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-राजेश अग्रवाल
बिलासपुर, 26 नवंबर('छत्तीसगढ़')। किश्त में गाड़ी, टीवी और मोबाइल लेकर लॉकडाउन के बाद कर्ज में डूबे युवक ने तब फांसी लगा दी जब उसे मैनेजर ने काम से निकालने और सैलरी रोकने की धमकी दी। युवक ने एक लम्बा सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है।
चिंगराजपारा सरकंडा में कृष्णा राजपूत (23 वर्ष) ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह दोपहर में खाना खाकर सो गया था। शाम तक जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो उसे घर के लोगों ने आवाज दी। भीतर से कोई आवाज नहीं आने पर दरवाजे को धक्का देकर खोला गया तो वह फांसी पर लटका हुआ मिला। पिता ने उसे तुरंत नीचे उतारा लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।
सरकंडा पुलिस को जांच के दौरान मृतक के कमरे से एक सुसाइडल नोट मिला है जिसमें उसने बताया है कि 24 नवंबर (घटना के दिन) वह दो दिन की छुट्टी के बाद महाराणा प्रताप चौक स्थित निजी कम्पनी गया तो मैनेजर ने उसे डांटा और सैलकी काटने तथा कहीं और काम न कर सकूं इसके लिये झूठी अफवाह फैलाने की बात कही। मृतक ने यह भी बताया है कि वह लॉकडाउन के दौरान काम बंद हो जाने के कारण ईएमआई की जमा नहीं कर पा रहा था। साथ ही तीन दोस्तों के हजार डेढ़ हजार रुपये उधारी थे। मैनेजर पर आरोप है कि दोस्तों को तगादा के लिये घर भेजकर जलील किया गया।
सरकंडा पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की है और मामले की आगे जांच की जा रही है। थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सुसाइडल नोट की हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जायेगी और जिन लोगों का इसमें जिक्र है उनसे भी पूछताछ की जायेगी।