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BBC/DILIPKUMAR
-दिलीप कुमार शर्मा
असम के माजुली स्थित एक प्राइवेट इंग्लिश स्कूल के शिक्षक के छात्रों को अनुशासन सिखाने के तरीके को लेकर विवाद हो गया है.
स्कूल के एक शिक्षक ने छात्रों के हेयर स्टाइल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुबह की प्रार्थना सभा में खुद कैंची लेकर कथित रूप से 30 से अधिक बच्चों के बाल काट दिए.
यह घटना गुरुवार सुबह माजुली के एक नंबर गांव चेरपाई की है. स्कूल को चलाने का काम नागालैंड की चाखेसांग बैप्टिश चर्च करती है.
घटना के मीडिया में आने के बाद माजुली जिला उपायुक्त ने मामले में जांच करने का आदेश दिया है.
इस घटना को लेकर कई छात्रों के अभिभावकों ने नाराजगी जताई है. एक अभिभावक ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया, "मैं समझता हूं कि छात्रों को साफ यूनिफॉर्म पहनने के साथ ही खुद को साफ सुथरा रखना चाहिए, लेकिन स्कूल के अधिकारियों को मेरे बच्चे के बाल इस तरह काटने का अधिकार किसने दिया?"
"मेरा बेटा रोता हुआ घर आया था. उसके सामने के बाल कटे हुए थे. मुझे उसके लिए बहुत दुख हुआ. वह अब स्कूल जाने से मना कर रहा है क्योंकि उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही है."
माजुली में लंबे समय से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार पुण्य सैकिया कहते है, "मैंने कई अभिभावकों से बात की है. वे स्कूल के ऐसे व्यवहार से बेहद गुस्सा है. स्कूल के बच्चों के साथ ऐसा करना किसी को भी स्वीकार्य नहीं होगा."
"अब कुछ बच्चे स्कूल जाने से डरेंगे. शिक्षक ने छात्रों की सहमति के बिना बेतरतीब तरीके से उनके बाल काट दिए. इस घटना से तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी."
ऐसे आरोप लग रहें है कि शिक्षक ने कथित तौर पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका के निर्देश पर इस कार्य को अंजाम दिया था.
अभिभावकों से स्कूल की तरफ से अपने बचाव में कहा गया कि छात्रों को कई बार बाल काटने की चेतावनी दी थी लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने स्थानीय मीडिया में कहा कि उनके पास हर छात्र को बुलाने और उन्हें अनुशासित करने का समय नहीं है.
उन्होंने छात्रों को एक बार नहीं, बल्कि कई बार चेतावनी दी थी. अगर छात्र नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.