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झारखण्ड के सीएम करेंगे उद्घाटन, कई बड़े नेता आएंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 अक्टूबर। आदिवासी नृत्य महोत्सव, और राज्योत्सव 2021 का उद्घाटन कल सुबह 11 बजे साइंस कॉलेज मैदान में झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम भूपेश बघेल करेंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम में नृत्य महोत्सव हिस्सा ले रहे विदेशों तथा छत्तीसगढ़ सहित देश के बाकी राज्यों के आदिवासी नर्तक दलों द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट किया जाएगा। इसके बाद अतिथियों का उद्बोधन होगा।
अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद केसी वेणुगोपाल, पीएल पुनिया, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीररंजन चौधरी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, राज्यसभा सदस्य बीके हरिप्रसाद, और पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्तचरण दास रहेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सरकार के सभी मंत्री, संसदीय सचिव, और रायपुर जिले के विधायक होंगे।
उद्घाटन समारोह में दोपहर 12.30 से 2 बजे तक नाइजीरिया, फिलीस्तीन, छत्तीसगढ़ के गौर सिंग नर्तक दल, होजागिरी-त्रिपुरा के दल द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक अतिथियों द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन, और अवलोकन किया जाएगा।
आयोजन स्थल पर दोपहर 2.30 बजे से 6.30 बजे तक विवाह संस्कार विधा पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक दल को प्रस्तुति के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इस प्रतियोगिता में 11 नर्तक दल अपनी प्रस्तुति देंगे, जिसमें गोंड जनजाति का कर्मा नृत्य-मध्यप्रदेश, कड़सा नृत्य-झारखंड, गोजरी नृत्य जम्मू-कश्मीर, गुरयाबल्लु-आंध्रप्रदेश, कारबी-तिवा-असम, डिम्सा-आंध्रप्रदेश, धप-ओडि़सा, कोम्मुकोया-तेलंगाना, दंडार-मध्यप्रदेश, बोण्डा-ओडि़सा, मेवासी नृत्य-गुजरात की प्रस्तुति होगी।
शाम 6.30 से रात्रि 7.30 बजे तक पारम्परिक त्यौहार एवं अनुष्ठान, फसल कटाई-कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें 05 नर्तक दल हिस्सा लेंगे। इनमें करमा नृत्य-छत्तीसगढ़, झींझीं हन्ना-उत्तराखंड, गुसाड़ी-डिम्सा-तेलंगाना, उरांव-झारखंड, सिद्धी गोमा नृत्य-गुजरात की प्रस्तुति होगी।
रात्रि 8 बजे से 9.30 बजे तक मुख्य मंच पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अतिथियों के उद्बोधन के बाद स्वाजीलैण्ड, उजबेकिस्तान और माली के आदिवासी नर्तक दलों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।