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उत्तर प्रदेश के कैराना की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की ज़मानत याचिका खारिज कर दी.
नाहिद हसन को 15 जनवरी को गैंगस्टर्स एक्ट के तहत, एक मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैराना विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है. आज मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत के न्यायाधीश सुबोध सिंह ने कहा कि ये ज़मानत का मामला ही नहीं है और हसन की ज़मानत याचिका खारिज कर दी.
हसन के वकील ने कहा कि वे ज़मानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
पुलिस के मुताबिक़ पिछले साल हसन समेत 40 लोगों के ख़िलाफ़ ये मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर अभियुक्त ज़मानत पर रिहा हो गए थे लेकिन हसन ने अदालत में आत्मसमर्पण नहीं किया जिसके बाद उनके ख़िलाफ ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया और उनकी गिरफ़्तारी हुई.
नामांकन के साथ दायर हलफ़नामे के अनुसार, हसन ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया से बीबीए किया है. शामली,सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर में उन पर 16 मामलों दर्ज है.
ये सभी मामले अदालतों में लंबित हैं और उन्हें अब तक उनमें से किसी में भी दोषी नहीं ठहराया गया है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं को सत्तारूढ़ बीजेपी झूठे मामलों में फंसाया रही है. (bbc.com)