राष्ट्रीय
आगरा, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आगरा जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों को 15 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है। स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ने उम्मीद जताई थी कि सामान्य कक्षाएं 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मंदिरों के पुजारी इस बात से निराश हैं कि अधिमास में उन्हें पूजा पाठ करने की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि अधिमास तीन साल में एक बार आता है और ये अशुभ माना जाता है।
इस बीच, आगरा में कोरोनावायरस के 57 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या 5,760 हो गई, जिसमें से 4,875 मरीज ठीक हो गए हैं।
जिले में अब तक कोविड-19 से 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सक्रिय संक्रमितों की संख्या 758 है।
नमूना संग्रह केंद्रों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने केंद्रों का दौरा किया और सामाजिक दूरी मानदंडों के उल्लंघन के बिना नमूना संग्रह को तुरंत सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मास्क न पहनने वालों पर मौके पर जुर्माना लगाया जाएगा। अभियान दोपहर में कुछ घंटों के लिए रोजाना जारी रहेगा।
दुकानदारों को भी चेतावनी दी गई है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के मानदंडों को तोड़ दिया गया तो उनके प्रतिष्ठान बंद कर दिए जाएंगे।
श्रीनगर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में दो सैनिक शहीद हो गए और चार घायल हो गए। यह जानकारी सेना ने दी। सेना ने कहा, "पाकिस्तान ने आज सुबह कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर मोर्टार और अन्य हथियारों से गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। दो सैनिक बुरी तरह से घायल होने के कारण शहीद हो गए। चार सैनिक घायल हुए, जिन्हें स्थानांतरित किया गया है। कड़ी जवाबी कार्रवाई की जा रही है।"
इससे पहले, बुधवार रात को पुंछ में नियंत्रण रेखा के किनारे कृष्णाघाटी क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्षविराम उल्लंघन में एक सैनिक शहीद हो गया था। उसकी पहचान लांस नायक करनैल सिंह के रूप में की गई है।
कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास जम्मू में राजौरी और पुंछ जिलों में पीर पंचाल के दक्षिण में संघर्ष विराम उल्लंघन में तेजी आई है, जहां पाकिस्तान आए दिन नागरिकों को निशाना बनाते हुए लंबी रेंज वाली मोर्टार दागते रहता है।
सेना का कहना है कि वह एलओसी के किनारे पाकिस्तान की आक्रामकता के सभी हमलों का जवाब दे रही है।
भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश की राजनीति में लंबे अरसे से छिंदवाड़ा मॉडल चर्चा में रहा है। आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले छिंदवाड़ा की चर्चा एक बार फिर गर्म है। भाजपा जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को 'छिंदवाड़ा का मुख्यमंत्री' करार देती रही, तो वहीं कांग्रेस परिवहन विभाग के वाहन रजिस्ट्रेशन क्रमांक एमपी 28 का हवाला देकर छिंदवाड़ा की चर्चा कर रही है।
राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवबंर को उपचुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक दलों में बयानबाजी का दौर बढ़ते क्रम में है। बीते कुछ दशकों से छिंदवाड़ा के विकास को लेकर राज्य में 'छिंदवाड़ा मॉडल' को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से जोड़ा जाता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में तो छिंदवाड़ा मॉडल की चर्चा आम थी।
कांग्रेस के सत्ता से जाने और भाजपा के सत्ता संभालने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर छिंदवाड़ा को लेकर जोरदार हमले हुए हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तो कमल नाथ को छिंदवाड़ा का मुख्यमंत्री करार देते हैं। उनका कहना है कि "कमल नाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा के विकास पर ध्यान दिया और वे छिंदवाड़ा के ही मुख्यमंत्री बनकर रह गए थे। भाजपा छिंदवाड़ा के साथ पूरे राज्य के विकास की पक्षधर रही है, मगर कमल नाथ प्रदेश के अन्य हिस्सों की योजनाओं को भी छिंदवाड़ा ले गए। कमल नाथ ने कभी भी पूरे प्रदेश के विकास की नहीं सोची।"
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर का कहना है, "एमपी में 28 सीटों पर उपचुनाव है और आपको तो पता ही है। एमपी-28 कहां का नंबर है। मध्यप्रदेश में फिर गूंजेगा छिंदवाड़ा मॉडल, किसानों का कर्ज माफ हुआ, बिजली बिल आधा हुआ, पेंशनधारियों और बिटिया विवाह की राशि दोगुनी हुई।"
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कमल नाथ की सियासत का पर्याय है छिंदवाड़ा, विकास की पहचान बन गया है। कांग्रेस ने भी छिंदवाड़ा के विकास को खूब प्रचारित किया है। कमल नाथ ने खुद विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश का विकास छिंदवाड़ा की तरह करने का वादा किया था। अब एक बार फिर छिंदवाड़ा मॉडल चर्चाओं में आ गया है। भाजपा जहां प्रदेश के अन्य क्षेत्रों का विकास न होने का आरोप लगा रही है तो कांग्रेस छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की चर्चा कर रही है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| गूगल ने बीते साल अपने पिक्सल 4 और पिक्सल 4 एक्सल को भारत में उपलब्ध नहीं कराया था लेकिन इस साल गूगल ने कहा है कि उसका ताजातरीन स्मार्टफोन पिक्सल 4ए 17 अक्टूबर से फ्लिपकार्ट के माध्यम से भारतीयों के लिए उपलब्ध होगा। कम्पनी ने यह तारीख ट्विटर पर जारी की।
एक यूजर के सवाल के जवाब में गूगल ने कहा, "पिक्सल 4ए भारत में 17 अक्टूबर से बिकने लगेगा। यह फ्लिपकार्ट से खरीदा जा सकता है।"
भारत में इसकी कीमत क्या होगी, इसका खुलासा नहीं किया गया है। पिक्सल 4ए के अलावा गूगल ने इसका एक 5जी वेरिएंट भी लान्च किया है, जिसे पिक्सल 4ए 5जी नाम दिया गया है।
गूगल ने बुधवार को अपने बहुप्रतिक्षित स्मार्टफोन-पिक्सल 5 और पिक्सल 4ए 5जी लॉन्च किए।
दोनों स्मार्टफोन क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 765जी एसओसी चिपसेट से लैस हैं। साथ ही इनमें डुअल रियल कैमरा और एक 8एमपी का सेल्फी कैमरा है, जो होल पंच डिस्प्ले डिजाइन में फिट किया हुआ है।
गूगल पिक्सल 5 की कीमत 699 डॉलर रखी गई है जबकि गूगल पिक्सल 4ए 5जी की कीमत 499 डॉलर है।
दोनों स्मार्टफोन सबसे पहले 5जी मार्केट्स अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ताइवान और आस्ट्रेलिया में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। सबसे पहले ये फोन जापान में उलपब्ध होगा और फिर बाकी के देशो में खरीदा जा सकेगा।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| महात्मा गांधी की जयंती से ठीक एक दिन पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पूर्व सहयोगी पंकज शंकर अपनी एक छोटी सी फिल्म का दूसरा टीजर लेकर आए हैं, जिसमें राहुल गांधी के कामकाज के तरीके की आलोचना की गई है। टीजर में न केवल महात्मा गांधी से मिलने का इंतजार दिखाया गया है, बल्कि ये भी दिखाया गया है कि यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी राहुल गांधी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
आईएएनएस के पास 2 मिनट 39 सेकंड का ये वीडियो है।
वीडियो में दिखाया गया है कि एक महिला पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी से मिलने आई लेकिन ये देख कर हैरान रह गई कि बापू भी राहुल गांधी का इंतजार कर रहे हैं। फिर उसने बापू से पूछा कि वो क्यों इंतजार कर रहे हैं। बापू ने जवाब दिया कि वो यहां रोज आते हैं और राहुल गांधी का इंतजार करते हैं।
महात्मा गांधी वीडियो में फिर महिला कार्यकर्ता से कहते हैं कि आज जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सभी राहुल गांधी का दो घंटे से इंतजार कर रहे हैं।
महिला तब पूछती हैं कि वो (महात्मा गांधी) क्यों प्रतीक्षा कर रहे हैं। बापू जवाब देते हैं, "जो लोग वफादार होते हैं, वे उन पर आरोप नहीं लगाते हैं और ना ही उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं वरना पार्टी खत्म हो जाएगी।"
महिला तब पूछती है कि क्या यह 23 नेताओं द्वारा पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखने से संबंधित था?, जिस पर वो दृढ़ता से अपना सिर हिलाते हैं।
बापू महिला कार्यकर्ता को यह भी बताते हैं कि यह पार्टी उनकी भी है और लाखों कार्यकर्ताओं की है, जो पार्टी के लिए काम करते हैं।
जब दोनों बात कर रहे होते हैं, उसी समय राहुल गांधी के सहयोगी कमरे में प्रवेश करते हैं और महिला से पूछते हैं कि वह वहां क्यों इंतजार कर रही है? महिला बताती है कि उनका राहुल गांधी से एप्वाइंटमेंट है। फिर राहुल गांधी के सहयोगी कहते हैं कि उसे 7 दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि राहुल गांधी अभी ट्रैवेल कर रहे हैं।
उसी समय राहुल गांधी के सहयोगी को फोन पर एक कॉल आती है और वह कॉलर से पूछता है कि कौन राहुल गांधी के निजी मेल को हैंडल कर रहा है। इसके साथ ही ये टीजर समाप्त हो जाता है।
साल 2004 में अमेठी से राहुल गांधी की लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंकज शंकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "फिल्म का उद्देश्य राहुल गांधी की टीम के अहंकार को उजागर करना है, क्योंकि वह उसी मुद्दे पर अपने विरोधियों पर निशाना साधते रहते हैं।"
उन्होंने कहा, "लघु फिल्म के नए टीजर के साथ, हम यह भी उजागर करना चाहते हैं कि पार्टी को अपने शानदार दिनों को वापस लाने के लिए नेतृत्व की जरूरत है, क्योंकि पिछले 10 वर्षो से इसका आधार खो गया है।"
लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस और बलरामपुर में गैंगरेप की घटनाओं को ज्यादा समय नहीं बीता है। वहीं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और आजमगढ़ में भी दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया।
आजमगढ़ में आठ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। आरोप बीस साल के एक पड़ोसी पर है।
आजमगढ़ के एसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। दानिश नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं बुलंदशहर में भी नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। यहां भी पड़ोसी पर ही आरोप है।
बुलंदशहर के एसएसपी का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। रिजवान नाम के आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रमोद कुमार झा
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| आलू, प्याज और टमाटर के बाद चने का दाम भी बीते दो महीने में बेशुमार बढ़ा है। चने का भाव इस समय तीन साल के ऊंचे स्तर पर है और त्योहारी मांग में तेजी को देखते हुए दाम में और इजाफा हो सकता है। बीते दो महीने में चने का थोक भाव 14 से 15 रुपये किलो बढ़ गया है। हाजिर एवं वायदे में चने का भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चला गया है जो कि अक्टूबर 2017 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत साबूत चना का वितरण होने से चने का स्टॉक कम पड़ जाने के चलते कीमतों में तेजी देखी जा रही है। वहीं, त्योहारी सीजन को लेकर चने की मांग बनी हुई है।
देश में कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा वायदा बाजार, नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर चने का अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध गुरुवार को 5,560 रुपये प्रति क्विंटल तक उछला। इससे पहले चने का भाव तीन अक्टूबर 2017 में 5,675 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ा था। वहीं 31 जुलाई 2020 को चने का भाव एनसीडीएक्स पर 4,123 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था। इस प्रकार दो महीने में 1,400 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा की तेजी आ चुकी है।
वहीं, हाजिर बाजार में चने का थोक भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया है। दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में गुरुवार को राजस्थान लाइन चना 5,500 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चने का भाव 5,600-5,650 रुपये प्रति क्विंटल और इंदौर में 5,450-5,500 रुपये प्रति क्विंटल था।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि चने में लगातार तेजी का रुझान बना हुआ है जिसकी वजह जोरदार त्योहारी मांग और अगली फसल की बुवाई में विलंब होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चने की अगली फसल की बुवाई शुरू होने में अभी विलंब है जबकि चने का उपयोग विभिन्न तरह से किए जाने के कारण इसकी त्योहारी मांग बनी हुई है।
दलहन बाजार के जानकार अमित शुक्ला बताते हैं कि चना में तेजी के पीछे प्रमुख कारण सप्लाई की कमी, आयात प्रतिबन्ध और त्योहारी सीजन की बढ़ती मांग है। उन्होंने कहा कि त्योहारी मांग में अभी इजाफा होने से भाव में आगे भी मजबूती रह सकती है।
कारोबारी बताते हैं कि नैफेड के पास पड़ा चना का स्टॉक पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त वितरण योजना में जा रहा है, जिससे स्टॉक कम पड़ने की वजह से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
कारोबारियों के मुताबिक बीते रबी सीजन में चने के उत्पादन सरकारी अनुमान से कम था इसलिए स्टॉक की कमी की आशंका बनी हुई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चैथे अग्रिम उत्पादन अनुमान में देश में 113.5 लाख टन चना उत्पादन का आकलन किया गया है। हालांकि आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल बताते हैं कि व्यापारिक अनुमान के अनुसार, देश में बीते फसल वर्ष में चना का उत्पादन 85 लाख टन से ज्यादा नहीं है।
चने में तेजी की तीसरी बड़ी वजह, मटर महंगा होने से बेसन में चने की मांग बढ़ गई और त्योहारी सीजन में दाल व बेसन की मांग को पूरा करने के लिए चने में मिलों की खरीदारी तेज चल रही है।
कारोबारी बताते हैं कि चने का भाव अभी भी तमाम दलहनों में सबसे कम है, इसलिए चना दाल अन्य दालों के मुकाबले सस्ती है और सब्जियां महंगी होने से चने में उपभोग मांग बनी हुई है जो कि इसके दाम में तेजी की एक बड़ी वजह है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस के प्रत्येक लाभार्थी परिवार को हर महीने एक किलो साबूत चना दिया जाता है। इस योजना के तहत जुलाई से लेकर नवंबर के दौरान करीब 9.70 लाख टन चने की खपत का अनुमान है।
बता दें कि बीते रबी सीजन की आवक जब जोरों पर था तब चने का भाव देश की प्रमुख उत्पादक मंडियों में 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे गिर गया था जबकि केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2019-20 के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।
कारोबारी बताते हैं कि जो किसान चने का अपना स्टॉक अब निकाल रहे हैं उनको फायदा हो रहा है क्योंकि उनका चना आज एमएसपी से काफी ऊंचे भाव पर बिक रहा है।
खरगोन/भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में तीन युवकों ने एक किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है। वहीं कांग्रेस इकाई के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य की कानून व्यवस्था पर फिर से सवाल उठाए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, खरगोन जिले के चैनपुर थाने के मारुगढ़ गांव में तीन युवकों ने एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि बीती रात उसे अगवा कर पास के ही खेत में ले गए और दुष्कर्म किया। इसके बाद धमकी भी दी, वहीं घर पर मौजूद बड़े भाई से मारपीट की।
चैनपुर के थाना प्रभारी डी.एस. सेमलिया ने गुरुवार को बताया कि पीड़िता की शिकायत पर तीन युवकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और उनकी पुलिस तलाश कर रही है।
राज्य में हो रही घटनाओं को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि, खरगोन में मासूम बेटी के साथ दरिंदगी की घटना, सीहोर में फिर एक किसान की खुदकुशी की घटना, भोपाल में युवा की रोजगार न मिलने पर खुदकुशी की घटना इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। पता नहीं शिवराज सरकार कब नींद से जागेगी और ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी?
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| गुजरात सरकार द्वारा कारखानों में श्रमिकों को ओवरटाइम मजदूरी का भुगतान करने से छूट देने वाली अधिसूचना को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक मंदी का बोझ अकेले उन श्रमिकों पर नहीं डाला जा सकता है, जो आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ हैं। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट फैक्ट्रियों में चल रही आर्थिक तंगी, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण होने वाली कठिनाइयों से अवगत है। हालांकि, इस आर्थिक मंदी का बोझ श्रमिकों पर नहीं डाल सकते हैं और महामारी ऐसा कारण नहीं बन सकता जो श्रमिकों को गरिमा प्रदान करने वाले वैधानिक प्रावधानों और उचित मजदूरी के अधिकार को खत्म कर सके।
सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेख किया कि गुजरात सरकार द्वारा श्रमिकों के वैधानिक अधिकारों को दूर नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि महामारी देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाला आंतरिक आपातकाल नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश गुजरात श्रम और रोजगार विभाग की एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर आया है। अधिसूचना में गुजरात के सभी कारखानों को फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 के प्रावधानों से छूट दे दी गई है, जिसमें प्रतिदिन कामकाज के घंटे, साप्ताहिक कामकाजी घंटे, आराम के लिए अंतराल, वयस्क श्रमिकों का प्रसार और यहां तक कि अधिनियम की धारा 59 के तहत तय की गई दर से ओवरटाइम मजदूरी का भुगतान करने से भी छूट दी गई है।
याचिका में दलील दी गई कि 17 अप्रैल की जारी अधिसूचना विभिन्न मौलिक अधिकारों, वैधानिक अधिकारों और श्रम कानूनों के अनुसार अवैध, हिंसक और अस्वाभाविक रूप से अन्यायपूर्ण है।
अधिवक्ता अपर्णा भट के माध्यम से पंजीकृत व्यापार संघ गुजरात मजदूर सभा और अन्य द्वारा याचिका दायर की गई।
याचिका में दलील दी गई कि अधिसूचना में अधिनियम के प्रावधानों से 20 अप्रैल से 19 जुलाई, 2020 तक की छूट दी गई।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और के.एम. जोसेफ की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया।
याचिका में कहा गया कि अधिसूचना के मुताबिक, 20 अप्रैल से 19 जुलाई, 2020 तक की अवधि के लिए गुजरात में श्रमिकों को एक दिन में 12 घंटे, सप्ताह में 72 घंटों में छह घंटे के बाद 30 मिनट के ब्रेक के साथ काम करना होगा। वहीं फैक्ट्रीज एक्ट, 1948, श्रमिकों को सिर्फ एक दिन में नौ घंटे काम करने की सुविधा प्रदान करने, सप्ताह में 48 घंटे काम के साथ सप्ताह में एक दिन की छुट्टी और पांच घंटे के बाद 30 मिनट का ब्रेक ले सकते हैं। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि किसी भी महिला श्रमिक को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे की अवधि में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
याचिका में कहा गया है, अधिसूचना में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली वाली बात यह है कि प्रति दिन काम किए गए अतिरिक्त चार घंटे के लिए डबल रेट पर कोई ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाएगा, बल्कि यह कि ओवरटाइम के काम की भरपाई सामान्य घंटे की दर से की जाएगी।
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| अयोध्या के ढांचा विध्वंस पर विशेष न्यायालय का फैसला भाजपा को सियासी बढ़त देने के संकेत दे रहा है। इससे पहले राम मंदिर के आए फैसले और अब बाबरी विध्वंस में सभी बड़े नेताओं को बरी होना, आने वाले बिहार चुनाव और एमपी, यूपी में उपचुनाव में भाजपा के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं। यह निर्णय विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं।
फैसले के बाद भाजपा की जिस तरह से प्रतिक्रिया आयी और उधर कुछ मुस्लिम नेताओं ने फैसले के खिलाफ अपील की बात कही है। इससे साफ नजर आ रहा है कि यह मुद्दा आगे गरमाने वाला है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह आने वाले चुनावों में निश्चित तौर पर मुद्दा बनेगा। भाजपा के स्टार प्रचारक इस मुद्दे को लपकने में जरा भी देरी नहीं करेंगे। विरोधी दलों के लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ेगी। क्योंकि उनके लिए अदालत से आए इस फैसले पर संघ परिवार और भाजपा को घेरने में दिक्कत हो सकती है। लेकिन मुस्लिम पक्ष से उठ रही विरोधी आवाज उन्हें जरूर संतत में डाल सकती है। इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमाने और आरोप-प्रत्यारोप के दौर को नकारा नहीं जा सकता है। लिहाजा धुव्रीकरण की राजनीति को हवा देने में यह सफ ल हो सकते हैं। विपक्ष को राम मंदिर निर्माण और बाबरी विध्वंस पर आए निर्णय से चुनौती भी मिलती दिख रही है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पी.एन. द्विवेदी कहते हैं कि राम मंदिर और ढांचा विध्वंस के फैसले अदालत से भले आए हों, लेकिन इसका भाजपा सियासी लाभ लेने का पूरा प्रयास करेगी। क्योंकि उसके लिए यह मुद्दे पूरी राजनीति की धुरी रहे हैं। वैसे भी राम मंदिर निर्माण के आए निर्णय के बाद मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से अयोध्या पर फोकस किया है। इससे इस बात का अहम संकेत मिलता दिख रहा है।
फैसले के बाद जिस तरह से भाजपा ने विपक्षी दल खासकर कांग्रेस पर जिस प्रकार से निशाना साधा है। उससे यह साफ दिख रहा है कि बिहार के साथ यूपी और मध्यप्रदेश के उपचुनाव में इसकी गूंज जरूर सुनाई देगी। उत्तर प्रदेश में भले ही सात सीटों पर चुनाव हो रहे हों। लेकिन मध्यप्रदेश और बिहार तक इसकी झलक देखने को मिल सकती है।
उन्होंने बताया कि 11 माह के भीतर देश की सियासत के दो अहम निर्णय कोर्ट से आए हैं। इन्हें लेकर विपक्ष हमेशा भाजपा पर हावी रहा है। निश्चित तौर से यह निर्णय भाजपा को राजनीतिक रूप में बढ़त दिलाएगा। मुख्यमंत्री योगी द्वारा अयोध्या, मथुरा, काशी में कराए जा रहे विकास कायरें के दम पर आगे और भी सियासी दांव पेंच देखने को मिलेंगे।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा कोविड-19 के चलते राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान बुक किए गए हवाई टिकटों के किराए की वापसी के संबंध में की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। शीर्ष अदालत की ओर से एयर टिकट रिफंड और क्रेडिट शेल पर उड़ानों के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही हजारों हवाई यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।
न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम. आर. शाह के साथ ही न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में देश और दुनियाभर में मौजूदा स्थिति पर दृष्टि नहीं खो सकती है और इसमें भी कोई विवाद नहीं हो सकता है कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र, जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, वो परिचालन उड़ानों पर लगाए गए प्रतिबंध को देखते हुए गंभीर रूप से प्रभावित है।
शीर्ष अदालत ने कहा, "यदि किसी यात्री ने राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि (25 मार्च से 24 मई तक) के दौरान टिकट बुक किया है और एयरलाइन को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा दोनों के लिए इसी अवधि के दौरान हवाई टिकट की बुकिंग के लिए भुगतान मिला है और यात्री द्वारा उस बुकिंग को रद्द किए जाने के विरुद्ध धनवापसी की मांग की जाती है, तो एयरलाइन बिना किसी रद्दीकरण शुल्क के एकत्र की गई पूरी राशि वापस करेगी। धन वापसी रद्द होने की तिथि से तीन सप्ताह के भीतर की जाएगी।"
यह फैसला वकील जोस अब्राहम के माध्यम से एनजीओ प्रवासी कानूनी सेल द्वारा दायर याचिका पर आया है।
पीठ ने कहा कि यदि राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि के दौरान किसी ट्रैवल एजेंट के माध्यम से टिकट बुक किए गए हैं, तो ऐसे सभी मामलों में एयरलाइंस द्वारा पूर्ण वापसी तुरंत दी जाएगी।
मालूम हो कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर जानकारी दी थी कि बंद की अवधि के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए क्रेडिट शेल केवल यात्रियों पर लागू होंगे और ट्रैवल एजेंटों के लिए नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने अब डीजीसीए की मांग को मान लिया है और 31 मार्च 2021 तक रिफंड वापस करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा कि यात्री के नाम पर जारी किया गया क्रेडिट शेल 31 मार्च, 2021 तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर। जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में आए फैसले पर पुनर्विचार के लिए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है।
अदालत ने अपने 31 अगस्त के फ़ैसले में भूषण को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था और सज़ा के तौर पर उन पर एक रूपये का जुर्माना लगाया था।
प्रशांत भूषण एक रूपये की जुर्माना राशि पहले ही भर चुके हैं लेकिन साथ ही उन्होंने अदालत के फ़ैसले को चुनौती भी दे दी है। भूषण ने जुर्माने का एक रूपया जमा करते हुए कहा था कि उन्हें ये फ़ैसला स्वीकार्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी कऱार दिया था।
क्या था मामला?
प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दो ट्वीट्स को लेकर अवमानना का दोषी पाया था।
29 जून को किए गए इन ट्वीट्स में उन्होंने महंगी बाइक पर बैठे चीफ़ जस्टिस बोबडे की तस्वीर ट्वीट करते हुए टिप्पणी की थी।
दूसरे ट्वीट में उन्होंने भारत के हालात के संदर्भ में पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर अपनी राय ज़ाहिर की थी।
इस बारे में प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जिसके लिए (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) उन्हें दोषी ठहराया है वो हर नागरिक के लिए सबसे बड़ा कर्तव्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने ट्वीट्स के लिए माफ़ी माँगने के कई मौके दिए थे लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ़ इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि उनके बयान सद्भावनापूर्ण थे और अगर वे माफ़ी मांगेंगे तो यह उनकी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें वो सबसे ज़्यादा विश्वास रखते हैं। (bbc/hindi)
अरुल लुइस
संयुक्त राष्ट्र, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कोविड-19 महामारी को दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की घटती उपलब्धता और प्रकृति के अनियमित दोहन के खिलाफ एक चेतावनी बताया है।
संयुक्त राष्ट्र के जैव विविधिता सम्मेलन में अपने भाषण में जावडेकर ने कहा, "कोविड-19 महामारी ने इस तथ्य पर जोर दिया है कि खाने की बुरी आदतें उस प्रणाली को बर्बाद कर रही हैं जिसके दम पर इंसान जिंदा है।"
चीन के जंगली जानवरों को भोजन के रूप में बेचने वाले बाजार से कोविड-19 की उत्पत्ति मानी जा रही है।
वैदिक शास्त्र के एक कोट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 'प्रकृति रक्षती रक्षिता', यानि कि यदि आप प्रकृति की रक्षा करते हैं, तो प्रकृति आपकी रक्षा करेगी। भारत में अनादिकाल से प्रकृति के संरक्षण के साथ तालमेल बिठाकर जीने की संस्कृति रही है।
जावडेकर ने महात्मा गांधी की अहिंसा और जानवरों की सुरक्षा के लोकाचार को संविधान में शामिल करने के कानूनों का हवाला देते हुए कहा, "इन्हीं के चलते धरती के 2.4 प्रतिशत भूभाग वाले भारत में दुनिया की 8 फीसदी प्रजातियां हैं।"
मंत्री ने आगे कहा कि पिछले दशक में भारत ने देश के भौगोलिक क्षेत्र में वन क्षेत्र को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया है। भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर भूमि की उर्वराशक्ति और वनों की कटाई को बहाल किया जाए। इतना ही नहीं 2022 की समय सीमा से पहले ही बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है।
लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म और बेहरमी से हत्या करने की घटना का संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मामला दो समुदायों के बीच का है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतका के परिवार और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा दे। सरकार को 4 हफ्तों के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।
डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है ताकि शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित की जा सके और दोषियों को बिना देरी के अदालत द्वारा दंडित किया जा सके।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए मृतका के परिवार के साथ-साथ गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति के अन्य सदस्यों को भी उचित सुरक्षा दी जाए।
बता दें कि 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय लड़की के साथ कथित रूप से दुष्कर्म कर क्रूरता बरती गई थी। पहले उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और फिर सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया।
महानिरीक्षक पीयूष मोर्डिया ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुष्कर्म की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने युवती का गला घोंटा था।
उन्होंने कहा कि पीड़िता ने जिन 4 आरोपियों के नाम लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने कथित तौर पर देर रात अंतिम संस्कार कर दिया और इससे राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया।
परिवार ने दावा किया कि उन्हें आखिरी बार लड़की का चेहरा देखने और विधि-विधान से दाह संस्कार करने की अनुमति नहीं दी गई। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी ने पीड़िता के पिता से बात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही परिवार के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे और एक सदस्य के लिए नौकरी की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है।
लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन को बॉलीवुड-ड्रग नेक्सस लिंक के बारे में संसद में बोलने के बाद वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। गुरुवार को एक ट्वीट में रवि किशन ने इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।
रवि किशन ने मुख्यमंत्री को उनके 'परिवार और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों' को सुरक्षा प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी आवाज लोगों के विचारों में गूंजती रहेगी।
रवि किशन ने एक ट्वीट में कहा, आदरणीय महाराज जी, मेरी सुरक्षा के साथ वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा जो आपने मेरे लिए, मेरे परिवार और मेरे लोकसभा क्षेत्र के लोगों के लिए प्रदान की है, उसने हमें आपका ऋणी बना दिया है और इसके लिए हम आपके आभारी हैं। मेरी आवाज सदन में गूंजती रहेगी।
भाजपा सांसद उस ड्रग कार्टेल के खिलाफ संसद में मानसून सत्र के दौरान बोल रहे थे जो बॉलीवुड में सक्रिय है। उनके बयान के बाद सांसद जया बच्चन ने उनकी कड़ी आलोचना की थी।
बलरामपुर (यूपी), 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई मासूम के साथ दरिंदगी का मामला शांत नहीं हो पाया था कि इसी बीच बलरामपुर में 22 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत हो गयी। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने बताया कि मामला कोतवाली क्षेत्र का है। यहां मृतका के भाई ने तहरीर में कहा है कि उसकी बहन के साथ दो लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की जब तबीयत ज्यादा खराब हुई तो रिक्शा से घर भेज दिया। उस समय उसकी हालत ठीक नहीं थी। परिवार के लोग उसे लेकर आनन फानन में अस्पताल के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने गैंपरेप और हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस ने मामले में छानबीन की और दोंनो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमार्टम में हाथ-पांव तोड़ने आदि की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
जिलाधिकारी बलरामपुर कृष्णा करुणेश व पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर के महंत मिथिलेश नाथ योगी के साथ पीड़ित परिवार के घर जाकर उनको सांत्वना दी। उनको पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में अवगत करवाया। परिजनों को भरोसा दिलाया गया कि पूरी विवेचना को शीघ्र निस्तारित करवाकर अभियुक्तों को प्रभावी पैरवी के द्वारा सजा दिलवाई जाएगी।
पीड़िता के परिजनों को महंत जी के हाथों से 6 लाख 18 हजार रुपए की मुआवजा राशि का अनुमति पत्र प्रदान किया गया। यह मुआवजा राशि गुरुवार दोपहर तक विधिक प्रक्रिया पूर्ण करके पीड़िता की माता के बैंक एकाउंट में भेज दी जाएगी। जनपद और शासन स्तर से जो भी सहायता होगी, वह दी जाएगी।
देवबंद, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां का देवी दुर्गा का रूप धारण कर अपने प्रशंसकों को महालया की शुभकामनाएं देना देवबंद में इस्लामिक मदरसा, दारुल उलूम को रास नहीं आया और उन्होंने अभिनेत्री को अपने इस कार्य के लिए माफी मांगने को कहा है। देवबंद के इस्लामिक विद्वान मौलाना इशाक गोरा ने कहा, "नुसरत जहां को इस तरह की चीजें करना पसंद है। वह हमेशा विवादों में रहती है। इस्लाम में इन चीजों की मनाही है, लेकिन वह ऐसा कर रही है। लोग अक्सर उसके काम से नाराज होते हैं। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से गलत है। उसे माफी मांगनी चाहिए।"
देवबंद के एक अन्य मौलाना असद कासमी ने भी अभिनेत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। उसे अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए।"
अभिनेत्री व सांसद नुसरत जहां ने मंगलवार को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी क्योंकि उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने दुर्गा अवतार की तस्वीर पोस्ट की थी, उसके लिए उन्हें कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली थी। गौरतलब है कि अभिनेत्री ने अपने फॉलोवर्स को 'शुभो महालया' की शुभकामना देते हुए अपनी तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह देवी दुर्गा के पारंपरिक पोशाक में नजर आ रही थी।
उन्होंने विदेश मंत्रालय और बंगाल सरकार को भी इस बारे में सचेत किया है।
नुसरत वर्तमान में एक बंगाली फिल्म की शूटिंग के लिए लंदन में हैं और अगले 15 दिनों तक उनके वहां रहने की उम्मीद है।
उन्होंने लिखा, "मेरे लंदन में ठहरने के दौरान मुझे तत्काल पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता है, क्योंकि यह धमकी बहुत गंभीर है और मेरे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। कृपया मुझे लंदन में आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करें।"
यह पहली बार नहीं है, जब अभिनेत्री को कट्टरपंथियों के प्रकोप का सामना करना पड़ा है। पिछले साल शादी के बाद उनके सिंदूर लगाने और दुर्गा पूजा उत्सव में भाग लेने पर भी उनकी आलोचना की गई थी।
दारुल उलूम देवबंद के मु़फ्ती आजाद वजमी ने उनके हिंदू परंपराओं को अपनाने को लेकर खूब आलोचना की थी और उनके धर्म से बाहर शादी करने और 'मंगलसूत्र' और 'सिंदूर' जैसे हिंदू विवाह के प्रतीक को अपनाने के लिए उनके खिलाफ फतवा जारी किया था।
लखनऊ , 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस की महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरूवार को हाथरस के बाद अब बलरामपुर जिले में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती। ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। प्रियंका गांधी गुरूवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, हाथरस जैसी वीभत्स घटना बलरामपुर में घटी। लड़की का बलात्कार कर पैर और कमर तोड़ दी गई। आजमगढ़, बागपत, बुलंदशहर में बच्चियों से दरिंदगी हुई। यूपी में फैले जंगलराज की हद नहीं। मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती। ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। जनता को जवाब चाहिए।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा का भी गुरुवार को हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने का कार्यक्रम है। इसी बीच सरकार ने जिले की सभी सीमाएं सील कर दी हैं और धारा 144 लगा दी है। हाथरस में इस पीड़ित परिवार की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हैं। इसी कारण गांव को कंटेनमेंट जोन भी घोषित किया जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया है कि उन्हें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आने की उनके प्रोटोकल के तहत कोई जानकारी नहीं मिली है। हाथरस की सभी सीमाएं सील हैं। किसी को हाथरस की तरफ नहीं आने दिया जाएगा। राजनीतिक लोगों के आगमन की वजह से भीड़ बढ़ सकती है। यहां पर लॉ एंड आर्डर बिगड़ने की आशंका को देखते हुए उन्हें सीमाओं पर ही रोका जाएगा।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिवार से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलने जा रहे हैं। जिसको लेकर डीएनडी पर कांग्रेस कार्यकतार्ओं के अलावा भीम सेना के कार्यकर्ता भी मौजूद हैं और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल डीएनडी पर लगा रखा है। अभी ये कह पाना मुश्किल होगा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यूपी बॉर्डर में एंट्री मिलेगी या नहीं। दरअसल गैंगरेप और बर्बरता का शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की इलाज के दौरान मौत और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से रात के अंधेरे में परिवार की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार किए जाने पर पूरे देश में आक्रोश है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता सड़को पर उतर आए और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं।
एडीशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने आईएएनएस को बताया, अभी हमारे पास उनके आने की कोई सूचना नहीं है। हमें मीडिया के माध्यम से पता चला कि वो आ रहीं है। फिलहाल कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा।
जनाकारी के अनुसार, हाथरस में पीड़िता के घर पर पुलिस पहरा बढ़ा दिया गया है। वहीं पीड़ित के घर के कुछ दूरी पर ही पुलिस ने बेरिकेड लगा रखे हैं और किसी को आने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा आज सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के परिवार से मिलने उत्तर प्रदेश के हाथरस जाएंगे। हाथरस में पुलिस द्वारा रात में ही उसका अंतिम संस्कार कर देने के कारण जमकर आक्रोश फैल गया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि उप्र सरकार से यात्रा की अनुमति मांगी गई है और उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी रहेंगे।
मामले को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी ने दुष्कर्म पीड़िता के पुलिस द्वारा "जबरन दाह संस्कार" करने को "शर्मनाक" करार दिया।
उन्होंने 19 साल की पीड़िता के दाह संस्कार की एक समाचार रिपोर्ट को टैग करते हुए ट्वीट किया, "दलितों पर अत्याचार करना एक शर्मनाक कदम है। हमारी लड़ाई इस घृणित सोच के खिलाफ है।"
इससे पहले पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से "समय पर कार्रवाई नहीं करने" के लिए इस्तीफे की मांग की थी।
बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बीच हाथरस के पैतृक गांव में बुधवार को दलित युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
श्रीनगर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया जिसमें भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन बुधवार रात को किया।
शहीद होने वाले भारतीय जवान की पहचान लांस नायक करनैल सिंह के रूप में की गई है।
सेना ने एक बयान में कहा है कि, हम लांसनायक करनैल सिंह की बहादरी को सलाम करते हैं। उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 30 सितंबर की रात को कृष्णा घाटी सेक्टर में वो शहीद हो गए। हमें उनके परिवार के साथ पूरी संवेदना है।
बता दें कि पिछले कई दिनों में कुपवारा, पीर पंचाल, रजौरी और पुंछ में पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान भारत के नागरिक इलाकों और भारत के रक्षा ठिकानों को टारगेट कर रहा है और लगातार गोलीबारी कर रहा है।
सेना ने कहा कि वो पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन का करारा जवाब दे रहा है।
आजमगढ़/बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक लगातार रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं। बीते 24 घंटे के अंदर आजमगढ़, बुलंदशहर और फतेहपुर में रेप की वारदातें सामने आई हैं। डराने वाली बात यह है कि तीनों ही केस में बच्चियों के साथ दरिंदगी की गई है। इसके अलावा बलरामपुर में एक युवती के साथ हैवानियत भरी घटना सामने आई है।
आजमगढ़ के जीयनपुर क्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची के साथ 20 वर्षीय युवक ने रेप किया। बच्ची की मां ने आरोपी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मां का कहना है कि आरोपी दानिश उनका पड़ोसी है और वह बच्ची को नहलाने के बहाने अपने घर ले गया था।
आजमगढ़ रेप का आरोपी गिरफ्तार
आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि बच्ची की मां की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस मामले में आरोपी दानिश को गिरफ्तार कर लिया गया है। बच्ची का मेडिकल कराया जा रहा है।
बुलंदशहर में पड़ोसी युवक ने बनाया बच्ची को निशाना
दूसरी वारदात बुलंदशहर की है। यहां पर एक 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ उसके ही पड़ोसी ने रेप किया। इस मामले में लड़के के पिता ने बुधवार रात को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बताया कि लड़के के पिता ने पड़ोस के रहने वाले रिजवान (20) पर रेप का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपी रिजवान को गिरफ्तार कर लिया है।
घर से कुछ दूरी पर खेल रही बच्ची हुई लापता
तीसरी घटना फतेहपुर के ललौली थानाक्षेत्र में हुई है। थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप तिवारी ने बताया कि यहां पर एक सात साल की बच्ची के साथ रेप हुआ है। बच्ची अपने घर से कुछ ही दूरी पर अकेले खेल रही थी। इसी दौरान वह लापता हो गई।
गांववालों ने जब बच्ची को ढूंढा तो पता चला कि बगल के गांव करैहा के मजरे कल्लू भगत का डेरा निवासी युवक अनिल निषाद (20) बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ हो गया था। इधर बच्चे के रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर खेतों में काम कर रहे कुछ लोग वहां पहुंचे। उन्होंने युवक को दौड़ाकर पकड़ लिया।
कमर और दोनों पैर तोड़े
बलरामपुर में दलित युवती के साथ हैवानियत बरती गई। 22 साल की दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिए गए। इसके बाद छात्रा को रिक्शे में बिठाकर घर भेज दिया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है।
इंजेक्शन लगाकर किया गया रेप
मां का आरोप है कि उसकी बेटी को इंजेक्शन लगाकर हैवानियत की वारदात को अंजाम देने के बाद कमर और दोनों टांगों को तोड़कर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया गया जिसके बाद वो कुछ भी बोल नहीं पा रही थी। वह सिर्फ इतना कह पाई, 'बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं।' हालांकि बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा ने कहा है कि हाथ पैर और कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।(navbharattimes)
श्रीनगर, 1अक्टूबर (आईएएनएस)| दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों के शव कब्र से बाहर निकाले जाएंगे और कानूनी प्रक्रिया के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए जाएंगे। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा, "चूंकि मृतकों के डीएनए के नमूने परिवार के साथ मेल खाते हैं, इसलिए तीनों शवों को निकाला जाएगा और कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें परिवारों को सौंप दिया जाएगा।"
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से आए परिवार के सदस्यों के डीएनए के नमूने तीन व्यक्तियों इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार के साथ मिलान किए गए थे। शोपियां में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने तीनों को मार डाला था।
सेना की एक जांच में बाद में पाया गया कि सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्फा) के तहत अपनी शक्तियों का नाजायज उपयोग किया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने मृतक के परिवारों की फरियाद पर जांच शुरू की, जिन्होंने कहा कि वह लापता हो गए थे और उन्हें सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुई तस्वीरों में उनके मुठभेड़ में मारे जाने का पता चला।
पुलिस ने इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो संदेह के दायरे में हैं। पुलिस की ओर से उनसे पूछताछ की जा रही है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली-एनसीआर को हर साल सर्दियों में दम घोंटने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए इस बार पांच प्रमुख फॉर्मूले पर काम शुरू हुआ है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालय समन्वय बनाकर काम करने में जुटे हैं। केंद्र सरकार की बात करें तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, कृषि, सड़क और पेट्रोलियम मंत्रालय दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने की दिशा में काम कर रहा है। खास बात है कि केंद्र से लेकर राज्यों के बीच इस पूरे अभियान की मानीटरिंग पीएमओ से हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की क्वालिटी सुधारने के लिए तैयार हुए एक्शन प्लान को केंद्र और राज्य मिलकर एक साथ धरातल पर उतारने में जुटे हैं। बीते दिनों प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा इसको लेकर गठित टास्क फोर्स की बैठक भी कर चुके हैं। जिसमें चारों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ केंद्रीय मंत्रालयों के अफसरों ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान कई निर्देश भी राज्यों को जारी हुए थे। इस पूरे अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "प्रदूषण रोकने के लिए यूं तो हर वर्ष कार्ययोजनाएं बनती हैं, मगर इस बार इसे सख्ती से लागू करने की कोशिशें चल रही हैं। पीएमओ लगातार पूरे अभियान की मॉनीटरिंग कर रहा है।"
फसल अवशेष प्रबंधन
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। प्रदूषण रोकने के लिए तैयार हुए एक्शन प्लान में फसल अवशेष प्रबंधन को प्रमुखता दी गई है। फसलों के अवशेष यानी पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्ती बरतने का निर्देश जारी है। फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर पर मशीनों की तैनाती और उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी टास्क फोर्स ने जोर दिया है। कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि फसल अवशेष प्रबंधन से जुड़ीं मशीनों को किसानों तक समय से पहुंचाया जाए।
ईंधन संयंत्रों की स्थापना
फसलों के अवशेष पर आधारित बिजली, ईंधन संयंत्रों की स्थापना पर भी जोर देने की बात चल रही है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इस तरह के संयंत्रों को प्राथमिकता वाले ऋण क्षेत्र में शामिल किया गया है। ऐसे संयंत्रों की तेजी से तैनाती के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की ओर से संयुक्त रूप से एक कार्य योजना तैयार करने की कोशिश चल रही है।
फसल विविधीकरण
फसल के विविधीकरण यानी फसलों का पैटर्न बदलकर खेती करने से भी प्रदूषण की समस्या रोकी जा सकती है। फसल विविधीकरण से किसान ज्यादा फसलें पैदा कर सकते हैं। इससे खेतों में पराली जलाने के बजाए उसी में वह बुआई कर सकते हैं। दरअसल, खेत में पराली जलाने से जमीन की उर्वरता पर असर पड़ता है, क्योंकि जमीन में मौजूद किसान मित्र कीट हो जाते हैं।
पर्याप्त संख्या में तैनात होंगे अफसर
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए जमीनी निगरानी तेज करने के लिए टीमें तैनात होंगी। पीएमओ की ओर से गठित टास्क फोर्स ने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में उन स्थानों पर अफसरों की तैनाती करने को कहा है, जहां हर साल पराली जलाने की सर्वाधिक घटनाएं होती हैं।
दिल्ली में न जले खुले में कचरा
दिल्ली में हर साल कई स्थानों पर खुले में कचरा जलाने की भी घटनाएं होती हैं। इस बार ऐसी घटनाएं रोकने के लिए खास प्लान तैयार हुआ है। खुले में कचरे को जलाने से रोकने के लिए टीमों की तैनाती करने पर जोर दिया गया है। हॉट स्पॉट चिन्हित कर काम करने की तैयारी है। एनसीआर में औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग द्वारा उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन पर भी जोर दिया जाएगा।
मथुरा (उत्तर प्रदेश), 30 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक सिविल कोर्ट ने बुधवार को हिंदू पवित्र शहर में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि यह कृष्ण जन्मभूमि भूमि पर बनाई गई है। यह आदेश सहायक जिला न्यायाधीश छाया शर्मा ने पारित किया।
अदालत ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मामले को स्वीकार करने पर रोक का हवाला देते हुए दलील पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।
बता दें कि राम लला विराजमान के बाद अब श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से भी मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर किया गया है। इसमें हिंदू देवता कृष्ण की जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा गया है और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है।
--आईएएनएस