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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अक्टूबर। चेम्बर चुनाव की तिथि की घोषणा के पहले व्यापारी एकता पैनल में फूट पड़ गई है। चेम्बर के पूर्व अध्यक्ष अमर परवानी बगावत कर जय व्यापार पैनल के बैनर तले चुनाव मैदान में कूद गए हैं। उन्होंने बकायदा चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। परवानी के चुनाव मैदान में कूदने के बाद एकता पैनल में डैमेज कंट्रोल की कोशिशें भी चल रही है।
हालांकि परवानी के एकता पैनल का साथ छोडऩे को व्यापारी एकता पैनल के प्रमुख श्रीचंद सुंदरानी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सुंदरानी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि अमर परवानी ने पिछले चुनाव में एकता पैनल के खिलाफ काम किया था और व्यापारी प्रगति पैनल के अमर गिदवानी को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि व्यापारी एकता पैनल के प्रति व्यापारियों में अटूट विश्वास है, और पैनल में एकजुटता है।
सुंदरानी ने कहा कि जल्द ही पैनल की बैठक बुलाई जाएगी। वैसे चुनाव में अभी ढाई महीने का समय है। इसलिए जल्दबाजी नहीं है। पैनल की अपनी रणनीति है, और समय पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे। दूसरी तरफ, चेम्बर के पूर्व अध्यक्ष अमर परवानी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर जय व्यापार पैनल का गठन किया है। पैनल ने उन्हें अध्यक्ष तक का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। उन्होंने बकायदा चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। परवानी गुरुवार को थोक विक्रेताओं से मेल मुलाकात की। प्रदेशभर में अलग-अलग एसोसिएशन के लोगों से संपर्क करना शुरू भी कर दिया। ये अलग बात है कि अभी चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है, फिर भी चेम्बर में कब्जा जमाने के लिए जय विकास पैनल ने अभी से ही पूरी ताकत झोंक दी है।
दूसरी तरफ, व्यापारी प्रगति पैनल ने भी दम खम से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रगति पैनल पिछले चुनाव में ही अस्तित्व में आई थी, और मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। प्रगति पैनल के प्रमुख अमर गिदवानी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि नवरात्र के बाद संरक्षक मंडल की बैठक होगी। इसमें चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस बार पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। चुनाव के चलते व्यापारी विकास पैनल के नेताओं में भी आपसी चर्चा का दौर चल रहा है। पिछले चुनाव में विकास पैनल ने कुछ जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। कई उपाध्यक्ष और मंत्री विकास पैनल से जुड़े हुए हैं। विकास पैनल के प्रमुख यूएन अग्रवाल भी सबसे चर्चा कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि विकास पैनल अन्य पैनलों में से किसी एक के साथ गठबंधन भी कर सकता है। बहरहाल, चुनाव के चलते आने वाले दिनों में कई नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।