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![राजपथ-जनपथ : विस्तार कब? राजपथ-जनपथ : विस्तार कब?](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1719828597hadhi_Chauk_NEW_1.jpg)
विस्तार कब?
साय कैबिनेट के विस्तार की चर्चा है, लेकिन कब होगा यह तय नहीं है। सीएम विष्णुदेव साय कह चुके हैं कि उपयुक्त समय पर कैबिनेट का विस्तार होगा। इन चर्चाओं के बीच संगठन के दो प्रमुख नेता अजय जामवाल, और पवन साय तीन दिन दिल्ली में थे। प्रदेश अध्यक्ष किरण देव भी प्रदेश की सांसदों की बैठक के सिलसिले में दिल्ली गए थे।
कुछ नए और पुराने विधायक भी कैबिनेट में जगह मिलने की आस में दिल्ली में डेरा डाले रहे। हालांकि दिल्ली में राष्ट्रीय नेता संसद सत्र के चलते व्यस्त हैं। ये विधायक, सांसदों के ही आगे-पीछे होते रहे। मगर कैबिनेट विस्तार के मसले पर किसी को कोई आश्वासन नहीं मिला है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में समय लग सकता है।
ऑडिट रिपोर्ट के बाद क्या?
छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद 2019 में सीएजी की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें पाया गया था कि ई प्रोक्योरमेंट के नाम पर रमन सरकार के कार्यकाल में कम्प्यूटर के जरिये टेंडर भरने में भारी गड़बड़ी की गई थी। एक ही कम्प्यूटर से अलग-अलग टेंडर भरे गए थे, जिनमें से तो कुछ अफसरों के घर के कम्प्यूटर थे। इसके जरिये सीएजी ने 17 विभागों में करीब 4100 करोड़ के टेंडर देने में घोटाला पाया था। नई-नई सरकार में आई कांग्रेस के मंत्रियों ने इसे बड़ा भ्रष्टाचार बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी। सरकार को सीएजी ने स्वतंत्र जांच का सुझाव दिया था। उस मामले में क्या हुआ यह आज तक पता नहीं चला है। अब डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के कार्यकाल के दौरान 660 करोड़ रुपये की खरीदी पर सीएजी ने सवाल उठाया है। यह जानकारी खुद मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी है। दूसरी ओर डिप्टी सीएम अरुण साव ने न केवल नगरीय निकायों में प्री-ऑडिट का आदेश दिया है, बल्कि इन निकायों में पिछले 4 साल के दौरान हुए खर्च की भी ऑडिट करने का निर्देश दिया है। सरकारों के बदलने पर रिपोर्ट और बयान तो सुर्खियों में आती है, कुछ दिनों तक उनकी चर्चा होती है, पर कार्रवाई क्या हुई यह पता नहीं चलता।
महंगी सब्जियों में सबसे महंगी
मानसून के साथ ही छत्तीसगढ़ के जंगलों से निकला उत्पाद पुटू या मशरूम बाजार पहुंचने लगा है। शुरुआत में आ रहा पुटू 800 से 1000 रुपये तक किलो बिक रहा है, पर बाद में इसकी कीमत 400 से 500 रुपये किलो तक हो जाएगी। इस समय आ रहा पुटू नरम और अधिक स्वादिष्ट होने के चलते महंगा है। बाद में निकलने वाले पुटू की परत कुछ कठोर हो जाती है। यह छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जियों में एक है, जो केवल एक- दो माह ही मिल पाती है। एक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के जंगलों में पुटू की 150 से अधिक प्रजातियां हैं, लेकिन इनमें से 50 प्रजातियां ही खाने लायक होती हैं। पीले रंग के पुटू को तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
पुटू विशुद्ध वेज है, पर कई लोग नॉनवेज की फीलिंग के लिए भी इसे खाना पसंद करते हैं। इसे पकाने के लिए नॉनवेज के मसालों का उपयोग करते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल है, जो मौसम के संक्रमण से हमें बचाता है। पर अधिक खाने से पाचन में दिक्कत भी आ सकती है। ([email protected])