स्थायी स्तंभ
ऋचा जोगी को उतारने की रणनीति
दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के चुनाव लडऩे पर कयास लगाए जा रहे हैं। चूंकि अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र की पड़ताल चल रही है, और यह भी संभावना जताई जा रही है कि उनके अनुसूचित जनजाति होने का प्रमाण पत्र निरस्त किया जा सकता है। छानबीन समिति ने पहले ही पूर्व सीएम अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था, और उन्हें आदिवासी नहीं माना था। मरवाही चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और सारा दारोमदार जिला निर्वाचन अधिकारी पर है। अमित जोगी खुले तौर पर कह रहे हैं कि सरकार उन्हें चुनाव लडऩे से रोकना चाहती है। विकल्प के तौर पर वे अपनी पत्नी ऋचा जोगी को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस के रणनीतिकारों की सोच है कि अमित जोगी चुनाव मैदान में उतरें। ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा हो जाए। अजीत जोगी थे, तब बात कुछ और थी। उनके निधन के बाद मरवाही में भी उनके ज्यादातर सहयोगी साथ छोडक़र कांग्रेस में चले गए हैं। ऐसे में कांग्रेस अमित को वजनदार नहीं मानती है। खुद सरकार के मंत्री रविन्द्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र में कौन किसी को चुनाव लडऩे से रोक सकता है। ऐसे में संकेत है कि छानबीन समिति का फैसला चुनाव के पहले शायद ही आए। इससे परे भाजपा भी अमित की उम्मीदवारी को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशी तय करेगी।
भाजपा और जोगी पार्टी के बीच अघोषित तालमेल देखने को मिला है। जोगी पार्टी के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह की पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह से निकटता जगजाहिर है। ऐसे में हल्ला है कि भाजपा यहां दमदारी से चुनाव लड़ेगी, इसमें संदेह है। वैसे भी चुनाव के कुछ दिन पहले ही भाजपा ने यहां जिला संगठन खड़ा किया और अध्यक्ष की नियुक्ति की। ज्यादातर नेता मरवाही से दूरी बनाए हुए थे। चुनाव की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और एक-दो अन्य नेता वहां बैठक की औपचारिकता पूरी कर आए हैं। कुल मिलाकर नाम वापसी के बाद सारी रणनीति का खुलासा हो सकता है।
मंतूराम की भविष्यवाणी
मरवाही चुनाव को लेकर चर्चित पूर्व विधायक मंतूराम पवार की भविष्यवाणी सोशल मीडिया में तैर रहा है। पूर्व सीएम अजीत जोगी के करीबी रहे मंतूराम पवार का मानना है कि अमित या ऋ चा जोगी के चुनाव लडऩे पर कांग्रेस पिछडक़र दूसरे नंबर पर चली जाएगी। जाति मामले में जोगी परिवार के चुनाव लडऩे से वंचित होने पर कांग्रेस की जीत पक्की है। मंतूराम पवार ने भाजपा को लेकर टिप्पणी की है कि भाजपा में दंतेवाड़ा उपचुनाव और चित्रकोट से भी परिस्थिति ज्यादा नाजुक है। संगठन चुनाव में रमन सिंह के लोगों को ही 99 फीसदी जगह मिलने से सीनियर भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। अंतागढ़ उपचुनाव के दाग आज भी रमन सिंह की छवि में रच बस गये हैं, जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी को नुकसान हो सकता है।
- 1981 - काहिरा में सैनिक परेड के दौरान एक सैनिक समूह द्वारा मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या।
- 1973 -अरबों और इजराइल का चौथा युद्ध आरंभ हुआ।
- 1994 - यूनेस्को ने वर्ष 1995 को संयुक्त राष्ट्र सहिष्णुता वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की।
- 1995 - दो स्विस वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सौर व्यवस्था के बाहर गृह की पहली बार पहचान की।
- 1997-अमेरिकी जीवविज्ञान के प्रोफेसर स्टैन्ले बी. प्रूसिनर को बीमारी फैलाने वाले जीवाणु प्रियॉन की खोज के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला।
- 1999 - संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण सम्मेलन आस्ट्रेलिया की राजधानी वियना में प्रारम्भ।
- 2000 - इस्रायली पुलिस द्वारा अलअक्सा मस्जिद में जबरन प्रवेश के बाद हिंसा शुरू, यूगोस्लाविया में रक्तहीन जनक्रांति के बीच राष्ट्रपति मिलोसेविच देश छोडक़र भागे, विपक्षी नेता कोस्तुनिका ने स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया।
- 2002 - नेपाल के नरेश ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह देव ने सत्ता नहीं संभालने की घोषणा की।
- 2004 - इस्रायली सैन्य अभियान को रोकने का प्रस्ताव अमेरिका ने वीटो किया। अल्खानोव चेचेन्या के राष्ट्रपति बने।
- 2006 - संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान में शांति रक्षकों को बल प्रयोग का अधिकार दिया।
- 2007 - परवेज मुशर्रफ़ एकतरफ़ा जीत के साथ पाकिस्तान के राष्ट्र्रपति पद पर निर्वाचित घोषित हुए। कोरू में एरियन-5 रॉकेट के सहारे आस्ट्रेलियाई-अमेरिकी टेलीविजन उपग्रह का परीक्षण किया गया।
- 2008 - वैश्विक मंदी के मद्देनजऱ भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के नक़द सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) में आधा प्रतिशत की कटौती का फ़ैसला किया।
- 1946 -हिन्दी फि़ल्म अभिनेता विनोद खन्ना का जन्म हुआ।
- 1893 -सुप्रसिद्ध भारतीय खगोल भौतिकशास्त्री मेघनाद एन. साहा का जन्म हुआ, जो 1920 में थर्मल आयनाइज़ेशन समीकरण विकसित करने के लिए जाने जाते हैं। तारकीय वातावरण के अध्ययन के लिए इस समीकरण को बहुत बुनियादी तथा जरूरी माना जाता है। (निधन-16 फरवरी 1956)
- 1866- कनाडाई अन्वेषक और इंजीनियर रेजिनल्ड आउब्रे फेसेन्डन का जन्म हुआ, जिन्होंने अपने अन्वेषणों के लिए करीब 300 पेटेन्ट प्राप्त किये। इन्होंने सर्वप्रथम आवाज़ तथा संगीत का प्रसारण किया। (निधन-22 जुलाई 1932)
- 1951-जर्मन जैवरसायनज्ञ ओटो फ्रिट्ज़ मेयरहॉफ का निधन हुआ, जिन्हें मांसपेशियों में होने वाले उपापचय की अभिक्रियाओं पर अनुसंधान करने के लिए आर्किबाल्ड हिल के साथ सन् 1922 में शरीर क्रिया विज्ञान/चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 12 अप्रैल 1884)
- 1984- अमेरिकी जीवाश्मविज्ञानी जॉर्ज गैलॉर्ड सिम्पसन का निधन हुआ, जिन्होंने भूतकाल के जीवों और उस समय के वातावरण के बारे में अध्ययन किया। सन् 1953 में इन्होंने 5 करोड़ वर्ष पुराने घोड़े का जीवाश्म खोजा। (जन्म 16 जून 1902)
- महत्वपूर्ण दिवस
- विश्व वन्य प्राणी दिवस
शराब वही, बोतल नई...
राज्य पॉवर कंपनी ने मोर बिजली एप लांच किया है। इसमें बिजली से संबंधित 16 तरह की समस्याओं को बिजली उपभोक्ता घर बैठे ही एप के माध्यम से निपटा सकते हैं। वैसे तो सालभर पहले ही यह एप लांच हो चुका था। तब 12 तरह की समस्याओं को हल करने की सुविधा थी।
उस समय के पॉवर कंपनी के चेयरमैन शैलेन्द्र शुक्ला ने दावा किया था कि एक महीने के भीतर ही 50 हजार से अधिक एप डाउनलोड होने तक कीर्तिमान स्थापित हुआ है। गूगल प्ले स्टोर में यह एप कई बार दूसरे-तीसरे नंबर पर था।
अब पॉवर कंपनी के अफसरों ने सीएम भूपेश बघेल से दोबारा एप लांच कराने जा रहे हैं। जो काम पहले से ही चल रहा है, उसे एक उपलब्धि के तौर पर पेश किया जा रहा है। इसे कहते हैं शराब वही, बोतल नई...।
प्रधानमंत्री को दो फीसदी ज्यादा छूट!
जब कोई नई तकनीक एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करती है, तो बड़े मजेदार मामले सामने आते हैं। अब जैसे भारत के लिए अमेजान ने अपनी एक नई वेबसाईट शुरू की, तो उस पर तमाम जानकारी हिन्दी में भी देना शुरू किया। एक पत्रकार आशुतोष भारद्वाज ने जब अमेजान प्राईम एप्लीकेशन इस्तेमाल किया तो उसमें प्राईम मेम्बर्स के लिए प्रधानमंत्री के सदस्यों लिखा हुआ आया, और नान प्राईम मेम्बर्स के लिए गैरप्रधानमंत्री सदस्य लिखा हुआ। जो प्रधानमंत्री सदस्य हैं, उन्हें दो फीसदी का ज्यादा फायदा है। अब यह अमेजान का मामला है, या देश में प्रधानमंत्री के लिए ऐसी रियायत रखी जाती है, इसे लोग खुद सोचते रहें।
दुबारा टेस्ट कराने की मनाही
कोरोना की जांच के लिये उपलब्ध कोई भी तकनीक सौ फीसदी कारगर नहीं है। स्वास्थ्य संगठनों ने माना है कि जांच में चूक भी हो सकती है और रिपोर्ट गलत भी हो सकती है। बहुत से लोगों की शिकायत है कि उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई पर उनकी सेहत दुरुस्त है। कोई तकलीफ नहीं हो रही है। चूंकि गाइडलाइन है इसलिये आइसोलेशन पर हैं। लेकिन यदि इसके ठीक उल्टा हुआ तो? यानि रिपोर्ट तो निगेटिव मिले लेकिन मरीज को कोरोना जैसे लक्षण और तकलीफ हों? ऐसी स्थिति में भी वह दुबारा जांच कम से कम सरकारी साधनों से कराने की पात्रता नहीं रखता। किसी की एंटिजन टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो जांच की बात छिपाकर उसने ट्रू नॉट टेस्ट करा लिया। रिपोर्ट निगेटिव आ गई। हाल में रायगढ़ में इस तरह के कुछ मामले आये। बकौल स्वास्थ्य विभाग, अब एक बार किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव जैसी भी आई, उसे यह बात छिपाकर दुबारा टेस्ट नहीं कराना है। यदि ऐसा करता है तो कार्रवाई की जायेगी। हां, बाद में लक्षण प्रगट हों तो बात अलग है। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार से भी ऐसी गाइडलाइन आ चुकी है। कोरोना सेंटर्स में टेस्ट का इतना दबाव है कि अब कांट्रेक्ट ट्रैसिंग लगभग बंद कर दी गई है। यानि कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसके परिवार के सदस्यों और करीबियों को खुद ही क्वारांटीन हो जाना चाहिये। यह निर्णय इस हिसाब से तो ठीक है कि जांच का दायरा अलग-अलग परिवारों में बढ़ाया जा सकेगा, पर यदि कोई कोरोना के इलाज से बचने के लिये बार-बार टेस्ट करा रहा हो तो वह केवल खुद को बल्कि करीबियों को भी संकट में डालता है।
कोरोना ने कद घटा दिया ‘असत्य’ का
नवरात्रि के बाद अब दशहरे के लिये भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। हर बार इस पर्व के आने पर कुछ बौद्धिक विचार दोहराये जाते रहे हैं। जैसे किसी-किसी अतिथि के बारे में कह दिया जाता था कि एक रावण दूसरे को कैसे मारेगा? दूसरा, इतने बरस हो गये हम असत्य के प्रतीक रावण को खत्म क्यों नहीं कर पाये, उसका कद यानि पुतले की ऊंचाई बढ़ती क्यों जा रही है। इस बार यह सोचकर दुखी होने वाले संतोष कर सकते हैं। रावण दहन में सिर्फ पूजा करने वाले और आयोजन समिति के सदस्यों को शामिल रखने की अनुमति मिली है। भीड़ इक_ी न हो, इसका ध्यान रखा जायेगा। दहन कार्यक्रम की वीडियोग्राफ्री कराई जायेगी, ताकि कोई संक्रमित हो तो उनके सम्पर्क में आने वालों को पहचाना जा सके। भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल, मंच, गाने-बजाने की अनुमति नहीं है। स्वागत की रस्म रखने की भी इजाजत नहीं है। बड़ी बात ये भी है कि आयोजन स्थल पर पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम पता रजिस्टर में दर्ज किया जाना है और इनमें से कोई भी संक्रमित पाया गया तो नियम दुर्गा पंडाल की ही तरह है। यानि इलाज का पूरा खर्च आयोजन समिति को वहन करना पड़ेगा। यदि इन सब नियमों का ठीक-ठीक पालन किया गया तो आयोजकों पर बड़ा बोझ पडऩे वाला है। अर्थात्, कोरोना ने रावण को भी अपनी लपेट में ले लिया है।
- 1582-ग्रेगोरियन कैलेण्डर इटली में इस्तेमाल किया गया।
- 1931 -क्लाइड पैंगबॉर्न और ह्यू हर्नडॉन ने प्रशांत महासागर को पहली बिना रुके पार किया।
- 1995 - आयरलैंड के कवि एवं साहित्यकार हीनी को वर्ष 1995 के साहित्य पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा।
- 1997 - राजधानी कम्पाला से नील नदी को स्रोत जिन्जा में प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया, भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस तथा महेश भूपति ने जिम कूरियर तथा एलेक्स ओ ब्रायन को पराजित कर चाईना ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीता।
- 2004 - पश्चिम एशिया पर अरब देशों के प्रस्ताव का अमेरिका ने विरोध किया।
- 2007 - नेपाल सरकार और माओवादियों के बीच समझौता न हो पाने के कारण संविधान सभा के लिए चुनाव रद्द हुआ। परवेज मुशर्रफ़ व बेनजीर भुट्टो के बीच समझौता हुआ।
- 2008- केन्द्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सेतु सतुद्रम परियोजना के लिए दूसरी जगहों का परीक्षण शुरू किया।
- 1902 - धु्रपद-धमार शैली के गायक राम चतुर मल्लिक का जन्म हुआ।
- 1981 - हिन्दी जगत के प्रमुख साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा का निधन हुआ।
- 1915-पूर्वोत्तरी यूनान की महत्वपूर्ण बंदरगाह सालूनीक, प्रथम विश्व युद्ध की एक सैनिक कार्रवाई में संयुक्त सेना के नियंत्रण में चली गयी।
- 1713- फ्रांस के लेखक और दार्शनिक डेनिस डाइड्रो का जन्म हुआ। उनके निरीक्षण में इन्साइक्लोपीडिया लिखी गयी। इसे लिखने में 21 वर्ष लगे। डाइड्रो ने कई उपन्यास भी लिखें।
- 1864 - फ्रांस के रसायन शास्त्री लूईस लोमीर का जन्म हुआ। उन्होंने अपने भाई आगोस्ट के साथ मिलकर एक मशीन बनायी जिससे पर्दे पर फि़ल्म दिखायी जा सकी। उन्होंने इसी वर्ष पहली बार पर्दे पर फि़ल्म का प्रदर्शन किया। वर्ष 1948 में उनका निधन हुआ।
- 1911- फ्रांसीसी कनाडाई पादप पारिस्थितिक पियरे डैन्सेरियू का जन्म हुआ, जो वनों के गतिविज्ञान पर अध्ययन के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने आधुनिक पर्यावरणविज्ञान के पारिस्थितिकी के सिद्धान्तों से लोगों को अवगत किया।
- 1850-अमेरिकी चित्रकार, लेखक और प्रकृतिविद् विलियम हैमिल्टन गिब्सन का जन्म हुआ, जिन्होंने फूलों और कीटों के चित्र बनाए। सन् 1870 में इनका पहला तकनीकी चित्रण प्रकाशित हुआ। वह एक बड़े अच्छे फोटोग्राफर भी थे। (निधन-16 जुलाई 1896)
- 2004 - ब्रिटिश जैव भौतिकशास्त्री मॉरिस ह्यू फ्रेड्रिक विल्किन्स का निधन हुआ, जो एक्स-रे डिफ्रैक्शन द्वारा डी.एन.ए के अध्ययन के लिए जाने जाते हैं। (जन्म 15 दिसम्बर 1916)
- 1996- कम्प्यूटर इंजीनियर सेमर क्रे का निधन हुआ, जो कम्प्यूटर में ट्रान्जि़स्टर का इस्तेमाल करने में अग्रणी माने जाते हैं। ये व्यापारिक तथा सरकारी सूचना तंत्र में इस्तेमाल के लिए सुपर कम्प्यूटर के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। (जन्म 28 सितम्बर 1925)ा
- महत्वपूर्ण दिवस
- विश्व शिक्षक दिवस
- विश्व आवास दिवस
गणेश कौन हैं?
राजनीतिक दलों में बहुत सी बातें जो निजी तौर पर कही जानी है, उन्हें सार्वजनिक दीवारों पर लिखकर कहा जाता है। इससे कभी सनसनी फैलती है, और कभी सुगबुगाहट। लोग हैरान होते रहते हैं कि यह लिखने का राज क्या है। सोशल मीडिया के आ जाने से एक सहूलियत ही हो गई है।
अब रायपुर शहर के पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव कुमार अग्रवाल ने फेसबुक पर आज लिखा- काश हम भी कर्म करने की जगह स्वाभिमान गिरवी रख गणेश परिक्रमा करना सीखे होते।
अब उनकी बात का मतलब निकालना आसान भी है और मुश्किल भी है। अभी महीने भर पहले ही शहर जिला भाजपा अध्यक्ष पद पर श्रीचंद सुंदरानी को पार्टी ने मनोनीत किया है। भाजपा के भीतर के गणित बताते हैं कि श्रीचंद से राजीव अग्रवाल की अधिक बनती नहीं है। लेकिन राजीव ने कौन से गणेश की चर्चा की है, यह अंदाज लगाना पार्टी के भीतर के कुछ लोगों के लिए आसान होगा, पार्टी के बाहर बाकी लोगों के लिए कुछ मुश्किल हो सकता है। यह एक अलग बात है कि श्रीचंद को बनवाने वालों में रमन सिंह और राजेश मूणत के नाम लिए जा रहे हैं, और ये दोनों ही राजीव अग्रवाल के भी खासे करीबी रहते आए हैं। तो यह गणेश रमन सिंह के लिए है, या मूणत के लिए है, या किसी और के लिए कोई बताएंगे?
सूर्य ऊगा, और तुरंत ही...
रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष के लिए चार बार के पार्षद सूर्यकांत राठौर का नाम पहले तय कर लिया गया था। उन्हें सूचना भी भेज दी गई थी। फेसबुक और वाट्सएप पर राठौर को बधाईयों का तांता लग गया था। फिर देर शाम तक जिला भाजपा संगठन ने कार्यकर्ताओं को सूचना दी कि अभी प्रदेश संगठन ने नियुक्ति रोक दी है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि रायपुर जिले के बड़े नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से पिछले 9 महीने से भाजपा नगर निगम के पार्षद दल का नेता नहीं चुन पा रही है।
पिछले दिनों नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने भाजपा पार्षदों से आग्रह किया था कि सामान्य सभा होनी है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष का नाम तय कर सूचित करें। इसके बाद से भाजपा में पार्षद दल का नेता चुनने की कवायद चल रही थी। सुनते हैं कि प्रदेश संगठन ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को सबसे चर्चा कर नाम तय करने की जिम्मेदारी दी थी। बृजमोहन ने सूर्यकांत राठौर का नाम तय कर भेजा, तो विरोध शुरू हो गया। चर्चा है कि जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी और राजेश मूणत, सूर्यकांत के पक्ष में नहीं हैं। इनकी पहली पसंद मीनल चौबे रहीं। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि सूर्यकांत पिछली बार भी नेता प्रतिपक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं ऐसे में किसी नए को मौका मिलना चाहिए।
कुछ नेताओं को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी में विधानसभा चुनाव का गणित भी दिख रहा है। सूर्यकांत स्वाभाविक तौर पर रायपुर उत्तर से टिकट के दावेदार रहेंगे। वे चार बार अलग-अलग वार्डों से चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में रायपुर उत्तर के बाकी दावेदार उन्हें पसंद नहीं कर पा रहे हैं। हाल यह है कि निकाय चुनाव निपटने के बाद सभी जगहों पर पार्षद दल के मुखिया तय हो चुके हैं, लेकिन अकेले रायपुर में यह काम अब तक नहीं हो पाया है।
जोगी का चुनाव कौन सम्हालेंगे?
जोगी पार्टी ने अमित जोगी को मरवाही प्रत्याशी घोषित कर दिया है। मगर उनकी राह कठिन हो चली है। पहले जाति का झंझट तो चल ही रहा है, अब उनके प्रचार की कमान कौन थामेगा, यह भी समस्या आ गई है। पहले जोगी पार्टी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह, अमित का चुनावी रथ हांकने वाले थे। मगर अब धर्मजीत कोरोना पीडि़त हैं, और वे एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में अब धर्मजीत सिंह ठीक होने के बाद भी प्रचार में जुट पाएंगे, इसमें संदेह है। दो और विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा को लेकर यह चर्चा है कि दोनों मरवाही जाएंगे, इसकी संभावना कम है। देवव्रत तो कांग्रेस के साथ दिखते हैं। अब अमित जोगी के पास सिर्फ मां रेणु जोगी ही सहारा है।
डाकघरों से कोरोना की डिलिवरी
कोरोना से बचने के लिये कॉलेजों की परीक्षा इस बार नहीं ली गई और घरों से ही प्रश्नों को हल कर उत्तरपुस्तिकायें जमा करने के लिये छात्र-छात्राओं से जमा करने के लिये कहा गया। रायपुर व बिलासपुर के विश्वविद्यालयों में उत्तर पुस्तिकाओं को डाकघरों के माध्यम से जमा करने के लिये कहा गया है। इसके चलते डाकघरों में छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ रही है। विद्यार्थियों को घंटों कतार में लगना पड़ रहा है। परीक्षायें परीक्षा केन्द्रों में नहीं लेने के पीछे जो उद्देश्य था वह तो पूरा ही नहीं होता दिख रहा है। दरअसल उत्तरपुस्तिकाओं को जमा करने के लिये समय भी लाखों परीक्षार्थियों को पांच दिन का ही दिया गया। जमा करने के लिये आपा-धापी मची हुई है। अब जब घर से ही सवाल हल करने हैं तो क्या पांच दिन और क्या दस दिन। समय बढ़ाया जा सकता था जिससे भीड़ की नौबत न आती। दूसरी बात डाकघरों में एक छात्र को कम से कम 10 से 15 मिनट लग रहे हैं। यही काम यदि कॉलेजों में काउन्टर खोलकर किया जाता तो शायद पांच मिनट में ही एक विद्यार्थी का काम हो जाता और लम्बी कतारें भी नहीं लग पाती। ऐसी ही भीड़ कॉलेजों में तब जमा होने लगी थी जब उत्तरपुस्तिकाओं को कॉलेज से लेने के लिये कहा गया था। हंगामा खड़ा होने पर व्यवस्था की गई कि छात्र उत्तर पुस्तिका खुद ही कहीं से भी ले सकते हैं। हो सकता है कि कोरोना से बचने के लिये जो फैसले लिये जाते हों वे फैसले लेते समय वही सबसे अच्छा तरीका लगता हो, लेकिन अमल में लाये जाने के बाद खतरा बढ़ रहा हो तो फैसले बदले भी जाने चाहिये। छात्रों की मांग है कि हमें उत्तरपुस्तिकायें जमा करने के लिये ज्यादा समय दिया जाये। कॉलेजों में भी काउन्टर खोले जायें। लेकिन अभी ऐसा नहीं किया गया है। प्रशासन ने फिलहाल कुछ डाकघरों में काउन्टर की संख्या ही बढ़ाई है।
यदि सब संदेही टेस्ट कराने लगें तो?
कोरोना की कल आई रिपोर्ट पर नजर डालें तो पूरे प्रदेश में 2610 कोरोना पॉजिटिव मिले और टेस्ट हुए 18591 हुए। यानि हर सातवां व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया। लगभग यही औसत हर दिन है। बहुत से चिकित्सकों का मानना है कि यदि सब लक्षण वाले बिना डरे टेस्ट के लिये पहुंच जायें तो कोविड टेस्ट सेंटर में बहुत लम्बी कतार लग जायेगी। सबके टेस्ट हुए तो वास्तविक मरीजों की संख्या कई गुना और बढ़ भी जायेगी। महाससमुंद में टेस्ट कराने वाले हर 12 वें व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिले, बिलासपुर में हर आठवें व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। रायपुर, दुर्ग में इससे भी ज्यादा गंभीर स्थिति बनी हुई है। बहुत से लोग तो कोरोना टेस्ट से बचने की कोशिश में लगे रहते हैं। कई लोगों का मन बदल जाता है जब कोविड टेस्ट सेंटर्स में लगने वाली कतार और परेशानियों के बारे में सुनते हैं। यदि ऐसे सब लोगों की टेस्ट की व्यवस्था हो जाये, तो पता नहीं और कितने पॉजिटिव केस निकल जायें। इन सबको इलाज की सुविधा कैसे पहुंचायी जायेगी। होम आइसोलेशन में रहेंगे तब भी दवाओं और निगरानी के लिये कितनी बड़ी टीम की जरूरत पड़ेगी? क्या पता ऐसे लोग दफ्तरों, दुकान और बाजारों में भी घूम रहे हों। जैसे-जैसे जनजीवन सामान्य होता जाता है लोगों में सोशल डिस्टेंस, मास्क पहनने, सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने के प्रति बेफिक्री होती जाती है। अब तो लॉकडाउन को भी लोग गंभीरता से नहीं ले रहे।
- 1830-बेल्जियम ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की यह देश 18वीं शताब्दी के आरंभ से ऑस्टिया के अधिकार में था और इस शताब्दी के अंतिम वर्षों में फ्रांस के अधिकार में चला गया।
- 1934- एनरिको फर्मी ने न्यूट्रॉन की गति मापी।
- 1957-पहली बार रुस ने अपना उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा इस प्रकार से अंतरिक्ष पर अधिकार की प्रक्रिया आरंभ हुई। इस उपग्रह का नाम स्पेटनिक 1 था। जिसने 92 दिनों में 1400 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया और पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियायी संदेश भेजा। इसका भार 83 किलोग्राम तथा व्यास 85 सेंटीमीटर था। इसमें रेडियायी संदेश भेजने वाले दो यंत्र लगे हुए थे।
- 1963 - कैरेअयान सागर में काला तूफ़ान आरंभ हुआ। इस तूफ़ान ने कैरेबियन सागर की सारी बंदरगाहों को नष्ट कर दिया। इसकी गति 150 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसमें कुल मिलाकर 6 हज़ार लोग मारे गये जिनमें अधिकांश क्यूबा और हाइटी के थे।
- 1966 - लेसोथो देश ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की और आज का दिन इस देश में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने से पूर्व इसका नाम बसूटोलैंड था और वर्ष 1884 से यह देश ब्रिटेन का उपनिवेश था। वर्ष 1966 तक इस देश पर ब्रिटेन का साम्राज्य जारी रहा और अंतत: आज के दिन लेसोथो ने पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त कर ली। इस देश का क्षेत्रफल 30 हजार 355 वर्ग किलोमीटर है। यह देश अफ्रीक़ा महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। इस देश की राजधानी मसेरू है। इस देश का मुख्य उद्यम कृषि है और यहां बिजली और जल विद्युत की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस देश से पशु, हीरे और ऊन निर्यात होते हैं।
- 1971- मोल को पदार्थ की मात्रा के मानक के रूप में एस. आई. इकाई के रूप में माना गया।
- 2000 - चांग चून शियुंग ताइवान के नये प्रधानमंत्री बने।
- 2002 - पाकिस्तान में शाहीन प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया।
- 2005 - बाली बम कांड में दो संदिग्ध व्यक्ति गिरफ़्तार।
- 1884 - बीसवीं शताब्दी के हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार रामचन्द्र शुक्ल का जन्म हुआ।
- 1903 -ब्रिटिश-अमेरिकी धातुकर्मी काइरिल स्टैन्ले स्मिथ का जन्म हुआ, जिन्होंने 1943-44 में प्लूटोनियम तथा यूरेनियम की विशेषताओं पर व्यापक प्रकाश डाला। (निधन-25 अगस्त 1952)
- 1879 -अमेरिकी पादप आनुवांशिकविद्, वनस्पति विज्ञानी तथा रसायनज्ञ एडवर्ड म्यूरे ईस्ट का जन्म हुआ, जिन्होंने आनुवांशिकता के सिद्धांतों में योगदान दिया और संकर मक्के के विकास में अहम भूमिका निभाई। (निधन-9 नवम्बर 1938)
- 1947- जर्मन सैद्धान्तिक भौतिकशास्त्री मैक्स प्लैंक का निधन हुआ। उनके ऊष्मगतिकी (थर्मोडायनामिक्स) तथा श्यामवर्ण विकिरण पर किए गए कार्यों ने उन्हें सन 1900 में क्वान्टम सिद्धान्त बताने में सहायता की जिसके कारण उन्हें 1918 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म 23 अप्रैल 1858)
- * 1946- अमेरिकी वानिकी विशेषज्ञ गिफॉर्ड पिन्कॉट का निधन हुआ, जिन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में योगदान दिया। इनके प्रयासों के लिए ही इन्हें अमेरिकी संरक्षणविज्ञान के जनक के रूप में जाना जाता है। (जन्म 11 अगस्त 1865)।
- महत्वपूर्ण दिवस