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कल ही जीपीएम जिले में भी एक कोरोना पीड़ित ने की थी खुदकुशी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। संभाग में कोरोना से पीड़ित द्वारा आत्महत्या करने की एक और घटना सामने आई है। मुंगेली में एक संक्रमित युवती ने अपनी मां की मौत के बाद आत्महत्या कर ली। कल ही गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में एक संक्रमित युवक ने ट्रेन से कटकर जान दे दी थी।
जानकारी के मुताबिक मुंगेली के सोनारपारा मोहल्ले में श्रीराम ज्वेलर्स की संचालिका गोल्डी सोनी ने शुक्रवार की रात अपने घर पर फांसी लटककर जान दे दी। बीते 21 अप्रैल को गोल्डी की मां की भी मौत इलाज के दौरान कोरोना से हो गई थी। इसके दो दिन बाद उसने आत्महत्या कर ली। मृतका का भी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आया था और वह घर पर रहकर अपना इलाज करा रही थी।
आत्महत्या करने से पहले उसने व्यापारिक लेन-देन का हिसाब भी पूरा किया और कई लोगों को फोन करके बुलाकर बकाया राशि दी।
ज्ञात हो कि शनिवार को जीपीएम जिले में टीकरकला कोविड सेंटर से भागकर एक कोविड मरीज धूप सिंह ने भी रेलवे ट्रैक पर आकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस विभाग में शोक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। पामगढ़ थाना प्रभारी के.पी. टंडन (58 वर्ष) का कल 24 अप्रैल को दोपहर लगभग डेढ़ बजे श्रीराम केयर हॉस्पिटल बिलासपुर में इलाज के दौरान का निधन हो गया।
कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पिछले 15 दिनों से बिलासपुर के कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के पालन करते हुए शव को एम्बुलेंस से मल्हार के समीप उनके गृहग्राम थेमहापार लाया गया। गमगीन माहौल में परिजनों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
सब इंस्पेक्टर किशुन प्रसाद टंडन की पुलिस विभाग में भर्ती बिलासपुर में सिपाही पद पर हुई थी। वे 5 माह से पामगढ़ थाना प्रभारी थे। प्रदेश के कई जिलों सहित बिलासपुर सरकंडा थाना, कांकेर, जीआरपी भिलाई, मुलमुला, बिर्रा, अकलतरा आदि में उनकी पदस्थापना रही थी। डयूटी के दौरान उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से पिछले 9 अप्रैल से उनका इलाज चल रहा था। टंडन ने पुलिस विभाग में अपने 31 साल के सेवा अवधि में गुमशुदगी व नाबालिग बच्चों के अनेक प्रकरण सुलझाये। कई मामलों में राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार मिले हैं। उनकी छवि मिलनसार व सजग रहकर पुलिस अधिकारी की थी।
उनके निधन पर पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी, एसपी पारुल माथुर, एसडीओपी दिनेश्वरी नंद, एसडीएम करुण डहरिया, तहसीलदार शेखर पटेल, निरीक्षक राकेश भोई, पूर्व थाना प्रभारी एसआई राजकुमार लहरे, विधायक इंदू बंजारे, अजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष किस्मतलाल नंद, एसआई संतोष कुमार शर्मा, एएसआई बीएस लकड़ा, एएसआई प्रमोद महार, डॉ हेमंत लहरे, दिलदार निराला, भागवत साहू, सरोज पाटले, राजा रात्रे, विधायक प्रतिनिधि विक्की ठाकुर, सतनामी सामाज के ब्लॉक अध्यक्ष विभीषण पात्रे, सुरेश लहरे, रामविश्वास सोनकर, संत बालाराम, मनोज दिवाकर, गोरेलाल बर्मन, संतोष लहरे, कमला खुंटे, रोहित डहरिया, रघुनंदन साहू व पामगढ़ थाना के स्टाफ सहित क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। जिले में एक बार फिर लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है और अब यह 6 मई की सुबह तक लागू रहेगा।
जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर द्वारा आज जारी आदेश में दुग्ध पार्लर को सुबह शाम खोलने के लिए, किराना सामानों की होम डिलीवरी दोपहर 12 बजे तक करने की व्यवस्था यथावत रखी गई है। इस बार भोजन ऑनलाइन ऑर्डर लेकर डिलीवरी करने वाले मोबाइल एप सेवाओं को रात्रि 8 बजे तक की छूट दी गई है। इस सेवा में लगे सभी कर्मचारियों और व्यवसायियों के लिए नवीनतम कोविड टेस्ट अनिवार्य किया गया है।
जिले में इस माह पहला लॉकडाउन 14 से 21 अप्रैल तक लागू किया गया था, फिर इसे 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। अब तीसरी बार आदेश जारी कर इसे 6 मई की सुबह तक लागू किया गया है। इस अवधि में जिले की सभी सीमाएं सील रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं पिछले 24 घंटे के भीतर यहां 14 सौ से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं और 62 लोगों की मौत भी हुई है। जिले में अब तक 41000 लोग संक्रमित हो चुके हैं करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस विभाग में शोक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 अप्रैल। पामगढ़ थाना प्रभारी के.पी. टंडन (58 वर्ष) का कल 24 अप्रैल को दोपहर लगभग डेढ़ बजे श्रीराम केयर हॉस्पिटल बिलासपुर में इलाज के दौरान का निधन हो गया।
कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पिछले 15 दिनों से बिलासपुर के कोविड केयर सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के पालन करते हुए शव को एम्बुलेंस से मल्हार के समीप उनके गृहग्राम थेमहापार लाया गया। गमगीन माहौल में परिजनों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
सब इंस्पेक्टर किशुन प्रसाद टंडन की पुलिस विभाग में भर्ती बिलासपुर में सिपाही पद पर हुई थी। वे 5 माह से पामगढ़ थाना प्रभारी थे। प्रदेश के कई जिलों सहित बिलासपुर सरकंडा थाना, कांकेर, जीआरपी भिलाई, मुलमुला, बिर्रा, अकलतरा आदि में उनकी पदस्थापना रही थी। डयूटी के दौरान उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से पिछले 9 अप्रैल से उनका इलाज चल रहा था। टंडन ने पुलिस विभाग में अपने 31 साल के सेवा अवधि में गुमशुदगी व नाबालिग बच्चों के अनेक प्रकरण सुलझाये। कई मामलों में राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार मिले हैं। उनकी छवि मिलनसार व सजग रहकर पुलिस अधिकारी की थी।
उनके निधन पर पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी, एसपी पारुल माथुर, एसडीओपी दिनेश्वरी नंद, एसडीएम करुण डहरिया, तहसीलदार शेखर पटेल, निरीक्षक राकेश भोई, पूर्व थाना प्रभारी एसआई राजकुमार लहरे, विधायक इंदू बंजारे, अजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष किस्मतलाल नंद, एसआई संतोष कुमार शर्मा, एएसआई बीएस लकड़ा, एएसआई प्रमोद महार, डॉ हेमंत लहरे, दिलदार निराला, भागवत साहू, सरोज पाटले, राजा रात्रे, विधायक प्रतिनिधि विक्की ठाकुर, सतनामी सामाज के ब्लॉक अध्यक्ष विभीषण पात्रे, सुरेश लहरे, रामविश्वास सोनकर, संत बालाराम, मनोज दिवाकर, गोरेलाल बर्मन, संतोष लहरे, कमला खुंटे, रोहित डहरिया, रघुनंदन साहू व पामगढ़ थाना के स्टाफ सहित क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया।
कोरोना संकट के बीच कोयला कामगारों को राहत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 अप्रैल। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने कामगारों के लिए चिकित्सकीय सुविधा में और सहूलियत प्रदान करने का निश्चय किया है। इस सम्बंध में कार्यपालिक निदेशक, मेडिकल सेवाएं, कोलकाता द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब कोरोना से संक्रमित कोल इंडिया लिमिटेड एवं सहायक कम्पनियों के सभी अधिकारी-कर्मचारी तथा उनके आश्रितों को किसी भी आपात स्थिति में किसी भी हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में प्राप्त किए चिकित्सा की प्रतिपूर्ति प्रदाय की जाएगी। यह प्रतिपूर्ति सीजीएचएस दर पर की जाती है। यह सुविधा सेवानिवृत अधिकारी, कर्मचारी तथा उनके पति, पत्नी को भी मिलेगी।
यह सुविधा पूर्व अवधि से दी गई है। इसके तहत मार्च 2020 से इस प्रकार के संक्रमण में कराए गए गए चिकित्सा खर्च की भी प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पृथ्वी दिवस पर डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय में वेबिनार
बिलासपुर, 24 अप्रैल। पृथ्वी दिवस के अवसर पर डॉ सी.वी. रामन् विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान भूगोल विभाग एवं बिलासा शासकीय गर्ल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर के भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन वेबीनार " भारतीय चिंतन में सतत विकास की अवधारणा और कोविड - 19 " विषय पर रखा गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता बलिया उत्तर प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय से रिटायर प्राचार्य गणेश कुमार पाठक ने कहा कि मानव अपने विकास के लिये पर्यावरण का दुरुपयोग कर रहा है, और वर्तमान में इस विकट समस्या में यह क्रियाकलाप भागीदार है। भावी पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षित और संबंधित करने के लिए तैयार करना होगा। प्रो. पाठक ने भारतीय मान्यताओं और सांस्कृतिक विशेषताओं के वैज्ञानिक महत्व को भी समझाया।
बिलासा शासकीय गर्ल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर के प्राचार्य प्रो. एस. एल. निराला ने मानवीय गतिविधियां और पर्यावरणीय प्रभाव के बीच अंतर्संबंधों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मानव के वर्तमान क्रियाकलाप से ही उसके भविष्य का निर्धारण होता है। कार्यक्रम में डॉ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के प्राचार्य प्रो. मनीष उपाध्याय द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण और मानवीय स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत व्याख्या की गई। प्रो. उपाध्याय ने बताया कि मनुष्य को किस प्रकार प्रकृति के साथ समायोजन बनाकर जीवन जीना चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में सेमिनार की संयोजक डॉ. सी. वी रामन् विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. काजल मोइत्रा ने सेमिनार की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ कावेरी दाभड़कर ने किया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों के प्राध्यापक एवं विधार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के संयोजक बिलासा शासकीय गर्ल्स महाविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डी.डी. कश्यप ने आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में उपस्थित सीवीआरयू के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि कोविड-19 के कारण मनुष्य की जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। एक अच्छे जीवन का निर्वाह पर्यावरण संतुलन के द्वारा ही संभव है। हमें प्रकृति के अनुसार ही अपने जीवन शैली को ढालना होगा नहीं तो ऐसे घातक बीमारियां मनुष्य प्रजाति के सामने काल के रूप में सामने होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 24 अप्रैल। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कोविड सेंटर से भागे एक संक्रमित युवक की लाश रेलवे ट्रैक के किनारे मिली है।
जानकारी के मुताबिक पेंड्रा थाना अंतर्गत ग्राम नवागांव के धूपसिंह को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर टीकरकला कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। पहले से ही उसके परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमित हैं और वे भी पिछले एक सप्ताह से वहीं भर्ती हैं। बीते बुधवार को मृतक धूपसिंह कोविड सेंटर से भाग गया था। उसका कुछ पता नहीं चला तब थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शनिवार की सुबह उसका शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ मिला। उसके सिर पर गहरी चोट आई है। पुलिस को उसकी आत्महत्या की आशंका है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मामले की जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सक्ती, 23 अप्रैल। पूर्व मंत्री नोवेल कुमार वर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार आपदा से होने वाले मौत के कारण परिजनों को आर्थिक सहायता को बंद कर गरीबों के साथ अन्याय कर रही है। आकस्मिक मृत्यु पर मृतक के परिजनों को 4 लाख की आर्थिक सहायता राशि मिलती है, वहीं कोरोना जैसी महामारी के बीच दिसंबर 20 में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन रीता शांडिल्य ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देशित किया कि कोरोना महामारी से मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को किसी भी प्रकार से आर्थिक सहायता राशि ना दी जाए।
वर्मा ने आगे कहा कि कोविड 19 महामारी आपदा है और इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार गरीबों को उनके अधिकारों से भी वंचित करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है। इस महामारी काल में हो मौतें आकस्मिक ही हैं। प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत सिर्फ जनता के कारण मिला है और अब सरकार इस आपदा की घड़ी में जनता के आंसू पोछने के बजाए उन्हें मिलने वाली सहायता को भी बंद कर रही है। वर्मा ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में कोरोना से मारने वालों के परिजनों को आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि दे, जिससे आपदा के इस काल मे जनता को राहत मिल सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर चंदेल की वह याचिका निरस्त कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चकरभाठा थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त कर जांच की अगली कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल के खिलाफ थाना चकरभाठा में धारा 467, 468, 471, 384, 34 आईपीसी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 3, 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर चंदेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
उक्त प्रकरण को सुनवाई आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जस्टिस आर सी एस सामंत की एकल पीठ में की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत द्वारा प्रस्तुत अंतरिम आवेदन का शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने, परिवादी के अधिवक्ता अवध त्रिपाठी, राजेश केशरवानी ने एवं राज्य विधिज्ञ परिषद् के अधिवक्ता टी के झा ने पुरजोर विरोध किया । इस सम्बन्ध में उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा मेसर्स निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में स्थगन आवेदन को निरस्त करने का निवेदन किया।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत अंतरिम आवेदन को निरस्त कर दिया है। उक्त आवेदन निरस्त किये जाने के बाद अब राज्य विधिज्ञ परिषद के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिये स्वतंत्र है।
ज्ञात हो कि चकरभाठा थाने में चंदेल के खिलाफ बीते मार्च में संतोष पांडेय की ओर से दर्ज एफआईआर दर्ज कराई थी। पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके अधिवक्ता लाइसेंस को रद्द नहीं करने के एवज में चंदेल व अन्य लोगों ने उन्हें धमकाया और रिश्वत की मांग की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 22 अप्रैल। जिले के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को 26 अप्रैल रात्रि 12 बजे तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने इस अवधि में किराना सामान, फल, सब्जी, अंडे की होम डिलिवरी को अनुमति दी है।
जारी आदेश के अनुसार लॉक़डाउन के दौरान मण्डियों तथा थोक, फुटकर किराना दुकानें बंद रहेंगी किन्तु प्रातः 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक फल, सब्जी, अण्डा एवं किराना सामग्री या ग्रॉसरी की होम डिलविरी की जा सकेगी। यह डिलिवरी केवल ठेले पर, पिकअप, मिनी ट्रक एवं अन्य उपयुक्त छोटे वाहनों के माध्यम से की जायेगी। इस हेतु प्रयुक्त वाहन पर बैनर या बड़ा स्टिकर प्रदर्शित करना होगा। आम जनता को दुकान खोले बिना आसपास के क्षेत्र में दुकानदार द्वारा स्वयं या डिलिवरी बॉय के माध्यम से उपरोक्त समयावधि में होम डिलीवरी की जा सकेगी।
होम डिलिवरी के दौरान मास्क पहनना एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। किसी दुकान में होम डिलिवरी के दौरान भीड़-भाड़ होने पर एपिडेमिक एक्ट 1897 के अधीन चालान अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ दुकान को 30 दिवस के लिये सील किया जाएगा। संबंधित नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी उनके क्षेत्र में स्थित प्रोविजन स्टोर या किराना दुकानों से सम्पर्क हेतु उनके मोबाईल नंबर, पोर्टल की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करेंगे। इन निर्देशों के उल्लंघन की दशा में दुकान सील करने, ठेले जब्त करने, अर्थदण्ड या चालान की कार्रवाई की जाएगी।
अवैध वसूली करने पर डायग्नोस्टिक सेंटर सील, आज से नये 85 बिस्तर शुरू हुए पर स्टाफ नहीं बढ़े
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 22 अप्रैल। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कल 1258 नये मरीज मिले। इस बीच विभिन्न अस्पतालों में उपचार करा रहे 39 मरीजों की मौत भी हो गई। इनमें 31 बिलासपुर जिले के हैं।
जिले में बीते दस दिनों से हर दिन एक हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं केवल बीच के दो दिनों में यह संख्या आठ नौ सौ के आसपास रही। इसके चलते इस समय एक्टिव केस की संख्या बढक़र 10 हजार पहुंच चुकी है। संक्रमण के मामलों में दुर्ग और रायपुर के बाद बिलासपुर तीसरे स्थान पर आ चुका है।
नये संक्रमित शहर के लगभाग सभी इलाकों से हैं। इसके अलावा बाहरी इलाके चकरभाठा, देवरीखुर्द, बेलतरा, मल्हार आदि से भी नये संक्रमित मिले हैं। इस बार देखा जा रहा है कि परिवार के एक सदस्य के संक्रमित होते ही दूसरे सदस्यों पर भी इसका संक्रमण तुरंत फैल रहा है। इसलिये हर दिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या नये संक्रमित होने वालों से कम बनी हुई है। बुधवार को 629 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद आइसोलेशन व अस्पताल से छुट्टी दी गई।
डायग्नोस्टिक सेंटर सील, एम्बुलेंस वालों ने लूट मचाई
कोरोना पीडि़त मरीज और उनके परिजनों से लगातार अवैध रूप से मनमानी राशि वसूलने की शिकायत आ रही है। तेलीपारा स्थित मान्या डायग्नोसिस सीटी स्कैन सेंटर को कल स्वास्थ विभाग ने सील कर दिया और संचालक को फटकार लगाई। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के पास शिकायत आई थी कि चेस्ट स्कैनिंग के लिए निर्धारित 1870 से 2354 रुपये शुल्क की जगह यहां पर 4600 रुपये लिए जा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापा मारा। आरोपों की पुष्टि होने पर टीम के डॉ. अनिल श्रीवास्तव और प्रवीण शर्मा ने डायग्नोसिस सेंटर को सील करने का आदेश दिया।
दूसरी तरफ कोरोना पीडि़तों के लिये एंबुलेंस की भी बड़ी संख्या में जरूरत पड़ रही है। इन्होंने भी मनमाना रेट लेना शुरू कर दिया है। ज्यादातर एंबुलेंस निजी अस्पतालों के हैं। घर से अस्पताल ले जाने के लिए तीन से छह हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। शहर के बाहर से मरीज लाने के लिए 25000 रुपये तक का किराया मांगा जा रहा है। सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन ने बताया है कि उन तक शिकायत पहुंची है, एंबुलेंस संचालकों ने मनमानी बंद नहीं की तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि शासन ने इलाज के लिये दर तो तय किये हैं पर एम्बुलेंस किराया जैसी चीजों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
टीकाकरण रफ्तार नहीं पकड़ रहा
लोगों में टीकाकरण के लिए उत्साह लगातार घटता ही जा रहा है। इस बीच 22 हजार टीकों की जगह लक्ष्य घटाकर 16 हजार कर दिया गया है। इसके बावजूद शहर में जिले के 130 टीकाकरण केंद्रों में केवल 2165 लोगों ने बुधवार को टीका लगवाया। इनमें से 1270 लोगों ने पहला और 895 ने दूसरा डोज लगवाया। 45 से 60 वर्ष के बीच के 827 ने पहला और 272 ने दूसरा डोज लगवाया। बुजुर्गों में 365 ने पहला और 554 ने दूसरा डोज लगवाया। इसके अलावा फ्रंटलाइन वारियर्स हेल्थ वर्कर्स ने भी टीके लगवाए। नगर निगम के क्षेत्र में टीकाकरण संतोषजनक बताया गया है। शहर के 80 फ़ीसदी लोगों ने टीकाकरण करा लिया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रफ्तार कम है।
85 ऑक्सीजन बेड बढ़े
लगातार बढ़ते मरीजों के साथ-साथ नए कोविड उपचार सेंटर और बिस्तर की संख्या में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक सिम्स चिकित्सालय में केवल आपात स्थिति में मरीजों की भर्ती की जाती थी। आज से यहां पर 45 ऑक्सीजन युक्त बेड शुरू कर दिए गए हैं और मरीजों की भर्ती शुरू कर दी गई है। संभागीय कोविड अस्पताल में 100 बिस्तर पहले से थे और 40 अभी तैयार हुए हैं। इन्हें भी आज शाम तक चालू किया जायेगा। इसकी क्षमता भी 200 तक ले जाने की है। नए सभी बिस्तर ऑक्सीजन युक्त होंगे इसके अलावा 28 आईसीयू बेड भी होंगे।
सिम्स स्टाफ के बड़ी संख्या मे संक्रमित होने लगातार जांच के लिये कोरोना संदिग्धों के पहुंचने के कारण वैसे भी स्टाफ की कमी चल रही थी। सिम्स में आज से नये बिस्तर लगाये गये हैं पर स्टाफ नहीं बढ़ाया गया है। डीन ने स्टाफ की कमी को देखते हुए डीएमई को पत्र लिखा है लेकिन उसका जवाब नहीं आया है।
18 साल से अधिक लोगों के लिए तैयारी
आगामी एक मई से 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगवाने की घोषणा के बाद प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले में 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच लोगों की संख्या 8 लाख 83 हजार होने का अनुमान है। जिले की जनसंख्या लगभग 19 लाख है। 18 वर्ष से अधिक लोगों को टीकाकरण में शामिल करने के बाद करीब 15 लाख लोगों का टीकाकरण लक्ष्य पूरा करना होगा।
अनुग्रह राशि के लिये खोली ट्रेजरी
लॉकडाउन के चलते सभी शासकीय कार्यालयों में अवकाश चल रहा है। इस बीच शिक्षक संगठनों ने जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों से मांग की कि कोरोना संक्रमण के चलते हाल के दिनों में 7 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इन्हें अनुग्रह राशि प्रदान की जाये। शिक्षकों की मांग पर आज कुछ घंटों के लिये जिला कोषालय को खोला गया है। मृत शिक्षकों के परिजनों के लिये 50-50 हजार रुपये की तत्कालिक सहायता स्वीकृत की गई है। इसके अलावा कोविड संबंधी बिलों के भुगतान व अनुग्रह राशि की अन्य राशि भी कोषालय से जारी की जायेगी।
स्टेशन पर जांच की रफ्तार बढ़ी
रेलवे स्टेशन में उतरने वाले यात्रियों की कोरोना जांच में कड़ाई शुरू की गई है। पहले भी यह जांच चल रही थी लेकिन रफ्तार धीमी थी। अप्रैल के 20 दिनों में यहां उतरने वाले 878 यात्री संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 5633 का एंटिजन और 1265 का आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया। इनमें से सिर्फ 22 मरीजों की हालत ऐसी थी जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। शेष 856 होम आइसोलेशन पर हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 21 अप्रैल। कोविड महामारी से पीड़ित मरीजों के उपचार की सुविधा लगातार बढ़ाई जा रही है। इस समय बिलासपुर के 4 शासकीय तथा 25 निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध हैं। प्रत्येक निजी चिकित्सालय के नियुक्त किये गये नोडल अधिकारी अस्पताल प्रबंधन के साथ समन्वय कर इलाज में मरीजों की सहायता कर रहे हैं और उनकी समस्याओं का भी निराकरण कर रहे हैं।
जिले में जिन चार शासकीय अस्पतालों में इलाज व आइसोलेशन की सुविधा है, उनके फोन नंबर इस प्रकार हैं- संभागीय कोविड अस्पताल मोबाइल नंबर 70674-17100, चित्रकूट आईसोलेशन सेंटर मोबाइल नंबर 81032-14321, प्रयास आईसोलेशन सेंटर मोबाइल नंबर 94075-40945 एवं सिम्स बिलासपुर मोबाइल नंबर 83493-39959 हैं।
इसी प्रकार निजी अस्पतालों के सम्पर्क सूत्र एवं नोडल अधिकारियों के फोन नंबर इस प्रकार हैं- अपोलो बिलासपुर में सम्पर्क सूत्र देवेश गोपाल 97555-78999, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
महादेव हॉस्पिटल सुजीत तिवारी 88788-12002 एवं राजा शर्मा 88397-47674, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
वासुदेव क्लिीनिक एंड नर्सिंग होम अश्वनी कश्यप 78790-94446, यहां के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइल नंबर 93293-41984 हैं।
स्काई हॉस्पिटल प्रदीप अग्रवाल 90394-18999 एवं रवि अग्रवाल 91091-99315, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइलनंबर 94255-30001 हैं। किम्स चिकित्सालय आसिफ हुसैन 76940-06568, यहां की नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइल नंबर 93293-41984 हैं।
आर.बी. हॉस्पिटल अभिषेक राठौर 97550-55039 एवं हितेश करंजगावकर 70490-07710, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
सांई बाबा हार्ट एंड किडनी सेंटर दुष्यंत नाग 79746-95733, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
ओंकार हॉस्पिटल उसलापुर कृष्णा देवांगन 74899-32091, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत 98938-32467 बनाये गये हैं।
केयर एंड क्योर हॉस्पिटल अनुराग मिश्रा 81092-83280 एवं डॉ. नईन खान 83194-35589, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत मोबाइल नंबर 98938-32467 हैं।
लाईफ केयर हॉस्पिटल दिनेश साहू 96304-69682 यहां के नोडल अधिकारी उपसंचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइल नंबर 99261-64747 हैं।
नारायणी हॉस्पिटल महावीर साहू 89599-30356, यहां के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सी.एल.जायसवाल मोबाइल नंबर 94252-59560 हैं।
एसकेबी हॉस्पिटल छवि यादव 79743-06416, यहां के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सी.एल.जायसवाल मोबाइल नंबर 94252-59560 हैं।
स्वास्तिक हॉस्पिटल तोरवा डॉ. आकाश मिश्रा 74899-32090, यहां के नोडल अधिकारी उप-संचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइ लनंबर 99261-64747 हैं।
प्रथम हॉस्पिटल बहतराई रोड पंकज सिंह 75870-38622, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइलनंबर 94255-30001 हैं।
राम केयर हॉस्पिटल अमेरी रोड कैश मोहम्मद 90398-50591, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
चिल्ड्रन हॉस्पिटल जूनी लाइन अभिषेक श्रीवास्तव 95891-91360, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
सनशाइन हॉस्पिटल अमिताभ सिंह 62637-81056, यहां के नोडल अधिकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रेमप्रकाश शर्मा मोबाइल नंबर 77488-51177 हैं।
स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल दुर्गा प्रसाद जायसवाल 62609-71779, यहां के नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त ज्योति शर्मा मोबाइल नंबर 74891-74678 हैं।
स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल संजय बिरानी 96855-55999, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अमित गुलहरे मोबाइल नंबर 94061-57646 हैं।
मार्क हॉस्पिटल आराधना मेनन 97555-80097, यहां के नोडल अधिकारी उप-संचालक कृषि शशांक शिंदे मोबाइल नंबर 99261-64747 हैं।
न्यू जनता हॉस्पिटल राजेश कुमार यादव 70004-86489, यहां के नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुरेश सिंह मोबाइल नंबर 94255-30001 हैं।
वेगस हॉस्पिटल पी.एन. त्रिपाठी 97130-76232, यहां के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मोनिका वर्मा मोबाइलनंबर 93293-41984 हैं।
संजीवनी हॉस्पिटल राजेश मनहरण 82530-84754, यहां के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना वरूण राजपूत 98938-32467 हैं।
रेम्बो हॉस्पिटल तिलकनगर प्रमोद कुमार मनहरण 91096-41162 एवं श्री कृष्णा हॉस्पिटल बजरंगी सिंह 91090-63571, इन दोनों अस्पतालों के नोडल अधिकारी जिला खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा मोबाइल नंबर 98261-90136 हैं।
मौके पर पहुंचे सीएमएचओ ने दी लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी, एसडीएम ने भड़के परिजनों को शांत कराया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। मंगला चौक स्थित श्री कृष्णा हॉस्पिटल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए आज सुबह परिजनों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने के कारण रात में तीन मरीजों की मौत हो गई। सुबह हंगामे की खबर मिलने पर एसडीएम और सीएमएचओ ने पहुंचकर परिजनों को शांत कराया और अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी।
परिजनों का कहना था कि रात करीब एक बजे अस्पताल में मरीजों को लगे हुए ऑक्सीजन की सप्लाई अचानक ही बंद कर दी गई। इससे मरीजों को सांस लेने लेने में दिक्कत होने लगी। ऑक्सीजन बेड पर मरीजों की तबियत बिगड़ती गई। रात्रि में ही अस्पताल से परिजनों को फोन द्वारा तीन मरीजों की मौत होने की सूचना दी गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो मरीज को लगा हुआ ऑक्सीजन सप्लाई उन्हें बंद मिली। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में काफी हंगामा मचाया। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सफाई दी जाती रही कि मरीजों की मौत गंभीर हालत के कारण हुई, ऑक्सीजन सप्लाई बंद नहीं की गई थी। पर परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर रूम तक पहुंच गये जहां उन्होंने पाया कि ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि सिलेंडर के खाली होने के बाद उसे बदलने में समय लगा। इस बीच सप्लाई बंद हो गई थी।
सुबह अस्पताल प्रबंधन ने एक नोटिस चिपका दी जिसमें कहा गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण गंभीर मरीजों को परिजन यहां से ले जायें। इस पर फिर हंगामा हुआ और एसडीएम देवेन्द्र पटेल तथा सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की तो उसने स्टाफ की कमी होने तथा ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की बात कही। डॉ. महाजन ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि अस्पताल को लाइसेंस और कोविड इलाज की अनुमति पर्याप्त स्टाफ होने का विवरण देने पर ही दी गई है। यदि स्टाफ नहीं है तो लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। ऑक्सीजन की कमी की बात कहना गलत है क्योंकि ऑक्सीजन के लिये नोडल अधिकारी तय हैं और अस्पताल की ओर से इसकी डिमांड ही नहीं की गई है। सीएमएचओ ने अस्पताल के गेट की वह पर्ची फाड़ने कहा जिसमें ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को ले जाने की बात कही गई थी।
परिजनों को मालूम हुआ कि गंभीर मरीजों से बिल हिसाब में दिक्कत न आये सोचकर अस्पताल प्रबंधन उन्हें यहां से पहले ही ले जाने के लिये दबाव बना रहा था। इसीलिये ऑक्सीजन सिलेंडर बंद कर दिया गया। मृतकों में एक रामनाथ सिंह भी हैं जिनको ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से जान गंवानी पड़ी। उनकी कलेक्टोरेट के सामने कैंटीन है। उनके रिश्तेदार भरत सिंह ने बताया कि हमने अस्पताल वालों से कह रखा था कि ऑक्सीजन की कमी हो तो हमें समय पर बता देंगे, हम स्वयं ला देंगे। लेकिन अस्पताल वालों ने सीधे मौत की सूचना दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अप्रैल। कोविड वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके संभाग के आयुक्त डॉ. संजय अलंग दूसरी बार कोरोना संक्रमित हो गये हैं। बुखार नहीं उतरने के कारण आज उन्हें इलाज के लिये अपोलो चिकित्सालय में दाखिल किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक चार दिन पहले डॉ. अलंग की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद वे होम आइसोलेट हो गये थे। डॉ. अलंग वैक्सीन लगवाने के बाद इम्युनिटी डेवलप होने की 15 दिन की अवधि भी पार कर चुके हैं। पहली बार जब संक्रमित हुए थे तो टीकाकरण अभियान प्रारंभ नहीं हुआ था।
डॉ. अलंग कोविड संक्रमण से बचने के लिये काफी एहतियात बरतते रहे हैं। कलेक्टर रहते हुए वे लोगों से कार्यालय के बाहर मास्क व हेंड ग्लब्स पहनकर ही मिलते थे। बीते साल मई में उनकी यहीं पर संभागायुक्त पद पोस्टिंग हो गई, उसके बाद भी दौरे व बैठकों के दौरान वे काफी सावधानी रखते रहे हैं।
इधर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को अपोलो अस्पताल से आज छुट्टी मिल गई है। कोरोना संक्रमित होने के बाद पिछले हफ्ते उन्हें व उनकी पत्नी को यहां भर्ती कराया गया था।
बिलासपुर, 21 अप्रैल। कोरोना के बढ़ते फैलाव को देखते हुए नगर निगम के आठ एल्डरमैनों ने विधायक शैलेश पांडेय के नेतृत्व में कलेक्टर सारांश मित्तर को पार्षद निधि से 8 लाख रुपये प्रदान किये।
इस राशि को अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा विस्तार, गैस ऑक्सीजन सिलेंडर, एम्बुलेंस, शव वाहन एवं अन्य स्वास्थ्य राहत सामग्री खरीदने में खर्च किया जायेगा।
कोरोना संक्रमण के तेजी से प्रसार के कारण स्वास्थ्य सेवा करने वालों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल, सिम्स, प्रयास, चित्रकूट कोविड सेंटर एवं निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड, दवाई आदि की कमी देखी जा रही है, जिसकी पूर्ति करने का कार्य किया जा रहा है। सभी एल्डरमैनों ने अपनी पार्षद निधि से एक-एक लाख रुपये दिये हैं। डॉ. मित्तर ने विधायक व एल्डरमैनों को इस अनुकरणीय पहल के लिए धन्यवाद दिया है।
इस दौरान नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी सहित एल्डरमैन शैलेन्द्र जायसवाल, काशी रात्रे, दीपांशु श्रीवास्तव, अखिलेश गुप्ता बंटी, सुरेश सोनकर, अजरा खान, सुबोध केसरी व श्याम लाल चंदानी उपस्थित थे। कुछ महीनों पूर्व एल्डरमैन दीपांशु श्रीवास्तव के पिता दिलीप श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हुआ था, उनकी पहल पर सभी एल्डरमैन मदद के लिये आगे आये। विधायक ने सभी एल्डरमैन व पार्षदों से भी कोरोना की रोकथाम के लिये शासन की मदद करने की अपील की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। लॉकडाउन के दौरान जिले में निर्धारित अवधि तक बैंकों के संचालन के लिये दी गई अनुमति में और छूट देते हुए व्यापारिक लेन-देन की अनुमति दी गई है पर सामान्य लेनदेन में प्रतिबंध जारी रहेगा।
कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर द्वारा आज जारी किये गये संशोधित आदेश के अनुसार बैंकों को-मार्बिड, गर्भवती, अधिकारियों, कर्मचारियों को एक्टिव ड्यूटी से छूट देते हुए हब-बैंकिंग सिद्धांत अनुसार न्यूनतम स्टाफ के साथ कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है, किन्तु सभी बैंक एवं शाखाएं सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक ही संचालित हो सकेगी।
इस अवधि में केवल एटीएम कैश रि-फिलिंग, मेडिकल इक्विपमेंट, मेडिसिन, पेट्रोल-डीजल पंप, पी.डी.एस, केरोसीन वितरक, शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों से संबंधित लेन-देन, उद्योगों के व्यापारिक लेन-देन, श्रमिकों की भुगतान, मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति, लिक्विड आक्सीजन उत्पादक, शासकीय लेन-देन, निविदा, अस्पताल एवं मेडिकल प्रयोजन को छोड़कर आमजनता हेतु किसी प्रकार के सामान्य लेन-देन की अनुमति नहीं होगी। इसके लिये शाखा प्रबंधन सम्बन्धित व्यक्तियों से विधिवत आवेदन प्राप्त इसका रिकॉर्ड रखेंगे।
व्यापारिक लेन देन की मांग शहर के कारोबारियों और उद्योगपतियों ने कल कलेक्टर से की थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में यह कदम उठाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के लिये तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं।
संभागीय कोविड अस्पताल बिलासपुर में 40 अतिरिक्त ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड लगभग तैयार हैं, जो 21 या 22 अप्रैल तक मरीजों के लिये उपलब्ध हो जायेंगे। इस समय यहां 100 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। इन्हें मिलाकर संख्या 140 हो जायेगी। आज जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हैरिस एस., अतिरिक्त कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना ने अंतिम चरण की तैयारियों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन व एसडीएम देवेन्द्र पटेल भी उपस्थित थे।
इन अधिकारियों ने आज जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। यहां पर भी नया कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस इस अस्पताल में 60 ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर तैयार किये जायेंगे।
इस तरह कुछ दिनों के भीतर 100 अतिरिक्त बेड मिल जायेंगे।
बिलासपुर, 20 अप्रैल। प्रदेश में कोविड के बढ़ते संक्रमण को देख कर शिक्षकों की टीम भी सक्रिय हो गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यो व शिक्षकों ने सजग नाम से सेवा कार्य हेतु टीम गठित की है।
अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत सजग टीम और बिलासपुर में संचालित शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मंगला, तारबाहर, लाजपतराय एवं लिंगियाडीह शाला के शिक्षकों ने आपस में मिलकर जिला प्रशासन के द्वारा विकसित किये जा रहे नवीन कोविड अस्पतालों के लिये सामग्री का वितरण किया।
जिला कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को टीम के प्रतिनिधि के रूप में पी. दासरथी, संदीप चोपडे, कौस्तुभ चटर्जी एवं रविन्द्र चारी ने यह सामग्री सौंपी। कलेक्टर डॉ. मित्तर ने इस योगदान की सराहना की। उन्होंने मुख्य स्वास्थ एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन को सामग्री हस्तांतरित किया एवं इसे आयुर्वेद चिकित्सालय में विकसित किये जा रहे नवीन कोविड अस्पताल में व्यवस्थित करने का निर्देश दिया।
उपलब्ध कराई गई सामग्री में कवर सहित 50 गद्दे, 50 तकिये, 25 ऑक्सीमीटर, 25 वेपोराइजर, 25 इन्फ्रारेड थर्मामीटर शामिल हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि शीघ्र ही ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सजग की टीम 2017 से लगातार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इन्होंने पूर्व में वनवासी क्षेत्र एवं अस्पतालों में कंबल, कपड़े, स्वेटर, जूते-मोजे, पानी बोतल, स्कूल बैग बच्चों के लिये ग्रीन कार्पेट एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। सिम्स चिकित्सालय के अनुबंधित एवं जूनियर चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि अभी तक शासन से कोई भी प्रतिक्रिया उन्हें नहीं मिली है। जब तक हमे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा, हम इसी तरह अनिश्चितकाल तक प्रदर्शन करते रहेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि कि छोटे पद में कार्य करने वालों की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जबकि हम पूरी कर्मठता से इस घोर विपदा की घड़ी अपने कार्य को करने मे लगे हुए हैं। डॉक्टर वेतन विसंगति को दूर करने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मरीजों को अपनी सेवायें भी देंगे और प्रदर्शन भी करेंगे।
कल फिर हुई 39 मौतें, बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर की कमी,
श्मशान गृह में नये शेड बन रहे, भोजन, दवा के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आईं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। जिले में लगातार छह दिनों से हजार से ऊपर जा रहे कोरोना संक्रमितों की रफ्तार में थोड़ी कमी आई पर स्थिति चिंताजनक ही बनी हुई है। बीते 24 घंटे में नये 720 पॉजिटिव मिले। इस दौरान 39 की मौत हो गई, जिनमें बिलासपुर जिले के 34 और अन्य जिलों के 5 मरीज हैं।
जिले में अब संक्रमित हो चुके मरीजों की संख्या से 30 हजार 307 पहुंच चुकी है और अप्रैल के 19 दिन में ही 13 हजार 945 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस दौरान 5600 अधिक लोग ठीक भी हो गए। सोमवार को भी 365 लोग स्वस्थ हुए। अब तक ठीक होने वालों की संख्या 27000 से अधिक पहुंच गई है। जिले में इस समय संक्रमित मरीजों की संख्या 8813 पहुंच चुकी है।
जो नए संक्रमित मिल रहे हैं उनमें ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है 369 लोग ग्रामीण क्षेत्रों से तो 351 शहरी क्षेत्र से संक्रमित पाए गए। अप्रैल माह में जिले 370 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 70 की उम्र 45 साल से कम थी।
नए संक्रमित मरीज राजेंद्र नगर, अज्ञेय नगर, एकता नगर, प्रियदर्शिनी नगर, भरनी, इंदिरा विहार, इमली पारा, कुदुदंड, सीपत रोड, अशोक विहार, गणेश नगर, राजकिशोर नगर, पुराना बस स्टैंड, लिंक रोड, शुभम् विहार, गंगा नगर, गोपाल नगर, रामा ग्रीन सिटी, विनोबा नगर, गौरव पथ, ओम नगर, जरहाभाठा, विजयापुरम, क्रांति नगर, अभिषेक विहार, भारतीय नगर, तेलीपारा, 27 खोली, तिफरा, जूनी लाइन, तेलीपारा, जबड़ा पारा, सरकंडा, सरजू बगीचा, सिंधी कॉलोनी, सीएसईबी कॉलोनी, विद्यानगर, रामा लाइफ सिटी, सकरी, सागर होम्स, स्काई हॉस्पिटल, रेलवे, नर्मदा नगर, देवरीखुर्द, चकरभाटा, मल्हार नूतन चौक, सीएमपीडीआईडी कॉलोनी, नेचर सिटी आदि शामिल हैं।
यह कहा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूरों की वजह से संक्रमण फैल रहा है। राज्य सरकार ने बाहर से आए प्रत्येक मजदूर का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। तखतपुर में रविवार को 80 मरीज मिलने के बाद सोमवार को फिर 56 नए मरीज मिले।
अस्पतालों और श्मशान गृहों में एक जैसी स्थिति बनी हुई है। लगातार आ रहे नये मरीजों के लिए निजी और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में बिस्तर की लगातार कमी बनी हुई है। घंटों मरीजों को बेड की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भडक़ना पड़ रहा है। इसके अलावा लोग अस्पताल परिसर के बाहर भी ऑक्सीजन लगाकर बिस्तर मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा गंभीर समस्या ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी दिखाई दे रही है। इसके लिए जिलाधीश डॉ सारांश मित्तर ने एक समिति बना दी है। अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके इसके नोडल अधिकारी हैं। सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारी इसमें शामिल किए गए हैं। ये प्राथमिकता के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करायेंगे और शार्टेज होने पर रायपुर के कंट्रोल रूम से सम्पर्क में रहकर उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे।
जो मरीज गंभीर रूप से संक्रमित नहीं है उनको चिकित्सीय सलाह के साथ घर में रहकर आइसोलेट हो ने कहा जा रहा है। नगर निगम ने इसके लिए एक होम आइसोलेशन हेल्प ऑन कॉल सुविधा की शुरुआत की है। सामान्य कोरोना संक्रमित इसमें सलाह ले रहे हैं और दवाइयों की पर्ची उन्हें व्हाट्सएप के जरिए भेजी जा रही है। हर दिन लगभग 200 लोग इस सेवा की सहायता ले रहे हैं। आईएमए के सहयोग से यह सुविधा शुरू की गई है, जिसमें बारी-बारी डॉक्टर बैठ रहे हैं।
जिले के अस्पतालों में बड़ी संख्या में आसपास के जिलों मुंगेली, बेमेतरा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चाम्पा से मरीज लाये जा रहे हैं। इन जिलों के मरीज व परिजन भोजन के लिए भटक रहे हैं। इसे देखते हुए महापौर रामशरण यादव और कांग्रेस कमेटी ने मिलकर 50 रुपये थाली में पैक भोजन देने की व्यवस्था शुरू की है। इसके अलावा अनेक सामाजिक संस्थाओं ने भी फोन के जरिए भोजन भेजने के लिए अपना हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
स्थिति की समीक्षा के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, डॉक्टर और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर ने बैठक ली। बैठक में डॉक्टरों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की कमी बताई। कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए रायपुर कंट्रोल रूम के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए समिति बनाई गई है।
रेलवे ने हाथ खड़े किये
मरीजों के लिये बिस्तर की कमी को देखते हुए रेलवे ने पिछले साल से 52 कोच बनाए हैं और जिनमें पर 400 बेड हैं। ये कोट बिलासपुर व रायपुर में स्टेशन पर खड़े हैं। पिछले कई दिनों से जनप्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग ये कोच देने की मांग कर रहे हैं। रेलवे ने कह दिया है कि वह सिर्फ तैयार कोच दे रहे हैं। ऑक्सीजन, डॉक्टर व स्टाफ उनके पास नहीं है। कोच देने के लिये भी रेलवे ने कहा कि रायपुर डीआरएम इसके लिये नोडल अधिकारी बनाये गये हैं, उनके माध्यम से रेलवे बोर्ड से कोच देने की अनुमति लेनी पड़ेगी।
शवों के दाह संस्कार में लगातार आ रही परेशानी को देखते हुए तोरवा स्थित मुक्तिधाम में 15 नए चबूतरे बनाए जा रहे हैं। मुक्तिधाम से लगे हुए खाली जगह पर रेलवे की जमीन है जिस पर डीआरएम ने महापौर की पहल पर शेड बनाने की सहमति दी है। इसका निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया है। ज्ञात हो कि शवों के दाह संस्कार के लिये बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के कारण सरकंडा व तोरवा स्थित मुक्तिधाम में जगह कम पड़ रही है।
डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
इधर सिम्स के संविदा और अनुबंध पर काम कर रहे चिकित्सकों ने वेतन विसंगति और अवकाश नहीं मिलने के कारण प्रदर्शन किया। इन डॉक्टरों की वेतन वृद्धि 1 अप्रैल से लागू की गई है। उनमें नाराजगी है इस विसंगति के कारण जूनियर छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि सीनियर डॉक्टर से ज्यादा हो गई है। सिम्स में स्टाफ की कमी का भी उन्होंने हवाला दिया है और कहा है कि इसके चलते वे शारीरिक, मानसिक तनाव से घिरे हुए हैं। अन्य राज्यों में को कोविड उपचार में लगे डॉक्टरों को अलग भुगतान किया जाता है लेकिन यहां ऐसा नहीं है। इसके लिए उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए। डॉक्टर्स काम पर हैं लेकिन उन्होंने विरोध जारी रखने का निर्णय लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 18 अप्रैल। जैसी संभावना व्यक्त की जा रही थी जिले में लॉकडाउन की अवधि 26 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। इस दौरान राशन दुकानों को सीमित संख्या में खोलने की छूट दी गई है। साथ ही किसान डोर-टू-डोर सब्जियां बेच सकेंगे। बैंकों को भी सीमित कार्य के लिए खोलने की छूट दी गई है।
जिला दंडाधिकारी डॉ. सारांश मित्तर द्वारा आज जारी आदेश में बताया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से आम जनों की सुरक्षा की दृष्टि से जिले को 21 अप्रैल तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था किन्तु प्रभावितों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ने के कारण 26 अप्रैल तक के लिए इसे बढ़ाया जा रहा है। लॉक डाउन की विस्तारित की गई अवधि में उचित मूल्य दुकानों को सुबह 7 से 12 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। राशन वितरण टोकन के आधार पर किया जाएगा और एक दिन में अधिकतम टोकन 50 से 60 ही वितरित किए जाएंगे। हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण के लिए अलग-अलग दिन वार्ड मोहल्लों में तिथि निर्धारित की जाएगी ताकि अनावश्यक भीड़ इकट्ठी ना हो। उचित मूल्य दुकानों में सैनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था संचालक द्वारा की जाएगी। दुकान आने-जाने के लिए राशन कार्ड को दिखाया जाना पर्याप्त होगा लेकिन अनावश्यक भवन भ्रमण प्रतिबंधित रहेगा।
खेतों से सीधे किसान या सब्जी उत्पादक सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक कालोनियों गलियों में डोर टू डोर जाकर फल और सब्जी विक्रय कर सकेंगे लेकिन उन्हें एक स्थान पर खड़े होकर बेचने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी सब्जी बाजार या फल सब्जी दुकान को भी खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। थोक दुकानों या थोक व्यापारियों को दुकान या मंडी में फल सब्जी बेचने की अनुमति नहीं है।
इस दौरान बैंकों को भी एटीएम कैश रिफलिंग और कार्यालय के प्रयोजन के लिए खोलने की अनुमति होगी। दवा, चिकित्सा प्रयोजन, पेट्रोल पंप गैस एजेंसियों के कार्य को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार के लेन-देन एवं बैंक के शाखा के संचालन की अनुमति नहीं होगी।
कोरोना महामारी भयावह स्थिति में पहुंच रही, ऑक्सीजन बेड की कमी बड़ी वजह, डिप्टी कलेक्टर्स के फोन नंबर किसी काम के नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 अप्रैल। बीते तीन दिनों के भीतर जिले में कोरोना संक्रमण से 97 लोगों की मौत हो गई। आज दोपहर दो बजे तक मिली जानकारी के मुताबिक 7 लोगों की और मौत हो चुकी है। इस तरह 100 से अधिक लोगों ने जान गवां दी है। अप्रैल माह के 15 दिनों में सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में 175 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है।
अकेले बुधवार को जिले में 40 लोगों की मौत हुई है उसके पहले मंगलवार को 36 कोरोना संक्रमित जान गंवा बैठे। इन 76 मौतों में 40 बिलासपुर जिले के रहने वाले थे। शेष दूसरे जिलों से इलाज कराने पहुंचे थे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बयान जारी किया है। यह सही है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है पर ऑक्सीजन बेड की भारी कमी है। कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन बेड के लिये अस्पतालों में सिफारिश करनी पड़ रही है, उसके बावजूद व्यवस्था नहीं हो रही है। अन्य अस्पतालों के डॉक्टर व नर्स कोरोना संक्रमित मरीजों को हाथ लगाने के लिये तैयार नहीं हैं। मरीजों की मौत का आंकड़ा इसलिये भी बढ़ रहा है क्योंकि उन्हें समय पर ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इधर जिला प्रशासन तथा विधायक की ओर से लगातार बयान जारी किया जा रहा है कि अस्पतालों में बेड बढ़ाये जा रहे हैं पर बीते साल के मुकाबले अब तक एक भी बिस्तर किसी सरकारी अस्पताल में नहीं बढ़ाया जा सका है।
जिला प्रशासन ने जिन डिप्टी कलेक्टरों का फोन नंबर जारी किया है वे मरीजों की कोई मदद नहीं कर रहे हैं। वे मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि इस अस्पताल में जगह नहीं हैं तो वे खुद उस अस्पताल में पता कर लें। ये एक तरह से सिर्फ सूचना देने का काम कर रहे हैं। कई डिप्टी कलेक्टर्स तो फोन भी नहीं उठा रहे हैं। इस समय प्रशासन का सारा जोर लॉकडाउन और वैक्सीनेशन को सफल बनाने में है जबकि अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्था और मरीजों के सामने खड़े हो रहे संकट के निदान के लिये उनकी टीम काम नहीं कर रही है।
जिले में कोरोना के नये केस भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को जिले में 1136 नए मरीजों का पता चला है। ये शहर के सभी इलाकों से हैं।
नए मरीजों में हरि नगर, विजया पुरम्, इंदिरा विहार, भरनी, गुलाब नगर, मिशन हॉस्पिटल, स्काई हॉस्पिटल, घाटगे हॉस्पिटल, निराला नगर, क्रांति नगर, गीतांजलि सिटी, राजकिशोर नगर, शांति नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चिल्हाटी, पुराना बस स्टैंड, उसलापुर, अभिलाषा परिसर, देवनंदन नग, आदर्श कॉलोनी, इमली भाठा, गंगानगर कॉलोनी, पुलिस लाइन, महाराणा प्रताप चौक, सिंधी कॉलोनी, सदर बाजार, बोदरी, गोलबाजार, बसंत विहार, विनोबा नगर, इमली पारा, जूनी लाइन, नेहरू नगर, डीपू पारा सरकंडा. सीआरपीएफ आदि शामिल है।
अमर, डांगी कोरोना पॉजिटिव
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता अमर अग्रवाल आज सपत्नीक कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। दोनों अपोलो अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती हो गये हैं। उनके बेटे कान्हा अग्रवाल पहले से ही संक्रमित हैं। अग्रवाल ने अपने सम्पर्क में आये लोगों को कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी है। उन्होंने कल ही कलेक्टर से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता भूपेन्द्र सवन्नी, जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत सहित कुछ और नेता उनके साथ थे। पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने भी ट्वीट कर अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी है। वे घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 अप्रैल। पत्रकार प्रदीप आर्य के इलाज में आरबी हॉस्पिटल द्वारा बरती गई लापरवाही को लेकर बिलासपुर प्रेस क्लब ने गहरा रोष जाहिर किया है। आज सदस्यों ने कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर से मिलकर इसकी शिकायत की। कलेक्टर ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
पत्रकार व कार्टूनिस्ट प्रदीप आर्य का बीते सोमवार को आरबी कोविड हॉस्पिटल में निधन हो गया था। परिजन उन्हें ऑक्सीजन लेवल गिरने पर सिम्स चिकित्सालय लेकर गये थे। वहां बेड पर उनके लिये लगाये गये सिलेन्डर का ऑक्सीजन खत्म हो गया। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड का पता करने पर जगह नहीं मिली। आखिरकार उन्हें एक ऑक्सीजन सिलेंडर बेड आरबी हॉस्पिटल में खाली होने का पता चला। ऑक्सीजन की सुविधा वाले एक एम्बुलेंस से परिजन उन्हें आरबी हॉस्पिटल स्वर्ण जयंती नगर लेकर आये। यहां आते ही उन्हें एम्बुलेंस से उतारकर व्हील चेयर पर बिठाया गया और ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया। पर आईसीयू में पहुंचाने के 15-20 मिनट के भीतर ही प्रदीप आर्य की सांसें उखड़ गईं। पत्रकार प्रदीप आर्य की पुत्री प्रिया सिंह ने बताया कि वह यह जानकर सन्न रह गई कि जो ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल के स्टाफ ने लगाया वह खाली था। इसके चलते वे ऑक्सीजन लगाने के बावजूद हांफ रहे थे और थोड़ी देर में चल बसे। अस्पताल प्रबंधन ने गुमराह करते हुए ऐसा सिलेंडर लगा दिया जिसमें ऑक्सीजन ही नहीं था। शायद स्टाफ को लगा कि उनकी इस धोखाधड़ी का पता नहीं चलेगा और कुछ घंटे बाद मरीज के लिये नया सिलेंडर ला दिया जायेगा। पर, उन्होंने जानबूझकर पत्रकार को मौत के मुंह में जाने दिया।
इस घटना की जानकारी मिलने पर पत्रकारों में गहरा रोष है। बिलासपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने आज कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को पूरे मामले की जानकारी दी और अस्पताल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही यह जांच कराने की मांग की कि किन परिस्थितियों में सिम्स में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था पत्रकार के इलाज के लिये नहीं हो सकी।
डॉ. मित्तर ने इस मामले की जांच कराने का आदेश देने का आदेश दिया है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया है कि यह जांच कौन सी टीम करेगी और कब तक इसकी रिपोर्ट मिलेगी।
करगीरोड (कोटा), 14 अपै्रल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन देव साय, की सहमति से व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक लाभ चंद बाफना, के द्वारा कोटा नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता को व्यापार प्रकोष्ठ बिलासपुर संभाग का सह प्रभारी बनाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 अप्रैल। बिना मास्क लगाये सामान बेच रहे दुकानदार और उसकी बहन ने एसडीएम के साथ गाली गलौच करते हुए धक्का मुक्की की। पुलिस ने तुरंत भाई, बहन को हिरासत में ले लिया। बाद में दुकानदार के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया।
घटना जांजगीर-चाम्पा जिले के शिवरीनारायण की है। जानकारी के मुताबिक सोमवार को कोरोना गाइडलाइन के पालन का निरीक्षण करने के लिये एसडीएम मेनका प्रधान, तहसीलदार पुलिस बल के साथ शिवरीनारायण में थीं। एक दुकान बालाजी मोटर्स में उन्होंने पाया कि दुकानदार बिना मास्क पहने बैठा है। उन्होंने दुकान जाकर उन्हें मास्क पहनने कहा। इससे दुकान संचालक सुशील बंजारे व उसका भाई भड़क गया और एसडीएम तथा पुलिस वालों से वह गाली गलौच व जान से मारने की धमकी देने लगा। इसी बीच युवक की बहन वहां पहुंच गई। उसने एसडीएम को धक्का दे दिया। इससे पुलिस वाले तुरंत अलर्ट हुए और सुशील तथा उसकी बहन को गाड़ी में बिठाकर थाने ले आये। थाने में मालूम हुआ कि दुकानदार की बहन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। उसे छोड़ दिया गया। नगर पंचायत के सीएमओ हितेन्द्र यादव की शिकायत पर सुशील बंजारे के खिलाफ महामारी एक्ट सहित आईपीसी की धारा 186, 294 तथा 506 के तहत कार्रवाई की गई है।