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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 3 जुलाई। डीएमएफ में भ्रष्टाचार छुपाने के लिए जल्दबाजी में बैठक का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, मैं इस समय संसद में हूं, पहले शपथ ग्रहण और अब संसद का सत्र जारी है, इस बीच में ऐसी क्या जल्दबाजी है कि मेरा इंतजार जिला प्रशासन नहीं कर सका। उक्त बातें ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए कोरबा सासंद ज्योत्सना महंत ने कही।
दरअसल, आज 3 जुलाई को डीएमएफ के शासी परिषद की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कोरबा सांसद उपस्थित नहीं हो सकी।
बैठक को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को 12 जुलाई के बाद रखे जाने की बात कही थी, बावजूद सांसद की अनुपस्थिति में बैठक का आयोजन 3 जुलाई को ही कर दिया गया।
ज्ञात हो कि शासी परिषद की बैठक में वर्ष 2023-24 के कार्यों का व्यय लेखा प्रस्तुतिकरण, लेखा परीक्षा रिपोर्ट के साथ 2024-25 की वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन किया जाना है। इस बैठक में सांसद की उपस्थिति बेहद अनिवार्य होनी थी, परन्तु वो संसद सत्र में है और इधर बैठक का आयोजन हो गया, जिस पर उन्होने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
बिना टेंडर हो रहा ऑडिट
वर्ष 2016- 17 में डीएमएफ की शुरूआत हुई उस समय बकायदा ऑडिट करने के लिए टेंडर बुलाए गए थे, 2018 तक टेंडी के जरीए डीएमएफ का ऑडिट हुआ करता था, बाद में अब बिना टेंडर ऑडिट किया जा रहा है। पूर्व में 15 हजार से 25 हजार तक ऑडिट फीस तक दिया गया है, परन्तु वर्ष 2022-23 में ऑडिट फीस 10 गुना हो गयी है, इसमें लगभग 2 लाख 57 हजार से ज्यादा की फीस दी गई है।
अब बैकुंठपुर में कई सीए काम कर रहे हैं, पूर्व में कोरिया जिले का ऑडिट यही के सीए किया करते थे, परन्तु अब बिलासपुर के सीए द्वारा ऑडिट किया जा रहा है।