कारोबार
नयी दिल्ली, 15 फरवरी | प्रौद्योगिक कंपनियों के संगठन नैसकॉम का कहना है कि चालू वित्त वर्ष देश के प्रौद्योगिकी उद्योग का कारोबार 15.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 227 अरब डॉलर पर पहुंच जायेगा। नैसकॉम ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष प्रौद्योगिक उद्योग के कारोबार में वर्ष 2011 के बाद पहली बार इतनी तेजी दिखेगी। संगठन का कहना है कि इस उद्योग ने पहली बार 200 अरब डॉलर के कारोबार का जादुई आंकड़ा पार किया है।
संगठन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में प्रौद्योगिकी उद्योग के कारोबार में 30 अरब डॉलर का उछाल आया है और करीब 4,50,000 रोजगार का सृजन हुआ है।
नैसकॉम की अध्यक्ष रेखा एम मेनन ने कहा,भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए चालू वित्त वर्ष काफी अच्छा रहा है। तेज बदलाव और प्रगति के लिए प्रौद्योगिकी की अपरिहार्यता के युग में प्रवेश के साथ हम इस क्षेत्र में अवसरों को लेकर उत्साहित हैं।
संगठन के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में आईटी सेवा वíटकल के कारोबार के 116 अरब डॉलर, बीपीएम क्षेत्र के 44 अरब डॉलर, ईआरएंडडी वर्टिकल के 36 अरब डॉलर, हार्डवेयर श्रेणी के 17 अरब डॉलर और सॉफ्टवेयर उत्पाद श्रेणी के कारोबार के 13 अरब डॉलर के होने की उम्मीद है।
हार्डवेयर समेत निर्यात में 17.2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी है और इसका कारोबार 178 अरब डॉलर का रहा, जो देश के सेवा क्षेत्र के कुल निर्यात का 51 प्रतिशत से अधिक है।
ईकॉमर्स चालू वित्त वर्ष में 39 फीसदी की बढ़त के साथ 79 अरब डॉलर का हो गया। डिजिटल कारोबार का हिस्सा 30 से 32 प्रतिशत के करीब रहा और इसका कारोबार 13 अरब डॉलर का रहा।
नैसकॉम की अध्यक्ष देबयानी घोष ने कहा, इस विकास में निर्यात ने एक बड़ी भूमिका अदा की है लेकिन घरेलू बाजार एक उत्प्रेरक के रूप में रहा। नागरिक सेवायें प्रदान करने में बड़ी भूमिका अदा करने वाले सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे आधार, यूपीआई और कोविन को अपनाने से घरेलू बाजार का कारोबार 50 अरब डॉलर का हुआ।
प्रौद्योगिक क्षेत्र के अपने 50 लाख से अधिक कर्मचारियों के कारण भारत डिजिटल टैलेंट के मामले में वैश्विक हब के रूप में उभरा है।
प्रत्येक तीन में से एक कर्मचारी के डिजिटल रूप से कुशल होने के कारण डिजिटल प्रौद्योगिकी टैलेंट पूल 16 लाख पर है और यह प्रति वर्ष 25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
पुन: कौशल और कौशल को उन्नत करने पर दिये जाने वाले जोर से भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग ने चालू वित्त वर्ष में करीब 2,80,000 कर्मचारियों को दोबारा कौशल सिखाया।
निजी क्षेत्र में देश में सर्वाधिक यानी 18 लाख से अधिक महिलायें प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत हैं। इस क्षेत्र में 36 प्रतिशत से अधिक महिला कर्मचारी हैं।
इस साल भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बना रहा। वर्ष 2021 में 25,000 से अधिक स्टार्टअप स्थापित हुए और 42 नये यूनीकॉर्न परिदृश्य में उभरे तथा 11 आईपीओ जारी किये गये।
इस साल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2,250 से अधिक स्टार्ट अप स्थापित हुए और अब तक की सर्वाधिक 24 अरब डॉलर से अधिक पूंजी जुटायी गयी।
देश में वर्तमान में दो हजार से अधिक सॉफ्टवेयर उत्पाद कंपनियां और 1,000 सैस कंपनियां काम कर रही हैं। (आईएएनएस)