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जम्मू, 30 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के रामबन और बनिहाल के बीच भारी बारिश और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई और उफनते नालों में एक अन्य बह गया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ जिसकी वजह से दूसरे दिन भी राजमार्ग को वाहनों के आवागमन के लिए बंद रखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार देर शाम रियासी, रामबन, डोडा और जम्मू जिलों से डूबने की घटनाएं सामने आईं। उन्होंने बताया कि बचावकर्मियों ने चार शव बरामद कर लिए हैं जबकि एक लड़की की तलाश अभी भी जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि मोहम्मद शफी (65) और मुमीरा बानो (17) सोमवार को रियासी में देवल और डुंगा नाले को पार करते समय दुर्घटनावश उनमें गिर गए।
उन्होंने बताया कि शफी का शव बरामद कर लिया गया है और बानो के शव की तलाश की जा रही है। बानो गूल से एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए गांव आई थी।
उन्होंने बताया कि जम्मू शहर के बाहरी इलाके गढ़ी गढ़ में एक नाला पार करते समय कौशल कुमार नामक व्यक्ति डूब गया। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानीय स्वयंसेवकों ने दोपहर उसका शव बरामद कर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि डोडा जिले में मल्लन-डेसा निवासी फिरदौस अहमद (13) का शव मंगलवार सुबह कुंड नाले से मिला। उन्होंने बताया कि वह नाला पार कर रहा था तभी तेज धार में बह गया था।
अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में, रामबन जिले के करूल इलाके में एक पहाड़ी से लुढ़कते पत्थर की चपेट में आने के बाद करूल निवासी याकूद मीर (13) नदी में गिर गया। मीर का शव बरामद कर लिया गया है।
पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और जलाशयों का जल स्तर बढ़ गया है। इससे पहले किश्तवाड़ और रामबन जिलों में कम से कम दो दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में चार स्कूली बच्चों और दो महिलाओं को स्थानीय लोगों ने सोमवार शाम को मेंढर क्षेत्र के कलार मोडा ओडा गांव में तब बचाया जब वे एक नाले को पार करते समय अचानक उसके उफना जाने से फंस गए थे।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को मौसम में सुधार आया है और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए शुरू करने का काम तेज कर दिया गया है। हालांकि, राजमार्ग अभी भी वाहनों के लिए बंद है। राजमार्ग को मेहर, पंथियाल, मौम पासी और किश्तवारी पथेर सहित कई स्थानों पर भूस्खलन और चट्टान गिरने की वजह से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। (भाषा)