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पेड़ को गले लगाती बाघिन की छुपे कैमरे से ली गई तस्वीर ने जीता अवॉर्ड
19-Oct-2020 3:21 PM
पेड़ को गले लगाती बाघिन की छुपे कैमरे से ली गई तस्वीर ने जीता अवॉर्ड

रूस के सर्गेई गोर्शकोव की इस तस्वीर को द एम्ब्रेस का नाम दिया गया है

जोनाथन एमोस

अगर आप दुनिया के दुर्लभतम जीवों में से किसी एक की तस्वीर खींचना चाहते हैं तो आपको अपने फन में माहिर होने के साथ ही बेहद खुशकिस्मत भी होना पड़ता है.

सर्गेई गोर्शकोव के साथ ये दोनों बातें हुईं. गोर्शकोव ने रूस के सुदूर पूर्वी इलाके के घने जंगलों में साइबेरिया या आमुर बाघ की स्तब्ध कर देने वाली जो तस्वीर ली है, वह ये दोनों बातें साबित कर देती है.

गोर्शकोव की इस तस्वीर ने उन्हें इस साल का सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव फ़ोटोग्राफ़र का तमगा दिला दिया.

गोर्शकोव की ली गई इस तस्वीर में एक बाघिन ने एक पेड़ को अपने आगोश में ले रखा है. बाघिन पेड़ की छाल से खुद को रगड़ती दिख रही है ताकि वहां अपनी गंध छोड़ सके. इस तरह इस नेशनल पार्क में वह अपना इलाका निर्धारित कर रही है.

जजों के चेयरमैन रोज किडमैन-कोक्स ने इस फ़ोटोग्राफ़ की दिल खोल कर तारीफ़ की. उन्होंने कहा, "लाइटिंग, कलर, टेक्सचर तीनों का अद्भुत संगम, जैसे, आपकी आंखों के सामने कोई ऑयल पेंटिंग रख दी गई हो."

बीबीसी न्यूज से उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है मानों यह बाघिन इस जंगल का अटूट हिस्सा है. उसकी पूंछ मानों पेड़ की जड़ों में मिल गई हो. लगता है दोनों एकाकार हो गए हैं."

सबसे अद्भुत बात तो यह कि यह कैमरे में कैद की गई तस्वीर है. इसके लिए फ़ोटोग्राफ़र ने जंगल में महीनों पहले अपने कैमरे सेट कर दिए थे ताकि जैसे ही बाघिन आए वो कैमरे में कैद हो जाए.

लेकिन यह इतना भी आसान नहीं था. सर्गेई को यह अंदाज लगाना पड़ा होगा कि आखिर इस बाघिन को अपने फ्रेम में उतारने के लिए उन्हें कहां से फ़ोटो क्लिक करनी होगी और निश्चित तौर पर इसके लिए वाइल्ड लाइफ फ़ोटोग्राफ़ी की उनकी बरसों पुरानी स्किल काम आई होगी.

पूर्वी रूस के जंगलों में पाए जाने वाले बाघों पर आफत आई हुई है. लगातार शिकार की वजह से ये अब विलुप्त होने के कगार पर हैं. इन इलाकों में अब कुछ सौ बाघ ही बचे हैं. हिरणों और जंगली सूअरों की तादाद में लगातार आ रही वृद्धि की वजह से उनके लिए आहार का संकट भी खड़ा हो गया है. इसका मतलब यह है कि आमुर बाघों को अपने भोजन की तलाश के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है.

ऐसे हालात की वजह से उनकी तस्वीर खींचना और मुश्किल हो गया है. इन बाघों की किसी भी तरह से तस्वीर लेने का काम अब बेहद मशक्कत भरा हो गया है. भले ही सर्गेई की ली गई यह बेहद प्रभावी तस्वीर आपके सामने हो लेकिन इसके लिए काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ती है. जिस कैमरा ट्रैप से यह पुरस्कृत तस्वीर ली गई है, उसे इसके मेमोरी कार्ड के साथ इस तस्वीर को निकालने के दस महीने पहले ही फील्ड में छोड़ दिया गया था.

सर्गेई को मिले इस बड़े पुरस्कार का एलान डचेज़ ऑफ़ कैंब्रिज और दो टीवी प्रेजेंटर- क्रिस पैकहम और मेगन मैक्कबिन ने किया. लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में इस पुरस्कार का एलान किया गया.

नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम ही डब्ल्यूपीवाई प्रतियोगिता का आयोजन करता है. पिछले 56 साल से यह प्रतियोगिता लगातार आयोजित कराई जा रही है.

बड़ी सफ़ाई से शिकार- बत्तख को मुंह में दबाई लोमड़ी, फ़ोटोग्राफ़र- लीना हिक्किन, फिनलैंड

एक बार्नेकल बत्तख को मुंह में दबोचे एक कम उम्र लोमड़ी की तस्वीर उतारने वाली फिनलैंड की किशोरी फ़ोटोग्राफ़र लीना 15 से 17 साल की कैटेगरी में अव्वल रहीं. उन्हें जूनियर फ़ोटोग्राफ़र की श्रेणी में पूरी प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार मिला. उनके इस फ़ोटोग्राफ़ में लोमड़ी इस बत्तख के सिर को अपने मुंह में इस तरह दबाए हुए हैं कि उसके खाने में हिस्सा बंटाने को तैयार भाई-बहनों को इसकी भनक तक न लगे.

रोज किडमैंड-कॉक्स ने इस तस्वीर के बारे में निर्णायकों का नज़रिया बताते हुए कहा, "निर्णायकों ने इस तस्वीर को खास तौर पर इसलिए पसंद किया क्योंकि सिर्फ एक उत्साही युवा प्रकृतिवादी ही इस तरह की तस्वीर ले सकता है. इस तस्वीर का संयोजन अद्भुत है. लीना को इस तस्वीर को लेने के लिए ज़मीन पर लेटना पड़ा होगा. तस्वीर लेते वक्त उनकी और इस युवा लोमड़ी की आंखें मिल रही होंगी."

बंदर की पोज, तस्वीर - मोजेन्स ट्रोल, डेनमार्क

नर प्रोबासिस बंदर की इस प्रोफ़ाइल को डब्ल्यूपीवाई की एनिमल पोट्रेट श्रेणी में पहला स्थान मिला. यह तस्वीर बोनिर्यो स्थित साबाह के लाबुक बे प्रोबासिस मंकी सेंक्चरी में ली गई है. इस तस्वीर में इस ध्यानमग्न बंदर की यह शानदार नाक सबसे ज़्यादा उभर कर सामने आ रही है. जैसे-जैसे यह बंदर बड़ा होगा इसकी नाक और लंबी होती जाएगी. यह नाक इसकी आवाज़ को और ज़्यादा ताक़तवर बना देगी और यह शायद उसके झुंड में उसके रुतबे का भी संकेत होगा.

एटना का आग का दरिया- तस्वीर लुइसियानो गॉडेन्जिनो, इटली

डब्ल्यूपीवाई के तहत सिर्फ जानवरों की ही तस्वीर नहीं उतारी जाती. इस तस्वीर को देखिए. यह यूरोप की सबसे सक्रिय ज्वालामुखी के उत्तरी इलाके की तस्वीर है.

इस तस्वीर ने पृथ्वी का पर्यावरण कैटेगरी में पहला पुरस्कार जीता है. यह तस्वीर लुइसियानो गॉडेन्जिनो ने खींची है. अपने सबजेक्ट के नजदीक जाने के लिए उन्हें झुलसा देने वाली गर्मी और भारी दुर्गंध छोड़ने वाली गैस के बीच डटे रहना पड़ा. उन्होंने इसे सम्मोहित करने वाला दृश्य बताया.

लुइसियानो कहते हैं, "यह जैसे किसी बड़े डायनासोर की खुरदरी और झुर्रियों वाली त्वचा पर ताज़ा खुले घाव की तरह लग रहा था."

जीवन का संतुलन, तस्वीर जैम कुलब्रास, स्पेन

जैम कुलब्रास की कैमरे से ली गई मकड़ियों को खाने में मशगूल इस ग्लास फ़्रॉग (मेंढक) की इस तस्वीर को बिहेवियर कैटेगरी (उभयचर और सरीसृप) में पहला स्थान मिला है.

जैम ने यह तस्वीर इक्वेडोर के मेंदुरिआकु रिजर्व में उतारी है. तस्वीर भारी बारिश के बीच ली गई है. इस दौरान वह एक हाथ से छाता पकड़े थे और दूसरे से कैमरे का फ़्लैश दबा रहे थे.

दो ततैयों की कहानी, फ़ोटोग्राफ़र- फ्रैंक देसचेनॉ, फ़्रांस

यहां जो ततैयों की तस्वीर आप देख रहे हैं उसे उतारने के लिए एक खास तरह के बने सुपरफास्ट शटर सिस्टम की ज़रूरत थी.

इसके जरिए ही उत्तरी फ़्रांस के नॉरमैंडी में इन दो ततैयों को फ्रेम और फ़्रीज़ किया जा सका. बाईं ओर की लाल धारियों वाली ततैये और दाईं ओर की ततैया अगले घोंसले की छेद में घुसने जा रही हैं. इस फ़ोटोग्राफ़ के लिए फ्रैंक देसचेनॉ को रीढ़विहीन जीवों (इन्वर्टीब्रेट्स) के व्यवहार कैटेगरी में पुरस्कार मिला है.

सुनहरा पल, सोंगदा काई, चीन

पानी के अंदर रहने वाले प्राणियों की तस्वीर वाली कैटेगरी में इस बार का पुरस्कार चीन के सोंगदा काई को मिला है. यह तस्वीर एक छोटी सी डायमंड बैक स्क्विड की है. जो तस्वीर है वह एक अपूर्ण लार्वा की है.

यह अंडे को सेने से पहले की स्थिति है. ऐसी स्थिति जिसमें वह पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है. सोंगदा ने इसे फिलीपींस के एनिलाओ तट पर नाइट डाइविंग के दौरान लिया था. इस प्राणी की लंबाई मात्र छह से सात सेंटीमीटर की है.

जब मां ने कहा, जी-जान से दौड़ो - शानयुआन ली, चीन

ये युवा पलास बिल्लियां हैं. ये बिल्लियां तिब्बत के पठारों में क्विंगहाई के घास वाले मैदानों (उत्तर पश्चिमी चीन) में पाई जाती हैं. शानयुआन ने इस तस्वीर को लेने के लिए इन खिलदंड़ी बिल्ली की बच्चियों को छह साल तक ट्रैक तो किया ही उनके बारे में अध्ययन भी किया. इस तस्वीर को स्तनधारी जीव वर्ग के व्यवहार कैटेगरी में पुरस्कृत किया गया.

आम तौर पर वाइल्डलाइफ फ़ोटोग्राफ़र ऑफ़ द ईयर अवार्ड सामान्य तौर पर साउथ केंसिंग्टन के नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में रात्रि भोज के साथ एक भव्य समारोह में दिए जाते हैं. लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से आयोजकों को वर्चुअल समारोह में ये पुरस्कार देने पड़े.

हालांकि इन फ़ोटो की प्रदर्शनी सामान्य तौर पर ही लगेगी. शुक्रवार को यह प्रदर्शनी लगेगी. लेकिन इसमें टिकट लगता है. प्रदर्शनी में जाने के लिए बुकिंग ज़रूरी है. अगले साल के अवार्ड के लिए नामांकन सोमवार को शुरू हो रहा है.

लेपर्ड नैशनल पार्क में सर्गेई गोर्शकोव अपना कैमरा ट्रैप तैयार करते हुए

यह इलाका काफी बड़ा है, बाघ भोजन की तलाश में यहां मीलों सफ़र करते हैं

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