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"हमारे पास स्टेन स्वामी की सिपर और स्ट्रॉ नहीं है. हम उन्हें स्ट्रॉ और सिपर नहीं दे सकते."
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने यह बात मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत से कही है.
83 वर्षीय स्टेन स्वामी भीमा-कोरेगाँव हिंसा मामले में महाराष्ट्र की तलोजा जेल में बंद हैं.
बुजुर्ग स्टेन स्वामी पर्किन्सन्स डिज़ीज़ नाम की बीमारी से ग्रसित हैं. यह तंत्रिका तंत्र से जुड़ा एक डिसऑर्डर है जिससे पीड़ित मरीज़ के शरीर में अक्सर कँपकँपाहट होती है. मरीज़ का शरीर स्थिर नहीं रहता और संतुलन नहीं बना पाता.
ऐसे में स्टेन स्वामी ने एक याचिका दायर करके अपील की थी कि बीमारी की वजह से उन्हें खाना और पानी का ग्लास पकड़न में परेशानी होती है इसलिए उन्हें जेल में 'स्ट्रॉ' और 'सिपर' इस्तेमाल करने की इजाज़त दी जाए.
एनआईए ने क्या कहा?
स्पेशल एनआईए जज डीई कोठालिकर ने इस याचिका पर सुनवाई की. स्टेन स्वामी की ओर से वकील शरीफ़ शेख़ और एनआईए की ओर से सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने दलीलें पेश कीं.
प्रकाश शेट्टी ने क़ानूनी मसलों से जुड़ी वेबसाइट लाइव लॉ से कहा, "असल में स्टेन स्वामी ने सिपर और स्ट्रॉ के लिए कभी अर्ज़ी ही नहीं दी. उनका दावा है कि स्टेन स्वामी को गिरफ़्तार करते समय हमने उनसे सिपर और स्ट्रॉ बरामद की थी जबकि हमने साफ़ कहा था कि हमें ऐसी कोई चीज़ नहीं मिली है. जब हमें स्ट्रॉ या सिपर जैसा कुछ मिला है नहीं तो हम उन्हें ये दे कैसे सकते हैं?"
आख़िरकार अदालत ने तलोजा के सम्बन्धित मेडिकल ऑफ़िसर से कहा है कि वो स्टेन स्वामी के लिए सिपर, स्ट्रॉ और गर्म कपड़ों की ज़रूरतों से सम्बन्धित अर्ज़ी के बारे में जवाब दें.
इससे पहले, पिठले महीने डीई कोठालिकर ने यूएपीए का हवाला देते हुए स्वास्थ्य के आधार पर दायर की गई स्टेन स्वामी की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी. ये ज़मानत याचिका कोरोना महामारी और स्टेन स्वामी की कई बीमारियों के मद्देनज़र दायर की गई थी.
लगातार बीमार हैं स्टेन स्वामी
पार्किन्सन्स डिज़ीज़ के अलावा स्टेन स्वामी अपने दोनों कानों से सुनने की क्षमता लगभग खो चुके हैं. वो जेल में कई बार गिर भी चुके हैं. इतना ही नहीं, 83 वर्षीय स्टेन स्वामी का दो बार हर्निया का ऑपरेशन भी हो चुका है और उनके पेट के निचले हिस्से में अब भी दर्द रहता है.
स्टेन स्वामी फ़िलहाल अपने ख़राब स्वास्थ्य के कारण जेल के अस्पताल में भर्ती हैं. एनआईए ने स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को उनके राँची स्थित आवास से गिरफ़्तार किया था.
स्टेन स्वामी के अलावा 81 वर्षीय वरवर राव भी भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में अभियुक्त हैं. बुजुर्ग वरवर राव को भी कई बीमारियाँ हैं और वो जेल में कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो गए थे लेकिन अदालत ने मेडिकल ग्राउंड पर उनकी ज़मानत अपीलें ठुकरा दी थीं.
हाल ही में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह वरवर राव की ओर से हाई कोर्ट में पेश हुई थीं. उन्होंने राव को नानावटी अस्पताल में स्थानानांतरित करने की अपील की थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. (bbc)