदा कर सैकड़ो गांव और नागरिकों को विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर कर दिया था । इस दौरान जिले में 350 स्कूल बंद हो गए और हजारों बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लग गया।
सरकार की पहल और शिक्षा विभाग के प्रयासों से जिले में बीते 3 साल में 160 से ज्यादा स्कूल तो खुले लेकिन मोसला कचिलवार और गुण्डापुर की चुनौतियों से पार नही पाया जा सका। बीते 3 साल से ग्रामीणों से लगातार संपर्क कर विश्वास बहाली की मुहिम को अमली जामा पहनाने में शिक्षा विभाग की टीम अब जाकर सफल हुई, जब ग्रामीणों की रज़ामन्दी के बाद झोपड़ी में स्कूल फिर से शुरू किए गए हैं। इस दौरान गांव के मुखिया और पुजारी ने स्थानीय रीति रिवाज से पूजा अर्चना की और बच्चों के साथ राष्ट्रगीत गाया। स्कूल शुरू करवाकर लौटे बीईओ मोहम्मद ज़ाकिर खान ने बताया कि बीजापुर ब्लाक का ग्राम पंचायत कैका दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाका है। जहां आम नागरिक या सरकारी अमले का पहुंच पाना एक चुनौती है। कैका के आश्रित गांव मोसला कचिलवार और गुण्डापुर के लिए 45 किलोमीटर का सफर कई बाधाओं को पार कर पहुचना होता है। रास्ते मे दहशत और नदी नालों को पार कर कीचड़ भरे रास्तो पर पैदल चलने की चुनौती मुहिम में बाधक बनती हैं। बावजूद शासन, प्रशासन के मार्गदर्शन में सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार से जोडऩे तमाम चुनौतीयों के बीच बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोडऩे की मुहिम को आगे बढाने में कोशिश कर रहे है। बीईओ मोहम्मद जाकिर खान आगे बताया कि मोसला में 34, कचिलवार में 32 और गुण्डापुर में 34 बच्चों का दाखिला कराया गया हैं।जिनके पढऩे की जगह कुटिया के रूप में ग्रामीणो द्वारा तैयार किया गया है। यहां बच्चों को कॉपी कलम, किताब और स्कूल ड्रेस सरकार ने मुहैया कराई है।
कैसे खुलते हैं नक्सलगढ़ के बंद स्कूल
जिले के ज्यादातर इलाके माओवादियो के प्रभाव में आते हैं । ऐसे में सीधे गांव में घुसकर कोई भी काम कर पाना मुमकिन नही होता हैं । इस मुहिम में शिक्षा विभाग की टीम गांव के पढ़े लिखे बेरोजगारों से लगातार संपर्क करती है और उन्हें ग्रामीणों के साथ बात के लिए तैयार किया जाता है । ग्रामीणों से बातचीत का रास्ता तैयार होने के बाद शिक्षा विभाग की टीम गांव जाकर स्कूल खोलने की पहल कर शिक्षा से होने वाले लाभ बताकर सहमति लेती है । ग्रामीण तय करते हैं कि ज्ञानदूत कौन होगा। ये तय करने के बाद ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर उनका चयन किया जाता है। स्कूल की सहमति मिलने के बाद शिक्षा विभाग की टीम आला अफसरों को इसकी जानकारी देकर स्कूल खोलने की मुहिम को अमली जामा पहनाती है । ग्रामीण जहाँ झोपड़ी बनाने की जिम्मेदारी खुद उठाते हैं।वही शिक्षा विभाग ड्रेस,कॉपी, कलम, किताब टाटपट्टी रजिस्टर ब्लैकबोर्ड मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करता है । इन सारी कवायद के बीच यहां के ज्यादातर स्कूल नदी नालों को पार पहाड़ी इलाके में बसे होने से पहुँचविहीन इलाके में शुमार किये जाते हैं।
नक्सल प्रभावित इलाका होने से दहशत का दबाव भी बना रहता है । इन हालातों में ये खोले गए स्कूल माओवाद इलाक़े के बदलते हालात और सरकार की विश्वास बहाली की मुहिम को मजबूती प्रदान करती है।
ज्ञानदूत संवारेंगे बच्चों का भविष्य
सत्रह साल बाद खोले गए स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिये ज्ञानदूत की व्यवस्था की गई है । ये ज्ञानदूत इन इलाकों के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार हैं,जो गांव में रहकर बच्चों को शिक्षा देने का काम करेंगे । जिला प्रशासन ने इनकी नियुक्ति डीएमएफ मद से की है। जिन्हें बाकायदा डाइट के माध्यम से प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की गई है । बारिश के बाद सरकार इन जगहों पर झोपड़ी की जगह शेड निर्माण के स्वीकृति देगी। जिसके बाद इन गांव में शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ सरकार की मौजूदगी भी प्रभावी बन सकेगी ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 सितंबर। कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद लंबे समय से फरार चल रहे नक्सलियों को बीजापुर पुलिस ने पड़ोसी राज्य तेलंगाना से गिरफ्तार कर लिया हैं। ये नक्सली वहां नाम बदलकर रह रहे थे। दोनों नक्सलियों को गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पेश किया गया हैं।
जिले के अंतिम छोर पर बसे पामेड़ इलाके में बड़ी नक्सली वारदात को अंजाम देने के बाद फरार नक्सली माड़वी देवा तेलंगाना के दक्षिण गोदावरी जिले के थाना कुकनूर के गांव लंकापल्ली गांव में नाम बदलकर रह रहा था। जिसे पामेड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं कोबरा 204 की सूचना पर धरमावरम में ग्रामीण के घर से लूट की घटना में शामिल रही महिला नक्सली काका लच्छी निवासी धर्ममावरम को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। लच्छी भी लंबे से नाम बदलकर पड़ोसी राज्य के वद्दीपेटा उंजापल्ली थाना चेरला में रह रही थी। पुलिस ने सूचना पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया हैं। लच्छी के विरुद्ध पामेड़ थाना में 1 स्थाई वारंट लंबित हैं।
इन वारदातों में शामिल रहा देवा
नक्सली माड़वी देवा ने कई बड़े वारदातों को अंजाम दिया था। वर्ष 2004 में पामेड स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की छावनी पर हमला, तोंग गुड़ा और तिपापुरम के बीच पुलिस पार्टी को नुकसान की नियत से ब्लास्ट करने, 2005 में पामेड़ थाना पर फायरिंग, तोंगगुड़ा नाला के पास बम लगाने, पामेड़ से 3 किमी की दूरी पर निकली पुलिस पार्टी को निशाना बनाते आईईडी ब्लास्ट करने जैसी बड़ी घटनाओं में वह शामिल था. माड़वी के खिलाफ थाना पामेड़ में 9 स्थाई वारंट लंबित है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 सितंबर। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कन्या रेसीडेंसियल स्थित आडिटोरियम बीजापुर में आयोजित हुई, जिसमें जिले के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने वाले उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिसके अन्तर्गत प्राथमिक शाला के प्रत्येक ब्लाक 3 शिक्षकों को ‘‘शिक्षा दूत‘‘ सम्मान दिया गया जिसमें 5 हजार की राशि का चेक, शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। वहीं माध्यमिक स्कूलों के उत्कृष्ट सेवा देने वाले प्रत्येक ब्लाक के 1 शिक्षक का चयन कर ज्ञानदीप अलंकरण से सम्मानित किया गया। उक्त सम्मान के अन्तर्गत 7 हजार की राशि का चेक शाल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रधानपाठक के रूप में प्रत्येक ब्लाक से 1 संस्था प्रमुख को भी सम्मानित कर 1 हजार रूपये का चेक वितरण किया गया। पुरस्कृत शिक्षकों में प्राथमिक शाला के शिक्षक शिक्षादूत अलंकरण से सम्मानित विकासखण्ड भोपालपटनम से पुष्पलता मड़े, बी. शकुंतला, श्री कोंड्रा राजकुमार, विकासखण्ड भैरमगढ़ से जयपाल निषाद, नरसिंग सिन्हा, किरण मंडावी, विकासखण्ड बीजापुर से सत्यवती पुनेम, शशिकला मिंज एवं तुलसी पटेल एवं विकासखण्ड उसूर से बी रमेश, नेवेन्द्र बुरका, सविता नेताम इसी तरह माध्यमिक स्कूल के शिक्षक जिन्हें ज्ञानदूत अलंकरण से सम्मानित किया गया, भानु शंकर नाग, उसूर शाहीन परवीन बीजापुर, लक्ष्मीनारायण ओडवल भोपालपटनम से।
उत्कृष्ट प्रधानाठक के रूप में संस्था प्रमुख कमला गांधरला, चरण सिंह सलाम, वासम नारायण, मट्टी नागैया, सविंदा शिक्षक स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल बीजापुर से साधना जैन, उसूर से मनोज झाड़ी भोपालपटनम से श्री यशवंत सिन्हा एवं भैरमगढ़ से कुमारी अंकिता देशमुख।
जिले में बंद पड़े स्कूलों को पुन: संचालन किया गया है। उन स्कूल संचालन स्थानीय युवा शिक्षादूत के रूप में कार्य कर रहे हैं, जिन्हें सम्मानित किया गया-उसूर से डोडी कमलेश, भोपालपटनम से तलांडी कान्तैया, बीजापुर के विजय गोंदें, भैरमगढ़ के राजूराम डोंडी, निजी स्कूल के शिक्षक रितु चौहान, राजेन्द्र टोप्पो, श्रीमती वेल्मा सपापना रावतिया सहित केन्द्रीय विद्यालय के अजित कुमार, नवोदय विद्यालय के गौरव सोनकर, डीएव्ही स्कूल के शिक्षक नरेश कुमार सहित जिले के सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षक फिरतुराम बघेल, जेआर तुमरेटी, ई संताराव सडमेक, वेडजा प्रताप, देव चंद नाग, एल सुधाकर, आत्रम शंकर, के निमैय्या, झाड़ी पोचैया, एम शरण देवी, कुंडकुल लक्ष्मी नारायण, डी. नागेश्वर, रैमनदास झाड़ी, लक्ष्मी भारद्वाज, रामगोपाल शर्मा, सीएस सलाम, डीसी सोरी को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अतिथि जिला पंचायत एवं कृषक कल्याण बोर्ड के सदस्य श्री बसंत राव ताटी ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा ने जिले के शिक्षकों को ‘‘जयगुरू‘‘ अभिवादन के साथ शुभकामनाएं देते हुऐ बीजापुर जैसे सुदूर अंचल में शिक्षा का अलख जगाने के लिए प्रोत्साहित किया कलेक्टर श्री कटारा ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी जिले के नौनिहालों को शिक्षित करना बहुत ही सौभाग्य का कार्य है।
शिक्षा ही एक सशक्त माध्यम है जिसमें अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। शिक्षा के अभाव में नकारात्मक विचारधारा के प्रति लोग आकृष्ट होते हैं जिसे हम सब मिलकर शिक्षा देकर सही रास्ते पर ला सकते हैं। इस दौरान कलेक्टर ने बताया स्कूलों मे अद्योसंरचना कार्य हो रहा है। ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए जिला प्रशासन कार्य कर रही है, शिक्षा में गुणवत्ता लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। ताकि शिक्षा के क्षेत्र में जिले का नाम रौशन करें।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य बी पुष्पाराव, जनपद अध्यक्ष बीजापुर बोधी ताती, सीईओ जिला पंचायत रवि कुमार साहू, एसडीएम बीजापुर पवन कुमार प्रेमी, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग प्रशांत कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, मीडिया प्रतिनिधि व जिले के सुदूर क्षेत्रों से आए शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 सितंबर। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन बीजापुर की पहल पर आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर जिले के सहायक शिक्षकों ने रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया।
शिक्षक दिवस पर जिले में पहली बार सहायक शिक्षक फेडरेशन के संगठन की पहल पर एकजुटता व मानवता का परिचय देते हुए व अन्य शिक्षक संगठन को प्रेरित करने रक्त दान के इच्छुक सहायक शिक्षको ने जिला अस्पताल पहुँच कर स्वेच्छा से रक्त दान किया।
जिले में पहली बार किसी शिक्षक संगठन ने शिक्षक दिवस पर रक्त दान करने की पहल की जिससे और भी कई शिक्षक संगठन रक्त दान हेतु प्रेरित हो सके।
रक्त दाता में प्रमुख रूप से बाबूलाल गांधरला,राजेन्द्र ठाकुर, पुरषोत्तम झाड़ी,गोपाल पांडे,मोहसिन खान,रमेश कारम,महेश शेट्टी, राजन्ना अनाकारी, प्रदीप साहनी, प्रेमलाल नक्का, कृष्ण मुर्ति ककेम, राजेश मिश्रा ने रक्त दान किया।
रक्त दान शिविर में प्रमुख रूप से सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन जिला बीजापुर व नरवेद सिंह जिला संगठन आयुक्त(भारत स्काउट/ गाइड), संतोषी कावरे, ओमप्रकाश झाड़ी, पवन जैन,प्रेम आइला,प्रेम सागर,रमेश कट्टम का सहयोग रहा।
बीजापुर, 5 सितंबर। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय निर्देशानुसार बीजापुर जिला ईकाई द्वारा सोमवार को शिक्षक दिवस पर वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
नव निर्वाचित जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा ने बताया कि भूपेश बघेल सरकार ने चुनाव के समय जनघोषणा पत्र में वादा किया था कि यदि हमारी सरकार सत्ता में आती है तो प्रदेश के एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को शीघ्र ही दूर करेंगे, लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बावजूद भी सरकार वेतन विसंगति दूर नहीं कर पाई।
सरकार ने वेतन विसंगति दूर करने हेतु एक कमेटी गठित किया था।जिसका कार्यकाल एक वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। साथ ही वेतन विसंगति को दूर करने के मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले पूर्व में राजधानी रायपुर में 18 दिन का ऐतिहासिक हड़ताल हुआ था।इस समय भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वेतन विसंगति को दूर करने का आश्वासन दिया था।इस ओर ध्यान आकृष्ट करने आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा गया।
आज 5 सितम्बर को सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन ने संगठन का विस्तार करते हुए कुछ पदों पर नए लोगो को शामिल किया गया।जिसमे जिला सचिव सुशील हेमला,जिला संगठन मंत्री राजन्ना अनकारी,जिला कोषाध्यक्ष मोहसिन खान व कार्यकारिणी सदस्य में कमलेश जुर्री,अरकेश परतागीरी,रमेश कारम,आर.पवन को शामिल कर संगठन का विस्तार किया गया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राजेश मिश्रा, पुरषोत्तम झाड़ी,गोपाल पाण्डे, राजन्ना अनाकारी,महेश शेट्टी, कमल नारायण कुंजाम,शांति लाल वर्मा,शेखर अप्पाजी राव,महेश यालम व अन्य शिक्षक साथी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 सितंबर। जिले के भोपालपटनम ब्लॉक 13 गांवों में स्टाप डैम मरम्मतीकरण के नाम पर हुए घोटाले का आरोप लगाने के बाद राज्य युवा आयोग के सदस्य ने अब जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईई पर एफआईआर की मांग कर बीजापुर थाना प्रभारी के नाम आवेदन दिया है।
प्रेस को जारी किये आवेदन में राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने कहा है कि डैम मरम्मत कार्य के लिए नरेगा मद से 4 लाख 50 हजार व डीएमएफ मद से 4 लाख 50 हजार कुल 9 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर जल संसाधन विभाग बीजापुर को कुल 13 निर्माण कार्यो की स्वीकृति 1 करोड़ 17 लाख जारी कर कार्य एजेंसी बनाया गया। उक्त कार्य में बरसात की वजह से जुन से आज तक यह कार्य करना संभव नहीं हैं। बावजूद जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री ने बिना माप पुस्तिका में दर्ज किये बिना जालसाजी कर सरकारी राशि का षड्यंत्र पूर्वक गबन 1861430 रुपये का आहरण कोर्राम गणपत के खाते में स्थानान्तरण किया गया।
कोर्राम गणपत के जीएसटी पर बिल लगाकर सरकारी राशि का बिना काम के स्थानान्तरण कर राशि का गबन किया गया।
युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह का कहना है कि कोर्राम गणपत के जीएसटी की जांच की जानी आवश्यक है, चूंकि गणपत का किसी भी तरह का कारोबार नहीं हैं, और न ही क्रय विक्रय का बिल हैं। अजय सिंह का कहना का कहना है कि कार्यपालन यंत्री जालसाजी कर फर्जी जीएसटी लगाकर फर्जी बिल पर सरकारी राशि का आचरण बिना काम के करना अपराध के श्रेणी में आता है। अजय सिंह ने आगे कहा है कि जल संसाधन के तत्कालीन एसडीओ एमएल टंडन के विरुद्ध पूर्व में भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भोपालपटनम ने अपनी जांच रिपोर्ट के 2967000.00 रुपये के गबन पर एफआईआर दर्ज कर राशि वसूली की कार्रवाई का जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किया है। श्री सिंह ने कहा कि बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जो दुर्भाग्यपूर्ण है। थाना प्रभारी को दिए आवेदन में उन्होंने मांग की है कि जल संसाधन विभाग के ईई के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर शासकीय राशि वसूली करने की मांग की है।
पूर्व मंत्री ने विधायक व प्रशासन पर साधा निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 सितंबर। युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह द्वारा स्टाप डैम मरम्मत के नाम पर किये गये घोटाले के आरोप के बाद बीजापुर की राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा भी मुखर हो गई है। वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय विधायक व प्रशासन पर निशाना साधते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
यहां प्रेस क्लब भवन में आयोजित पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया गया कि बीजापुर जिले में पंचायत व अन्य कार्यों की राशि विधायक व कांग्रेस नेताओं के फंड में जा रही हैं। शिकायत के बावजूद प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। गागड़ा ने विधायक व प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये हैं। उनका कहना था कि जो आरोप पहले विभिन्न माध्यमों से भाजपा लगा रही थी। अब वही आरोप उनके ही युवा आयोग के सदस्य ने अपने विधायक पर लगाया हैं।
उन्होंने कहा कि विधायक निधि के कार्यों में भी विधायक निधि मद के पैसे का दोहन हो रहा है। प्रशासन से कई बार भ्रष्टाचार को लेकर मौखिक शिकायतें की गई है, लेकिन अब तक न कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई। जिले में सारे नियमों को दरकिनार कर बिना निविदा के कार्य कराया जा रहा है।
गागड़ा ने आरोप लगाया है कि जल संसाधन विभाग एक माह में बरसात में तालाब का काम पूरा कराती हैं। उन्होंने कहा कि शिकायतों के बाद भी कार्रवाई न होना यहां न्याय की उम्मीद करना बेईमानी हैं।
उन्होंने पंचायत और डीएमएफ मद की राशि का दुरुपयोग को लेकर डीओपीटी, पीएमओ व केंद्रीय पंचायत मंत्री से शिकायत कर न्यायालय जाने की बात कही हैं। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने कहा कि डीएमएफ व मनरेगा के पचास पचास फीसदी हिस्सेदारी से जिले के भोपालपटनम ब्लाक के 13 ग्रामों में स्टाप डैम मरम्मतीकरण के नाम पर जल संसाधन विभाग ने बगैर काम के 18 लाख 61 हजार 430 रुपये का आहरण कर लिया ।
उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए भाजपा की ओर से आठ सदस्यायी जांच दल का गठन किया गया हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर पार्टी न्यायालय के शरण मे जाकर कार्रवाई की मांग करेगी। पत्रवार्ता के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता जी वेंकट, जिला महांमत्री सत्येंद्र सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे।
ये है जांच के सदस्य
भोपालपटनम ब्लाक 13 ग्रामों में जल संसाधन विभाग द्वारा स्टाप डैम मरम्मत के नाम किये गए भ्रष्टाचार की हकीकत जानने भाजपा ने आठ सदस्यायी जांच दल का गठन किया है। जिसमें सत्येंद्र सिंह ठाकुर, लवकुमार रायडू, फूलचन्द गागड़ा, जया देवी चिडेम, यालम वेंकट, राकेश केतारप, रिंकी परस्ते व रंजना उद्दे शामिल हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 सितंबर। डीए व एचआरए की मांग को लेकर कर्मचारी अधिकरी फेडरेशन की 22 अगस्त से चली रही अनिश्चितकालीन हड़ताल कैबिनेट मंत्री के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया है।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन बीजापुर जिला इकाई ने बयान जारी कर बताया है कि उनका आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रवक्ता रविन्द्र चौबे के आश्वासन के बाद फिलहाल इसे स्थगित किया गया हैं। मंत्री ने फेडरेशन को आश्वस्त किया है कि उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही हैं। मंत्री ने पत्रकारवार्ता में कहा कि है अधिकांश मांगों पर सहमति बन चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि राज्योत्सव या दीपावली पर 6 प्रतिशत डीए के साथ डीए की एटियर्स राशि जीपीएफ में जमा की जाएगी तथा एचआरए के लिए कमेटी के गठन करने के आधार पर हड़ताल स्थगित की गई है।
फेडरेशन ने जारी बयान में बताया कि समय समय पर फेडरेशन के प्रांतीय पदाधिकारी सरकार से वार्ता करते रहेंगे। वादा पूरा नहीं होने की स्थिति में कभी भी हड़ताल किया जा सकता है।
फेडरेशन पदाधिकारी केडी राय, जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाकिर खान, महेश शेट्टी, लोकेश रेड्डी, गनपत गुरला, श्रीनिवास मरकेला, वीरा राजा बाबू, मनोज कडमूल, यामिनी बंजारे, रेशमा गोड्डे, संगीता उप्पल, रागिनी देवांगन, ए सुधारक, राजेन्द्र, बालेन्द्र, अरविंद कोर्राम, केआर कश्यप, शंकर लाल कतलाम, बेमर सिंह नाग, रविन्द्र झाड़ी, अनिल झाड़ी, रमेश मढ़ी, राजेन्द्र बुरका, कमल सिंह कोर्राम, मोहन सिंह, वेंकट राजू, व सचिव कैलाश रामटेके ने आंदोलन में समर्थन के लिए राजनीतिक दलों व मीडिया का आभार व्यक्त किया हैं। कैलाश रामटेके ने बताया कि आगामी 6 सितंबर को होने वाली केबिनेट की बैठक पर फेडरेशन की नजर होगी।
बीजापुर ब्लाक का हुआ पुर्नगठन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 1 सितंबर। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ बीजापुर का पुर्नगठन किया गया, जिसमें बृजलाल पुजारी को बीजापुर ब्लाक का नया अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
यहां विगत 11 दिनों से डीए व गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर बेमियादी आंदोलन पर बैठे कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सैकड़ों कर्मचारियों की मौजूदगी व तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष व फेडरेशन अध्यक्ष मोहम्मद जाकिर खान के मार्गदर्शन एवं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष बीराराजा बाबू की उपथिति में बीजापुर ब्लाक इकाई का पुर्नगठन करते हुए तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ बीजापुर ब्लाक अध्यक्ष के पद पर बृजलाल पुजारी को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया हैं। साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर संघ से भोलाराव भट्ट उपाध्यक्ष, पटवारी संघ से रविन्द्र पुजारी सचिव, वन कर्मचारी संघ सोनाधर मांझी कोषाध्यक्ष पद पर मनोनीत किये गये हैं।
वही संघ में महिला शक्ति को मजबूत करने के लिए जिला उपाध्यक्ष पद के लिए आईसीडीएस की पर्यवेक्षिका श्रीमती प्रियंका देहारी व ब्लाक उपाध्यक्ष पटवारी श्रीमती रेणुका नेताम को सर्व सम्मति से चुना गया हैं।
इस अवसर पर नवनियुक्त ब्लाक अध्यक्ष बृजलाल पुजारी ने संगठन के प्रति समर्पित भाव से काम करने की बात कही हैं। ज्ञात हो कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद बीराराजा बाबू ने गुरुवार को बीजापुर से ब्लाकों के गठन की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी हैं। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में भैरमगढ़ उसूर व भोपालपटनम ब्लाक का भी गठन कर दिया जाएगा। नवनियुक्त पदाधिकारियों को कर्मचारियों ने बधाई दी हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 27 अगस्त। जिले के सीमावर्ती भोपालपटनम वन परिक्षेत्र में अवैध सागौन तस्करी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात वन अमले ने तारलागुड़ा से सागौन से भरी एक पिकअप वाहन को पकड़ा है, पर वाहन चालक व उसमें सवार अन्य लोग वन अमले के हाथ नहीं लग सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर वनमंडल के सीमावर्ती भोपालपटनम वन परिक्षेत्र के तारलागुड़ा फारेस्ट नाका से शुक्रवार की रात गश्त के दौरान वन अमले ने अंतरराज्यीय तस्करी करते सागौन लकड़ी से भरी एक पिकअप वाहन को पकड़ा। हालांकि वाहन चालक व अन्य लोग भाग निकलने में कामयाब हो गये।
फारेस्ट सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए सागौन लकड़ी की अनुमानित कीमत 4 लाख रुपये आंकी गई है। पकड़े गए वाहन को भोपालपटनम डिपो लाया गया है।
बताया गया है कि भोपालपटनम से यह वाहन सागौन भरकर तेलंगाना की ओर जा रही थी। वाहन में नंबर अंकित नहीं है। उसमें महज एपी लिखा हुआ हैं।
हर बार सागौन की तस्करी के लिए चर्चा में रहने वाला भोपालपटनम वनपरिक्षेत्र तेलंगाना, आंध्र व महाराष्ट्र का सीमावर्ती क्षेत्र हैं। इस वजह से जंगलों को बेख़ौफ़ काटकर सागौन की अन्तरराज्यीय तस्करी की जा रही है। वर्षों से इस क्षेत्र में जंगलों की अवैध कटाई होती आ रही है। ज्ञात हो कि पखवाड़े भर पहले भोपालपटनम में सरकारी वाहन से सागौन चिरान परिवहन करते वेटनरी अधिकारी पकड़ा गया था। मामले के तूल पकडऩे के बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया हैं।
सीआरपीएफ जवानों के लिए बस से ले जा रहे थे
बीजापुर, 27 अगस्त। नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों के लिए राशन लेकर जा रही एक यात्री बस को रोककर उसमें से राशन लूट लिया। राजपेटा के करीब नक्सलियों ने यह वारदात को अंजाम दिया है।
बीजापुर से सिलगेर की ओर जा रही यात्री बस को शाम करीब 4 बजे के दरमियान 15 से 20 हथियार बंद नक्सलियों ने बासागुड़ा व सिलगेर के बीच राजपेटा गांव के पास रोक लिया। इसमें सीआरपीएफ जवानों के लिए रखे रसद को नक्सलियों लूट कर अपने साथ ले गए। सूत्रों के मुताबिक मुक्कुर कैम्प में पदस्थ जवानों के लिए यह राशन भेजा जा रहा था। घटना बासागुड़ा थाना क्षेत्र की बताई गई हैं।
इस संबंध में एसपी अंजेय वाष्णेय ने बताया कि शाम करीब 4 बजे यह घटना हुई है। नक्सलियों ने बस से क्या कुछ ले गया है। इसका पता लगाया जा रहा है।