खेल
पेरिस, 23 जून। भारतीय रिकर्व महिला तीरंदाजों ने क्वालीफिकेशन में खराब प्रदर्शन के बाद गुरूवार को वापसी करते हुए यहां चल रहे विश्व कप के तीसरे चरण के फाइनल में प्रवेश करके अपना पहला पदक पक्का किया।
एक दिन पहले क्वालीफिकेशन दौर में सभी महिला तीरंदाज शीर्ष 30 से बाहर रही थी जिससे उन्हें 13वीं वरीयता मिली थी। लेकिन दीपिका कुमारी, अंकिता भगत और सिमरनजीत कौर की तिकड़ी ने फाइनल में पहुंचने के सफर में यूक्रेन, ब्रिटेन और तुर्की को हराया।
अब रविवार को फाइनल में उनका सामना चीनी ताइपे से होगा।
भारतीय महिला रिकर्व तिकड़ी ने सबसे पहले चौथी वरीय यूक्रेन को 5-1 (57-53 57-54 55-55) से हराकर बाहर किया।
फिर क्वार्टरफाइनल में ब्रिटेन के खिलाफ उन्होंने महज चार अंक गंवाये और अपने प्रतिद्वंद्वियों को 6-0 (59-51 59-51 58-50) से मात दी।
सेमीफाइनल में हालांकि उनकी शुरूआत धीमी रही लेकिन भारत ने आठवीं वरीय तुर्की की गुलनाज कोस्कुन, एज्गी बसारण और यासमिन अनागोज की तिकड़ी को 5-3 (56-51 57-56 54-55 55-55) से पराजित कर दिया।
भाग्य ने भी भारतीय महिला टीम का साथ दिया कि उन्हें शीर्ष वरीय कोरियाई टीम से नहीं भिड़ना पड़ा क्योंकि उसे आठवीं वरीय तुर्की ने क्वार्टरफाइनल में हराकर उलटफेर किया था।
रविवार को भारतीय तिकड़ी का सामना तीसरी वरीय चीनी ताइपे से होगा जिसमें रियो ओलंपिक टीम की कांस्य पदक विजेता लेई चिएन यिंग भी शामिल है।
पुरूषों की भारतीय रिकर्व टीम पहले दौर में स्विट्जरलैंड से हारकर बाहर हो गयी जिन्हें प्री क्वार्टरफाइनल में बाई मिली थी।
आठवीं वरीयता प्राप्त भारतीय तिकड़ी को फ्लोरियान फाबेर, केजिया चाबिन और थॉमस रूफर से शूटऑफ के बाद हुए टाई में 4-5 (53-57 58-54 49-53 58-50) (25-25) से हार मिली। (भाषा)
लीस्टर, 23 जून। भारत के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि रणजी ट्रॉफी और काउंटी चैंपियनशिप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने से उन्हें अपनी फॉर्म और राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में मदद मिली।
चौतीस वर्षीय पुजारा को इस साल के शुरू में श्रीलंका के खिलाफ भारत की घरेलू टेस्ट श्रृंखला के लिये टीम में नहीं चुना गया था। ससेक्स की तरफ से पांच मैचों में 120 की औसत से 720 रन बनाने के बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट के लिये फिर से राष्ट्रीय टीम में चुना गया।
पुजारा ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ 83 गेंदों में 91 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने दूसरी डिवीजन की काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स के लिये दो दोहरे शतकों सहित चार शतक लगाये।
पुजारा ने बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘‘मेरे लिये यह अधिक से अधिक प्रथम श्रेणी मैचों में खेलने से जुड़ा था। यह अनुभव महत्वपूर्ण था। जब आप फॉर्म में वापसी करना चाहते हैं, जब आप अपनी लय हासिल करना चाहते हैं, जब आपके पास वह एकाग्रता हो तो कुछ लंबी पारियां खेलना महत्वपूर्ण होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जब मैं ससेक्स के लिये खेल रहा था तो ऐसा कर सकता था। जब मैंने डर्बीशर के खिलाफ अपनी पहली बड़ी पारी खेली तब मुझे लगा कि मैंने अपनी लय हासिल कर ली है। मेरी एकाग्रता और सब कुछ ठीक चल रहा था। मैंने ससेक्स के साथ बहुत अच्छा समय बिताया।’’
पुजारा ने कहा कि उन्हें काउंटी मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा था, क्योंकि वह पहले से ही रणजी ट्रॉफी में अच्छी फॉर्म में थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिये तीन मैच खेले। वहां भी मुझे लय हासिल करने में मदद मिली। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।’’
पुजारा के अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत तथा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा चार दिवसीय अभ्यास मैच में लीसेस्टरशर की तरफ से खेलेंगे।
भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच एक जुलाई से बर्मिंघम एजबेस्टन में होगा। (भाषा)
भारत और इंग्लैंड के खिलाफ एक जुलाई से टेस्ट मैच का आगाज हो रहा है, लेकिन इससे पहले टीम इंडिया की तैयारियों को बड़ा झटका लगा है. खबर आ रही है कि भारतीय क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. एक दिन पहले खबर आई थी कि कि ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इंग्लैंड दौरे के लिए रवाना नहीं हो पाए और अब यह खबर आई है कि पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली भी लंदन पहुंचने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे, हालांकि अब उन्हें कोरोना से छुटकारा मिल चुका है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विराट तभी कोरोना का शिकार हो गए थे, जब वह अपने परिवार के साथ मालदीव से छुट्टी मना कर लौटे थे. वहीं मालदीव से लौटने के बाद उन्हें अस्पताल जाते हुए देखा जा सकता है, लेकिन अब वह कोरोना से बिल्कुल छुटकारा पा चुके हैं और लीसेस्टर के खिलाफ अभ्यास मैच में वह खेलते नजर आ सकते हैं.
लेकिन अब यहां से सवाल उठ रहा है कि जब मालदीव से लौटने के बाद ही कोरोना के शिकार हो गए थे तो वह टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड क्यों गए? क्योंकि जब अश्विन पर कोरोना का हमला हुआ तो उन्होंने टीम के साथ इंग्लैंड जाने से इंकार कर दिया और अब वह रिकवर हो रहे हैं. हालांकि कोहली भी अब ठीक हो चुके हैं, लेकिन दूसरे खिलाड़ियों की सेहत का ख्याल रखते हुए उनके इंग्लैंड दौरे को किसी तरह सही करार नहीं जा सकता था.
गौरतलब है कि भारत और इंग्लैंड के बीच एकमात्र टेस्ट एक जुलाई से खेला जाएगा. यह मुकाबला पिछले साल हुई टेस्ट सीरीज का हिस्सा है. साल 2021 में भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड पहुंची थी, लेकिन चार मैचों के बाद भारत के कुछ खिलाड़ी और कोच कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद इस सीरीज को रोक दिया गया था. लेकिन अब हालात ठीक हुए हैं और दोनों देशों की टीमें एक जुलाई से खेलने के लिए तैयार हैं. (zeenews.india.com)
ग्रोस आइलेट (सेंट लूसिया), 22 जून | वेस्टइंडीज की नजर डेरेन सैमी नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 24 जून से शुरू हो रहे दूसरे मैच में बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप करने की होगी। वहीं, दूसरे छोर पर बांग्लादेश भी पहला टेस्ट सात विकेट से हारने के बाद सीरीज को बराबर करने की उम्मीद में होगी।
पहले टेस्ट में केमार रोच (दो विकेट) और जेडेन सील्स (तीन विकेट) की महत्वपूर्ण गेंदबाजी की वजह से वेस्टइंडीज ने बांग्लादेश के खिलाफ जीत दर्ज की थी।
इंडीज के गेंदबाजों ने बांग्लादेश की टीम को 103 पर ढेर कर दिया था, जिसमें टीम ने शुरुआत में 16 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे।
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने दोनों पारियों में शानदार अर्धशतक जड़ा था। लेकिन अगर उन्हें दूसरे टेस्ट में वापसी करनी है तो उन्हें लिटन दास और तमीम इकबाल जैसे खिलाड़ियों के समर्थन की जरूरत होगी। (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) भारत ने दक्षिण कोरिया के प्योंगटेक में एशिया-ओसियाना ओपन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में छह स्वर्ण सहित 22 पदकों के साथ अपने अभियान को खत्म किया जिसमें पावरलिफ्टर अशोक और सुधीर ने हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों के लिए क्वालिफिकेशन हासिल किये।
अशोक ने एशिया और ओपन स्पर्धाओं में पुरुषों के 65 किग्रा (कुल स्कोर) में दो स्वर्ण अपने नाम किये, जबकि जॉबी मैथ्यू ने मास्टर एशिया और ओपन स्पर्धाओं में पुरुषों के 59 किग्रा (सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट और कुल स्कोर) में चार पीले तमगे जीते।
सोमवार को व्यक्तिगत स्पर्धाओं के अंतिम दिन सुधीर ने जॉर्डन के पैरालंपिक और विश्व चैंपियन अब्देलकरीम खत्ताब (241 किग्रा) और चीन के जिक्सियोंग ये (233 किग्रा) के बाद 214 किग्रा के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पुरुषों के 88
किग्रा में कांस्य पदक अपने नाम किया।
भारतीय टीम ने कुल मिलाकर छह स्वर्ण, चार रजत और 12 कांस्य पदक जीते। चीन 21 स्वर्ण सहित 29 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा।
अशोक और सुधीर अब परमजीत कुमार (49 किग्रा से कम पुरुष) और सकीना खातून (45 किग्रा से कम महिला) के साथ हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में भाग लेंगे। इस साल प्रस्तावित इन खेलों को चीन में कोविड-19 स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया है। उम्मीद है कि ये खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में सुधार के दम पर 2024 पेरिस पैरालंपिक खेलों का टिकट पक्का कर लेंगे।
परमजीत, खातून, सुधीर, गीता और मनप्रीत कौर बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा पावरलिफ्टिंग स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उदिने (इटली), 21 जून। भारतीय महिला फुटबॉल टीम बुधवार को यहां के ग्रैडिस्का डी'सोंजो स्टेडियम में चार देशों के टूर्नामेंट में इटली के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करने के साथ आगामी फीफा अंडर -17 विश्व कप के लिए अपनी तैयारी शुरू करेगी।
कोच थॉमस डेनरबी की टीम ने यहां आने से पहले जमशेदपुर में तैयारी शिविर में भाग लिया था। टीम अक्टूबर-नवंबर में भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप से पहले अपनी तैयारियों को बेहतर करने के लिए दो टूर्नामेंटों में भाग लेगी।
छठे टोरनेओ महिला फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन 22 से 26 जून तक होगा जिसमें भारत और मेजबान इटली के अलावा चिली और मैक्सिको की टीमें भाग ले रही हैं।
कोच डेनरबी ने कहा कि इटली की मजबूत टीम की चुनौती से पार पाना मुश्किल होगा लेकिन टीम की प्राथमिकता परिणाम नहीं बल्कि समग्र प्रगति है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इटली में खेल रहे हैं, ऐसे में जाहिर है कि हमें मुश्किल चुनौती का सामना करना होगा। हमें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मैं परिणाम के बारे में नहीं सोच रहा हूं, मैं देखना चाहता हूं कि टीम कैसे विकसित हो रही है। ’’
स्वीडन के इस कोच ने कहा, ‘‘ खिलाड़ी हर दिन के साथ परिस्थितियों में ढल रहे हैं, और वे समझते हैं कि विभिन्न शैलियों के खिलाफ हमें कैसे खेलने की जरूरत है। हमारे लिए यह पहली वास्तविक चुनौती होगी। उम्मीद है, हमें अच्छा मुकाबला देखने को मिलेगा।’’
इटली में टूर्नामेंट के बाद, यंग टाइग्रेस (भारतीय महिला टीम) एक से सात जुलाई तक ओपन नॉर्डिक टूर्नामेंट डब्ल्यूयू 16 के लिए नॉर्वे का रुख करेंगी।
यह पहली बार होगा जब टीम नॉर्डिक टूर्नामेंट में भाग लेगी जहां आठ टीमें एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगी । इसमें नीदरलैंड, भारत, नॉर्वे, आइसलैंड, डेनमार्क, फरो आइलैंड्स, फिनलैंड और स्वीडन की टीमें शामिल है। (भाषा)
-सरन्या नागराजन
भारत पहली बार शतरंज की दुनिया की बहुप्रतीक्षित प्रतियोगिता 44वें 'चेस ओलंपियाड' को चेन्नई के निकट महाबलीपुरम में आयोजित करने जा रहा है.
आगामी 28 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 186 देशों के 2000 से ज़्यादा खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है.
इस साल चेस ओलंपियाड टॉर्च रिले की शुरुआत की गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते 19 जून को टॉर्च रिले को फ़्लैग ऑफ़ किया.
इस कार्यक्रम के दौरान शतरंज के क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय संस्था एफ़आईडीई के अध्यक्ष आर्कडी द्वोरकोविक ने टॉर्च पीएम नरेंद्र मोदी को दी जिसके बाद उन्होंने ये टॉर्च भारतीय चेस ग्रांड मास्टर विश्वनाथन आनंद को थमाई.
ये टॉर्च 75 शहरों से होती हुई आख़िरकार महाबलीपुरम पहुंचेगी, जहाँ इस टूर्नामेंट को आयोजित किया जाना है. भारत इस बार टूर्नामेंट में अपने शतरंज खिलाड़ियों का सबसे बड़ा जत्था भेजने जा रहा है.
बीबीसी संवाददाता सरन्या नागार्जुन ने ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद से शतरंज की दुनिया में उनके सफर और इसके भविष्य पर बातचीत की है.
पढ़िए इस इंटरव्यू के कुछ ख़ास अंश -
आपने कई बार अपने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि आपकी माँ ने चेस से आपका परिचय करवाया. क्या आप अपने इस सफ़र को लेकर कुछ बता सकते हैं?
मैं जब छह साल का था, तब मेरे बड़े भाई और बड़ी बहन चेस खेल रहे थे. ये देखकर मैंने अपनी माँ से मुझे चेस सिखाने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने मुझे चेस सिखाया. शुरुआत में कई सारी चीज़ें सीखना मुश्किल था. लेकिन मैं लगातार कोशिश करता रहा. माँ को जब ये अहसास हुआ कि मुझे इस खेल में दिलचस्पी है तो उन्होंने मेरा दाखिला चेन्नई चेस क्लब में करवा दिया.
मैं ट्रेनिंग सेशन में भाग लिया करता था. अगर कभी मुझे अगले दिन ट्रेनिंग पर जाना होता था तो मैं अपना होमवर्क एक शाम पहले ही ख़त्म कर लिया करता था. इसी बीच मेरे पिता को काम के सिलसिले में साल भर के लिए फिलीपींस जाना पड़ा. फिलीपींस में रहने की वजह से चेस के प्रति मेरी दिलचस्पी काफ़ी बढ़ गई. उन दिनों फिलीपींस में चेस काफ़ी लोकप्रिय खेल हुआ करता था.
टीवी पर चेस से जुड़े कई कार्यक्रम आया करते थे. मेरी मां टीवी में बताए गए चेस पज़ल लिख लिया करती थीं. स्कूल से आने के बाद मैं माँ के साथ बैठकर उन चेस पज़ल्स को हल किया करता था. वहाँ पर चेस टूर्नामेंट भी आयोजित हुआ करते थे जिससे इस खेल में मेरी रुचि और ध्यान केंद्रित होता चला गया. वहाँ से वापस आने के बाद मैंने तमिलनाडु में जूनियर डिविज़न स्तर पर खेलना शुरू किया.
लोग कहते हैं कि 'चेस एक मांइड गेम है'. क्या ये खेल दिमाग़ी क्षमता से जुड़ा हुआ है? आप क्या मानते हैं?
हाँ, बिलकुल, ये एक माइंड गेम है. एक ही जगह पर बैठकर दो-तीन घंटों तक सोचते हुए योजना बनानी पड़ती है. इसके साथ ही यह फ़िज़िकल गेम भी है क्योंकि ये शारीरिक रूप से काफ़ी थका सकता है. थकान आपके प्रदर्शन पर असर डाल सकती है.
हमें ध्यान रखना पड़ता है कि कब कौन सा दांव चलें. हमें उस दांव को याद रखना पड़ता है ताकि उसे सही वक़्त पर चला जा सके. हमें इसके लिए ट्रेनिंग की ज़रूरत पड़ती है. इसी वजह से शतरंज का खिलाड़ी दूसरे क्षेत्रों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.
आपने बचपन में अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए क्या किया?
मैं प्रैक्टिस करता रहता था. शतरंज खेलने से दिमाग़ी एकाग्रता का बढ़ना स्वाभाविक है. किसी किताब को पढ़ते हुए भी दिमाग़ में कुछ न कुछ चलता रहता था जैसे कि दूसरे लोग किस तरह अपना खेल खेलते हैं? वे अपने मोहरों को कैसे आगे बढ़ाते हैं? मैं अपनी चाल ठीक से क्यों नहीं चल पाता हूँ? मैं अपने खेल को कैसे सुधार सकता हूँ.
ये विचार मेरे ज़हन में आते रहते थे.
मैं सोचता था कि मैं चेस खेलने में कैसे बेहतर हो सकता हूँ और क्या दूसरे खिलाड़ियों ने भी ऐसे ही दांव चले हैं.
लगातार सोचने-विचारने की वजह से ही मैं प्रेक्टिस के दौरान इन चालों को चल पाता था.
चेस ओलंपियाड पहली बार तमिलनाडु में आयोजित होने जा रहा है, कितना ख़ास है ये टूर्नामेंट?
ये काफ़ी ख़ास है. भारत पहली बार इस प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है. ये काफ़ी अहम है कि इसका आयोजन तमिलनाडु में होने जा रहा है. हम इसे अपनी प्रतियोगिता कह सकते हैं. एशिया में इस तरह के बड़े टूर्नामेंट्स एक लंबे समय से आयोजित नहीं हुए हैं. ये बहुत ख़ास अवसर है.
ये देखना काफ़ी दिलचस्प होगा कि बहुत सारे लोग काफ़ी कम समय में चेस सीख जाएंगे. इस इवेंट के आयोजन का समय भी काफ़ी ख़ास है. हमारे पास काफ़ी अच्छे खिलाड़ी हैं.
भारत में काफ़ी अच्छे चेस प्लेयर हैं और 73 ग्रैंड मास्टर हैं. ऐसे में हमें इस अवसर का फ़ायदा उठाना है. तमिलनाडु सरकार इस इवेंट के आयोजन की ज़िम्मेदारी निभाकर महत्वपूर्ण काम कर रही है.
सामान्य रूप से इस तरह के आयोजन में लगभग दो साल का समय लगता है. लेकिन तमिलनाडु सरकार ने काफ़ी कम समय में ये करके दिखाया है. ऐसे में मुझे लगता है कि ये टूर्नामेंट शतरंज के खेल और तमिलनाडु दोनों के लिए एक बड़े अवसर जैसा है.
आपने युवा खिलाड़ियों का ज़िक्र किया, ऐसे युवा खिलाड़ियों को सामने लाने के लिए सरकार से किस तरह के प्रोत्साहन की ज़रूरत है?
खेल प्राधिकरण अगर ग्रामीण खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए लॉजिस्टिक और आर्थिक मदद दे सकें तो इतना बहुत होगा. मुझे लगता है कि तमिलनाडु में पहले से सामान्य स्तर की एक सुविधा उपलब्ध है.
तमिलनाडु में बच्चों को पहले से ट्रेनिंग दी जा रही है. आरबी रमेश एक उदारहण हैं. अगर तमिलनाडु सरकार आरबी रमेश जैसों का समर्थन करे तो हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.
क्रिकेट या बैडमिंटन की बात करें तो हमें पता है कि ट्रेनिंग कैसे होनी है और उसके बाद खिलाड़ियों को आगे लेकर कैसे जाना है. क्या आपको लगता है कि लोगों में चेस को लेकर भी इस तरह की समझ है?
हाँ, बिल्कुल, हमें पता है कि इस क्षेत्र में आगे कैसे जाना है. फ़िलहाल, चेस के खेल में कम्प्यूटर की काफ़ी आवश्यकता है. किसी खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय मास्टर या ग्रैंड मास्टर बनने के बाद आगे का रास्ता अपने आप स्पष्ट हो जाता है.
हम इसके ज़रिए वर्ल्ड चैंपियनशिप में शामिल हो सकते हैं. चेस की दुनिया में ये सफर स्वाभाविक है. चैंपियनशिप में भाग लेते हुए हम कई चीज़ें सीखते हैं. मैंने भी इसी तरह सीखा है.
स्कूली बच्चों को चेस खेलने के लिए प्रोत्साहित करके हम युवा खिलाड़ियों को पैदा कर सकतै हैं.
राज्य स्तर पर मौजूद वर्तमान स्पोर्ट्स फेसिलिटी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
आप तमिलनाडु सरकार की शिक्षा-नीति टीम के सदस्य हैं. आपने इस टीम को खेलों को लेकर क्या सुझाव दिए?
मेरा सुझाव ये है कि खिलाड़ियों को आने-जाने और आर्थिक चुनौतियों से जुड़ी मदद मिलनी चाहिए.
शतरंज सीखने में दिलचस्पी रखने वाले छात्र पढ़ाई में भी अच्छे निकलते हैं.
ऐसे में मुझे लगता है कि चेस को शिक्षा के साथ जोड़ना चाहिए.
क्योंकि जब ये बच्चे चेस की बारीकियों के बारे में सोचेंगे तो उनकी बुद्धि पाठ्यक्रम को सीखने में भी लगेगी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नॉलजी तेज़ी से बढ़ रही है. शतरंज की दुनिया पर इसका क्या असर होगा? क्या आने वाले दिनों में लोग एक-दूसरे की बजाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ खेलना पसंद करेंगे?
जब किसी चेस मैच की बात आती है तो लोग दो इंसानों के बीच मैच होता हुआ देखना चाहते हैं. दो कम्प्यूटरों को एक दूसरे के साथ खेलते हुए देखना रोमांचकारी और दिलचस्प नहीं है.
अनुभवी खिलाड़ी चेस की बारीकियां सीखने के लिए ऐसा मैच देखना चाहेंगे लेकिन इस तरह का मैच रोमांचकारी नहीं होगा. लोग ये देखना चाहते हैं कि उनके देश के खिलाड़ी ने किस तरह विरोधी को परास्त किया.
लेकिन आर्टिफिशियल ट्रेनिंग के लिहाज़ से काफ़ी अहम है. इस समय खेल की बारीकियां सीखने में तकनीक काफ़ी मददगार साबित होती है.
ये एक नए तरह की चीज़ है. मुझे अपना पैटर्न काफ़ी बदलना पड़ा. मैं अब अपना 20 साल पुराना गेम नहीं खेल सकता. तकनीक काफ़ी विकसित हो गई है और सभी फ़ैसले बदल गए हैं. लेकिन एआई के ज़रिए हासिल किए गए चेस से जुड़े ज्ञान को किनारे रखा जाए तो इस खेल का असली रोमांच दो लोगों को खेलते हुए देखने से मिलता है.
क्रिकेट और फुटबॉल में आईपीएल, आईएसएल आदि आ रहे हैं...आपको क्या लगता है कि चेस में किस तरह के बदलाव लाए जाने की ज़रूरत है?
लोग चेस की दुनिया में भी इस तरह के बदलाव ला रहे हैं. क्लासिक चेस में 5 से 7 घंटे का फॉर्मेट हुआ करता था. रैपिड चेस एक घंटे में ख़त्म हो जाता है. हम इसकी तुलना टेस्ट और वनडे क्रिकेट से कर सकते हैं.
चेस के ब्लिट्ज़ फॉर्मेट में एक खिलाड़ी को 5, 3 और 1 मिनट मिलेगा. हमें ये सोचना होगा कि हम कितनी जल्दी गेम ख़त्म कर सकते हैं. जैसे-जैसे समय कम होता जाएगा, तनाव बढ़ता जाएगा और हमारे विचार धूमिल होते जाएंगे. और हमें उन चालों को चलना होगा जो स्वाभाविक रूप से हमारे ज़हन में आएंगी.
ये चेस की प्रैक्टिस जैसा है क्योंकि समय कम होता जाता है. जो लोग ब्लिट्ज़ खेलते हैं, उन्हें लगातार प्रैक्टिस करने का मौका मिलता रहता है और वे इसका इस्तेमाल क्लासिक मैच में करते है.
पॉइंट्स को लेकर भी काफ़ी बदलाव हुए हैं. पहले 1-1/2-0 हुआ करते थे जिसका मतलब जीत, हार या ड्रॉ हुआ करती थी. अब अंक भी 2-1-0, 3-1-0, 3-1/2-0 के फॉर्मेट में आ गए हैं. हम अंकों में इस तरह बदलाव कर सकते हैं. इस खेल के रोमांच को बढ़ाने की संभावनाएं असीमित हैं.
आप पिछले 25 सालों से ये खेल खेल रहे हैं, और आपकी उम्र बिल्कुल नहीं बढ़ी है. आख़िर क्या राज़ है?
मैं ख़ुश हूँ. और मैं अच्छी तरह सोता हूँ. मैं रोज़ व्यायाम करता हूँ. मैं अब 50 की उमर को पार कर गया हूँ, इसलिए मैं कुछ चीज़ें पहले की तरह नहीं कर पाता. लगातार खेलने के बाद मैं भी थक जाता हूँ. इसमें कोई राज़ की बात नहीं है. (bbc.com)
रोटरडम, 20 जून। भारतीय महिला टीम एफआईएच प्रो लीग के दो चरण के पहले मुकाबले में मंगलवार को यहां अमेरिका के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसकी कोशिश 10 दिनों के बाद शुरू हो रहे विश्व कप से पहले टीम की कमजोरियों को दूर करने की होगी।
विश्व कप के मैचों का आयोजन नीदरलैड और स्पेन में होगा, जिससे इन मैचों के लिए भारतीय टीम को परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने का बेहतरीन मौका मिलेगा।
एफआईएच प्रो लीग के अपने शुरुआती सत्र में अब तक 14 मैचों में 24 अंक के साथ भारतीय टीम तालिका में तीसरे स्थान पर है। अर्जेंटीना ने 16 मैचों में 42 अंक के साथ खिताब पक्का कर लिया है जबकि नीदरलैंड 14 मैचों में 32 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है।
बेल्जियम की टीम 14 मैचों में 22 अंक के साथ भारत के करीब है और ऐसे में सविता पूनिया की अगुवाई वाली टीम अमेरिका के खिलाफ दोनों मुकाबलों को जीतकर तालिका में तीसरा स्थान पक्का करना चाहेगी। इसका दूसरा मुकाबला बुधवार को खेला जायेगा।
टीम ने इसी स्थल पर बीते शनिवार और रविवार को ओलंपिक रजत पदक विजेता अर्जेंटीना को कड़ी टक्कर दी। शुरुआती मैच के बराबरी पर छूटने के बाद भारत ने शूटआउट में 2-1 से जीत दर्ज की जबकि दूसरे मैच में 2-3 से हार झेलनी पड़ी।
अमेरिका के खिलाफ ये दोनों मुकाबले एक जुलाई से शुरू हो रहे विश्व कप की तैयारियों का शानदार मौका होगा।
मैच से पहले कप्तान सविता ने कहा, ‘‘हमारे लिए यहां सबसे अच्छी बात यह रही कि हम अर्जेटीना के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहे। हम इससे भी अच्छा कर सकते थे लेकिन मुझे लगता है कि इन मैचों से विश्व कप से पहले हमारा हौसला बढ़ेगा ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे खेल में सुधार की गुंजाइश है और अमेरिका के खिलाफ हम कमियों को दूर करना चाहेंगे। हमने अच्छी लय हासिल किया है। उम्मीद है कि प्रो लीग में अपने पदार्पण सत्र को अच्छे नतीजे के साथ खत्म करेंगे। ’’
विश्व कप में भारतीय महिला टीम पूल बी में इंग्लैंड , चीन, न्यूजीलैंड के साथ है। टीम अपने अभियान का आगाज तीन जुलाई को नीदरलैंड के एम्सटेलवीन में करेगी। (भाषा)
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांचवां और अंतिम टी20 मैच बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा है.
बारिश के चलते देर से शुरू हुए इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीता है और भारत से बल्लेबाज़ी करने को कहा है. देर होने के चलते इस मैच में एक-एक ओवर का खेल कम कर दिया गया है.
ताज़ा ख़बर मिलने तक भारत ने दोनों सलामी बल्लेबाज़ों ईशान किशन और ऋतुराज गायकवाड़ के विकेट गंवाकर 3.3 ओवर में 28 रन बना लिए हैं. श्रेयस अय्यर और कप्तान ऋषभ पंत अभी क्रीज पर हैं.
हालांकि बारिश के चलते यह मैच फ़िलहाल रुका हुआ है.
इस सिरीज़ में अभी तक खेले गए चारों मैचों में दोनों टीमों ने दो दो मैच जीते हैं.
पहले दो मैच दक्षिण अफ्रीका ने जीते, जबकि बाद के दोनों मैचों को भारत ने जीता है. (bbc.com)
नयी दिल्ली, 19 जून। भारत की उदीयमान खिलाड़ी अनाहत सिंह ने थाईलैंड के पटाया में रविवार को संपन्न हुई एशियाई जूनियर स्क्वाश चैंपियनशिप में लड़कियों के अंडर-15 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
चौदह वर्षीय अनाहत ने फाइनल में हांगकांग की क्वांग एना को 3-0 से हराकर खिताब हासिल किया। वह टूर्नामेंट में एक भी गेम गंवाए बिना फाइनल में पहुंची थी।
उन्होंने सेमीफाइनल में मलेशिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त व्हिटनी इसाबेल विल्सन को 3-0 से हराया था।
अनाहत ने अब तक 46 राष्ट्रीय सर्किट खिताब, दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप और आठ अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं।
वह किसी भी वर्ग में यूएस जूनियर ओपन और ब्रिटिश जूनियर ओपन जीतने वाली एकमात्र भारतीय बालिका है।
अनाहत इस साल के आखिर में फ्रांस के नैन्सी में विश्व जूनियर स्क्वाश चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। (भाषा)
दांबुला, 19 जून| श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने रविवार को हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम का स्वागत किया, जो तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे मैच खेलने के लिए यहां पहुंची हैं। एसएलसी ने ट्वीट किया, "हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम श्रीलंका पहुंची। भारत और श्रीलंकाई टीम 23, 25 और 27 जून को दांबुला में तीन टी20 मैच खेलेंगी और उसके बाद 1 जुलाई, 4 और 7 जुलाई को तीन वनडे मैच खेलेंगी।" हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना सहित अन्य सभी खिलाड़ी हवाई अड्डे से बाहर निकलीं।
भारत का दौरा मिताली राज के बिना होगा, जिन्होंने इस महीने की शुरूआत में अंतरराष्ट्रीय मैचों से सन्ंयास लेने की घोषणा की थी।
मिताली और झूलन गोस्वामी के 433 एकदिवसीय मैचों के अनुभव को छोड़कर भारत इस साल बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों, अगले साल टी20 विश्व कप और 2025 में एकदिवसीय विश्वकप के साथ, गेंदबाजी आक्रमण के पुनर्निर्माण की यात्रा शुरू कर रहा है।
युवा तेज गेंदबाज मेघना सिंह, रेणुका सिंह और पूजा वस्त्रेकर के हरफनमौला प्रदर्शन के अलावा, उनके पास सिमरन बहादुर जैसी तेज गेंदबाज भी टीम में शामिल हैं।
मिताली और झूलन के अलावा, बाएं हाथ की स्पिनर एकता बिष्ट अनुपस्थित हैं इसलिए हरलीन देओल को टीम में शामिल किया गया है। (आईएएनएस)
राजकोट, 18 जून | पूर्व भारतीय क्रिकेटरों वीरेंद्र सहवाग और सुरेश रैना ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक की शानदार पारी की तारीफ की। कार्तिक ने टी20 में अपना पहला अर्धशतक जमाया जिसकी वजह से भारत ने श्रृंखला के चौथे मैच में दक्षिण अफ्रीका को 82 रन से शिकस्त दी।
अवेश खान ने चार विकेट चटकाए और मेजबान टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने श्रृंखला 2-2 से बराबर कर ली।
सहवाग ने शानदार प्रदर्शन के लिए कार्तिक और आवेश दोनों की सराहना की, जबकि रैना ने टीम इंडिया को 'शानदार जीत' के लिए बधाई दी।
इस बीच, भारत के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने श्रृंखला में वापसी करने के लिए टीम की प्रशंसा की।
पांचवां और अंतिम टी20आई जो कि सीरीज का निर्णायक भी है, रविवार को बेंगलुरु में खेला जाएगा। (आईएएनएस)
(मोना पार्थसारथी)
नयी दिल्ली, 18 जून । उम्र के पांचवें दशक को पार कर चुके पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद का इरादा फिलहाल शतरंज को अलविदा कहने का नहीं है लेकिन खेल प्रशासक के तौर पर नयी पारी के जरिये वह खेल की लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर ले जाने के लिये काम करेंगे ।
आनंद ने भाषा को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा ,‘‘ पिछले कुछ साल में शतरंज ने काफी प्रगति की है खासकर कोरोना महामारी के दौर में लोग काफी शतरंज खेलने लगे । डिजिटिल, आनलाइन, इंटरनेट पर शतरंज का चलन बढा जिसे मैं आगे बढाना चाहूंगा ।’’
जुलाई अगस्त में महाबलीपुरम में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड के दौरान होने वाले चुनाव में अगर निवतृमान अध्यक्ष अर्काडी वोरकोविच फिर चुने जाते हैं तो आनंद अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के उपाध्यक्ष होंगे । वोरकोविच ने अपनी टीम में आनंद को इस पद के लिये नामित किया है ।
आनंद ने कहा ,‘‘ मैं युवाओं के मामले में भारत को ध्यान में रखकर प्रयास करूंगा । कोशिश करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाड़ी आगे आयें और उनको पूरा सहयोग मिल सके । मैं अपना नजरिया और सुझाव रखूंगा ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ फिडे उपाध्यक्ष पद के लिये मुझसे मार्च में पूछा गया तो मुझे यह दिलचस्प अवसर लगा । अब मैं काफी कम टूर्नामेंट खेल रहा हूं और अपनी अकादमी पर भी फोकस है लेकिन यह एक नयी चुनौती है और मैं सीखने की कोशिश करूंगा । अब मैं वैसे भी चुनिंदा टूर्नामेंट खेल रहा हूं मसलन शतरंज ओलंपियाड नहीं खेल रहा तो इस नयी चुनौती के लिये मैं तैयार हूं ।’’
उन्होंनें हालांकि संन्यास की संभावना से इनकार करते हुए कहा ,‘‘ मेरा खेल को अलविदा कहने का कोई इरादा नहीं है । उम्मीद है कि फिडे उपाध्यक्ष बनने के बाद भी खेलना जारी रखूंगा।’’
1987 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने आनंद से उनकी विरासत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता । मैं उम्मीद करता हूं कि मैने खेल को बहुत कुछ वापिस दिया । इसे आगे ले जाने में मदद की और इसमें लोगों का ध्यान खींचा । यह सुनिश्चित किया कि भारत की सशक्त उपस्थिति विश्व शतरंज के मानचित्र पर हो ।’’
इतने वर्ष में शतरंज में भारत ने लंबा सफर तय किया है और हाल ही में राहुल श्रीवास्तव देश के 74वें ग्रैंडमास्टर बने ।
भारत के सफर के बारे में पूछने पर आनंद ने कहा ,‘‘ पहली बात मानसिक बाधा होती है कि क्या हम ग्रैंडमास्टर बन सकते हैं लेकिन जब एक खिलाड़ी बन जाता है तो दूसरों के लिये राह आसान हो जाती है । लंबे समय तक चुनिंदा ग्रैंडमास्टर ही भारत को मिले लेकिन पिछले कुछ समय से संख्या बढी है जो अच्छी बात है ।’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैने कास्पोरोव के खिलाफ विश्व चैम्पियनशिप मैच खेला तो भारत के अधिकांश मौजूदा ग्रैंडमास्टर पैदा भी नहीं हुए थे । नये और युवा ग्रैंडमास्टर आ रहे हैं और अब सहयोगी स्टाफ भी अच्छा है । पूर्व ग्रैंडमास्टर उन्हें सिखा रहे हैं और महासंघ का भी पूरा सहयोग है ।’’
भारत में पहली बार 28 जुलाई से महाबलीपुरम में होने जा रहे शतरंज ओलंपियाड को देश में खेल को लोकप्रिय बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘यह सबसे बड़ा शतरंज टूर्नामेंट है । अधिकांश टूर्नामेंटों में 10 , 20 या अधिकतम 50 खिलाड़ी होते हैं लेकिन यहां 2000 के करीब खिलाड़ी होंगे तो इसकी तुलना ही नहीं हो सकती ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ इसका बड़ा प्रभाव होगा क्योंकि इसमें इतने सारे खिलाड़ियों को खेलते देखना शतरंजप्रेमियों को लंबे समय तक याद रहेगा । इसके साथ ही इसकी व्यापक कवरेज होगी और तीन सप्ताह तक शतरंज के खबरों में बने रहने भी खेल की लोकप्रियता ग्राफ को ऊपर ले जायेगा । आने वाले समय में लोग इसकी मिसाल देंगे ।’’
आनंद इस बार बतौर मेंटोर भारतीय टीम के साथ हैं और भारत की संभावना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी सोच ऐसी है कि अगर मैं खिताब के लिये फेवरिट भी हूं तो भी मुझे बड़बोलापन पसंद नहीं । अपने खेल पर फोकस करने पर जोर रहता हूं । पदक और जीत के बारे में लोग बात कर सकते हैं लेकिन खिलाड़ी को अच्छा खेलने पर ही ध्यान देना चाहिये ।’’(भाषा)
(अपराजिता उपाध्याय)
नयी दिल्ली, 17 जून। मुख्य कोच के खिलाफ ‘अनुचित व्यवहार’ की शिकायत करने वाली महिला साइकिलिस्ट का कहना है कि उन्होंने पहली लड़ाई जीत ली है और अब वह एशियाई ट्रैक चैम्पियनशिप के लिये दूसरी लड़ाई की तैयारी में जुट गयी हैं।
प्रशासकों ने उनके आरोप पर कार्रवाई करते हुए आरोपी मुख्य कोच आर के शर्मा को बर्खास्त कर दिया। अब यह महिला साइकिलिस्ट शनिवार से शुरू होने वाली एशियाई ट्रैक साइकिलिंग चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी जो ओलंपिक रैंकिंग अंक टूर्नामेंट है।
उन्होंने स्लोवेनिया के दौरे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जहां वह भारतीय दल की एकमात्र महिला खिलाड़ी थीं। उन्हें शिकायत के बाद तुंरत वापस बुला लिया गया था और आकर उन्होंने कोच के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की थी।
उन्होंने विवाद के बारे में बात करने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘मैं इस प्रतियोगिता में पदक की उम्मीद कर रही हूं और मेरा पूरा ध्यान (मानसिक रूप से) इस प्रतियोगिता पर लगा है। ’’
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘हाल में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है और मैं ट्रायल्स में भी पहले स्थान पर आयी थी। लेकिन कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों से कोई (अंतरराष्ट्रीय) प्रतियोगिता नहीं हुई थी। ’’
महिला साइकिलिस्ट ने कहा, ‘‘हमारा स्लोवेनिया में एक महीने लंबा शिविर था। मैंने अच्छी ट्रेनिंग की और यहां मेरी रोज स्पर्धा हो रही है। ’’
इंदिरा गांधी स्टेडियम के वेलोड्रोम में तैयारियों जोरों शोरों से चल रही हैं और भारतीय साइकिलिस्ट पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा मोड में हैं।
मणिपुर के रोजीत सिंह पुरूष टीम की स्प्रिंट स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘(विवाद) पर कोई ध्यान नहीं है। हम प्रतियोगिता पर ध्यान लगाये हैं। हां, हमने शिविर में इसके बारे में बात जरूर की थी लेकिन इस समय हमारे पास इसके बारे में सोचने के लिये समय नहीं है। ’’ (भाषा)
राजकोट, 17 जून। पंजाब किंग्स के सह मालिक नेस वाडिया का मानना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मीडिया अधिकार से 6.2 अरब डॉलर की मोटी धनराशि हासिल की है और इसलिए अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित किया जाना चाहिए।
बीसीसीआई ने आईपीएल के मीडिया अधिकार ई-नीलामी से 48390 करोड़ रुपये में बेचे, जो पिछले चक्र की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है।
अगले पांच वर्षों में आईपीएल में 94 मैच हो सकते हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह पहले ही कह चुके हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में आईपीएल के लिये ढाई महीने का समय होगा।
वाडिया ने उम्मीद जताई कि आईपीएल में अधिक घरेलू मैच होंगे और इसका सत्र लंबा खिंचेगा।
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘आईपीएल ने क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है। आईपीएल ने क्रिकेट को जरूरी ऊर्जा प्रदान की है और इसे वैश्विक खेल बना दिया है। अब यह और बड़ा हो जाएगा।’’
वाडिया ने कहा, ‘‘अभी घरेलू मैदान पर केवल सात मैच खेले जाते हैं। ये बहुत कम है। इनकी संख्या कम से कम 14 होनी चाहिए। मुझे वास्तव में लग रहा है कि अब आईपीएल का सत्र लंबा खिंचेगा जो कि लंबे समय से अपेक्षित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आईपीएल को चार महीने के लंबे सत्र तक आयोजित नहीं किया जा सकता है तो क्यों न इसका आयोजन दो सत्रों में किया जाए। इनमें से एक सत्र भारत में और दूसरा किसी अन्य देश में आयोजित किया जा सकता है। भारतीय दुनिया भर में हर जगह हैं। पूरी संभावना है कि आईपीएल में अब अधिक मैच होंगे।’’ (भाषा)
जकार्ता, 16 जून। थॉमस कप में भारत की ऐतिहासिक जीत के सूत्रधारों में रहे एच एस प्रणय ने शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन टूर्नामेंट में हांगकांग के एंग का लोंग एंगस को सीधे गेम में हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया ।
केरल के 29 वर्ष के प्रणय ने 41 मिनट में 21 . 11, 21 . 18 से जीत दर्ज की । यह दुनिया के 12वें नंबर के खिलाड़ी एंग के खिलाफ उनकी चौथी जीत थी ।
प्रणय का सामना अब डेनमार्क के रासमस गेमके या फ्रांस के ब्राइस लीवरडेज से होगा ।
अन्य भारतीय खिलाड़ियों में समीर वर्मा दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली जि जिया से सीधे गेम में हारकर बाहर हो गए ।
दुनिया के पूर्व 11वें नंबर के खिलाड़ी समीर को छठी वरीयता प्राप्त ली ने 21 . 10, 21 . 13 से मात दी । यह ली के खिलाफ सात मुकाबलों में समीर की पांचवीं हार थी ।
अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी भी शीर्ष वरीयता प्राप्त चेन किंग चेन और जिया यि फान से 16 . 21, 13 . 21 से हारकर बाहर हो गए ।
एम आर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी चीन के लिये यू चेन और यू शुआन से 19 . 21, 15 . 21 से हार गई ।
पुरूष एकल में पहले हाफ में प्रणय ने जबर्दस्त दबदबा बनाते हुए 11 . 3 की बढत बना ली । ब्रेक के बाद उन्होंने सहज गलतियां की जिससे एंग लोंग ने कुछ अक बना लिये । इसके बाद हालांकि क्रॉसकोर्ट पर शानदार स्मैश और बेसलाइन पर अच्छे फैसलों के दम पर प्रणय फिर हावी हो गए ।
प्रणय की मूवमेंट काफी अच्छी थी और विरोधी की गलतियों का उन्होंने पूरा फायदा उठाया ।
पूर्व राष्ट्रमंडल खेल कांस्य पदक विजेता आरएमवी गुरूसाइ दत्त की कोच के रूप में मौजूदगी का भी प्रणय को फायदा मिला । ब्रेक के दौरान दोनों बात करते नजर आये । (भाषा)
पाकिस्तान के क्रिकेट कप्तान बाबर आजम आईसीसी की ताज़ा रैंकिंग में छा गए हैं. बाबर टी20, वनडे की रैंकिंग में जहां नंबर-1 बल्लेबाज़ हैं वहीं टेस्ट रैंकिंग में भी टॉप-10 में बरकरार हैं.
बुधवार को आईसीसी ने अपनी ताज़ा रैंकिंग जारी की है. जिसमें बाबर आज़म के अलावा इमाम उल-हक़ वनडे और टी20 में नंबर दो बल्लेबाज़ हैं.
इमाम उल-हक़ ने वनडे में विराट कोहली को पीछे छोड़ा है. इमाम ने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज में तीन अर्धशतक बनाए और प्लेयर ऑफ़ द सीरीज बने. वहीं पिछले सात अंतरराष्ट्रीय मैचों में इमाम छह अर्धशतक बना चुके हैं.
ईशान किशन टॉप-10 में पहुंचेदक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेली जा रही टी20 सीरीज में भारत के नए टी20 ओपनर ईशान किशन शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. उन्होंने तीन मैचों में दो अर्धशतकों की बदौलत 164 रन बनाए हैं.
बुधवार को जारी हुई रैंकिंग में ईशान किशन के इस प्रदर्शन ने उन्हें 68 पायदानों की उछाल दी. अब वे सीधे टॉप-10 में 7वें स्थान पर आ गए हैं.
वहीं इस सीरीज में अच्छी गेंदबाज़ी की बदौलत भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल ने भी ताज़ा रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत की है. भुवनेश्वर कुमार सात स्थान ऊपर उठते हुए अब 11वें नंबर पर आ गए हैं तो चहल की रैंकिंग में भी चार स्थानों का सुधार हुआ है. वे अब 26वें स्थान पर हैं.
ताज़ा टी-20 रैंकिंग में जॉस हेजलवुड ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी है. वहीं ऑलराउंडरों की सूची में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने शीर्ष दो खिलाड़ियों का अपना स्थान बरकरार रखा है.
ट्रेंट बोल्ट वनडे में नंबर-1 गेंदबाज़ हैं. जबकि हेज़लवुड ने यहां भी अपनी स्थिति में एक पायदान का सुधार किया है. वे दूसरे स्थान पर आ गए हैं तो तीसरे स्थान पर न्यूज़ीलैंड के ही मैट हेनरी हैं.
टेस्ट में जो रूट नंबर-1न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स और नॉटिंघम में शतक जमा कर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ जो रूट टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 बल्लेबाज़ बन गए हैं. हाल ही में रूट ने टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार रन पूरे किए हैं. ऐसा करने वाले वे इंग्लैंड के केवल दूसरे बल्लेबाज़ हैं.
वहीं टेस्ट रैंकिंग में दूसरे और तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुस्चगने और स्टीव स्मिथ हैं.बाबर आज़म टेस्ट रैंकिंग के टॉप-10 में भी बरकरार हैं. वह यहां चौथे स्थान पर हैं जबकि न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन पांचवें पायदान पर मौजूद हैं.
टीम रैंकिंग
टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया नंबर-1 पर, भारत दूसरे और न्यूज़ीलैंड तीसरे स्थान पर है. पाकिस्तान का स्थान दक्षिण अफ़्रीका से नीचे पांचवें पायदान पर है.
वनडे में न्यूज़ीलैंड नंबर-1 पर तो इंग्लैंड दूसरे और ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है. भारत का स्थान पाकिस्तान से नीचे पांचवें स्थान पर है.
टी20 में भारतीय टीम नंबर-1 पर तो इंग्लैंड नंबर-2 और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर काबिज है. (bbc.com)
नयी दिल्ली, 15 जून। तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली स्पर्धा में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले भारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने कहा कि वह खुश हैं और अपनी तकनीक पर और काम करना चाहते हैं ।
तोक्यो ओलंपिक के बाद चोपड़ा ने मंगलवार को फिनलैंड में पावो नुरमी खेलों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच 89 . 30 मीटर का भाला फेंककर अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा और रजत पदक जीता ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं । यह सत्र में मेरा पहला टूर्नामेंट था और सत्र की अच्छी शुरूआत की खुशी है । इससे मेरा आत्मविश्वास बढा है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अपनी तकनीक, थ्रो और कुल प्रदर्शन पर काम करना चाहता हूं । आने वाले टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन पर नजरें होंगी ।’’
इससे पहले उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड 88 . 07 मीटर का था जो पिछले साल पटियाला में बनाया था । उन्होंने सात अगस्त 2021 को तोक्यो में 87 . 58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था ।
अब उनकी नजरें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों पर हैं ।
चोपड़ा ने कहा ,‘‘ अब अगले कुछ टूर्नामेंटों पर ध्यान है और राष्ट्रमंडल खेलों में भी कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी ।’’
फिनलैंड में मेजबान खिलाड़ी ओलिवर हेलांडर ने 89 . 83 मीटर के साथ स्वर्ण जीता जबकि मौजूदा विश्व चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स तीसरे स्थान पर रहे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 जून। सीनियर सलामी बल्लेबाज केएल राहुल का ग्रोइन की चोट के कारण बर्मिंघम में अगले सप्ताह इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से बाहर रहना तय है । इसी चोट के कारण वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला से बाहर हैं ।
एक अन्य घटनाक्रम में हार्दिक पंड्या को इंग्लैंड में सीमित ओवरों की टीम की कमान सौंपी जा सकती है क्योंकि इस समय टी20 टीम की कप्तानी संभाल रहे ऋषभ पंत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला खत्म होने पर ही इंग्लैंड पहुंचेंगे ।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया ,‘‘ राहुल ग्रोइन की चोट से उबरे नहीं हैं । टेस्ट टीम के सदस्य आज मुंबई में एकत्र हो रहे हैं और देर रात रवाना होंगे । राहुल टीम के साथ नहीं है । उसे फिट होने में समय लगेगा और सप्ताह के आखिर में फिटनेस टेस्ट भी देना पड़ सकता है । उसके समय पर रिकवर होने की उम्मीद कम है।’’
पंत के अलावा बाकी खिलाड़ी एक से पांच जुलाई तक होने वाले टेस्ट के लिये बृहस्पतिवार को तड़के रवाना होंगे जिनमें कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शामिल हैं ।
पिछले साल की श्रृंखला के दौरान बचे एक टेस्ट के लिये राहुल के विकल्प पर विचार नहीं किया जा रहा है चूंकि शुभमन गिल और पुजारा पारी की शुरूआत कर सकते हैं ।
यह भी तय किया गया है कि आयरलैंड के खिलाफ टी20 में पंत नहीं खेलेंगे लिहाजा हार्दिक पंड्या को कमान सौंपी जा सकती है ।
अधिकारी ने कहा ,‘‘ सबसे सीनियर खिलाड़ी दिनेश कार्तिक है और भुवनेश्वर कुमार भी टीम है लेकिन उपकप्तान हार्दिक था तो उसे कप्तानी दिये जाने की संभावना अधिक है ।’’ (भाषा)
तुर्कू (फिनलैंड), 15 जून | टोक्यो ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने यहां 2022 के पावो नूरमी गेम्स में भाला फेंक प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने के लिए अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। 24 वर्षीय चोपड़ा ने मंगलवार को 89.30 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया, जो फिनलैंड के ओलिवर हेलेंडर से पीछे रहे, जिन्होंने 89.83 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
मौजूदा विश्व चैंपियन और 2022 सीजन के विश्व लीडर ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 86.60 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता। पिछले साल अगस्त में टोक्यो 2020 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद फिनलैंड में नीरज की यह पहली प्रतियोगिता थी।
चोपड़ा ने आगे बताया, "बहुत अच्छी प्रतियोगिता और मैं अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड के लिए बहुत खुश हूं। ओलिवर (हेलेंडर) के पास बहुत अच्छी तकनीक थी। मैं चार दिन के बाद कुओर्टेन में अगला मुकाबला खेलूंगा।"
लंदन 2012 के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट 84.02 मीटर के साथ 10-मैन फील्ड में चौथे स्थान पर रहे, जबकि टोक्यो 2020 के रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज 83.91 मीटर के साथ छठे स्थान पर रहे। (आईएएनएस)
क़रीब दस महीने पहले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में सबसे दूर तक भाला (जेवलिन) फेंककर गोल्ड मेडल जीता था.
अब पूरे 10 महीने बाद उन्होंने अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है, बावजूद इसके वह पावो नर्मी गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए.
फिनलैंड में हो रहे पावो नर्मी गेम्स में नीरज ने एक नया नेशनल रिकॉर्ड सेट किया है. उन्होंने 89.30 मीटर दूर जेवेलिन फेंका.
इससे पहले चोपड़ा का नेशनल रिकॉर्ड 88.07 मीटर का था जो उन्होंने पिछले साल पटियाला में हुए एक टूर्नामेंट में बनाया था. इसके बाद टोक्यो ओलंपिक खेलों में उन्होंने 87.58 मीटर दूर तक जेवलीन फेंककर गोल्ड जीता था.
हालांकि नया नेशनल रिकॉर्ड ज़रूर बना है लेकिन बावजूद इसके नीरज गोल्ड जीतने से चूक गए. फ़िनलैंड के ओलिवर हैलेंडर ने पावो नर्मी गेम्स में गोल्ड जीता है. उन्होंने 89.83 मीटर तक जेवेलिन फेंका. (bbc.com)
चेन्नई, 14 जून। राष्ट्रीय अंतरराज्यीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के त्रिकूद स्पर्धा में 14.14 मीटर के शानदार प्रयास के साथ महिलाओं में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली ऐश्वर्या बाबू ने कहा कि ‘अगर आप ने जन्म लिया है तो आपको कुछ हासिल करना ही होगा’।
बेंगलुरु की 24 साल इस खिलाड़ी ने सोमवार को मयूखा जॉनी के 2011 में 14.11 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा।
ऐश्वर्या ने इससे पहले रविवार को लंबी कूद के क्वालीफिकेशन दौर में 6.73 मीटर की शानदार कूद लगायी जो किसी भारतीय महिला खिलाड़ी का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास है। उनसे बेहतर प्रयास विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज के नाम है जो 6.83 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
त्रिकूद से पहले 100 और 200 मीटर की बाधा दौड़ में हाथ आजमा चुकी इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैंने आठ साल की उम्र में खेलना शुरू किया था। मैं शुरू में 100 मीटर और 200 मीटर में स्पर्धा में भाग लेती थी। लेकिन बाद में, मैंने कूद में भाग लेना शुरू किया। मुझे खेलों में दिलचस्पी थी और मेरे चाचा डेकाथलीट है।’’
खेल से जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कुछ हासिल करना था। अगर आप ने जन्म लिया है तो आपको कुछ हासिल करना होगा।’’
ऐश्वर्या का त्रिकूद में 14.14 मीटर की दूरी मौजूदा सत्र में विश्व के सभी एथलीटों में 14 और राष्ट्रमंडल देशों के एथलीटों में तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय रिकॉर्ड (त्रिकूद में) तोड़ने की उम्मीद कर रही थी। मैंने उसके लिए बहुत मेहनत के साथ बहुत अच्छी तैयारी की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले साल सितंबर में मैंने 13.55 मीटर की छलांग लगायी थी। मैंने इसमें 60 सेंटीमीटर सुधार किया है। अब मेरा लक्ष्य 14.35 मीटर की दूरी को हासिल करना है।’’ (भाषा)
छग के शेख ईदु ने झारखंड के राजा बोस के विरुद्ध खेलते हुए बाजी जीती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,14 जून। महासमुंद में चल रही ऑल इंडिया फीडे रेटिंग चेस टूर्नामेंट का 5वां चक्र कल देर शाम पूरा हुआ। पहले टेबल पर बिहार के किशन कुमार1147-5 अंक व छत्तीसगढ़ के केंडिडेट मास्टर विनोद कुमार शर्मा 2173-5 अंक के मध्य चली बाजी में किशन ने जीत हासिल कर अपने स्कोर में 1 अंक का इजाफा करते हुए संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया।
दूसरे टेबल पर बिहार के कुमार गौरव 2045-5 अंक और झारखंड के रोशन विजय शांडिल्य 2014-5 अंक के साथ हुए मुकाबले में कुमार गौरव ने जीत दर्ज कर एक 6 अंक अर्जित कर शीर्ष पर अपनी जगह बना ली है। चौथे टेबल पर छत्तीसगढ़ के शेख ईदु 2012-4 अंक के साथ झारखंड के राजा बोस 1447 के विरुद्ध सफेद मोहरे से खेलते हुए बाजी जीती। पांचवें टेबल पर छत्तीसगढ़ के वंश अग्रवाल 1319-4 अंक तथा ओडिशा के सुधीर कुमार बेहरा1704-4 अंक के मध्य फ्रेंच एक्सचेंज वेरिएशन से बाजी खेली गई। वंश ने मिडिल गेम में ही अपने अपोनेंट के ऊपर दबाव बनाया और आक्रामक अंदाज से खेलते हुए दो बिशप की स्पष्ट बढ़त बना ली। सुधीर बेहरा ने 29 वीं चाल में हार मान ली।
प्रतियोगिता संचालक हेमंत खुटे व संयोजक मनोज धृतलहरे ने बताया कि आज 14 तारीख को रात 8 बजे ब्लिट्ज चेस टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कोई भी खिलाड़ी 100 रुपए प्रवेश शुल्क देकर हिस्सा ले सकता है। इच्छुक खिलाड़ी आज मंगलवार शाम 5 बजे तक वन विद्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि महासमुंद जिले में ब्लिट्ज स्पर्धा पहली बार हो रही है। इसलिए आयोजन समिति ने जिले से अधिक से अधिक खिलाडिय़ों को भाग लेने अपील की है। इस स्पर्धा में प्रत्येक खिलाड़ी को 3.3 मिनट व प्रत्येक चाल पर 2.2 सेकंड का इंक्रीमेंट दिया जाएगा। स्पर्धा के टॉप टेन खिलाडिय़ों को नगद पुरस्कार की राशि इनाम स्वरूप दी जएगी।
ओटावा (कनाडा), 13 जून। भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए कनाडा इंटरनेशनल पैरा बैडमिंटन में दो स्वर्ण समेत नौ पदक जीते ।
मौजूदा विश्व चैम्पियन मानसी जोशी ने राउंड रॉबिन चरण में सारे पदक जीते। उन्होंने पारूल परमार, फ्रांस की कैरोलिन बर्गेरोन , जापान की नोरिको इतो और यूक्रेन की ओकसाना कोजिना को हराया ।
फाइनल में उन्होंने एक गेम में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए यूक्रेन की प्रतिद्वंद्वी को 21 . 18, 15 . 21, 22 . 20 से मात दी । इस सत्र में जोशी की यह चौथी खिताबी जीत है ।
उन्होंने रूथिक रघुपति के साथ मिश्रित युगल एसएल 3 . एसएल 5 में कांस्य पदक भी जीता ।
मनीषा रामदास ने एसयू5 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता । चेन्नई की 17 वर्ष की इस खिलाड़ी ने जापान की अकिको सुगिनो को फाइनल में 27 . 25, 21 . 9 से हराया ।
पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जिन्हें चिर प्रतिद्वंद्वी डेनियल बेथेल ने 21 . 14, 9 . 21, 21 . 15 से मात दी ।
तोक्यो पैरालम्पिक के बाद से पैरालम्पिक रजत पदक विजेता बेथेल के हाथों भगत की यह दूसरी हार है। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जून। नशे के खिलाफ सख्त अभियान में राजनांदगांव पुलिस को आम लोगों का भी साथ मिल रहा है। पिछले 5 महीनों में निजात कार्यक्रम के जरिये नशामुक्ति और जागरूक कार्यक्रम को बेहतर प्रतिसाद मिला है। इसी कड़ी में एसपी संतोष सिंह के आह्वान पर निजात रन कार्यक्रम में सभी वर्ग ने सडक़ में दौड़ लगाई । राजनांदगांव शहर ने दौड़ में शामिल होकर पुलिस की नशाविरोधी अभियान को समर्थन दिया है। एसपी सिंह लगातार अवैध शराब, गांजा और दूसरे नशा उत्पादों के खिलाफ जमकर कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं पुलिस ने सख्ती दिखाने के साथ-साथ जागरूक अभियान से भी लोगों को नशा से होने वाले नुकसान के बारे में भी आगाह किया है। समूचे जिले में थाना स्तर पर लगातार जनजागरूक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
रविवार को जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से निजात रन कार्यक्रम में शहर के अलग-अलग वर्ग के लोगों ने दौड़ में भाग लिया। म्युनिसिपल स्कूल में महापौर हेमा देशमुख और एसपी संतोष सिंह ने निजात रन को हरी झंडी दिखाई। बार-बार पुलिस प्रशासन की ओर से युवाओं को नशे से होने वाले हानि के संबंध में अवगत कराया जा रहा है। गौरतलब है कि राजनंादगांव एसपी ने पदभार ग्रहण करने के बाद से निजात कार्यक्रम की शुरूआत की। पुलिस ने नशीले पदार्थों के तस्करों को न सिर्फ सलाखों के पीछे भेजने में देरी नहीं की, बल्कि आम लोगों की मदद से अभियान को गति दी। इधर नशे से दूर रहने की शपथ लेते हुए पुलिस प्रशासन और धावकों ने शहर के युवाओं से अपील की है।
युवाओं को सही दिशा में ले जाने पुलिस के अभियान की चहूंओर प्रशंसा भी हो रही है। पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से निजात कार्यकम में बढ़-चढकऱ शामिल होने की अपील भी की है। शहर में दौड़ लगाने निकले धावकों को देखकर लोगों को नशा विरोधी अभियान की महत्ता भी समझ में आई है। इस दौरान एएसपीद्वय संजय महादेवा, जयप्रकाश बढ़ई, सीएसपी गौरव राय समेत अन्य पुलिस अफसर कार्यक्रम में शामिल हुए।