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रायपुर, 20 अप्रैल। भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर भा.प्र.सं. रायपुर ने बताया कि स्टैनफोर्ड के बायोडिज़ाइन के साथ स्वास्थ्य में नवाचार पर छत्तीसगढ़ के लिए एक गोलमेज़ चर्चा का आयोजन किया। इस गोलमेज़ चर्चा में छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के नेताओं, एम्स रायपुर के नेताओं, एनआईटी रायपुर, साथ ही भा.प्र.सं. रायपुर और स्टैनफोर्ड बायोडिज़ाइन टीम की भागीदारी देखी गई।
आईआईएम ने बताया कि प्रोफेसर राम कुमार काकानी, भा.प्र.सं. रायपुर के निदेशक, ने चर्चा के संदर्भ और प्राथमिकताओं को निर्धारित करके चर्चा की शुरुआत की। प्रोफेसर काकानी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को दर्शाया। चर्चा इस बात पर केंद्रित हुई कि स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार की आवश्यकता है ताकि जिन लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है, उन्हें सेवाएं पहुंच सकें।
आईआईएम ने बताया कि समूह ने इस बात पर जोर दिया कि टेलीमेडिसिन और प्रौद्योगिकी राज्य के सबसे दूरदराज क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने इस बारे में चर्चा की कि बड़े शहरों में इलाज के लिए रोगी की यात्रा की समस्या भी है। समूह ने यह भी महसूस किया कि ऐम्स जैसे तृतीयक अस्पतालों पर बोझ को कम करने की आवश्यकता है जैसा कि उन्हें उनके शहर या गाँव में इलाज कराकर या टेलीमेडिसिन के माध्यम से करना होगा।
आईआईएम ने बताया कि आगे, समूह ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चुनौतियों पर विचार किया, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सबसे बड़ी चुनौती में से एक ग्रामीण क्षेत्रों में मानव संसाधन है। समूह ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि प्रौद्योगिकी इस अंतराल को पूरा कर सकती है और समस्याओं को हल कर सकती है। सरकार की मौजूदा नीतियों जैसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) और अन्य का उपयोग स्वास्थ्य में नवाचार के लिए किया जा सकता है।