अंतरराष्ट्रीय
योग्याकार्ता (इंडोनेशिया), 1 जुलाई। इंडोनेशिया में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए और इसके चलते एक महिला की मौत हो गई, दो व्यक्ति घायल लोग हो गए जबकि बड़ी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने शुक्रवार को बताया कि भूकंप की तीव्रता 5.8 थी और इसका केन्द्र बामबनगलीपुरो से 84 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में था। यह स्थान योग्याकार्ता प्रांत के बंतुल में स्थित है।
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने बताया कि बंतुल में भूकंप आने के बाद घबरा कर भाग रही 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला की गिरने से मौत हो गई और कम से कम दो अन्य लोग घायल हो गए।
मुहरी ने बताया कि भूकंप से कम से कम 93 मकान और इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, इनमें योग्याकार्ता तथा ईस्ट जावा के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, उपासना स्थल तथा सरकारी प्रतिष्ठान शामिल हैं।
टेलीविजन पर प्रसारित एक वीडियो में यहां के और सेंन्ट्रल जावा के लोग भय के चलते भागते दिखे क्योंकि भूकंप के कारण इमारतें कई सेकंड तक हिलती रहीं।
इंडोनेशिया के मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकीय एजेंसी ने कहा कि भूकंप से सुनामी की कोई आशंका नहीं है, लेकिन उसने भूकंप के बाद और झटके आने की आशंका व्यक्त की। एजेंसी ने भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.4 मापी।
एपी शोभना अमित अमित 0107 1002 योग्याकार्ता (एपी)
नैरोबी, 1 जुलाई। पश्चिमी केन्या में एक ट्रक ने कई वाहनों और व्यापारियों को टक्कर मार दी, जिससे कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस ने दी।
यह दुर्घटना लोंडियानी के रिफ्ट वैली शहर के पास शुक्रवार शाम में हुई, जो राजधानी नैरोबी से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
रिफ्ट वैली के पुलिस कमांडर टॉम ओडेरा ने बताया कि घटनास्थल पर अधिकारियों को 45 शव मिले हैं, लेकिन मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि घायलों की संख्या स्पष्ट नहीं है।
ओडेरा ने कहा, "अभी अंधेरा है और बारिश हो रही है इसलिए हमें हताहतों की अंतिम संख्या की पुष्टि करने में कुछ समय लगेगा।"
स्थानीय मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि ट्रक मुख्य राजमार्ग से हट गया और कई वाहनों को टक्कर मारने के बाद इसने पैदल यात्रियों और व्यापारियों को टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने वाहन के मलबे की तस्वीरें साझा कीं। पुलिस ने कहा कि बचाव अभियान रात तक जारी रहेगा।
केन्या रेड क्रॉस सोसाइटी ने कहा कि भारी बारिश के कारण राहत कार्य बाधित हुआ है और लोग अभी भी क्षतिग्रस्त वाहनों में फंसे हुए हैं।
एपी अमित शोभना शोभना 0107 0911 नैरोबी (एपी)
वाशिंगटन, 30 जून। अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक फैसला सुनाते हुए कहा कि शादी की वेबसाइट डिजाइन करने की इच्छा रखने वाली ईसाई ग्राफिक डिजाइनर समलैंगिक जोड़ों के साथ काम करने से इनकार भी कर सकती हैं।
न्यायालय के बहुमत वाले इस फैसले को समलैंगिक अधिकारों की दृष्टि से बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है।
यौन-रुझान, नस्ल, लिंग और अन्य विशेषताओं के आधार पर भेदभाव करने पर रोक लगाने वाले ‘कोलोरैडो कानून’ के बावजूद शीर्ष अदालत ने महिला डिजाइनर लॉरी स्मिथ के पक्ष में 6-3 से बहुमत का फैसला सुनाया।
स्मिथ की दलील थी कि कानून उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
स्मिथ के विरोधियों ने चेतावनी दी थी कि उनकी जीत से व्यवसायों के आधार पर भेदभाव करने का मौका मिलेगा और बहुत सारे लोग अश्वेत, यहूदी या मुस्लिम ग्राहकों, अंतरजातीय या अंतरधार्मिक जोड़ों या प्रवासियों को सेवा देने से इनकार कर देंगे।
वहीं, स्मिथ और उनके समर्थकों ने कहा था कि उनके खिलाफ फैसला कलाकारों, चित्रकारों और छायाकारों से लेकर लेखकों एवं संगीतकारों तक को वैसा काम करने के लिए मजबूर करेगा, जो उनकी मान्यताओं के खिलाफ है।
यह निर्णय धार्मिक अधिकारों की जीत है और हाल के वर्षों में उन मामलों की शृंखला में से एक है, जिसमें न्यायाधीशों ने धार्मिक वादी का पक्ष लिया है।
यह निर्णय समलैंगिक अधिकारों पर अदालत के भी पीछे हटने को प्रदर्शित करता है।
अदालत ने हालांकि समलैंगिक अधिकारों का विस्तार किया है, फिर भी, इसने यह कहने में सावधानी बरती है कि अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं वाले लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए।
अधिकांश अन्य राज्यों की तरह, कोलोराडो में भी एक कानून है जो जनता के लिए खुले व्यवसायों को ग्राहकों के साथ भेदभाव करने से रोकता है। (एपी)
दुनिया के सबसे पुराने अखबारों में से एक ने रोज़ाना प्रकाशित होने वाले अपने प्रिंट एडिशन को बंद करने का फ़ैसला किया है.
इस अख़बार का इतिहास 300 साल से भी ज़्यादा पुराना है.
वियना से निकलने वाले अख़बार 'वीनर जैतुंग' ने आज अपना आखिरी प्रिंट ए़डिशन प्रकाशित किया. अख़बार अपने ऑनलाइन ऑपरेशन का काम जारी रखेगा.
हालांकि अब महीने में एक बार इसका प्रिंट एडिशन जारी किया जाएगा. ऑस्ट्रिया की सरकार के पास इस अख़बार की मिल्कियत है लेकिन संपादकीय रूप से ये एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान है.
ऑस्ट्रिया में हाल ही में कंपनियों के लिए अख़बारों के प्रिंट संस्करणों को विशिष्ट सेवाओं के बदले किए जाने वाले भुगतान की अनिवार्यता ख़त्म कर दी गई है.
इस फ़ैसले के बाद 'वीनर जैतुंग' के राजस्व में तेज़ गिरावट देखी गई. (bbc.com/hindi)
दुनिया भर के वैज्ञानिक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार गुरुत्वीय तरंगों की गूंज को सुनने में सफल हुए हैं. कम आवृत्ति वाली ये तरंगें ब्लैक होल की टक्करों के कारण पैदा होती हैं.
पहली बार इन तरंगों की गूंज सुन कर वैज्ञानिक बहुत उत्साहित हैं. करीब दो दशकों से वैज्ञानिक इसके लिए कोशिश कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने तेजी से घूमते तारों पर नजर गड़ा रखी थी. ये तारे किसी लाइट हाउस की तरह स्पंदन करते हैं और इन्हें पल्सर कहा जाता है. वास्तव में ये पल्सर उच्च चुंबकीय शक्ति वाले न्यूट्रॉन स्टार हैं जो अपने ध्रुवों से विद्युत चुंबकीय तरंगों का उत्सर्जन करते हैं.
आइंस्टीन के सिद्धांत की पुष्टि
वैज्ञानिक इनमें गुरुत्वीय तरंगों के कारण उत्पन्न होने वाले नैनोसेकेंड पल्स की देरी ढूंढ रहे थे. इसके जरिए अल्बर्ट आइंस्टाइन के सापेक्षता के सिद्धांत की थोड़ी और पुष्टि हो सकती है. 2015 में वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाने के लिए एक प्रयोग किया था. इसमें पहली बार आइंस्टाईन के प्रयोग की पुष्टि हुई थी.
हालांकि अब तक वैज्ञानिक इन तरीकों से सिर्फ उच्च आवृत्ति वाली तरंगों को ही पता लगा सके थे. लेकिन वो छोटे ब्लैक होल की गति से पैदा होती थीं. इस बार वैज्ञानिकों ने विशालकाय ब्लैक होल की गति से पैदा होने वाली कम आवृत्ति की तरंगों का पता लगाया है. ये इतनी धीमी हैं कि एक तरंग की आवृत्ति के पूरा होने में साल या दशक भर का समय लग सकता है.
क्या हैं गुरुत्वीय तरंगें
1916 में आइंस्टाइन ने अंतरिक्ष के समय (स्पेसटाइम) को चार आयाम वाली संरचना के रूप में प्रस्तावित किया था. तारों में विस्फोट या फिर ब्लैक होल की टक्कर से इस संरचना में स्पंदन या फिर गुरुत्वीय तरंगें पैदा होती हैं.
ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर डैनियल रियरडॉन का कहना है कि गुरुत्वीय तरंगें पृथ्वी के ऊपर से गुजरती हैं और ये तेज पल्सरों की आवृत्ति का क्रम बदल देती हैं. रियरडॉन का कहना है, "हम अपेक्षित समय से पहले या देर से आने वाले स्पंदनों के जरिये गुरुत्वीय तरंगों का पता लगा सकते हैं. पहले के रिसर्चों में पल्सर के व्यूह में पहेलीनुमा संकेत दिखे थे लेकिन इनकी उत्पत्ति का पता नहीं चल सका था."
रियरडॉन ने यह भी कहा, "हमारी नई रिसर्च ने इसी तरह के संकेत उन पल्सरों में देखे हैं जिनका हम अध्ययन कर रहे थे और अब हम ऐसे कुछ निशान देख सकते हैं जो इनके गुरुत्वीय तरंग होने की पहचान कर रहे हैं."
विस्कॉन्सिन मिलवाउकी यूनिवर्सिटी की सारा विगेलैंड का कहना है कि अब वैज्ञानिकों के पास गुरुत्वीय तरंगों के सबूत हैं तो अगला कदम इस गुंजन पैदा करने वाले स्रोत को ढूंढना होगा. विगेलैंड का कहना है, "एक संभावना तो यह है कि ये संकेत विशालकाय ब्लैक होल से आ रही हैं, ये हमारे सूरज की तुलना में करोड़ों या अरबों गुना बड़े होने चाहिए, क्योंकि ये विशालकाय ब्लैक होल एक दूसरे की परिक्रमा करते हुए कम आवृ्त्ति वाली गुरुत्वीय तरंगें पैदा करते हैं."
अमेरिका और कनाडा के 190 से ज्यादा वैज्ञानिक इस रिसर्च में जुटे हुए थे. यह रिसर्च नॉर्थ अमेरिकन नैनोहर्त्ज ऑब्जरवेटरी फॉर ग्रैविटेशनल वेव्स कोलैबरेशन का हिस्सा है. यूरोप, भारत और चीन में स्वतंत्र रूप से टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रहे अंतरराष्ट्रीय समूहों ने भी इसी तरह के नतीजे हासिल किये हैं.
असली परीक्षा अभी बाकी
इस रिसर्च के नतीजों के बारे में रिपोर्ट एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में छपी है. ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्षविज्ञानी एंड्रयू जिक का कहना है कि सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूहों ने तरंगों के संकेत देखे हैं लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब सभी आंकड़ों को मिला कर वैश्विक आंकड़े तैयार किये जाएंगे.
जिक का कहना है, "यह संकेत पल्सर के क्रम में लंबे समय मे होने वाले परिवर्तनों की वजह से भी हो सकते हैं या फिर महज एक सांख्यिकीय अनायास घटना."
ब्लैकहोल की गति ब्रह्मांड में हर चीज को खींचती या फिर सिकोड़ती है. इन विशाल ब्लैकहोल के इधर-उधर होने के कारण ब्रह्मांड के तंतुओं में बदलाव होता है और इस दौरान गुरुत्वीय तरंगें को महसूस किया जा सकता है. वैज्ञानिक इसे कभी कभी ब्रह्मांड के बैकग्राउंड म्यूजिक जैसा बताते हैं. एनआर/एसबी (डीपीए, एपी)
न्यूयॉर्क, 30 जून । केरल के मूल निवासी केन मैथ्यू अमेरिकी राज्य टेक्सास में स्टैफोर्ड के मेयर के रूप में शपथ लेने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले अश्वेत व्यक्ति बन गए हैं।
फोर्ट बेंड स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, स्टैफोर्ड सिटी काउंसिल के पूर्व सदस्य मैथ्यू ने इस महीने निवर्तमान मेयर सेसिल विलिस को 16 वोटों से हराकर चुनाव में जीत हासिल की।
उन्हें एक विशेष कार्यक्रम में मिसौरी शहर के मेयर भारतीय-अमेरिकी रॉबिन इलाकट ने पद की शपथ दिलाई। इसमें उनके परिवार के सदस्य और शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
इस अवसर पर मौजूद भारतीय-अमेरिकी फोर्ट बेंड काउंटी न्यायाधीश, के.पी. जॉर्ज ने ट्वीट किया, "स्टैफोर्ड के नवनिर्वाचित मेयर केन मैथ्यू को बधाई! आज शाम उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना बेहद खुशी की बात है। इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें शुभकामनाएं।"
कार्यक्रम में टेक्सास के प्रतिनिधि, रॉन रेनॉल्ड्स और सुलेमान लुलानी और मिसौरी शहर के पूर्व मेयर ओवेन एलन भी उपस्थित थे।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने भी एक ट्वीट में मैथ्यू को बधाई दी।
चंद्रशेखर ने लिखा, "अमेरिका के स्टैफोर्ड के निर्वाचित मेयर बनने के लिए केरल के केन मैथ्यू को बधाई। वह स्टैफोर्ड के 67 साल के इतिहास में इस पद पर चुने जाने वाले पहले भारतीय हैं।"
मैथ्यू ने 2006 में पहली बार चुने जाने के बाद से स्टैफ़ोर्ड काउंसिल में कार्य किया, और उससे पहले कई वर्षों तक शहर के योजना और ज़ोनिंग आयोग में कार्य किया।
स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, वह 1970 के दशक में बॉम्बे विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करने के बाद अमेरिका चले गए।
एमबीए, मैथ्यू ने ह्यूस्टन क्षेत्र में तोशिबा सहित कई निगमों के लिए एक एकाउंटेंट और वित्तीय कार्यकारी के रूप में काम किया। वह 1982 से स्टैफ़ोर्ड में रह रहे हैं। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र, 30 जून । संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25वीं बार सुरक्षा परिषद सुधारों के लिए बातचीत को अगले सत्र के लिए बढ़ाया है और भारत ने बातचीत प्रक्रिया में सुधार किए बिना इसे 75 साल तक जारी रखने की चेतावनी दी है।
वार्ता की विफलता को फिर से बढ़ने के लिए एक "बर्बाद अवसर" बताते हुए, भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कहा कि यह प्रक्रिया "वास्तविक सुधार की दिशा में किसी भी तरह की प्रगति के बिना अगले 75 वर्षों तक चल सकती है।"
उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी वार्ता (आईजीएन) में तब तक प्रगति नहीं हो सकती जब तक कि प्रक्रिया के महासभा के नियमों और एकल वार्ता पाठ को इसके लिए नहीं अपनाया जाता।
जैसा कि 2009 में आईजीएन शुरू होने के बाद से इसने हर सत्र में किया है, महासभा ने वार्ता को सितंबर में शुरू होने वाले अपने अगले सत्र में स्थानांतरित करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया।
प्रगति में मुख्य बाधा इटली के नेतृत्व वाले देशों के एक छोटे समूह का विरोध है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है, इस पर सुधार के लिए चर्चा को आधार बनाने के लिए एक वार्ता पाठ को अपनाया जा सकता है।
कम्बोज ने कहा, "यह स्थिति स्पष्ट रूप से उन लोगों के हित में है, जो यथास्थिति चाहते हैं, ताकि इस प्रक्रिया को दोहराव वाले चक्रों में स्थिर रखा जा सके।"
भारत "दोहराए गए भाषणों से पाठ-आधारित वार्ताओं की ओर बढ़ने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा", उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "आईजीएन से परे देखना हमें भविष्य में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए एकमात्र व्यवहार्य मार्ग के रूप में दिखता है जो आज की दुनिया को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करेगा।"
सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के स्थायी प्रतिनिधि, इंगा रोंडा किंग ने एल.69 समूह की ओर से इसी तरह की चेतावनी दी और कहा, "अगर हम सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर ठोस परिणाम देने में विफल रहते हैं, तो हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक और मंच खोजने की संभावना को जोखिम में डालते हैं जिसके भीतर वह वैकल्पिक समाधान पर पहुंच सकता है।
गाैैैैैरतलब है कि एल.69 दुनिया भर के 30 से अधिक विकासशील देशों का एक समूह है जो परिषद में सुधार के लिए काम कर रहा है। (आईएएनएस)।
किंग ने कहा, "सुरक्षा परिषद सुधार पर प्रगति करने में विफलता हमारी विश्वसनीयता और वैधता के लिए एक वास्तविक खतरा बनी हुई है और अप्रत्यक्ष रूप से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के तरीके से जमीनी स्तर पर स्थितियों को बदलने में सुरक्षा परिषद की अक्षमता को कायम रखती है।"
महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने आईजीएन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "इन वार्ताओं के इतिहास में पहली बार, आईजीएन बैठकों के पहले खंड अब वेबकास्ट किए जा रहे हैं, और रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए एक वेबसाइट स्थापित की गई है।"
उन्होंने कहा, "आप जिस सुधार को देखना चाहते हैं, उसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाना सदस्य देशों पर निर्भर है, सच्ची राजनीतिक प्रतिबद्धताएं विश्वास के पुनर्निर्माण और संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर सहयोग की भावना को पुनर्जीवित करने की कुंजी हैं।"
पेरिस, 30 जून । फ्रांस में ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस द्वारा 17 साल के एक लड़के की गोली मारकर हत्या करने के मामले में देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है। अभी तक 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सीएनएन ने गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन के हवाले से बताया कि गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक विरोध प्रदर्शन में कम से कम 421 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बीएफएमटीवी ने पेरिस पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि उनमें से आधे से अधिक गिरफ्तारियां पेरिस क्षेत्र में हुईं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शन गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। हिंसा रोकने में मदद के लिए विशेष पुलिस बल को बोर्डो, ल्योन, रूबैक्स, मार्सेल और लिली शहरों में तैनात किया गया।
पेरिस के एक उपनगर नानटेयर में नाहेल एम. को मंगलवार को एक पुलिस अधिकारी ने गोली मार दी थी। नाहेल ने ट्रैफिक पुलिस पर रुकने से इनकार कर दिया था और गाड़ी चला कर भागने लगा, जब पुलिस ने गोली मारी।
उपनगर से प्राप्त फुटेज के अनुसार, जलते हुए मलबे के बीच, नैनटेयर में एक दीवार पर "नाहेल के लिए बदला" पेंट किया हुआ दिखाई दिया।
उपनगर में एक बैंक में भी आग लगा दी गई और लड़के की याद में आयोजित मार्च के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस ने 15 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
इस बीच, सीएनएन ने एक रिपोर्ट में बीएफएमटीवी के हवाले से कहा कि मार्सेल में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर बम फेंके।
उत्तरी शहर लिली के विडीयो में सड़कों पर आग जलती हुई और दंगा करने वाले पुलिस अधिकारियों को भागते हुए देखा गया है।
क्षेत्रीय प्राधिकारी ने कहा कि लिली में अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद छह लोगों को पूछताछ के लिए ले जाया गया।
लिली में बसें और ट्रामवे रात 8 बजे के बाद बंद कर दिए गए, जबकि पेरिस के कई उपनगरों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
गुरुवार रात से ही पेरिस के कई हिस्सों में बस और ट्राम सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
इस बीच, गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने पेरिस में 5,000 सहित देश भर में 40,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात करने की योजना बनाई है।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने दावा किया कि जब मंगलवार रात पहली बार दंगा भड़का तो 40 कारें जला दी गईं और झड़पों में 24 पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
नाहेल इस साल फ्रांस में ट्रैफिक रोकने के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारा जाने वाला दूसरा व्यक्ति है।
पिछले साल इस तरह से रिकॉर्ड 13 लोगों की मौत हुई थी। (आईएएनएस)।
इस्लामाबाद, 30 जून (आईएएनएस)। आठ महीने की देरी के बाद, पाकिस्तान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) आखिरकार तीन अरब डॉलर समझौते पर पहुंच गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नकदी की कमी से जूझ रहा देश दिवालिया होने की कगार पर खड़ा़ है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि यह सौदा जुलाई में आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है।
नौ महीनों की वार्ता के बाद तीन अरब डॉलर की फंडिंग, पाकिस्तान के लिए उम्मीद से अधिक है।
देश 2019 में स्वीकृत 6.5 बिलियन डालर के बेलआउट पैकेज से शेष 2.5 बिलियन डॉलर का इंतजार कर रहा था, जो शुक्रवार को समाप्त हो गया।
सौदे को सुरक्षित करने में मदद के लिए, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सोमवार को अपनी मुख्य ब्याज दर को 22 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़ा दिया था।
बीबीसी ने पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के हवाले से जारी बयान में कहा, "अर्थव्यवस्था को कई बाहरी झटकों का सामना करना पड़ा है, जैसे कि 2022 में विनाशकारी बाढ़, जिसने लाखों पाकिस्तानियों के जीवन को प्रभावित किया और यूक्रेन में रूस के युद्ध के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।"
उन्होंने कहा, "इन झटकों के साथ-साथ कुछ नीतिगत गलत कदमों के परिणामस्वरूप आर्थिक विकास रुक गया है।"
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार रात वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि आईएमएफ के साथ एक महत्वपूर्ण बेलआउट सौदे के लिए कर्मचारी-स्तरीय समझौता "बहुत करीब" है और 24 घंटों में होने की उम्मीद है।
डार ने पहले मीडिया को बताया था कि सरकार आईएमएफ कार्यक्रम के तहत लंबित 2.5 बिलियन डॉलर को हासिल करने की कोशिश कर रही है।
मौजूदा आर्थिक संकट के बीच, पाकिस्तान की वार्षिक मुद्रास्फीति दर मई में लगभग 38 प्रतिशत की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।
पिछले साल पाकिस्तानी रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करीब 40 फीसदी गिर गया था।
मॉस्को, 30 जून । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "रूस का अच्छा मित्र" कहा और भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल की भी प्रशंसा की।
मॉस्को में एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स (एएसआई) द्वारा आयोजित एक आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने गुरुवार को कहा, "भारत में हमारे मित्र और हमारे बड़े मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई साल पहले 'मेक इन इंडिया' पहल शुरू की थी। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में बड़ा प्रभाव पड़ा है।''
पुतिन ने पश्चिमी देशों की प्रतिबंध लगाने की नीति को रूसी कंपनियों के लिए अवसर बताया और कहा कि हमारी कंपनियों को अपने उत्पाद अधिक कुशलता से विपणन करने में इस नीति से मदद मिलती है।
आरटी न्यूज ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा, औद्योगिक और उत्पाद डिजाइन घरेलू व्यापार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनना चाहिए।
'मेक इन इंडिया' पहल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश में बने उत्पादों को विकसित करने, निर्माण करने और इकट्ठा करने के लिए कंपनियों को बनाना और प्रोत्साहित करना और विनिर्माण में समर्पित निवेश को प्रोत्साहित करना था।
पुतिन और मोदी की आखिरी मुलाकात सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में एक क्षेत्रीय सुरक्षा ब्लॉक शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी। (आईएएनएस)।
- मंगलवार को 17 साल के किशोर की हत्या के बाद भड़की हिंसा.
- नाहेल एम नाम के किशोर को क़रीब से गोली मारी गई थी.
- पेरिस के बाहरी इलाक़े में कर्फ़्यू, ट्राम और बस सेवा बंद.
- गुरुवार को हज़ारों लोगों ने किया प्रदर्शन, गोली मारने वाले अफ़सर पर आरोप दर्ज.
- लगातार तीसरी रात हिंसा, पूरे फ़्रांस में 150 लोगों को गिरफ़्तार किया गया.
- गोली मारने वाला पुलिस अधिकारी गिरफ़्तार. जानबूझ कर हत्या करने का मामला दर्ज.
- पुलिस का कहना है कि किशोर ने उन्हें मारने के मकसद से गाड़ी बढ़ाई थी.
- वीडियो फ़ुटेज में दिखा कि पुलिस ने किशोर की गाड़ी रोक रखी थी.
- जहां ये घटना घटी, वहां प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी है.
- राष्ट्रपति मैक्रों ने घटना को अक्षम्य बताया, जबकि पुलिस यूनियनों ने बयान का विरोध किया.
- फ़्रांस में एक युवक की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई है और गिरफ़्तारियों का दौर जारी है.
फ़्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमनिन ने एक ट्वीट में ये भी दावा किया है कि रात भर प्रदर्शनकारियों ने देशभर के स्कूलों, टाउन हॉल और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाया है.
पिछली दो रातों से फ़्रांस में अलग अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों की ओर से भारी आगजनी, आतिशबाज़ी की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई कारें, सरकारी इमारतें नष्ट हो गई हैं.
पेरिस से बीबीसी संवाददाता सोफ़िया बेट्ज़ का कहना है कि 'शहर पर सड़कों का हाल किसी युद्ध के मैदान जैसा हो गया है.'
पेरिस के बाहरी हिस्से में कर्फ्यू लगा दिया गया है और शहर में रात में ट्राम और बस सेवा को बंद कर दिया गया है.
मंगलवार को फ़्रांस में पुलिस ने एक 17 साल के युवक को ट्रैफ़िक चेक के लिए न रुकने पर गोली मार दी थी.
इस युवक का नाम नाहेल एम बताया जा रहा है. युवक गाड़ी चलाने के कुछ ही देर बाद दुर्घटना का शिकार हुआ था. कहा जा रहा है कि पुलिस ने उसे नज़दीक से गोली मारी.
गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी पर हत्या का आरोप दर्ज कर लिया गया है.
गुरुवार को नाहेल की मां के आह्वान पर नानतेरे में 6000 से अधिक लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
फ़्रांस की मीडिया के अनुसार, पुलिस ने पहले ये कहा कि ये युवक चोट पहुँचाने के इरादे से पुलिसकर्मियों की ओर गाड़ी ला रहा था.
लेकिन इस हादसे के फुटेज में एक पुलिस अधिकारी को गाड़ी की खिड़की से युवक पर पिस्तौल तानते और फिर नज़दीक से गोली मारते देखा गया है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने इस फुटेज की सत्यता की पुष्टि की है.
फ़्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि ये शूटआउट 'अक्षम्य' है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "कुछ भी एक युवा की मौत को सही नहीं ठहरा सकता."
देश भर में विरोध प्रदर्शन
हालांकि पेरिस पुलिस ने कहा है कि उन्होंने ताज़ा हिंसा की 'छिटपुट घटनाओं' पर काबू पा लिया है.
टूलूज़ में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और इसे बुझाने में लगे दमकल कर्मियों पर पथराव किया.
फ़्रांस के उत्तरी शहर लिले में भी प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी शहर रेने में भी मारे गए युवक को श्रद्धांजलि देने के लिए करीब 300 लोग इकट्ठा हुए.
इनमें से कई लोगों ने आगजनी भी की. हालांकि, पुलिस ने इन्हें तितर-बितर कर दिया.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि नाहेल को गोली मारने वाली घटना "अक्षम्य" है, लेकिन पुलिस यूनियनों ने राष्ट्रपति के इस बयान पर नाराज़गी ज़ाहिर की है.
पुलिस यूनियन का दावा है कि राष्ट्रपति पुलिसवालों के ख़िलाफ़ जल्दबाज़ी में राय बना रहे हैं.
इस बयान का पुलिस यूनियन ने विरोध करते हुए कहा है कि शूटिंग में शामिल पुलिस अफ़सरों के बारे में मैक्रों जल्द फैसले पर पहुंच गए हैं.
अलायंस पुलिस यूनियन ने कहा है कि जबतक कोई फैसला नहीं होता उन्हें निर्दोष माना जाना चाहिए, जबकि इसकी प्रतिद्वंद्वी यूनियन यूनाइट एसजीपी पुलिस ने भी कहा है कि राजनीतिक हस्तक्षेप पुलिस के प्रति नफ़रत को बढ़ाएगा.
उधर गृह मंत्री गेराल्ड डैरमानिन ने कहा है 'फ़्रांस पुलिस' पर कार्रवाई करेंगे क्योंकि उसने किशोर की हत्या को सही ठहराने की कोशिश की है.
यूनियन का ही एक अन्य ग्रुप है फ़्रांस पुलिस, जिसने एक ट्वीट में उन पुलिस अधिकारियों को ‘ब्रैवो’ कहा था जिन्होंने “एक युवा अपराधी को गोली मार दी.” हालांकि ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन इसमें किशोर के परिजनों पर “अच्छी परवरिश न देने” का आरोप लगाया गया था.
नाहेल की मां ने क्या कहा?
नाहेल की मां मॉनिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट एक वीडियो में कहा है कि उनका बेटा मारा गया है और उसकी याद में आयोजित मार्च में लोग शामिल हों.
उन्होंने कहा, “वो अभी बच्चा था. उसे मां के साये की ज़रूरत थी. सुबह जाते समय उसने मुझे चूमा और कहा- आई लव यू मॉम. एक घंटे बाद मुझे बताया गया कि उसे गोली मार दी गई. अब मैं क्या करूं? वो मेरी ज़िंदगी था. वो मेरा सबकुछ था.”
साल 2017 में फ़्रांस में एक क़ानून बनाया गया था जिसमें पुलिस को गोली चलाने के अधिकार में ढील दी गई थी. मानवाधिकार संगठन इस क़ानून का विरोध करते रहे हैं.
ली मोंडे अख़बार के अनुसार, जबसे ये क़ानून बना है चलती कार पर पुलिस द्वारा गोली चलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं.
मानवाधिकार कार्यकर्ता रोखाया डियालो का कहना है कि गोली चलाने का मतलब है कि गोली लगने का बड़ा ख़तरा, जोकि काले लोगों के संदर्भ में और अधिक है.
2005 जैसे हालात नहीं होने देना चाहती सरकार
ऐसा लगता है कि घटना के तुरंत बाद राष्ट्रपति के बयान से पुलिस यूनियनें नाख़ुश हैं.
एमानुएल मैक्रों ने पीड़ित के परिवार के प्रति सांत्वना के संदेश भेजे हैं.
पेरिस में बीबीसी संवाददाता ह्यू शोफ़ील्ड कहते हैं कि राष्ट्रपति मैक्रों जानते हैं कि शब्दों से शांति आ सकती है और शब्दों से हिंसा भी भड़क सकती है.
नवंबर 2005 में इसी तरह की एक घटना में दो युवकों की मौत के बाद हफ़्तों तक हिंसा और आगजनी होती रही. ये घटना प्रशासन के ज़हन में ज़रूर होगी.
ये दोनों किशोर पुलिस द्वारा पीछा किये जाने पर एक बिजली सब स्टेशन में छिप गए थे.
उस समय राष्ट्रपति निकोलस सरकोज़ी राष्ट्रपति थे, उन्होंने इन किशोरों को अपराधी क़रार दिया था और अपराधियों को साफ़ करने का वादा किया था.
सरकोज़ी ने उन्हें बुरे लोग बताया जिसके बाद दंगे भड़क गए और हफ़्तों तक ये चलते रहे जिसमें कारों और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया. लोगों की ओर से कहा गया कि प्रशासन ने सम्मान नहीं दिखाया.
मैक्रों अपने इस कार्यकाल में ये वेस्ट प्रोटेस्ट से लेकर पेंशन सुधारों के ख़िलाफ़ पहले ही सड़कों पर लोगों का गुस्सा देख चुके हैं.
इस समय सरकार की पहली चिंता है कि 2005 में जैसे हालात बिगड़े थे, उसे दोबारा न होने दिया जाए.
शब्द बड़ी अहमियत रखते हैं और राष्ट्रपति और मंत्रियों ने इस बार बहुत ध्यान पूर्वक उनका चुनाव किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पाया है कि फ़्रांस की पुलिस की गोलीबारी में साल 2017 से लेकर अब तक जान गंवाने वालों में अधिकांश काले या अरब मूल के लोग हैं.
बीते साल ट्रैफ़िक नियमों का पालन न करने वाले 13 लोगों की जान गई थी.
रॉयटर्स ने मृतक के पड़ोसियों के हवाले से बताया कि नाहेल भी फ़्रांसीसी-अल्ज़ीरियाई मूल के परिवार से थे. (bbc.com/hindi)
मेक्सिको सिटी, 30 जून। मेक्सिको में भीषण गर्मी से इस साल अभी तक कम से कम 112 लोगों की मौत हो चुकी है, जो 2022 की तुलना में तीन गुना अधिक है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब हाल ही में राष्ट्रपति ने दावा किया था कि कुछ पत्रकारों ने गर्मी के संबंध में जानकारी बढ़ा-चढ़ाकर पेश की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार देर रात जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सप्ताह में गर्मी से मौत के मामले काफी बढ़ गए हैं। इस साल अभी तक गर्मी से हुई मौत के मामले 2022 की तुलना में करीब तीन गुना अधिक हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय आम तौर पर हर सप्ताह गर्मी से मौत के मामलों पर एक रिपोर्ट जारी करता है, लेकिन इस बार रिपोर्ट देर से जारी की गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय से गर्मी के कारण हुई मौत के मामलों की जानकारी देने में विलंब पर किए सवालों का तत्काल कोई जवाब नहीं मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, 18-24 जून में मौत के सबसे अधिक 69 मामले सामने आए। हाल के सप्ताहों में मेक्सिको के कुछ हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार तक पहुंच गया था। 11 से 17 जून के बीच देश में गर्मी से मौत के 31 मामले सामने आए।
इस साल अभी लू लगने और पानी की कमी के कारण उत्तरी सीमावर्ती राज्य नुएवो लियोन में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति एंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्रादोर ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि गर्मी से मौत के मामलों से जुड़ी खबरें झूठी हैं और यह उनके प्रशासन के खिलाफ मीडिया के अभियान का हिस्सा है।
लोपेज ओब्रादोर ने कहा था , ‘‘ पीत पत्रकारिता का यह चलन चिंताजनक है...’’ एपी निहारिका शोभना शोभना शोभना 3006 0845 मेक्सिकोसिटी (एपी)
इस्लामाबाद, 29 जून। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को देशवासियों के नाम बकरीद के अपने बधाई संदेश में कहा कि इस साल की बकरीद उनके लिए ‘सबसे पीड़ादायी’ रही।
ट्विटर पर लोगों को बधाई देते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों एवं सरकारी भवनों पर नौ मई को उनके समर्थकों द्वारा किये गये हमले के बाद उनके करीब 10,000 समर्थकों के साथ जेल में अपराधियों की तरह बर्ताव किया जा रहा है।
क्रिकेट से राजनीति में आये खान (70) ने कहा, ‘‘ मेरे लिए, यह सबसे पीड़ादायी ईद-उल-अजहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने को लेकर करीब 10,000 कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को जेल में डाल दिया गया और उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है।’’ (भाषा)
इराक़ की राजधानी बग़दाद में गुरुवार को नाराज़ प्रदर्शनकारियों ने स्वीडन के दूतावास में घुसकर तोड़फोड़ की. हालांकि सुरक्षा बलों के दख़ल देने के कारण कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी वहां से पीछे हट गए.
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, बग़दाद में शिया नेता मुक़्तदा अल सद्र के समर्थक इस बात से नाराज़ थे कि स्वीडन की राजधानी स्टाॅकहोम में बुधवार को इराक़ के एक नागरिक को क़ुरान जलाने दिया गया.
एएफपी के एक फोटोग्राफर के अनुसार, मुक़्तदा अल सद्र के समर्थक स्वीडिश दूतावास की इमारत में घुसकर वहां क़रीब 15 मिनट तक रहे. बाद में सुरक्षा बलों के आने के बाद वे वहां से चले गए.
प्रदर्शनकारियों ने अपने नेता मुक़्तदा अल सद्र की अपील पर स्वीडिश दूतावास के पास जमा हुए थे. उनकी मांग थी कि बग़दाद से स्वीडिश राजदूत को हटाया जाए.
नाराज़ प्रदर्शनकारियों ने वहां पर अंग्रेजी और अरबी में छपे पर्चे भी बांटे जिसमें लिखा था कि ‘हमारा संविधान क़ुरान है. हमारे नेता अल-सद्र हैं.’
एएफपी के अनुसार, स्वीडन के दूतावास के गेट पर भी लिखा हुआ था, ‘‘हां, क़ुरान के लिए हां.’’
मुक़्तदा अल सद्र के समर्थकों ने इसके अलावा घटनास्थल के आसपास लगाए गए एलजीबीटीक्यू समुदाय के इंद्रधनुषी झंडों में भी आग लगा दी. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 29 जून । अमेरिकी तटरक्षक बल ने घोषणा की है कि समुद्र तल से बरामद क्षतिग्रस्त टाइटन पनडुब्बी के मलबेे में "मानव अवशेष" भी शामिल हैं।
बुधवार को एक आधिकारिक बयान में, तटरक्षक बल ने कहा कि उसे "जब एम/वी होराइजन आर्कटिक (एक लंगर संभालने वाला जहाज) न्यूफाउंडलैंड के सेंट जॉन्स में पहुंचा तो टाइटन सबमर्सिबल की साइट पर समुद्र तल से मलबा और सबूत बरामद हुए।"
बयान में कहा गया है, "अंतर्राष्ट्रीय साझेदार जांच एजेंसियों के साथ परामर्श के बाद, मरीन बोर्ड ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एमबीआई) सबूतों को अमेरिका के एक बंदरगाह तक ले जाने का इरादा रखता है, जहां एमबीआई इसका विश्लेषण और परीक्षण कर सकेगा।" तटरक्षक बल ने कहा कि अमेरिकी चिकित्सा पेशेवर मलबे में अनुमानित मानव अवशेषों का विश्लेषण करेंगे"।
बयान में एमबीआई के अध्यक्ष कैप्टन जेसन न्यूबॉयर के हवाले से कहा गया, "मैं इस महत्वपूर्ण साक्ष्य को हासिल व संरक्षित करने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय और अंतरएजेंसी समर्थन के लिए आभारी हूं।" सबूत से विनाशकारी क्षति के कारणों को समझने और यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। इस बीच, टाइटन के मलबे को सतह पर लाने वाले वाहनों की मालिक कंपनी पेलजिक रिसर्च सर्विस ने बुधवार को सीएनएन को बताया कि उसने फिलहाल अपतटीय कार्य को "सफलतापूर्वक पूरा" कर लिया है। सेंट जॉन्स में कनाडाई तट रक्षक घाट पर होराइजन आर्कटिक द्वारा उठाए गए मलबे में से एक सफेद पैनल जैसा टुकड़ा और सफेद तिरपाल से लिपटी डोरियों और तारों वाला एक और समान आकार का हिस्सा था। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह क्या है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ओशनगेट एक्सपीडिशन द्वारा संचालित टाइटन सबमर्सिबल और उसके पांच यात्रियों ने 18 जून की सुबह टाइटैनिक के 111 साल पुराने मलबे पर उतरना शुरू किया। लेकिन इस दौरान छोटेे जहाज का अपने मूल जहाज से संपर्क टूट गया। उम्मीद के मुताबिक छोटा जहाज सतह पर नहीं आया। इससे बड़े पैमाने पर बहुराष्ट्रीय खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया।
22 जून को, यूएस कोस्ट गार्ड ने घोषणा की कि जहाज में "भयंकर विस्फोट" हो गया, जिससे संभवतः उसमें सवार सभी लोग मारे गए। सबमर्सिबल का टेल कोन और अन्य मलबा टाइटैनिक से लगभग 1,600 फीट की दूरी पर पाया गया। (आईएएनएस)।
साल 2022 युद्ध में मरने वाले लोगों की संख्या के लिहाज से इस सदी में सबसे बुरा साबित हुआ है. 1994 में रवांडा के जनसंहार के बाद संघर्ष में सबसे ज्यादा लोगों की मौत 2022 में हुई है.
दुनिया भर में चल रहे संघर्ष में मरने वाले लोगों की संख्या पिछले साल 238,000 के पार चली गई. इस लिहाज से 2022 संघर्ष में मरने वाले लोगों की संख्या के मद्देनजर बीते लगभग तीन दशकों में सबसे घातक साल रहा.
इस से पहले 1994 में संघर्षों में इतनी संख्या में लोगों की जान गई थी. उस साल रवांडा में जनसंहार हुआ था. 21वीं सदी में एक साल के भीतर इतने लोगों की जान इससे पहले कभी नहीं गई. लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने ग्लोबल पीस इंडेक्स जारी किया है. यह इंडेक्स 163 देशों में 23 गुणात्मक और मात्रात्मक संकेतों के आधार पर तैयार की जाती है. इसके जरिये सबसे ज्यादा और सबसे कम शांतिपूर्ण देश का पता लगाया जाता है. इस सूचकांक के मुताबिक दुनिया लगातार 9वें साल कम शांतिपूर्ण होने की तरफ बढ़ रही है.
कहां हुई ज्यादा मौतें
इथियोपिया के टिगरे में चल रहे संघर्ष ने पिछले साल सबसे ज्यादा लोगों की जान ली. साल 2022 के दौरान इस संघर्ष में एक लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है. इसमें इथियोपिया और एरिट्रिया की सेनाओं और विद्रोहियों के बीच चले संघर्ष से ज्यादा लोगों की मौत भूखमरी के वजह से हुई. दोनों वजहों से हुई मौत में दोगुने का फर्क है.
इसके बाद यूक्रेन में रूसी सेना के हमले की वजह से मारे गए लोगों की संख्या है. 2022 में यूक्रेन जंग ने कम से कम 82,000 लोगों की जान ली है.
आईईपी के विशेषज्ञों का आकलन है कि यूक्रेन में 20 से 24 साल की उम्र के 65 फीसदी पुरुष या तो जंग में मारे गए या फिर भाग गए. यूक्रेन के 30 फीसदी से ज्यादा लोग या तो अपने ही देश में या फिर दूसरे देश में शरणार्थी बनने को मजबूर हुए हैं.
ग्लोबल पीस इंडेक्स के लिए जिन संकेतों को ध्यान में रखा गया है उनमें आंतरिक या बाहरी संघर्ष, हत्या की दर, सैन्यीकरण का अंश, हथियारों का निर्यात, आतंकवाद, राजनीतिक अस्थिरता और कैदियों की संख्या शामिल हैं. यह किसी सशस्त्र संघर्ष की आर्थिक कीमत का भी आकलन करता है. पिछले साल इनकी कीमत 17.5 हजार अरब अमेरिकी डॉलर थी पूरी दुनिया की जीडीपी का करीब 13 फीसदी है.
दुनिया के सबसे अशांत देश
आईईपी के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष स्टीव किलेलिया का कहना है,"अफगानिस्तान इराक और सीरिया की जंग के बाद अब यूक्रेन युद्ध जाहिर तौर पर ऐसी जंग बन गई है जिसमें दुनिया की सबसे ताकवर सेनाएं भी अच्छे संसाधन वाली स्थानीय आबादी पर जीत नहीं पा सकतीं." आईईपी की तरफ से जारी बयान में किलेलिया ने यह भी कहा है, "युद्ध मोटे तौर ऐसा बन गया है जिसे जीता नहीं जा सकता और इसका आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है."
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अमेरिका, रूस, जर्मनी, फ्रांस, और चीन यानी सिर्फ पांच देश दुनिया भर में एक तिहाई हथियारों का निर्यात करते हैं.
आईसलैंड, डेनमार्क और आयरलैंड दुनिया के सबसे शांतिपूर्ण देश हैं जबकि अफगानिस्तान, यमन और सीरिया सबसे कम शांतिपूर्ण. जर्मनी इस सूची में 15वें नंबर पर है जो पहले से दो ज्यादा है. उधर ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड पांचवें और 10वें नंबर पर है. भारत इस सूची में 126 नंबर पर है और पिछले साल की तुलना में उसकी स्थिति थोड़ी सी बेहतर हुई है. सबसे नीचे यानी 163 वें नंबर पर अफगानिस्तान है इसके बाद यमन, सीरिया, दक्षिणी सूडान, डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, रूस और तब यूक्रेन है. रूस तीन स्थान नीचे आया है जबकि यूक्रेन 14 स्थान.
एनआर/एसबी (डीपीए)
न्यूयॉर्क, 29 जून । पूरे अमेरिका में लाखों लोगों को खराब मौसम का सामना करना पड़ रहा है। देश के कुछ हिस्से कनाडाई जंगल की आग के धुएं से घिरे हुए हैं, जबकि अन्य को भीषण गर्मी और भयंकर तूफान का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रैकिंग सेवा आईक्यूएयर डॅट काॅॅम के अनुसार, कनाडा के जंगल की आग के धुएं के कारण लगभग 87 मिलियन लोगों को वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। इसमें डेट्रॉइट, शिकागो और मिनियापोलिस दुनिया के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शीर्ष चार शहरों में शामिल हैं।
न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने बुधवार को कनाडा केे जंगलोंं में लगी आग से निकलने वाले धुएं को देखते हुए सभी न्यूूयार्ककवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने घोषणा की कि उनका कार्यालय पहली बार आपातकालीन सेल फोन अलर्ट का उपयोग करेगा, ताकि निवासियों को सूचित किया जा सके कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के संंबंध में नवीनतम सूचना उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि हम स्थितियों की निगरानी करने और मास्क वितरित करने के लिए स्थानीय काउंटियों के साथ समन्वय करना जारी रख रहे हैं।
" इस बीच, एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, "लगभग 69 मिलियन लोगों को हीट अलर्ट का सामना करना पड़ता है, इसमें न केवल दक्षिण और दक्षिणपूर्व, बल्कि मिडवेस्ट और कैलिफोर्निया भी शामिल है।" रिपोर्ट के अनुसार, मिनेसोटा और विस्कॉन्सिन के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर ओलावृष्टि की संभावना व गंभीर तूफान की भी आशंका है, मिनियापोलिस खतरे का सामना करनेे वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है। (आईएएनएस)।
मॉस्को, 29 जून । यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियानों के डिप्टी कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिछले सप्ताहांत वैगनर समूह द्वारा किए गए विद्रोह में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।
हालाकि उनकी गिरफ़्तारी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
जनरल, जो एयरोस्पेस फोर्सेज के कमांडर भी हैं, को 24 जून के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। उसी दिन वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने सशस्त्र विद्रोह शुरू किया था।
जब जनरल के ठिकाने के बारे में पूछा गया, तो सूत्र ने कहा: "हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।"
इससे पहले बुधवार को, युद्ध-समर्थक ब्लॉगर व्लादिमीर रोमानोव ने कहा था कि सुरोविकिन को विद्रोह के एक दिन बाद 25 जून को हिरासत में लिया गया, और दावा किया कि जनरल को मॉस्को के लेफोर्टोवो हिरासत केंद्र में रखा गया है।
द मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक टेलीग्राम पोस्ट में, बंद पड़े एको मोस्किवी रेडियो स्टेशन के प्रधान संपादक एलेक्सी वेनेडिक्टोव ने कहा कि सुरोविकिन तीन दिनों से अपने परिवार के संपर्क में नहीं हैं और उनके गार्ड भी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 24 जून को प्रिगोजिन के नेतृत्व में उनके सैनिकों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्ज़ा कर लिया, मॉस्को की ओर मार्च किया और रास्ते में रूसी सैन्य हेलीकॉप्टरों और एक विमान को मार गिराया।
बाद में बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मदद से एक समझौता होने के बाद उनका विद्रोह समाप्त हो गया।
रूसी अधिकारियों ने कहा है कि वैगनर को निरस्त्र कर दिया जाएगा लेकिन इसके सदस्य इस विद्रोह पर मुकदमे से बच जाएंगे। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 29 जून । गूगल ने एंड्रॉइड टीवी उपकरणों पर एक नया शॉप टैब पेश किया है।
टेक दिग्गज ने बुधवार को एक सपोर्ट पेज में कहा, शॉप टैब उपयोगकर्ताओं को फिल्में खरीदने या किराए पर लेने और सीधे अपने एंड्रॉइड टीवी पर खरीदारी की अनुमति देता है।
"तो चाहे आप एक नई और लोकप्रिय फिल्म खोज रहे हों, जो अभी तक अन्य स्ट्रीमिंग सेवाओं पर उपलब्ध नहीं है या आप बिना सब्सक्रिप्शन के एक बार मूवी खरीदना चाह रहे हैं, तो शॉप टैब इसे आसान बनाता है।"
नया शॉप टैब यूएस में एंड्रॉइड टीवी डिवाइसों के लिए रोल आउट हो रहा है और कुछ हफ्तों में वैश्विक स्तर पर रोल आउट हो जाएगा।
कंपनी ने कहा, "खरीदने या किराए पर लेने के लिए नई फिल्में ढूंढने के साथ-साथ, आप शॉप टैब में नई लाइब्रेरी से अपनी खरीदारी तक भी पहुंच सकते हैं।"
उपयोगकर्ताओं के गूगल खाते से की गई सभी खरीदारी आपकी लाइब्रेरी में उपलब्ध होगी, इसमें यू ट्यूब, अन्य गूगल टीवी और एंड्राइइ टीवी डिवाइस और गूगल टीवी मोबाइल ऐप से की गई खरीदारी शामिल है।
इसमें कहा गया है, "तुरंत देखना शुरू करने के लिए शॉप टैब पर जाएं, या ऑफ़लाइन देखने के लिए अपने फोन या टैबलेट पर गूगल टीवी मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी खरीदी गई सामग्री डाउनलोड करें।" (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 29 जून । विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा को न्यूयॉर्क के कार्नेगी कॉर्पोरेशन द्वारा इस वर्ष की "महान आप्रवासियों" की सूची में नामित किया गया है।
भारतीय-अमेरिकी बंगा, जो इस साल शीर्ष बैंक के 14वें अध्यक्ष बने, विविध पृष्ठभूमि और क्षेत्रों के 35 सम्मानित लोगों में से हैं, जिनके योगदान और कार्यों ने अमेरिकी समाज और लोकतंत्र को समृद्ध और मजबूत किया।
भारत से, वह प्रतिष्ठित कार्नेगी सूची में एकमात्र सम्मानित व्यक्ति हैं, जिसने 2006 से 700 से अधिक "महान आप्रवासियों" का नाम दिया है।
कार्नेगी के एक बयान में बुधवार को कहा गया कि प्रमुख पदों पर 30 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, बंगा से गरीबी से निपटने और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए विश्व बैंक में परिवर्तनकारी नीतियों की शुरुआत करने की उम्मीद है, अससे दुनिया भर के लोगों के लिए अवसर खुलेंगे।
बयान में बंगा को उद्धृत करते हुुए कहा गया, “हमें आप्रवासियों द्वारा पेश किए जाने वाले मूल्य और प्रतिभा को अपनाने के तरीके खोजने की जरूरत है, इनमें से सबसे महत्वपूर्ण बात उनकी विविधता है। उनके विविध दृष्टिकोण और अनुभव हमें मजबूत बनाते हैं।”
इस महीने की शुरुआत में, बंगा विश्व बैंक के नए अध्यक्ष बने बंगा इस संस्था का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी हैं।
उन्होंने भारत में अपना करियर शुरू किया। नेस्ले इंडिया में 13 साल और पेप्सिको में दो साल बिताए, और 1996 में, वह सिटीग्रुप में शामिल हो गए, और अंततः सीईओ के रूप में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का नेतृत्व किया।
बाद में अमेरिका चले जाने पर, उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष नामित होने से पहले 12 वर्षों तक मास्टरकार्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्य किया।
कई सम्मानों के बीच, उन्हें फॉरेन पॉलिसी एसोसिएशन मेडल, पद्म श्री और एलिस आइलैंड मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
2023 महान आप्रवासियों के वर्ग में 33 देशों के व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने कार्पोरेशन के अनुसार, "शिक्षकों, सलाहकारों, परोपकारी, नौकरी निर्माता, लोक सेवक, कहानीकार और वकील के रूप में अपने काम के माध्यम से दूसरों के लिए अवसरों को बढ़ावा दिया है"।
स्नातक छात्र के रूप में आयरलैंड से अमेरिका आए न्यूयॉर्क के कार्नेगी कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डेम लुईस रिचर्डसन ने कहा, "आज सम्मानित किए गए 35 लोग उस परंपरा का प्रतीक हैं, जो हमें याद दिलाते हैं कि अप्रवासियों का योगदान हमारे देश को अधिक जीवंत और हमारे लोकतंत्र को अधिक लचीला बनाता है।"
सूची में अन्य सम्मानित व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र के सम्मानित नेता हैं, इनमें दो नोबेल पुरस्कार विजेता, एक ओलंपियन, कांग्रेस का एक सदस्य, एक विश्वविद्यालय अध्यक्ष, एक सार्वजनिक धर्मशास्त्री और आप्रवासन वकील शामिल हैं।
इसमें एले पत्रिका की प्रधान संपादक और टीवी हस्ती नीना गार्सिया, बेस्टसेलिंग उपन्यासकार मिन जिन ली, सात बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता अलनीस मोरिसटेट, हॉलीवुड स्टार पेड्रो पास्कल और अकादमी पुरस्कार विजेता के हुई क्वान जैसी हस्तियां भी शामिल हैं। (आईएएनएस)
पेरिस, 29 जून । फ्रांस में ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस द्वारा 17 साल के एक लड़के की गोली मारकर हत्या करने के मामले में देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कम से कम 77 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
स्थानीय फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, नाहेल एम. की हत्या के विरोध में बुधवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारियों को कारों में आग लगाते और दुकानों में तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है।
फ्रांसीसी अखबार ली मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार, नानटेयर में पुलिस को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों को आतिशबाजी से निशाना बनाया, उत्तरी शहर लिली में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को भी लड़के को श्रद्धांजलि देने के लिए रेने शहर में लगभग 300 लोग जमा हुए, जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर कर दिया।
हत्या को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने "अक्षम्य" अपराध कहा है। उन्होंने पुलिस यूनियनों की आलोचना की।
एलायंस पुलिस यूनियन ने दोषी पाए जाने तक उन्हें निर्दोष मानने का आह्वान किया, जबकि यूनाइट एसजीपी पुलिस ने भी राजनीतिक हस्तक्षेप की बात कही जिससे "पुलिस विरोधी नफरत" और बढ़ गई।
एक बयान में, गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि वह फ्रांस पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, जिसने लड़के की हत्या को उचित ठहराने की मांग करने वाला एक ट्वीट किया था।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नाहेल की हत्या का आरोपी अधिकारी, जिसने कहा कि उसने गोली चलाई थी क्योंकि उसे लगा कि उसकी जान खतरे में है, हिरासत में है।
नाहेल इस साल फ्रांस में ट्रैफिक रोके जाने के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारा जाने वाला दूसरा व्यक्ति है।
पिछले साल इस तरह से रिकॉर्ड 13 लोगों की मौत हुई थी। (आईएएनएस)।
पोर्टलैंड (अमेरिका), 29 जून। पनडुब्बी ‘टाइटन’ के मलबे में संभवतः मानव अवशेष भी बरामद किए गए हैं और अमेरिकी अधिकारी सबूत को देश वापस ला रहे हैं। अमेरिका तटरक्षक बल ने यह जानकारी दी।
‘टाइटैनिक’ जहाज का मलबा देखने अटलांटिक सागर के अंदर गई ‘टाइटन’ पनडुब्बी में पिछले सप्ताह अचानक विस्फोट हो गया था। इस हादसे में पनडुब्बी में सवार टाइटैनिक मामलों के एक प्रमुख विशेषज्ञ, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक अमीर परिवार के दो सदस्यों और इस मिशन को संचालित करने वाली कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की मौत हो गई थी।
अमेरिकी तटरक्षक बल के अनुसार, ‘टाइटन’ पनडुब्बी से मलबा बुधवार को वापस लाया गया। सेंट जॉन्स, न्यूफाउंडलैंड और लैब्राडोर में बंदरगाह पर मलबा वापस लाना जांच का अभिन्न हिस्सा है, क्योंकि जांच अधिकारी पनडुब्बी में विस्फोट की सही वजह का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
तटरक्षक बल ने बुधवार रात एक बयान में कहा उसने समुद्र तल से मलबा और सबूत बरामद किए हैं। इसमें संभवत: मानव अवशेष भी शामिल है।
अमेरिकी तटरक्षक बल के प्रमुख कैप्टन जेसन न्यूबॉयर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं बेहद दूर व गहराई से इन महत्वपूर्ण साक्ष्यों को निकालने और संरक्षित करने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय तथा अंतर-एजेंसी के सहयोग का आभारी हूं।’’
न्यूबॉयर ने कहा कि साक्ष्य बेहद महत्वपूर्ण है और इससे इस त्रासदी के उचित कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
इससे पहले, कनाडाई तटरक्षक 22 फुट की पनडुब्बी के मुड़े हुए टुकड़े बुधवार को समुद्र से बाहर लेकर आए थे।
एपी निहारिका सुरभि सुरभि 2906 0825 पोर्टलैंड (एपी)
सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिका के वाणिज्यिक दूतावास के पास एक इमारत में हुई गोलीबारी से दो लोगों की मौत हो गई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया है कि मरने वालों में एक सुरक्षा गार्ड और दूसरा बंदूकधारी हैं.
इस घटना में किसी अमेरिकी नागरिक को नुक़सान नहीं पहुँचा है.
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, गोलीबारी में अमेरिका के वाणिज्यिक दूतावास में काम करने वाले एक नेपाली सुरक्षाकर्मी घायल हुआ, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई.
सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास के सामने गाड़ी रोकी और बंदूक के साथ सुरक्षाबलों के सामने पहुंच गया.
सुरक्षाकर्मियों और बंदूकधारी शख्स के बीच हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई.
फिलहाल अमेरिकी विदेश मंत्रालय वाणिज्यिक दूतावास और सऊदी अरब प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले की जाँच कर रहा है. (bbc.com/hindi)
फ़्रांस की राजधानी पेरिस में ट्रैफ़िक चेकिंग के दौरान एक 17 साल के ड्राइवर की पुलिस की गोली लगने से हुई मौत के बाद लगातार दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी है.
इस किशोर का नाम नाहेल एम बताया गया है. युवक गाड़ी चलाने के कुछ ही देर बाद दुर्घटना का शिकार हुआ था. कहा जा रहा है कि पुलिस ने उसे नज़दीक से गोली मारी.
पेरिस पुलिस ने कहा है कि उन्होंने ताज़ा हिंसा की 'छिटपुट घटनाओं' पर काबू पा लिया है.
टूलूज़ में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और इसे बुझाने में लगे दमकल कर्मियों पर पथराव किया.
फ़्रांस के उत्तरी शहर लिले में भी प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी शहर रेने में भी मारे गए युवक को श्रद्धांजलि देने के लिए करीब 300 लोग इकट्ठा हुए. इनमें से कई लोगों ने आगजनी भी की. हालांकि, पुलिस ने इन्हें तितर-बितर कर दिया.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि नाहेल को गोली मारने वाली घटना "माफ़ी के योग्य" नहीं है.
लेकिन पुलिस यूनियनों ने राष्ट्रपति के इस बयान पर नाराज़गी ज़ाहिर की है. पुलिस यूनियन का दावा है कि राष्ट्रपति पुलिसवालों के ख़िलाफ़ जल्दबाज़ी में राय बना रहे हैं. (bbc.com/hindi)
पेशावर, 28 जून। पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शादी संबंधी विवाद को लेकर रिश्तेदारों ने एक ही परिवार के नौ लोगों की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने बताया कि वारदात मलाकंड जिले की बटखेला तहसील की है और तीन महिलाओं और छह पुरुषों समेत एक ही परिवार के नौ सदस्यों की सोते हुए रिश्तेदारों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी। उन्होंने घर में घुसने के बाद इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक, इस नृशंस हत्याकांड के लिए शादी से संबंधित विवाद था और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
सूचना मिलने पर प्रांतीय अर्धसैनिक बल मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए बटखेला अस्पताल भेजा।
कातिलों को पकड़ने के लिए जिले से निकलने और प्रवेश करने के सभी स्थलों को सील कर दिया गया है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहम्मद आज़म खान ने पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश तेज करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, “ आरोपियों को इंसाफ के कटघरे में खड़ा किया जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिया जाएगा।” (भाषा)