स्थायी स्तंभ
- नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (वार्ता)। भारतीय एवं विश्व इतिहास में 21 अक्टूबर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार है-
- 1296 : अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी संभाली थी।
- 1555: इंग्लैंड के संसद ने फिलिप को स्पेन के राजा के रुप मे मानने से इनकार किया।
- 1577: गुरू रामदास ने अमृतसर नगर की स्थापना की।
- 1727: रूस और चीन ने सीमाओं को सही करने के लिए समझौते किये।
- 1805 : स्पेन के तट पर ट्राफलगर की लड़ाई हुई थी।
- 1830 : हिमालयी इलाकों की खोज करने वाले पहले भारतीय नैन सिंह रावत का जन्म हुआ था।
- 1871 : अमेरिा में पहला अव्यवसायी आउटडोर एथलेटिक खेल (न्यूयॉकर्) में शुरु हुआ था।
- 1889 : भारतीय पुरातत्व के विद्वान काशीनाथ नारायण दीक्षित का जन्म हुआ था।
- 1931 : हिंदी फिल्म अभिनेता शम्मी कपूर का जन्म हुआ था।
- 1934 : जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया था।
- 1934 : आजाद हिंद फौज की स्थापना सिंगापुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने की थी।
- 1949 : इजराइल के नौवें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म हुआ था।
- 1951 : भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई।
- 1954 : भारत और फ्रांस के बीच पौण्डीचेरी, करैकल और माहे को भारतीय गणतंत्र में शामिल करने के लिए एक समझौते हुआ था।
- 1970 : नारमन इ बारलॉग को नोबेल के शांति के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 1998 : भारतीय हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता अजीत का जन्म हुआ था।
- 1999 : सुकर्णो पूत्री मेघावती इंडोनेशिया की उप-राष्ट्रपति चुनी गयीं।
- 2005 : सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पाकिस्तान की मुख्तारन माई को ‘वूमेन ऑफ द इयर’ चुना गया।
- 2012 : सायना नेहवाल ने डेनमाकर् ओपन सुपर सीरीज खिताब जीता।
- 2012 : बॉलीवुड के रोमांस किंग कहे जाने वाले यश चोपड़ा का निधन हुआ।
- 2013: कनाडा की संसद ने मलाला युसुफजई को कनाडा की नागरिकता प्रदान की।
- 2014: प्रसिद्ध पैरालम्पिक धावक आस्कर पिस्टोरियोस को अपनी प्रेमिका रीवा स्टीनकेंप की हत्या के लिये पांच साल की कैद की सजा।
दो नंबर की दारू, मालिक का क्या?
हरियाणा पुलिस ने दिल्ली जाकर वहां एक शराब कारखाना के मालिक को गिरफ्तार किया है कि उसके कारखाने में बनी शराब हरियाणा में स्मगलिंग से पहुंच रही थी। इस डिस्टिलरी में बनी शराब हरियाणा में पकड़ाई थी, और वहां पुलिस की जांच में इसका मालिक अशोक जैन पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। अब एक अदालत के आदेश से पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई।
इधर छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरे प्रदेशों के लिए बनी हुई शराब स्मगलिंग से आकर गांव-गांव में बिक रही है। मध्यप्रदेश में बनी गोवा का बड़ा स्टॉक अभी यहां जब्त हुआ, तो आबकारी विभाग के जानकार लोगों ने बताया छत्तीसगढ़ में केडिया डिस्टिलरी यह ब्रांड बनाती है, और केडिया का ही दूसरा बेटा मध्यप्रदेश में यह ब्रांड बनाता है। नियमों के हिसाब से कोई ब्रांड एक ही प्रदेश में बनाया जा सकता है, और उस नाम से दूसरे प्रदेश में दारू नहीं बनाई जा सकती।
लेकिन इस नियम से परे बड़ी बात यह है कि दो नंबर की दारू का बड़ा-बड़ा स्टॉक पकड़ाने के बाद भी, महंगी गाडिय़ों में जब्ती होने के बाद भी जहां से दारू बनकर आई है उस कंपनी या कारखाने के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती? अगर चार बड़े कारखानेदार जेल चले जाएं, तो सारी तस्करी थम जाएगी। लेकिन शराब कारखानेदार सत्तारूढ़ राजनीति में इतना वजन रखते हैं कि उनकी गिरफ्तारी आसान नहीं रहती है। अभी हरियाणा में जिस जैन की गिरफ्तारी हुई है उसके बारे में भी लोगों का यही कहना है कि हरियाणा सरकार से पटी नहीं होगी, इसलिए उसे पटरी से उतार दिया। क्योंकि लोगों ने यह देखा कि जिस वक्त की शराब तस्करी के लिए इस डिस्टिलरी मालिक को गिरफ्तार किया गया उसी दौर में आधा दर्जन दूसरे डिस्टिलरी की भी टैक्स चोरी की शराब जब्त हुई थी, लेकिन उनमें से किसी के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। दो नंबर की दारू जनता के हक में आने वाले टैक्स की बहुत बड़ी चोरी होती है, और जिस देश में जनता एक-एक पैसे के लिए तरस रही है, वहां पर अरबों की टैक्स चोरी छोटी बात तो है नहीं।
मरवाही में नोटा पर भी नजर...
मरवाही में जोगी दम्पत्ति का नामांकन रद्द होने के बाद भी यहां के एक-एक घटनाक्रम पर लोगों की जबरदस्त दिलचस्पी बनी हुई है। अमित जोगी किसी का समर्थन या विरोध नहीं करेंगे यह अपने बयान में कह चुके हैं लेकिन वे यह भी कह रहे हैं कि वे गांव-गांव जायेंगे और न्याय मांगेंगे। अब, मरवाही के मतदाताओं ने उनके साथ कोई अन्याय तो किया नहीं। उन्होंने तो हर चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जिताया। जो संकट सामने है उसका फैसला तो आखिरकार कोर्ट में होना है। अमित जोगी के इस रुख का किसे कितना फायदा होगा, या नुकसान आने वाले कुछ दिनों में साफ होगा। वे पक्ष-विपक्ष किसी का साथ नहीं देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में उनके दौरे चुनाव आयोग के घेरे में भी नहीं होंगे। बस, एक बात ध्यान में रखनी होगी कि इस बार कांग्रेस या भाजपा किसी के लिये भी यह चुनाव एकतरफा नहीं है, जैसा जोगी के मैदान में रहते होता था। अब नोटा भी उलटफेर कर सकती है। दंतेवाड़ा का सन् 2018 का चुनाव याद होगा जब भीमा मंडावी जीते थे। उनके और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच हार-जीत का फासला करीब दो हजार मतों का था और नोटा में चले गये थे जागरूक तथा नेताओं से खिन्न मतदाताओं के 9929 वोट। कांग्रेस भाजपा के बाद नोटा से अधिक वोट पाने वाले एक ही उम्मीदवार थे सीपीआई के नंदराम सोरी। मरवाही में 2018 के चुनाव में अगर कड़ी टक्कर होती तो नोटा पर ध्यान जाता। यहां भी नोटा को 4500 से ज्यादा वोट मिले। कुल दस प्रत्याशियों में पांच ऐसे थे जिन्हें नोटा से कम मत मिले। मरवाही में फैसला दो डॉक्टरों पर होना है। देखें नोटा की यहां क्या भूमिका होगी? नोट और नोटा ?!
धान का एथेनॉल और हंगर इन्डेक्स
धान खरीदी पर प्रोत्साहन दिये जाने के कारण इसका उत्पादन प्रदेश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है लेकिन उगाये धान को खपाये कहां? पिछले सीजन में करीब 83 लाख टन मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई, जिससे 56.50 लाख टन चावल मिला। विभिन्न योजनाओं में खपाने के बावजूद करीब 10.50 लाख टन मीट्रिक धान या कहें 7.10 लाख चावल बच गया। केन्द्र सरकार अतिरिक्त चावल खरीदने को तैयार नहीं होता। इसे लेकर पिछले सत्र में विवाद था आगे भी इसकी संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए बचे हुए धान का एथेनॉल बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केन्द्र को दिया था और इसके लिये मंजूरी तथा मदद मांगी थी। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस प्रस्ताव को मान लिया है। भाजपा की बैठक में उन्होंने इस निर्णय की घोषणा की। धान खरीदी के कारण राजस्व पर पडऩे वाला अतिरिक्त भार इससे कुछ कम होगा। दूसरी ओर दो दिन पहले ही आई एक और रिपोर्ट सामने है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दुनिया के 107 देशों में भारत का स्थान 94वां है। एक तरफ लोगों की जरूरत से ज्यादा अनाज है दूसरी तरफ भुखमरी भी। एक ही देश में। कल्याणकारी योजनाओं और वितरण व्यवस्था की विफलता, नीति बनाने वालों की गड़बड़ी, आखिर ये है क्या?
- 1568 - अकबर ने चित्तौडग़ढ़ पर आक्रमण किया।
- 1740 - मारिया थेरेसा ऑस्ट्रिया, हंगरी और बोहेमिया के शासक बने।
- 1774 - कलकत्ता (अब कोलकाता) भारत की राजधानी बनी।
- 1880 - एम्सटर्डम मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
- 1855 - गुजराती साहित्य के कथाकार, कवि, और चरित्र लेखक गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी का जन्म।
- 1904 - चिली और बोलीविया ने शांति और मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किया।
- 1905 - रूस में 11 दिन तक चली ऐतिहासिक हड़ताल की शुरुआत हुई।
- 1920 - पश्चिम बंगाल के भूतपूर्व मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय का जन्म।
- 1930 - भारत में उच्च न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश लीला सेठ का जन्म।
- 1946 - वियतनाम की डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन सरकार ने को वियतनाम महिला दिवस के रूप में घोषित किया।
- 1947 - अमेरिका और पाकिस्तान ने पहली बार राजनयिक संबंध स्थापित किये थे।
- 1962 - भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर युद्ध शुरू हुआ।
- 1963 - दक्षिण अफ्रिका में नेल्सन मंडेला और आठ अन्य के खिलाफ के खिलाफ मामला शुरु।
- 1964 - भारत के क्रांतिकारियों में से एक एच। सी। दासप्पा का निधन।
- 1970 - सैयद बर्रे ने सोमालिया को समाजवादी राज्य घोषित किया।
- 1973 - ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में ओपेरा हाउस को पहली बार जनता के लिए खोला गया।
- 1978 - प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग का जन्म।
- 1982 - वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा केरल और मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल निरंजन नाथ वांचू का निधन।
- 1988 - भारतीय प्रथम श्रेणी के क्रिकेट खिलाड़ी कृष्णप्पा गौतम का जन्म।
- 1991 - उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत।
- 1995 - श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर शारजाह कप फाइनल ट्रॉफी अपने नाम किया।
- 2007 - अली लारीजानी के त्यागपत्र के बाद ईरान के विदेश उपमंत्री सईद जलाली नये प्रमुख परमाणु वार्ताकार बने।
- 2008 - आरबीआई ने रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती की थी।
- 2011 - लीबिया पर 40 साल तक राज करने वाला तानाशाह मोहम्मद गद्दाफी गृहयुद्ध में मारा गया।
- 1984-अंग्रेज़ भौतिकशास्त्री पॉल ए. एम. डिरैक का निधन हुआ, जिन्हें क्वान्टम मैकेनिक्स पर उत्कृष्ट कार्य के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इन्हें स्पिनिंग इलेक्ट्रॉन के सिद्धान्त के लिए जाना जाता है। (जन्म 8 अगस्त 1902)
- 1888-रूसी अन्वेषक निकोलाई प्जऱ्ेवॉल्स्की का निधन हुआ, जिन्होंने जंगली ऊंट, और आदिम घोड़े की खोज की जिसे प्जऱ्ेवॉल्स्की का घोड़ा कहा जाता है। उन्होंने इन्हें मंगोलिया और तिब्बत के मध्यक्षेत्र में पाया
कल तक नकली, आज हमदर्दी !
पूर्व सीएम रमन सिंह ने अमित और ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र और नामांकन निरस्त करने के फैसले की आलोचना कर पार्टी के आदिवासी नेताओं की नाराजगी मोल ले ली है। रमन सिंह का जोगी परिवार के समर्थन में खड़े होना विशेषकर दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय, ननकीराम कंवर और रामविचार नेताम को बिल्कुल नहीं भा रहा है। तीनों ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के छानबीन समिति के फैसले का स्वागत किया है।
सुनते हैं कि पार्टी के भीतर आदिवासी एक्सप्रेस चलने की सुगबुगाहट है। रमन सिंह के पहले कार्यकाल में भी आदिवासी एक्सप्रेस दिल्ली रूट पर चली थी। तब आदिवासी-गैर आदिवासी, करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने रमन सिंह के खिलाफ मोर्चाबंदी की थी। तब हाईकमान और रमन सिंह की शालीनता-सज्जनता के आगे ये विधायक नतमस्तक होकर रह गए थे और फिर कभी खुले तौर पर नाराजगी सामने नहीं आई। इसके बाद तो पार्टी के भीतर रमन का कद बढ़ता गया और 15 साल सीएम रहने के बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। वे प्रदेश से अकेले राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं।
अब जब रमन सिंह, जाति प्रमाण मसले पर जोगी परिवार के साथ खड़े दिख रहे हैं, तो ये आदिवासी नेता बुरी तरह उखड़े नजर आ रहे हैं क्योंकि भाजपा पहली बार जोगी को नकली आदिवासी प्रचारित कर सत्ता में आई थी। तब जोगी के खिलाफ मुहिम के अगुवा नंदकुमार साय थे। ये अलग बात है कि विधानसभा चुनाव में उन्हें अजीत जोगी के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ा और वे सीएम पद की दौड़ से बाहर हो गए। साय इस बात को नहीं भूल पाए हैं।
चर्चा है कि साय और बाकी आदिवासी नेता पार्टी के भीतर रमन सिंह के दबदबे को खत्म करने के लिए मुहिम चला सकते हैं। इन नेताओं के बीच आपस में चर्चा चल भी रही है, और कुछ लोगों का अंदाजा है कि रमन सिंह विरोधी गैरआदिवासी नेताओं का भी उन्हें साथ मिल सकता है। पार्टी के असंतुष्ट नेता आने वाले दिनों में कैसा रूख अपनाते हैं, यह देखना है।
12 साल बाद वही, पर हालात अलग
नवंबर 2006 की घटना है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के निधन के बाद कोटा विधानसभा चुनाव के प्रबल दावेदार उनके परिवार के ही किसी सदस्य को माना जा रहा था। सब मानते थे कि स्व। शुक्ल की कोटा क्षेत्र में इतनी पकड़ थी कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़े जीत पक्की थी। स्व। शुक्ला के परिवार के प्राय: सभी लोग अच्छे शासकीय सेवा में थे और हैं। सिर्फ एक बेटे जिनकी राजनीति में दिलचस्पी थी, वे सुनील शुक्ला हैं। कांग्रेस ने उनके लिये टिकट पक्की कर दी। इधर कोटा के कार्यकर्ताओं का एक धड़ा शुक्ल विरोधी भी था जो स्व। अजीत जोगी के करीबी थे। उन्होंने सुनील शुक्ला को टिकट देने के खिलाफ आवाज उठाई। नामांकन दाखिले के अंतिम दिन तक ऊहापोह की स्थिति थी। सुनील शुक्ला पर भारी दबाव था, उन्हें अपनी मिली हुई ऐसी टिकट जिसमें जीत पक्की थी, वापस करनी पड़ी। डॉ। रेणु जोगी को इस चुनाव में टिकट मिली, तब से वे लगातार जीतते आ रही हैं। पिछली बार उन्होंने कोटा से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की टिकट पर चुनाव जीता तो पहली बार कांग्रेस यहां से बुरी तरह हारी। लोगों ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के डमी प्रत्याशी थे। पहली बार हुआ कि हमेशा जीतने वाली कांग्रेस इस सीट में तीसरे स्थान पर रही। सन् 2018 के चुनाव में जब हवा चलने लगी कि डॉ। जोगी को कांग्रेस की टिकट नहीं मिलेगी, तब फिर सुनील शुक्ला ने बयान दिया कि अब वे अपने पिता की विरासत को संभालना चाहते हैं। पर इन 12 सालों में बहुत कुछ घट गया था। टिकट लौटाने के बाद वे कांग्रेस के कार्यक्रमों में भी नहीं दिखते थे। एकाएक टिकट की मांग की तो पार्टी में उनके नाम पर किसी ने गंभीरता से विचार ही नहीं किया। इस क्षेत्र में कोटा के बाद मरवाही दूसरी सीट है जहां किसी कद्दावर नेता की मौत के बाद उनके परिवार को उनकी विरासत संभालने का मौका नहीं मिल पाया। इतिहास की पुनरावृत्ति हुई है पर परिस्थितियां भिन्न हैं। टिकट तो अमित जोगी के हाथ में था पर नामांकन वैध कराना नहीं।
तब तक ढील नहीं...
कोरोना संक्रमण के मामले में देश के अलग-अलग राज्यों से मिले-जुले आंकड़े आ रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शायद अति उत्साह में कह दिया हो कि कोरोना का पीक दौर चला गया है। पीडि़तों की संख्या में कभी उछाल तो कभी गिरावट आती ही रही है। वैसे अपने ही बयान में उन्होंने यह भी कह दिया है कि ठंड के दिनों में एक आंधी और आ सकती है। छत्तीसगढ़ में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। पूरे प्रदेश में कल काफी दिनों के बाद ऐसा हुआ कि संक्रमितों की संख्या दो हजार से कम मिली लेकिन मौतों की संख्या कम नहीं हो रही है। बीते 24 घंटे में 10 लोगों की मौत दर्ज की गई। इनमें से 7 केस ऐसे बताये गये हैं जो किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीडि़त थे। जब मंत्री कहें कि कोरोना से मुक्त हो रहे हैं तो उनका बयान एमपी, बिहार, मरवाही के कार्यकर्ताओं का हौसला या कहें, लापरवाही बढ़ाने के लिये काफी है। बीते सात-आठ महीने का बहुत खराब दौर गुजर जरूर चुका है पर मौजूदा हालात को नजरअंदाज करना घातक होगा। कोरोना से बचकर बाहर आये अमिताभ बच्चन कह रहे हों तब तो मान ही लेना चाहिये- जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
कल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान भी देखें कि केरल में त्यौहार के बाद जिस तरह कोरोना बढ़ा उसे याद रखना चाहिए। अभी तो अगला एक महीना छत्तीसगढ़ में त्यौहार ही त्यौहार हैं।
- 1630 - बोस्टन में पहली बार आम अदालत का आयोजन किया गया।
- 1689 - रायगढ़ किले में संभाजी की विधवा और उसके बच्चे ने औरंगजेब के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
- 1722 - फ्रांस के सी. होफर ने अग्निशामक यंत्र का पेटेेंट कराया।
- 1739 - इंग्लैंड ने स्पेन पर युद्ध की घोषणा की।
- 1774 - इंग्लैंड से सुप्रीम कोर्ट के जज ईस्ट इंडिया कंपनी प्रबंधन में सुधार के लिए कलकत्ता पहुंचे।
- 1853 - अमेरिका के हवाई प्रांत में पहली आटा चक्की शुरू की गयी।
- 1872 - न्यू साउथ वेल्स में विश्व का सबसे बड़ा सोने का टुकड़ा (215 किग्रा) पाया गया।
- 1889 - फ्रांसीसी नेता नेपोलियन बोनापार्ट ने रूस की राजधानी से अपनी सेना हटाई।
- 1915 - रूस और इटली ने बुल्गारिया पर युद्ध की घोषणा की।
- 1920 - प्रसिद्ध भारतीय दार्शनिक तथा समाज सुधारक पाण्डुरंग शास्त्री अठावले का जन्म।
- 1926 - जॉन सी गैरेंड ने सेमी ऑटोमेटिक राइफल का पेटेंट कराया।
- 1929 - गांधीवादी विचारधारा से जुड़ी हुईं प्रसिद्ध महिला सामाजिक कार्यकर्ता निर्मला देशपांडे का जन्म।
- 1932 - ब्रिटिश सरकार ने सोवियत संघ के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- 1932 - फोर्ड मोटर कंपनी के मालिक हेनरी फोर्ड ने रेडियो पर अपना पहला भाषण दिया।
- 1933 - जर्मनी मित्र राष्ट्रों की संधि से बाहर आया।
- 1952 - श्रीरामलू पोट्टी ने पृथक आंध्र राज्य की मांग लेकर आमरण अनशन शुरू किया।
- 1954 - मिस्र और ब्रिटेन ने संधि पर हस्ताक्षर किये जिसके बाद ब्रिटिश सैनिक मिस्र से रवाना हुए।
- 1960 - नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलन चलाने वाले अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग-जूनियर को अटलांटा में गिरफ्तार किया गया।
- 1961 - बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल का जन्म।
- 1962 - चेक गणराज्य की राजधानी प्राग से कम्युनिस्ट नेता स्टालिन के स्मारक को हटा लिया गया।
- 1970 - स्वदेश निर्मित पहला मिग-21 विमान भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
- 1983 - एस चंद्रशेखर को भौतिक शास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
- 1994 - तेल अवीव में एक बस में फिलीस्तीनी बम हमले में 22 लोगों की जान चली गयी।
- 2003 - पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर टेरेसा को धन्य घोषित किया। यह संत की उपाधि दिये जाने की दिशा में पहला कदम होता है।
- 2005 - सद्दाम हुसैन पर मानवता के खिलाफ अपराध के लिए बगदाद में अभियोग चलाया गया।
- 2009 - हरियाणा के नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के नौ मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुए।
- 2012 - लेबनान की राजधानी बेरूत में बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत, 110 अन्य घायल। (वार्ता)
मौत एक और आदिवासी लडक़ी की...
छत्तीसगढ़ के सरगुजा और बस्तर संभाग की कई गंभीर ख़बरें राजधानी तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ देती है। सुर्खियों में महिला सुरक्षा, दलित अत्याचार पर सेमिनार, सरकारी बैठकें और सख्त निर्देश होती हैं। कहा जा रहा है कि फरसगांव में एक आदिवासी बालिका का एक पुलिस कर्मी शारीरिक शोषण करता रहा। गर्भवती हुई तो उसे दुत्कार दिया। सामाजिक उलाहना के डर से बालिका घर छोडक़र शिशु के साथ निकल गई और संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात सामने आई। मौत के बाद उस कथित पुलिस वाले के खिलाफ शिकायत हुई। कार्रवाई क्या हुई? उसे बस निलम्बित कर दिया गया है। दुष्कर्म के आरोप में न एफआईआर न कोई गिरफ्तारी। सरगुजा संभाग और बस्तर की कुछ घटनायें सामने आने पर राज्यपाल ने भी पुलिस के रवैये पर तेवर तीखे किये थे। पर दिखता यही है कि जब तक प्रशासन का दबाव न हो, पुलिस अपने विभाग के लोगों को बचाने की कोशिश करती है। केसकाल के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने इस सवाल को बाल संरक्षण आयोग और उच्चाधिकारियों के सामने रखा है, देखें उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है या नहीं।
मुख्यमंत्री ने पुलिस को महिला प्रताडऩा पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश तो दे दिए हैं, लेकिन वे पहले पुलिस विभाग के भीतर सेक्स शोषण के मामलों को तो देख लें जो बरसों से पड़े हैं !
मां तो बस मां होती है....
मरवाही विधानसभा उप-चुनाव के लिये नामांकन दाखिले के दिन जिला मुख्यालय के सामने भारी गहमागहमी थी। काफी उलझन और तनाव भरे माहौल में जोगी परिवार भी इसी परिसर में मौजूद था। अमित जोगी और ऋ चा जोगी साथ खड़े थे, एक खबरनवीस ने ऋ चा जोगी से कहा, पिछला चुनाव (अकलतरा) बस दो हजार से हार गईं लेकिन इस बार तो आपको विधानसभा में पहुंचने का पूरा मौका है। खबरनवीस को लगा कि अपनी तारीफ सुनकर ऋ चा जोगी खुश होंगी, लेकिन उन्होंने कहा- नहीं, मैं तो सोच रही हूं कि अगर किसी कारण से मुझे चुनाव में निकलना पड़ेगा तो सब कैसे मैनेज होगा। अभी मेरा बेटा बहुत छोटा है, मैं तो चाहती हूं पूरे समय उसे अपनी आंखों के सामने रखूं। मुझे तो परिस्थितियों के चलते सामने आना पड़ा है, अभी तो ऐसी कोई इच्छा थी नहीं।
कोरोना का रोल मॉडल अस्पताल
एम्स, मेडिकल और सरकारी कोविड अस्पतालों में कोई शक नहीं डॉक्टर और स्टाफ अपनी पूरी क्षमता से कोरोना संक्रमितों का बेहतर इलाज की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच अलग तरह का काम कर रहा रहा है केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल भरनी के अस्पताल में तैनात युवा डॉक्टर। तीन डॉक्टरों डॉ. रमेश यादव, डॉ. एस के जैन और डॉ. सुरेन्द्र सानगोड़े की टीम ने अब तक 150 कोरोना मरीजों का इलाज किया। यहां किसी की मौत नहीं हुई। मरीजों में न केवल सुरक्षा बल व पुलिस के जवान हैं बल्कि आम लोगों के बीच से हैं। ये मरीज सिर्फ सीआरपीएफ कैंप के नहीं बल्कि बस्तर, रायपुर से भी आये हैं। जब बिस्तर खाली हो तो बाहरी मरीजों को भी भर्ती किया जाता है। इन डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना संक्रमण का असर चेस्ट पर कैसा है इसी से बीमारी की गंभीरता को वे भांप लेते हैं। मरीज के छाती का प्रतिदिन तय समय पर एक्स रे लिया जाता है फिर उसकी स्टडी कर उनके लिये उपचार तय किया जाता है। इन डॉक्टरों का यह भी कहना है कि कोरोना का इलाज महंगा नहीं है बस सावधानी और ऑब्जर्वेशन जरूरी है। यह संयोग ही है कि इसी भरनी से थोड़ा आगे जाने पर गनियारी गांव मिलता है जहां स्थापित जन सहयोग केन्द्र के डॉक्टरों का किफायती इलाज पूरे देश में चर्चित है।
- 1878 -ऐडिसन ने घरेलू इस्तेमाल के लिए बिजली मुहैया करायी।
- 1962- अमेरिका के डॉ. जेम्स डी. वॉटसन तथा ब्रिटेन के फ्रान्सिस क्रिक और डॉ. मॉरिस विल्किन्स को डी.एन.ए. की डबल हेलिक्स आण्विक संरचना पर कार्य करने के लिए चिकित्सा/शरीरक्रियाविज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला।
- 1985 - सम्पूर्ण विश्व में व्यापक विरोध के बावजूद दक्षिण अफ्रीकी सरकार द्वारा अश्वेत कवि बेंजामिन मोलोइस को फांसी।
- 1995 - कोलंबिया के कार्टाजेना में गुट निरपेक्ष देशों का ग्यारहवां शिखर सम्मेलन प्रारम्भ।
- 1998 - भारत और पाकिस्तान आणविक ख़तरे रोकने के लिए सहमत।
- 2000 - श्रीलंका में पहली बार विपक्षी सदस्य अनुरा भंडारनायके को संसद अध्यक्ष बनाने की सहमति।
- 2005 - पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने नियंत्रण रेखा को भूकम्प राहत कार्य के लिए खोलने का सुझाव दिया।
- 2007 - आठ वर्ष के बाद बेनजीर भुट्टो अपने वतन पाकिस्तान लौटीं। कनाडा की संसद के निचले सदन ने म्यांमार की विपक्षी नेता आंग सान सू-की को कनाडा की मानद नागरिकता देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। सुदूर अंतरिक्ष में जीवन की तलाश के लिए हैटक्रीक इलाके (सैन फ्ऱांसिस्को) में एलेन टेलिस्कोप एरे (एटीए) लगाया गया।
- 2008- उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री के लिए 189.25 करोड़ एकड़ भूमि रेल मंत्रालय को वापस की।
- 1920- जर्मन भौतिकशास्त्री पैस्कुएल जॉर्डन का जन्म हुआ जिन्होंने 1920 में मैक्स बॉर्न तथा हाइज़ेनबर्ग के साथ मैट्रिक्स मैथड की सहायता से क्वान्टम मैकेनिक्स पर काम किया।
- 1859- इटली के पुरातत्वविज्ञानी पाउलो ओर्सी का जन्म हुआ जिन्होंने सिसली तथा दक्षिणी इटली में उत्खनन किया और पुराऐतिहासिक काल के अवशेषों की खोज की। इन्होंने स्टेन्टिनेलो के नियोलिथिक बस्ती की खुदाई की। (निधन-9 नवम्बर 1935)
- 1931- अन्वेषक थॉमस अल्वा ऐडिसन का निधन हुआ, जिन्होंने 1877 में पहले फोनोग्राफ की खोज की। इनके अनगिनत आविष्कारों के लिए ही इन्हें मेन्लो पार्क का जादूगर कहा जाता है। मेन्लो पार्क इनकी पहली प्रयोगशाला का नाम था।(जन्म 11 फरवरी 1847)
- 1911-फ्रांसीसी मनोविज्ञानी अल्फ्रेड बिनेट का निधन हुआ, जो मस्तिष्क की बुद्धिमता-परीक्षण पर काम करने वालों में अग्रणी माने जाते हैं। इन्होंने बाकी मनोविज्ञानियों से अलग मानसिक रोगों पर अध्ययन करने की जगह सामान्य और स्वस्थ मस्तिष्क पर काम किया। (जन्म 11 जुलाई 1857)