अंतरराष्ट्रीय
श्रीलंका, 13 जनवरी । आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने अपनी सेना में बड़ी कटौती का एलान किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका ने कहा है कि वो साल 2030 तक अपनी सैन्य क्षमता में आधी की कटौती करेगा.
साल 2023 के लिए बजट प्रस्तावों में कहा गया है कि श्रीलंका अब तकनीकी और रणनीतिक रूप से अधिक संतुलित डिफेंस फोर्स के निर्माण पर फोकस करेगा.
श्रीलंका में इस बात की आलोचना होती रही है कि उसका रक्षा खर्च स्वास्थ्य और शिक्षा पर होने वाले खर्च से ज़्यादा है.
श्रीलंका की सेना में इस समय 200,783 सैन्यकर्मी हैं, जिसे कम करके साल 2030 तक एक लाख किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. (bbc.com/hindi)
लॉस एंजिलिस (अमेरिका), 13 जनवरी गायिका लीज़ा मैरी प्रेस्ली का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 54 वर्ष की थीं।
लीज़ा मैरी प्रेस्ली की मां प्रिसिला ने उनके निधन की जानकारी दी।
अभिनेत्री प्रिसिला ने एक बयान में कहा, ‘‘ मैं भारी मन से यह दुखद समाचार दे रहीं हूं कि मेरी खूबसूरत बेटी लीज़ा मैरी हमें छोड़कर चली गई हैं। वह बेहद भावुक, मजबूत और प्यारी महिला थीं। ’’
लीज़ा मैरी मशहूर अमेरिकी गायक एल्विस प्रेस्ली की एकलौती संतान थी, जिन्होंने संगीत की दुनिया में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया।
लीज़ा मैरी मंगलवार को आयोजित गोल्डन ग्लोब पुरस्कार समारोह में भी नजर आईं थी। इससे पहले आठ जनवरी को ग्रेस्कलैंड के मेम्फिस में उन्होंने अपने पिता एल्विस की जयंती भी मनायी थी।
एल्विस का निधन अगस्त 1977 में हो गया था, तब लीज़ा बस नौ साल की थीं।
लीज़ा मशहूर गायक माइकल जैक्सन की पूर्व पत्नी थीं। लीज़ा ने चार बार शादी के रिश्ते को मौका दिया। वह कई बार मादक पदार्थों व अपनी शादियों से जुड़ी समस्याओं को लेकर चर्चा में रहीं। (एपी)
ब्लैक लाइव्स मैटर की सह-संस्थापक पेट्रीस कलर्स के रिश्तेदार कीनन एंडर्सन की पुलिस से भागने के कुछ घंटों बाद मौत हो गई.
कीनन एंडर्सन को रोकने लिए लॉस एंजलिस पुलिस ने टेज़र गन का इस्तेमाल किया था.
इस गन के इस्तेमाल से हल्के बिजली के झटके लगते हैं जिससे पुलिस को किसी को रोकने में मदद मिलती है. ये घटना 3 जनवरी की है.
31 साल के कीनन एंडर्सन एक शिक्षक थे. उनके बच्चे भी हैं. उनकी सेंटा मोनिका शहर के एक अस्पताल में मौत हो गई.
लॉस एंजलिस पुलिस विभाग ने तीन जनवरी का शरीर पर लगे कैमरा की फुटेज जारी की है. इसमें दिख रहा है कि एंडर्सन बार-बार जाने देने के लिए बोल रहे हैं और अधिकारियों ने उन्हें पकड़ा हुआ है.
बीच में उन्होंने ये भी कहा, ''ये मुझे जॉर्ज फ्लॉयड बनाना चाहते हैं. ''
साल 2020 में अफ़्रीकी मूल के जॉर्ज फ़्लॉयड की पुलिस की पकड़ में आने के बाद मौत हो गई थी. सामने आए वीडियो में एक पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन घुटने से दबा रखी थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
इस मामले के बाद बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान चलाया गया था.
एंडर्सन वॉशिंगटन डीसी के रहने वाले थे और वो लॉज एंजलिस आए हुए थे. नशे की जांच में उनके खून में ड्रग पाये गए हैं.
पुलिस प्रमुख माइकल मूरे ने बताया कि बुधवार को एंडर्सन एक सड़क दुर्घटना में शामिल पाए गए थे. लेकिन, उन्हें मौके से भागने और एक अन्य शख़्स की कार में बिना इज़ाजत घुसने की कोशिश की.
पहले तो एंडर्सन पुलिस के कहे अनुसार नीचे बैठक गए लेकिन जब ज़्यादा पुलिस आई तो वो उठकर भागने लगे. उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने टेज़र गन का इस्तेमाल किया.
पुलिस के मुताबिक उन्हें टेज़र गन के इस्तेमाल के पांच मिनट बाद एक एंबुलेंस आ गई और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. लेकिन कार्डिएक अरेस्ट आने से साढ़े चार घंटों बाद उनकी मौत हो गई. (bbc.com/hindi)
नोएडा/ जेनेवा, 12 जनवरी। नोएडा स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक का उत्पादन लाइलेंस निलंबित कर दिया गया है वहीं कफ सीरप के नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के एक औषधि अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर इस कंपनी का कफ़ सीरप पीने से बच्चों की मौत होने का मामला सामने आने के बाद सीरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित एंब्रोनॉल और डॉक-1 मैक्स सीरप पर एक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट भी जारी किया है।
केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था और जांच के लिए छह और नमूने लिए थे।
गौतमबुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि निरीक्षण के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि ‘डॉक-1 मैक्स’ के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके जिसके बाद सरकार ने इसके उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘29 दिसंबर के आदेश के अनुरूप कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित है अब कंपनी को निलंबन आदेश 10 जनवरी को लिखित रूप से जारी किया गया है और कंपनी ने इसे स्वीकार किया है।’’
नमूनों के परिणामों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को खराब गुणवत्ता वाले (दूषित) दो उत्पादों का जिक्र करते हुए ‘चिकित्सा उत्पाद अलर्ट’ जारी किया। ये उज्बेकिस्तान में मिले थे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, खराब गुणवत्ता वाले चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं ।
डब्ल्यूएचओ ने कहा,‘‘ दो उत्पाद, एंब्रोनॉल सिरप और डॉक-1 मैक्स सीरप हैं। दोनों उत्पादों की निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) है...।’’
इसने कहा कि दोनों उत्पादों के प्रयोगशाल आकलन में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल अथवा एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दोनों ही तत्व इंसानों के लिए खतरनाक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं। (भाषा)
कोलंबो, 12 जनवरी। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना को शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि 2019 के ईस्टर हमले के पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 10 करोड़ एसएलआर (श्रीलंकाई रुपये) का भुगतान करें।
हमले की आशंका के बारे में प्रामाणिक जानकारी होने के बावजूद उसे रोक पाने में उनकी लापरवाही के लिए यह आदेश दिया गया है।
उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में व्यवस्था दी कि 2019 के ईस्टर सन्डे के हमलों को रोक पाने में नाकाम रहते हुए याचिकाओं में नामजद प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया था।
अदालत ने कहा कि शीर्ष अधिकारी घातक आत्मघाती बम हमले रोकने के लिए भारत की ओर से साझा की गयी विस्तृत खुफिया सूचना पर कार्रवाई करने में विफल रहे।
अदालत ने सिरीसेना को 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये, पूर्व पुलिस प्रमुख पूजित जयसुंदर और राज्य खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख नीलांता जयवर्द्धने को 7.5-7.5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये तथा पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो को 5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये देने का आदेश दिया।
राष्ट्रीय खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख शिशिर मेंडिस को एक करोड़ श्रीलकाई रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया गया है।
उन्हें उनकी निजी निधि से भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे मुआवजे के भुगतान के बारे में छह महीने में जानकारी दी जानी चाहिए। (भाषा)
-मोहम्मद काज़िम
क्वेटा, 12 जनवरी । औरतों के लिए यह अच्छी बात नहीं कि वह 20 किलो आटे की थैली के लिए कई दिन तक सड़कों पर बैठकर इंतज़ार करें. बड़ी संख्या में हम औरतें भी कई घंटे अलग-अलग जगहों पर आटे की ख़रीदारी के लिए बैठी रहती हैं. इस दौरान अगर किसी को पेशाब की ज़रूरत हो तो वो कहां जाएंगी? यह कोई इज़्ज़त की बात तो नहीं है न."
यह कहना है बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में बरौरी रोड इलाके की 70 वर्षीय इमाम बीबी का जिन्हें सोमवार को क्वेटा रेलवे स्टेशन के सामने कई घंटे इंतज़ार के बावजूद सरकारी रेट पर मिलने वाली आटे की थैली नहीं मिल सकी.
पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों से बीते कई दिनों से सरकारी दरों पर आटा नहीं मिलने की ख़बरें मिल रही हैं.
बलूचिस्तान में बीते दो हफ़्तों से आटे का संकट गहरा गया है. इसकी वजह से राजधानी क्वेटा में 20 किलो के आटे की थैली की क़ीमत 2800 पाकिस्तानी रुपये हो गई है. वहीं राज्य के अन्य क्षेत्रों में इसकी कीमत 3,200 रुपये के सर्वाधिक स्तर तक पहुंच गई है.
जो लोग सरकारी दरों पर आटा ख़रीदना चाहते हैं उन्हें इसके लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इसके बारे में इमाम बीबी ने बताया कि वो पिछले दो हफ़्तों से अपने बच्चों के लिए सस्ता आटा ख़रीदने के लिए भाग-दौड़ कर रही हैं, लेकिन उन्हें लगातार नाकामी मिल रही है.
वे बताती हैं, "मेरे दो बच्चे विकलांग हैं और अन्य छोटे हैं. एक कमाने वाला है जो मज़दूरी करता है. मज़दूरी भी कभी मिलती है और कभी नहीं मिलती. मैं ख़ुद घरों में काम करती हूं.
पिछले 8 दिनों से बच्चे भूखे हैं और मैं ख़ुद मोहल्ले वालों से मांग कर बच्चों को थोड़ा बहुत खिला पा रही हूं क्योंकि दुकानों पर आटा महंगा है और सस्ता आटा आसानी से मिलता नहीं."
इमाम बीबी का कहना है कि वो काफ़ी दूर से पैदल आती हैं. सस्ते आटे की ख़रीदारी के लिए आने वालों से कभी कहा जाता है कि आटे की गाड़ी जॉइंट रोड पर आएगी, कभी कहते हैं चमन फाटक तो कभी रेलवे स्टेशन का पता बताया जाता है. लेकिन जब लोग दौड़कर वहां पहुंचते हैं तो कुछ भी नहीं मिलता.
उनके अनुसार, लंबे इंतज़ार के बाद आटा नहीं मिलता तो लोग मजबूरी में सड़क बंद कर देते हैं जिसके बाद पुलिस वाले आ जाते हैं.
"हमें विरोध प्रदर्शन से पुलिस वालों ने दो बार उठाया, लेकिन यक़ीन दिलाने के बावजूद सरकारी आटा नहीं मिला."
सरकारी आटा पाना बेहद मुश्किल हुआ
सरकारी दर पर आटा लेने की कोशिश में हो रही परेशानी अकेले इमाम बीबी की नहीं है, बल्कि उनके जैसे उम्रदराज़ या मेहनत मज़दूरी करके अपना परिवार चलाने वाले तमाम लोग इससे परेशान हैं.
उनमें से एक वृद्ध ख़ुदाए नज़र भी हैं जो क्वेटा से लगभग आठ किलोमीटर दूर पूर्वी बाइपास इलाक़े भूसा मंडी से ज़बर्दस्त सर्दी के बावजूद सुबह पांच बजे साइकिल से क्वेटा रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं ताकि वहां लगने वाली लाइन के शुरू में उन्हें जगह मिल जाए.
सात घंटे के इंतज़ार के बावजूद जब वहां सस्ते आटे वाली गाड़ी के नहीं आने का एलान हुआ तो निराशा और नाराज़गी ख़ुदाए नज़र के चेहरे पर साफ़ झलक रही थी.
वो बताते हैं, "मैं अपने परिवार के 10 लोगों को खिलाने के लिए मेहनत मज़दूरी करता हूं. यहां आटे के इंतज़ार में बैठने की वजह से न मज़दूरी कर पा रहा हूं और न ही सस्ता आटा मिल रहा है जिसके लिए मज़दूरी छोड़ कर आता हूं."
वो कहते हैं, "लाइन के शुरू में जगह पाने के लिए इस कड़ाके की सर्दी में पांच बजे आया और सुबह की नमाज़ रेलवे स्टेशन की मस्जिद में अदा की. सस्ते आटे की एक थैली के लिए 10 दिन से आ रहा हूं, मगर मुझे आटा नहीं मिल रहा है."
"यक़ीन कीजिए मैं मार्केट से महंगा आटा ख़रीद ही नहीं सकता, इसलिए यहां सस्ता आटा ख़रीदने के लिए आ रहा हूं, लेकिन वह नहीं मिला. दस दिनों से हम चावल पर गुज़ारा कर रहे हैं, जो आटे के मुक़ाबले हम ग़रीबों के लिए बहुत ज़्यादा महंगा पड़ रहा है."
दो हफ़्ते में 20 किलो आटे की बोरी 700 रुपये महंगी
बलूचिस्तान में पिछले दो-तीन साल से आटे की कमी के कारण इसकी क़ीमत लगातार बढ़ रही है, लेकिन ख़ुद बलूचिस्तान सरकार और आटे के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार स्थिति अधिक गंभीर है.
बलूचिस्तान आटा डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद ख़ुदायदाद आग़ा ने बीबीसी को बताया कि सिर्फ़ एक सप्ताह के दौरान 20 किलो की थैली की क़ीमत में 500 रुपये, जबकि बीते डेढ़ से दो हफ़्ते में 700 रुपये से अधिक का इज़ाफ़ा हुआ है.
आटे के वर्तमान संकट के कारणों पर पाकिस्तान फ़्लोर मिल्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बदरुद्दीन काकड़ ने बीबीसी को बताया, "बलूचिस्तान को अभी की आबादी के हिसाब से सौ किलोग्राम वाली डेढ़ करोड़ बोरियों की ज़रूरत है जबकि बलूचिस्तान में गेहूं की सालाना उपज एक करोड़ बोरी के लगभग है."
"हालांकि बलूचिस्तान में गेहूं की पैदावार बहुत कम तो नहीं, लेकिन यहां लोगों के पास उसे अधिक देर तक सुरक्षित रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उनकी यह कोशिश होती है कि उसे जल्द से जल्द बेच दें."
सरकारों से कहां ग़लती
''चालू साल में बलूचिस्तान सरकार ने गेहूं की ख़रीदारी में देर की. इसके अलावा सिंध सरकार की ओर से गेहूं की ख़रीदारी की जो क़ीमत तय की गई थी वह बलूचिस्तान की दर से अधिक थी जिसके कारण नसीराबाद डिवीज़न के किसानों ने अपना गेहूं सिंध में बेचा."
उनका कहना था कि चालू वित्त वर्ष में बलूचिस्तान सरकार चार महीनों के दौरान पांच लाख बोरी गेहूं ख़रीद सकी जो मांग के हिसाब से न के बराबर थी.
बलूचिस्तान के खाद्य विभाग के अधिकारी जाबिर बलोच ने बीबीसी को बताया कि डॉलर का रेट बढ़ने और रूस और यूक्रेन की जंग की वजह से सरकारी रेट की तुलना में ओपन मार्केट में गेहूं की क़ीमत बहुत ज़्यादा थी, इसलिए किसानों ने अपना गेहूं प्राइवेट लोगों को बेचा.
फ़्लोर मिल मालिक और आटा डीलर्स बलूचिस्तान में आटे की क़ीमत में बेतहाशा इज़ाफ़े की ज़िम्मेदारी सिंध और पंजाब के साथ बलूचिस्तान सरकार पर डाल रहे हैं.
बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री इंजीनियर ज़मरुक ख़ान ने केंद्र सरकार के अलावा पंजाब और सिंध की सरकार को भी दोषी ठहराते हुए कहा कि केंद्र के साथ दोनों राज्य सरकारों ने भी बलूचिस्तान को गेहूं देने से इनकार किया है.
खाद्य मंत्री के अनुसार, बलूचिस्तान इस समय एक मुश्किल स्थिति से दो-चार है, इसलिए केंद्र सरकार के साथ ही पंजाब और सिंध की सरकार को उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
सरकार से अपील
खाद्य विभाग के डायरेक्टर जनरल ज़फरुल्लाह ने बीबीसी को बताया कि हालांकि बलूचिस्तान के नसीराबाद डिवीज़न में गेहूं की सालाना पैदावार एक करोड़ बोरी है, लेकिन इस साल नसीराबाद में ख़राब मौसम की वजह से गेहूं की फ़सल में 30 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा खाद्य विभाग को वित्त विभाग से पैसे जारी करने में देरी भी हुई.
वो कहते हैं, "हमें पैसे मिलेंगे तो हम ख़रीदारी कर सकेंगे. हमें पैसे अप्रैल के अंत में मिले. चूंकि किसानों को क़र्ज़ चुकाने के अलावा दूसरे ख़र्चे करने होते हैं, इसलिए वह अपनी फ़सल जल्दी बेच देते हैं."
उन्होंने प्रधानमंत्री, सिंध और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से अपील करते हुए कहा कि वो इस मुश्किल घड़ी में बलूचिस्तान को अकेला न छोड़ें. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 12 जनवरी | वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) पाकिस्तान को जीने की बढ़ती लागत के बीच भुखमरी के एक बड़े खतरे का सामना करते हुए देख रहा है। इसने चेतावनी दी है कि यह प्राकृतिक आपदाओं और बाधित आपूर्ति से और बढ़ सकता है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के बारे में, रिपोर्ट बताती है कि मौसम संबंधी प्राकृतिक आपदा और बाधित आपूर्ति का संयोजन लाखों लोगों के लिए भुखमरी के मौजूदा संकट को एक विनाशकारी परि²श्य में ले जा सकता है।
ऊर्जा की कमी (आपूर्तिकर्ता के बंद होने या प्राकृतिक, आकस्मिक, या पाइपलाइनों और ऊर्जा ग्रिड को जानबूझकर नुकसान के कारण) मौसमी आपदा के साथ संयुक्त होने पर व्यापक ब्लैकआउट और घातक परिणाम हो सकते हैं।
डब्ल्यूईएफ के पार्टनर्स इंस्टीट्यूट फॉर न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटीज प्लेटफॉर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिशाल पाकिस्तान, आमिर जहांगीर ने कहा, "ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2023 कहती है कि पाकिस्तान के लिए, बुनियादी जरूरतों की सामथ्र्य और उपलब्धता दोनों ही सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "असुरक्षा का प्रभाव पाकिस्तान में महसूस किया जाना जारी रहेगा और एक साथ खाद्य और ऋण संकट के कारण अस्थिरता को भी बढ़ा सकता है, जिसके चलते संभावित तकनीकी-आधारित निर्णय लेने वाले नेतृत्व ढांचे का उदय होगा।"
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट बताती है कि जीवन-यापन का संकट सबसे बड़ा अल्पकालिक जोखिम है जबकि जलवायु शमन और जलवायु अनुकूलन की विफलता सबसे बड़ी दीर्घकालिक चिंता है।"
भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और अंतमुर्खी रुख आर्थिक बाधाओं को बढ़ाएंगे और शॉर्ट और लॉन्ग-टर्म दोनों जोखिमों को और बढ़ाएंगे। (आईएएनएस)
कोलंबो, 12 जनवरी | श्रीलंका के सेंट्रल बैंक ने भारत और चीन से आग्रह किया है कि वे 'अपने दायित्वों को चुकाने में हमारी मदद करने' के प्रयास में जल्द से जल्द अपने ऋणों को कम करने के लिए सहमत हों। बुधवार रात बीबीसी से बात करते हुए बैंक के गवर्नर पी. नंदलाल वीरसिंघे ने कहा, "जितनी जल्दी वे हमें वित्त आश्वासन देते हैं, उतना ही दोनों (पक्षों) के लिए, एक लेनदार के रूप में और एक देनदार के रूप में बेहतर होगा। इससे हमें उनके दायित्वों को चुकाने की शुरुआत करने में मदद मिलेगी।"
"हम इस तरह की स्थिति में नहीं रहना चाहते हैं, बहुत लंबे समय तक दायित्वों को पूरा नहीं करना चाहते हैं। यह हमारे लिए अच्छा नहीं है। यह श्रीलंका में निवेशकों के विश्वास के लिए अच्छा नहीं है।"
श्रीलंका वर्तमान में 1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश ने अपने ऋण अदायगी में चूक की और 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट पर बातचीत की।
लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तब तक धनराशि जारी नहीं करेगा जब तक कि भारत और चीन पहले श्रीलंका के अरबों डॉलर के कर्ज को कम करने के लिए सहमत नहीं हो जाते।
श्रीलंका के चीन का ऋण करीब 7 अरब डॉलर है, जबकि भारत का करीब 1 अरब डॉलर का कर्ज है।
श्रीलंका सरकार ने शुरू में 2022 के अंत तक चीन और भारत के साथ एक नई भुगतान योजना पर सहमति की उम्मीद की थी।
वीरासिंघे ने बीबीसी को बताया कि यह संभव था कि इस महीने के अंत में एक समझौता हो सकता है, लेकिन उन्होंने कहा, "यह सब अन्य पक्षों पर निर्भर करता है- हमारे लेनदारों को वास्तव में यह निर्णय लेना है।"
उन्होंने कहा, "श्रीलंका ने अब उन्हें देश की उधारी के बारे में सभी जानकारी दी है।"
लेकिन अगर भारत और चीन श्रीलंका को अपने ऋण को कम करने के लिए सहमत होते हैं, तो निजी लेनदारों के रूप में एक और संभावित समस्या सामने आती है, जो देश के बाहरी ऋण स्टॉक का 40 प्रतिशत हिस्सा है।
श्रीलंका के निजी बांडधारकों के बारे में पूछे जाने पर, गवर्नर ने बीबीसी से कहा, "हम देनदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं। और जो हम देख रहे हैं वह यह है कि वे बहुत सकारात्मक हैं और वे हमारे साथ जुड़ने को तैयार हैं।"
वीरसिंघे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक बार द्विपक्षीय लेनदारों के समझौते पर सहमति बन जाने के बाद आईएमएफ फंड श्रीलंका को 'चार से छह सप्ताह' के भीतर वितरित किया जा सकता है।
बुधवार रात बीबीसी से बात करते हुए, श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत, जूली चुंग ने कहा कि सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता के रूप में चीन पर आगे बढ़ने का अधिक दबाव है।
गवर्नर की टिप्पणी 8 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्रियों के एक बड़े समूह द्वारा श्रीलंका के बांड को 'रद्द' करने के लिए बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है।
उन्होंने कहा, "सभी देनदारों को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के लिए श्रीलंका का लोन कैंसिलेशन सुनिश्चित करना चाहिए।" (आईएएनएस)
कोविड से ठीक होने वाले लोगों की नींद गायब हो गई है. इससे उनकी इम्यूनिटी पर असर पड़ता है. नींद पूरी होना सिर्फ बेहतर महसूस होने के लिए जरूरी नहीं है. जब हम सो रहे होते हैं, तब हमारा शरीर कई जरूरी काम निपटा रहा होता है.
डॉयचे वैले पर कार्ला ब्लाइकर की रिपोर्ट-
क्या कोविड होने के बाद आपको सोने में दिक्कत होती है? पहले की तरह नींद नहीं आती? रतजगा सा रहने लगा है? ये लॉन्ग-कोविड का लक्षण हो सकता है. इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ होना और ब्रेन फॉगिंग भी लॉन्ग-कोविड के कुछ आम लक्षण हैं.
पिछले दिनों हुई विभिन्न रिसर्च में पता चला है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में बीमारी खत्म होने के लंबे समय बाद तक नींद से जुड़ी परेशानियां बनी रह सकती हैं. दुनियाभर में कई रिसर्च टीमों ने कोविड मरीजों या लॉन्ग-कोविड से जूझ रहे लोगों की नींद और उनके सोने के तरीके पर शोध किया. इनसे ये जानकारी सामने आई कि कई प्रभावित लोग "स्लीप डिस्टर्बेंस" की समस्या का सामना कर रहे हैं.
इस टर्म का आशय ऐसी दिक्कतों से जुड़ा है, जिनमें लोगों को नींद आने या रातभर सोए रहने में दिक्कत आती है. इनमें इनसोम्निया प्रमुख है. इससे पीड़ित लोगों को देर से नींद आती है. रात में कई बार उनकी नींद टूटती है या नींद पूरी हुए बिना सुबह काफी जल्दी आंख खुल जाती है.
कोरोना संक्रमण के दौरान और इसके बाद नींद की दिक्कतें
कई शोधों से पता चला है कि कोविड होने के बाद नींद में परेशानी होना इक्का-दुक्का लोगों की समस्या नहीं है. करीब 250 रिसर्चों के डेटा की जांच में सामने आया कि कोविड से संक्रमित करीब 52 फीसदी लोगों को इंफेक्शन के दौरान नींद से जुड़ी दिक्कतें होती हैं. 49 देशों के करीब पांच लाख लोगों के विश्लेषण में ये डेटा मिला है. ऐसा नहीं कि संक्रमण के जोर पर होने से ही लोगों को परेशानी हुई हो.
2022 की एक ऑब्जर्वेशनल स्टडी में अमेरिका के रिसर्चरों ने 710 प्रतिभागियों को स्वास्थ्य उपकरण पहनाए. इन उपकरणों ने उन प्रतिभागियों की सांस की रफ्तार, दिल की धड़कन, ऑक्सीजन स्तर जैसी चीजें मापीं. इस डेटा से पता चला कि लॉन्ग-कोविड के 122 मरीज, उन 588 प्रतिभागियों के मुकाबले कम सोये जिन्हें कोविड नहीं हुआ था. साथ ही, लॉन्ग-कोविड के उन मरीजों की नींद की क्वॉलिटी भी खराब थी.
जर्नल ईक्लिनिक मेडिसिन में छपी ऐसी ही एक और रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 56 देशों के करीब 3,762 प्रतिभागियों को ऑनलाइन फॉर्म भेजे, जिनमें कई सवाल पूछे गए थे. इन सबको लॉन्ग-कोविड हुआ था. जून से नवंबर 2020 के बीच प्रतिभागियों से जो जवाब मिले, उनसे पता चला कि उनमें से लगभग 80 फीसदी लोगों को नींद की परेशानी हो रही है. इन दिक्कतों में इनसोम्निया की तादाद सबसे ज्यादा पाई गई.
क्यों जरूरी है लोगों के लिए नींद
इंसानों के लिए नींद बेहद जरूरी है. अगर रात में नींद पूरी ना हो पाए, या कम देर ही सो सकें, तो अगले दिन लोगों को अच्छा महसूस नहीं होता. उन्हें ध्यान लगाने या काम करने में दिक्कत होती है. जब हम नींद में होते हैं, उस दौरान हमारा शरीर भी खुद को रिचार्ज और दुरुस्त करता है. नींद से हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी मजबूत होती है और हम संक्रमणों का बेहतर तरीके से सामना कर पाते हैं.
लिंफ नोड्स में टी-सेल्स के रीडिस्ट्रिब्यूशन के लिए भी नींद मददगार है. टी-सेल्स श्वेत रक्त-कोशिकाएं होती हैं, जो कि हमारी इम्यूनिटी में बेहद अहम भूमिका निभाती हैं. ये ऐंटीबॉडी रिलीज करती हैं, जो कि वायरस की मौजूदगी को खत्म करता है. जब हम सो रहे होते हैं, उस दौरान हमारा शरीर कई जरूरी काम कर रहा होता है. मसलन, याददाश्त के अहम हिस्सों को संजोना. नई जानकारियों को जमा करना. बेकार के ब्योरों से छुटकारा पाना.
रिसर्च बताते हैं कि पढ़ाई करके सोने पर हमने जो पढ़ा होता है, उसे दिमाग याददाश्त में तब्दील करके अपने भीतर जमा कर लेता है. स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, अगले दिन उठकर हम नई चीजें सीख पाएं, नई जानकारियां हासिल कर पाएं, इसकी तैयारी भी दिमाग नींद के दौरान ही करता है. (dw.com)
लाहौर, 12 जनवरी। पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही ने बुधवार को आधी रात को विश्वास मत हासिल किया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग- (नवाज) के पंजाब के गवर्नर बालीगुर रहमान ने विधानसभा भंग होने से रोकने के लिए पिछले महीने मुख्यमंत्री इलाही को विश्वास मत साबित करने को कहा था। इसके बाद उनके आदेश का पालन न करने पर उन्होंने इलाही और उनके मंत्रिमंडल को भंग कर दिया था। हालांकि लाहौर उच्च न्यायालय ने यह फैसला पलट दिया था।
लाहौर उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई की और कहा कि मुख्यमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होगा।
अदालत के आदेश के बाद इलाही ने विपक्ष के विरोध के बीच बुधवार देर रात एक बजे तक चले सत्र में पंजाब विधानसभा से आवश्यक 186 वोट हासिल किए।
पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष सिब्तैन खान ने सत्र की अध्यक्षता की और कहा कि मुख्यमंत्री इलाही को विश्वास मत हासिल करने के लिए आवश्यक 186 वोट मिल गए हैं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेतृत्व में विपक्ष ने सत्र का बहिष्कार किया और विश्वास मत प्रक्रिया को अदालत में चुनौती देने की घोषणा की।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की हुकूमत वाले प्रांतों (पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा) की विधानसभाओं को भंग करने की घोषणा की थी, ताकि पीएमएल-एन के नेतृत्व वाले संघीय गठबंधन पर मध्यावधि चुनाव कराने का दबाव बनाया जा सके। (भाषा)
(ललित के. झा)
वाशिंगटन,12 जनवरी। व्हाइट हाउस ने कहा कि पायलटों और अन्य कर्मियों को हवाई मुद्दों के बारे में अलर्ट करने वाली एक प्रणाली में तकनीकी खराबी आने के मामले में किसी साइबर हमले के कोई सबूत नहीं हैं। तकनीकी खराबी आने के चलते अमेरिका में सैकड़ों विमानों का परिचालन रोक दिया गया था।
उड़ानों पर नजर रखने वाली कंपनी ‘फ्लाइट अवेयर’ के अनुसार इस खराबी के कारण घरेलू, अमेरिका आने तथा यहां से जाने वाली 9,500 से अधिक उड़ानों के परिचालन में देरी हुई, जबकि 1,300 उड़ाने रद्द की गईं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ फिलहाल साइबर हमले का कोई सबूत नहीं है। राष्ट्रपति ने परिवहन मंत्रालय को कारणों की पूरी जांच करने और इसके बार में जानकारी देने का निर्देश दिया है। प्रतिदिन हवाई सफर करने वाले अमेरिकियों की सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे सुरक्षित हों। यह राष्ट्रपति, परिवहन मंत्रालय खास तौर पर एफएए की शीर्ष प्राथमिकता है। हम कारणों के बारे में जानना चाहते हैं ताकि ऐसा दोबारा न हो।’’
परिवहन मंत्री पेटे बटिगिएग ने कहा कि उन्होंने मूल कारणों को जानने के लिए एक प्रक्रिया का निर्देश दिया है और आगे की कार्रवाई के संबंध में कुछ सिफारिशें भी की हैं। (भाषा)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारतीय कंपनी मरीन बायोटेक के दो कफ़ सिरप को इस्तेमाल ना करने की सिफ़ारिश की है.
चिकित्सकीय उत्पाद को लेकर जारी चेतावनी में डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि मरीन बायोटेक के दो दूषित चिकित्सकीय उत्पाद (कफ़ सिरप) गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं पर खरे नहीं उतरे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इन कफ़ सिरप की बिक्री को पूरी तरह रोकना ज़रूरी है. इसके लिए प्रभावित देशों और इलाक़ों में आपूर्ति को लेकर निगरानी बढ़ाई जाए.
उज़्बेकिस्तान ने मरीन बायोटेक के दो कफ़ सिरप से 19 बच्चों की मौत होने का आरोप लगाया था. ये कंपनी उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है.
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के मुताबिक़, ''ये दो उत्पाद 22 दिसंबर, 2022 को उज़्बेकिस्तान में पहचाने गए थे. ये उत्पाद हैं AMBRONOL सिरप और DOK-1 Max सिरप. इन दोनों उत्पादों का निर्माण मरीन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड करती है. तब से अब तक कंपनी ने डब्ल्यूएचओ को गुणवत्ता को लेकर कोई गारंटी नहीं दी है.''
उज़्बेकिस्तान में की गई जांच में इन कफ़ सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाइकोल अस्वीकृत मात्रा में पाया गया था.
गुरुवार को उत्तर प्रदेश ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मरीन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर दिया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गौतमबुद्ध नगर ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बाबर ने कहा था, ''पर्याप्त दस्तावेज़ ना देने के चलते हम मरीन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर रहे हैं. साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.'' (bbc.com/hindi)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस के शीर्ष कमांडर सर्गेई सुरोविकिन को उनके पद से हटा दिया है. उन्हें यूक्रेन में तीन महीने पहले ही नियुक्त किया गया था.
अब चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ वलियरी गेरासिमोफ़ इस 'विशेष सैन्य अभियान' का नेतृत्व करेंगे.
जनरल गेरासिमोफ़ ने सर्गेई सुरोविकिन की जगह नियुक्त किया गया है. शीर्ष कमांडर के तौर पर सुरोविकिन रूस की संयुक्त सेनाओं के प्रमुख थे.
सुरोविकिन ने हाल ही में यूक्रेन के ऊर्जा से जुड़े बुनियादी ढांचे पर हमले की ज़िम्मेदारी संभाली थी.
ये बदलाव तब हुआ है जब रूस ने दावा किया है कि वो पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रहा है. रूस ने यूक्रेन में पिछले साल 24 फ़रवरी को हमला किया था.
जनरल गेरासिमोफ़ साल 2012 से चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ के पद पर बने हुए हैं. वो सोवियत काल के बाद सबसे लंबे समय तक अपने पद पर रहने वाले चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ हैं.
जनरल सुरोविकिन अब उनके डिप्टी के तौर पर काम करेंगे. उन्हें पिछले युद्धों में उनकी क्रूर नीतियों के लिए जाना जाता है. जिसमें सीरिया में रूस के अभियान और अलेप्पो शहर में भारी बमबारी शामिल है.
इसके तुरंत बाद उन्हें अक्टूबर में इस अभियान का नेतृत्व सौंपा गया. तब रूस यूक्रेन में ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को ख़त्म करना चाहता था. खेरसोन से रूसी सेना के निकलने के दौरान भी सुरोविकिन मौजूद थे.
रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सुरोविकिन की जगह किसी और को लाने का मक़सद है ''सेना की अलग-अलग शाखाओं के बीच नज़दीकी संपर्क बनाना और प्रबंधन की गुणवत्ता और प्रभाव में सुधार करना.''
लेकिन, ऐसा भी कहा जा रहा है कि सुरोविकिन ने बहुत ज़्यादा ताक़त हासिल कर ली थी.
सैन्य मामलों के जानकार रोब ली ने ट्वीट पर लिखा, ''तीनों सेनाओं के कमांडर के तौर पर सुरोविकिन बहुत ताक़तवर हो रहे थे और राष्ट्रपति पुतिन से बात करते हुए रक्षा मंत्री और गेरासिमो को नज़रअंदाज करते रहे थे.''
तालिबान प्रशासन ने बताया है कि अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पास एक आत्मघाती हमले में कम से कम बीस लोगों की मौत हो गई है.
इस्लामिक स्टेट ने पिछले एक साल में अफ़ग़ानिस्तान में कई धमाकों की ज़िम्मेदारी ली है.
हालांकि आज हुए हमले की ज़िम्मेदारी किसी संगठन ने फ़िलहाल नहीं ली है. (bbc.com/hindi)
पेरिस, 11 जनवरी। पेरिस के व्यस्त गारे डू नॉर्ड रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह एक शख्स ने बिना किसी उकसावे के चाकू जैसे हथियार से हमला कर छह लोगों को घायल कर दिया।
फ्रांस के गृह मंत्री ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हमलावर को गोली मार कर घायल कर दिया है।
गृह मंत्री गेराल्ड डर्मेनिन ने घटनास्थल पर पत्रकारों को बताया कि हमलावर ने एक पुलिस अधिकारी सहित कई लोगों पर सुबह व्यस्त समय के दौरान “धारदार हथियार” से हमला किया था। उनके साथ पेरिस की महापौर एनी हिडाल्गो भी थीं।
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अनाम हमलावर वर्तमान में एक अस्पताल में भर्ती है, उसे सीने में गोली लगी है।
डर्मेनिन ने पुलिस की “प्रभावी व साहसी प्रतिक्रिया” के लिये सराहना की।
उन्होंने कहा, “तुरंत जवाबी कार्रवाई नहीं की जाती तो निश्चित रूप से लोगों की जान जाती।” उन्होंने बताया कि हमला करने के एक मिनट के अंदर आरोपी पर काबू पा लिया गया।
उन्होंने कहा, “हमले की जानकारी सबसे पहले 6 बजकर 42 मिनट पर मिली। उसकी हिंसा के बाद छह बजकर 43 मिनट पर पुलिस ने अपने हथियार का इस्तेमाल किया।”
डर्मेनिन ने कहा कि हमलावर का हथियार “चाकू नहीं था” लेकिन संभवत: घर पर बनाया गया हथियार था। उन्होंने कहा कि संदिग्ध ने कथित तौर पर हमले के दौरान कुछ नहीं कहा और हमलावर के किसी चरमपंथी संपर्क के बारे में जांचकर्ताओं को अभी कुछ नहीं मिला है।
फ्रांसीसी मीडिया की खबर के अनुसार, संदिग्ध पहले ट्रेन स्टेशन के सामने एक व्यक्ति से टकराया फिर उस पर धारदार हथियार से 15 बार वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। हमलावर इसके बाद स्टेशन के अंदर गया और चार अन्य लोगों के साथ ही एक पुलिसकर्मी पर हमला किया।
डर्मेनिन ने कहा कि शोर सुनकर वहां मौजूद दो अन्य पुलिस अधिकारी हरकत में आए और हमलावर को रोकने के लिये दखल दिया। उस वक्त हमलावर पुलिसकर्मी पर हमला कर रहा था। फ्रांस के सीमा प्रहरी विभाग के अधिकारी की पीठ में छुरा घोंपा गया था, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट के कारण वह गंभीर रूप से घायल होने से बच गया।
अधिकारियों ने कहा कि जिस व्यक्ति पर आरोपी ने स्टेशन के बाहर हमला किया था, केवल उसे ही गंभीर चोट आई हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गारे डू नॉर्ड फ्रांस की राजधानी के सबसे व्यस्त यात्री स्टेशनों में से एक है।
हमले की वजह से यहां रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं। (एपी)
अमेरिका में हवाई सेवा कुछ घंटों तक ठप रहने के बाद फिर से शुरू हो रही हैं.
अमेरिका के फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "नॉर्मल हवाई सेना धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रही है. फ्लाइट क्रू को सुरक्षा जानकारी प्रदान करने वाली नोटिस टू एयर मिशन प्रणाली में रात में ख़राबी आई थी. विमानों के उड़ान से रोक हटा ली गई है. हम समस्या के कारणों की जांच कर रहे हैं."
नोटिस टू एयर मिशन वो प्रणाली है जो पायलट उसके रूट पर किसी ख़तरे की आशंका पर अलर्ट भेजता है.
इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा था कि घटना के पीछे साइबर हमला होने की अटकलों को ख़ारिज किया था.
उन्होंने कहा, "साइबर हमले से जुड़ा कोई सबूत इस समय नहीं मिला है लेकिन राष्ट्रपति ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट को पूरी जांच करने के निर्देष दिए हैं."
राष्ट्रपति जो बाइडन ने पत्रकारों के बात करते हुए कहा कि एफ़एए को अभी तक कारण का पता नहीं है.
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि दो घंटो के अंदर उनके पास इस बात की अच्छी समझ होगी कि इसके पीछे के कारण क्या थे और समय रहते कदम उठाएंगे." (bbc.com/hindi)
जापानी फ़ैशन चेन यूनिक्लो (Uniqlo) ने कहा है कि वो जापान में अपने कर्मचारियों का वेतन 40 फ़ीसदी बढ़ाएगी.
कंपनी ने कहा कि ये नई नीति केवल जापान में कंपनी के स्थायी कर्मचारियों पर ही लागू होगी. मार्च के शुरुआत से यूनिक्लो के कर्मियों को बढ़ी हुई दर से वेतन मिलेगा.
बीते सप्ताह जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा ने कंपनियों से महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का आग्रह किया था.
जापान में महंगाई बीते कई दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
इस फ़ैसले के पीछे कारण बताते हुए कंपनी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हर कर्मचारी को उनकी प्रतिभा और महत्वकांक्षाओं के अनुरूप वेतन मिले और वैश्विक मानकों के अनुरूप कंपनी के विकास की क्षमता भी बढ़े."
नई नीति के तहत अब यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट्स को हर महीने 300,000 येन (करीब 1 लाख 85 हज़ार रुपए) मिलेंगे. अभी तक उन्हें हर महीने 2,55,000 येन मिल रहे थे.
वहीं स्टोर मैनेजरों के वेतन में भी कंपनी ने 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है. (bbc.com/hindi)
अमेरिका में राष्ट्रीय नियंत्रण प्रणाली के नोटिस टू एयर मिशन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण कई अमेरिकी उड़ानों के संचालन में देरी हो रही है.
फे़डरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के कंप्यूटर सिस्टम में कुछ गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है.
फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक वो गड़बड़ी को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं.
ये वो प्रणाली है जो पायलट उसके रूट पर किसी ख़तरे की आशंका पर अलर्ट भेजता है. एफ़एए ने कहा, "पूरे देश के एयरस्पेस के ऑपरेशन पर असर पड़ा है."
एक बयान में, एफएए ने कहा कि कुछ कार्य ऑनलाइन वापस आने लगे हैं, लेकिन "राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र प्रणाली का संचालन सीमित है".
एफएए ने कहा कि वो लगातार इस बारे में अपडेट करता रहेगा.
ताज़ा अपडेट में एफएए ने कहा है कि सभी घरेलू विमान सेवाएं डेढ़ घंटे तक उपलब्ध नहीं होंगी. (bbc.com/hindi)
लंदन पुलिस हीथ्रो एयरपोर्ट पर एक महीने पहले मिले उस मेटल की जांच कर रही हैं जिसमें यूरेनियम था.
29 सितंबर को अलर्ट जारी होने के बाद मेट्रोपॉलिटन पुलिस का काउंटर टेररिज़म कमांड हरकत में आया था. 'द सन' अख़बार के मुताबिक एयरपोर्ट पर लगे स्कैनर ने सबसे पहले अलार्म बजाया.
ये मेटल कहां जा रहा था इससे जुड़ी जानकारी मौजूद नहीं है.
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा, "हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि बॉर्डर फ़ोर्स ने काउंटर टेरररिज़म कमांड से संपर्क किया था. हीथ्रों पर एक रूटीन सक्रीनिंग के दौरान यूके आने वाले एक पैकेज में बहुत कम मात्रा में कंटेमिनेटेड मटेरियल मिला था."
पहली बार 'द सन' अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक यूरेनियम पाकिस्तान के आया था.
इस बात की जांच की जा रही है कि क्या यूरेनियम मेटल को ग़लत तरीके से हैंडल करने का कारण वहां पहुंच गया.
एक सूत्र के मुताबिक ये स्क्रैप मेटल के साथ मिला था. पुलिस के मुताबिक इससे लोगों को ख़तरा नहीं था. (bbc.com/hindi)
काबुल, 11 जनवरी खेल के प्रति नूरा का जुनून इस कदर था कि उसने परिवार के विरोध के बावजूद बरसों इससे दूरी नहीं बनाई। मां की मार और पड़ोसियों के ताने भी उसे अपना पसंदीदा खेल खेलने से नहीं रोक सके।
लेकिन, अब अफगानिस्तान की यह 20 वर्षीय महिला एथलीट मुल्क के तालिबान शासकों की नाफरमानी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
नूरा और अफगान महिला एथलीटों के मुताबिक, तालिबान ने न सिर्फ लड़कियों और महिलाओं के किसी भी खेल गतिविधि में हिस्सा लेने पर पाबंदी लगा दी है, बल्कि उन महिलाओं और लड़कियों को लगातार धमकाया और प्रताड़ित किया गया है, जो कभी खेल क्षेत्र में सक्रिय थीं। यहां तक कि वे निजी रूप से अभ्यास करने पर भी गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।
नूरा पूरी तरह से टूट गई है। वह कहती है, “मैं अब पहले जैसी नहीं रह गई हूं। तालिबान के आने के बाद से मुझे लगता है कि मैं मर चुकी हूं।”
अफगानिस्तान में पहले अलग-अलग खेलों में सक्रिय कई लड़कियों और महिलाओं ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि तालिबान उन्हें फोन करके या घर पहुंचकर खेल गतिविधियों में हिस्सा न लेने की धमकी दे रहे हैं।
इन लड़कियों और महिलाओं ने ‘एपी’ के फोटोग्राफर से अपने पसंदीदा उपकरणों के साथ तस्वीर भी खिंचवाई। हालांकि, तालिबान के खौफ के चलते उन्होंने बुर्के से अपनी पहचान छिपा रखी थी।
इन लड़कियों और महिलाओं ने कहा कि वे आमतौर पर बुर्का नहीं पहनती हैं, लेकिन अब घर से बाहर निकलते समय वे अक्सर इसे पहनती हैं, ताकि अपनी पहचान छिपा सकें और उत्पीड़न से बच पाएं।
खेल गतिविधियों पर रोक तालिबान द्वारा महिलाओं और लड़कियों के जीवन को सीमित करने वाले विभिन्न प्रतिबंधों में से एक है। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने लड़कियों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई करने पर रोक लगा दी है। पिछले महीने उन्होंने महिलाओं के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
तालिबान की हुकूमत में अफगान महिलाओं का सार्वजनिक स्थलों पर बाल और चेहरा ढकना अनिवार्य है। उन्होंने महिलाओं के पार्क और जिम जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा, अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसर भी सीमित कर दिए गए हैं। हाल ही में तालिबान ने गैर-सरकारी संगठनों को महिला कर्मचारियों की नियुक्ति से प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे देश में मानवीय सहायता की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है।
20 साल की मार्शल आर्टिस्ट सरीना याद करती है कि कैसे वह अगस्त 2021 में काबुल के एक स्पोर्ट्स हॉल में स्थानीय महिला स्पर्धा में हिस्सा ले रही थी, तभी खबर आई कि तालिबान शहर के बाहरी इलाके तक पहुंच गए हैं और देखते-देखते ही सभी महिला प्रतिभागी और दर्शक हॉल छोड़कर भाग गईं।
सरीना के अनुसार, यह आखिरी स्पर्धा थी, जिसमें उसने हिस्सा लिया। वह कहती है, कुछ महीनों बाद उसने लड़कियों को निजी तौर पर प्रशिक्षण देने की कोशिश की, लेकिन तालिबान के लड़ाकों ने उस जिम पर छापा मारा, जहां वे अभ्यास कर रही थीं और सभी को हिरासत में ले लिया।
सरीना के मुताबिक, हिरासत में लड़कियों को अपमानित एवं प्रताड़ित किया गया। बड़े-बुजुर्गों के दखल के बाद भविष्य में खेल गतिविधियों में शामिल न होने का वादा करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
सरीना के अनुसार, वह घर में अभी भी मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करती है और चोरी-छिपे अपनी सहेलियों को भी सिखाती है। वह कहती है, “मेरे लिए जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई है, लेकिन मैं यौद्धा हूं। इसलिए मैं अपने हिसाब से जीना और लड़ना जारी रखूंगी।”
इस बीच, तालिबान के खेल संगठन और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रवक्ता मुशवानेय ने कहा कि प्राधिकारी महिलाओं के लिए अलग खेल परिसर स्थापित करके उनके लिए खेल गतिविधियों को बहाल करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बाबत कोई समयसीमा नहीं बताई और कहा कि ऐसा करने के लिए धन की जरूरत पड़ेगी।
तालिबान इससे पहले, सातवीं और उससे ऊपर की कक्षाओं की छात्राओं को स्कूल लौटने का अवसर देने का वादा भी कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया है। (एपी)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 11 जनवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि उनके एक निजी कार्यालय में कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने कभी ‘वाशिंगटन थिंक टैंक’ कार्यालय के रूप में किया था। उन्होंने कहा कि वह इन दस्तावेजों की समीक्षा में ‘‘पूरी तरह से सहयोग’’ करेंगे।
मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान के सरकारी रिकॉर्ड उनके ‘थिंक टैंक कार्यालय’ ले जाए गए थे।
बाइडन ने 2017 के मध्य से समय-समय पर इस कार्यालय का उपयोग किया। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2020 के राष्ट्रपति अभियान की शुरुआत तक उन्होंने इस जगह का इस्तेमाल किया।
बाइडन ने मैक्सिको सिटी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोग जानते हैं कि मैं गोपनीय दस्तावेजों या गोपनीय सूचनाओं को गंभीरता से लेता हूं। जब मेरे वकील पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में मेरे कार्यालय में दस्तावेजों को देख रहे थे, तो उन्होंने मेरे लिए कैपिटल में एक सुरक्षित कार्यालय स्थापित किया था। उपराष्ट्रपति के कार्यकाल के बाद चार साल तक मैं पेन में प्रोफेसर था।’’
तीनों नेता 10वें उत्तर अमेरिकी नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मेक्सिको सिटी में हैं।
एक दिन पहले व्हाइट हाउस ने कहा था कि न्याय विभाग यहां बाइडन के थिंक-टैंक कार्यालय में पाए गए, पिछले ओबामा-बाइडन प्रशासन के ‘‘कुछ गोपनीय दस्तावेजों’’ की समीक्षा कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जब इस बारे में बताया गया तो यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वहां कोई सरकारी रिकॉर्ड था जो उस कार्यालय में ले जाया गया था, लेकिन मुझे यह जानकारी नहीं है कि उन दस्तावेजों में क्या है।’’ (भाषा)
बीते दिनों किम जोंग मिसाइल लॉन्च के मौके पर अपनी 12 साल की बेटी किम जू के साथ नजर आए. सेना के बड़े अधिकारी किम जू के आगे सिर झुकाते दिखे. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद किम जोंग बेटी को वारिस चुन सकते हैं.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन, बीते दिनों अपनी बेटी के साथ नजर आए. नवंबर 2022 में एक मिसाइल लॉन्च के मौके पर अपनी बेटी का हाथ थामे उनकी तस्वीरें बाहर आईं. उनकी बड़ी बेटी किम जू ए, उनके साथ सैनिकों का अभिवादन स्वीकार करती भी दिखीं. खबरों के मुताबिक, किम जू 12 साल की है. किके तीन बच्चों में वो दूसरे नंबर की है. कथित तौर पर इसके अलावा भी किम के दो और बच्चे हैं - एक बेटा और एक और बेटी.
किम जोंग उन के साथ किम जू के सार्वजनिक तौर पर नजर आने के कई मायने निकाले गए. दक्षिण कोरिया के खुफिया विभाग ने इसका अनुवाद कुछ यूं किया कि शायद किम इस बहाने दुनिया को संकेत देना चाहते हैं कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी उत्तर कोरिया की सत्ता पर अपना नियंत्रण बनाए रखेंगी. यानी, किम के बच्चे भी तानाशाही की पारिवारिक परंपरा का हिस्सा बनेंगे. जनवरी 2023 में दक्षिण कोरिया की नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस ने देश के वरिष्ठ राजनेताओं को दी गई एक ब्रीफिंग में बताया कि किम जोंग, अपनी बेटी को सार्वजनिक जगहों पर साथ ले जाकर उसे अपना राजनैतिक वारिस चुनने से जुड़ा स्पष्ट संकेत दे रहे हैं.
हालांकि कई जानकार कहते हैं कि अभी किम जू के उत्तराधिकारी बनने की संभावनाओं पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है. इस तर्क के पीछे वजह है, उत्तर कोरिया का पुरुष प्रधान समाज. ऐसे माहौल में अगर आगे चलकर किम जोंग बेटी को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला करते हैं, तो देश की सेना और राजनीति में बड़े पदों पर बैठे पुरुष विरोध कर सकते हैं.
स्पष्ट नहीं है किम की मंशा
विश्लेषकों का कहना है कि किम की मंशा केवल वही जानते हैं. उत्तर कोरिया की मीडिया से आई तस्वीरों में देश के वरिष्ठ अधिकारी किम जू के आगे सिर झुकाते हुए नजर आते हैं. साथ ही, वहां की मीडिया किम जू को अपने पिता का सबसे प्यारा बच्चा भी बताती है. यहां एक गौर करने वाली बात यह भी है कि किम जू के दूसरे भाई-बहनों के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है.
दिसंबर 2011 में अपने पिता की अचानक हुई मौत के बाद किम जोंग ने उनकी जगह ली. हालांकि इससे पहले कई साल तक उन्हें अपने पिता का राजनैतिक वारिस नहीं माना जाता था. लंबे समय तक ये माना जाता था कि किम जोंग के सौतेले बड़े भाई किम जोंग नाम को सत्ता मिलेगी. लेकिन 2001 में किम जोंग नाम को टोक्यो के एक हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया. वह डोमिनिकन रिपब्लिक के एक फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे थे और उनका इरादा डिज्नीलैंड घूमने का था.
खबरों के मुताबिक, इस घटना से उनके पिता किम जोंग इल बेहद नाराज हुए थे. आगे चलकर उत्तराधिकार की रेस में भले किम जोंग ने अपने भाई किम जोंग नाम से बाजी मार ली हो, लेकिन इसके बाद भी वह उन्हें अपनी सत्ता के लिए खतरा मानते रहे. फरवरी 2017 में कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर किम जोंग नाम की हत्या कर दी गई. उन्हें मारने के लिए वीएक्स नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया गया. खबरों के मुताबिक, हत्यारे जल्द ही उत्तर कोरिया भाग गए.
क्या किम जोंग उन बीमार हैं?
उत्तर कोरिया से आ रहे कुछ संकेतों से अनुमान लगाया जा रहा है कि किम जोंग की सेहत ठीक नहीं है. उनका वजन ज्यादा है. सिगरेट पीने की भी लत है. ऐसी भी आशंका है कि अपने पिता की तरह उन्हें भी आर्थराइटिस और डायबिटीज की समस्या है. वो अभी केवल 39 साल के हैं, लेकिन शायद स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों के कारण अभी से ही उनके राजनैतिक वारिस पर चर्चा शुरू हो गई है.
उत्तराधिकारी की संभावनाओं पर बात करते हुए तोक्यो की वासेदा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर तोशिमित्सु शिगेमूरा बताते हैं, "मुझे यह बहुत मुमकिन नहीं लगता कि ये लड़की (किम जू) अपने पिता की जगह ले सकेगी. इसकी मुख्य वजह ये है कि वो लड़की है." प्रोफेसर तोशिमित्सु ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "उत्तर कोरिया बेहद रूढ़िवादी और कन्फ्यूशियनिस्ट समाज है. इसका मतलब यह है कि किम जू का अपने पिता का उत्तराधिकारी बनकर सामने आना नामुमकिन है." प्रोफेसर तोशिमित्सु ने यह भी बताया कि समय आने पर किम जोंग अपने बेटे को उत्तराधिकारी बनाएंगे क्योंकि वह सत्ता प्रमुख का पद अपने ही परिवार में रखना चाहेंगे.
उत्तर कोरिया में इसे "पाकेतु ब्लडलाइन" कहा जाता है. माउंट पाकेतु, चीन के साथ जुड़ी उत्तर कोरिया की सीमा के पास है. उत्तर कोरिया के प्रोपेगैंडा चैनल्स दावा करते हैं कि इसी जगह पर किम जोंग के दादा और देश के संस्थापक किम जोंग उन का गुरिल्ला बेस था. 1940 के दशक में यहीं से वो जापानी औपनिवेशिक ताकतों से लड़ते थे. हालांकि कई जगहों पर यह भी जानकारी मिलती है कि किम जोंग उन ने अपना ज्यादातर समय रूस में विस्थापित लोगों के लिए बने शिविरों में गुजारा. वो कोरियन युद्ध खत्म होने तक यहीं रहे और युद्ध के बाद रूस ने अपने कठपुतली शासक के तौर पर उन्हें नॉर्थ कोरिया की सत्ता में स्थापित किया.
असंतोष को दबाने की कोशिश हो सकती है
प्रोफेसर तोशिमित्सु का मानना है कि अपनी बेटी के साथ नजर आना किम जोंग की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकती है. इसके बहाने वो लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं. यह संकेत देना चाहते हैं कि उनका परिवार एकसाथ है, सुखी है. इसके अलावा वो यह भी चाहते हैं कि देश की जनता एक पिता और लीडर के तौर पर उनसे प्रभावित हो.
उत्तर कोरियामें बुजुर्गों के बीच अब भी किम परिवार के लिए काफी सम्मान है. लेकिन विदेशी टीवी कार्यक्रमों और फिल्मों की देश में बढ़ती तस्करी के बीच युवाओं में किम परिवार के लिए समर्थन घट रहा है. ऐसे में बेटी के साथ दिखकर शायद किम यह संकेत देना चाहते हैं कि उनका परिवार आगे भी शासन करता रहेगा. यह बढ़ते असंतोष को दबाने की दिशा में उनकी एक कोशिश हो सकती है.
बोलिंगब्रूक (अमेरिका), 11 जनवरी। अमेरिका में उपनगरीय शिकागो टोलवे पर एक छोटे विमान को आपात स्थिति में उतारा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
हालांकि, घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बोलिंगब्रूक के दमकल अधिकारियों ने कहा कि विमान में केवल पायलट ही सवार था।
इलिनोइस राज्य पुलिस ने बताया कि बीचक्राफ्ट बोनांजा विमान बोलिंगब्रूक के पास दक्षिण की ओर अंतरराज्यीय टोलवे 355 के दाहिनी ओर स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजे उतरा।
पुलिस ने कहा कि जमीन पर कोई व्यक्ति, वाहन या अन्य वस्तु विमान की चपेट में नहीं आया तथा दोपहर में भीड़-भाड़ वाले समय के शुरू होने से ठीक पहले टोलवे पर यातायात बहाल कर दिया गया।
विमान निगरानी वेबसाइट ‘फ्लाइट अवेयर डॉट कॉम’ के मुताबिक, विमान विस्कॉन्सिन के मिडलटन से इलिनोइस के डाउनर्स ग्रोव में ब्रुकरिज एयर पार्क की तरफ उड़ान भर रहा था।
बोलिंगब्रूक दमकल विभाग ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि विमान के इंजन में खराबी आ गई, जिसके चलते इसकी आपात लैंडिंग करानी पड़ी। घटना के संबंध में तत्काल कोई अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। (एपी)
एपी सुरभि पारुल पारुल 1101 0924 बोलिंगब्रूक
हेन्ना गेलबर्ट और जुलियाना ग्रेग्रानी
रविवार को दुनिया ने देखा कि कैसे ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो के हजारों समर्थकों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर हमला बोला. यह देखकर सब स्तब्ध थे.
ऐसी ही तस्वीरें दुनिया ने दो साल पहले अमेरिका में देखी थी, जब डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक कैपिटल हिल पर चढ़ गए थे. उसी तरह बोलसोनारो के समर्थकों ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए राजधानी ब्रासीलिया में सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की.
समर्थकों का कहना था कि बोलसोनारो ही असल विजेता हैं और उन्हें ब्राज़ील का राष्ट्रपति होना चाहिए.
लेकिन ऐसा हिंसक विरोध प्रदर्शन, सुरक्षा एजेंसियों और सोशल मीडिया मॉडरेटर्स के होते हुए कैसे आयोजित किया गया?
बीबीसी ने इसे समझने की कोशिश की है
पार्टी का निमंत्रण
हाल के महीनों में बोलसोनारो के समर्थक, इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए कि बोलसोनारो चुनाव के असल विजेता हैं, सोशल मीडिया पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी फैला रहे हैं.
ब्राज़ील की संसद पर हमले से पहले के दिनों में ऐसी बयानबाजी तेज हो गई थी और इसमें उन छोटे रूपकों का सहारा लिया गया था जो बोलसोनारो के समर्थकों के विचार को मजबूत कर रहे थे. ब्राज़ील के लोगों से 'सेल्मा पार्टी' में शामिल होने के लिए कहा गया.
सेल्मा, सेल्वा शब्द पर बना एक नाटक है, जिसका पुर्तगाली में अर्थ जंगल है. इसका इस्तेमाल ब्राज़ील की सेना अभिवादन और युद्ध में हौसला बढ़ाने के लिए दहाड़ की तरह करती है.
राजधानी ब्रासीलिया में दंगों से चार दिन पहले सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर 'सेल्मा पार्टी' के बारे में एक वीडियो वायरल हुआ था.
इस वीडियो में एक व्यक्ति पार्टी के लिए क्या क्या चाहिए उसकी जानकारी दे रहा था. इसमें ब्राजीलियन चीनी का एक ब्रांड यूनियन, पांच मकई के भूट्टे शामिल थे. मकई शब्द वर्डप्ले की तरह इस्तेमाल किया गया.
'मिल्हो' का अर्थ है मक्का और 'मिल्हाओ' का अर्थ है मिलियन यानी दस लाख. इससे विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पचास लाख लोगों को न्यौता दिया गया था.
ब्राज़ील में बोलसोनारो की हार और लूला डा सिल्वा की जीत के क्या मायने हैं?
ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हिंसा पर रोक लगाते हैं और हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने के निमंत्रण को हटाने का काम करते हैं.
सेल्मा पार्टी, मक्का, मिल्हो, मिल्हाओ जैसे शब्दों का इस्तेमाल इसलिए किया गया ताकि ऐसे पोस्ट सोशल मीडिया मॉडरेटर्स की नजर में ना आ पाएं.
एक टिकटॉक वीडियो में एक महिला साफ तौर से कहती है कि वह अब टिकटॉक पर राजनीति के बारे में बात नहीं करती, क्योंकि वह नहीं चाहती कि उसके अकाउंट पर रोक लग जाए.
इसके बाद वह 'सेल्मा पार्टी' की बात करने लगती है. हालांकि बाद में इस वीडियो को हटा दिया गया.
अन्य जगहों पर लोग दूसरी पार्टियों के बारे में पोस्ट कर रहे हैं, जिनमें साओ पाउलो शहर का जिक्र करते हुए 'सेल्मा' की चचेरी बहन 'टेल्मा' और रियो डी जनेरियो में उनकी बहन 'वेल्मा' की बात की जा रही है. अभी के लिए इन घटनाओं ने बहुत लोगों का ध्यान अपनी और नहीं खींचा है.
जांच के दायरे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर है. जहां वीकेंड पर #festadaselma नाम का हैशटैग वायरल था. इस हैशटैग का इस्तेमाल लोगों को संसद, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के बाहर जमा करने के लिए किया गया था.
जब से एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया है उन्होंने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाया है. इन कर्मचारियों में ब्राज़ील के वे लोग भी शामिल हैं, जिनके ऊपर ब्राज़ील चुनाव में गलत जानकारियों से निपटने की जिम्मेदारी थी.
ये लोग एक तरह से कंटेट को प्लेटफार्म पर मॉडरेट करने का काम करते थे.
ट्विटर और मस्क ने बार बार कहा कि वे साइट पर सबसे नुकसान पहुंचाने वाले कंटेट को हटाने के काम में लगे हैं.
यह पहली बार नहीं है जब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गलत सूचनाओं के जरिए लोगों ने घरों से बाहर निकलकर लोकतंत्र पर हमला किया हो.
ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोर्सी ने 2021 में अमेरिका कैपिटल हिल घटना की सुनवाई के दौरान माना कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों ने हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई थी. (bbc.com/hindi)
नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने मंगलवार को संसद में विश्वास मत जीत लिया. सीपीएन-माओवादी सेंटर के 68 वर्षीय नेता ने पिछले साल 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
मतदान के दौरान प्रतिनिधि सभा में मौजूद 270 सदस्यों में से 268 ने प्रधानमंत्री प्रचंड के पक्ष में मतदान किया, जबकि 2 ने उनके खिलाफ मतदान किया.
बैठक की अध्यक्षता करने वाले जे बी राणा ने मतदान नहीं किया, जबकि चार अन्य विधायक अनुपस्थित रहे. प्रचंड को प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने के लिए 275 सदस्यीय संसद में केवल 138 मतों की आवश्यकता थी.
दिसंबर में नेपाल में राजनीतिक दलों के बीच सरकार बनाने को बनी सहमति के बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने पुष्प कमल दाहाल प्रचंड को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.
प्रचंड ने दूसरे दलों के साथ सहमति बनने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया था. प्रचंड की पार्टी सीपीएन-माओवादी सेंटर प्रतिनिधि सभा (संसद) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
इसके पहले विपक्षी सीपीएन (यूएमएल) और अन्य छोटी पार्टियों ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी सेंटर) के चेयरमैन पुष्प कमल दाहाल प्रचंड को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देने का एलान कर दिया.
इस बात को लेकर सहमति बनी है कि प्रचंड और ओली बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे जिसमें पहली बारी प्रचंड को मिलेगी. (bbc.com/hindi)