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छत्तीसगढ़ का पहला गोल्ड नी-घुटने प्रत्यारोपण रामकृष्ण केयर में
19-Apr-2022 8:47 AM
छत्तीसगढ़ का पहला गोल्ड नी-घुटने प्रत्यारोपण रामकृष्ण केयर में
रायपुर, 17 अप्रैल। जॉइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञ डॉ अंकुर सिंघल ने बताया कि घुटने के प्रत्यारोपण में गोल्ड नी लगाना एक सुनहरे अध्याय जैसा है। सामान्यत: प्रत्यारोपण करके जो घुटना लगाया जाता है उसके मुकाबले इस घुटने की क्षमता बहुत अधिक होती है। यह लगभग 30 साल तक बिना किसी तकलीफ के कार्य करता है। इसकी संरचना इतनी मजबूत होती है कि यह कम घिसता है। यह हड्डी के काफी करीब लगाया जाता है जिससे हड्डी के कमजोर होने की संभावना काफी कम हो जाती है। साथ ही यह एलर्जी से बचाव करता है, जिन लोगों को मेटल से एलर्जी होती है उनके लिए गोल्ड नी वरदान है।
 
कोबाल्ट क्रोमियम पर टाइटेनियम, निओवियम, नाइट्रेट की कोटिंग के कारण इसका रंग पीला होता है, इसलिए इसे गोल्ड नी कहा जाता है। सबसे खास बात यह है कि यह घुटना टॉक्सिन रिलीज़ नहीं करता, बॉडी फ्लूइड से मिलने पर रिएक्शन नही करता है, इससे किसी तरह के पार्टिकल या कण भी नहीं  निकलते जिसकी वजह से यह शरीर में आसानी से सेट हो जाता है। डॉक्टर सिंघल ने बताया कि गोल्डन नी लगाने से जॉइंट ढीला नहीं पड़ता क्योंकि यह हड्डी के काफी करीब लगता है और उसकी हड्डी से बॉन्ड या जुड़ाव बहुत अच्छा होता है। यही वजह है कि राज्य में इस तरह का प्रत्यारोपण, अंगों के प्रत्यारोपण के क्षेत्र में  बेहद सुखद, सुरक्षित और सार्थक कदम है।

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