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रायपुर, 6 जनवरी। शा. ना. स्ना. विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय दिनांक 4 और 5 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय वेबीनार प्लैंकटन बायोलॉजी पर आयोजित किया गया। डॉ कविता दास, ऑर्गेनाइजिंग सचिव, द्वारा वेलकम ऐड्रेस के बाद डॉ. पीसी चौबे, प्राचार्य द्वारा वेबीनार की उपयोगिता व महत्व के बारे में बताया गया। डॉ. सीमा गुप्ता, संयोजक ने वेबीनार की जानकारी दी।
मेक्सिको से डॉ एस एस एस सरमा तथा डॉ नंदिनी सरमा ने बेसिक बायोलॉजी ऑफ़ रोटिफेर्स, क्लेड़ोसिरंस व कोपीपोड्स विथ एम्फेसिस ऑन स्पीशीज विथ एप्लीकेशन एस टेस्ट ओर्गानिस्मस पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ. एस एस एस सरमा द्वारा विस्तृत में इकोटॉक्सिकोलॉजी व प्लैंकटनस के बारे में बताया गया उन्होंने बताया कि कैसे इतने छोटे जीव वातावरण के लिए बायोलॉजिकल इंडिकेटर व मार्कर की तरह कार्य करते हैं।
डॉ. विमल कानूनगो, शा.योगानंद छत्तीसगढ़ कॉलेज, रायपुर द्वारा रायपुर शहर के तालाबों में पाए जाने वाले फाईटोप्लैंकटनस पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसी सत्र में डॉक्टर नंदिनी शर्मा द्वारा लारवल फिश के सर्वाइवल को बढ़ाने के लिए किस तरह प्रीडेशन प्रयोग डिजाइन किया जा सकते हैं पर प्रकाश डाला। दूसरे तकनीकी सत्र में डॉक्टर एस एस एस शर्मा द्वारा जूप्लैंकटनस के आधार पर कैसे पानी की गुणवता को जांचा जाता है पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. म एल नायक, सदस्य बायोडायवर्सिटी छत्तीसगढ़ स्टेट के द्वारा छत्तीसगढ़ के तालाबों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार प्लैंकटनस और उन तालाबों के पानी की गुणवत्ता पर जानकारी दी। मुख्य वक्ता डॉ सुरेंद्र घासकडवी, आगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणे, महाराष्ट्र के द्वारा हाइड्रा एस ए मॉडल सिस्टम टू स्टडी इवोल्यूशन ऑफ़ सेल सेल-सिगनलिंग पर विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ कविता दास द्वारा सेमिनार का संक्षिप्त विवरण दिया गया।
अंत मेमें डॉ रेनू माहेश्वरी वेबीनार की सह-संयोजक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया । वेबीनार के संयोजक समिति के सदस्य डॉ प्रीति मिश्रा, श्रीमती इंदु मंडरिक, डॉ शशि गुप्ता, श्रीमती गुंजन ओझा, डॉ पल्लवी सिन्हा, श्री सतीश रामटेके, डॉ संगीता बाजपेई, डॉ सुनीता पात्रा थे।