अंतरराष्ट्रीय
बैंकॉक, 30 दिसंबर। सैन्य शासित म्यांमा की एक अदालत ने शुक्रवार को देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक और मामले में दोषी ठहराया और उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई।
फरवरी 2021 में सेना द्वारा सू ची की निर्वाचित सरकार को गिराए जाने के बाद से उन पर कई राजनीतिक अभियोग लगाए गए और अब इस सजा के जुड़ने के साथ उन्हें कुल 33 वर्ष जेल में बिताने होंगे।
शुक्रवार को समाप्त हुए मामले में भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत सू ची के खिलाफ पांच आरोप थे। सू ची (77) को कई अन्य आरोपों मे भी दोषी ठहराया गया है जिनमें अवैध रूप से वॉकी-टॉकी का आयात करने और उन्हें रखने, कोरोना वायरस प्रतिबंधों का उल्लंघन करने, देश के सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने, देशद्रोह और चुनाव में धोखाधड़ी जैसे आरोप शामिल हैं।
इससे पहले उन्हें विभिन्न अपराधों के लिए कुल 26 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। उनके समर्थकों और स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए विभिन्न आरोपों का उद्देश्य सत्ता को अपने अधिकार में लेने के सैन्य शासन के प्रयास को वैध बनाना और चुनाव से पहले उन्हें राजनीति से दूर रखना है। म्यांमा के सैन्य शासन ने अगले साल चुनाव कराने का वादा किया है।
अधिकारियों द्वारा दंडित किए जाने के डर से नाम नहीं छापने के अनुरोध पर राजधानी के बाहरी इलाके में मुख्य जेल में विशेष रूप से बनाए गए अदालत कक्ष में शुक्रवार के फैसले से एक कानूनी अधिकारी ने अवगत कराया।
मुकदमे को मीडिया, राजनयिकों और लोगों से दूर रखा गया था और सू ची के वकीलों को इस बारे में बात करने की मनाही थी।
सू ची सरकार की वास्तविक प्रमुख थीं और उन्हें स्टेट कॉंउसलर की पदवी दी गई थीं। उनकी सरकार में विन मिंत राष्ट्रपति थे और वह भी मामले में सह-प्रतिवादी हैं।
प्रतिवादियों ने सैन्य शासक द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। आने वाले दिनों में उनके वकीलों द्वारा अपील किए जाने की उम्मीद है।
सैन्य सरकार ने एक बयान में कहा, "न्यायिक प्रक्रिया के पूरी हो जाने के बाद की परिस्थितियों के आधार पर, हम गौर करेंगे कि अब आगे कैसे बढ़ना है।" (एपी)
बेरूत, 30 दिसंबर। पूर्वी सीरिया में शुक्रवार को तेल उद्योग के कर्मचारियों को लेकर जा रही एक बस को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने राकेट हमला किया, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने यह जानकारी दी।
उत्तर में, सीरियाई कुर्द के नेतृत्व वाली सेना ने घोषणा की कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट समूह के ‘स्लीपर सेल’ के खिलाफ एक अभियान में 52 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया।
सीरिया के पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, रॉकेट पूर्वी दीर अल-जौर प्रांत में अल-तैम गैस क्षेत्र में गिरा। इस हमले की जिम्मेदारी का तत्काल किसी ने दावा नहीं किया लेकिन ब्रिटेन के एक युद्ध निगरानी समूह ‘ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने कहा कि हमले के पीछे ‘आईएस’ का हाथ है।
ऑब्जर्वेटरी ने रॉकेट हमले से मरने वालों की संख्या भी अधिक होने की सूचना देते हुए कहा कि कम से कम 12 कर्मचारी मारे गए।
अमेरिका समर्थित और कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक बलों ने शुक्रवार को यह भी कहा कि उनके छापे ने कथित तौर पर नए साल की पूर्व संध्या पर हमले की योजना को विफल कर दिया। बलों के एक बयान में कहा गया है कि आईएस आतंकवादी रिहायशी इलाकों और खेतों में छिपे हुए थे। (एपी)
इंडोनेशिया, 30 दिसंबर । इंडोनेशिया ने शुक्रवार को कोविड से जुड़े सभी प्रतिबंधों को ख़त्म कर दिया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बताया कि देश में ज़्यादातर लोगों में कोरोना के लड़ने वाली एंटीबॉडी मौजूद है.
राष्ट्रपति ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "भीड़ के जुटने और एक जगह से दूसरी जगह जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा."
एलान से पहले ही घूमने फिरने को लेकर प्रतिबंध उन लोगों के लिए हटा दिए गए थे जिन्होंने वैक्सीन की एक डोज़ ली थी, लेकिन मास्क पहनना और कोविड ट्रैकर एप का उपयोग अनिवार्य था.
इंडोनेशिया की 75 प्रतिशत आबादी, जो छह साल के अधिक उम्र की है, उन्हें वैक्सीन के दो डोज़ मिल चुके हैं. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर । विवादों में रहने वाले ऑनलाइन इंफ्लूएंसर एंड्रयू टेट को रोमनिया में हिरासत में लिया गया है. रोमानिया में मानव तस्करी और रेप की जांच के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया है.
टेट को उनके भाई ट्रिस्टन के साथ हिरासत में लिया गया और बुखारेस्ट में उनके घर पर रेड मारी गई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उनके भाई के वकील ने हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है.
टेट साल 2016 में चर्चा मे आए थे, जब एक महिला पर हमले के कारण उन्हें टीवी शो बिग ब्रदर से निकाल दिया गया था.
उन्हें ट्विटर ने भी बैन किया था क्योंकि उन्होंने कहा था कि यौन हिंसा के लिए 'महिला को ज़िम्मेदारी' लेनी चाहिए. हालांकि बाद में उनका अकाउंट चालू कर दिया गया था.
अभियोजन पक्ष ने रॉयटर्स को बताया कि चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, माना जा रहा है कि ये लोग एक ग्रुप का हिस्सा थे जो महिलाओं को पोर्न बनाने के लिए मजबूर करता था. (bbc.com/hindi)
कैनेरी द्वीप लांसारोते में अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाने की ट्रेनिंग कर रहे हैं. अटलांटिक सागर में ज्वालामुखी के फटने से बने इस स्पेनी द्वीप का लैंडस्केप चांद की सतह से बहुत मिलता जुलता है और ट्रेनिंग के लिए मुफीद है.
डॉयचे वैले पर सेबास्टियान किस्टर्स की रिपोर्ट-
हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने नए चंद्र मिशन आर्टेमिस वन का पहला चरण पूरा किया. अब यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) भी अपना चंद्र मिशन लॉन्च करने की तैयारी में जुटा है. इस मिशन का मकसद चंद्रमा पर पीने लायक पानी और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन पैदा करना है. इसके अलावा चंद्रमा की सतह से नमूने जुटाकर धरती पर लाने की भी योजना है. लेकिन चंद्रमा पर भेजे जाने वाले ऐसे मिशन की तैयारी कैसे की जा रही है?
यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसके लिए एक ऐसी जगह का चुनाव किया है जो चंद्रमा के लैंडस्केप से मिलता जुलता है. यह है अटलांटिक सागर में स्थित स्पेन के कैनेरी द्वीपों का सबसे पूर्व का द्वीप लांसारोते. दरअसल यहां का ज्वालामुखी के फटने से पैदा हुआ लैंडस्केप चंद्रमा की सतह से मेल खाता है.
चांद पर जाने के लिए यूरोप में ट्रेनिंग कैंप
यहां यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी मानव प्रशिक्षण और तकनीक जांचने के लिए प्रशिक्षण चला रही है. पिछले दिनों छह दिनों के एक ट्रेनिंग कैंप में जर्मन अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांडर गैर्स्ट ने भी हिस्सा लिया. उनके मुताबिक, "हम चंद्रमा पर जा रहे हैं. शायद अगले 3-4 साल में." गैर्स्ट ने बताया कि यहां लगातार कुछ चट्टानों को खोजने का अभ्यास किया जा रहा है. ऐसी चट्टानें, जो इतिहास की परतें खोल सकती हैं.
इस दौरान अंतरिक्ष यात्री धरती पर मौजूद वैज्ञानिकों से रेडियो संपर्क के जरिये जुड़े रहेंगे. करीब 50 साल पहले चंद्रमा पर पहुंचे अपोलो मिशन के मुकाबले, इस बार कुछ खास चट्टानें ढूंढने में धरती से मदद कर पाना आसान होगा.
चंद्रमा पर लैंड करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को क्या खोजना है, लांसारोते में यह अभ्यास बार-बार किया जा रहा है. यहां वे उपकरण भी टेस्ट किए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल चंद्रमा पर एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए करना होगा. जर्मन अंतरिक्ष यात्री गैर्स्ट कहते हैं, "हमें इसकी आदत हो गई है. धरती पर हमारे पास हर तरफ सैटेलाइट रिसीवर हैं, हर तरफ संपर्क के साधन हैं. लेकिन चंद्रमा पर हमारे पास वो सब नहीं है. हमें अपना नेविगेशन सिस्टम ले जाना होगा, अपने संपर्क के साधन ले जाने होंगे. और उन्हें टेस्ट किया जाना जरूरी है. और यहां पर पूरे सिस्टम को टेस्ट करने के लिए आदर्श परिस्थितियां हैं."
जर्मन अंतरिक्ष यात्री गैर्स्ट ने भी किए प्रयोग
अलेक्सांडर गैर्स्ट के लिए अंतरिक्ष नया नहीं है. वे अंतरिक्ष में करीब 1 साल बिता चुके हैं. हाल ही में वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र आईएसएस पर कमांडर की जिम्मेदारी में थे. इस दौरान उन्होंने वहां करीब 100 प्रयोग किये. अब इस फेहरिस्त में एक और बड़ा प्रयोग जुड़ सकता है, चंद्रमा पर एक शोध केंद्र स्थापित करना.
हालांकि गैर्स्ट इसे एक चुनौती मानते हैं. वह कहते हैं, "अंटार्कटिक की तरह ही चंद्रमा पर शोध केंद्र स्थापित करना चुनौतीपूर्ण होने वाला है क्योंकि अंतरिक्ष यात्री अपने साथ बहुत कुछ नहीं ले जा सकते." वे कहते हैं कि अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर सस्टेनेबल तरीके से जीना सीखना होगा. उन्हें चंद्रमा पर मौजूद संसाधनों का इस्तेमाल करना सीखना होगा और इसके लिए शायद पानी को हवा और ईंधन में तोड़ना भी होगा.
लांसारोते में प्रशिक्षण में भाग ले रहे अंतरिक्ष यात्री इसी की तैयारी कर रहे हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि 2028 तक वह चंद्रमा पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा सकते हैं. (dw.com)
भारत में पटाखों का जैसा इस्तेमाल दिवाली पर होता है, वही आलम जर्मनी में नए साल के मौके पर होता है. जर्मनी में पटाखों के इस्तेमाल के कई नियम भी हैं, फिर भी इन पर प्रतिबंध की मांग बढ़ रही है.
डॉयचे वैले पर महेश झा की रिपोर्ट-
पटाखों के पर्यावरण पर बुरे असर पर दुनिया भर में बहस चल रही है. कई दूसरे देशों की तरह जर्मनी में भी नये साल का स्वागत पटाखों से किया जाता है. लेकिन पटाखों की खरीद-बिक्री के लिए नियम-कायदे बने हैं, कि वह कब बिकेंगे, कहां बिकेंगे और कितने दिनों तक बिकेंगे. आम तौर पर पटाखे सिर्फ 29 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच खरीदे जा सकते हैं और अगर इन तीन दिनों में कोई रविवार हो जब दुकानें बंद होती हैं तो खरीदारी 28 दिसंबर से शुरू हो जाती है. साल बदलने के पहले के तीन दिनों में 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति पटाखे खरीद सकता है, चाहे सुपर मार्केट से खरीदे या फिर ऑनलाइन.
जर्मनी में दो तरह के पटाखे बिकते हैं. एक तो छोटे पटाखे जिसे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे भी खरीद सकते हैं. दूसरी कैटेगरी रॉकेट या पायरोटेकनिक जैसे बड़े पटाखों की है जिसे सिर्फ 18 साल से ज्यादा के लोग खरीद सकते हैं. सीमा कंट्रोल से मुक्त यूरोप में जर्मनी के लोग पटाखे विदेशों में भी खरीद सकते हैं, लेकिन वहां बिकने वाले बहुत से पटाखों पर जर्मनी में प्रतिबंध है. ऐसे में लोगों पर विदेशों से अवैध पटाखे लाने पर सजा होने का भी खतरा होता है.
पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है पटाखों से
पटाखे चलाने से जर्मनी में भी पर्यावरण प्रदूषण होता है. जर्मनी के संघीय पर्यावरण कार्यालय का कहना है कि पटाखों से हर साल 80 करोड़ टन कार्बन डाय ऑक्साइड पैदा होता है. भारत में जहां पटाखे पर रोक राजनीतिक विवाद का मुद्दा बन गया है, जर्मनी में भी इस पर रोक लगाने पर बहस हो रही है. पटाखे चलाने या न चलाने से लेकर पटाखों का उत्पादन तक बहस के केंद्र में है, क्योंकि पर्यावरण सुरक्षा और पटाखे चलाने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के अलावा पटाखे फोड़ने से पैदा होने वाला कचरा भी बड़ी समस्या है.
पटाखे के खोल में कागज और प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है. पटाखे फोड़ने से कागज और प्लास्टिक के टुकड़े इधर उधर फैल जाते हैं, जिन्हें जमा करना आसान नहीं होता. पटाखा कंपनियां उन्हें पर्यावरण के लिए कम नुकसानदेह बनाने की कोशिश कर रही हैं. मसलन रॉकेटों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के बदले कागज का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन पटाखों को पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल बनाने में अभी समय लगेगा.
उद्योग बेहाल लेकिन पर्यावरणवादी चाहते रोक
पटाखे बनाने वाली कंपनियां कोरोना महामारी के कारण दो साल तक पटाखों पर लगी रोक से बेहाल हैं तो दूसरी ओर उमवेल्टहिल्फे जैसी पर्यावरण संरक्षण संस्थाएं तो निजी स्तर पर पटाखे चलाने का ही विरोध कर रही है और पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांगकर रही है. पर्यावरण समर्थकों का कहना है कि पटाखों में इस्तेमाल होने वाली चीजों को रिसाइकल करना संभव नहीं है.
उनका कहना है कि पटाखों से होने वाला प्रदूषण और इसकी वजह से घायल होने वाले लोगों की तादाद अभी भी बहुत ज्यादा है. इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि वायु प्रदूषण सेहत के लिए नुकसानदेह है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हवा में पीएम10 की मात्रा 15 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन यूरोपीय संघ में यह सीमा औसत 40 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है और साल में 35 दिनों से ज्यादा यह सीमा पार नहीं होनी चाहिए.
जर्मन पर्यावरण कार्यालय के अनुसार 2019-20 में नए साल वाली रात देश के बड़े शहरों में पीएम10 की मात्रा कई शहरों में तो 1000 माइक्रोग्राम तक रही. जर्मनी की उपभोक्ता संस्था फरब्राउखरसेंट्राले की ब्रांडेनबुर्ग शाखा के एक सर्वे के अनुसार जर्मनी के 53 प्रतिशत लोग निजी तौर पर चलाए जाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का का समर्थन करते हैं. (dw.com)
कीव, 30 दिसंबर यूक्रेन में दस महीने से जारी युद्ध के बीच इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिले हैं कि रूसी सैनिकों ने युद्ध भूमि में आचरण और नागरिकों के साथ बर्ताव संबंधी अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए पूर्ण युद्ध छेड़ रखा है।
यूक्रेन अभी रूस के संभावित युद्ध अपराधों के 58 हजार से अधिक मामलों की जांच कर रहा है, जिनमें हत्या, अपहरण, अंधाधुंध बमबारी और यौन हमलों से जुड़े मामले शामिल हैं।
‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) और ‘फ्रंटलाइन’ की रिपोर्ट में स्वतंत्र रूप से 600 से अधिक ऐसे मामलों की पहचान की गई है, जिनमें युद्ध कानूनों का उल्लंघन किए जाने के संकेत मिलते हैं। इनमें से कुछ मामले सैकड़ों नागरिकों का नरसंहार करने वाले हमलों से जुड़े हैं।
द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुख्य अभियोजक करीम खान ने ‘एपी’ से कहा, “यूक्रेन एक अपराध स्थल है।” उनकी यह टिप्पणी एक कड़वा सच है। प्राधिकारियों के पास यूक्रेन में बड़े पैमाने पर रूसी युद्ध अपराधों के प्रमाण हैं। हालांकि, निकट भविष्य में यूक्रेनी नागरिकों पर हमला करने वाले सैनिकों, उन्हें आदेश देने वाले सैन्य अधिकारियों और हमलों को मंजूरी प्रदान करने वाले राजनेताओं को गिरफ्तार करने की कोई संभावना नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके पीछे कई वजहें हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी अधिकारी युद्ध क्षेत्र में पुख्ता सबूत जुटाने में काफी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यही नहीं, कथित युद्ध अपराधों को अंजाम देने वाले ज्यादातर सैनिक यूक्रेनी अधिकारियों की गिरफ्त से बचने में सफल रहे हैं और अब रूसी सीमा में दाखिल हो चुके हैं।
यहां तक कि सफल अभियोगों में भी न्याय सीमित रहा है। मिसाल के तौर पर 21 वर्षीय टैंक कमांडर वादिम शिशमारिन से जुड़ा मामला ले लें, जो युद्ध अपराधों के आरोपों का सामना करने वाला पहला रूसी सैनिक था। उसने इस साल मार्च में आत्मसमर्पण कर दिया था। मई में कीव की एक अदालत उसे 62 वर्षीय एक यूक्रेनी नागरिक को सिर में गोली मारने के जुर्म में दोषी करार दिया।
शिशमारिन को पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जिसे अपील के बाद घटाकर 15 साल के कारावास की सजा कर दिया गया। आलोचकों का कहना था कि शिशमारिन को सुनाई गई प्रारंभिक सजा अनुचित रूप से कठोर थी, यह देखते हुए कि उसने अपना अपराध कबूल किया था। उन्होंने तर्क दिया कि शिशमारिन आदेशों का पालन कर रहा था और उसने अपने किए पर पछतावा जाहिर किया था। (एपी)
म्यांमार, 30 दिसंबर । म्यांमार की एक सैन्य अदालत ने आंग सान सू ची को और सात साल की जेल की सज़ा सुनाई है.
इस सज़ा के बाद उनकी कुल जेल की अवधि 33 साल हो गई है.
फरवरी 2021 में तख़्तापलट में सेना द्वारा उनकी सरकार को अपदस्थ करने के बाद से ही लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता नज़रबंद हैं.
तब से उन्होंने 19 आरोपों पर 18 महीने तक मुक़दमों का सामना किया है. मानवाधिकार समूह इन मुकदमों को एक दिखावा कहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले हफ्ते ही उन्हें रिहा किए जाने की मांग की थी.
शुक्रवार को उन्हें आखिरी पांच आरोपों में सज़ा सुनाई गई.
एक अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी पाया क्योंकि उन्होंने सरकार के एक मंत्री के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में नियमों का पालन नहीं किया था.
सू ची को पहले ही 14 अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है.
इन मामलों में कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन, वॉकी-टॉकी आयात करना और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करना शामिल है.
इस साल उनके मुक़दमों की सुनवाई भी बंद कमरे में हुई,जहां जनता और मीडिया की पहुंच प्रतिबंधित है और उनके वकीलों को पत्रकारों से बात करने पर भी प्रतिबंध लगा है.
सू ची ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. 77 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची ने अपना अधिकांश समय नज़रबंदी में बिताया है. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क , 30 दिसंबर | अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ब्राजील के साओ पाउलो में किंग पेले के निधन पर शोक जताया। ओबामा ने ट्विटर पर फुटबाल दिग्गज के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए कहा, पेले सुंदर खेल खेलने वाले महानतम खिलाड़िय़ों में से एक थे। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और उन सभी के साथ हैं जो उन्हें प्यार करते थे और उनकी प्रशंसा करते थे।
हालांकि, सबसे शानदार श्रद्धांजलि इंग्लैंड के पूर्व फुटबॉलर गैरी लाइनकर की ओर से आई, जो अपने समय में गोल्डन बूट विजेता थे और अब बीबीसी के प्रेजेंटर हैं।
लाइनकर ने ट्वीट किया, "पेले का निधन हो गया है। उन्होंने एक ऐसा खेल खेला जो केवल कुछ चुने हुए लोग ही खेल पाए। तीन बार उन्होंने उस खूबसूरत पीली शर्ट में सबसे प्रतिष्ठित सोने की ट्रॉफी उठाई। हो सकता है कि वह हमें छोड़ गए लेकिन उनके पास हमेशा फुटबॉल की अमरता रहेगी। आरआईपी पेले।"
नॉर्वे और मैनचेस्टर सिटी फुटबॉल स्टार एलिर्ंग हालैंड ने भले ही नौ शब्द ट्वीट किए हों, लेकिन उन्होंने यह सब कहा, आप किसी भी खिलाड़ी को जो कुछ भी करते देखते हैं, वह पेले ने पहले ही कर लिया। (आईएएनएस)|
बीजिंग, 30 दिसंबर। अमेरिकी सेना ने कहा है कि चीनी नौसेना के लड़ाकू विमान ने इस महीने दक्षिण चीन सागर पर अमेरिकी वायुसेना के एक टोही विमान के पास खतरनाक तरीके से उड़ान भरी थी, लेकिन अमेरिकी पायलट ने अपनी कुशलता से दोनों विमान को भिड़ने से बचा लिया
अमेरिकी सेना की हिंद-प्रशांत कमान ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा घटना 21 दिसंबर को हुई थी, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का जे-11 विमान अमेरिकी वायुसेना द्वारा संचालित विशाल टोही विमान आरसी-135 के सामने छह मीटर की दूरी से गुजर गया।
बयान में कहा गया है कि अमेरिकी विमान ‘कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर पर नियमित अभियान पर था।’ इसके मुताबिक, अमेरिकी विमान के पायलट ने अपनी कुशलता के जरिये दोनों विमान को भिड़ने से बचा लिया।
चीन दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताता है और उसमें उड़ान भरने वाले अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के विमानों का पीछा भी करता है।
हिंद-प्रशांत कमान ने अपने बयान में कहा, “अमेरिकी हिंद-प्रशांत संयुक्त बल एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध है। वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी जहाजों और विमानों की सुरक्षा के लिए उचित सम्मान के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री और हवाई क्षेत्र में उड़ान भरना एवं जहाज भेजना जारी रखेगा।” (एपी)
एपी जोहेब पारुल पारुल 3012 1020 बीजिंग
बेटन रूज (अमेरिका), 30 दिसंबर। अमेरिका में मेक्सिको की खाड़ी में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चार लोग सवार थे। अमेरिकी तटरक्षकों ने लुईसियाना के जलीय क्षेत्र में इन यात्रियों की बृहस्पतिवार को घंटों तलाश की।
न्यू ओरलियांस में तटरक्षक के आठवें जिला मुख्यालय के प्रवक्ता पेटी ऑफिसर जोस हर्नांडेज ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजकर 40 मिनट पर एक ऑयल प्लेटफॉर्म से उड़ान भरी थी जिसके बाद वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तटरक्षक दल के सदस्यों ने नौका और हेलीकॉप्टर की मदद से लापता लोगों की तलाश की, हालांकि दोपहर तक उनका का कोई सुराग नहीं मिला।
हर्नांडेज ने कहा, ‘‘हम अब भी उन चार लोगों की तलाश कर रहे हैं।’’
हेलीकॉप्टर न्यू ओरलियांस के दक्षिण पूर्व में मिसीसिपी नदी के मुहाने पर दक्षिण पश्चिम दर्रा में करीब 16 किलोमीटर नीचे गिरा था।
उन्होंने बताया कि लापता हुए लोगों में हेलीकॉप्टर का पायलट और ऑयल प्लेटफॉर्म के तीन कर्मचारी हैं। (एपी)
एपी सुरभि मनीषा मनीषा निहारिका निहारिका निहारिका 3012 0936 बेटनरूज
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसरायली राजनेता बिन्यामिन नेतान्याहू को एक बार फिर इसराइल का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है.
बिन्यामिन नेतान्याहू पिछले दो सालों से सत्ता से बाहर चल रहे थे.
लेकिन इस बार शपथ लेने के साथ ही उन्होंने अब तक छह बार इसराइल के प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड बना लिया है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक संदेश भेजकर बिन्यामिन नेतान्याहू को इस उपलब्धि पर बधाई दी है.
उन्होंने कहा कि ‘मैं उम्मीद करता हूं कि आपके नेतृत्व में इसराइल की नयी सरकार दोनों देशों की जनता के हितों और मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से रूस और इसराइल के बीच आपसी सहयोग के रिश्ते को मजबूती देती रहेगी.”
इस संदेश में पुतिन ने ये भी कहा कि ‘रूस में, हम अपने देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने में आपके व्यक्तिगत और दीर्घकालिक योगदान की बहुत सराहना करते हैं.’
इसराइल ने इस साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से बेहद सावधानी के साथ तटस्थता भरा रुख अपनाया हुआ है.
इसराइल दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को ख़ास तरजीह भी देता है.
क्योंकि इसराइल में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के एक करोड़ से ज़्यादा नागरिक रहते हैं.
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी नेतान्याहू को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है.
उन्होंने कहा है कि उनका देश इसराइल के साथ गहरे रिश्ते बनाने और साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, इसराइल ने यूक्रेन की ओर से बार-बार हथियार मांगे जाने के बाद भी इस मांग को स्वीकार नहीं किया है. (bbc.com/hindi)
(हरिंदर मिश्रा)
यरूशलम, 29 दिसंबर। बेंजामिन नेतन्याहू बृहस्पतिवार को इजराइल के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
इजराइल में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले 73 वर्षीय नेतन्याहू अपने नेतृत्व वाली छठी सरकार का गठन करने जा रहे हैं। इसमें कई धुर दक्षिणपंथी घटक दल शामिल हैं।
अनेक लोगों ने आशंका जताई है कि इस समीकरण से देश की आबादी के बड़े हिस्से की सरकार के साथ असहमति हो सकती है।
नेतन्याहू को इजराइली संसद ‘नेसेट’ के 120 सदस्यों में से 64 का समर्थन प्राप्त है जो सभी दक्षिणपंथी हैं। इनमें अति कट्टरपंथी शास द्वारा समर्थित उनकी लिकुद पार्टी, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, दक्षिणपंथी ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम शामिल हैं।
नयी सरकार के शपथ-ग्रहण से पहले नेसेट में अपने संबोधन में नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार के तीन ‘राष्ट्रीय लक्ष्य’ ईरान को परमाणु आयुधों की ओर बढ़ने से रोकना, पूरे देश में बुलेट ट्रेन चलाना और अब्राहम समझौतों के दायरे में और अधिक अरब देशों को लाना हैं।
नेतन्याहू के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य बार-बार टोका-टोकी कर रहे थे और उन्हें ‘कमजोर’ तथा ‘नस्लवादी’ कह रहे थे। हंगामे के बीच नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मतदाताओं के जनादेश का सम्मान कीजिए। यह लोकतंत्र का या देश का अंत नहीं है।’’
उन्होंने देश के नागरिकों की निजी सुरक्षा में सुधार करने और जीवनस्तर के बढ़ते खर्च को कम करने का वादा किया।
इस दौरान अनेक विपक्षी सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया गया।
नेतन्याहू ने 29 मंत्रियों और तीन उप मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की है।
रक्षा, शिक्षा और कल्याण मंत्रालय में दो-दो मंत्री एक साथ काम करेंगे। मंत्रियों के रूप में केवल चार महिलाओं को शपथ दिलाई जाएगी।
नेतन्याहू के सरकार बनाने की घोषणा करने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री येर लापिद ने अपने संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती और गठबंधन सहयोगी नाफ्ताली बेनेट की भी उपलब्धियां गिनाईं।
लापिद ने कहा, ‘‘हम आपको अच्छी हालत में सरकार सौंप रहे हैं। इसे बर्बाद करने की कोशिश मत कीजिए। हम जल्द ही लौटेंगे।’’
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में पहले कहा था कि आने वाली सरकार को गिराने के लिए संघर्ष करते रहेंगे और वापसी करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह अंत नहीं, हमारे प्यारे देश के लिए संघर्ष की शुरुआत है।
गत एक नवंबर को हुए चुनाव में नेतन्याहू के नेतृत्व में दक्षिणपंथियों की अगली सरकार बनने के स्पष्ट जनादेश के बावजूद, गठबंधन सहयोगियों में अंतिम समय तक बातचीत चलती रही।
नेसेट ने सरकार बनाने वाले गठबंधन के सहयोगी दलों द्वारा प्रस्तुत कानूनों को पारित किया और शास पार्टी के नेता आर्येह देरी के मंत्री बनने का रास्ता साफ किया जबकि वह पिछले दिनों एक मामले में दोषी ठहराये गये हैं।
इस बीच फलीस्तीनी प्राधिकार (पीए) ने आगामी इजराइली सरकार के पश्चिमी तट पर बस्तियों का विस्तार करने के एजेंडे की आलोचना की और इसे ‘खतरनाक’ करार दिया।
पीए अध्यक्ष महमूद अब्बास के प्रवक्ता नाबिल अबू रुदीनेह ने कहा, ‘‘ये दिशानिर्देश खतरनाक तरीके से टकराव बढ़ाने वाले हैं और इसका असर क्षेत्र पर दिखाई देगा।’’
यरूशल में नेसेट के बाहर सैकड़ों इजराइलियों ने नयी बनने जा रही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। (भाषा)
नई दिल्ली, 29 दिसंबर । उज़्बेकिस्तान के समरकंद में 18 बच्चों की मौत को नोएडा स्थित मेरियन बायोटेक में बनाए गए कफ़ सिरप से जोड़ने के दावे के बाद भारत सरकार ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.
भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी विस्तृत जानकारी दी है.
इसमें बताया गया है कि मेरियन बायोटेक के नोएडा उत्पादन केंद्र पर मामले की जांच सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) और यूपी ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी कर रही है.
नोएडा स्थित इसके प्लांट से कफ़ सिरप का सैंपल लेकर चंडीगढ़ के रिजनल ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी (आरडीटीएल) में भेजा गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया के निर्देश पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) इस मामले को लेकर 27 दिसंबर 2022 से उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रीय ड्रग्स नियामक संस्थान के साथ संपर्क में है.
इसमें बताया गया है कि मेरियन बायोटेक एक लाइसेंस प्राप्त उत्पादक है और उसके पास डॉक 1 मैक्स (Dok 1 Max) के उत्पादन का लाइसेंस मौजूद है.
उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को भारत के इसी डॉक 1 मैक्स सिरप को बच्चों की मौत का कारण बताया था. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 29 दिसंबर (भाषा) जमी हुई झील में गिरने से मारे गए भारतीय अमेरिकी दंपति की दो नाबालिग बेटियां अमेरिका के एरिजोना में बाल सुरक्षा विभाग के संरक्षण में हैं।
एरिजोना में नारायण मुद्दन (49), गोकुल मेदिसेती (47) और हरिता मुड्डाना की जमी हुई झील में गिरने से मौत हो गई थी। यह हादसा 26 दिसंबर को अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर कोकोनीनो काउंटी में वुड्स घाटी झील में हुआ था।
ये लोग क्रिसमस के एक दिन बाद बर्फीली सड़क का आनंद लेने के लिए घाटी से बाहर निकले थे और बर्फ पर कुछ तस्वीरें लेना चाहते थे।
शेरिफ कार्यालय ने बताया कि बर्फ पर तस्वीर लेने के दौरान, तीन व्यक्ति जमी हुई झील की सतह की बर्फ टूट कर धंस जाने से उसमें गिर गये।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने हरिता को बाहर निकाल लिया था, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तीनों के शव बरामद हो गए हैं।
एरिजोना बाल सुरक्षा विभाग को अनाथ हुई सात और 12 वर्ष की बच्चियों का संरक्षण अपने हाथ में लेने के लिए बुलाया गया।
कोकोनिनो काउंटी शेरिफ के कार्यालय में कार्यरत जॉन पैक्सन ने कहा, ‘‘हम चाहते थे कि वे सुरक्षित महसूस करें। हमने उन्हें सर्दी से बचाने और उन्हें घटनास्थल से दूर रखने की कोशिश थी।
भारतीय अमेरिकी समुदाय इस घटना के कारण शोक मना रहा है और त्रासदी से प्रभावित परिवारों को सहयोग देने के लिए एकजुट हो रहा है।
लौबोरो (यूके), 29 दिसंबर (द कन्वरसेशन) 2020 में, हम दुनिया में नये आए एक वायरस के बारे में बहुत कम जानते थे, जिसे कोविड-19 का नाम दिया गया था। अब, जैसे ही हम 2023 में प्रवेश करते हैं, गूगल बाबा से इस शब्द का मतलब पूछने पर सर्च इंजन पाँच करोड़ परिणाम दिखाता है।
तो 2023 में महामारी कैसी महसूस होगी? बहुत सी बातों के बारे में जानकारी न होने के कारण, इस प्रश्न का उत्तर देना कुछ मायनों में असंभव है। 2020 की शुरुआत में वैज्ञानिक समुदाय प्रमुख मापदंडों को निर्धारित करने पर केंद्रित था जिनका उपयोग वायरस के प्रसार की गंभीरता और सीमा का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है। अब, कोविड वेरिएंट्स, टीकाकरण और प्राकृतिक प्रतिरक्षा की जटिल परस्पर क्रिया उस प्रक्रिया को कहीं अधिक कठिन और कम अनुमानित बना देती है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि समझौते की गुंजाइश है। संक्रमित होने वाले लोगों के अनुपात में समय के साथ बदलाव आया है, लेकिन यह आंकड़ा पूरे 2022 के दौरान इंग्लैंड में 1.25% (या 80 लोगों में से एक) से नीचे नहीं गिरा है। कोविड अभी भी हमारे साथ है, और लोग संक्रमित हो रहे हैं बार बार फिर से।
इस बीच, यूके में लंबे समय तक कोविड लक्षणों की जानकारी देने वाले लोगों की संख्या लगभग 3.4% है, या 30 लोगों में से एक है। और लंबे समय तक कोविड होने का जोखिम तब और बढ़ जाता है जब लोग कोविड से दोबारा संक्रमित होते हैं।
कोविड अनुमान कठिन क्यों हो गए हैं
महामारी के शुरुआती दिनों में, कोविड मामलों की संख्या और जनसंख्या पर संभावित प्रभाव को प्रोजेक्ट करने के लिए सरल मॉडल का उपयोग किया जा सकता था, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल की मांग भी शामिल है।
पहले अनुमानों का निर्माण करने के लिए अपेक्षाकृत कुछ कारकों की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि कोविड का एक मुख्य प्रकार था, मूल वायरस, जिससे दुनिया में हर कोई अतिसंवेदनशील था।
लेकिन, वे सरल धारणाएँ अब नहीं टिकतीं। दुनिया की अधिकांश आबादी को कोविड होने का अनुमान है और दुनिया भर में लोगों को कौन से टीके और कितनी खुराक मिली है, इसके संदर्भ में सुरक्षा के व्यक्तिगत स्तरों के बीच महत्वपूर्ण अंतर हैं। कुल मिलाकर, 13 अरब टीके की खुराक दी जा चुकी है - लेकिन समान रूप से नहीं।
मॉडलिंग तब भी अच्छी तरह से काम करती है जब लोग अनुमान लगाने योग्य तरीके से कार्य करते हैं, चाहे यह सामान्य हो, महामारी से पहले का व्यवहार हो, या गंभीर सामाजिक प्रतिबंधों के समय हो। जैसे-जैसे लोग वायरस के अनुकूल होते हैं और व्यवहार के जोखिम और लाभों का अपना आकलन करते हैं, मॉडलिंग अधिक जटिल हो जाती है।
निगरानी में कमी भी मॉडलिंग को और कठिन बना देती है। कोविड के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया के चरम के दौरान यह प्राथमिकता थी, जिसमें वायरस वाले लोगों की निगरानी और वेरिएंट की निगरानी शामिल थी। इसने ओमिक्रॉन जैसे नए रूपों को जल्दी पहचानने और प्रतिक्रियाओं को तैयार करने में मदद दी।
यूके ने विशेष रूप से फरवरी 2022 तक 20 लाख कोविड अनुक्रमों का उत्पादन किया, जो दुनिया के जीनोम अनुक्रमण उत्पादन के एक-चौथाई के लिए जिम्मेदार है। लेकिन अनुक्रमण गतिविधि बाद में कम हो गई, जो चिंता के नए रूपों की पहचान करने में लगने वाले समय को बढ़ा सकती है।
महामारी खत्म नहीं हुई है
दुनिया भर में फार्मास्युटिकल और गैर-फार्मास्यूटिकल हस्तक्षेपों में बड़े अंतर हैं, उदाहरण के लिए मास्क का उपयोग, कोविड टेस्ट किट और वेंटिलेशन का निर्माण। जैसे-जैसे सरकारें अपनी प्रतिक्रिया को ढीला करती हैं या चिकित्सा और सामाजिक दबावों के कारण समय-समय पर फिर से कसती हैं, एक जोखिम होता है कि ऐसे वेरिएंट उभर सकते हैं जो आबादी द्वारा बनाई गई प्रतिरक्षा ढाल को भेद सकते हैं।
महामारी के अगले चरण भी लोगों के व्यवहार से प्रभावित होंगे। उदाहरण के लिए, हम घर से कितना काम करते हैं और क्या संक्रामक होने पर हम अपने सामाजिक संपर्क कम कर देते हैं।
इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि डेल्टा या ओमिक्रॉन के क्रम में प्रभाव डालने वाले नए संस्करण सामने आएंगे, लेकिन यह संभव है। यदि ऐसा होता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि कोविड में घटती रुचि और पुनरुत्थान गलत सूचना और गलत सूचना के संदर्भ में प्रतिक्रिया देने के लिए योजनाएँ मौजूद हों।
2023 के बाद - अगली महामारी
यह पूछना उचित है कि अगली महामारी की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कोविड महामारी के दौरान कितना कुछ सीखा गया है।
इस महामारी के दौरान, हमने अक्सर देखा है कि अल्पकालिक राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें वैक्सीन इक्विटी के लिए राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जबकि टीकों की दीर्घकालिक वैश्विक उपलब्धता पर छूट दी जाती है। जबकि कोवैक्स जैसी प्रशंसनीय पहलें स्थापित की गई थीं, जिसकी कल्पना कोविड टीकों और उपचारों तक समान पहुंच प्रदान करने के लिए की गई थी, चुनौती यह है कि राष्ट्रों को दीर्घकालिक वैश्विक जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से सहयोग करने के लिए प्रोत्साहन तैयार किया जाए।
किसी भी राजनीतिक प्रतिक्रिया की तरह, आपातकालीन चरण की प्राथमिकताओं को भी आसानी से भुलाया जा सकता है, जैसे कि टीकों के निर्माण की सरकारों की क्षमता। यूके सरकार द्वारा वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग एंड इनोवेशन सेंटर की बिक्री इसका उदाहरण है। टीकों को जल्दी से विकसित करने और उत्पादन करने की क्षमता हमें अगली महामारी के लिए अच्छी स्थिति में खड़ा करेगी, लेकिन इन प्राथमिकताओं को अब दूसरों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी होगी जो अधिक तत्काल या राजनीतिक रूप से समीचीन हैं।
यूके की कोविड जांच को हजारों पन्नों के सबूतों के साथ प्रस्तुत किया जाना तय है, जिसमें इस दौरान ‘‘सीखे गए सबक’’ का अलग से स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। हालांकि उन सबक को व्यवहार में लाया जाता है या नहीं यह पूरी तरह से एक अलग मामला है।
यूक्रेन, 29 दिसंबर । यूक्रेन के कई बड़े शहरों में ताज़ा रूसी हमलों के बाद पूरे देश में हवाई हमलों की चेतावनी जारी की गई है.
राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 100 से ज़्यादा मिसाइलें यूक्रेनी शहरों की ओर लॉन्च की गईं.
राजधानी कीएव में कम से कम दो धमाकों की आवाज़ सुनी गई, लेकिन यह साफ़ नहीं है कि ये मिसाइल हमले थे या हवाई हमले.
खारकीएव, ओडेसा और ज़ाइटॉमिर शहरों में भी धमाकों की आवाज़ सुनी गई.
ओडेसा के स्थानीय नेता मैक्सिम मार्चेंको ने कहा है कि यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले हुए हैं.
हाल के हफ्तों में लगातार रूसी हमलों ने यूक्रेन को तबाह कर दिया है, जिससे पूरे यूक्रेन में बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित हुई है (bbc.com/hindi)
वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं कि सूअर के लिवर को साफ करके उसे इंसान जैसा बना दिया जाए ताकि मानव शरीर को फर्क का पता ही नहीं चले. ऐसा हुआ तो अंगों की कमी की समस्या खत्म हो सकती है.
एक बड़े जार में भरे तरल में तैरता अंग भुतहा सा लगता है. लाल रंग का एक स्वस्थ अंग तैर रहा था. लेकिन कुछ ही घंटों में वह पारदर्शी हो जाता है और उसकी सफेद रंग की टहनियों जैसी ट्यूब दिखाई देने लगती हैं.
यह एक सूअर का लिवर है जिसे धीरे धीरे ऐसा बनाया जा रहा है, जैसे मनुष्य का लिवर होता है. वैज्ञानिकलंबे समय से इस कोशिश में लगे हैं क्योंकि सूअर के अंगों को मनुष्य के अंग की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. वैज्ञानिक इस कोशिश में हैं कि सूअरों के अंगों से मानवीय अंगों की कमी की भरपाई की जा सकती है.
इसी दिशा में सूअर के लिवर को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस संबंध में पहला कदम अमेरिका के मिनेपोलिस की एक प्रयोगशाला में उठाया गया है. इसके तहते सबसे पहले से सूअर के लिवर से उन कोशिकाओं को साफ किया जाता है जिनके जरिए यह अपना काम करता है. जैसे जैसे ये कोशिकाएं तरल में घुलती जाती हैं, इसका रंग बदलने लगता है. तब जो बचता है वह रबर जैसा लिवर का एक ढांचा होता है. इसकी रक्त कोशिकाएं खाली हो जाती हैं.
अगला कदम है ऐसे मानवीय लिवर खोजना जिन्हें दान तो किया है लेकिन इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ऐसे एक लिवर से कोशिकाएं ली जाती हैं और उन्हें सुअर वाले ढांचे में स्थापित किया जाता है. वे जीवित कोशिकाएं हैं जिनके जरिए लिवर काम करना शुरू कर देता है.
सफलता मिली तो क्या होगा?
इस प्रयोगशाला मीरोमैट्रिक्स के सीईओ जेफ रॉस कहते हैं कि यूं समझिए, अंग को उगाया जा रहा है. वह बताते हैं, "हमारा शरीर इसे सूअर का अंग नहीं समझेगा.” यह बहुत बड़ा दावा है. 2023 में किसी वक्त मीरोमैक्स पहले मानव-परीक्षण की तैयारी कर रहा है जो अपनी तरह का इतिहास में पहला परीक्षण होगा.
अगर अमेरिकी एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से सहमति मिलती है तो शुरुआती परीक्षण मरीज के शरीर के भीतर नहीं बल्कि बाहर होगा. शोधकर्ता सूअर से इंसानी रूप में तब्दील किए गए लिवर को मरीज के बिस्तर के बगल में रखा जाएगा और वहीं से शरीर में जोड़ दिया जाएगा. बाहर से ही यह लिवर रक्तशोधन का काम करेगा.
अगर यह नया लिवर काम कर जाता है तो प्रत्यारोपण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. आगे चलकर यह किडनी प्रत्यारोपण का रूप भी ले सकता है.
डॉ. सैंडर फ्लोरमान न्यू यॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल में प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुख हैं. उनका अस्पताल इस प्रयोग में शामिल होने वाले चंद अस्पतालों में से है. डॉ. फ्लोरमान बताते हैं, "यह सुनने में साइंस फिक्शन जैसा लगता है लेकिन कहीं तो इसकी शुरुआत होनी है. मेरे ख्याल से यह निकट भविष्य की बात है.”
मानव अंगों की कमी
मानवीय अंगों की भारी कमी है जिसके कारण दुनिया में काफी संख्या में लोगों की मौत होती है. अमेरिका में अंग प्रत्यारोपण के इंतजार की सूची में एक लाख से ज्यादा लोगों के नाम हैं. इनमें से हजारों लोगों की जान इंतजार के दौरान ही चली जाएगी. हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें वेटिंग लिस्ट में डाला ही नहीं जाता क्योंकि उनके पास इतना वक्त नहीं है कि वे इतना लंबा इंतजार कर सकें.
पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय मेडिकल सेंटर में प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. अमित तेवर कहते हैं, "हमारे पास जितने अंग उपलब्ध हैं उनसे मांग कभी पूरी नहीं होगी. इससे हमें बहुत खीज भी होती है.”
यही वजह है कि वैज्ञानिक जानवरों को अंगों के स्रोतों के रूप में देख रहे हैं. ऐसे कुछ प्रयोग हो भी चुके हैं. मसलन, इसी साल जनवरी में मैरीलैंड के एक व्यक्ति को सुअर का दिल लगाया गया था. इस दिल के सहारे वह दो महीने तक जीवित भी रहा. यह दिल जिस सूअर से लिया गया था, उसके जेनेटिक्स में ऐसे बदलाव किए गए थे कि वे इंसानी इम्यून सिस्टम पर अचानक हमला ना कर पाएं. एफडीए अब भी इस बात पर विचार कर रहा है कि जानवरों से अंगों के प्रत्यारोपण को इजाजत दी जाए या नहीं.
बायोइंजीनियरिंग में, यानी कि सूअर के अंग को इंसानों जैसा बनाने की प्रक्रिया में किसी खास तरह के सूअर की जरूरत नहीं होती. इसमें तो खाने के लिए काटे गए सूअर से बचे अंग भी इस्तेमाल किया जा सकते हैं. डॉ. तेवर कहते हैं, "यह कुछ ऐसा है जो भविष्य में अंगों को इंसानों के लिए तैयार करने में काम आ सकता है.” हालांकि डॉ. तेवर इस प्रयोग का हिस्सा नहीं हैं और वह सावधान करते हैं कि अभी यह प्रयोग बहुत शुरुआती चरण में है.
वैसे इस बारे में पहले भी शोध हो चुका है. इसी सदी के शुरुआती सालों में मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के डॉ. डोरिस टेलर और डॉ. हेराल्ड ओट ने एक मृत चूहे के हृदय को कोशिकाओं से पूरी तरह मुक्त करने में कामयाबी पाई थी. अब मीरोमैट्रिक्स उसी कामयाबी के आधार पर तकनीक को आगे बढ़ाने में जुटी है.
वीके/सीके (एपी)
मेक्सिको में गर्भपात अब अपराध नहीं है, लेकिन पुराने गर्भपात-विरोधी कानूनों के तहत करीब 200 महिलाएं अभी भी जेल में हैं. इन्हें जेल से छुड़ाना एक्टिविस्टों और अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.
मेक्सिको में गर्भपात अपराध हुआ करता था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही इसे अपराध की श्रेणी से हटा दिया था. इसके बावजूद पुराने गर्भपात-विरोधी कानूनों के तहत देश की जेलों में बड़ी संख्या में महिलाएं अभी भी कैद हैं.
अधिवक्ताओं का कहना है कि इनमें से कई महिलाओं के साथ तो गर्भस्राव या मिसकैरेज हो गया था और उन्होंने कभी गर्भपात नहीं कराया था. लेकिन फिर भी गर्भपात को अभी भी हत्या मानने वाले राज्य स्तर के कई कानूनों के तहत उन्हें सजा मिल रही है.
इन महिलाओं को जेल से छुड़ाने की धीमी कानूनी प्रक्रिया इस महीने थोड़ा आगे बढ़ी जब 23 साल की मूल निवासी महिला औरेलिया गार्सिया क्रुसेनो को जेल से रिहा किया गया. उनके साथ मिसकैरेज हो जाने के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था जहां उन्हें तीन साल बिताने पड़े.
यातनाओं का सिलसिला
गार्सिया क्रुसेनो गुरेरो राज्य के सबसे गरीब पहाड़ी इलाकों में एक नहुआ मूल निवासी समुदाय में पली बढ़ीं. 2019 में एक स्थानीय ग्रामीण अधिकारी ने उनके साथ बलात्कार किया और वो गर्भवती हो गईं. उसके बाद वो गुरेरो के शहर इगुआला में अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ रहने चली गईं.
वहां ब्लीडिंग होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में उन्हें रक्त-आधान या ब्लड ट्रांसफ्यूजन दिया गया जिसके बाद उनका मिसकैरेज हो गया. उसके बाद उन्हें अस्पताल के बिस्तर से ही हथकड़ियों में बांध दिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि उन पर एक तरह की हत्या का आरोप लगाया गया है.
गार्सिया क्रुसेनो की मूल भाषा नहुआतल है, इसके बावजूद उनसे मजबूरन स्पैनिश भाषा में छापे कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया. उन्होंने बताया, "मैं बहुत दुखी थी और मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी."
जेल में उन्होंने कुछ दूसरे कैदियों की मदद से स्पैनिश का अभ्यास किया. गार्सिया क्रुसेनो ने बताया कि उन कैदियों ने उन्हें प्रोत्साहित भी किया. वो कहती हैं, "एक महिला ने मुझे ऐसी सलाह थी जो मैं कभी नहीं भूलूंगी. उन्होंने कहा कि यहां मुझे मजबूत बन कर रहना होगा, निडर बन कर रहना होगा."
गुरेरो एसोसिएशन अगेंस्ट वायलेंस अगेंस्ट वीमेन की अध्यक्ष मरीना रेना आग्विलार कहती हैं कि गार्सिया क्रुसेनो का मामला जवान और गरीब मूल निवासी महिलाओं के साथ अक्सर होने वाले घटनाक्रम को दिखाता है. उन्होंने बताया, "औरेलिया के मामले जैसे कई मामले हैं.
26 राज्यों में पुरानी व्यवस्था
गुरेरो में 2022 में 108 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी और फेमिसाइड के 12 मामले दर्ज किए गए थे. महिलाओं और लड़कियों को उनके लिंग की वजह से मार दिए जाने के मामलों को फेमिसाइड कहते हैं.
गुरेरो मेक्सिको के उन 26 राज्यों में से है जहां सितंबर में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप कानूनों में बदलाव नहीं लाए गए हैं. उससे भी पहले 2007 में राजधानी मेक्सिको शहर में गर्भपात को कानूनी मान्यता दी गई थी.
तब से मेक्सिको के कुल 32 राज्यों में से सिर्फ 10 में गर्भपात को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है. अधिकांश राज्यों में यह पिछले तीन सालों में ही हुआ है. उन 10 राज्यों में से भी कुछ में गर्भपात अधिकार के एक्टिविस्टों का कहना है कि उन्हें गर्भपात को सुरक्षित, सुलभ और सरकार द्वारा वित्त पोषित बनाने में निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
ऐक्टिविस्टों का यह भी कहना है कि इस बीच सरकारी अधिकारी गर्भपात को लेकर जागरूकता फैलाने और कम आय वाली महिलाओं के लिए वित्तीय मदद करने की बहुत कम कोशिश कर रहे हैं. कुछ ही दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक क्लीनिकों में गर्भपात के लिए दिशानिर्देशों को प्रकाशित किया था.
रेना आग्विलार ने बताया, "जिन संस्थानों को महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की कानूनी रूप से जिम्मेदारी दी गई है उन्हें मजबूत करने की जरूरत है."
मामलों का सामने आना भी जरूरी
मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने अब पांच राज्यों में संवैधानिक समादेश दायर किए हैं जिनका उद्देश्य है अधिकारियों को प्रेरित करना कि वो राष्ट्रीय फैसले के राज्य स्तर पर उल्लंघन के मामलों को चिन्हित करें और कार्यवाही करें.
गार्सिया क्रुसेनो के मामले में तीन साल तक जेल में बंद रहने के बाद 20 दिसंबर 2022 को उनका मामला राष्ट्रपति आंद्रेस मानुएल लोपेज ओबरादोर की रोजाना प्रेस वार्ता में उठा. राष्ट्रपति ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया.
उसी रात एक जज ने फैसला दिया कि गार्सिया क्रुसेनो को जेल में रखे रहने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं थे. इसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया. अब वो कहती हैं कि जब उनकी नींद खुलती है तो वो खुद को जेल की जगह अपने घर में पा कर चौंक जाती हैं.
वो कहती हैं, "अजीब लगता है. अभी भी जब मैं सो कर उठती हूं और अपनी मां को देखती हूं तो मुझे विश्वास नहीं होता है." उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने का फैसला किया है; उन्हें उम्मीद है कि वो किसी दिन एक शिक्षक बनेंगी. और उन्हें उम्मीद है कि उनका उदाहरण जेल में कैद दूसरी महिलाओं के भी काम आएगा.
गार्सिया क्रुसेनो ने कहा, "मैं नहीं चाहती हूं कि मेरे साथ जो भी हुआ वो और किसी के साथ हो. किसी को भी चुप नहीं रहना चाहिए. उनके साथ क्या हुआ, उन्हें इस बारे में बोलना चाहिए."
सीके/एए (एपी)
ब्राजील, 29 दिसंबर । ब्राजील के तट पर अपनी नाव से समुद्र में गिरे एक मछुआरे को दो दिन बाद बचा लिया गया है.
43 साल डेविड ने दो दिन तक समुद्र की सतह पर तैर रहे सिग्नल पर शरण ले रखी थी.
दो दिन बाद एक स्थानीय मछुआरे ने उन्हें बचा लिया. उनकी मछली पकड़ने वाली नाव अटलांटिक महासागर में बह गई.
बचाए जाने के बाद डेविड ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह अपनी नाव से गिर गए और चार घंटे तक तैरने के बाद वह पानी में तैर रहे एक सिग्नल तक पहुंचे और उस पर चढ़ने में कामयाब रहे.
वो 25 दिसंबर को रियो डी जनेरियो के उत्तर में एटाफुना बीच पर अकेले मछली पकड़ने गये थे.
उन्होंने ब्राजील की एक समाचार वेबसाइट को बताया, "पहले 10 मिनट मेरे लिए सबसे कठिन थे क्योंकि मैं वैसे भी नाव पर चढ़ना चाहता था, लेकिन लहरें बहुत तेज़ थीं और मेरे लिए यह संभव नहीं था."
एक बार जब उन्होंने महसूस किया कि वे नाव में नहीं चढ़ पाएंगे, तो उन्होंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी क्योंकि गीले कपड़े में तैरना उनके लिए मुश्किल हो रहा था.
"लहरें बहुत तेज़ थीं और हवा बहुत तेज़ थी, इसलिए मैंने अपनी ऊर्जा को बचाने के लिए खुद को लहरों की दया पर छोड़ दिया."
चार घंटे के बाद उन्होंने पानी पर तैर रहे निशान को देखा और उस पर चढ़ गए.
"मुझे लगा कि मदद आने से पहले मैं जम कर मर जाऊँगा."
जब वह घर नहीं पहुंचा तो उसके परिवार ने अन्य लोगों को सूचित किया, जिसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई और आखिरकार वह मिल गए. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 29 दिसंबर । पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पूर्व अध्यक्ष रमीज़ राजा के मौजूदा अध्यक्ष नजम सेठी को लेकर दिए बयान की आलोचना की है.
पीसीबी ने कहा है, ''रमीज़ राजा ने नजम सेठी के लिए जो बयान दिए और जिस भाषा का इस्तेमाल किया उस पर बोर्ड निराशा ज़ाहिर करता है.''
''पीसीबी का मानना है कि रमीज़ राजा का बयान नजम सेठी की प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाने के लिए था.''
पीसीबी ने कहा कि उसके पास अपने अध्यक्ष और संस्थान की छवि और साख की सुरक्षा और बचाव करने का क़ानूनी अधिकार है.
रमीज़ राजा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक यूज़र के सवाल का जवाब देते हुए पीसीबी पर नजम सेठी को लाने के लिए मनमाने ढंग से संविधान बदलने का आरोप लगाया था
उन्होंने कहा था, ''क्रिकेट बोर्ड में बिल्कुल सियासत नहीं होनी चाहिए. यहां जब बाहर से आकर लोग हमला करते हैं और समझते हैं कि आपका काम ठीक नहीं है. नजम सेठी को लाने के लिए आपने पूरा संविधान बदल दिया. ये मैंने दुनिया में कहीं होते नहीं देखा.''
''वो रात को 2:15 बजे ट्वीट कर रहे हैं कि रमीज़ राजा बाहर हो गए हैं, मुझे मुबारकबाद देना शुरू करते हैं. मैंने टेस्ट क्रिकेट खेला हुआ है, ये मेरा प्लेइंग फ़ील्ड है. आपको चुभन और दुख होता है कि जैसे कोई मसीहा आ गए हैं जो क्रिकेट को कहां से कहां ले जाएंगे. हालांकि, हमें पता है कि ये क्रिकेट को आगे बढ़ाने नहीं बल्कि चौधराहट के लिए आए हैं. इन किसी भी तरह तवज्जो पाने का शौक है. ना कभी बैट उठाया और इन्हें अध्यक्ष बना दिया.''
इस पर पीसीबी ने कहा कि पीसीबी संरक्षकों, क्रिकेट फैंस, प्रशासकों, पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों की मांग पर पीसीबी का 2014 का संविधान लागू किया गया.
पीसीबी ने रमीज़ राजा के उन आरोपों को भी गलत बताया जिसमें उन्होंने अपना सामान ना ले जाने देने की बात कही थी.
पीसीबी ने कहा कि बोर्ड के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर सलमान नासीर बता चुके हैं कि रमीज राज़ा का सामान उन्होंने खुद लेकर उन्हें प्रक्रिया के तहत वापस किया था.
हाल ही में रमीज़ राजा को पीसीबी अध्यक्ष के पद से हटाकर नजम सेठी को अध्यक्ष बनाया गया है. तब से दोनों के बीच टकराव बना हुआ है. (bbc.com/hindi)
नोम पेन्ह, 29 दिसंबर। कंबोडिया में थाईलैंड से सटी सीमा के पास एक होटल कसीनो में बुधवार आधी रात को भीषण आग लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबर से यह जानकारी मिली है।
थेमी थेमी मीडिया समूह की वेबसाइट ‘कंबोडियानेस’ की खबर के अनुसार, सीमावर्ती शहर पोईपेट में ग्रैंड डायमंड कसीनो एंड होटल में बुधवार आधी रात को आग लग गई और बृहस्पतिवार सुबह तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका था।
खबर में बंटेय मीनचे प्रांत के पुलिस आयुक्त मेजर जनरल सिथि लोह के हवाले से कहा गया है कि शुरुआती सूचना के मुताबिक घटना में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं, जबकि 30 अन्य घायल हुए हैं।
थाईलैंड के सरकारी टेलीविजन स्टेशन ‘थाई पीबीएस’ की खबर के मुताबिक, कर्मचारी और उपभोक्ता समेत 50 थाई नागरिक कसीनो परिसर में फंसे हुए थे।
‘थाई पीबीएस’ ने बताया कि कंबोडिया के अधिकारियों ने स्थिति से निपटने के लिए थाईलैंड से मदद का अनुरोध किया, जिसने घटनास्थल पर दमकल की पांच गाड़ियां और 10 बचाव वाहन भेजे।
पश्चिमी कंबोडिया का पोईपेट शहर थाईलैंड के समृद्ध शहर अरण्यप्रथेट के पास स्थित है और यहां से व्यस्त सीमा पर बड़े पैमाने पर कारोबार और पर्यटन होता है।
पीबीएस के अनुसार, अरण्यप्रथेट अस्पताल का आपातकालीन वार्ड भर गया है और कई पीड़ितों को दूसरे अस्पतालों में भेजा गया है। (एपी)
मनीला, 29 दिसंबर। फिलीपीन में भारी बारिश और बाढ़ संबंधी घटनाओं में करीब 32 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 24 अन्य लापता हैं। आपदा संबंधी राष्ट्रीय एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पूर्वी, मध्य और दक्षिणी फिलीपीन में खराब मौसम के कारण क्रिसमस का जश्न फीका पड़ गया। वहां 56,000 से अधिक लोग अब भी आपातकालीन आश्रयों में हैं।
दक्षिणी प्रांत मिसामिस ऑक्सिडेंटल से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें बचाव कर्मी एक प्लास्टिक की कुर्सी पर एक बुजुर्ग महिला को ले जाते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों में बचाव कर्मी कुछ लोगों को रस्सी की मदद से बाढ़ ग्रस्त इलाके से बाहर खींचते भी दिखाई दे रहे हैं।
‘नेशनल डिज़ास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट काउंसिल’ के अनुसार, जान गंवाने वाले 32 लोगों में से 18 उत्तरी मिंडानाओ के थे, जबकि लापता 24 में से 22 लोग मध्य फिलीपीन तथा पूर्वी बिकोल क्षेत्र के पूर्वी विसाया से ताल्लुक रखते हैं। अधिकतर लोगों की मौत डूबने की वजह से हुई और लापता लोगों में ज्यादातर मछुआरे हैं, जिनकी नौकाएं पलट गईं।
एजेंसी के मुताबिक, बाढ़ के कारण चार हजार से अधिक मकानों के साथ-साथ सड़क व पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। कई इलाकों में बिजली व पेयजल की आपूर्ति ठप पड़ गई है।
मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों में बाढ़ से प्रभावित कुछ इलाकों में हल्की से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। (एपी)
कंबोडिया के एक होटल-कसीनो ग्रैंड डायमंड सिटी में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई है.
ये होटल-कसीनो कंबोडिया और थाईलैंड के सीमांत शहर पोइपेट में है.
होटल में बुधवार शाम क़रीब 4:30 बजे आग लगी थी.
पुलिस के मुताबिक़ उस समय होटल में क़रीब 400 लोग मौजूद थे.
सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में दिख रहा है कि लोग ऊपर की मंज़िलों से कूद रहे हैं या गिर रहे हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक़, थाईलैंड के कई लोग होटल में मौजूद थे.
आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है.
थाई विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएफ़पी समाचार एजेंसी को बताया कि कुछ घायलों को थाईलैंड के सा एओ प्रांत के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
पोइपेट शहर दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सीमांत इलाक़ा है. यहां कई जाने-माने कसीनो हैं जहां थाई नागरिक आते रहते हैं क्योंकि थाईलैंड में जुआ ज़्यादातर अवैध है. (bbc.com/hindi)
-को को ऑन्ग, चार्लेट एटवुड औऱ रेबेका हेंश्चके
"अगर मुझे पहले गोली चलाने का मौका मिला, तो उसके निशाने पर तुम होगे. मैं तुम्हें मार डालूंगा."
ये कहते हुए बो क्यार याइन म्यांमार की सेना में काम करने वाले अपने बेटे से बातचीत में चिल्ला उठते हैं. बो क्यार याइन पिछले साल फ़रवरी के बाद म्यांमार की सेना विरोधी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं.
पिछले साल फ़रवरी में जिस तरह से सैन्य तख़्तापलट के जरिए म्यांमार की चनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया गया, उसके बाद जिस तरह पूरे म्यांमार में गृह युद्ध शुरू हुआ.
बो क्यार याइन सैनिक सत्ता का विरोध कर रहे संगठनों से जुड़ गए. जबकि उनका बेटा उस सेना में भर्ती हो गया, जो सत्ता पर जबरन काबिज 'जुंटा' का बचाव करती है.
अपने बेटे नी नी (Nyi Nyi) से बातचीत में गुस्से से भरे बो क्यार यहां तक कह देते हैं- "पिता होने के नाते तुम मुझे भले ही छोड़ दो, लेकिन मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा. इसलिए हम तुम्हें लेकर चिंतित हैं."
बो क्यार अपने बेटे से ये बातचीत जंगल में अकेले बैठे हुए फोन पर कर रहे थे. उनकी बात ख़त्म होते ही बेटे का जवाब आता है "एक पिता के रूप में मैं भी आपके लिए चिंतित हूं. एक सैनिक बनने के लिए आप ही ने मेरा हौसला बढ़ाया."
बो क्यार के दो बेटे हैं जो फिलहाल म्यांमार की सेना में है. बड़ा बेटा तो उनके किसी फोन कॉल का जवाब नहीं देता. इसलिए वो अपने छोटे बेटे नी नी से कहते हैं वो सेना की नौकरी छोड़ दे.
इसकी वजह बताते हुए बो क्यार कहते हैं- "ये सेना घरों में आग लगाती है, उसे बर्बाद करती है. सैनिक लोगों को मारते हैं. यहां तक कि निर्दोष प्रदर्शकारियों पर गोली चलाते हैं, बिना किसी वजह के बच्चों का क़त्ल करते हैं, महिलाओं का बलात्कार करते हैं, हो सकता है, ये बातें तुम्हें नहीं पता हो"
बो क्यार की इस बात के जवाब में बेटा कहता है- "पापा, ऐसा आपको लगता है, हम इसे ऐसे नहीं देखते."
ऐसी घटनाओं को म्यांमार की सेना इसी तरह खारिज़ करती है, लेकिन म्यांमार में सैनिकों के अत्याचार की घटनाएं कोई छिपी-छिपाई नहीं, बल्कि ये सार्वजनिक हैं और इसके सबूत भी हैं.
बेटे से फ़ोन पर बातचीत ख़त्म होने के बाद बो क्यार कहते हैं, 'वो अपने दोनों बेटों को सेना की नौकरी छोड़ने के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वो सुनने को तैयार नहीं. अब तो ये किस्मत पर है, कि कहीं हमारी मुलाक़ात जंग के मैदान में न हो जाए.'
अपनी इस हालत को बो क्यार एक स्थानीय कहावत के साथ समझाते हैं. वो कहते हैं- "जिस तरह बीन्स के गुच्छे में दो या तीन बीन्स ही हृष्ट-पुष्ट होते हैं, कुछ ऐसा ही परिवार में भी होता है. इसमें भी हर सदस्य काम का नहीं होता. "
बो क्यार और उनकी पत्नी यिन यिन मिंट के आठ बच्चे हैं. जब इन के दो बच्चे सेना के लिए चुने गए थे, तब इन्हें नाज़ हुआ था. खुद बो क्यार ने मिलिट्री की ट्रेनिंग से पासआउट करते दोनों बेटों की तस्वीरें यादगारी के लिए संभाल कर रखी थीं. आज इनके दोनों बेटे सेना के बड़े अधिकारी बन चुके हैं.
सेना के प्रति प्यार नफरत में कैसे बदला?
बो क्यार उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं, "सेना में आपके घर से किसी का चुना जाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करती थी. हमारे पूरे मध्य क्षेत्र में लोग सेना के जवानों का स्वागत फूलों से किया करते थे."
बो क्यार की पत्नी बताती हैं कि किस तरह से उनके पूरे परिवार ने खेतों में काम कर पैसों का इंतज़ाम किया ताकि दोनों बेटे सेना में भर्ती के लिए जरूरी पढ़ाई पूरी कर सकें.
अगर सिविल वार नहीं शुरु हुई होती, तो म्यांमार की सेना में नौकरी करने वाले दोनों बेटों की बदौलत परिवार की माली और सामाजिक हालत बेहतर हो सकती थी. लेकिन पिछले साल के सैन्य तख़्तापलट के बाद सबकुछ बदल गया.
बो क्यार ने अपनी आंखों के आगे लोकतंत्र समर्थक निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर सेना का अत्याचार देखा, सेना को उन्हें मारते कुचलते देखा. तब से उनके मन में सेना के प्रति जरा भी सम्मान नहीं रह गया. तभी से वो अपने बेटों को सेना छोड़ने के लिए कह रहे हैं.
बो क्यार पूछते हैं, "उन्होंने (सेना) प्रदर्शनकारियों को गोली से क्यों मारा, उन्हें क्यों प्रताड़ित किया? ये लोग बेवजह ही लोगों को क्यों मार डालते हैं."
बातचीत के दौरान बो क्यार अपनी जेब से पान और कसैली निकालकर खाते हुए कहते हैं, "इन सारी घटनाओं की वजह से उनका दिल टूट चुका है."
'लोकतंत्र बचाने की लड़ाई'
सैनिक तख़्तापलट से पहले बो क्यार एक आम किसान थे, तब गन चलाना तो दूर, उन्होंने कभी बंदूक भी नहीं पकड़ी थी. लेकिन आज वो सेना का विरोध करने वाली एक 'नागरिक सेना' की यूनिट के मुखिया हैं.
मोटे तौर पर ये पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (PDF) के नेटवर्क से जुड़े हैं, जो लोकतंत्र बहाली के लिए अपने से ज्यादा बड़ी और बेहतर हथियारों से लैस सेना से लड़ रहे हैं.
बो क्यार सैनिकों की तुलना कुत्ते से करते हैं, जो म्यांमार में बेहद अभद्र शब्द माना जाता है. वो कहते हैं "जब कुत्तों (सेना) का झुंड गांवों में आता है, तो वो महिलाओं का बलात्कार करते हैं, घर जलाते हैं और जो भी मिलता है उसे लूट ले जाते हैं. हमें इनके खिलाफ़ खड़ा होना ही था."
बो क्यार इन दिनों 70 लोकतंत्र समर्थक लड़ाकों की एक टुकड़ी का नेतृत्व करते हैं, जो खुद को 'वाइल्ड टाइगर्स' कहते हैं. इस टुकड़ी के पास सिर्फ तीन ऑटोमेटिक राइफ़ल्स हैं.
बो क्यार के दूसरे 4 बेटे भी उनके साथ इस लड़ाई में शामिल हैं. जो दो बेटे म्यांमार की सेना में है वो विद्रोहियों के गढ़ से महज 50 किलोमीटर दूर तैनात हैं.
यिन यिन मिंट कहती हैं- "हमें लगता था कि दो सैनिक बेटों के भरोसे हम जी लेंगे, लेकिन इन्हीं दोनों की वजह से हमारा जीना मुहाल हो रहा है"
वो दिन- जब बरसात की तरह बरस रही थीं गोलियां.
ये बीती फ़रवरी की बात है. एक दिन तड़के तीन बजे बो क्यार की पीडीएफ यूनिट को पास के गांव से एक कॉल आया. पता चला आर्मी ने गांव पर छापा मारा है. फोन पर इन्हें संदेश दिया गया- "गांव में कुत्तों की फौज आ चुकी है. प्लीज हमें बचा लीजिए."
ये संदेश सुनकर बो क्यार के मंझले बेटे मिन ऑन्ग सबसे पहले तैयार हुए. तब मां ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन वो जानती थीं उनके कहने से ये रुकने वाला नहीं, इसलिए उन्होंने सिर्फ अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की.
इसके बाद 'वाइल्ड टाइगर्स' के लड़ाकों का काफ़िला गांव के लिए बाइक पर सवार होकर निकला. हमेशा की तरफ काफ़िले की सबसे आगे वाली बाइक पर बो क्यार अपने बेटे मिन ऑन्ग के साथ चल रहे थे.
मुठभेड़ में मारा गया बेटा
इस बार भी वो उसी जाने पहचाने रूट पर आगे बढ़ रहे थे, जहां कुछ दिन पहले उन पर सेना ने घात लगाकर हमला किया था.
बो क्यार के तीसरे बेटे मीन नैंग बताते हैं, "हमारे पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी. पेड़ वगैरह कुछ भी नहीं. उनकी तरफ़ से गोलियां इतनी तेज चल रही थीं जैसे गर्म पतीले में पॉपकॉर्न फूट रहे हों. उनके मुक़ाबले हमारे पास हथियार भी बेहद कमज़ोर थे."
वो हालात देखकर यूनिट के लीडर बो क्यार ने सबको पीछे हटने का ऑर्डर दिया. इसके बाद सारे लड़ाके धान के खलिहान में छिप गए.
उस मुठभेड़ को याद करते हुए बो क्यार बताते हैं, "मुझे लगता है उन लोगों (सेना) में से कोई एक मुझे जानता था. उन्हें महसूस हुआ कि हमले में उन्हें निशाना बनाने की कोशिश हो रही है. तब मैं पीछे मुड़ा और मैं उन पर लगातार फायरिंग करते हुए वहां से भाग निकला."
यिन यिन मिंट, जो मुठभेड़ वाली जगह से थोड़ी दूर लड़ाकों के बेस कैंप पर थी, वे साफ सुन सकती थीं कि वहां क्या हो रहा है. उसे याद करते हुए उनकी आंखें भर आती हैं. वे बताती हैं- "उस दिन बरसती गोलियों की आवाज़ ऐसे आ रही थी, जैसे मूसलाधार बारिश की आवाज़ आती है."
एक लंबा इंतजार
उस मुठभेड़ के कुछ घंटों के भीतर ही सेना ने ख़ून से लथपथ लोगों की तस्वीरें फ़ेसबुक पर डालीं. इस पर बेहद गर्व जताते हुए लिखा था- हमने 15 विद्रोहियों को मार गिराया.
उस तस्वीर में एक तस्वीर मिन ऑन्ग की थी, जो उस दिन पिता के साथ बाइक पर गांव वालों की रक्षा के लिए गए थे. मिन यॉन्ग अपनी मां के सबसे दुलारे बेटे थे.
सेना के हाथों मारे गए बेटे को याद करते हुए यिन यिन मिंट कहती हैं, "वो मेरा बहुत ध्यान रखता था. मेरी मदद के लिए किचन साफ करने के अलावा कई बार मेरे कपड़े भी धो देता था. वो वाकई मेरे लिए बहुत अच्छा था."
इसी जून में सेना ने बो क्यार के पुश्तैनी घर को वहां रखे पूरे सामान के साथ नेस्तनाबूद कर दिया था. उनके घर के साथ सेना ने गांव के 150 दूसरे घरों का भी यही हश्र किया. म्यांमार की सेना ने इस तरह की कार्रवाई पूरे देश में की. खासतौर पर सेंट्रल म्यांमार, जहां बो क्यार जैसे विद्रोहियों के बेस कैंप हैं.
इससे एक बात साफ है कि सेना को बो क्यार के विरोधी होने और उनकी तरफ से होने वाली कार्रवाइयों में शामिल होने की जानकारी है. लेकिन ये साफ नहीं है कि सेना को ये पता है या नहीं, कि बो क्यार के दो बेटे भी आर्मी में हैं.
'मैं उसकी हड्डियां भी नहीं उठा सकती थी'
यिन यिन मिंट के लिए इन सारी बर्बादियों को झेल पाना मुश्किल साबित हो रहा है. वे बताती हैं, "मेरा घर जला दिया गया, मेरा बेटा मार डाला गया. ये सब मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं. मेरे दिमाग पर मेरा वश नहीं, मैं पागल हो रही हूं..."
सैनिक तख्तापलट के बाद म्यांमार में 11 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, करीब 30 हज़ार घरों को जलाया जा चुका है. राजनीतिक क़ैदियों के लिए काम करने वाली एसोसिएशन के मुताबिक इस दौरान सेना के हाथों 2 हजार 500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
मृतकों का ये आंकड़ा 10 गुना ज्यादा तक पहुंच सकता है, अगर ACLED नाम के कनफ़्लिक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप के आंकड़ों पर यकीन करें. सेना ने लड़ाई के कई मोर्चों पर अपनी हार क़ुबूल की, लेकिन इसकी पूरी डिटेल नहीं बताई.
बो क्यार के परिवार को उनके बेटे मिन ऑन्ग की डेड बॉडी 2 दिन की मशक्कत के बाद भी नहीं मिली. ये मुमकिन इसलिए भी नहीं था, क्योंकि जहां लाशें रखी गई थीं वहां सैनिकों का बेहद सख़्त पहरा था.
मिंट बताती हैं- "मैं उसकी हड्डियां भी नहीं उठा सकती थी. इसे लेकर मैं बेहद गुस्से में हूं. मैं उनसे लड़ना चाहती हूं, लेकिन जानती हूं एक महिला और वो भी 50 साल से ऊपर की होने की वजह से, वो मुझे नहीं उठा ले जाएंगे."
'वो तुम हो, या कोई और, हम ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे'
बो क्यार को लगता है कि सेना के खिलाफ़ लोगों के प्रतिरोध की जीत होगी और वो अपना नेस्तनाबूद किया हुआ घर फिर से बसा पाएंगे.
लेकिन जिस तरह गृह युद्ध के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, बो क्यार का इंतज़ार लंबा होता दिख रहा है. दो बेटों के सेना नहीं छोड़ने की जिद के बाद परिवार भी बंटा हुआ है.
बो क्यार अपने सैनिक बेटे से कहते हैं, "हम तुम्हारी सेना से इसलिए नहीं लड़ रहे, क्योंकि हम लड़ना चाहते हैं. लेकिन हमारे पास लड़ने के सिवा कोई चारा नहीं, क्योंकि तुम्हारे कुत्ते ऑफिसर्स हम पर जुल्म ढा रहे हैं. इन्हीं लोगों की वजह से तुम्हारा भाई मारा गया."
इसके जवाव में नी नी कुबूल करते हैं कि उसे भाई के मारे जाने की जानकारी है.
तब बो क्यार गुस्से में उससे पूछते हैं- तो तुम आते क्यों नहीं? जाओ, देख जाओ आपना गांव, अपना घर, किस तरह सब राख में बदल दिया गया है. हम तुम्हारी तस्वीरें भी नहीं बचा पाए, इस बात का दर्द तुम समझ पाओगे?"
इसके बाद बो क्यार अपने बेटे को चेतावनी देते हुए कहते हैं, "अगर तुम मेरे इलाक़े में आते हो और हमारे साथ लड़ाई में उतरते हो, तो समझो मैं तुम्हें क्या, किसी को भी नहीं छोड़ूंगा. मैं तुम्हारे साथ नहीं, बल्कि अपने लोगों के साथ खड़ा हूं."
ये कहते हुए बो क्यार फोन काट देते हैं.
*नोट- इस रिपार्ट में जगहों और व्यक्तियों के नाम और उनके बारे में जानकारियां उनकी पहचान सुरक्षित रखने के लिए बदले गए हैं. (bbc.com/hindi)