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अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा.
दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में शामिल गौतम अदानी के कंट्रोल वाले अदानी समूह की सात कंपनियां शेयर बाज़ार में लिस्टेड हैं और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद इन कंपनियों की बाज़ार पूंजी में बुधवार से 48 अरब डॉलर का नुक़सान दर्ज किया गया है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के अमेरिकी बॉन्ड्स में भी गिरावट दर्ज की गई है. रिसर्च फर्म की रिपोर्ट में कंपनी के कर्जों और टैक्स हैवेंस (कर चोरी के लिए इस्तेमाल होने वाली जगहों) के उपयोग को लेकर चिंता जाहिर की गई थी.
शुक्रवार को अदानी समूह के एफ़पीओ को लेकर भी निवेशकों का ठंडा रुख रहा. एफ़पीओ इशू को एक फ़ीसदी से भी कम बिडिंग मिली है.
रिसर्च फर्म एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज़ के सौरभ जैन समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहते हैं, "ये बिकवाली बेहद गंभीर है.... इसने साफ़ तौर पर बाज़ार में निवेशकों की भावनाएं आहत कर दी हैं."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ अदानी समूह को आशंका है कि कंपनियों के शेयरों में गिरावट का ये सिलसिला 31 जनवरी तक जारी रह सकता है और मार्केट रेगुलेटर सेबी भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है. सेबी और अदानी समूह की ओर से इन रिपोर्टों पर आधिकारिक तौर से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
अदानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि वे क़ानूनी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद अरबपति गौतम अदानी दुनिया के तीसरे सबसे दौलतमंद शख़्स के ओहदे से फिसलकर अब सातवें पायदान पर पहुंच गए हैं. (bbc.com/hindi)