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नई दिल्ली, 7 फरवरी । भारतीय उद्योगपति गौतम अदानी लगातार ख़बरों में बने हुए हैं.
मंगलवार की सुबह अखबारों के पहले पन्ने पर भी गौतम अदानी की सुर्खियां बनी हुई हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की ख़बर के मुताबिक़, अदानी ग्रुप के प्रमोटर्स तय वक़्त से पहले लोन चुका रहे हैं. इस लोन को चुकाने की तारीख़ सितंबर 2024 थी.
मगर अदानी समूह ने फ़ैसला किया है कि वो इसका भुगतान पहले ही करेगा. कंपनी के मुताबिक़, अदानी पोर्ट्स, अदानी ट्रांसमिशन और अदानी ग्रीन एनर्जी के गिरवी शेयर अब रिलीज़ किए जाएंगे.
इसी के तहत अदानी पोर्ट्स के 168 मिलियन, अदानी ग्रीन एनर्जी के 27 मिलियन और अदानी ट्रांसमिशन के लगभग 11 मिलियन गिरवी शेयर छुड़ाए जाएंगे.
ये लोन 1.11 बिलियन डॉलर यानी लगभग नौ हज़ार करोड़ रुपये का है. अदानी समूह का ये फ़ैसला ऐसे वक़्त में हुआ है, जब कंपनी पर विश्वसनीयता का संकट बना हुआ है.
माना जा रहा है कि गौतम अदानी ने ये फ़ैसला निवेशकों और बाज़ार के बीच अपना भरोसा बनाए रखने के लिए किया है ताकि ये संदेश जाए कि कंपनी के पास वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं है.
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अदानी समूह आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. यही नहीं, यूरोपीय फ़ाइनेंशियल कंपनी क्रेडिट सुइस ने भी अदानी के बॉन्ड्स की वैल्यू शून्य कर दी थी और अपने ग्राहकों को इन बॉन्ड्स के बदले लोन देने से इनकार कर दिया था.
रिपोर्ट के आने से पहले गौतम अदानी एक वक़्त में दुनिया के तीसरे सबसे रईस कारोबारी थे.
मगर रिपोर्ट आने के बाद गौतम अदानी दुनिया के टॉप 20 रईसों की लिस्ट से भी बाहर हो गए. नतीजतन गौतम अदानी के नीचे खिसकने से मुकेश अंबानी एक बार फिर एशिया के सबसे रईस आदमी बन गए हैं.
हिंडनबर्ग एक अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है. इस कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में अदानी समूह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही हिंडनबर्ग ने अदानी समूह से 88 सवाल भी पूछे थे.
इस रिपोर्ट का असर यूं भी समझिए कि पिछले हफ़्ते की शुरुआत में अदानी समूह की कंपनियों का कुल मूल्य 220 अरब डॉलर था, लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ये लगभग आधा हो गया है.
अदानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के इन आरोपों को ख़ारिज किया था.
अदानी पर लगे आरोपों को लेकर विपक्ष भी केंद्र सरकार को घेर रहा है और जांच की मांग कर रहा है. (bbc.com/hindi)