खेल
नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपिंयनशिप के पुरुष जैवलिन थ्रो मुक़ाबले में सिल्वर मेडल जीत लिया है.
नीरज चोपड़ा की इस कामयाबी पर देश भर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं.
इस मौक़े पर पानीपत में मौजूद उनकी माँ सरोज देवी ने अपने बेटे की जीत पर पत्रकारों से बात की.
उन्होंने कहा, "माँ तो बहुत ख़ुश है और ये सिर्फ़ हमारी ख़ुशी नहीं है ये तो पूरे देश की ख़ुशी है. गोल्ड हो या सिल्वर हमारे लिए ख़ुशी उतनी ही है."
सरोज देवी ने कहा, "हमें इस बात की ख़ुशी है कि उसने जो कठिन मेहनत की है, उसे उसका फल मिला है. हम इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त थे कि वो मेडल तो जीतेगा ही."
नीरज चोपड़ा की माँ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "बच्चा जब अपनी लाइन पर चल पड़ता है तो ख़ुशी ही होती है. दुनिया के हर माँ-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छी राह पर चले. लेकिन नीरज ने मेरे सारे सपने पूरे कर दिए हैं."
नीरज चोपड़ा जब भी घर आते हैं वो अपनी मां से चूरमे की मांग करते हैं तो क्या इस बार उनके फिर चूरमा ही तैयार होगा या कुछ ख़ास?
इस सवाल के जवाब में उनकी माँ ने कहा कि उसे तो सिर्फ़ चूरमा ही चाहिए होता और इसके अलावा वो जो कहेगा वो होगा.
नीरज की माँ ने बताया कि जब वो ओलंपिक मेडल जीतकर आए थे तब जश्न मना था और इस बार भी ज़रूर कुछ सोचा जाएगा.
पीएम मोदी ने दी बधाई
नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल जीतने पर देशभर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं. पीएम मोदी ने उन्हें उनकी इस उपलब्धि पर बधाई देने के साथ ही आगामी मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने ट्वीट किया है, "हमारे सबसे सम्मानित एथलीट्स में से एक नीरज चोपड़ा की एक और शानदार उपलब्धि. #WorldChampionships में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा को शुभकामनाएं. यह भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण पल है.नीरज को उनके आगामी मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं."
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके नीरज को सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई दी है.
उन्होंने लिखा है, "बधाई नीरज चोपड़ा. विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक के शानदार प्रदर्शन के लिए आपको बधाई. आपकी यह सराहनीय उपलब्धि भारतीय खेल को आगे ले जाएगी."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नीरज चोपड़ा को बधाई दी है.
उन्होंने लिखा है, "सूबेदार नीरज चोपड़ा के शानदार प्रदर्शन से भारत में जश्न का माहौल है. ओरेगॉन में #WorldAthleticsChampionships में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई. यह उनकी कड़ी मेहनत, धैर्य और दृढ़ संकल्प का नतीजा है. हमें उन पर गर्व है."
उन्होंने लिखा है, "ओरेगॉन में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. वह 2003 में लॉन्ग-जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज के विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद, पदक जीतने वाले वह पहले पुरुष और दूसरे भारतीय बन गए गए हैं." (bbc.com)
-मनोज चतुर्वेदी
भारतीय पुरुष हॉकी टीम की कोई चाहत है तो वह है कॉमनवेल्थ गेम्स में सोने के तमगे के साथ पोडियम पर चढ़ना.
पर उसके इस सपने की राह में सबसे बड़ी बाधा कोई है तो वह है ऑस्ट्रेलिया.
वैसे तो ऑस्ट्रेलिया के विश्व हॉकी में दबदबे को हम सभी जानते हैं और इन खेलों में 1998 में हॉकी के शामिल होने के बाद से हर बार ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बनकर ही लौटी है.
भारत ने अब तक दो बार ही 2010 और 2014 में ही फ़ाइनल तक चुनौती पेश की है और दोनों बार उसे ऑस्ट्रेलिया से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
इसके अलावा टीम दो बार चौथे स्थान पर रही है. इससे यह तो साफ़ है कि भारत का अभियान बहुत चमकदार तो नहीं रहा है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले साल हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक जीतने के बाद से इस टीम की एकदम से कायापलट हो गई है.
अब हमारी टीम दुनिया की किसी भी टीम को फतह करने का माद्दा रखती है. यह उसने इस बार एफआईएच प्रो लीग में शानदार प्रदर्शन करके दिखाया भी है. इसमें तीसरे स्थान पर रहना भारत की ताक़त को तो दर्शाता है.
इस लीग में भारत ने स्पेन, अर्जेंटीना, इंग्लैंड, जर्मनी और बेल्जियम पर कम से एक जीत पाकर यह तो जताया ही है कि वह अब बिग लीग की टीम है और अपना दिन होने पर किसी भी टीम को धता बता सकती है.
भारतीय टीम इस लीग में अगर फ़्रांस के ख़िलाफ़ जीत हासिल कर लेती या कुछ और मैच जीतती तो लीग में टॉप करता या दूसरे स्थान पर ज़रूर रहती.
टोक्यो ओलंपिक के बाद लगातार शानदार प्रदर्शन करने से टीम के हौसले में भी बढ़ोतरी हुई. यही वजह है कि इस बार वो ऑस्ट्रेलिया की मौजूदगी में भी सोने का तमगा हासिल करने की सोच रही है.
भारतीय उपकप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा... हमने एफ़आईएच प्रो लीग में अच्छी हॉकी खेली है और हम इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने का हरसंभव प्रयास करेंगे. हमने बेंगलुरु शिविर में फिनिशिंग और डिफेंस में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की है. हमारी टीम सही दिशा में आग बढ़ रही है.
हरमनप्रीत की इस सोच को बनाने में भारत की पिछले कुछ सालों के दौरान पेनल्टी कार्नरों को लेने में विशेषज्ञता हासिल करने ने भी निभाई है. हम सभी जानते हैं कि पहले पेनल्टी कॉर्नरों को गोल में बदलना हमारी प्रमुख कमज़ोरी हुआ करती थी. लेकिन अब हमारे पास विश्व स्तरीय ड्रैग फ्लिकर हैं. पिछली एफ़आईएच प्रो लीग में हरमनप्रीत ने सबसे ज़्यादा 16 गोल जमाकर भारत की ताक़त का अहसास कराया है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले कुछ सालों में हमारी टीम ने फिटनेस पर बहुत मेहनत की है और अब हम बाकी टीमों की तरह ही फिटनेस रखते हैं. इसका ही परिणाम है कि हमारी टीम अब अंतिम क्षणों तक जमकर संघर्ष करती है. पिछले कुछ सालों में भारत ने आखिरी क्षणों में कई मैचों पर परिणामों को पलटा है. पहले हमारी टीम एक बार पिछड़ने के बाद खेल पर से पकड़ खो देती थी पर अब ऐसा नहीं है.
पिछले दिनों प्रो लीग में ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम से खेलने भारतीय टीम एंटवर्प गई तो पहले ही मैच में एक समय 1-3 से पिछड़ गई और खेल खत्म होने में मात्र आठ मिनट बचे थे. पर भारतीय टीम हार माने बगैर जूझती रही और हरमनप्रीत के 52वें मिनट और जर्मनप्रीत के 57वें मिनट में जमाए गोल से बराबरी ही नहीं प्राप्त की बल्कि टाईब्रेकर में मुक़ाबला जीत दिखाया.
कोच ग्राहम रीड की अहम भूमिका
भारतीय टीम के कोच ग्राहम रीड ने खिलाड़ियों का कौशल मांजने के साथ उन्हें मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है. यही वजह है कि अब टीम हमले पर हो या बचाव में, उसमें हड़बड़ाहट नजर नहीं आती है. साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को सफ़ाई के साथ टैकलिंग करना भी सिखाया और इसकी वजह से भारतीय टीम ने अब पेनल्टी कॉर्नर कम देने शुरू कर दिए हैं.
भारतीय टीम के लगातार अच्छे प्रदर्शन की वजह टीम की कमान लंबे समय से एक ही कोच के हाथ में रहना भी है. ग्राहम रीड के कोच बनने से पहले हमारे यहां किसी भी कोच का टिकना बेहद मुश्किल काम था. इसकी वजह कोच के काम में हस्तक्षेप करने की वजह से टकराव बनता था और कोच को जाने की राह दिखा दी जाती थी. लेकिन ग्राहम रीड ने अपने व्यवहार से तो देश के हॉकी के कर्ताधर्ताओं का शिकार बनने से अपने को बचाए रखा है. पर इतना ज़रूर है कि ग्राहम रीड के बने रहने का टीम को फ़ायदा मिला है.
भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स की पुरुष हॉकी में इंग्लैंड, कनाडा, वेल्स और घाना के साथ पूल 'बी' में रखा गया है. वहीं पूल 'ए' में पिछली चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान को रखा गया है. इससे यह तो साफ़ है कि भारत का ग्रुप थोड़ा आसान है.
लिहाजा भारत के लिए अपने ग्रुप में पहले दो स्थानों पर रहकर सेमीफ़ाइनल में जगह बनाना मुश्किल नहीं है. मुश्किल तो सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड या पाकिस्तान में से किसी भी टीम से साथ सामना होने पर, उसे जीतने में होगी.
ऑस्ट्रेलिया से पार पाकर ही चैंपियन बन सकेंगे
भारत यदि ग्रुप में टॉप पर रहकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचता है तो उसके फ़ाइनल खेलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं. इससे वह सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से खेलने से बच सकता है. पर चैंपियन बनने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया को फतह करना ही होगा. यह काम किसी भी सूरत में आसान नहीं है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम की दिक्कत यह ज़रूर है कि इस बार उसने देश में फैले कोविड की वजह से एफ़आईएच प्रो लीग में भाग नहीं लिया था, जिसकी वजह से टीम को अंतरराष्ट्रीय अनुभव की कमी खल सकती है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया का इन खेलों में रिकॉर्ड ज़रूर उसकी बादशाहत को बताता है.
मुझे याद है कि भारतीय टीम कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के घर में आयोजन होने पर बहुत अच्छा खेल रही थी, तो लगा था कि इस बार सोने के तमगे का सपना साकार कर सकते हैं. इस सोच की वजह इंग्लैंड को टाईब्रेकर में 5-4 से फतह कर लेना था. लेकिन फ़ाइनल में उतरते ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत की कलई खोल कर रख दी. ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर आठ गोल ठोककर मैच का स्कोर टेनिस जैसा बना दिया.
यह सही है कि हम भले ही गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले खेलों में पदक से मरहूम रहे थे. लेकिन पिछले चार सालों में भारत ने ग्राहम रीड के प्रशिक्षण में खासी प्रगति की है और इसकी झलक पहले टोक्यो ओलंपिक और फिर एफआईएच प्रो लीग में देखने को मिली है. इसलिए इस बार टीम यदि सोने के तमगे का सपना देख रही है तो उसके साकार होने की संभावना भी दिखती है.
आखिरी समय में मजबूत टीम भेजने का फैसला
बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स और चीन में होने वाले एशियन गेम्स के आयोजन के बीच कम दिनों का अंतर होने पर पहले हॉकी इंडिया ने इन खेलों में युवा खिलाड़ियों की टीम भेजने का फ़ैसला किया था. इसकी वजह, एशियन गेम्म में गोल्ड जीतने का मौका होना था. ऐसा करने पर 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय टीम सीधे क्वालिफ़ाइ कर जाती.
लेकिन चीन में कोविड की स्थिति ख़राब होने पर एशियाई खेलों के 2023 के लिए स्थगित हो जाने पर भारत ने इन खेलों में पूरी ताक़त वाली टीम भेजने का फ़ैसला किया. इसलिए इस टीम में टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले ज़्यादातर खिलाड़ी शामिल हैं.
इन खेलों में प्रदर्शन से टीम प्रबंधन को उसकी ताक़त का सही अहसास करने में मदद भी मिलेगी. असल में भारत को अगले साल जनवरी में अपने घर में होने वाले विश्व कप तक इसके बाद किसी मेजर टूर्नामेंट में नहीं खेलना है. इसलिए कॉमनवेल्थ गेम्स उसके लिए बहुत अहम रहने वाले हैं. (bbc.com)
टोक्यो ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पुरुष जैवलिन थ्रो (भाला फेंकने) में सिल्वर मेडल जीता है. नीरज चोपड़ा ने चौथी कोशिश में 88.13 लंबा थ्रो किया.
वहीं ग्रेनेडा के एंडर्सन पीटर्स ने गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने अपने आख़िरी थ्रो में अपना बेस्ट देते हुए 90.54 मीटर दूर भाला फेंका.
19 साल बाद किसी भारतीय को वर्ल्ड एथलिटिक्स चैंपियनशिप में मेडल मिला है. इससे पहले अंजू बॉबी जॉर्ज ने महिला लॉन्ग जंप में 2003 में कांस्य पदक जीता था.
उम्मीद के विपरीत रही शुरुआत
अपने पहले तीन थ्रोज़ के बाद तक तो नीरज चोपड़ा शीर्ष तीन में भी शामिल नहीं हो सके थे. हालांकि चौथे राउंड में वापसी करते हुए वह दूसरे स्थान पर आ गए. वर्ल्ड चैंपियनशिप मुक़ाबले में ग्रेनेडा के एंडर्सन पीटर्स शुरुआत से ही पहले स्थान पर बने हुए थे और अपने आख़िरी राउंड में अपनी श्रेष्ठ देते हुए उन्होंने मुक़ाबला अपने नाम कर लिया. आख़िरी थ्रो में उन्होंने 90.54 मीटर की दूरी तक थ्रो किया.
नीरज चोपड़ा से गोल्ड मेडल की उम्मीद की जी रही थी और निश्चित तौर वह इसके एक मज़बूत दावेदार थे लेकिन उनके शुरुआती तीन थ्रोज़ के बाद इसकी उम्मीद धुंधली पड़ गई थी. नीरज ने फ़ाउल के साथ शुरुआत की और 82.39 मीटर के दूसरे प्रयास के साथ मुक़ाबले में बने रहे. अपने तीसरे में 86.37 के अच्छे थ्रो के साथ इसे बेहतर किया लेकिन इस समय तक भी वो शीर्ष तीन से बाहर ही थे.
हालांकि, चौथे प्रयास के बाद उनके लिए अंक-तालिका बदल गई और वह दूसरे स्थान पर आ गए. इसके साथ ही भारत के लिए सिल्वर मेडल तो पक्का हो गया था लेकिन नीरज के पांचवें और छठे राउंड के फ़ाउल हो जाने से वह गोल्ड से दूर रह गए.
अंजू बॉबी जॉर्ज एकमात्र भारतीय हैं, जिन्होंने वर्ल्ड एथलिटिक्स चैंपियनशिप में 2003 में कांस्य पदक जीता था. उन्होंने लॉन्ग जंप में यह मेडल जीता था.
वर्ल्ड एथलिटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 88.39 मीटर के अपने पहले ही थ्रो के साथ फ़ाइनल में जगह बनाई थी. यह उनके करियर का तीसरा सबसे बेहतरीन थ्रो था. उनका यह थ्रो केवल ग्नेनेडा के एंडर्सन पीटर्स से पीछे थे.
अगर नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीत जाते तो पुरुष जैवलिन थ्रो में दुनिया के तीसरे एथलिट बन जाते, जिन्होंने ओलंपिक चैंपियन के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता. नॉर्वे के एंड्रीआस थोरकिल्डसन (2008-09) और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले चेक रिपब्लिक के जैन ज़ेलेज़्नी के बाद नीरज चोपड़ा इस फेहरिस्त में आ जाते. (bbc.com)
पोर्ट ऑफ स्पेन, 23 जुलाई। भारतीय टीम रविवार को जब दूसरे वनडे में वेस्टइंडीज से भिड़ेगी तो कार्यवाहक कप्तान शिखर धवन फिर दूसरी कतार में खड़े खिलाड़ियों से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे ताकि तीन मैचों की श्रृंखला उनके नाम हो जाये।
भारतीय टीम ने पहला वनडे तीन रन से जीता था और एक और जीत से भारत कैरेबियाई सरजमीं पर लगातार दूसरी वनडे श्रृंखला जीत लेगा।
भारतीय टीम ने शुक्रवार को पहले वनडे में हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया और तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी जिसमें धवन और वापसी करने वाले शुभमन गिल के बीच आक्रामक सलामी साझेदारी तथा मोहम्मद सिराज का अनुभवी मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में गेंदबाजी आक्रमण की सुघड़ता से अगुआई करना शामिल हैं।
गिल 19 से ज्यादा महीने के समय बाद वनडे टीम में वापसी कर रहे हैं और उन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाकर 64 रन से अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली।
रूतुराज गायकवाड़ और ईशान किशन पर तरजीह देकर चुने गये गिल जब क्वींस पार्क ओवल की पिच पर बल्लेबाजी कर रहे थे तो यह काफी आसान दिख रही थी जबकि ज्यादातर खिलाड़ी इस पर जूझते दिख रहे थे।
पूरी पारी के दौरान उन्होंने जितनी गेंद खेलीं, उतने ही रन जुटाये और छह बाउंड्री के अलावा दो छक्के भी लगाये। पर उनकी पारी का अंत रन आउट से हुआ।
अब गिल पर निर्भर करता है कि वह शानदार शुरूआत को बड़ी पारियों में बदल पाते हैं या नहीं। और वह टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिये निश्चित रूप से ऐसा करना चाहेंगे।
धवन ने भी दूसरे जोड़ीदार की भूमिका बेहतरीन ढंग से निभायी, उन्होंने और गिल ने 106 गेंद में 119 रन की साझेदारी बनायी। लेकिन सीनियर बल्लेबाज अपने 18वें शतक से चूक गया।
श्रेयस अय्यर ने भी अर्धशतक जमाकर फॉर्म में वापसी की जिससे भारतीय टीम में शीर्ष तीन खिलाड़ियों ने ‘परफेक्ट’ शुरूआत दिलायी। लेकिन मध्यक्रम के लड़खड़ाने से भारतीय टीम सात विकेट पर 308 रन ही बना सकी जबकि एक समय वह 350 रन से आगे पहुंचने की ओर बढ़ रही थी।
मध्यक्रम में संजू सैमसन एक बार फिर इस स्तर पर मिले मौके का इस्तेमाल करने में विफल रहे, उन्होंने 18 गेंद में 12 रन बनाये।
केरल के इस विकेटकीपर ने हालांकि बल्ले की नाकामी की कमी डेथ ओवर में एक शानदार बाउंड्री बचाकर पूरी की जिसकी बदौलत भारतीय टीम मैच की अंतिम गेंद पर जीतने में सफल रही। इस ओवर में मोहम्मद सिराज 15 रन का बचाव कर रहे थे।
रविवार को सूर्यकुमार यादव, सैमसन, दीपक हुड्डा और अक्षर पटेल अच्छा योगदान देना चाहेंगे।
धवन ने चोटिल रविंद्र जडेजा की अनुपस्थिति में एक हैरानी भरा फैसला किया, उन्होंने पहले 20 ओवर में विशेषज्ञ युजवेंद्र चहल से पहले कामचलाऊ स्पिनर दीपक हुड्डा से गेंदबाजी करायी।
चहल कोई विकेट नहीं झटक सके लेकिन वह भारतीयों के लिये सबसे किफायती (4.40) गेंदबाज रहे, उन्होंने पांच ओवर में बिना विकेट झटके 22 रन दिये।
सिराज ने तेज गेंदबाजी की अगुआई अच्छे तरीके से की और मध्य ओवरों में निकोलस पूरन के आउट करने के बाद अपने परफेक्ट यॉर्कर से डेथ ओवर में वापसी की।
वेस्टइंडीज की टीम वनडे में लगातार हारने का सिलसिला तोड़ना चाहेगी जो अब सात मैचों का हो गया है जिसमें इस श्रृंखला से पहले बांग्लादेश से मिली 0-3 की हार भी शामिल है।
यह श्रृंखला आईसीसी विश्व कप सुपर लीग का हिस्सा नहीं है और वेस्टइंडीज के पास बिना दबाव के खेलने का मौका है।
पिछली बार जब भारतीय टीम ने वनडे श्रृंखला के लिये वेस्टइंडीज का दौरा किया था तो मेहमान टीम ने 2-0 से श्रृंखला जीती थी जिसमें एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था।
वनडे श्रृंखला के बाद पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला भी होगी जिसमें मुख्य भारतीय टीम खेलती नजर आयेगी।
टीम इस प्रकार हैं:
भारत: शिखर धवन (कप्तान), रुतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल, दीपक हुड्डा, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), शार्दुल ठाकुर, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, आवेश खान, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज और अर्शदीप सिंह।
वेस्टइंडीज: निकोलस पूरण (कप्तान), शाई होप (उप-कप्तान), शमर ब्रूक्स, कीसी कार्टी, जेसन होल्डर, अकील हुसैन, अल्जारी जोसेफ, ब्रैंडन किंग, काइल मेयर्स, गुडकेश मोती, कीमो पॉल, रोवमैन पॉवेल और जेडन सील्स।
मैच भारतीय समयानुसार शाम 7:00 बजे शुरू होगा। (भाषा)
नई दिल्ली, 23 जुलाई | टोक्यो ओलंपिक विभिन्न विषयों में और राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों पर ध्यान देने के साथ देशभर में विभिन्न साई राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) और विदेशी स्थानों पर भी कई शिविर आयोजित किए हैं। जिन एथलीटों को भारत के बाहर प्रशिक्षण की जरूरत थी, उन्हें विदेशी स्थानों में रहने की सुविधा दी गई। ओलंपिक खेलों के बाद प्रशिक्षण पर लौटने के बाद से भाला फेंकने वाला नीरज चोपड़ा चुला विस्टा (यूएस), अंताल्या (तुर्की) और फिनलैंड में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने सेंट लुइस (यूएसए) में समय बिताया, विशेषज्ञ कोच डॉ. आरोन हॉर्शिग के साथ प्रशिक्षण। स्टीपलचेजर अविनाश सेबल और अन्य मध्यम दूरी और लंबी दूरी के धावक अंतरराष्ट्रीय कोच स्कॉट सिमंस के साथ अमेरिका में भी कोलोराडो स्प्रिंग्स में प्रशिक्षण ले रहे हैं। साइक्लिंग टीम तीन महीने से स्लोवेनिया और पुर्तगाल में कैंप कर रही है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है : "15 खेल विषयों के लिए 111 से अधिक एक्सपोजर ट्रिप स्वीकृत किए गए थे जो राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा हैं। हॉकी टीमों ने प्रो लीग, विश्व कप (महिला) और एशिया कप (पुरुष) खेला। बैडमिंटन टीमों ने 26 टूर्नामेंट खेले हैं। कुश्ती टीमों ने पांच टूर्नामेंट में भाग लिया है।"
"टेबल टेनिस खिलाड़ियों को आठ टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए समर्थन दिया गया है। तैराकों श्रीहरि नटराज और साजन प्रकाश को चार स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए समर्थन दिया गया था। जूडो टीमों ने यूरोप में प्रतिस्पर्धा की।"
शिविर पर खर्च की गई राशि का विवरण देते हुए बयान में प्रशिक्षण शिविरों की अवधि और खर्च किए गए धन के बारे में ये विवरण प्रस्तुत किए गए : एथलेटिक्स : 259 दिन, 7.84 करोड़ रुपये, कुश्ती : 157 दिन, 5.27 करोड़ रुपये, बॉक्सिंग : 216 दिन, 4 करोड़ रुपये, भारोत्तोलन : 1.92 करोड़ रुपये, हॉकी : 3.15 करोड़ रुपये।
बयान में कहा गया है, "एथलीट, जिन्हें भारत के बाहर प्रशिक्षण की जरूरत थी, उन्हें विदेशी स्थानों पर रहने की सुविधा दी गई थी, सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले अतिरिक्त खर्चो को सूचीबद्ध करते हुए : भारोत्तोलन उपकरण : 4.68 करोड़ रुपये, जीपीएस और वीडियो विश्लेषण सॉफ्टवेयर सहित हॉकी सहायता : 2.86 करोड़ रुपये, बॉक्सिंग उपकरण : 1.19 करोड़ रुपये, कुश्ती, ताकत और कंडीशनिंग उपकरण : 1.18 करोड़ रुपये।"
बयान में कहा गया है, केंद्रीय बजट में खेलों के लिए आवंटन राशि भी बढ़ा दी गई है। 2021-2022 में 2757.02 करोड़ रुपये थे, जिसे 2022-23 के लिए बढ़ाकर 3,062.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 305.58 करोड़ रुपये की वृद्धि है।
ऐसा लगता है कि सरकार ने एथलीटों की तैयारी के लिए खजाना खोल दिया है और अब खिलाड़ियों को बर्मिघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से शुरुआत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में बहुत सारे पदक हासिल करने होंगे और फिर एशियाड और ओलिंपिक में आगे बढ़ेंगे।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जुलाई | राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पहलवानों ने अब तक 102 पदक जीते हैं, जिसमें 43 स्वर्ण शामिल हैं। हर बार की तरह इस बार भी 5 अगस्त को बमिर्ंघम में शुरू रहे राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स 2022) में कुश्ती भारत के लिए पदकों का सबसे मजबूत स्रोत हो सकती है।
स्टार खिलाड़ियों - ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया, ओलंपिक कांस्य विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट से उम्मीदें अधिक होंगी।
इसके इतिहास के बारे में विस्तृत तरीके से बात करें तो कुश्ती ने 1930 में कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन के दौरान ही अपनी शुरुआत कर दी थी। तब से लेकर अभी तक यह खेल 19वीं बार और विशेष रूप से इंग्लैंड के भीतर तीसरी बार आयोजित हो रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 में हुए सीडब्ल्यूजी में, भारत पांच स्वर्ण सहित 12 पदकों के साथ कुश्ती में शीर्ष पर रहा था। 2014 में भारत कनाडा के बाद दूसरे नंबर पर था।
प्रतिस्पर्धा के स्तर को देखते हुए बमिर्ंघम में भारत की संभावना वास्तव में बहुत अधिक है। यह एथलीटों के लिए एशियाड और ओलंपिक जैसे प्रमुख टूनार्मेंटों से पहले अपने कौशल को सुधारने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
कुछ स्टार भारतीय पहलवान, विशेष रूप से महिलाएं (साक्षी मलिक और विनेश फोगाट) कठिन समय से गुजर रही हैं और यह उनके लिए फॉर्म और आत्मविश्वास हासिल करने का एक आदर्श अवसर हो सकता है।
विनेश टोक्यो खेलों से पहले कुश्ती की दुनिया में सबसे प्रभावशाली ताकतों में से एक थीं। लेकिन जापान की राजधानी से उनके चौंकाने वाले पदक-विहीन प्रदर्शन ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। तब से उन्होंने काफी संघर्ष किया है।
इसी तरह, साक्षी के लिए भी राष्ट्रमंडल खेल काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उन्हें भी अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की काफी जरूरत है। वह मनोवैज्ञानिक तौर पर भी मजबूती पा सकती हैं।
वह युवा खिलाड़ी से सीधे चार मुकाबले हारने के बाद सेमीफाइनल में सीडब्ल्यूजी ट्रायल में सोनम मलिक को हराने में सफल रहीं। रियो ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद से 29 वर्षीय खिलाड़ी को कोई बड़ा पदक नहीं मिला है।
पुरुषों के वर्ग में, टोक्यो खेलों के रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किग्रा) भारत की सबसे बड़ी पदक संभावनाओं में से एक हैं। कुश्ती समुदाय का मानना है कि रवि जिस प्रकार की लय में है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि वह निश्चित तौर पर स्वर्ण जीतेंगे।
बजरंग पुनिया (65 किग्रा) और दीपक पुनिया (86 किग्रा) के लिए भी यह कठिन कार्य नहीं होना चाहिए। नवीन (74 किग्रा), दीपक (97 किग्रा) और मोहित ग्रेवाल (125 किग्रा) के लिए भी बड़ी स्पर्धा में पदक जीतने का अच्छा मौका है।
कुश्ती के लिए भारतीय लाइनअप:
पुरुष फ्रीस्टाइल: रवि कुमार दहिया (57 किग्रा), बजरंग पुनिया (65 किग्रा), नवीन (74 किग्रा), दीपक पुनिया (86 किग्रा), दीपक (97 किग्रा) और मोहित ग्रेवाल (125 किग्रा)।
महिला टीम: पूजा गहलोत (50 किग्रा), विनेश फोगाट (53 किग्रा) अंशु मलिक (57 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा), दिव्या काकरान (68 किग्रा) और पूजा सिहाग (76 किग्रा)। (आईएएनएस)
भारत की जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फ़ाइनल में सातवें स्थान पर रही हैं. उनके जेवलिन ने सबसे अधिक 61.12 मीटर का सफर तय किया.
वहीं ऑस्ट्रेलिया की चैंपियन केल्सी-ली बार्बर ने 66.91 मीटर जेवलिन फेंककर गोल्ड मेडल जीता है.
अन्नू रानी ने महिला जैवलिन थ्रो के फाइनल में 56.18 मीटर के थ्रो से शुरुआत की थी. पांच प्रयासों में सिर्फ एक ही बार अन्नू जेवलिन को 60 मीटर के पार थ्रो कर पाईं.
उन्होंने छह प्रयासों में 56.18 मीटर, 61.12 मीटर, 59.27 मीटर, 58.14 मीटर, 59.98 मीटर और 58.70 मीटर दूर जेवलिन फेंका. .
अमेरिका के ओरेगन में चल रहे वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में बुधवार को अन्नू रानी ने 59.60 मीटर जेवलिन फेंककर फाइनल में जगह बनाई थी. भारत की इस जैवलिन थ्रोअर ने लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई है. (bbc.com)
यूजीन, 22 जुलाई। ओलंपिक चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में 88 . 39 मीटर का थ्रो फेंककर पहली बार विश्व चैम्पियनशिप फाइनल के लिये क्वालीफाई कर लिया जबकि रोहित यादव ने भी फाइनल में पहुंचकर भारत के लिये नया इतिहास रच दिया ।
पदक के प्रबल दावेदार चोपड़ा ने ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में शुरूआत की और 88 . 39 मीटर का थ्रो फेंका। यह उनके कैरियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो था । वह गत चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहे । पीटर्स ने ग्रुप बी में 89 . 91 मीटर का थ्रो लगाया ।
चोपड़ा ने कहा ,‘‘ यह अच्छी शुरूआत थी । मैं फाइनल में अपना सौ प्रतिशत दूंगा । हर दिन अलग होता है । हमें नहीं पता कि किस दिन कौन कैसा थ्रो फेंकेगा ।’’
उन्होंने का ,‘‘ मेरे रनअप में थो़ड़ी दिक्कत थी लेकिन थ्रो अच्छा रहा । बहुत सारे खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में हैं ।’’
चोपड़ा का क्वालीफिकेशन राउंड कुछ मिनट ही चला क्योंकि स्वत: क्वालीफिकेशन मार्क पहले ही प्रयास में हासिल करने से उन्हें बाकी दो थ्रो फेंकने नहीं पड़े । हर प्रतियोगी को तीन मौके मिलते हैं ।
रोहित ने ग्रुप बी में 80 . 42 मीटर का थ्रो फेंका । वह ग्रुप बी में छठे स्थान पर और कुल 11वें स्थान पर रहे । उनका दूसरा थ्रो फाउल रहा और आखिरी प्रयास में 77 . 32 मीटर का थ्रो ही फेंक सके । उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 82 . 54 मीटर है जब राष्ट्रीय अंतर प्रांत चैम्पियनशिप में पिछले महीने रजत पदक जीता था ।
पदक का मुकाबला रविवार को सुबह सात बजकर पांच मिनट पर होगा ।
दोनों क्वालीफिकेशन ग्रुप से 83 . 50 मीटर की बाधा पार करने वाले या शीर्ष 12 खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे हैं ।
चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 89 . 94 मीटर है । उन्होंने लंदन विश्व चैम्पियनशिप 2017 में खेला था लेकिन फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाये थे ।
दोहा में 2019 विश्व चैम्पियनशिप में वह कोहनी के आपरेशन के कारण नहीं खेल सके थे ।
चोपड़ा ने इस सत्र में दो बार पीटर्स को हराया है जबकि पीटर्स डायमंड लीग में विजयी रहे थे । पीटर्स तीन बार 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक चुके हैं। (भाषा)
यूजीन, 21 जुलाई। भारत की भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी ने गुरुवार को यहां अपने आखिरी प्रयास में 59.60 मीटर भाला फेंक कर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल्स के लिये क्वालीफाई किया।
अन्नू पर शुरू में ही बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था क्योंकि उनका पहला प्रयास ‘फाउल’ हो गया था जबकि दूसरे प्रयास में वह 55.35 मीटर तक ही भाला फेंक पायी थी। आखिर में वह 59.60 मीटर भाला फेंकने में सफल रही जो फाइनल्स में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था।
वह ग्रुप बी क्वालीफिकेशन दौर में पांचवें स्थान पर रही और उन्होंने दोनों ग्रुप में आठवें सर्वश्रेष्ठ प्रयास के आधार पर फाइनल्स में जगह बनायी।
यह 29 वर्षीय राष्ट्रीय रिकार्ड धारक 60 मीटर तक नहीं पहुंच पायी लेकिन उनके पास शनिवार को होने वाले फाइनल्स में अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका रहेगा। उनका सत्र का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 63.82 मीटर है।
दो वर्गों में 62.50 मीटर या 12 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों ने फाइनल्स में जगह बनाई। केवल तीन प्रतियोगी ही 62.50 मीटर के स्वत: क्वालीफाइंग मार्क को हासिल कर पाये।
विश्व चैंपियनशिप में तीसरी बार भाग ले रही अन्नू ने लगातार दूसरी बार इस प्रतियोगिता के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है। वह 2019 में दोहा में पिछली विश्व चैंपियनशिप में 61.12 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ फाइनल में आठवें स्थान पर रही थी।
इस बीच महिलाओं की 5000 मीटर में पारुल चौधरी हीट नंबर दो में 15 मिनट 54.03 सेकेंड के समय के साथ 17वें और कुल मिलाकर 31वें स्थान पर रहकर सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं।
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा शुक्रवार (भारतीय समयानुसार सुबह 5:35 बजे) पुरुषों के भाला फेंक के क्वालिफिकेशन राउंड के ग्रुप ए में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
तोक्यो खेलों के रजत पदक विजेता जाकुब वालदेच (चेक गणराज्य) और लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता केशोर्न वालकॉट (त्रिनिदाद एवं टोबैगो) भी उनके ग्रुप में होंगे। फाइनल रविवार को होगा। (भाषा)
सेंट जोन्स (एंटीगा), 19 जुलाई | वेस्टइंडीज के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज लेंडल सिमंस ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है। सिमंस ने वेस्टइंडीज के लिए तीनों प्रारूपों में कुल 144 मैच खेले जिसमें कुल 3,763 रन बनाए। 37 वर्षीय सिमंस ने पांच टेस्ट, 68 वनडे और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
सिमंस को वनडे में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। उन्होंने 68 वनडे में दो शतक और 16 अर्धशतक लगाए।
सिमंस का वनडे में अधिकतम स्कोर 122 रन था जो उन्होंने 2011 में मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ बनाया। लेकिन हाल फिलहाल वो टी20 मैचों में ही खेल रहे थे। सिमंस ने वेस्टइंडीज को भारत के खिलाफ अपने शानदार नाबाद अर्धशतक के जरिए 2016 टी20 विश्व कप जिताने में मदद की थी, जो उनके करियर का मुख्य आकर्षण था। सिमंस ने उस दिन नाबाद 82 बनाए थे।
सिमंस ने संकेत दिया है कि वह घरेलू टी 20 टूनार्मेंट खेलना जारी रखेंगे। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने पिछले दशक में मुंबई इंडियंस के साथ दो आईपीएल खिताब जीते थे। (आईएएनएस)
दुबई, 18 जुलाई। भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला जीत कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की सोमवार को जारी नवीनतम एकदिवसीय रैंकिंग में तीसरे स्थान पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली ।
ऋषभ पंत की एकदिवसीय में पहली शतकीय पारी और हार्दिक पंड्या के हरफनमौला खेल से भारत ने तीसरे एकदिवसीय में इंग्लैंड को हराकर श्रृंखला 2-1 से जीती।
भारत के नाम 109 रेटिंग अंक हैं जो चौथे स्थान पर काबिज पाकिस्तान (106 अंक) से तीन अंक ज्यादा है।
इस तालिका में न्यूजीलैंड 128 अंक के साथ शीर्ष पर है जबकि इंग्लैंड 121 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है।
इस सूची में हालांकि छठे स्थान पर काबिज दक्षिण अफ्रीका के पास अपनी स्थिति को सुधारने का मौका होगा। टीम पाकिस्तान से सात रेटिंग अंक पीछे है और इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की आगामी श्रृंखला में अगर वह सूपड़ा साफ करती है तो चौथे स्थान पर पहुंच जायेगी।
भारतीय टीम भी अगले सप्ताह वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन कर अपनी स्थिति और मजबूत कर सकती है। (भाषा)
बार्सिलोना, 18 जुलाई| गोलकीपर सविता पुनिया के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम सोमवार को बार्सिलोना से लंदन के लिए रवाना हो गई है। लंदन पहुंचने पर राष्ट्रीय टीम नॉटिंघम के लिए बस लेगी। बर्मिघम में राष्ट्रमंडल गेम्स के लिए रवाना होने से पहले टीम नॉटिंघम में अंतिम तैयारी कैंप में हिस्सा लेगी।
भारतीय टीम एफआईएच हॉकी महिला विश्व कप स्पेन और नीदरलैंड 2022 में चीन के साथ संयुक्त नौवें स्थान पर रही, जो 1 से 17 जुलाई तक खेला गया था।
सविता ने बताया कि राष्ट्रीय टीम जल्द ही फॉर्म में लौटेगी, क्योंकि दुर्भाग्य से, हम एफआईएच हॉकी महिला विश्व कप में अपनी क्षमता से नहीं खेल सके, लेकिन हम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में अपना बेहतर खेल दिखाएंगे।
उन्होंने कहा, "हमारे पास अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के साथ एक शानदार टीम है। हम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में नई शुरू आत करेंगे और मुझे यकीन है कि हम प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ टीमों का सामना करने में सक्षम होंगे।"
सविता ने कहा कि प्रतियोगिता शुरू होने से पहले टीम अपने खेल के कुछ पहलुओं पर काम करेगी।
उन्होंने आगे कहा, "हमें अपने खेल के कुछ पहलुओं में सुधार करना होगा और हम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 तक उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मुझे लगता है कि हम अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन मैच जीतने हमें कुछ चीजों में सुधार करने जरूरत है।"
भारत 29 जुलाई को बर्मिघम में राष्ट्रमंडल गेम्स के अपने पहले मैच में घाना से भिड़ेगा।
(आईएएनएस)
मैनचेस्टर, 18 जुलाई | इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज जीत के बाद भारत ने आईसीसी रैंकिंग में नंबर 3 स्थान हासिल कर लिया है। इंग्लैंड पर भारत की सीरीज जीत ने रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम को आईसीसी पुरुष वनडे टीम रैंकिंग में पाकिस्तान से आगे अपने तीसरे स्थान को और मजबूत करते हुए देखा है।
109 रेटिंग अंकों के साथ भारत अब पाकिस्तान (106) से तीन अंक आगे है। वहीं, न्यूजीलैंड 128 रेटिंग अंकों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। जोस बटलर के नेतृत्व वाली इंग्लैंड टीम तीन मैचों की वनडे सीरीज हारने के बावजूद 121 रेटिंग अंक के साथ दूसरे स्थान पर है।
अंतिम मैच में विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के पहले एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शतक ने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से सीरीज जीतने में मदद की। सीरीज में मिली जीत से भारतीय टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया।
आने वाले हफ्तों में यह स्थिति बदल सकती है, छठे स्थान पर काबिज दक्षिण अफ्रीका वर्तमान में पाकिस्तान से केवल सात रेटिंग अंक पीछे है और अगर वे इंग्लैंड के खिलाफ अपनी आगामी तीन मैचों की सीरीज में जीत हासिल करते हैं तो वे चौथे स्थान पर पहुंच सकते हैं।
भारत महीने के अंत में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज खेलेगा। पाकिस्तान वर्तमान में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रहा है। टीम इसके बाद अगस्त में नीदरलैंड के साथ एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच में भिड़ेगी।
(आईएएनएस)
मैनचेस्टर, 17 जुलाई | हार्दिक पांड्या (4/24) और युजवेंद्र चहल (3/60) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत यहां ओल्ड ट्रैफर्ड में रविवार को खेले जा रहे निर्णायक वनडे मैच में भारत ने इंग्लैंड को 45.5 ओवर में 259 रन पर समेट दिया। टीम की ओर से कप्तान जोस बटलर (60) और जेसन रॉय (41) ने सबसे ज्यादा रन बनाए। भारत की ओर से हार्दिक पांड्या ने चार विकेट चटकाए। वहीं, युजवेंद्र चहल ने तीन और मोहम्मद सिराज ने दो विकेट झटके, जबकि रवींद्र जडेजा ने एक विकेट लिया।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही, क्योंकि उन्होंने पावरप्ले में तीन विकेट खोकर 66 रन बनाए। इससे पहले, मैच के दूसरे ओवर में सिराज ने जॉनी बेयरस्टो और जो रूट को बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया। इसके बाद, खतरनाक दिख रहे सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय (41) को पांड्या ने पंत के हाथों कैच आउट कराया। वहीं, पांड्या ने अपने अगले ओवर में बेन स्टोक्स (27) को अपना शिकार बनाया, जिससे इंग्लैंड ने 13.2 ओवर में 74 रनों पर चार विकेट खो दिए।
लड़खड़ाती पारी को कप्तान जोस बटलर और मोईन अली ने संभालने का प्रयास किया। इस बीच, दोनों ने धैर्यपूर्वक भारतीय गेंदबाजों का सामना किया। कप्तान बटलर ने 21.3 ओवर में चहल की गेंद पर छक्का मारकर टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया, लेकिन 27.1 ओवर में जडेजा की गेंद पर मोईन (34) चलते बने, जिससे उनके और कप्तान बटलर के साथ 84 गेंदों में 75 रनों की साझेदारी का भी अंत हो गया। इंग्लैंड की आधी टीम 149 रनों पर पर वापस लौट गई।
छठे नंबर पर आए लियाम लिविंगस्टोन ने बटलर के साथ मिल कर पारी को आगे बढ़ाया। इस बीच, बटलर ने 65 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। वहीं, दोनों ने टीम के लिए तेजी से रन बटोरे, लेकिन 37वें ओवर में पांड्या ने लिविंगस्टोन (27) और कप्तान बटलर (60) को जडेजा को कैच आउट कराया, जिससे इंग्लैंड को 199 रनों पर सातवां विकेट गिरा।
इसके बाद, डेविड विली और क्रेग ओवरटन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 43 ओवर में टीम के स्कोर को 240 के पार पहुंचा दिया, लेकिन 44वें ओवर में चहल ने विली (18) को पवेलियन भेज दिया। वहीं, चहल ने क्रेग (32) और रीस टॉपली (0) को आउट कर इंग्लैंड को 45.5 ओवर में 259 रनों पर समेट दिया।
अब भारत को सीरीज पर कब्जा करने के लिए 50 ओवर में 260 रन बनाने होंगे। (आईएएनएस)
लंदन, 17 जुलाई | भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली रविवार को ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के तीसरे वनडे मैच के बाद क्रिकेट से ब्रेक लेंगे और 27 अगस्त से शुरू हो रहे एशिया कप 2022 की तैयारी के लिए लौटने से पहले अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे। रिपोर्ट में बताया गया कि कोहली अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे, जिसमें उनकी मां भी शामिल हैं। बताया गया कि वे क्रिकेट से कुछ दिन के लिए ब्रेक लेना चाहेंगे।
उनकी पत्नी बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और बेटी पहले से ही लंदन में हैं, कोहली के परिवार के कुछ और सदस्य ऑल-फॉर्मेट सीरीज के समापन के बाद उनके साथ शामिल होंगे।
भारत के पूर्व कप्तान को वेस्टइंडीज के खिलाफ 22 जुलाई से शुरू होने वाली आठ मैचों की सीमित ओवरों की सीरीज के लिए आराम दिया गया है और अगले महीने के अंत में श्रीलंका में होने वाले एशिया कप 2022 के लिए भारत के शिविर में शामिल होने की उम्मीद है।
कोहली को लंदन में अनुष्का शर्मा के साथ कथित तौर पर कृष्णा दास के एक प्रवचन में शामिल हुए थे।
ट्विटर पर छवियों में विराट, अनुष्का और एक अज्ञात व्यक्ति को लंदन में प्रवचन में भाग लेते दिखाया गया। एक प्रशंसक ने ट्वीट किया, "विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने लंदन में कृष्णदास कीर्तन में शिरकत की।" (आईएएनएस)
-दीप्ति पटवर्धन
खेल की दुनिया में जूनियर वर्ग के किसी खिलाड़ी का सीनियर वर्ग में भी शानदार प्रदर्शन जारी रखना आसान नहीं होता है.
लेकिन नागपुर की मुक्केबाज़ अल्फ़िया पठान किसी और ही मिट्टी की बनी हैं. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कज़ाख़्स्तान के नूर सुल्तान में खेले गए सीनियर कैटिगरी के अपने डेब्यू टूर्नामेंट में 81 किलोग्राम फ़ाइनल मुक़ाबले में वर्ल्ड चैंपियन लज़्ज़त कुनगेबायवा को 5-0 को हराकर गोल्ड मेडल जीता.
19 साल की अल्फ़िया पठान के लिए ये कामयाबी बेहद अहम है. ख़ासकर उस मुक्केबाज़ के लिए जिसका मुक्केबाज़ी के प्रति लगाव अपने बड़े भाई साक़िब को ट्रेनिंग रिंग में मुक्केबाज़ी करते हुए देख कर परवान चढ़ा हो.
मुक्केबाज़ी से पहले अल्फ़िया ने दूसरे खेलों में भी दिलचस्पी ली थी. उन्होंने स्केटिंग, शॉटपुट, डिस्कस थ्रो और बैडमिंटन तक में हाथ आजमाया.
दो साल तक वह अपने भाई साक़िब के साथ नागपुर के मानकपुर स्थिति डिविजनल स्पोर्ट्स कांप्लैक्स में ट्रेनिंग करने के लिए जाती थीं.
अल्फ़िया याद करती हैं, "हम स्टेडियम साथ में जाते और साथ ही लौटते थे तो बैडमिंटन का अपना अभ्यास करने के बाद मैं उन्हें बॉक्सिंग करते देखा करती थी."
ऐसे ही किसी दिन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स के सर्टिफ़ाइड बॉक्सिंग कोच गणेश पुरोहित की नज़र अल्फ़िया पर पड़ी और उन्होंने कहा कि तुम बॉक्सिंग को एक बार ट्राई करके देखो.
पुरोहित याद करते हैं, "वह लंबी थी और अच्छी कद काठी भी थी. तो मुझे लगा कि ये लड़की तो बॉक्सिंग में बहुत अच्छा करेगी."
ये 2014 के उन दिनों की बात जब महिला बॉक्सर मैरीकॉम के जीवन पर बनी फ़िल्म रिलीज़ हुई थी. अल्फ़िया पर कोच पुरोहित के भरोसे और इस फ़िल्म का गहरा असर हुआ.
अल्फ़िया ने बताया, "जब मैंने अपने माता-पिता को बताया कि मैं मुक्केबाज़ी करूंगी, तो उन्हें यह बहुत उत्सुक नहीं हुए. मैंने उन्हें मनाने की हरसंभव कोशिश की. मुस्लिम परिवारों में महिलाओं को खेल कूद में भेजने का उत्साह नहीं होता है और ख़ासकर मुक्केबाज़ी जैसी पुरुष प्रधान खेल में."
वो कहती हैं, "हमेशा की तरह रिश्तेदारों को भी यह पसंद नहीं था और वे मेरे माता-पिता को खेलने से रोकने के लिए कहते थे. हर जगह यही होता है. लेकिन दस-बारह दिनों की कोशिश के बाद माता-पिता मान गए."
अल्फ़िया मुक्केबाज़ी को चुनने की एक वजह बड़े भाई का खेल से जुड़ा होना भी बताती है. उन्होंने कहा, "यह मूर्खतापूर्ण लगता है लेकिन जब आप छोटे होते हैं तो जो भाई बहन कर रहे होते हैं, उसे करना चाहते हैं."
अल्फ़िया के पिता अकरम पठान नागपुर में पुलिस विभाग में अस्सिटेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. उन्होंने जब अपनी बेटी को बॉक्सिंग खेलने की अनुमति दे दी, उसके बाद वे उसे हर जगह, ट्रेनिंग से लेकर टूर्नामेंट तक, सब जगह लेकर जाने लगे.
परिवार उनकी नौकरी पर ही निर्भर था, लिहाजा वे नाइट शिफ्ट में नौकरी करने लगे. गणेश पुरोहित कहते हैं, "अल्फ़िया के करियर के शुरुआती दिनों में उनके पिता की प्रतिबद्धता ने अहम भूमिका निभाई."
उनके अनुसार, "अल्फ़िया में काफ़ी दमखम था और प्रतिभा भी. वह सीखने को भी काफ़ी उत्सुक थीं. जो भी काम उन्हें दिया जाता था, वह उसे ठीक ढंग से पूरा करती और अगला काम मांगती थीं. एक और बात उनके फ़ेवर में थीं, वह बाएं हाथ से मुक्केबाज़ी करती थीं जो भारत में आम बात नहीं है."
बाएं हाथ से बॉक्सिंग करने के अलावा अल्फ़िया की एक और ख़ासियत थी, वह था उनका वज़न. वह 81 किलोग्राम में मुक्केबाज़ी करती हैं. भारत की जिन महिला मुक्केबाज़ों को कामयाबी मिली हैं, आम तौर पर वे लाइट वेट वर्ग के मुक्केबाज़ हैं, चाहे मैरीकॉम हों या फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप में कमाल दिखाने वाले निख़त ज़रीन हों.
पिछले साल हुए टोक्यो ओलंपिक में, महिला मुक्केबाज़ी में वजन के हिसाब से पाँच कैटिगरी में मुक़ाबले खेले गए, जिसमें सबसे ज़्यादा वजन का मुक़ाबला मिडिलवेट 75 किलोग्राम वर्ग का था.
5 फ़ीट 8 इंच लंबी अल्फ़िया बताती हैं, "भारत में इस वेट कैटिगरी में ट्रेनिंग जितने मुक्केबाज़ भी नहीं हैं. इस कैटिगरी में लाइटवेट की तुलना में बहुत अंतर दिखेगा. मेरा वजन आम तौर पर 83-84 किलोग्राम है. लेकिन मुझे 95-96 किलोग्राम वर्ग के मुक्केबाज़ से मुक़ाबला करना होता है, क्योंकि यह ओपन कैटिगरी जैसा हो जाता है. इस लिहाज से देखें तो ताक़त के साथ तेजी की भी ज़रूरत होती है."
बेहतर अभ्यास के लिए अल्फ़िया को शुरुआती दिनों से ही पुरुष मुक्केबाज़ों से भिड़ना पड़ा है. इतना ही नहीं, शुरू-शुरू में अल्फ़िया को अपने से कहीं ज़्यादा आयु वर्ग के मुक़ाबलों में हिस्सा लेना होता था. ज़्यादा वजन के चलते वह अपने आयु वर्ग में फ़िट नहीं हो पाती थीं.
पिछले साल एक टीवी इंटरव्यू में अल्फ़िया के पिता ने बताया था कि जब वह अंडर-14 वर्ग में हिस्सा लेने लायक हुई तो उसे अंडर-17 वर्ग में खेलना पड़ा था.
तब, कोच पुरोहित ने परिवार वालों को भरोसा दिलाया था कि अल्फ़िया कहीं ज़्यादा अनुभवी मुक्केबाज़ों से भिड़ सकती हैं. 2016 में अल्फ़िया ने पहली बार जूनियर नेशनल में हिस्सा लिया. अल्फ़िया ने बताया, "पहले नेशनल गेम्स में मैं सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही थी."
नागपुर की खेल सुविधाओं का ज़िक्र करते हुए अल्फ़िया कहती हैं, "नागपुर में बेसिक बॉक्सिंग जिम तो हैं लेकिन इस खेल को लेकर यहाँ हरियाणा की तरह कोई क्रेज नहीं है. हरियाणा की लड़कियों के ख़िलाफ़ मुक़ाबले से पहले मैं नर्वस थी. मेरे लिए तो यह बड़ी चीज़ थीं. बिना किसी अनुभव के मैंने कामयाबी हासिल की थी, तब मुझे लगा था कि मैं खेल में अच्छा कर सकती हूँ और मैं अच्छा करना चाहती हूं."
नेशनल स्तर पर लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाली अल्फ़िया ने इंटरनेशनल स्तर पर पहली बार 2019 की एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में अपनी चमक बिखरते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया. इसका बाद पिछले साल अप्रैल में खेले गए वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल भी अल्फ़िया के नाम रहा.
अल्फ़िया बताती हैं, "इस वेट कैटिगरी में इतने सारे इंटरनेशनल मेडल जीतने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज़ होना अच्छा लगता है."
अल्फ़िया इन दिनों हरियाणा के रोहतक स्थित नेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण ले रही हैं. उन्होंने बताया, "मेरे पास ट्रेंड बदलने का मौक़ा है और मैं भारत के लिए हैवीवेट वर्ग में अच्छा करना चाहती हूँ."
कज़ाख़स्तान के नूर सुल्तान में एलोरेडा कप में गोल्ड मेडल जीतकर अल्फ़िया ने लक्ष्य की ओर अपने क़दम बढ़ा दिए हैं.
नयी दिल्ली, 16 जुलाई । महान क्रिकेटर कपिल देव ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में विराट कोहली को आराम दिया गया है या फिर उनकी अनदेखी की गयी है, पर उनका तर्क है कि ‘बाहर किया गया ’शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया क्योंकि वह ‘सामान्य’ क्रिकेटर नहीं हैं।
कोहली तीन साल से अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं जड़ पाये हैं जिन्होंने पिछला सैकड़ा 2019 में बनाया था जिसके बाद हाल में देव ने कहा था कि टीम प्रबंधन सिर्फ प्रतिष्ठा के हिसाब से ही चयन नहीं कर सकती।
पूर्व भारतीय कप्तान कोहली वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में नहीं खेलेंगे जो 29 जुलाई से कैरेबियाई सरजमीं और अमेरिका में खेली जायेगी।
देव ने ‘एबीपी न्यूज’ से कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम पिछले पांच से छह वर्षों में विराट के बिना नहीं खेली है लेकिन मैं चाहता हूं कि ऐसा खिलाड़ी फॉर्म में वापसी करे। उन्हें ‘ड्राप’ (टीम से बाहर) किया गया हो या फिर ‘आराम’ दिया गया हो, लेकिन उनमें अभी काफी क्रिकेट बचा है। ’’
भारत को पहला विश्व कप दिलाने वाले कप्तान ने कहा, ‘‘रणजी ट्राफी में खेलो या फिर कहीं और खेलकर रन जुटाओ। उसका आत्मविश्वास वापस लाने की जरूरत है। महान खिलाड़ी और अच्छे खिलाड़ी में अंतर है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके जैसे महान खिलाड़ी को फॉर्म में वापसी के लिये इतना समय नहीं लेना चाहिए। उसे खुद से लड़ाई लड़नी होगी। ’’
पिछले हफ्ते देव ने कहा था कि अगर रविचंद्रन अश्विन जैसे गेंदबाज को टेस्ट टीम से बाहर किया जा सकता है तो कोहली को क्यों नहीं।
देव ने कहा कि कोहली को ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करना चाहिए और पुरानी फॉर्म में वापसी के लिये मैच खेलने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि कोहली जैसा खिलाड़ी फॉर्म में वापसी कैसे कर सकता है। वह सामान्य क्रिकेटर नहीं है। उसे काफी अभ्यास करना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने चाहिए ताकि पुरानी फॉर्म में लौट सके। मुझे नहीं लगता कि टी20 में इस समय कोहली से कोई बड़ा खिलाड़ी है लेकिन जब आप अच्छा नहीं कर रहे हो तो चयनकर्ता फैसला कर सकते हैं। ’’
देव ने कहा, ‘‘मेरा विचार है कि अगर कोई अच्छा नहीं कर रहा है तो उसे आराम दिया जा सकता है या फिर ‘ड्राप’ किया जा सकता है। ’’
उन्होंने कहा,‘‘मैं यह नहीं कह सकता हूं कि विराट कोहली जैसे खिलाड़ी को ड्राप किया जाना चाहिए। वह बड़ा खिलाड़ी है। अगर आप सम्मान के तौर पर कहोगे कि उसे आराम दिया गया है तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। ’(भाषा)
चेन्नई, 16 जुलाई | निर्देशक विग्नेश शिवन का कहना है कि वह 44वें शतरंज ओलंपियाड के प्रचार टीजर को निर्देशित करने में सक्षम होने के "अकल्पनीय अवसर" के लिए "ब्रह्मांड को धन्यवाद" दे रहे हैं, जिसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और ऑस्कर विजेता ए आर रहमान सहित अन्य शामिल हैं। सोशल मीडिया पर ले जाते हुए, विग्नेश शिवन ने 44 वें शतरंज ओलंपियाड के प्रोमो टीजर का लिंक पोस्ट किया, जो चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है, और ट्वीट किया, "तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री थिरु के साथ इस वीडियो को निर्देशित करने का सौभाग्य मिला। एमके स्टालिन, हमारे अपने ऑस्कर नायगन ए आर रहमान। जीवन के इस अकल्पनीय अवसर के लिए ब्रह्मांड को धन्यवाद।"
चेन्नई शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है, जो 28 जुलाई से 10 अगस्त तक होने वाला है।
रजनीकांत ने टीजर जारी किया, जिसमें निर्देशक शंकर की बेटी अदिति शंकर भी हैं।
अदिति शंकर ने भी अपने ट्विटर टाइमलाइन पर प्रोमो वीडियो का लिंक ट्वीट किया और निर्देशक विग्नेश शिवन को धन्यवाद दिया।
उन्होंने लिखा, "विग्नेश शिवन सर।। बहुत-बहुत धन्यवाद। आपके साथ काम करके खुशी हुई। तमिलनाडु के सीएम सर और एआर रहमान सर के साथ इसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। सिनेमैटोग्राफर रत्नवेलु सर और और वृंदा गोपाल मालिक के साथ काम करने का भी मौका था।" (आईएएनएस)
चांगवन, 16 जुलाई। भारत के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने शनिवार को यहां आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप की 50 मीटर थ्री पॉजिशंस स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
इक्कीस साल के तोमर ने 2018 युवा ओलंपिक चैम्पियन हंगरी के जलान पेकलर को 16-12 से पछाड़कर पोडियम में शीर्ष स्थान पर कब्जा किया।
मौजूदा जूनियर विश्व चैम्पियन तोमर क्वालीफिकेशन दौर में भी 593 अंक के स्कोर से शीर्ष पर रहे थे। यह तोमर का निशानेबाजी विश्व कप में दूसरा स्वर्ण पदक है, उन्होंने पहला पदक पिछले साल नयी दिल्ली में जीता था।
मध्य प्रदेश के निशानेबाज का यह मौजूदा प्रतियोगिता में भारत का चौथा स्वर्ण पदक था। भारत ने इस तरह पदक तालिका में कुल नौ पदक (चार स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य) से शीर्ष पर अपना स्थान मजबूत किया।
वहीं हंगरी के अनुभवी इस्तवान ने कांस्य पदक जीता।
रैंकिंग राउंड में तोमर ने पहली दो नीलिंग एवं प्रोन पॉजिशंस स्पर्धा में ‘परफेक्ट’ स्कोर बनाया लेकिन अंतिम स्टैंडिग पॉजिशंस में अपने सभी सात अंक गंवा बैठे।
एक अन्य भारतीय चैन सिंह सातवें स्थान पर रहे।
भारत दिन में एक पदक से चूक गया जब 2019 विश्व कप चैम्पियन मनु भाकर को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल फाइनल स्पर्धा में हार का सामना करना पड़ा जिससे वह चौथे स्थान पर रहीं।
मनु फाइनल में महज नौ हिट लगाने के बाद बाहर हो गयीं।
2018 चांगवन विश्व कप की रजत पदक विजेता और अनुभवी अंजुम मौदगिल ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशंस स्पर्धा के क्वालीफायर में छठे स्थान पर रहकर रविवार को होने वाले फाइनल के लिये क्वालीफाई किया। (भाषा)
नई दिल्ली, 16 जुलाई | जूनियर विश्व चैंपियन ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन (3पी) प्रतियोगिता में हंगरी के जकान पेक्लर को 16-12 से हराकर आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता। युवा खिलाड़ी का दूसरा आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण और भारत की चौथी प्रतियोगिता है, जिससे उन्हें स्टैंडिंग में शीर्ष स्थान पर बने रहने में मदद मिली।
शुक्रवार को क्वालीफायर में शीर्ष पर रहने के बाद, 21 वर्षीय ऐश्वर्य ने अच्छा प्रदर्शन किया, जो शनिवार सुबह रैंकिंग दौर में 409.8 के स्कोर के साथ शीर्ष पर रहे। वहीं, पेक्लर ने 406.7 अंक प्राप्त किए। फाइनल में पेक्लर ने एक अच्छी चुनौती दी थी, लेकिन ऐश्वर्य हमेशा आगे रहे।
भारत एक और पदक से चूक गया क्योंकि मनु भाकर महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में चौथे स्थान पर रहीं। सुबह उनका पहला काम रैंकिंग मैचों के लिए क्वालीफाई करना था और उन्होंने 581 अंक के साथ सातवें स्थान पर पहुंचने के लिए 293 का एक स्थिर रैपिड-फायर राउंड शूट किया।
इसके बाद वह अपने चार-महिला रैंकिंग राउंड में शीर्ष पर रहीं और सीरीज में केवल दो शॉट गंवाए। इसके बाद वह खेल में ढल नहीं पाईं और चौथे स्थान से बाहर होने वाली पहली महिला बनीं।
वहीं, अंजुम मौदगिल ने क्वालीफायर में 586 के स्कोर के साथ महिलाओं के 3पी रैंकिंग राउंड के लिए छठे स्थान पर क्वालीफाई किया है। फाइनल रविवार को हैं।
भारत वर्तमान में चार स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में सबसे आगे है। (आईएएनएस)
सिंगापुर, 16 जुलाई | भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने शनिवार को यहां सेमीफाइनल में जापान की साएना कावाकामी को हराकर सिंगापुर ओपन 2022 के महिला एकल फाइनल में प्रवेश किया। विश्व की 7वें नंबर की सिंधु ने 31 मिनट तक चले अपने अंतिम चार मुकाबले में दुनिया की 38वें नंबर की कावाकामी को 21-15, 21-7 से हराया।
रविवार को होने वाले फाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन का सामना जापान की आया ओहोरी और चीनी शटलर वांग झी यी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने इरादे के साथ मैच की शुरूआत की और अपने जापानी प्रतिद्वंद्वी को कुछ अच्छी तरह से स्मैश और ड्रॉप शॉट्स की मदद से 7-2 की बढ़त के साथ आगे बढ़ाया।
हालांकि, कावाकामी को क्वार्टर में थाई इक्का पोर्नपावी चोचुवोंग को परेशान करने से पहले दूसरे दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त ताई त्जु यिंग से वाकओवर मिला, जहां उन्होंने वापसी की और 11-11 से बराबरी हासिल की।
27 वर्षीय सिंधु ने दूसरे गेम में अपना दबदबा कायम करने में थोड़ा समय लिया और ब्रेक में 11-4 की शानदार बढ़त ले ली।
आमने-सामने की भिड़ंत में सिंधु की साइना कावाकामी पर यह लगातार तीसरी जीत थी। वह सिंगापुर ओपन में अंतिम शेष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
शुक्रवार को लंदन 2012 की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और एचएस प्रणय क्रमश: महिला और पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए थे, जबकि एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी भी पुरुष युगल फाइनल आठ में बाहर हो गई थी। (आईएएनएस)
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शनिवार को दो भारतीय एथलीट ने सफलता हासिल की है. एथलीट अविनाश साबले ने तीन हज़ार मीटर स्टीपलचेज़ इवेंट में मेडल रेस के लिए क्वॉलिफाई किया है.
उन्होंने इसके लिए 8 मिनट 18:75 सेकेंड का समय लिया और तीसरा स्थान हासिल कर लिया.
साबले ने तीन हज़ार मीटर स्टीपलचेज़ इवेंट में लगातार दूसरी बार हिस्सा लिया है. वहीं, इस इवेंट में इथियोपिया पहले और अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा.
साबले ने बहुत अच्छी शुरुआत की और वो पहले 1000 मीटर के बाद सबसे आगे थे लेकिन फिर पिछड़ गए. एक समय पर वो छठे नंबर पर भी पहुंच गए थे लेकिन अंत में उन्होंने तीसरा स्थान हासिल करते हुए सीधा क्वॉलिफाई कर लिया.
वहीं, एथलीट मुरली श्रीशंकर ने पुरुष लंबी कूद के फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफाई कर लिया है. उन्होंने आठ मीटर की कूद के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और शीर्ष 12 में सातवां स्थान हासिल किया.
वो फाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाले अकेले भारतीय हैं. उनके अलावा भारतीय एथलीट जसविन एल्दरिन और मोहम्मद अनीस याहिया भी प्रतिस्पर्धा में शामिल थे लेकिन वो क्वॉलिफाई नहीं कर पाए. (bbc.com)
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आज़म ने श्रीलंका में होने वाली दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ के दौरान सुरक्षा को लेकर बयान दिया है.
बाबर आज़म ने सीरीज़ से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीलंका में सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ़ की.
उन्होंने कहा, ''स्थानीय प्रशासन टीम का अच्छा ध्यान रख रहा है. हम श्रीलंका में असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. श्रीलंका क्रिकेट ने हमारा बहुत अच्छा ध्यान रखा है और हमें बेहतरीन सुरक्षा दी गई है.''
बाबर आज़म ने कहा कि श्रीलंका के लोग क्रिकेट से प्यार करते हैं और उनमें ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई टेस्ट सिरीज़ में बेहद उत्साह था. हमें उम्मीद है कि फैंस इस सीरीज़ के लिए भी स्टेडियम में आएंगे.
पाकिस्तानी टीम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पिछले हफ़्ते पहुंची थी. उस समय श्रीलंका में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दौर था. लोगों ने तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफ़े की मांग करते हुए राष्ट्रपति के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया था.
वहीं, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगा दी थी. विरोध प्रदर्शन इतना जबरदस्त था कि गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफ़े की घोषणा करनी पड़ी. श्रीलंका में आर्थिक संकट और महंगाई को लेकर सरकार के ख़िलाफ़ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं.
इस बीच पाकिस्तान की टीम ने कोलंबो में तीन दिनों का वार्म-अप मैच खेला और अब टेस्ट सिरीज़ के लिए गाले पहुंच गई है. दोनों देशों के बीच आज सीरीज़ का पहला मैच है.
बाबर आज़म से टीम की तैयारियों को लेकर भी सवाल किए गए. उन्होंने कहा कि टीम सीरीज़ के लिए पूरी तरह तैयार है और अच्छे प्रदर्शन की भरपूर कोशिश करेगी.
उन्होंने कहा, ''मुझे गाले का ग्राउंड पसंद है. श्रीलंका की टीम कुछ स्थितियों में बहुत कड़ी चुनौती देती है. हमें ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मैच से स्थितियों का कुछ अंदाज़ा मिला है.'' (bbc.com)
यूजीन (अमेरिका), 16 जुलाई। मुरली श्रीशंकर विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल्स के लिये क्वालीफाई करने वाले लंबी कूद के पहले पुरूष एथलीट बन गये जबकि 3000 मीटर स्टीपलचेज एथलीट अविनाश साबले ने प्रतियोगिता के पहले दिन उम्मीद के अनुरूप फाइनल में जगह बनायी।
श्रीशंकर ने आठ मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगायी जिससे वह ग्रुप बी के क्वालीफिकेशन दौर में दूसरे और ओवरऑल सातवें स्थान पर रहे।
अंजू बॉबी जॉर्ज पहली भारतीय थी जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप लंबी कूद फाइनल्स के लिये क्वालीफाई किया था और वह पदक जीतने वाली भी पहली भारतीय हैं जिन्होंने पेरिस में 2003 चरण में कांस्य पदक जीता था।
दो अन्य भारतीयों जेस्विन एल्ड्रिन (7.79 मीटर) और मोहम्मद अनीस याहिया (7.73 मीटर) फाइनल दौर के लिये क्वालीफाई करने में असफल रहे, दोनों ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में क्रमश: नौंवे और 11वें स्थान पर रहे।
साबले ने 2019 चरण में भी 3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था। वह हीट 3 में 8:18.75 सेकेंड के समय से तीसरे स्थान पर रहे और सोमवार (भारत को मंगलवार में तड़के) को होने वाले फाइनल्स में पहुंचे।
वहीं एशियाई रिकॉर्डधारी गोला फेंक एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर ने ‘ग्रोइन’ चोट के कारण अपनी प्रतियोगिता से हटने का फैसला किया।
पुरूष और महिला वर्ग की 20 किमी पैदल चाल स्पर्धा में भी निराशा हाथ लगी जिसमें संदीप कुमार और प्रियंका गोस्वामी ने अपने सर्वश्रेष्ठ से काफी खराब प्रदर्शन किया। (भाषा)
बेंगलुरु, 15 जुलाई। आत्मविश्वास से भरे भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उपकप्तान हरमनप्रीत सिंह को उम्मीद है कि टीम आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया के स्वर्णिम अभियान को रोकने में सफल रहेगी।
हॉकी 1998 में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बना और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसके बाद पुरुषों की प्रतियोगिता में सभी छह स्वर्ण पदक जीते हैं।
हरमनप्रीत ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि उनकी टीम बर्मिंघम में पासा पलटने में सफल रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमने एफआईएच हॉकी प्रो लीग में भी अच्छा खेला और इसलिए टीम में आत्मविश्वास की कमी नहीं है। हम मैच जीतते रहना चाहेंगे। हम निश्चित रूप से राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण जीतने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हमारी तैयारी बहुत अच्छी चल रही है। हम अभ्यास सत्र के दौरान अपने खेल के कुछ विशेष पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हमारा ध्यान एफआईएच हॉकी प्रो लीग में हुई गलतियों से सीखने पर है।’’
इस ड्रैग-फ्लिकर ने कहा कि गेंद को गोल पोस्ट के पास ले जाकर उसे सफलतापूर्वक गोल में बदलना और रक्षापंक्ति की खामी भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन टीम इन दोनों पहलुओं पर लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम लगातार अभ्यास मैच खेल रहे है। मुख्य टीम शिविर में शामिल अन्य खिलाड़ियों की टीम के खिलाफ खेल रही है। इन अभ्यास मैचों से हमें मैदान में आपसी समन्वय सुधारने में मदद मिली है। इससे हमें अपनी रणनीतियों को परखने का मौका भी मिल रहा है।’’ (भाषा)