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छत्तीसगढ़ में लगभग 12-15 हजार शादियों अनुमानित, 3 हजार+ करोड़ से ज्यादा व्यापार की संभावनाएं-कैट
31-Mar-2022 2:43 PM
रायपुर, 31 मार्च। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
श्री पारवानी ने बताया कि इस वर्ष होली के त्योहारी सीजन में लगभग 30 प्रतिशत व्यापार वृद्धि से हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर छत्तीसगढ़ सहित देश भर के व्यापारी अब शादी के सीजन की बिक्री की तैयारियों में जुट गए हैं और उम्मीद है की 14 अप्रैल से शुरू होकर 9 जुलाई तक चलने वाले इस शादी के सीजन में प्रदेश सहित देश भर में लगभग 40 लाख शादियों होने का अनुमान है और इस सीजन में लगभग 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होगा।
श्री पारवानी ने बताया कि अकेले छत्तीसगढ़ में इस सीजन में लगभग 12 से 15 हजार से ज्यादा शादियों होने का अनुमान है जिससे छत्तीसगढ़ में ही लगभग 3 हजार करोड़ रुपए के व्यापार की सम्भावना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के पूरे प्रतिबंध हटने के बाद अब यह पहला मौका है जब प्रदेश सहित देशभर के व्यापारी कोरोना से हुए व्यापार के नुकसान की कुछ भरपाई होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि गत दो वर्षों में कोविड एवं शादियों के बेहद कम मुहूर्त के दिन होने तथा सरकार द्वारा लगाए अनेक प्रतिबंधों के चलते शादियाँ बहुत ही छोटे स्केल पर तथा कम संख्या में हुई थी । एक लम्बे अर्से के बाद शादियों के सीजन में मुहूर्त के अनुसार 43 दिन का इस बार शादियों का मुहूर्त आया है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत एवं पैंट आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साडिय़ां, लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, किराना, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होने की आशा है।