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26 हजार टन कोयले के साथ 11 घंटे में कोरबा से नागपुर पहुंची
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 अगस्त। रेलवे ने कोरबा से नागपुर के बीच कोयले से लदी 3.5 किलोमीटर लंबी ट्रेन चलाई। इसमें 295 बोगियां थीं जिसका वजन 25 हजार 962 टन था।
इस मालगाड़ी को सुपर वासुकी नाम दिया गया और आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर बीते 15 अगस्त को चलाया गया। आम तौर पर एक मालगाड़ी में 90 वैगन होते हैं और इनमें करीब 9000 टन कोयला लोड किया जाता है। कई पावर प्लांट इस समय कोयले की संकट से जूझ रहे हैं। आपात् स्थिति में सुपर वासुकी जैसी ट्रेनों से किसी पावर प्लांट के लिए शीघ्रता से पर्याप्त कोयले की आपूर्ति की जा सकती है।
रेल मंत्री अश्वनी उपाध्याय ने इस ट्रेन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से बताया गया है कि सुपर वासुकी की क्षमता 5 लोडेड मालगाड़ियों के बराबर थी और इसे खींचने के लिए 6 इंजन लगाए गए थे। इसकी लंबाई 3.5 किलोमीटर थी। पहली बार भारतीय रेल के किसी एक ट्रेन में करीब 26 हजार टन कोयले का परिवहन किया गया। यह इतना कोयला था कि 3000 मेगावाट के एक पॉवर प्लांट के लिए पूरे दिनभर की जरूरत पूरी हो सकती है। कोरबा से 15 अगस्त को यह ट्रेन दोपहर 1.50 बजे रवाना हुई थी जो 11.20 घंटे में 267 किलोमीटर की दूरी तय कर नागपुर पहुंची।