स्थायी स्तंभ
पीएचक्यू में अब कई आईपीएस
2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तब दो आईपीएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर हुए थे और दो को बिना कोई जिम्मेदारी दिए पुलिस मुख्यालय में बैठा दिया गया था। इनमें एक का वनवास तो कुछ महीने का था, लेकिन दूसरे को साल भर से ज्यादा समय लगा। रविवार की देर रात आईपीएस की जो लिस्ट जारी की गई है, उसमें बड़ी संख्या में आईपीएस की जिम्मेदारी तय नहीं है। उन्हें पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है। अब ये डीजीपी की जिम्मेदारी है कि वे किससे क्या काम लेंगे। यह भी हो सकता है कि कुछ अफसरों को बिना कोई जिम्मेदारी दिए खाली बैठा दिया जाए। यह तो ज्वाइन करने के कुछ दिन स्पष्ट होगा।
रजनेश सिंह का वनवास खत्म
आईपीएस रजनेश सिंह का आखिरकार वनवास खत्म हुआ। नान घोटाले में कार्रवाई की सजा उन्हें खुद पर एफआईआर और पांच साल तक वर्दी से दूर रहने के रूप में मिली थी। साय सरकार ने न सिर्फ उन्हें वापस ज्वाइन कराया है, बल्कि बिलासपुर जैसा बड़ा जिला भी दिया है। वैसे जिन्हें रजनेश की ईमानदारी पर संदेह हो तो बता दें कि राजधानी में एडिशनल एसपी रहते हुए अवैध लोहे के कारोबार पर उन्होंने कार्रवाई की थी, तब कुछ व्यापारियों ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी। रजनेश ने एंटी करप्शन ब्यूरो को सूचना देकर उन्हें गिरफ्तार कराया था। बाद में सजा भी हुई थी।
विफल योजनाओं का दोहराव
कई बार अफसरों को सरकार की मंशा को देखते ऐसी योजनाओं में हाथ डालना पड़ता है, जिसके बारे में उन्हें पहले से पता होता है कि यह सफल नहीं हो पाएगी। पिछली सरकार गोधन और गोबर को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने के लिए कई योजनाएं लेकर आई। गोबर को गोबरधन कहा गया। गोबर से खाद, पेंट, खाद, दीये, गो काष्ठ आदि बनाने की योजनाएं शुरू की गईं। एक योजना गोबर से बिजली पैदा करने की भी बनाई गई। 35 लाख की लागत से नगर निगम जगदलपुर ने छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल प्राधिकरण की तकनीकी सहायता से प्रदेश के पहले संयंत्र की स्थापना ठीक एक साल पहले फरवरी माह में की थी। उद्घाटन में नगर निगम ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बुलाया था। इस संयंत्र से प्रतिदिन 10 किलोवाट बिजली पैदा करने और आसपास के 50 घरों की जरूरत पूरी करने का निर्णय लिया गया था। मगर, इसके लिए हर दिन 500 किलो गोबर की जरूरत है। मगर, वह उपलब्ध ही नहीं हो रही है। आसपास के लोगों को बिजली तो नहीं मिल रही है, संयंत्र से उठने वाली दुर्गंध से वे जरूर परेशान हैं। आप याद कर सकते हैं कि भाजपा की सरकार ने एक बार योजना बनाई थी। बड़े पैमाने पर रतनजोत की खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया गया था। डीजल मिलेगा बाड़ी से नारा दिया गया था। वह योजना भी कारगर साबित नहीं हुई।
राहुल से कांग्रेस की उम्मीद
करीब-करीब यह तय हो गया है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी हसदेव अरण्य के कोयला खनन से प्रभावित क्षेत्र तक जाने का कोई कार्यक्रम नहीं बनाया गया है। वे सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले से जरूर गुजर रहे हैं और रात्रि विश्राम भी तारा या आसपास कर सकते हैं। इसी दौरान वे प्रभावित आदिवासी नेताओं से मुलाकात करेंगे। पिछली बार राहुल गांधी ने मदनपुर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि हसदेव का जंगल नहीं कटने देंगे। मगर, पांच साल की कांग्रेस सरकार के बावजूद परिस्थितियां ऐसी है कि आदिवासी अपनी जमीन बचाने के लिए अब तक आंदोलन कर रहे हैं। प्रभावित आदिवासियों की मांग थी कि फर्जी ग्राम सभाओं के आधार पर दी गई मंजूरी की जांच कराई जाए तथा पेड़ों की कटाई के लिए दी गई अंतिम स्वीकृति को रद्द किया जाए। ये दोनों काम कांग्रेस की सरकार के रहते नहीं हुए। परसा ईस्ट केते बासन एक्सटेंशन के लिए पेड़ों की कटाई का पहला चरण राज्य में सरकार बदलने के कुछ दिन बाद ही पूरा हो गया था। कांग्रेस इस उम्मीद में है कि राहुल के दौरे, उनके वक्तव्य और रुख से हसदेव में खनन का मुद्दा और तूल पकड़ेगा, जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
राज्यसभा में कौन?
भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिव प्रकाश रायपुर आए, तो देर रात सीएम, और अन्य नेताओं के साथ बैठ कर राज्यसभा चुनाव पर भी चर्चा की। राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय का कार्यकाल खत्म हो रहा है, और इसके लिए 15 फरवरी से नामांकन दाखिले के प्रक्रिया शुरू हो रही है।
विधानसभा सदस्यों की संख्या बल को देखते हुए यह सीट भाजपा की झोली में जाना तय है। कांग्रेस, चुनाव लड़ेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है। इससे परे भाजपा में सरोज को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि पार्टी उन्हें राज्यसभा में नहीं भेजती है, तो लोकसभा चुनाव मैदान में उतार सकती है। ऐसे में राज्यसभा में सरोज की जगह किसी और महिला नेत्री को भेजा जा सकता है। एक चर्चा यह है कि ओबीसी या एससी वर्ग की महिला को राज्यसभा में भेजा जा सकता है। देखना है आगे क्या होता है।
जेल के मुखिया
आईपीएस संजय पिल्ले की संविदा नियुक्ति खत्म कर डीजी (जेल) के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। आईपीएस के 88 बैच के अफसर संजय पिल्ले पहले डीजीपी बनने से वंचित रह गए थे। उनकी जगह एक साल जूनियर अशोक जुनेजा डीजीपी की कुर्सी पा गए। संजय पिल्ले रिटायर होने के बाद मात्र पांच महीने ही संविदा पर रहे हैं।
दरअसल, राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा रही कि प्रभावशाली कैदियों को जेल के भीतर वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं। इस पर सोशल मीडिया में काफी कुछ लिखा जा रहा था। चर्चा है कि संजय पिल्ले की संविदा अवधि खत्म करने के पीछे यही एक वजह है, जबकि वे पुलिस महकमे में सबसे अच्छी साख वाले माने जाते हैं। पिल्ले की जगह संविदा पर नियुक्त ओएसडी राजेश मिश्रा को डीजी (जेल) का प्रभार दिया गया है। मिश्रा जेल में क्या कुछ सुधार करते हैं यह
देखना है।
पीआरओ का रुतबा
पत्रकारिता की पढ़ाई करने वालों के लिये करियर के दो विकल्प होते हैं। पहला वह पत्रकार बन जैसे और दूसरा जनसंपर्क अधिकारी का काम करे। पत्रकारों को रूतबे वाला माना जाता है। कुछ पत्रकार ऐसा आभा मण्डल भी खींचकर रहते हैं। टीवी पर दिखने वाले पत्रकारों की टसन को पूछो ही मत।
लेकिन जो लोग जनसंपर्क अधिकारी बनते हैं, उन्होंने अत्यंत विनम्रता पूर्ण व्यवहार रखना पड़ता है। रूतबा तो होता ही नहीं, उल्टे अधिकारियों के आगे पीछे घूमते रहो, पर अधिकारी पीआरओ को तवज्जो नहीं देते। ऐसे में यह सरकारी गाड़ी अपने आप में कुछ कहती है जिसमें सरकारी नौकरी की सुरक्षा और सुविधा मिल रही है इसके साथ ही लाल रंग की पट्टी में बड़ा-बड़ा पीआरओ लिखा हुआ है, यानी रूतबा पत्रकारों जैसा। इस बच्चे को भी भ्रम हो रहा होगा कि मेरे पापा बड़े अधिक हैं।
गृह मंत्री का एकाएक सिलगेर दौरा
बस्तर में बीजापुर-सुकमा की सीमा पर नए-नए खोले गए सीआरपीएफ कैंप पर नक्सल हमला हुआ, जिसमें तीन जवान शहीद हुए और 15 घायल हो गए। नई सरकार बनने के बाद यह पहली बड़ी नक्सल वारदात थी। हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में एक बैठक लेकर बस्तर से नक्सलियों के सफाये के लिए 730 दिन का लक्ष्य दिया। ऑपरेशन हंटर चलाने का निर्णय लिया गया। इसी सिलसिले में सीआरपीएफ की 40 और कंपनियां यहां तैनात की जाएंगीं। इसके अलावा बीएसएफ और आईटीबीपी की बटालियन भी तैनात होंगीं। उन सभी क्षेत्रों को कव्हर किया जा रहा है, जिन्हें नक्सलियों का गढ़ समझा जाता है। सीआरपीएफ कैंप पर नक्सल हमला ऐसे वक्त में हुआ है, अब जब ऐसे अनेक नए कैंप खोलने की तैयारी हो रही है। अब जवानों को अधिक सावधान रहना तथा उनका मनोबल बढ़ाना होगा। ऐसी परिस्थिति में गृह मंत्री विजय शर्मा अचानक सिलगेर पहुंचे। उनका कार्यक्रम शायद सुरक्षा कारणों से पहले से घोषित नहीं किया गया था। फोर्स का हौसला तो उन्होंने बढ़ाया ही, बच्चों से भी बात की। ग्रामीणों के साथ मिट्टी के चबूतरे पर बैठकर स्टील के गिलास में दी गई चाय पी। यह आत्मीय तस्वीर इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पहले के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू शायद ही कभी किसी नक्सल हमले के बाद बस्तर में दिखे हों। हालांकि हमलों की भर्त्सना हर बार उन्होंने भी की है। इधर, शर्मा ने कहा है कि कैंप के जरिये बस्तर के विकास का रास्ता खुलेगा। इन कैंपों का ग्रामीण भी विरोध कर रहे हैं। कैंपों और सुरक्षा बलों के प्रति ग्रामीण जब तक भरोसा नहीं करेंगे, विकास कैसे होगा? मुमकिन है, इसका हल भी निकले।
डहरिया को हटाने की मांग
कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार रहते तक खामोश थे लेकिन अब मौका मिल रहा है उनको अपनी भड़ास निकालने का। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के सिलसिले में रखी गई बैठक में कांग्रेस पदाधिकारियों ने अचानक नारा लगाना शुरू कर दिया- डहरिया हटाओ, कांग्रेस बचाओ। इस समय वहां प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, महासचिव सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत सहित कई मौजूद थे।
डहरिया के खिलाफ नाराजगी और नारेबाजी का कारण यह बताया गया कि उन्होंने पांच साल तक नगर निगम को राशि देने में भेदभाव किया, जिससे शहर का विकास रुक गया। अंतत: इसका नुकसान कांग्रेस को हुआ और पराजय का सामना करना पड़ा।
सत्ता होती तो शायद पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री के खिलाफ कार्यकर्ता इस तरह विरोध नहीं कर पाते और करते भी तो उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई हो जाती। मगर, आगे राहुल की यात्रा अच्छे से निपटाना है, फिर लोकसभा चुनाव की तैयारी भी चल रही है। कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर जैसे-तैसे शांत किया गया।
गोबर खाद की पूछ ही घट गई..
समर्थन मूल्य पर सोसाइटियों में धान बेचने की मियाद आज पूरी हो रही है। किसानों को इस बार एक राहत रही। उन पर वर्मी कम्पोस्ट खरीदने का दबाव नहीं था। यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षा योजना का उत्पाद है। गौठानों में खरीदे जाने वाले गोबर से खाद बनाया जाता था और उसे किसानों में बेचा जाता था। ज्यादातर किसानों को इसकी गुणवत्ता को लेकर शिकायत रहती थी। मगर, धान बेचने और रासायनिक खाद खरीदने के दौरान उन्हें गौठानों में बना खाद थमा दिया जाता था। ऐसा करके प्रशासन कम्पोस्ट की बिक्री का आंकड़ा बढ़ा लेता था और योजना सफल दिखाई देती थी। पर सरकार बदलने के बाद यह मजबूरी नहीं रही।
शासन की ओर से अधिकारिक रूप से कोई आदेश जारी हुआ हो या नहीं, पर अधिकांश जगहों पर कम्पोस्ट खाद किसानों को जबरन थमाना बंद कर दिया गया है। पर, इस स्थिति का नुकसान भी हुआ है। ये खाद गौठानों में कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों ने बनाए हैं। खाद की बिक्री बंद होने के बाद उनकी आमदनी भी रुक गई है। भाजपा सरकार ने कहा कि कांग्रेस की प्रत्येक योजना बंद नहीं की जाएगी, बल्कि उसकी खामियों को दूर कर सही तरीके से लागू किया जाएगा। गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने की बात भी कही जा चुकी है। अब यह देखना है कि गोबर खाद निर्माण से जुड़ी महिला समूहों को मेहनत का भुगतान और आगे काम मिलेगा या नहीं?
छापों के बाद
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबियों के ठिकानों पर आईटी की जांच चल रही है। जांच पड़ताल में आयकर अफसरों को कई चौकाने वाली जानकारी मिल रही है। भगत के करीबी एसआई रूपेश नारंग के यहां पड़ताल में कुछ नहीं मिला, लेकिन बाद में आईटी अफसरों को सूचना मिली कि जिस सरकारी मकान में वो रहते हैं, उसके ऊपर माले के फ्लैट की चाबी भी नारंग के पास है।
बताते हैं कि यह फ्लैट एक महिला पुलिसकर्मी को आवंटित है, जो कि पीएचक्यू में पोस्टेड है। इसके बाद आईटी की टीम फ्लैट का ताला खुलवा कर अंदर प्रवेश किया, तो वहां जमीन के काफी डाक्यूमेंट मिल गए। रूपेश नारंग के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें रही हैं, लेकिन भगत के करीबी होने की वजह से उनका बाल बांका नहीं हुआ। वो अब बेनामी संपत्ति अर्जित करने के मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। आईटी से परे राज्य सरकार भी नारंग के खिलाफ एक्शन ले सकती है। फिलहाल आईटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। देखना है आगे क्या होता है।
जमीनों का फंदा
मैनपाट के जनपद उपाध्यक्ष अटल यादव के यहां पिछले दो दिनों से आईटी की टीम जांच कर रही है। अटल भी भगत के बेहद करीबी माने जाते हैं। मैनपाट के नर्मदापुर इलाके में स्थित अटल यादव के मकान के आसपास ग्रामीणों की भीड़ देखी जा सकती है।
मैनपाट इलाके में सरकारी जमीनों के बंदरबांट बड़े पैमाने पर हुई थी। बताते हैं कि होटल-रेस्टोरेंट आदि के लिए प्रभावशाली लोगों ने सरकारी संरक्षण में अपने करीबियों के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन आबंटित करवा ली थी। बाद में इसका भंडाफोड़ होने के बाद अमरजीत भगत के करीबियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हुआ था। और अब जब अटल के यहां जांच पड़ताल हो रही है, तो जमीन के मामले भी खुल रहे हैं।
निगम-मण्डल चुनाव बाद?
सरकार के निगम-मंडलों में नियुक्ति फिलहाल टाल दी गई है। ये नियुक्तियां अब लोकसभा चुनाव के बाद होंगी। बताते हैं कि आरएसएस, और भाजपा संगठन ने करीब 1 दर्जन निगम-मंडलों के लिए नाम तय कर लिए थे। सूची पार्टी हाईकमान को भेजी गई। हाईकमान ने नियुक्तियां आम चुनाव के बाद करने के लिए कह दिया है।
निगम-मंडल में पदाधिकारियों के साथ-साथ दर्जनभर संसदीय सचिव नियुक्त करने का भी फैसला लिया गया था। चूंकि कई मंत्री नए हैं, और सदन में सहयोग के लिए सीनियर विधायकों को संसदीय सचिव बनाने पर सहमत बन गई थी। मगर यह भी अब रोक दिया गया है। चुनाव के बाद ही अब सारी नियुक्तियां होंगी।
राजीव के नाम की योजना बंद
कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई राजीव युवा मितान क्लब योजना बंद कर दी गई है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 18 सितंबर 2021 को इस योजना को शुरू किया था। युवा शक्ति को संगठित करने और उनको रचनात्मक कार्यों से जोडऩे का उद्देश्य इसका बताया गया था। प्रदेश के 13 हजार 269 ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों में से अधिकांश में इसका गठन हुआ। प्रत्येक क्लब को तीन माह में 25-25 हजार रुपए यानी साल में एक लाख रुपए आवंटित किए जा रहे थे। इसके लिए करीब 133 करोड़ रुपए का बजट भी तय किया गया था। राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार ने भी बीते जनवरी माह से राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना बंद कर दी है। यह योजना छत्तीसगढ़ से कुछ अलग थी। इसमें युवाओं को 2 साल तक रोजगार प्रशिक्षण और 10 हजार रुपए मदद दी जाती थी।
दोनों ही राज्यों में भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए आरोप लगाया था कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उपकृत करने के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दोनों योजनाओं में समानता यह थी कि इन्हें स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर शुरू किया गया था।
डेटिंग, रिलेशनशिप पर पढ़ाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की किताब का एक पन्ना वायरल हुआ है जिसमें अध्याय है- डेटिंग और रिलेशनशिप। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में इसकी सराहना की और इसे बोर्ड का प्रगतिशील दृष्टिकोण बताया। कुछ लोगों ने स्माइली के साथ टिप्पणी की कि, अगला अध्याय होगा- ब्रेकअप से कैसे निपटें।
इन दिनों सीबीएसई पाठ्यक्रम में कई बदलाव हुए हैं। इसलिए लोगों को लगा होगा कि यह भी एक क्रांतिकारी बदलाव है। आखिर बहुत दिनों से इस पर बहस हो ही रही है कि किशोर उम्र के छात्र-छात्राओं को इस संवेदनशील विषय पर कुछ पढ़ाया जाए या नहीं।
मगर सीबीएसई ने साफ किया है कि यह फेक पोस्ट है। बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में ऐसा कोई अध्याय शामिल नहीं किया है। किसी दूसरी किताब से काट छांट कर कॉपी पेस्ट किया गया है।
बहरहाल सीबीएसई की सफाई से कुछ लोगों ने राहत महसूस की है तो कुछ लोग मायूस भी हो गए हैं। दोनों तरह के लोग सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
3 फरवरी : प्रयाग कुंभ में भगदड़ मचने से 500 लोगों की गई जान
नयी दिल्ली, 3 फरवरी (भाषा)। तीन फरवरी का दिन कुछ दुखद घटनाओं का साक्षी रहा है। तीन फरवरी 1954 को इलाहाबाद में प्रयाग कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से 500 लोगों की मृत्यु हो गई थी। करोड़ों लोगों को संगम तक खींच लाने वाले आस्था के इस पवित्र पर्व पर हुई यह अनहोनी हजारों आंखों में सदा के लिए आंसू छोड़ गई।
इस घटना के बाद कुंभ मेले के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं और मेला प्रारूप में व्यापक बदलाव किए गए। इसी तरह वर्ष 2006 में वह तीन फरवरी का ही दिन था जब मिस्र में एक यात्री नौका के लाल सागर में डूब जाने के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई।
देश-दुनिया के इतिहास में तीन फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
1925 : बम्बई और कुर्ला के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चली। 1954 : इलाहाबाद में जारी प्रयाग कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से 500 लोगों की मौत।
1959 : अमेरिका में विमान दुर्घटना में रॉक ‘एन’ रोल के तीन सदस्यों की मौत हो गई। इनमें 22 वर्ष का मशहूर गायक बडी हॉली भी शामिल था।
1969 : कांजीवरम नटराजन अन्नादुरै तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता सीएन अन्नादुरई का निधन।
1971 : चंद्रमा पर तीसरे सफल मानवयुक्त अभियान के दौरान अमेरिका का अंतरिक्ष यान अपोलो 14 चंद्रमा की सतह पर उतरा।
1986 : पोप ने कलकत्ता में मदर टेरेसा से मुलाकात की और दीन दुखियों की सेवा के लिए उनके द्वारा बनाए गए आश्रम ‘निर्मल हृदय’ का दौरा किया।
1988 : परमाणु शक्ति से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस चक्र को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
2006 : मिस्र की एक यात्री नौका खराब मौसम के कारण लाल सागर में डूब गई। इस दुर्घटना में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
2018 : भारत ने न्यूजीलैंड में आयोजित अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप में रिकार्ड चौथी बार खिताबी विजय दर्ज की।
गारंटी का पिटारा कब खुलेगा?
किसानों को धान का 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने के फैसले के बाद अब महतारी वंदन योजना भी लागू करने का केबिनेट ने निर्णय ले लिया है। ये दोनों मोदी की गारंटी वाले बड़े चुनावी वादे थे। पर, अभी तक इसका जमीन पर क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। एकमुश्त भुगतान के पात्र किसानों की सूची तो वैसे भी धान की बिक्री के आधार पर निकाली जा सकती है लेकिन महतारी वंदन योजना में काफी बातें स्पष्ट होना बाकी है। हाल के दिनों में देखा गया कि इस असमंजस की स्थिति का फायदा उठाने के लिए कुछ लोगों ने रुपये ऐंठने का काम भी शुरू कर दिया। चुनाव अभियान के दौरान तो कांग्रेस ने शिकायत की थी कि महतारी वंदन योजना के फॉर्म भराकर लोगों को बरगलाया गया। पहली किश्त भी महिलाओं को दे दी गई, जिसकी चुनाव आयोग से शिकायत हुई। पर अब वह फॉर्म किसी काम का नहीं है। अब तक सरकार की ओर से कोई एजेंसी या विभाग तय नहीं किया गया है जो महतारी वंदन योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया और पात्रता के मापदंड की अधिकारिक जानकारी दे। मोटे तौर पर यह जानकारी जरूर आई है कि 21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इस दायरे में लेने में पात्र हितग्राहियों की संख्या 20-25 लाख या उससे भी अधिक हो सकती है। सही लोगों की सूची बनाना एक बड़ा अभियान होगा। दूसरी तरफ मार्च महीने के पहले सप्ताह में आचार संहिता लागू होने की संभावना है। मंत्रिपरिषद् में निर्णय ले लिये जाने के बावजूद यह अनिश्चितता बनी हुई है कि लोकसभा चुनाव के पहले महिलाओं के खाते में राशि का पहुंचना शुरू हो पाएगा भी या नहीं।
असली ही नहीं नकली नोट भी...
नवंबर 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था तो इसके कई फायदों में एक नकली नोटों पर लगाम लगने की बात भी थी। पर नकली का कारोबार बंद नहीं हुआ। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से 2021 के बीच पांच सालों में हर साल औसत 39 करोड़ रुपये के नकली नोट बरामद हुए। बरामद नकली नोट के मुकाबले कई गुना अधिक नोट बाजार में चलन में होंगे। छत्तीसगढ़ में छोटे पैमाने पर नकली नोट छापकर खपाने के मामले बहुत आते हैं। पर सरायपाली में जिस तरह 3 करोड़ 80 लाख रुपये के नकली नोट पिकअप वैन से जब्त किया गया है, उससे साफ हो गया है कि इसके पीछे बड़े अंतर्राष्ट्रीय-राज्यीय गिरोह संगठित रूप से काम कर रहे हैं। इन दिनों ईडी-आईटी की छापेमारी में जिस पैमाने पर असली नोटों का पता चल रहा है, जांच एजेंसियां नकली नोटों के बारे में भूल ही गई थी। अच्छा हुआ कि एक बड़ा मामला पुलिस के हाथ लगा।
जंगल का राजकुमार
शिकार करने में शेरों के मुकाबले कमतर नहीं होने के बावजूद तेंदुए को जंगल के राजा का दर्जा नहीं मिला है। पर इन्हें कम से कम जंगल का राजकुमार तो कहा जाना चाहिए। गरियाबंद जिले के बार नवापारा अभयारण्य की बात करें, तो यहां शेर नहीं पाये जाते। तेंदुए जरूर हैं। शेर के नहीं होने के कारण इस जंगल में उसी का राज चलता है। बार नवापारा घूमने जा रहे सैनालियों को इन दिनों ये तेंदुए अक्सर दिख रहे हैं। यह एक भारी-भरकम चट्टान पर बैठे ऐसे ही तेंदुए की पोज के साथ खिंचाई गई एक फोटो है।
- 2 फरवरी: कलकत्ता में भारतीय संग्रहालय की स्थापना
- नयी दिल्ली, 2 फरवरी। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता (अब कोलकाता) में हावड़ा जंक्शन से चार किलोमीटर के फासले पर एक भव्य सफेद इमारत है, जिसके जालीदार छज्जे और हरे भरे प्रांगण में चार तरफ जाने वाले रास्तों के बीचोंबीच लगा सुंदर गोल फव्वारा इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है।
- यह भारतीय संग्रहालय दुनिया के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है। इसकी स्थापना दो फरवरी 1814 को की गई थी और यहां दुनियाभर की कई दुर्लभ कलाकृतियों और सहेजकर रखने लायक बहुत सी वस्तुओं का विशाल संग्रह है। संग्रहालय इतना बड़ा है कि इसमें दिलचस्पी रखने वालों को इसे पूरा देखने में कई दिन का समय लग सकता है।
- देश-दुनिया के इतिहास में दो फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार विवरण इस प्रकार है:-
- 1915 : अपने बेबाक लेखन के लिए विख्यात देश के जाने-माने लेखक, कवि और स्तंभकार खुशवंत सिंह का जन्म।
- 1953 : अखिल भारतीय खादी एवं कुटीर उद्योग बोर्ड का गठन।
- 1955 : भारत और सोवियत संघ ने नयी दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर कर भारत में 10 लाख टन उत्पादन की क्षमता वाला इस्पात संयंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई।
- 1971 : ईदी अमीन ने खुद को युगांडा का राष्ट्रपति घोषित किया।
- 1990 : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति एफ डब्ल्यू डी क्लर्क ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पर पिछले 30 साल से लगा प्रतिबंध हटा लिया, जिसके बाद नेल्सन मंडेला को जेल से रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ और रंगभेद का खात्मा हुआ।
- 1994 : मैडागास्कर में तूफान ‘गेराल्ड’ ने तबाही मचाई। लाखों लोग बेघर हुए और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा।
- 2007: विश्व के प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग शुरू हो चुकी है, जिसे सदियों तक रोका नहीं जा सकेगा।
- 2008 : फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने पूर्व मॉडल कार्ला ब्रूनी से विवाह किया।
- 2009 : हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिका के विदेश मंत्री के तौर पर शपथ ली। (भाषा)
छापों के इर्द-गिर्द
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, और उनके करीबियों के यहां आयकर छापे के बाद कई किस्से छनकर बाहर निकल रहे हैं। इनमें से हरपाल उर्फ राजू अरोरा, और एसआई रूपेश नारंग की खूब चर्चा हो रही है।
आईटी की टीम ने बुधवार को राजू अरोरा के रायपुर के लॉ-विस्टा कॉलोनी स्थित घर पर दबिश दी, तो वह अंबिकापुर में था। अंबिकापुर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने गया था। राजू को आईटी की टीम तडक़े होटल से साथ लेकर रायपुर आई, और यहां फिर लंबी पूछताछ हुई।
अमरजीत भगत के करीबी एसआई रूपेश नारंग भी अंबिकापुर में अपने सरकारी निवास पर नहीं था। आईटी की टीम घर पहुंची, तो पत्नी ने जांच का विरोध किया, और फिर आईटी अफसरों ने रूपेश से पत्नी की बात कराई। इसके बाद जांच पड़ताल शुरू हुई।
रूपेश नारंग, पूर्व मंत्री का काफी करीबी माना जाता है। वो एसआई होने के बाद भी अंबिकापुर कोतवाली का दो साल तक प्रभारी टीआई बने रहा। और जब टीएस सिंहदेव डिप्टी सीएम बने, तो उन्होंने गंभीर शिकायत के बाद रूपेश को हटवाया। इसके बाद अमरजीत भगत उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र सीतापुर ले गए, लेकिन वहां भी उनका काफी विरोध हुआ। फिर अमरजीत ने उन्हें दरिमा थाने का प्रभारी बनवा दिया।
सरकार बदली, तो सीतापुर के नए विधायक रामकुमार टोप्पो की शिकायत पर उन्हें हटाकर पुलिस लाइन में अटैच किया गया। नारंग की प्रापर्टी की जांच-पड़ताल चल रही है।
बड़े-बड़े सौदों वाले लोग
अमरजीत भगत के करीबी हरपाल उर्फ राजू अरोरा जमीन के कारोबार से जुड़ा रहा है। राजू अरोरा, उस वक्त चर्चा में आया जब रायपुर के धरमपुरा स्थित सहारा सिटी की करीब 2 सौ एकड़ जमीन नीलामी में खरीदी थी। इस जमीन पर कई बड़े बिल्डर और नामी गिरामी हस्तियों की नजर थी।
रायपुर में एक के बाद एक बड़े सौदे में राजू अरोरा का नाम चर्चा में रहा है। आयकर टीम को जमीन से जुड़े कई बड़े सौदों के कागजात मिले हैं। एक होटल भी राजू अरोरा ने कुछ समय पहले खरीदे थे। इसके अलावा रायपुर में साथियों के साथ कुछ बड़े निवेश किए हैं। चर्चा है कि आयकर के साथ-साथ ईडी भी इन सौदों की पड़ताल कर रही है। देखना है आगे जांच में क्या कुछ निकलता है।
रेलवे की मेहरबानी के पीछे
रायपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को छोडऩे के लिए पहुंचने वाले परिजनों को एक बड़ी राहत मिल गई है। अब कार के सात मिनट और बाइक के पांच मिनट तक रुकने पर कोई पार्किंग शुल्क नहीं लगेगा। एयरपोर्ट में ऐसी व्यवस्था पहले से है। दूसरी और रेलवे ने सबसे व्यस्त गेट के सामने प्रीमियम पार्किंग शुरू कर दी। यात्री को छोडऩे के लिए कोई गाड़ी खड़ी हुई नहीं कि उसे पार्किंग की पर्ची थमा दी जाती थी। इसके कारण गाडियां गेट से दूर कहीं पर भी खड़ी कर दी जाती थी। इससे जाम लग जाता था। बिलासपुर और रायपुर बड़े स्टेशन हैं, जहां ऐसी व्यवस्था लागू कर लोगों को ज्यादा परेशान किया जा रहा था। इस बात की ओर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ध्यान गया। रेलवे के अफसरों की पेशी हुई। उनको जवाब देते नहीं बना। पहले बिलासपुर में, फिर अब रायपुर में गेट पर से ठेकेदार का कब्जा हटा दिया गया है। दरअसल रेलवे बोर्ड ने अपनी कई चि_ियों में जोन और मंडल के अधिकारियों को लिखा कि वे टिकटों के अलावा भी आमदनी बढ़ाने का स्रोत ढूंढें। उनमें से ही यह ज्यादति से भरा एक अव्यावहारिक प्रयोग था।
छापेमारी की टाइमिंग
पिछले साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन दुकानदारों को आवंटित हितग्राहियों को वितरित नहीं करने का मामला विधानसभा में भाजपा ने जोर-शोर से उठाया था। डॉ रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पर कई सवाल दागे थे। जवाब में भगत ने स्वीकार किया कि दुकानों को आवंटित राशन का मिलान नहीं हो पाया है। अतिरिक्त आवंटित चावल का हिसाब लगाकर वसूली की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोप के मुताबिक यह करीब 600 करोड़ रुपए की अफरा-तफरी है।
आवंटित और वितरित राशन का विवरण एक सेंट्रलाइज्ड सर्वर में भी दर्ज किया जाना था। मगर यह भी नहीं हुआ। चुनावी साल में दिए गए अतिरिक्त चावल में से कुछ मात्रा की वसूली ही हो पाई थी कि चुनाव आचार संहिता लग गई और अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन चुकी है।
पूर्व खाद्य मंत्री भगत ने इनकम टैक्स की छापामारी को राहुल गांधी की न्याय यात्रा को विफल करने का षड्यंत्र बताया है। इधर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का कहना है कि यह कार्रवाई गरीबों के राशन को हड़पने की आह है। किसकी बात ठीक लग रही है आपको?
राम नाम का भंडारा
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने यूपी की नोएडा 16 के मेट्रो स्टेशन के बाहर स्थित एक होटल के मलिक को इस कदर अभिभूत किया है कि उसने राम, लक्ष्मण और सीता नाम वालों को फ्री खाना खिलाने की घोषणा कर दी है। और यह कोई एक बार नहीं बल्कि जब आएंगे तब फ्री मिलेगा, हमेशा। लोक नाहक ही कहते हैं कि नाम में क्या रखा है।
- 1 फरवरी: अंतरिक्ष शटल कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त, कल्पना चावला का निधन
- नयी दिल्ली, 1 फरवरी। एक फरवरी का दिन दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के दिल में एक टीस बनकर बसा है। वर्ष 2003 में इसी तारीख को अमेरिका का अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद लौटने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई। भारतीय मूल की कल्पना चावला भी इस हादसे में मारी गईं।
- कोलंबिया में मिशन विशेषज्ञ के तौर पर गईं कल्पना भारत में हरियाणा के करनाल में एक जुलाई 1961 को पैदा हुईं और वह पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली पहली महिला थीं।
- देश-दुनिया के इतिहास में एक फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
- 1785 : वॉरेन हेस्टिंग्स ने काउंसिल की बैठक में अंतिम बार हिस्सा लिया और फिर बंगाल के गवर्नर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया।
- 1797 : लार्ड कॉर्नवालिस ने बंगाल के गवर्नर जनरल के तौर पर शपथ ली।
- 1831 : कलकत्ता में पहली ललित कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
- 1855 : ईस्ट इंडिया रेलवे का औपचारिक उद्घाटन।
- 1881 : दिल्ली में सेंट स्टीफन कॉलेज की स्थापना।
- 1922 : महात्मा गांधी ने भारत के तत्कालीन वायसराय को पत्र लिखकर बताया कि वह अपने आंदोलन को गति दे रहे हैं और असहयोग आंदोलन अब सविनय अवज्ञा आंदोलन होगा।
- 1977 : भारत के पहले राष्ट्रीय रेल संग्रहालय की नयी दिल्ली में स्थापना।
- 1979 : ईरान के आध्यात्मिक नेता आयतुल्ला खामनेई 14 वर्षों के निर्वासन के बाद स्वदेश वापस लौटे।
- 2002 : अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की आतंकवादियों ने हत्या की।
- 2003 : अंतरिक्ष से वापस लौटते हुए अमेरिका का अंतरिक्ष यान कोलंबिया पृथ्वी के वातावरण में आते ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हादसे में भारत की कल्पना चावला सहित सातों अंतरिक्ष यात्री मारे गये।
- 2004 : सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 250 से ज्यादा लोगों की मौत और 244 घायल।
- 2006 : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिस्र और नाइजर से पोलियो के उन्मूलन की सूचना दी और केवल भारत, अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में इसकी मौजूदगी की बात कही। कुछ देशों में इसका संक्रमण दोबारा लौटने की भी जानकारी दी।
- 2009 : भारत के महेश भूपति और सानिया मिर्जा की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट में पहली बार मिश्रित युगल (मिक्स्ड डबल) का खिताब जीता।
- 2023 : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में योगदान के लिए ‘इंडिया-यूके अचीवर्स ऑनर्स’ ने लंदन में “लाइफटाइम अचीवमेंट ऑनर’ से सम्मानित किया। (भाषा)
छापे वाली कालोनियाँ
रायपुर शहर के बाहरी इलाके में स्थित स्वर्णभूमि और लॉ-विस्टा, धनाढ्यों की कॉलोनी है। ईडी हो या फिर आईटी, यहां लगातार दबिश दे रही है। पिछले 3-4 वर्षों में यहां ईडी-आईटी अफसरों का आना-जाना लगा रहा है। अब तक दोनों कॉलोनियों में करीब 50 से अधिक कारोबारियों-उद्योगपतियों के यहां जांच-पड़ताल हो चुकी है।
दोनों कॉलोनियों को मध्य भारत की बेहतरीन कॉलोनियों में गिना जाता है। यही वजह है कि कई प्रभावशाली नेता, अफसर, उद्योगपति, और कारोबारी यहां निवास करते हैं। हाल यह है कि जिनके यहां छापे डलते हैं, तो वो स्वाभाविक तौर पर परेशान होते हैं, लेकिन उनके अड़ोस-पड़ोस के लोग भी सशंकित रहते हैं।
भगत पर छापा
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के यहां आईटी की रेड से हडक़ंप मचा हुआ है। भगत काफी पहले से जांच एजेंसियों के निशाने पर थे। अब उनका कहना है कि वे विधानसभा चुनाव हारने के बाद वो सरगुजा सीट से लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे।
दो दिन पहले ही हमारे अख़बार में कस्टम मिलिंग घोटाले पर रिपोर्ट छपी थी, भगत उस दौर में भूपेश सरकार के खाद्य मंत्री थे। उस वक़्त के भ्रष्टाचार का लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन राजनीति में आड़ लेना तो आम बात है।
दिलचस्प बात यह है कि पार्टी के प्रमुख नेता लोकसभा चुनाव लडऩे के अनिच्छुक हैं। सिर्फ अमरजीत भगत, और डॉ. शिवकुमार डहरिया ही ऐसे हैं, जो कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा टिकट के लिए प्रयासरत हैं। अब अमरजीत के यहां तो आईटी ने दबिश दे दी है, और चर्चा है कि आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में उनकी टिकट का क्या होगा, यह देखना है।
विधायकों के खिलाफ मोर्चा
राजनांदगांव की खुज्जी सीट से कांग्रेस विधायक भोलाराम साहू के खिलाफ पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है, और अब जिले की एक और कांग्रेस विधायक डोंगरगढ़ की हर्षिता स्वामी बघेल के खिलाफ भी पार्टी के पदाधिकारी लामबंद हो गए हैं।
चर्चा है कि हर्षिता के व्यवहार को लेकर डोंगरगढ़ के कुछ पदाधिकारियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से शिकायत की है। भोलाराम साहू के खिलाफ भी शिकायत को लेकर पदाधिकारी, दीपक बैज से मिले थे। अब लोकसभा चुनाव निकट हैं। ऐसे में पार्टी नेताओं की आपसी खटपट से चुनाव में नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
नक्सलियों का गुप्त ठिकाना...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी महीने छत्तीसगढ़ में नक्सल के खात्मे के उपायों पर बैठक ली। केंद्र के बाद राज्य में भी भाजपा की सरकार बन जाने के बाद बस्तर में हिंसा खत्म करने के लिए प्रयासों में कुछ तेजी दिखने के आसार थे। इसी बीच प्रभावित क्षेत्रों में तीन और बटालियन तैनात करने का फैसला लिया गया। मगर, बीजापुर में सर्चिंग पर निकले जवानों पर नक्सलियों ने फिर हमला कर यह बताने की कोशिश की है कि उन्हें खदेडऩा आसान नहीं है। इधर एक तस्वीर अबूझमाड़ से आई है। यहां एक बड़ी सुरंग सुरक्षा बल के जवानों ने खोज निकाली है। ऐसी सुरंगें और भी हो सकती हैं। नक्सली इनका इस्तेमाल छिपने के लिए करते हैं। कई हिस्सों में बंटी सुरंग जिस तरह से व्यवस्थित है, उससे लगता है कि इसके निर्माण में किसी विशेषज्ञ की मदद जरूर ली गई होगी। गृह मंत्रालय की कई रिपोर्ट्स हैं जिनमें बताया गया है कि नेपाल, बांग्लादेश और कुछ दूसरे दक्षिण एशियाई देशों से नक्सलियों को हथियार, गोला बारूद और उपकरण मिलते हैं, और प्रशिक्षण भी। क्या इसका आइडिया भी उन्हें बाहर से मिला ? अब तक मैदान व जंगलों के बीच नक्सलियों की तलाश करने वाले सुरक्षा बलों को अब ऐसे बंकरों को भी ढूंढना होगा।
कांग्रेस में कितने नए चेहरे होंगे ?
विधानसभा के अनपेक्षित चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व प्रयास में था कि कुछ बड़े चेहरे मैदान में उतार दें, ताकि पार्टी की रीति नीतियों के अलावा उनके कद के चलते भी वोट मिले। जो लोग मंत्री रह चुके हैं, उनसे ये उम्मीद अधिक रखी जा रही है। लगता होगा कि उनके पास संसाधनों की कमी नहीं होगी। पर जैसी खबर आ रही है, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे ज्यादातर नेताओं ने लोकसभा लडऩे के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई है। हाल ही में पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने यह जरूर कहा है कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी, निभाएंगे। इसमें लोकसभा प्रत्याशी बनाया जाना भी शामिल है। वे दुर्ग से सांसद रह चुके हैं। इसी तरह से डॉ. शिव डहरिया अपनी पत्नी को जांजगीर-चांपा से उतारने के लिए खुद से ही प्रयास कर रहे हैं। कांकेर से मोहन मरकाम को भी सहमत बताया जा रहा है। दो सीटों बस्तर और कोरबा में कांग्रेस के मौजूदा सांसदों की टिकट बदले जाने की संभावना कम ही है। इसके बावजूद आधा दर्जन सीटें ऐसी हैं, जिनमें उपयुक्त प्रत्याशी को लेकर मंथन किया जाना है। बताया जा रहा है कि जो 160 आवेदन अब तक कांग्रेस को मिले हैं, उनमें पूर्व मंत्री या वरिष्ठ विधायक, पूर्व विधायकों के नाम नहीं है। आशय यही है कि वे चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं है। यह अलग बात है कि हाईकमान से निर्देश मिलने पर उन्हें अनिच्छा के बाद भी लडऩा पड़ेगा। पर इससे हटकर सोचा जाए तो, एक मौका कांग्रेस के पास है कि वह चूके हुए पुराने नेताओं की जगह नए चेहरों को आगे कर दे। भाजपा ने यह जोखिम पिछले लोकसभा चुनाव में ही नहीं, बीते विधानसभा चुनाव में और मंत्रिमंडल के गठन में भी उठाया है।
हेलमेट सिर्फ एक हाईवे पर जरूरी
इस बार सडक़ सुरक्षा सप्ताह नहीं, सडक़ सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। यानि सडक़ों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ज्यादा गंभीरता से काम होना है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें। इनमें एक बड़ा जरूरी नियम है कि दोपहिया चालक हेलमेट पहनकर चलें। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और उसके पहले भाजपा की सरकार रहते हुए कई बार हेलमेट की अनिवार्यता के लिए अभियान चलाए गए लेकिन कुछ हफ्तों, महीनों के बाद कार्रवाई हर बार ढीली पड़ गई। इस बार यातायात सुरक्षा माह का उद्घाटन करते हुए बीते 14 जनवरी को जशपुर के बगीचा से एक जागरूकता रथ को खुद मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाई थी। इसे अब 15 दिन हो चुके लेकिन सडक़ों पर नजर दौड़ाएं तो ज्यादातर बाइक सवार बिना हेलमेट ही नजर आ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस की चालान का खौफ तो है ही नहीं, अपनी जान की फिक्र भी नहीं। मुख्यमंत्री से रथ रवाना कराने के बाद अफसर भूल गए। ऐसे में कल दुर्ग में कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई बैठक में तय किया गया है कि हेलमेट को लेकर एक फरवरी से अभियान तेज किया जाएगा। खासकर रायपुर दुर्ग नेशनल हाईवे पर चेकिंग लगातार की जाएगी, कार्रवाई की जाएगी। मगर, यह पहल सिर्फ दुर्ग से क्यों हुई है? बाकी जिलों में सडक़ सुरक्षा के नाम पर गोष्ठियां, वाद-विवाद, पेंटिंग आदि की स्पर्धाएं ही हो रही हैं।
- 31 जनवरी : साल के पहले महीने की आखिरी तारीख अंतरिक्ष गतिविधियों के नाम
- नयी दिल्ली, 31 जनवरी। अंतरिक्ष की अथाह ऊंचाइयों ने हमेशा से इंसान को आकर्षित किया है और सोवियत संघ द्वारा इस दिशा में शुरूआत किए जाने के बाद अमेरिका इस होड़ में शामिल हुआ। इसके बाद दुनिया के कई बड़े देशों ने अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में काम किया। इस क्षेत्र में भारत ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है।
- अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में 31 जनवरी का विशेष महत्व है। दरअसल यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और इसी तारीख को नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा।
- इसके बाद 31 जनवरी को अमेरिका ने मानवयुक्त अपोलो यान को चंद्रमा की तरफ रवाना किया। अंतरिक्ष से जुड़ी यह घटनाएं अलग-अलग वर्षों में हुईं, लेकिन तारीख 31 जनवरी ही थी।
- देश-दुनिया के इतिहास में इस तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है :-
- 1561 : मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक और मुगल सल्तनत के वफादार सेनापति बैरम खां की हत्या
- 1893 : कोका कोला ट्रेडमार्क का अमेरिका में पहली बार पेटेंट कराया गया। इसे दुनिया के सबसे महंगे ट्रेडमार्क में गिना जाता है।
- 1958 : अमेरिका ने पहले अंतरिक्ष यान के तौर पर एक्सप्लोरर-1 को अंतरिक्ष में भेजा। इसके साथ ही अमेरिका अंतरिक्ष होड़ में शामिल हो गया।
- 1961: अमेरिका ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा।
- 1966 : सोवियत संघ ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान लूना 9 भेजा।
- 1971 : पूर्वी और पश्चिम जर्मनी के बीच 19 साल के बाद एक बार फिर टेलीफोन सेवा शुरू की गई।
- 1971 : अमेरिका ने मानवयुक्त अपोलो यान को चंद्रमा की ओर रवाना किया।
- 2001 : लीबिया के नागरिक अब्दुल बासित अली मोहम्मद अल मेगराही को 1988 की पैन एम उड़ान 103 में विस्फोट करने का दोषी ठहराया गया। दुर्घटना में 270 लोगों की मौत हुई थी।
- 2010 : हॉलीवुड की दुनियाभर में मशहूर फिल्म ‘अवतार’ ने दो अरब डॉलर की कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया। (भाषा)