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NASA/JHU-JPL
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का डार्ट स्पेसक्राफ्ट, एस्टेरॉयड डिमोरफोस से टकराकर ध्वस्त हो गया है.
इस टक्कर को जानबूझ कर कराया गया ताकि पता लगाया जा सके कि क्या धरती की ओर से आने वाले एस्टेरॉयड या स्पेस रॉक रास्ते से हटाए जा सकते हैं.
डार्ट के कैमरे ने टारगेट को हिट करने तक प्रति सेकंड तस्वीरें भेजी.
नासा के वैज्ञानिकों को इस प्रयोग की असल कामयाबी का पता लगाने में कुछ हफ़्तों का समय लगेगा.
वो मिशन की कामयाबी की पुष्टि करेंगे या फिर डिमोरफोस के चारों ओर दूसरे एस्टेरॉयड डिडीमॉस के ऑर्बिट में हुए बदलावों के पड़ताल करेंगे.
लेकिन फिलहाल मकसद एस्टेरॉयड से डार्ट को टकराना था और वो सफल रहा है.
धरती पर करीब दो दर्जन के अधिक टेलीस्कोप इन दोनों चट्टानों की बारीकी से जांच करेंगे.
टक्कर से पहले डिमोरफ़ोस को 780 मीटर चौड़े एस्टेरॉयड का चक्कर काटने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लगा.
अब इस टक्कर के बाद ये समय थोड़ा कम हो सकता है. 22 हज़ार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से चलने वाले डार्ट प्रोब में पहले एक छोटी चट्टान को बड़ी चट्टान से अलग करना था.
स्पेसक्राफ़्ट में लगे नेविगेशन सॉफ्टवेयर ने फिर आमने-सामने की टक्कर सुनिश्चित करने के लिए थ्रस्टर फायरिंग की.
डार्ट का मतलब है – डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट.
डिमोरफोस के आकार के बराबर की कोई भी चीज़ अगर धरती पर गिरती है तो करीब एक किलोमीटर के घेरे में 100 मीटर गहरा गड्ढ़ा हो सकता है.
इससे होने वाला नुकसान बेहद भीषण होगा. इसलिए वैज्ञानिक लगातार इस खोज में हैं कि क्या अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी चट्टानों को नष्ट किया जा सकता है, या उनका रास्ता बदला जा सकता है. (bbc.com/hindi)