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अगर आप 'काली टोपी' के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो...
मुंबई, 25 अक्टूबर (आजतक/नवभारत टाइम्स). शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत में अगर कहीं PoK है तो ये PM मोदी की नाकामी है. इसके साथ ही उद्धव ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा. उद्धव ने उन्हें 'काली टोपी' पहनने वाले व्यक्ति के रूप में पुकारा.
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिसके तहत कोरोना के सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए दशहरा रैली ऑडिटोरियम में आयोजित करने का फैसला किया गया था.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज उनसे दशहरा रैली में किए गए मोहन भागवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है, और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं. अगर आप 'काली टोपी' के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो मुख्य भाषण को सुनें. हम हमेशा से चाहते थे कि मोहन भागवत हमारे देश के राष्ट्रपति बनें, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते.
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वो मेरी सरकार को गिराना चाहते हैं, लेकिन मैं सूचित कर दूं, पहले अपनी सरकार को बचाएं. मैं अपील करूंगा कि बिहार के लोग आपकी आंखें खोलें और वोट करें. उन्होंने कहा कि मैं मराठा, ओबीसी समुदाय के लिए न्याय चाहता हूं. मेरा सभी से अनुरोध है कि कोई बंटे नहीं, हमें महाराष्ट्र के लिए संयुक्त रहना है.
कंगना पर साधा निशाना
कंगना पर निशाना साधते हुए सीएम उद्धव ने कहा कि आज हम दस चेहरे का प्रतीकात्मक रावण जलाते हैं. एक चेहरे का कहना है कि मुंबई पीओके है. मैं कहना चाहूंगा कि अनुच्छेद-370 हट चुका है. अगर हिम्मत करो तो वहां एक जमीन खरीदने की हिम्मत करो. आप यहां रोजगार के लिए आते हैं और मुंबई को बदनाम करते हैं. मुंबई पुलिस को बदनाम क्यों किया? ये वही पुलिस है जिसने आपको बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. पीओके के साथ मुंबई की तुलना पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान है.
महाराष्ट्र के लोग बांग्लादेश रह रहे हैं क्या?
सीएम ने कहा कि हमारे देश में जो चीजें चल रही हैं, वे बेहद दुखद हैं. कोरोना को भुलाकर भाजपा केवल विभिन्न राज्यों की सरकार गिराने के लिए बैठी है. मैं लॉकडाउन नहीं चाहता, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखता हूं. केंद्र सरकार बिहार में निशुल्क वैक्सीन देने जा रही है, फिर महाराष्ट्र के लोग बांग्लादेश या पाकिस्तान में रह रहे हैं क्या?
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा, 'हमसे हमारे हिंदुत्व के बारे में पूछा जाता है क्योंकि हम राज्य में फिर से मंदिर नहीं खोल रहे हैं। वे कहते हैं कि मेरा हिंदुत्व बाला साहेब ठाकरे से अलग है। खैर, आपका हिंदुत्व घंटियां और बर्तन बजाने वाला है। हमारा हिंदुत्व वैसा नहीं है।' उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा, 'जो लोग अब हमारे हिंदुत्व पर सवाल उठा रहे हैं, वे बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय शर्मिंदा महसूस कर रहे थे।' बर्तन बजाने वाली बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, कोरोना महामारी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी के बीच कर्मवीरों के उत्साह को बढ़ाने के लिए लोगों से थाली, शंख आदि बजाने की अपील की थी।
'बिहार में कोरोना वैक्सीन, बाकी का...'
सीएम ठाकरे ने केंद्र की एनडीए सरकार पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, 'जीएसटी व्यवस्था विफल हो गई है, प्रधानमंत्री को इसे स्वीकार करना चाहिए और पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करना चाहिए।' बिहार में बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर भी शिवसेना ने निशाना साधा। उद्धव ने कहा, 'आप बिहार में मुफ्त कोविड-19 टीके का वादा करते हैं, तो क्या फिर अन्य राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाखस्तान से हैं। आप बिहार में फ्री कोरोना वैक्सीन बांट रहे हैं, बाकी का देश पाकिस्तान या बांग्लादेश है क्या, ऐसी बात करने वालों को शर्म आनी चाहिए, आप केंद्र सरकार में हो।'