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फखरिजादे की हत्या शुक्रवार को तेहरान के पास उनके सुरक्षाकर्मियों और अज्ञात बंदूकधारियों के बीच हुई गोलीबारी में मारे गए थे. सोमवार 30 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार होना है. उनकी हत्या पर रोष प्रकट करते हुए ईरान की संसद ने देश के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय निरिक्षण रोकने की मांग की है. देश के एक उच्च अधिकारी ने यह भी सुझाया है कि ईरान को वैश्विक परमाणु प्रसार निरोध संधि को छोड़ देना चाहिए.
अमूमन, ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े फैसले देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद लेती है और संसद द्वारा पास किए गए विधेयकों को देश के शक्तिशाली गार्जियंस परिषद का अनुमोदन मिलना जरूरी होता है. राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जोर दे कर कहा है कि देश अपना बदला "समय आने पर" लेगा और जल्दीबाजी कर किसी "जाल" में नहीं फंसेगा.
इस्राएल का कहना है कि फखरिजादे ईरान के एक ऐसे सैन्य परमाणु कार्यक्रम के मुखिया थे जिसके होने के बारे में ईरान हमेशा से इनकार करता आया है. 2008 में अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी गतविधियों के लिए उन पर प्रतिबंध लगाए थे. रविवार को उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए पवित्र शहर कॉम ले जाया गया था, जिसके बाद शव को ईरान के संस्थापक इमाम खोमेनी की मजार पर ले जाया गया.
सोमवार को तेहरान से दिखाई जा रही लाइव वीडियो में वर्दीधारी पुरुषों को एक जुलूस में फखरिजादे की तस्वीर के इर्द गिर्द इकठ्ठा होते हुए दिखाया गया. इस्राएल ने उनकी हत्या पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, जो कि ऐसे समय पर हुई है जब बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उदघाटन में दो महीने से भी कम का समय बचा है.
बाइडेन ने संकेत दिए हैं कि उनका प्रशासन राष्ट्रपति ट्रंप के परमाणु संधि को छोड़ देने के फैसले को पलट कर संधि में फिर से शामिल हो सकता है, लेकिन फखरिजादे की हत्या से ईरान में ही कई लोग संधि के खिलाफ हो गए हैं. ईरान के एक्सपेडिएन्सी परिषद के मुखिया मोहसिन रेजाइ ने कहा, "ईरान को संधि पर पुनर्विचार करने से रोकने का कोई कारण नहीं है." ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खमेनी पहले ही फखरिजादे के हत्यारों को सजा दिलवाने की मांग कर चुके हैं.
इस्राएली अखबार हारेत्ज के अनुसार फखरिजादे की हत्या का बाइडेन के राष्ट्रपति चुने जाने से सीधा संबंध है. अखबार ने कहा, "हत्या जिस समय पर की गई है वो बाइडेन के लिए परमाणु संधि को पुनर्जीवित करने की योजनाओं के प्रति इस्राएल की आलोचना का स्पष्ट संदेश है." सितंबर में ही इस्राएल से अपने संबंध सामान्य करने के बाद यूएई ने फखरिजादे की हत्या की निंदा की और संयम की जरूरत पर जोर दिया.
संधि में शामिल ब्रिटेन ने कहा है कि वो फखरिजादे की हत्या के बाद मध्य पूर्व में तनाव के गहरा जाने को लेकर चिंतित है. तुर्की ने हत्या को एक "आतंकवादी" घटना बताया और कहा कि इससे "इलाके में शांति को नुकसान" हुआ है.