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संसद को नए आपराधिक कानूनों की पुन: समीक्षा करनी चाहिए: मनीष तिवारी
01-Jul-2024 11:32 AM
संसद को नए आपराधिक कानूनों की पुन: समीक्षा करनी चाहिए: मनीष तिवारी

चंडीगढ़, 1 जुलाई। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संसद से नए आपराधिक कानूनों की पुन: समीक्षा करने की मांग की और दावा किया है कि ये कानून देश को ‘‘पुलिस स्टेट’’ में बदलने की नींव रखते हैं।

‘पुलिस स्टेट’ वह होता है जहां राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन पर सरकार का पूरी तरह से नियंत्रण होता है।

चंडीगढ़ के सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘एक जुलाई 2024 (आज) को मध्य रात्रि 12 बजे से लागू किए गए नए आपराधिक कानून के साथ ही, भारत को पुलिस स्टेट में बदलने की नींव रखी गई है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनका क्रियान्वयन तत्काल रोका जाना चाहिए तथा संसद को इनकी पुनः समीक्षा करनी चाहिए।

देश में सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिशकालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। (भाषा)

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