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रायपुर, 9 मई । रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि अपने आचरण, व्यवहार और सोच को सकारात्मक बनाकर बुरी आदतों, व्यसनोंं आदि से स्वयं को मुक्त करना ही सच्चे अर्थों में व्यक्तित्व का विकास करना है। हमारे शारीरिक, बौद्घिक और व्यक्तित्व विकास के लिए राजयोग की साधना बहुत ही उपयोगी है।
ब्रह्माकुमारी सविता दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आयोजित समर कैम्प में जीवन में नैतिकता विषय पर बोल रही थीं। उन्होंने बच्चों को स्वयं में विशेषताएं भरकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत ही उपयोगी सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि जैसे लोग अपने बाह्य स्वरूप को सजाने सॅंवारने के लिए ब्यूटी पार्लर में जाते है उसी प्रकार अपने आंतरिक स्वरूप को निखारने के लिए ऐसे पार्लर की आवश्यकता है, जहॉं अंतर्मन को दिव्य गुणों और मानवीय मूल्यों से सजाया जा सके। जीवन में सम्मान एवं आज्ञाकारिता का महत्व बतलाते हुुए उन्होंंने बच्चों से कहा कि हमेंं अपने बड़ोंं का आदर करना चाहिए तथा उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए इससे न केेवल बड़े-बुजुर्गों की बल्कि भगवान की भी दुआएं मिलती हैैंं।