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-दिलीप कुमार शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर "घमंडी" होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा,"सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को जिस बयान के लिए सजा सुनाई उसके लिए उन्होंने माफी नहीं मांगी. न ही उन्होंने बीते पांच साल तक ओबीसी समुदाय के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी को वापस लिया है. इससे यह साबित होता है कि उन्होंने यह बयान जानबूझकर दिया था."
मुख्यमंत्री सरमा ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने से जुड़े मसले पर पत्रकारों से कहा,"भारत सरकार ने राहुल गांधी को अयोग्य नहीं ठहराया है.’’
‘’ राहुल गांधी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है और उस फैसले के आधार पर उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया है. लिहाजा यह कानूनी कार्रवाई है इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं है."
उन्होंने आगे कहा,"राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनावी भाषण में ओबीसी समुदाय का अपमान किया था.’उस बयान के बाद देश के कई हिस्सों में उनके खिलाफ मामले दर्ज हुए.यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश में भी उन पर मामले दर्ज हुए. क्योंकि उस समुदाय के लोग अरुणाचल प्रदेश में भी रहते है.''
‘’उनके बयान वाली बात को पांच साल हो गए है. कोर्ट का यह फैसला कोई दो दिन या फिर एक महीने के भीतर नहीं आया है.लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘’उस बयान के तुरंत बाद उनको माफी मांग लेनी चाहिए थी. कभी-कभी जुबान फिसल जाती है और हमने भी इसका अनुभव किया है, लेकिन हम माफी मांगते हुए एक बयान जारी करते हैं, यह कहते हुए कि यह अनजाने में हुआ था.
‘’इससे वो मामला वहीं खत्म हो जाता. इससे पता चलता है कि राहुल गांधी ने जानबूझकर ओबीसी समुदाय का अपमान किया था."
साल 2019 का ये मामला 'मोदी सरनेम' को लेकर राहुल गांधी की एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी और अन्य का नाम लेते हुए कहा था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" (bbc.com/hindi)