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रायपुर, 14 जनवरी । मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सोमवार, 15 जनवरी को टाटीबंध स्थित भगवान श्री अय्यप्पा के मंदिर में पूजा आराधना के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष श्री गोपाल मेनोन ने बताया कि नववर्ष में ग्रहों की विपरीत दशाओं के कारण संभावित दोषों से मुक्ति हेतु शनिश्वर भगवान श्री अय्यप्पा के मंदिर में सोमवार 15 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभअवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष श्री गोपाल मेनोन ने बताया कि भारत के केरल राज्य में स्थित सबरीमाला मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। सबरीमाला मंदिर भगवान श्री अय्यप्पा को समर्पित है जिन्हें भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का स्वरूप) का पुत्र माना गया है। जब भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया था तब भगवान शिव उन पर मोहित हो गए थे जिसके फलस्वरूप भगवान श्री अय्यप्पा का जन्म हुआ।
श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष श्री गोपाल मेनोन ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के विशेष अवसर पर सबरीमाला मंदिर में रात्रि में एक ज्योति दिखाई देती है, इस दिव्य ज्योति को लेकर मान्यता है कि यह एक देव ज्योति है जिसे भगवान स्वयं प्रज्जवलित करते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर दिखने के कारण इसे मकर ज्योति भी कहा जाता है।
श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष श्री गोपाल मेनोन ने बताया किजो भक्तजन यहां दर्शन के लिए आते हैं उन्हें 41 दिन पहले से मांसाहारी भोजन का त्याग करना पड़ता है तथा ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना पड़ता है।मान्यता है कि जो भक्तजन रूद्राक्ष या तुलसी माला धारण कर यह व्रत रखते हैं और मंदिर जाकर भगवान श्री अय्यप्पा का दर्शन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।