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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 दिसंबर। राज्य की एक महत्वपूर्ण अफसर, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया को आज दोपहर बाद ईडी ने गिरफ्तार किया, और शाम को विशेष अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौम्या को 4 दिनों की रिमांड दी है। ईडी ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी। इससे पहले आज दोपहर करीब 4 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। पहले अंबेडकर मेडिकल जांच कराया गया।
प्रदेश में इन दिनों मनी लॉड्रिंग और कोल घोटाले के मामलों की जांच चल रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दो बरस में सौम्या चौरसिया सहित कई अधिकारियों पर आईटी और ईडी के छापे पड़े थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महीनों से लगातार यह सार्वजनिक बयान देते आ रहे हैं कि केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां राज्य में नाजायज तरीके से अधिकारियों और कारोबारियों पर दबाव डाल रही हैं। उन्होंने दो दिन पहले आधा दर्जन ट्वीट करके भी ईडी और आईटी अधिकारियों पर पूछताछ के दौरान हिंसा करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में सौम्या के वकील फैजल रिजवी ने मीडिया को बताया कि ईडी ने सौम्या के रिमांड आवेदन में यह बताया कि सौम्या ने अपनी माता-पिता, और चार भाईयों के लिए जो जमीनें खरीदी हैं वह सस्ते में लेकर महंगे में बेचीं इससे उन्होंने कमाई कीं। ये सारी जमीनें सौम्या के नाम पर नहीं हैं, ये उनके रिश्तेदारों के नाम पर है। सौम्या ने यह भी कहा कि ये जमीनें पुरानी हैं और ये मेरे पिता के नाम की हैं। इन्हें बेचकर डायवर्सन हुआ है जिससे इनकी कीमतें बढ़ गई और ज्यादा दाम मिला। उनके रिमांड आवेदन में कोयला घोटाले से कोई कनेक्शन नहीं दिखा है। रिजवी का कहना है कि ईडी ने कहा है हो सकता है कि जो कोल घोटाले से पैसा आया उससे जमीनें खरीदी। ईडी ने अनुमान लगाया है और जो खरीदी गई है वह इन्कमटैक्स के दायरे में आता है। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 4 दिन की मंजूर की। छह तारीख को 4 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा। अदालत ने मानवाधिकार के तहत महिलाओं को मिलने वाले गाईड लाइन को फॉलो करने कहा।