अंतरराष्ट्रीय
कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री शॉन फ्रेज़र ने घोषणा की है कि सरकार एक ऐसा ओपन वर्क परमिट स्ट्रीम बनाने जा रही है, जिसके अंतर्गत 10,000 अमेरिकी एच-1बी वीज़ा धारकों को कनाडा आने और यहां काम करने की अनुमति मिल सकेगी.
अपने आधिकारिक विज्ञप्ति में कनाडाई मंत्री ने लिखा है कि इसके तहत एच-1 बी वीज़ा धारकों के परिवारवालों को भी कनाडा में पढ़ने और काम करने की परमिट मिलेगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ विज्ञप्ति में लिखा गया, "हाई-टेक क्षेत्रों में हज़ारों कर्मी ऐसी कंपनियों में काम कर रहे हैं, जिनका कनाडा और अमेरिका दोनों में काफ़ी काम होता है, और अमेरिका में काम करने वाले ज़्यादातर लोग एच-1बी विशेष व्यवसाय वीसा रखते हैं."
"16 जुलाई, 2023 तक अमेरिका में एच-1बी विशेष व्यवसाय वीज़ा धारक, और उनके साथ रह रहे परिवार के करीबी सदस्य कनाडा आने के लिए आवेदन कर सकते हैं."
जिन आवेदकों को मंज़ूरी मिलेगी, उन्हें नए फैसले के तहत तीन साल तक की अवधि का ओपन वर्क परमिट दिया जाएगा.
''वे कनाडा में अमूमन किसी भी कंपनी में काम कर सकेंगे. वहीं उनकी पत्नी या उन पर निर्भर लोग अस्थायी निवासी वीज़ा के लिए योग्य होंगे और ज़रूरत के मुताबिक़ वो वर्क और स्टडी परमिट भी ले सकते हैं. '' (bbc.com/hindi)
खार्तूम, 28 जून । सूडान की राजधानी खार्तूम में ईद-अल-अजहा से पहले सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक बल (आरएसएफ) के बीच भीषण संघर्ष शुरू हो गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरएसएफ कमांडर मोहम्मद हमदान डागालो ने पिछले दिन दो दिवसीय "एकतरफा युद्धविराम" की घोषणा की थी, जिसके बाद मंगलवार देर रात खार्तूम के कुछ हिस्सों में भारी गोलाबारी की आवाज सुनी गई।
सूडान में सशस्त्र संघर्ष 15 अप्रैल को शुरू होने के बाद से अब तक इसके रुकने का कोई संकेत नहीं मिला है। पिछले 10 सप्ताह में युद्धरत पक्षों के बीच रुक-रुक कर कई युद्धविराम समझौते हुए हैं।
खार्तूम में महत्वपूर्ण संपत्ति की क्षति और लूटपाट के अलावा विदेशी राजनयिक मिशनों को भी निशाना बनाया गया है। संघर्ष ने सूडान के अन्य हिस्सों में भी उथल-पुथल पैदा कर दी है - विशेष रूप से चाड की सीमा से लगे एक विशाल पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में।
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने 24 जून को जारी एक बयान मे पश्चिम दारफुर राज्य की राजधानी अल जेनिना से भाग रहे नागरिकों की हत्या को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया।
सूडानी डॉक्टर्स सिंडिकेट ने कहा कि अल जेनिना में सशस्त्र मिलिशिया द्वारा 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं तथा छह हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पिछले सप्ताह मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, सूडान के अंदर और बाहर लगभग 25 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। (आईएएनएस)।
कीव, 28 जून । पूर्वी यूक्रेन के क्रामाटोरस्क शहर में एक रेस्त्रां और शॉपिंग एरिया में रूसी मिसाइल गिरने से एक 17 साल की लड़की सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, गवर्नर पावलो किरिलेंको ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर बताया कि मंगलवार शाम को यह हमला ऐसे समय हुई जब रेस्त्रां के अंदर लोगों की भीड़ थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं और बचाव अभियान जारी है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी को बताया कि उसने "मरे हुए लोग, चिल्लाते हुए लोग, रोते हुए लोग और भारी अफरा-तफरी" देखी।
टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में, यूक्रेनी प्रोसिक्यूटर जनरल के कार्यालय ने कहा कि मृतकों में एक 17 वर्षीय लड़की भी शामिल है और कम से कम 42 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने ने यह भी चेतावनी दी है कि यह संभव है कि मलबे के नीचे और भी लोग फंसे हों।
किरिलेंको ने यूक्रेनी टेलीविजन को बताया, "यह शहर का केंद्र है। यह सार्वजनिक खान-पान की जगह थी जहां नागरिकों की भीड़ रहती थी।"
व्हाइट हाउस ने यूक्रेन पर "क्रूर हमलों" के लिए रूस की निंदा की। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 28 जून । अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा (एनडब्ल्यूएस) ने घोषणा की है कि इस सप्ताह के अंत में दक्षिणी कैलिफोर्निया में गर्मी की पहली गर्मी की लहर आने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपने नवीनतम अपडेट में एनडब्ल्यूएस के हवाले से कहा कि दक्षिणी कैलिफोर्निया में एक उच्च दबाव प्रणाली के निर्माण के साथ, गुरुवार और सप्ताहांत में तापमान बढ़ने का अनुमान है। मौसम सेवा ने कहा, सप्ताहांत तक गर्मी की पहली लू चलने की उम्मीद है, जो आंतरिक क्षेत्रों पर केंद्रित होगी।
स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से अधिक पानी पीने और धूप से बचने का आग्रह कर रहे हैं। यह घोषणा भीषण गर्मी की लहर के बीच की गई है, जिसने दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से को झुलसा दिया है। वर्तमान में 55 मिलियन से अधिक लोग गर्मी की चेतावनी के तहत हैं। पिछले सप्ताह में गर्मी की लहर ने टेक्सास, ओक्लाहोमा, न्यू मैक्सिको सहित अन्य दक्षिणी हिस्सों को झुलसा दिया है। एनडब्ल्यूएस के अनुसार जीवन के लिए खतरा बन रही गर्मी और आर्द्रता निचली मिसिसिपी नदी घाटी में फैल गई है।
यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, पिछले 30 वर्षों में अत्यधिक गर्मी अमेरिका में मौत का सबसे बड़ा मौसम संबंधी कारण रही है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अत्यधिक गर्मी से होने वाली मृत्यु दर मूल अमेरिकी और अश्वेत समुदायों के साथ-साथ शहरी कोर या बहुत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करती है। अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से गर्मी की लहरें अधिक बार और अधिक तीव्र हो रही हैं, इससे गर्मी से संबंधित बीमारियों और मौतों, सूखे और जंगल की आग का खतरा बढ़ रहा है। (आईएएनएस)।
लंदन, 28 जून । भारतीय मूल के 34 वर्षीय एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी की बात स्वीकार की। उसने अन्य लोगों की ओर से 36 से अधिक ड्राइविंग थ्योरी टेस्ट दिए और हर बार 1,500 पाउंड तक की कमाई की।
द रीडिंग क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को रीडिंग मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होकर, रिडोल एवेन्यू, स्वानसी के सतविंदर सिंह ने धोखाधड़ी व फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस होने की बात स्वीकार की।
चार साल से अधिक समय तक, सतविंदर ने उन लोगों के लिए टेस्ट दिया, जो अंग्रेजी नहीं जानतेे थे। इसके एवज में उसने प्रति व्यक्ति 1500 पाउंड लिए, जबकि केवल 23 पाउंड का खर्च था।
अमृतपाल सिंह के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले सतविंदर ने रीडिंग, मैनचेस्टर, शेफील्ड, साउथगेट, ऑक्सफोर्ड, आयल्सबरी, गिल्डफोर्ड, स्टेन्स और ब्रिस्टल सहित पूरे यूके में यह धोखाधड़ी़ की।
ड्राइविंग वाहन मानक एजेंसी (डीवीएसए) द्वारा 2019 में देश भर में सतविंदर और अधिसूचित केंद्रों की तस्वीर जारी करने के बाद, उसे 6 जून को एक सिद्धांत परीक्षण केंद्र में देखा गया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि रीडिंग में पियर्सन परीक्षण केंद्र के स्टाफ के एक सदस्य ने सतविंदर को इमारत में प्रवेश करते देखा, जहां उसने कहा कि वह अमृतपाल सिंह है और उस नाम का ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया।
द रीडिंग क्रॉनिकल ने अभियोजक डेबोरा स्पेक्टर के हवाले से कहा, “वह लाइसेंस पर मौजूद व्यक्ति होने का नाटक कर रहा था। यह जानने के बावजूद कि वह लाइसेंस वाला व्यक्ति नहीं है, स्टाफ के सदस्य ने पुलिस के आने तक उसे परीक्षण की अनुमति दे दी।''
पुलिस के पहुंचने के बाद, सिंह ने अपनी पहचान अमृतपाल सिंह के रूप में दी, लेकिन पुलिस को एक रेंज रोवर कार की चाबियां मिलीं, जो उसके असली नाम से पंजीकृत थी।
स्पेक्टर ने अदालत को बताया कि सतविंदर ने पियर्सन और रीड परीक्षण केंद्रों पर पैसे के लिए दूसरे उम्मीदवारों की जगह टेस्ट देने की बात स्वीकार की।
उन्होंने कहा, "इस गतिविधि में शामिल लोगों द्वारा छद्मवेशी बनकर कमाया गया मुनाफा बहुत बड़ा है और इसे संगठित अपराध के रूप में वर्णित किया जा सकता है।"
मजिस्ट्रेट ने सतविंदर के मामले को उसकी अगली सुनवाई की तारीख तय करने के लिए क्राउन कोर्ट में भेज दिया है।
रीडिंग मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी कि वह किसी भी रीड्स या पियर्सन ड्राइविंग थ्योरी टेस्ट सेंटर में शामिल नहीं होंगे। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 28 जून । ओपनएआई ने प्लस प्लान यूजर्स के लिए बिंग इंटीग्रेशन के फीचर वाले आईओएस पर चैटजीपीटी एप्लिकेशन को अपडेट किया है।
कंपनी ने ऐप के चेंजलॉग में उल्लेख किया है, "प्लस यूजर्स अब मॉडल के मूल ट्रेनिंग डेटा से अलग के इवेंट्स और इंफॉर्मेशन पर आंसर और वर्तमान इनसाइट प्राप्त करने के लिए ब्राउजिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।"
कंपनी ने कहा, "इसे आजमाने के लिए, अपने ऐप सेटिंग के 'न्यू फीचर्स' सेक्शन में जाएं। फिर मॉडल स्विचर में जीपीटी-4 चुनें और ड्रॉप-डाउन में "ब्राउज विद बिंग" को चुनें।"
कंपनी ने नए अपडेट के साथ हिस्ट्री सर्च को भी बेहतर बनाया है।
अब, सर्च रिजल्ट पर टैप करने से यूजर्स सीधे उस कंटेंट में संबंधित प्वाइंट पर पहुंच जाएंगे।
ओपनएआई ने इस महीने की शुरुआत में आईओएस और आईपैडओएस के लिए चैटजीपीटी ऐप पर 'ड्रैग एंड ड्रॉप' सपोर्ट जोड़ा था।
इस फीचर की मदद से अलग-अलग मैसेजों को ड्रॉप और ड्रैग करके अन्य एप्लिकेशन में डाला जा सकता है।
इसके अलावा, कंपनी ने चैटजीपीटी के लिए सिरी और शॉर्टकट इंटीग्रेशन की शुरुआत की, जिसका मतलब है कि ऐप को सीधे सिरी और शॉर्टकट के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 28 जून । माइक्रोसॉफ्ट ने उत्तर अमेरिका में आउटलुक यूजर्स को प्रभावित करने वाली वेब एक्सेस समस्या को ठीक कर दिया है।
कंपनी ने मंगलवार को अपने 'माइक्रोसॉफ्ट 365 स्टेटस' अकाउंट से ट्वीट किया कि "हम कस्टमर्स को प्रभावित करने वाली वेब एक्सेस समस्या के लिए आउटलुक की जांच कर रहे हैं। कृपया अधिक जानकारी के लिए ईएक्स610644 के तहत एडमिन सेंटर में सर्विस हेल्थ डैशबोर्ड देखें।"
बुधवार की शुरुआत में, कंपनी ने पोस्ट किया: "हमने पुष्टि की है कि फिक्स का डिप्लॉयमेंट पूरा हो गया है। ज्यादा डिटेल्स ईएक्स610644 के तहत एडमिन सेंटर से ली जा सकती है।"
कई यूजर्स ने ट्विटर पर इस समस्या की सूचना दी। एक यूजर ने लिखा, "माइक्रोसॉफ्ट अपने मोबाइल वेब आउटलुक ऐप को कब तक ठीक करेगा?"
ऑनलाइन आउटेज मॉनिटर वेबसाइट डाउनडिटेक्टर के अनुसार, लगभग 67 प्रतिशत लोगों ने आउटलुक का इस्तेमाल करते समय, 23 प्रतिशत ने वेबसाइट का इस्तेमाल करते समय और 10 प्रतिशत ने लॉग इन करते समय समस्याओं का सामना किया और सूचना दी।
टेक जायंट ने दावा किया था कि इस महीने की शुरुआत में सर्विस के बंद होने का कारण डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) आउटेज था। (आईएएनएस)।
साल दर साल हम सबकी उम्र बढ़ती है, हम एक साल और बड़े होते हैं, लेकिन दक्षिण कोरिया के लोग अब एक या कहें दो साल छोटे हो गए हैं.
असल में दक्षिण कोरिया ने उम्र गिनने की अपनी सदियों पुरानी व्यवस्था को बदल दिया है. पुरानी व्यवस्था के तहत यहां के लोग गर्भ से ही बच्चे की उम्र जोड़ना शुरू कर देते थे. यानी जब बच्चा जन्म लेता है, तो वह एक साल का होता है.
वहीं आमतौर पर भारत या दूसरे अन्य देशों में हम अपनी उम्र अपने जन्मदिवस और साल के आधार पर तय करते हैं. लेकिन दक्षिण कोरिया के लोग एक साथ साल के पहले दिन, यानी एक जनवरी को एक साल बड़े हो जाते हैं. इसके लिए उन्हें अपने जन्मदिन का इंतज़ार या उसे फॉलो नहीं करना पड़ता.
आज से लागू होगी नई व्यवस्था
हालांकि आज से दक्षिण कोरिया में अब नई व्यवस्था लागू हो गई है, जिसके तहत जन्मदिन के आधार पर ही लोग अपनी उम्र तय करेंगे.
देश के राष्ट्रपति ने पिछले साल सत्ता संभालने के बाद से इस बदलाव के लिए ज़ोर देते रहे हैं. उनके मुताबिक़ पुरानी व्यवस्था को कायम रखने में ''अनावश्यक सामाजिक और आर्थिक लागतें" लग रही थीं. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 28 जून। अमेरिका ने निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ से जुड़ी चार कंपनियों और एक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए हैं।
‘वैग्नर’ समूह के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन के नेतृत्व में रूस के खिलाफ किए विद्रोह के बाद यह कदम उठाया गया है। प्रीगोझिन ने पिछले सप्ताहांत अपने लड़ाकों को मॉस्को (रूस की राजधानी) की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, प्रीगोझिन ने अचानक रूस के साथ समझौता कर पीछे हटने और बेलारूस जाने की घोषणा कर दी थी।
अमेरिका के वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) द्वारा मंगलवार को लगाए गए प्रतिबंधों में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और रूस में उन संस्थाओं को लक्षित किया गया है, जो ‘वैग्नर’ समूह और इसके संस्थापक येवगेनी प्रीगोझिन से जुड़ी हैं।
हालांकि प्रतिबंधों का पिछले सप्ताह के विद्रोह से सीधा संबंध नहीं है। अमेरिका ने पहले भी प्रीगोझिन और ‘वैग्नर’ समूह के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए हैं। समूह पर 2016 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश का भी आरोप है।
प्रीगोझिन से संबद्ध मध्य अफ्रीकी गणराज्य में स्थित दो खनन कंपनियों ‘डायमविले एसएयू’ तथा ‘मिडास रिसोर्सेज एसएआरएलयू’ पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही रूस स्थित सोने की बिक्री से जुड़ी ‘लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी डीएम’ और डायमविले को सहायता प्रदान करने वाले दुबई स्थित ‘इंडस्ट्रियल रिसोर्सेज जनरल ट्रेडिंग’ पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अमेरिका ने ‘वैग्नर’ समूह के एक रूसी अधिकारी आंद्रेई इवानोव पर भी प्रतिबंध लगाया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इवानोव ने माली में हथियार सौदों, खनन परियोजनाओं और ‘वैग्नर’ समूह की अन्य गतिविधियों को अंजाम देने के लिए माली की सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया था।
मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंधित की गई कंपनियां ‘वैग्नर ग्रुप’ को धन मुहैया कराने के लिए सोने के अवैध सौदे करती हैं, ताकि समूह यूक्रेन तथा अफ्रीका में अपने सशस्त्र बलों को बनाए रख सके और उनका विस्तार कर सके।
इस बीच, कई अन्य अमेरिकी सरकारी एजेंसियों ने उप-सहारा अफ्रीका में सोने के व्यापार को लेकर मंगलवार को कई परामर्श जारी किए।
रूस के अधिकारियों ने प्रीगोझिन और ‘वैग्नर’ समूह के खिलाफ लगाए सशस्त्र विद्रोह के आरोप हटाने और आपराधिक जांच बंद करने की मंगलवार को घोषणा कर दी थी।
एपी निहारिका सुरभि सुरभि 2806 0835 वाशिंगटन (एपी)
कोलंबो, 27 जून । श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दोहराया कि चीन के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं है और वह इस द्वीप राष्ट्र को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने फ्रांसीसी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हम एक तटस्थ देश हैं, लेकिन हम इस तथ्य पर भी जोर देते हैं कि हम श्रीलंका को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते।"
जब विक्रमसिंघे से श्रीलंका में चीन की उपस्थिति, विशेषकर सैन्य उपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “चीन के साथ हमारा कोई सैन्य समझौता नहीं है; कोई सैन्य समझौता नहीं होगा और मुझे नहीं लगता कि चीन इसमें शामिल होगा।"
राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी वहां लगभग 1,500 वर्षों से हैं और अब तक वहां कोई सैन्य अड्डा नहीं है।
उन्होंने हंबनटोटा बंदरगाह के बारे में स्वीकार किया कि इसे "चीन के व्यापारियों को दे दिया गया है, लेकिन इसकी सुरक्षा श्रीलंका सरकार द्वारा नियंत्रित है"।
उन्होंने आश्वस्त किया, "दक्षिणी नौसेना कमान को हंबनटोटा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।"
“चीनी द्वारा बंदरगाह के सैन्य उपयोग का निश्चित रूप से कोई मुद्दा नहीं है। यही कंपनी कोलंबो बंदरगाह, साउथ पोर्ट में एक टर्मिनल भी चलाती है। यहीं पर सभी देशों से सभी युद्धपोत आते हैं।
उन्होंने कहा, "कोई भी कोलंबो में टर्मिनल के बारे में शिकायत नहीं कर रहा है, लेकिन वे केवल हंबनटोटा बंदरगाह के बारे में शिकायत कर रहे हैं।" (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 27 जून । सिलिकॉन वैली स्थित ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप रॉबिनहुड ने अपने फुल-टाइम कर्मचारियों में से 7 प्रतिशत को नौकरी से निकाल दिया है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, छंटनी के नए राउंड में लगभग 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
यह कंपनी का एक साल से अधिक समय में छंटनी का तीसरा राउंड है।
कंपनी के सीएफओ जेसन वार्निक के इंटरनल मेमो के अनुसार, नए राउंड की छंटनी ट्रेडिंग वॉल्यूम के अनुकूल होने और टीम स्ट्रक्चर में सुधार के लिए लागू की गई है।
मार्च में, वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच फिनटेक प्लेटफॉर्म द्वारा अपने कर्मचारियों की संख्या 9 प्रतिशत कम करने के ठीक तीन महीने बाद, रॉबिनहुड ने अपने 23 प्रतिशत कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
एक ब्लॉगपोस्ट में, रॉबिनहुड के सीईओ और सह-संस्थापक व्लाद टेनेव ने कहा था, "सभी तरह के कर्मचारी प्रभावित होंगे और छंटनी विशेष रूप से कंपनी के ऑपरेशन्स, मार्केटिंग और प्रोग्राम मैनेजमेंट फंक्शन में केंद्रित है।"
टेनेव ने कहा था, "जनरल मैनेजर (जीएम) स्ट्रक्चर में एक व्यापक कंपनी पुनर्गठन के हिस्से के रूप में मैंने अभी घोषणा की है कि हम अपने कर्मचारियों की संख्या लगभग 23 प्रतिशत कम कर रहे हैं।"
रॉबिनहुड ने अपने दूसरे तिमाही के नतीजों में 295 मिलियन डॉलर के शुद्ध घाटे पर 318 मिलियन डॉलर का शुद्ध राजस्व दर्ज किया।
ताजा छंटनी रॉबिनहुड के 95 मिलियन डॉलर में क्रेडिट-कार्ड स्टार्टअप एक्स वन के अधिग्रहण के बाद हुई। (आईएएनएस)।
शोल्स (अमेरिका), 27 जून। अमेरिका के इंडियाना में एक मकान के बवंडर की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी पत्नी घायल हो गई, जबकि अरकंसास में एक मकान पर पेड़ गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।
मध्य अमेरिका के कई प्रांतों में खराब मौसम का कहर जारी है।
बवंडर रविवार शाम शोल्स पहुंचा और दक्षिणी इंडियाना के मार्टिन काउंटी के ग्रामीण इलाके से होकर गुजरा।
मार्टिन काउंटी के आपातकालीन सेवा विभाग के प्रबंध निदेशक कैमरून वुल्फ ने बताया कि इंडियाना में घायल महिला को हवाई मार्ग के जरिये अस्पताल ले जाया गया।
वुल्फ ने कहा, ‘‘दंपति का मकान पूरी तरह से तबाह हो चुका है, जबकि उससे कुछ फुट की दूरी पर उनकी एक दुकान थी, जो बिल्कुल सुरक्षित है। उसे थोड़ा-सा भी नुकसान नहीं पहुंचा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि रविवार दोपहर एक और बवंडर ने उपनगर इंडियानापोलिस के ग्रीनवुड तथा बार्जर्सविले क्षेत्र को प्रभावित किया।
बार्जर्सविले के दमकल विभाग के प्रमुख एरिक फनखौसर ने बताया कि कम से कम 75 मकानों को मध्यम से गंभीर स्तर की क्षति पहुंची है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।
‘केटीएचवी-टीवी’ की खबर के अनुसार, अरकंसास में शेरिफ के अधिकारियों ने बताया कि कार्लिस्ले में रविवार रात एक मकान पर पेड़ गिर गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया।
गवर्नर सारा हकाबी सैंडर्स ने राज्य में कई बिजली लाइनों के खराब होने का हवाला देते हुए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।
नेशनल गार्ड के मुताबिक, पूर्वी अरकंसास के पश्चिमी हेलेना में रह रहे समुदाय को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, क्योंकि जल आपूर्ति सेवाएं रातभर ठप थीं।
तेज हवाओं के कारण अरकंसास, मिशिगन और टेनेसी में हजारों मकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली गुल है।
एपी निहारिका पारुल पारुल 2706 1025 शोल्स(अमेरिका) (एपी)
मॉस्को, 27 जून। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ द्वारा घोषित सशस्त्र विद्रोह के 24 घंटे से भी कम समय में समाप्त होने के बाद एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को राष्ट्र का आभार व्यक्त किया।
विद्रोह की समाप्ति के बाद अपने पहले बयान में पुतिन ने ‘वैग्नर’ के उन लड़ाकों का भी शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने हालात को और बिगड़ने और ‘खूनखराबे’ में तब्दील होने से रोका। उन्होंने कहा कि देश और उसके लोगों को बगावत से बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए थे।
पुतिन ने विद्रोह के लिए ‘रूस के दुश्मनों’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने ‘गलत आकलन किया था।’ क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) ने अधिकारियों द्वारा सोमवार को जारी एक वीडियो के जरिये देश में स्थिरता व्याप्त होने का प्रदर्शन करने की कोशिश की। इस वीडियो में रूस के रक्षा मंत्री यूक्रेन में सुरक्षा बलों का जायजा लेते नजर आ रहे हैं।
वहीं, ‘वैग्नर’ प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने कहा कि वह तख्तापलट की कोशिश नहीं कर रहे थे, बल्कि अपने निजी सैन्य समूह को तबाह होने से बचाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने एक बयान में कहा, “हमने एक अन्याय के चलते अपना मार्च शुरू किया था।” प्रीगोझिन ने यह नहीं बताया कि वह अभी कहां हैं और उनकी आगे की क्या योजना है।
‘वैगनर’ प्रमुख और रूस के सैन्य अधिकारियों के बीच तनातनी पूरे युद्ध के दौरान जारी रही, जो सप्ताहांत में विद्रोह में बदल गई, जब समूह के लड़ाके दक्षिणी रूस के एक अहम शहर में सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने के लिए यूक्रेन से रवाना हुए। वे किसी अवरोध का सामना किए बगैर मॉस्को की तरफ कूच करने लगे। हालांकि, एक कथित समझौते के तहत उनका विद्रोह 24 घंटे से भी कम समय में समाप्त हो गया।
क्रेमलिन ने कहा था कि उसने प्रीगोझिन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वह और समूह के लड़ाके निर्वासन में बेलारूस जाएंगे तथा उनके खिलाफ कोई अभियोग नहीं चलाया गया। सोमवार तक प्रीगोझिन के बारे में कोई पुष्टि नहीं हो पाई थी, लेकिन एक लोकप्रिय रूसी समाचार चैनल ने संचार ऐप टेलीग्राम पर बताया कि ‘वैग्नर’ प्रमुख बेलारूस की राजधानी मिन्स्क के एक होटल में हैं।
एपी पारुल वैभव वैभव 2706 1002 मॉस्को (एपी)
वाशिंगटन, 27 जून। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को घोषणा की कि रूस में निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ की बगावत में अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की कोई भूमिका नहीं थी।
बाइडन ने इसे ‘‘रूसी प्रणाली के भीतर संघर्ष’’ करार दिया है।
रूस के आक्रमण के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन करने वाले बाइडन और अमेरिकी सहयोगियों ने ‘वैग्नर’ के सैनिकों के हैरान करने वाले विद्रोह से दूर रहने का संकेत दिया है, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशक से अधिक के कार्यकाल में सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
हालांकि, बाइडन को इस बात को लेकर चिंता है कि पुतिन अपने बचाव में रूसियों को एकजुट करने के लिए इस घटनाक्रम में पश्चिमी संलिप्तता का आरोप लगा सकते हैं।
बाइडन और उनके प्रशासन के अधिकारियों ने हालांकि इस बात पर तत्काल कोई टिप्पणी करने से से इनकार कर दिया कि ‘वैग्नर’ समूह के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन के नेतृत्व में किए गए 22 घंटे के विद्रोह का यूक्रेन में रूस के युद्ध और स्वयं रूस पर क्या असर होगा।
बाइडन ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताहांत की घटनाओं और रूस तथा यूक्रेन पर इसके असर का आकलन करते रहेंगे। हालांकि, इसके बारे में किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी।’’
पुतिन ने विद्रोह के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में इसके लिए ‘‘रूस के दुश्मनों’’ को दोषी ठहराया था और कहा था कि उन्होंने ‘‘गलत आकलन’’ किया।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया था कि उनका अभिप्राय किससे है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि रूस में विवादों भरे सप्ताहांत को लेकर अमेरिकी राजनयिक मॉस्को (रूस की राजधानी) में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में हैं, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि अमेरिकी सरकार इस मामले को रूस का एक आंतरिक मामला मानती है, जिसमें अमेरिका केवल एक दर्शक मात्र है।
मिलर ने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्हें उम्मीद है कि रूस अपने यहां अमेरिकी दूतावास और वहां हिरासत में लिए गए अमेरिकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
बाइडन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताया कि सप्ताहांत में उन्होंने और अमेरिका के सहयोगी देशों के नेताओं ने ‘वीडियो कॉल’ पर बात की और सभी ने पुतिन को ‘‘ पश्चिम पर इसका आरोप लगाने का कोई बहाना नहीं’’ देने का दृढ़ निश्चय किया।
बाइडन ने कहा, ‘‘हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम इसमें शामिल नहीं थे। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह रूस के आंतरिक संघर्ष का हिस्सा है।’’
रूस में अमेरिका के पूर्व राजदूत माइकल मैकफॉल ने कहा कि अमेरिका और नाटो देश ‘‘नहीं चाहते कि पुतिन को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप उन पर लगे।’’
गौरतलब है कि ‘वैग्नर ग्रुप’ ने गत सप्ताहांत अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, प्रीगोझिन ने अचानक रूस के साथ समझौता कर पीछे हटने और बेलारूस जाने की घोषणा कर दी थी।
एपी निहारिका वैभव वैभव 2706 0944 वाशिंगटन (एपी)
वागनर ग्रुप के पीछे हटने के बाद सोमवार देर रात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार देश को संबोधित किया.
पुतिन ने रूसी टेलीविज़न पर अपने संबोधन में वागनर गुट के विद्रोह और इसमें हिस्सा लेने वाले नेताओं का ज़िक्र किया. वहीं विद्रोह की कोशिश में शामिल नेताओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की भी बात कही.
उन्होंने बीते शनिवार को हुए विद्रोह के लिए वागनर गुट के नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि वे ''रूस को खूनी संघर्ष में डूबा हुआ देखना चाहते थे''.
पुतिन ने क़सम खाई है कि इस विद्रोह के आयोजकों को वह न्याय के कटघरे में खड़ा करेंगे.
हालांकि पुतिन ने आम वागनर सैनिकों को देशभक्त बताया और कहा कि उन्हें रूसी सेना में भर्ती होने, बेलारूस या अपने घर लौटने की अनुमति होगी.
वागनर समूह पर क्या बोले पुतिन?
पुतिन बोले, '' हम जानते थे कि वागनर समूह के अधिकांश लड़ाके और कमांडर भी रूसी देश भक्त हैं. अपने लोगों और राज्य के प्रति वफ़ादार हैं. उन्होंने युद्ध के मैदान पर अपने साहस से यह साबित किया है. उन्होंने डोनबास और नोवोरोसिया को मुक्त कराया. इसलिए घटना की शुरुआत से ही मेरे निर्देशों के मुताबिक़ क़दम उठाए गए और मेरा निर्देश था कि 'बड़े पैमाने पर ख़ूनखराबा' से बचा जाए. जबकि पश्चिमी देश और यूक्रेन चाहते थे कि रूसी 'एक दूसरे को मार डालें'.''
हालांकि अपने संबोधन में पुतिन ने कहीं भी वागनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन का नाम नहीं लिया.
पुतिन ने कहा, ''हमने विद्रोह को 24 घंटे से भी कम समय में ख़त्म कर दिया.''
उन्होंने न केवल राष्ट्र को एकजुट रहने, बल्कि वागनर ग्रुप को भी पीछे हटने और खून ख़राबा न करने के लिए धन्यवाद किया. (bbc.com/hindi)
लंदन, 26 जून ब्रिटेन में भारतीय मूल की एक महिला को ड्रग्स की आपूर्ति के लिए बच्चों को शिकार बनाने वाले गिरोह का हिस्सा होने के आरोप में सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने यह जानकारी दी।
28 वर्षीय सरीना दुग्गल, जिसका कोई निश्चित पता नहीं है, को सात सप्ताह की सुनवाई के बाद क्लास ए ड्रग्स की आपूर्ति का दोषी पाए जाने के बाद पिछले हफ्ते बोर्नमाउथ क्राउन कोर्ट में पांच अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि ड्र्र्रग्स की आपूर्ति लंदन और बर्मिंघम में और उसके आसपास बोर्नमाउथ में की गई।
दुग्गल और गिरोह ने बोर्नमाउथ में उपयोगकर्ताओं को क्लास ए ड्रग्स - क्रैक कोकीन और हेरोइन की आपूर्ति करने के लिए गरीब बच्चों का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने पिछले साल एक जांच शुरू की थी, जब फर्नबोरो के 16 एक वर्षीय लड़के को बड़ी मात्रा में क्रैक कोकीन और हेरोइन रखने के आरोप में बोर्नमाउथ में गिरफ्तार किया गया था।
उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया गया।
जांचकर्ताओं ने मोबाइल फोन का व्यापक विश्लेषण किया।
उन्होंने बोर्नमाउथ के भीतर एक होटल में सीसीटीवी को भी खंगाला। दुग्गल, चार अन्य की आरोपियों के रूप में पहचान की गई।
16 साल का बच्चा उसके लिए काम कर रहा था। सितंबर 2022 में एक ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों ने गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया और बड़ी मात्रा में क्रैक कोकीन और हेरोइन बरामद किया।
इसके अतिरिक्त, वार्विकशायर का एक और 16 वर्षीय लापता लड़का बोर्नमाउथ के बॉस्कोम्बे क्षेत्र में एक फ्लैट के भीतर पाया गया था।
खुफिया विभाग के मुख्य निरीक्षक डैन मिशेल ने कहा,"यह आपराधिक गिरोह लंदन से बोर्नमाउथ तक अपने अवैध धंधे के लिए लापता हुए दो बच्चों का उपयोग कर रहा था। "
पिछले साल बर्मिंघम में आराेेेेेेपियों की गिरफ्तारी हुई थी।
न्यायाधीश जोनाथन फुलर केसी ने कहा, " पुलिस ने अपने दृढ़ संकल्प से मामले का पर्दाफास किया।"
डेली इको के अनुसार एक संभ्रांत परिवार से तााल्लुक रखने वाली दुग्गल अपने पति और गैंग के सरगना एडम शेख से मिलने से पहले वह कानून का अध्ययन करना चाहती थी। उसे 12 साल की सजा सुनाई गई ।
न्यायाधीश फुलर केसी ने दुग्गल को जेल की सजा सुनाने से पहले कहा, "वकील बनने का आपका आशापूर्ण करियर अब स्पष्ट रूप से नष्ट हो गया है। आपने ड्रग डीलर बनने का फैसला करके एक आशाजनक भविष्य को बर्बाद कर दिया है।"
बोर्नमाउथ क्राउन कोर्ट द्वारा सभी छह डीलरों को कुल मिलाकर 39 साल और छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई।
"किशोरों पर मुकदमा नहीं चलाया गया और उन्हें संबंधित स्थानीय अधिकारियों से बाल सेवाओं के लिए भेजा गया। (आईएएनएस)
कीव, 26 जून यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि एक दिन में लगभग 200 रूसी सैनिक मारे गए हैं और कई तरह के उपकरण भी नष्ट हो गए हैं।
सीएनएन के मुताबिक दावे की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सेना ने कहा कि 48 घंटों में, युद्धग्रस्त राष्ट्र की अग्रिम मोर्चों पर भारी युद्ध हुआ, इसमें डोनेट्स्क क्षेत्र के क्षेत्रों में 20 से अधिक घटनाएं मुख्य रूप से लाइमन, मारिंका और बखमुत में हुईं हैं।
जनरल स्टाफ ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि रूस ने रविवार को भी 25 हवाई हमले किए।
सेना ने कहा कि खार्किव के कुपयांस्क क्षेत्र में भारी रूसी तोपखाने और मोर्टार में आग लगी थी, जहां रूसी एक महीने से अधिक समय से घुसने की कोशिश कर रहे थे।
जनरल स्टाफ ने कहा कि क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के सभी रूसी प्रयासों को विफल कर दिया गया है।
डोनेट्स्क सीमा पर, लड़ाई की विशेषता अप्रत्यक्ष रूप से गोलीबारी थी, लेकिन बहुत कम हलचल के साथ।
यूक्रेनियन का कहना है कि वे बखमुत के आसपास फ्रंटफुट पर हैं।
सीएनएन ने पूर्वी के प्रवक्ता सेरही चेरेवतयी के हवाले से कहा, "(सैनिकों ने) पहल जारी रखी, हमले की कार्रवाई जारी रखी और दुश्मन को पीछे धकेल दिया। पिछले दिन, यूक्रेनी सेना बखमुत के आसपास दक्षिणी और उत्तरी किनारों पर 600 से 1,000 मीटर तक आगे बढ़ी।"
दक्षिण में, जहां यूक्रेनी सेना ने रूसी सीमा को तोड़ने का प्रयास किया है, जनरल स्टाफ ने कहा कि नोवोडैरिव्का के क्षेत्र में खोई हुई स्थिति को फिर से हासिल करने का रूसी प्रयास भी विफल हो गया।
इसमें कहा गया है कि रूसी तोपखाने ने ज़ापोरीज़िया क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति की लगभग 30 बस्तियों पर हमला जारी रखा।
खेरसॉन में, दक्षिण में यूक्रेनी सेना के प्रवक्ता नतालिया हुमेन्युक ने कहा कि रूसियों ने डीनिप्रो नदी के पूर्वी तट पर कब्जे के लिए संघर्ष किया। (आईएएनएस)
मॉस्को, 26 जून। रूस के खिलाफ बगावत करने वाले निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ ने भले ही अपना विद्रोह खत्म कर दिया हो, लेकिन इसने रूस की कमजोरियों को जगजाहिर कर दिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशक से अधिक के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने गत सप्ताहांत अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौता कर पीछे हटने और बेलारूस जाने की घोषणा कर दी थी।
प्रीगोझिन को बेलारूस में निर्वासन में रहना होगा। यह एक ऐसा देश है जहां बागी तेवर उनके अपने वतन (रूस) से भी ज्यादा अस्वीकार्य हैं। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने यह समझौता कराया है और उन्होंने ही इस संबंध में मामूली जानकारी दी। पुतिन तथा प्रीगोझिन या रूस के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सप्ताहांत की घटनाओं को ‘‘असाधारण’’ करार दिया और कहा कि 16 महीने पहले पुतिन यूक्रेन की राजधानी पर कब्जा करने को तैयार थे और अब उन्हें उस व्यक्ति के नेतृत्व वाली सेनाओं से मॉस्को की रक्षा करनी पड़ रही है, जो कभी उनका शिष्य था।
ब्लिंकन ने चैनल ‘एनबीसी’ के ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने रूस की दीवार में और अधिक दरारें उभरती देखी हैं।’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह बताना जल्दबाजी होगी कि आगे की दशा और दिशा क्या होगी, लेकिन निश्चित रूप से हमारे पास कई सवाल हैं, जिन्हें आने वाले हफ्तों या महीनों में पुतिन को सुलझाना होगा। ’’
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि 24 घंटे के विद्रोह का यूक्रेन में युद्ध पर कोई असर होगा या नहीं। हालांकि, इसके परिणामस्वरूप रूस के लिए लड़ने वाली कुछ ताकतें युद्ध के मैदान से जरूर हट गई हैं।
‘सीएनए अनुसंधान समूह’ में ‘रूस अध्ययन’ के निदेशक माइकल कॉफमैन ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘ मुझे सच में लगता है कि यूक्रेन के हमले में पिछले तीन हफ्तों में रूस को पहुंचे नुकसान की तुलना में वैग्नर ने शायद पिछले एक दिन में रूस के हवाई बलों को अधिक नुकसान पहुंचाया है।’’
यूक्रेन को उम्मीद थी कि रूस की अंदरूनी लड़ाई उनकी सेना को रूस द्वारा कब्जे में लिए गए उसके क्षेत्रों को वापस हासिल करने का मौका देगी।
ब्रिटिश सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के पूर्व प्रमुख लॉर्ड रिचर्ड डैनाट ने कहा, ‘‘ पुतिन और रूसी सेना पर असर पड़ा है और जहां तक यूक्रेन का सवाल है यह (घटनाक्रम) उसके लिए महत्वपूर्ण है। प्रीगोझिन ने बेलारूस जाने के लिए अपने रुख को वापस ले लिया है, लेकिन क्या यह येवगेनी प्रीगोझिन और वैग्नर समूह का अंत है।’’
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रविवार को उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि रूस में वापस लिये जा चुके इस विद्रोह ने ‘‘ पुतिन के शासन की कमजोरियों को उजागर किया है।’’
एपी निहारिका वैभव वैभव 2606 0927 मॉस्को (एपी)
जिस्र अश-शुगूर (सीरिया), 25 जून। सीरिया के उत्तर-पश्चिमी हिस्से स्थित एक व्यस्त सब्जी बाजार में रविवार तड़के किये गए एक हवाई हमले में कम से कम नौ व्यक्तियों की मौत हो गई। सामाजिक कार्यकर्ताओं और बचाव कर्मियों ने यह जानकारी दी।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के शीर्ष सहयोगी रूस ने तुर्की की सीमा के समीप विरोधियों के कब्जे वाले जिस्र अश-शुगूर में हवाई हमला किया।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही रूस के एक निजी सेना ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कुछ देर के लिए सशस्त्र विद्रोह कर दिया था।
विरोधियों के कब्जे वाले उत्तर पश्चिमी सीरिया के नागरिक रक्षा संगठन ‘व्हाइट हेलमेट्स’ ने कहा है कि इस हमले में 30 से अधिक लोग घायल हुए है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
व्हाइट हेलमेट्स के अहमद यजीजी ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि गंभीर रूप से घायल लोग अस्पताल में दम तोड़ रहे हैं। यह मुख्य सब्जी बाजार में लक्षित हमला था जहां उत्तरी सीरिया के नजदीकी क्षेत्रों से किसान एकत्रित होते हैं।’’ (एपी)
रूस के रोस्तोव शहर से वापस लौटते हुए वागनर ग्रुप के लड़ाके हवा में फ़ायरिंग करते हुए नज़र आए.
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को बीबीसी वेरीफाई ने प्रमाणित किया है.
वीडियो में सड़कों पर खड़े लोग वागनर ग्रुप के लड़ाकों के लिए तालियां और नारे लगाते हुए दिख रहे हैं. स्थानीय लोग लौटते लड़ाकों की तस्वीरें भी खींच रहे हैं.
शनिवार को वागनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोज़िन ने दावा किया था कि उनके 25 हज़ार लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार कर रूस में दाख़िल हो गए हैं और उन्होंने सीमा से लगते रोस्तोव शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है.
कुछ देर बाद जो तस्वीरें सामने आईं, जिसमें प्रिगोज़िन रूस के दक्षिणी सैन्य मुख्यालय में बैठे हुए दिखाई दिए. उन्होंने तब कहा था कि जब तक रक्षा मंत्री उनसे मिलने नहीं आएंगे वे यहां से नहीं हिलेंगे और उनके लड़ाके मॉस्को की तरफ कूच करेंगे.
'बग़ावत' का दावा करने के कुछ घंटों के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने देश को संबोधित किया और इस काम को पीठ में छूरा घोंपना बताया.
दिन के दौरान वागनर के लड़ाके मॉस्को की तरफ़ एम4 हाइवे पर बढ़ते हुए दिखाई दिए, जिसमें वोरोनिश शहर पर नियंत्रण करना भी शामिल था.
शाम करीब छह बजे वागनर चीफ़ ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि वे मॉस्को की तरफ कूच को रोकने के लिए सहमत हो गए हैं और अपने लड़ाकों को वापल बुला रहे हैं.
रोसिया 24 न्यूज़ चैनल के अनुसार, बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सेंडर लुकाशेंको ने येवगेनी प्रिगोज़िन के साथ बात की, जिसके बाद वे सहमत हुए.
रूस के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ अब वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन बेलारूस जाएंगे. (bbc.com/hindi)
मॉस्को, 25 जून। रूस ने शनिवार को कहा कि निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई अभियोग नहीं चलाया जाएगा।
रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने वाले प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा, जिसके बाद वे पड़ोसी देश बेलारूस जाएंगे।
‘वैग्नर’ प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ न बढ़ने और यूक्रेन में अपने आधार शिविरों में लौटने का आदेश दिया है, ताकि रूसी नागरिकों का खून न बहे।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दशक से अधिक समय के कार्यकाल में यह उनके समक्ष पेश आई सबसे बड़ी चुनौती है।
क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने घोषणा की कि प्रीगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह भड़काने के आरोप हटा दिए जाएंगे और उनके साथ शामिल होने वाले लड़ाकों पर भी कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।
पेसकोव ने यह भी कहा कि ‘वैग्नर’ समूह के जिन लड़ाके ने विद्रोह में प्रीगोझिन का साथ दिया, उन्हें रक्षा मंत्रालय की ओर से अनुबंध की पेशकश की जाएगी।
इससे पहले, पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में ‘वैग्नर ग्रुप’ द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को ‘‘विश्वासघात’’ और ‘‘राजद्रोह’’ करार दिया था।
पेसकोव ने प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति देते हुए कहा कि पुतिन का ‘‘सबसे बड़ा मकसद’’ उस ‘‘रक्तपात एवं आंतरिक टकराव से बचना है, जिसके अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं।’’
गौरतलब है कि प्रीगोझिन ने उनके लड़ाकों के मॉस्को से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर होने पर उन्हें वापस भेजने का फैसला किया था, ताकि रूसी लोगों का खून न बहे।
प्रीगोझिन ने कहा था कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके हैं और उन्होंने आत्मसमर्पण न करने का फैसला किया है, क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि देश भ्रष्टाचार, छल और नौकरशाही के साये में रहे।’’
संदेश एप ‘टेलीग्राम’ पर जारी एक ऑडियो संदेश में प्रीगोझिन ने कहा था, ‘‘राष्ट्रपति का मातृभूमि से विश्वासघात का आरोप लगाना गलत है। हम अपनी मातृभूमि से प्यार करने वाले देशभक्त हैं।’’
एपी निहारिका पारुल पारुल 2506 0854 मॉस्को (एपी)
रूस के सरकारी मीडिया के मुताबिक़, वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन बेलारूस जाएंगे. बेलारूस, रूस का सहयोगी देश है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ख़ून ख़राबा रोकने के लिए येवगेनी प्रिगोज़िन और उनके लड़ाकों के ख़िलाफ़ आरोप हटा दिए जाएंगे.
शनिवार को वागनर ग्रुप ने ‘बग़ावत’ का दावा करते हुए रूस के रोस्तोव शहर पर नियंत्रण कर लिया था और कहा था कि वे मॉस्को की तरफ कूच कर रहे हैं.
लेकिन रात होते होते प्रिगोज़िन ने अपनी कूच को रोक दिया है और अब लड़ाके अपने बेस की ओर लौट रहे हैं.
लौटते समय रोस्तोव शहर से जो तस्वीरें आईं उनमें स्थानीय लोग लड़ाकों को गले लगाकर विदाई देते हुए दिखाई दिए.
रोसिया 24 न्यूज़ चैनल के अनुसार, बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सेंडर लुकाशेंको ने येवगेनी प्रिगोज़िनके साथ बात की, जिसके बाद प्रिगोज़िन ने अपने लड़ाकों को राजधानी की तरफ कूच करने से रोक दिया.
और प्रिगोज़िन अपने लड़ाकों के कूच को रोकने और हालात को और बिगड़ने से रोकने पर सहमत हो गए हैं.
लुकाशेंको के प्रेस बयान के हवाले से रोसिया 24 न्यूज़ चैनल ने कहा कि प्रिगोज़िन ने मॉस्को तक मार्च को बीच में ही रोकने के लिए लुकाशेंको के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
बयान में ये भी कहा गया है कि वागनर पीएमसी लड़ाकों के लिए सिक्योरिटी गारंटी के साथ हालात के और बिगड़ने से रोकना का रास्ता ढूंढना संभव हो गया है.
समाचार चैनल के मुताबिक इस समझौता वार्ता पर पुतिन भी सहमत हो गए हैं.
एक दिन पहले मोर्चे से मॉस्को की ओर कूच करने से पहले प्रिगोज़िन का कहना था कि उनका उद्देश्य "सैन्य विद्रोह नहीं है बल्कि जो वो कर रहे हैं वो न्याय के लिए किया जा रहा मार्च है." (bbc.com/hindi)
मॉस्को, 24 जून। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन द्वारा सशस्त्र विद्रोह की घोषणा को ‘विश्वासघात’ और रूस की ‘पीठ में छुरा घोंपने’ वाला कदम करार दिया।
प्रीगोझिन के लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार कर रूस के दक्षिण में महत्वपूर्ण शहर में दाखिल हो चुके हैं। टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में पुतिन ने रूस की रक्षा करने का संकल्प लिया। प्रीगोझिन की इस बगावत को सत्ता में दो दशकों से अधिक समय में पुतिन के नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा है कि प्रीगोझिन के नेतृत्व वाली निजी सेना मॉस्को से करीब 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर दक्षिण में रोस्तोव-ओन-दोन शहर पहुंच चुकी है। इस शहर से रूस यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को संचालित कर रहा है।
रूस में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि मॉस्को पूरी तरह कमजोर हो चुका है और कीव यूरोप को ‘‘रूस की बुराइयों और अराजकता के फैलने’’ से बचा रहा है।
अपने संबोधन में, पुतिन ने प्रीगोझिन का नाम लिए बिना उसके विद्रोह को, ‘‘विश्वासघात’’ और ‘‘देशद्रोह’’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘विद्रोह की साजिश रचने वाले सभी लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी। सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं।’’
प्रीगोझिन ने खुद को देशभक्त बताया है। अपने टेलीग्राम चैनल पर ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘जहां तक मातृभूमि से विश्वासघात की बात है, तो राष्ट्रपति गलत समझ रहे हैं। हम अपनी मातृभूमि के देशभक्त हैं।’’
प्रीगोझिन ने कहा कि उनके लड़ाके पुतिन के आग्रह पर नहीं लौटेंगे , क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि देश भ्रष्टाचार, धोखा और नौकरशाही के चंगुल में फंसा रहे।’’
प्रीगोझिन के लड़ाके यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके कदम का उद्देश्य क्या है, लेकिन विद्रोह रूसी सैन्य नेताओं के साथ प्रीगोझिन के टकराव बढ़ने का संकेत है, जिन पर उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को विफल करने और क्षेत्र में अपनी सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है। प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘यह कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है, बल्कि न्याय के लिये अभियान है।’’
प्रीगोझिन ने कहा कि वह और उनके लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार करके रूस के रोस्तोव-ओन-दोन शहर में दाखिल हो गए हैं तथा वहां के अहम सैन्य प्रतिष्ठानों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कुछ वीडियो में टैंक सहित सैन्य वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं।
प्रीगोझिन ने दावा किया कि यूक्रेन से रूस में दाखिल होते समय उनकी निजी सेना को जांच चौकियों पर युवा सैनिकों से किसी भी तरह के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके लड़ाके ‘‘बच्चों के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं।’’
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और ऑडियो पोस्ट में प्रीगोझिन ने कहा, ‘‘जो भी हमारे रास्ते में आएगा, हम उसे बर्बाद कर देंगे। हम आगे बढ़ रहे हैं और हम अंतिम छोर तक जाएंगे।’’
पुतिन ने विद्रोह की निंदा की, जो ऐसे समय में हुआ है, जब रूस ‘‘अपने भविष्य के लिए सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है’’ क्योंकि पश्चिमी देशों की सरकारें मॉस्को पर प्रतिबंध लगा रही हैं और यूक्रेन को हथियार दे रही हैं। पुतिन ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिमी देशों का पूरा सैन्य, आर्थिक और सूचना तंत्र हमारे खिलाफ खड़ा कर दिया गया है।’’
सशस्त्र विद्रोह की घोषणा के बाद, संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) समेत रूस की सुरक्षा सेवाएं प्रीगोझिन की गिरफ्तारी के अभियान में जुट गई हैं। रूस ने ‘वैग्नर ग्रुप’ से उत्पन्न खतरे को कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने मॉस्को और उसके आसपास के क्षेत्रों में ‘आतंकवाद विरोधी शासन’ लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत वहां नागरिकों को हासिल कई अधिकारों को सीमित कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।
फिलहाल यह साफ नहीं है कि ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख रूसी शहर में कैसे दाखिल हुए और उनके साथ कितने लड़ाके हैं। प्रीगोझिन ने आरोप लगाया कि उनका लक्ष्य रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को दंडित करना है, क्योंकि रूसी सरकार के सैन्य बलों ने यूक्रेन में वैग्नर के शिविरों पर रॉकेट, हेलीकॉप्टर और तोपों से निशाना बनाने का आदेश दिया। प्रीगोझिन ने कहा कि रक्षा मंत्री शोइगू से मुलाकात के बाद सेना प्रमुख जनरल वेलेरी गेरासिमोव ने यह आदेश दिया था।
प्रीगोझिन ने यह भी दावा किया कि उनकी सेना ने एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराया, जिसने नागरिकों के एक काफिले पर गोलीबारी की थी। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। प्रीगोझिन ने कहा कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके शामिल हैं और सेना से प्रतिरोध न करने का आग्रह किया।
रूस की संसद के निचले सदन के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा कि सांसद ‘‘सुरक्षा बलों की एकजुटता के लिए खड़े हैं’’ और पुतिन का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘वैग्नर लड़ाकों को सही विकल्प चुनना होगा। अपने लोगों का साथ देते हुए कानून के पक्ष में रहना होगा, मातृभूमि की सुरक्षा और भविष्य की रक्षा के लिए, कमांडर-इन-चीफ के आदेशों का पालन करना होगा।’’
इस बीच, चेचन्या क्षेत्र के नेता रमजान कादिरोव ने पुतिन के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। कादिरोव ने सेना की आलोचना में प्रीगोझिन का पक्ष लिया था।
कादिरोव ने कहा, ‘‘हमारे पास लोगों द्वारा चुना गया प्रमुख कमांडर है, जो स्थिति को किसी भी रणनीतिकार और व्यवसायी से बेहतर जानता है। विद्रोह को कुचलने की जरूरत है।’’
प्रीगोझिन द्वारा बगावत के एलान का क्या असर होगा, फिलहाल यह साफ नहीं है, लेकिन इसकी वजह से यूक्रेन में रूस का अभियान और प्रभावित होने की आशंका है। ‘वैग्नर ग्रुप’ के लड़ाकों ने यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभाते हुए बखमूत शहर पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी, जो लंबी और भीषण लड़ाई का गवाह रहा था। इससे संयुक्त मोर्चा कायम रखने की पुतिन की क्षमता पर भी सवाल उठेंगे।
यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ने के बावजूद प्रीगोझिन ने देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की आलोचना की है। उन्होंने अधिकारियों पर अक्षम होने और ‘वैग्नर’ बलों को हथियार व गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया है।
अपने टेलीग्राम चैनल पर जेलेंस्की ने विद्रोह का उल्लेख किया और कहा, ‘‘जो कोई भी बुराई का रास्ता चुनता है, वह खुद को नष्ट कर लेता है।’’
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘लंबे समय तक, रूस ने अपनी कमजोरी और अपनी सरकार की मूर्खता को छुपाने के लिए दुष्प्रप्रचार का सहारा लिया। अब इतनी अराजकता है कि कोई भी झूठ इसे छिपा नहीं सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रूस की कमजोरी स्पष्ट है। रूस जितनी देर तक अपनी सेना और भाड़े के सैनिकों को हमारी जमीन पर रखेगा, बाद में उसे उतनी ही अधिक अराजकता, पीड़ा और समस्याएं होंगी।’’
प्रीगोझिन की घोषणा का युद्ध पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। लंदन स्थित थिंक टैंक ‘चैथम हाउस’ में यूक्रेन फोरम के प्रमुख ओरीसिया लुत्सेविच ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और वैग्नर के बीच अंदरूनी लड़ाई रूसी सेनाओं के बीच भ्रम और संभावित विभाजन पैदा करेगी। (एपी)
रामल्लाह, 24 जून | फिलिस्तीन ने वेस्ट बैंक में इजरायल की नई सेटलमेंट परियोजनाओं की आलोचना करते हुए कहा है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों की उपेक्षा है। फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में कहा कि इजरायली सरकार ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक के विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों अवैध निपटान चौकियां स्थापित करने के लिए इजरायली निपटान संघों को हरी झंडी दे दी है, जो पूर्वी येरुशलम सहित वेस्ट बैंक पर कब्जे में तेजी लाने का प्रयास है।
इजरायली अखबार येडिओथ अहरोनोथ ने शुक्रवार को बताया कि इजरायली निवासियों ने वेस्ट बैंक में गुरुवार से कम से कम सात नई सेटलमेंट चौकियां स्थापित की हैं।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, सेटलमेंट में तेजी लाने से शांति प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने और दो-राज्य समाधान सिद्धांत को लागू करने के अवसर के लिए दरवाजे स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं।
इसमें कहा गया है कि यह उपाय अंतरराष्ट्रीय वैधता और उसके संकल्पों, अंतरराष्ट्रीय कानून और अपने कब्जे वाली भूमि के प्रति एक कब्जे वाली शक्ति के रूप में इजरायल के दायित्वों के लिए एक आधिकारिक इजरायली उपेक्षा है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में जारी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334 ने अपनी मांग दोहराई कि इजरायल कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में सभी निपटान गतिविधियों को बंद कर दे।
इजराइल ने 1967 में वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया और वहां दर्जनों बस्तियां बसा दीं। (आईएएनएस
यशवंत राज
वाशिंगटन, 24 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी व्यापारिक समुदाय से सीधी अपील में कहा है कि यह समय भारत में निवेश का है, क्योंकि भारती और अमेरिका की सरकारों ने इसके लिए अनुकूल माहौत तैयार किया है।
इसके पहले प्रधान मंत्री ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में टेक्नोलॉजी हैंडशेक कार्यक्रम में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ अमेरिका और भारत के प्रमुख सीईओ से मुलाकात की। इसमें गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, ओपनएआई के सैम ऑल्ट, एफएमसी कॉर्पोरेशन के मार्क डगलस, रिलायंस के मुकेश अंबानी, महिंद्रा के आनंद महिंद्रा आदि शामिल थे।
कार्यक्रम में दोनों देशों की कंपनियों, व्यवसायों, निर्माताओं और नवप्रवर्तकों को संदेश दिया गया कि यही वह समय है, जब आप भारत में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि इसके लिए अमेरिका व भारत की सरकारों ने अनुकूल कार्य किया है।
मोदी दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने वाले एक वकालत समूह यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा यहां प्रतिष्ठित कैनेडी सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
मोदी के साथ मंच पर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन थे। अमेरिकी विदेश विभाग के दोपहर के भोजन के बाद उनकी दूसरी बैठक यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष और सिस्को के मानद अध्यक्ष जॉन चैंबर्स के साथ हुई।
मोदी ने कारोबारी नेताओं से कहा कि उन्हें इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
उन्होंने उनसे कहा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपको भारत में बेहतर माहौल मिलेगा। व्यापार करने में आसानी हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है।
प्रधान मंत्री ने भारत को एक विश्वसनीय आर्थिक शक्ति और खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत किया, और बताया कि भारत ने कैसे यह इस सदी में दुनिया के सामने आए सबसे खराब संकट कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया की सहायता की।
उन्होंने कहा, जब दुनिया को दवाओं की जरूरत थी, भारत ने अपना उत्पादन बढ़ाया और 150 से अधिक देशों को दवाएं भेजीं।
अंत में मोदी ने कहा, ''मैं एक बार फिर आप सभी को भारत की इस विकास यात्रा में साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित करता हूं।'' (आईएएनएस)