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रायपुर, 6 फरवरी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने बताया कि तीसरी तिमाही में 17.89त्न की जमा वृद्धि के साथ पीएसयू बैंकों में सबसे आगे, इसके पश्चात 12.84त्न के साथ एसबीआई दूसरे स्थान पर रहा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं के बीच जमा संग्रहण के मामले में सबसे अधिक वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि अधिकांश ऋणदाताओं को डबल डिजिट वृद्धि प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
बैंक ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से, केवल बैंक ऑफ महाराष्ट्र और भारतीय स्टेट बैंक ही दिसंबर 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में जमाराशियों में डबल डिजिट वृद्धि दर्ज कर सके। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रकाशित तिमाही आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने जमाराशियों में 17.89त्न की वृद्धि दर्ज की है, इसके पश्चात एसबीआई ने 12.84त्न की वृद्धि दर्ज की है।
बैंक ने बताया कि तथापि, बीओएम की रु.2,45,734 करोड़ की तुलना में एसबीआई की कुल जमा राशि लगभग 18.5 गुना अधिक रु.45,67,927 करोड़ रही। जमाराशियों में 9.53त्न की वृद्धि के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तीसरे स्थान पर रहा, जबकि पंजाब नैशनल बैंक ने 9.10त्न की वृद्धि दर्ज की। कम लागत वाली कासा जमाराशियों के मामले में, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 50.19त्न के साथ चार्ट में शीर्ष पर रहा, उसके पश्चात सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 48.98त्न के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
बैंक ने बताया कि चालू खातों और बचत खातों का उच्च स्तर बैंकों को अपनी निधियों की लागत को कम बनाए रखने में सहायता करता है। आस्ति गुणवत्ता के मामले में, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और एसबीआई ने 31 दिसंबर, 2023 को क्रमश: 2.04त्न और 2.42त्न के साथ न्यूनतम सकल अनर्जक आस्तियां सूचित कीं। निवल एनपीए के संबंध में, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन बैंक ने सबसे कम निवल एनपीए क्रमश: 0.22त्न और 0.53त्न रिपोर्ट किया है।