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‘छत्तीसगढ़’ संवादाता
बिलासपुर, 25 अप्रैल। तोरवा क्षेत्र में दो साल पहले हुए 13 साल की बच्ची को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप करने के मामले में दोषी चार आरोपियों की अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। ट्रायल कोर्ट ने इन्हें 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है।
अभियोजन के मुताबिक घटना जनवरी 2022 की है। लालखदान क्षेत्र में एक मंदिर से निकल रही 13 साल की पीड़िता को आरोपियों ने जबरदस्ती रोका और उन्हें सूनसान जगह पर ले गए। आरोपियों ने उनके साथ मारपीट भी की। दो युवकों ने बच्ची के साथ रेप किया जबकि बाकी दो उनकी रखवाली कर रहे थे। वे बच्ची को उसी हालत में छोड़कर वहां से भाग गए। बच्ची को मंदिर की ओर खोजने के लिए परिजन पहुंचे तो उन्हें रास्ते में जख्मी हालत में बैठे पाया। पीड़ित बच्ची उन चारों को पहचान रही थी। उनके खिलाफ तोरवा थाने में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई। जुलाई 2023 में फास्ट्र ट्रैक कोर्ट ने आरोपी सूरज यादव, महेश पासी, सूरज सूर्यवंशी और दीपक निषाद को पॉक्सो एक्ट 5 जी (6) के तहत 20-20 साल की सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 366 ए/ 34 में 10 साल तथा 363/34 में सात-सात साल की सजा सुनाई गई। अपनी सजा के खिलाफ दोषियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दी है।