बीजापुर
सरकार शांति पदयात्रा करने वाले आदिवासियों से डरती है, तय समय पर होगी पद यात्रा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 सितंबर। सिलगेर में चले गोलियों से निर्दोष आदिवासियों की मौत पर बने न्यायिक जांच आखिर कब अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। बस्तर में आदिवासियों पर हमले और हिंसा से जुड़े मामलों पर जांच के लिए कमेटियां तो बनती रही हैं, पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होती, जिनके रिपोर्ट आ भी जाते हैं तो सरकार के हाथ बंध जाते हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय आदिवासी महा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने बीजापुर प्रेस क्लब में एक अनौपचारिक चर्चा में कही।
मनीष कुंजाम ने बताया कि सिलगेर से सुकमा तक की पद यात्रा को लेकर अब तक प्रशासनिक अनुमति नहीं मिल सकी है, फिर भी सीपीआई प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 19 से 26 तक पदयात्रा करेगी।
मनीष कुंजाम ने कहा कि भूपेश सरकार शांति पूर्वक पद यात्रा से डरती है। पदयात्रा को लेकर हमने सुरक्षा की मांग की थी पर सरकार सुरक्षा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होने की बात कहती है। मनीष कुंजाम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पदयात्रियों से शासन-प्रशासन डर रही है।
सिलगेर और आसपास इलाके के युवाओं को पेसा की जानकारी भारत जन आंदोलन से जुड़े विजय भाई द्वारा दी जा रही है।
सीपीआई नेता ने कहा कि बस्तर में बीते 15 सालों के पुलिसिया राज आज भी कायम है। इस दौरान उनके साथ भारत जन आंदोलन के नेता विजय भाई, सीपीआई के जिला परिषद सचिव कमलेश झाड़ी सहित अन्य सीपीआई कार्यकर्ता मौजूद थे।