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लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का करें निराकरण : चीफ जस्टिस सिन्हा
03-Jul-2024 11:09 AM
लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों का करें निराकरण : चीफ जस्टिस सिन्हा

वीसी के जरिए बैठक लेकर  तैयारी की समीक्षा की, 13 जुलाई को आयोजन

बिलासपुर, 3 जुलाई। प्रदेश की सभी अदालतों में 13 जुलाई को रखी जा रही नेशनल लोक अदालत तैयारियों के संबंध में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंस की और अधिक से अधिक प्रकरणों को राजीनामा के जरिये सुलझाने का निर्देश दिया।

चीफ जस्टिस सिन्हा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक भी हैं। इस कांफ्रेंस में प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी व हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय के अग्रवाल भी विशेष रूप से उपस्थित थे। न्यायाधीशों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के प्रधान जिला न्यायाधीश,अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर जजों से चर्चा कर लोक अदालत की तैयारी की समीक्षा की।

चीफ जस्टिस सिन्हा ने सभी न्यायाधीशों से आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत करने का निर्देश दिया। उन्होंने न्यायालयों में पांच वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं, विद्युत वितरण कंपनियों, बीएसएनएल, बीमा कंपनियों एवं अन्य के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले प्री-लिटिगेशन आवेदनों के पक्षकारों की प्री-सिटिंग कराकर अधिक-से-अधिक प्री-लिटिगेशन मामलों के निराकरण की आवश्यकता बताई ताकि ऐसे मामले न्यायालय में आने से पहले ही निराकृत हो जाएं। उन्होंने कहा कि पक्षकारों की सहमति से एवं विधि अनुसार अधिक से अधिक राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी से यथोचित प्रयास करने की अपेक्षा है।

मुख्य न्यायाधिपति ने  उच्चतम न्यायालय में  29 जुलाई 2024 से 03 अगस्त 2024 तक लगने वाले विशेष लोक अदालत पर भी चर्चा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित चिन्हांकित प्रकरणों में राजीनामा की संभावनाओं पर राज्य के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की और प्रधान जिला न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि विशेष रुचि लेकर पक्षकारों को नोटिस तामीली कराकर उनकी प्री-काउसिंलिंग इत्यादि की कार्रवाई करें और निगरानी करें।

 जस्टिस भादुड़ी ने  समस्त न्यायाधीशों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोक अदालतों में पूर्ण उत्साह और पूर्ण क्षमता से योगदान देने का आहवान किया। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से टीम वर्क के साथ कार्य करने को कहा। साथ ही पिछली लोक अदालत में निराकरण हुए प्रकरणों की संख्या को बढ़ाने कहा। जस्टिस अग्रवाल ने भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मामलों को चिन्हांकित कर उन्हें निराकृत करने पर जोर दिया।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई को किया जा रहा है। ये लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी एक साथ आयोजित किए जाते हैं।

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