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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 4 अगस्त। बुंदेली के जंगल में अवैध शिकार करने वाले एक गिरोह को स्थानीय वन विभाग ने आज धर दबोचा। गिरोह के कुल चार आरोपियों में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि एक आरोपी फरार बताया जा रहा है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को एक ग्रामीण ने क्षेत्र के वनरक्षक पुष्पा नेताम एवं डिप्टी रेंजर केके तिवारी को बुंदेली क्षेत्र के जंगल बेल्डीह एवं टिकरापारा के बीच दो भालू के मृत पड़े होने की सूचना दी। जिस पर दोनों ने जंगल जाकर देखा तो घटनास्थल पर तार भी फैली दिखी। इसके बाद शिकार की आशंका देखकर घटना की जानकारी वन विभाग के रेंजर यूआर बसन्त एवं एसडीओसी के. टिकरिहा को दी। जानकारी मिलते ही दोनों अधिकारियों ने डॉग स्क्वॉड को बुलाकर स्वयं घटनास्थल पहुंचे। घटनास्थल का मुआयना करने पर वहां से करीब एक किमी लम्बी जीआई तार मिली, जिसे गांव के पास के एक ट्रांसफॉर्मर से जोडक़र करंट प्रवाहित किया गया था।
इसके बाद वन अफसरों ने डॉग स्क्वॉड के पहुंचते ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। डॉग स्क्वॉड से विभाग के अधिकारियों को कुछ सुराग हाथ लगे। डॉग घटनास्थल से एक ग्रामीण रामजी निषाद के घर तक जाकर रूकता था। इसके बाद वन विभाग के मुखबिर ने रामजी के बारे में बताया कि वह पूर्व में भी शिकार के मामले में आरोपी रहा चुका है। इसकी खबर मिलते ही विभागीय अमले ने आज ही सुबह रामजी के घर में दबिश देकर चीतल के सींग एवं तार का फंदा बनाने में प्रयुक्त खूंटी जब्त कर उससे पूछताछ की। पूछताछ में रामजी ने अपराध कबूल कर तीन अन्य साथियों के नाम भी बताए।
करंट से करते हैं शिकार
रामजी निषाद (55)छिंदोली और उसके साथी नैनसिंह (38) एवं देवलाल (35) से पूछताछ में बताया कि वे जीआई तार जंगल में वन्य प्राणियों के अवागमन के रास्ते में खूंटी और बोतल की सहायता से फैला देते एवं ट्रांसफॉर्मर से इन तारों में करंट प्रवाहित कर देते थे। वे स्वयं दूर से चीतल एवं जंगली सुअर के फंसने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। तारों में फंसकर जैसे ही कोई जानवर करंट से गिरता है, बोतल भी आपस में टकरा कर आवाज करती और शिकारी करंट निकाल कर शिकार उठाकर ले जाते थे। परन्तु रविवार की रात शिकारियों के जाल में एक नर एवं एक मादा भालू फंस गए और करंट की चपेट में आने से जान गंवा बैठे।
घटना में प्रयुक्त जीआई एवं अन्य करंट प्रवाहित करने वाली तार, मांस काटने के औजार, खाली बोतल, लकड़ी की खूंटी और, साही के पंख आदि जब्त किए हैं। मामले में वन एसडीओसी के. टिकरिहा, रेंजर यूआर बसन्त, डिप्टी रेंजर कृष्ण कुमार तिवारी, वनरक्षक पुष्पा नेताम एवं सुरेश नवरंग सहित वन अमले का योगदान रहा।