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जितनी जमीन नहीं, उससे ज्यादा मुआवजा पा गए....
30-Jul-2021 1:35 PM
जितनी जमीन नहीं, उससे ज्यादा मुआवजा पा गए....

   अरपा-भैंसाझार परियोजना के जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी, जांच टीम बनी  
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 30 जुलाई।
अरपा-भैंसाझार प्रोजेक्ट के लिए जमीन के अधिग्रहण में गड़बड़ी का मामला शुक्रवार को विधानसभा में उठा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने माना कि अधिग्रहित जमीन से जुड़ी दो शिकायतें आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाए जाने पर पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। 

प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने मामला उठाया। इसके जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि अरपा-भैंसाझार प्रोजेक्ट में कुल 2074.16 जमीन का अधिग्रहण किया गया है। उन्होंने बताया कि अरपा-भैंसाझार बैराज परियोजना के चकरभाठा वितरक नहर के लिए अधिग्रहण किए गए जमीन से संबंधित दो शिकायतें कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग कोटा, और एसडीएम कोटा को मिली है। इससे परे मीडिया में प्रकाशित खबर के आधार पर कलेक्टर बिलासपुर द्वारा 6 सदस्यीय समिति गठित की गई है। जांच की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। 

राजस्व मंत्री ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट में निर्धारित जमीन से अधिक की जमीन का मुआवजा भू-स्वामी को दिया गया है। इसकी जांच चल रही है। भाजपा सदस्य श्री चंदेल ने कहा कि बहुत सी चीजों को छिपाया गया है। भू-स्वामियों का नाम भी बदल दिया गया है। राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रथम दृष्टया गड़बड़़ी पाए जाने पर पटवारी मुकेश साहू को निलंबित कर दिया गया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने चुटकी ली कि पटवारी मुकेश साहू राजस्व विभाग का सर्वोच्च अधिकारी है। 

भाजपा सदस्य ने कहा कि मामला गंभीर है, और कई जगहों पर रकबे से अधिक भू-स्वामियों को मुआवजा मिला है। राजस्व मंत्री ने कहा कि महीनेभर पहले शिकायत आई थी, और इसकी जांच के लिए दो टीम बनाई गई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अरपा-भैंसाझार परियोजना के पूरा होने पर 62 हजार एकड़ जमीन पर सिंचाई हो सकेगी। मगर इस परियोजना की वाट लगाई जा रही है। 

कौशिक ने कहा कि धारा 11 का प्रकाशन के बिना अवॉर्ड पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि  एसडीएम को भी जांच में शामिल किया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने जिम्मेदार एसडीएम को हटाने की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि एडीएम की अध्यक्षता में जांच कराई जा रही है। जिसमें 3 डिप्टी कलेक्टर भी हैं, और एसडीएम को नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 
 

 

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