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राज्य के कोरोना इंतजाम में रेल डिब्बों को लेकर हाईकोर्ट में बहस पूरी, दूसरे मुद्दे भी उठे
23-Apr-2021 6:43 PM
राज्य के कोरोना इंतजाम में रेल डिब्बों को लेकर हाईकोर्ट में बहस पूरी, दूसरे मुद्दे भी उठे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 अप्रैल।
आज हाईकोर्ट में कोरोना प्रबंधन से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, कल की सुनवाई में चीफ जस्टिस पीआर मेनन और जस्टिस पीपी साहू की खंडपीठ ने रेल कोचेस को कोविड केअर सेंटर बनाने सम्बन्धी संभावना को परीक्षण के निर्देश दिए थे। इस पर आज महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि कल रायपुर में रेल अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई है, जिसमें रेलवे ने कोचेस में स्टाफ, ऑक्सीजन व अन्य सुविधाओं देने असमर्थता जताई है। 

इस पर हस्तक्षेप याचिकाकत्र्ता के तरफ से अधिवक्ता गण सुदीप श्रीवास्तव एवम संदीप दुबे ने बताया कि रेलवे एसईसीआर जोन में ही 23 छोटे-बड़े अस्पताल संचालित है, जिसमें 15 छत्तीसगढ़ में है, अत: उनके पास डॉक्टर, स्टाफ, नर्सेस, ऑक्सीजन सिलिंडर आदि व्यवस्था है, यदि वे अपने कोचेस को कोविड सेन्टर में नहीं बदल सकते तब भी वे अपने सभी अस्पतालों को कोविड मरीज के लिए बना सकते हंै। 

इस संबंध में अस्पतालों की सूची भी हमने फाइल की है, जिसके अनुसार बिलासपुर, रायपुर, भिलाई, रायगढ़, चाम्पा, कोरबा, महासमुंद, किरंदुल, जगदलपुर, मनेंद्रगढ़, डोंगरगढ़ आदि कुल 15 अस्पताल हंै, हालांकि रेलवे के अधिवक्ता ने इसका खंडन किया और कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के सिर्फ 3 अस्पताल है जो कि बिलासपुर, रायपुर एवं भिलाई में है व तीनों अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे हैं। और अपने क्षमता से अधिक कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 

राज्य सरकार के अनुसार राज्य में 7500 ऑक्सीजन बेड है, जिनमें 2 हजार से अधिक खाली है, इसी तरह से एचडीयू, आईसीयू खाली है, वेंटिलेटर भी 242 खाली है, इस पर उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया कि सवाल उठाया कि ये राज्य के आंकड़े हैं, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के हालात फिर ऐसी क्यों, इस पर महाधिवक्ता के अनुसार बिलासपुर में 366 ऑक्सीजन बेड में से 18 खाली है, एचडीयू एवं आईसीयू 116 ने 24 खाली है। वहीं दुर्ग में ऑक्सीजन बीएड के 1329 बेड में केवल 45 खाली है, आईसीयू और अन्य ने बेड खाली नहीं है। रायपुर में स्थिति बेहतर है और यहां ऑक्सीजन के 700 एचडीयू के 63 आईसीयू के 28 और 112 वेंटिलेटर आज खाली है। हाईकोर्ट ने इन खाली बेड्स को दूसरे जिले के जरूरत मन्द को देने का सिस्टम बनाने पर जोर दिया,  अधिवक्ताओं ने वेब पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जिससे लोगों को बेड उपलब्धता के बारे में पता चल सके, ऑक्सीजन युक्त एम्बुलेंस से मरीजो को ट्रांसफर किये जाने पर बल दिया। 

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा है, और सोमवार को आदेश जारी किया जाएगा। न्यायमित्र प्रफुल्ल भारत ने न्यायालय को बताया कि सिम्स में किस तरह से विधायक के और डीन के नाम से वेंटिलेटर सुरक्षित रखा गया है। इस आरोप का महाधिवक्ता ने खंडन किया।

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