अंतरराष्ट्रीय
वॉशिंगटन, 27 दिसंबर । बिलावल भुट्टो ज़रदारी इस साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बनने के बाद से तीन बार अमेरिका जा चुके हैं.
बिलावल अभी 14 दिसंबर से 21 दिसंबर तक अमेरिका में रहकर आए हैं. इस एक हफ़्ते के दौरे में बिलावल ने न्यूयॉर्क में जी-77 प्लस चाइना की अध्यक्षता की थी और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस से भी मुलाक़ात की थी.
इसी दौरे में बिलावल ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें 'गुजरात का कसाई' कहा था. पीएम मोदी पर यह टिप्पणी कर बिलावल पाकिस्तानी मीडिया में ख़ूब सुर्खियां हासिल कर चुके थे. लेकिन दौरे का जिस तरह से अंत हुआ, उसमें बिलावल पर ही कई सवाल उठ रहे हैं.
न्यूयॉर्क से बिलावल वॉशिंगटन डीसी पहुँचे थे. पाकिस्तान विदेशी मंत्री को उम्मीद रही होगी कि उनकी मुलाक़ात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से होगी.
एंटनी ब्लिंकन भी 20 दिसंबर को वॉशिंगटन में ही थे. लेकिन ब्लिंकन ने मुलाक़ात के बदले फ़ोन पर बात की. बिलावल को अमेरिका की उप-विदेश मंत्री वेंडी आर शर्मन से मुलाक़ात कर संतोष करना पड़ा.
लेकिन सबसे दिलचस्प यह रहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जो बयान जारी किया गया, उसमें यह नहीं बताया गया कि बिलावल की ब्लिंकन से आमने-सामने की मुलाक़ात हुई थी या फ़ोन पर बात हुई थी.
21 दिसंबर को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जो प्रेस रिलीज़ जारी किया है, उसमें लिखा गया है कि 20 दिसंबर को बिलावल भुट्टो की एंटनी ब्लिंकन से बहुत अच्छी बातचीत हुई है.
पाकिस्तान में क्या कहा जा रहा है
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर बात हुई.
लेकिन कहीं यह नहीं बताया गया है कि बिलावल की ब्लिंकन से फ़ोन पर बात हुई थी. पाकिस्तान में अब इसे लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या देश के विदेश मंत्री की इतनी भी हैसियत नहीं है कि वॉशिंगटन जाने के बाद भी उसे अमेरिकी विदेश मंत्री मिलने का वक़्त दें.
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने बिलावल भुट्टो की समझ पर सवाल उठाया है.
अब्दुल बासित का कहना है, ''मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात नहीं होनी थी तो बिलावल न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन डीसी क्यों गए थे? हम ख़ुद को इतना क्यों गिरा देते हैं कि चाहे जिससे भी मुलाक़ात हो जाए कर लो. हमारा दूतावास वहाँ पर क्या कर रहा है?
यह मुलाक़ात कराने में हुसैन हक़्क़ानी साहब क्यों कामयाब नहीं हुए? यह भी नहीं था कि ब्लिंकन वॉशिंगटन में मौजूद नहीं थे. ब्लिंकन ने उसी दिन पनामा के विदेश मंत्री से मुलाक़ात की थी.''
अब्दुल बासित कहते हैं, ''हमारे विदेश मंत्री एक हफ़्ते से ज़्यादा वक़्त तक अमेरिका में मौजूद थे, लेकिन ब्लिंकन मिलने का वक़्त नहीं निकाल सके. एक तो पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है, वह कन्फ्यूज़ करने वाला है.
इससे ऐसा लगता है कि आमने-सामने की मुलाक़ात हुई है. अमेरिका के जूनियर अधिकारियों से बिलावल की मुलाक़ात हुई. हमने ख़ुद को कितना नीचे गिरा दिया है. क्या हमें अब भी यह सोचने की ज़रूरत नहीं है कि ख़ुद का स्वाभिमान थोड़ा बचाएं.''
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के दौरे से तुलना
''ठीक है कि हमारे हालात अच्छे नहीं हैं, लेकिन हमारे हालात तो कभी अच्छे नहीं रहे, तो क्या हम यही काम करते रहेंगे? अगर मुलाक़ात नहीं होनी थी तो न्यूयॉर्क से ही वापस आ जाते. बिलावल कहते हैं कि अपने ख़र्चे पर विदेश जाते हैं, लेकिन इसका मतलब तो यह नहीं कि विदेश मंत्री के ओहदे का सम्मान नहीं होना चाहिए.''
अब्दुल बासित ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की मिसाल देते हुए कहा है कि वह भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने न्यूयॉर्क गए थे, लेकिन न्यूयॉर्क से सीधे दिल्ली आ गए न कि वॉशिंगटन डीसी गए.
बासित ने अपने वीडियो ब्लॉग में कहा है, ''जयशंकर तो वॉशिंगटन डीसी नहीं गए, लेकिन बिलावल को जाने की क्या ज़रूरत थी. बिलावल पहले भी वॉशिंगटन जा ही चुके हैं. इस मामले में वॉशिंगटन स्थित हमारा दूतावास और हुसैन हक़्क़ानी साहब भी नाकाम रहे हैं.
क्या उन्हें बिलावल को सलाह नहीं देनी चाहिए थी कि अभी वॉशिंगटन नहीं आएं. न अमेरिका के एनएसए से मुलाक़ात हुई और न ही पेंटागन में किसी अहम शख़्सियत से. बिलावल को सही सलाह देने की ज़रूरत है.''
अब्दुल बासित कहते हैं, ''पिछले 10-15 दिनों में जो कुछ भी हुआ है, उससे मुझे डर लग रहा है. जैसे बिलावल ने अमेरिका में कह दिया है कि बाइडन प्रशासन वित्तीय और तकनीकी मदद देने को तैयार है ताकि अफ़ग़ानिस्तान में टीटीपी के ठिकानों पर हमला करना पड़े तो कोई दिक़्क़त ना हो. यह कोई परिपक्व बयान नहीं है. हमारे लिए अफ़ग़ानिस्तान बहुत संवेदनशील मामला है.''
'बिलावल पीएम की कुर्सी के तिकड़म में लगे हैं'
''हम एक बार फिर से वहाँ गृहयुद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. तालिबान की हुकूमत के ख़िलाफ़ हम अमेरिका में बैठकर कोई बयान कैसे दे सकते हैं? तालिबान को यह इम्प्रेशन नहीं जाना चाहिए कि उसके ख़िलाफ़ पाकिस्तान ने अमेरिका से हाथ मिला लिया है. यह कहीं से भी सही नीति नहीं है.
अमेरिका हमें फिर से इस्तेमाल करेगा और छोड़ कर चला जाएगा. अमेरिका तो पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एडवाइज़री जारी कर रहा है. हमारे विदेश मंत्री का अमेरिका में एक हफ़्ते तक रहना क्या बताता है? इसका ठीक संदेश नहीं जाता है.''
वॉशिंगटन जाने के बावजूद ब्लिंकन के बिलावल से नहीं मिलने को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर क़मर चीमा ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेलावेयर के प्रोफ़ेसर डॉक्टर मुक़्तदर ख़ान से बात की है.
इस बातचीत में मुक़्तदर ख़ान ने कहा है, ''मुझे लगता है कि बिलावल ने वॉशिंगटन डीसी में अपार्टमेंट रेंट पर ले लिया है. पिछले डेढ़-दो महीने से यहीं नज़र आ रहे हैं. उनकी माँ बेनज़ीर को लेकर मेरे मन में बहुत आदर है, लेकिन बिलावल को लेकर बिल्कुल नहीं है.
बिलावल को लेकर मेरी समझ यही बनी है कि वह अपना काम नहीं कर रहे हैं बल्कि प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए तिकड़म में लगे हुए हैं. इसमें दिक़्क़त ये होती है कि आपको जो ज़िम्मेदारी दी गई है, उसे पीछे छोड़ देते हैं.''
मुक़्तदर ख़ान ने कहा, ''मिसाल के तौर पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयंशकर प्रधानमंत्री बनने की चाहत नहीं रखते हैं, इसलिए वह अपना काम बेहतरीन तरीक़े से कर रहे हैं. बिलावल के साथ एक दिक़्क़त तो यह है. दूसरी दिक़्क़त है कि उनके पास कोई अनुभव नहीं है.
तीसरी दिक़्क़त यह है कि वह लोकप्रिय होने के लिए इमरान ख़ान से होड़ कर रहे हैं. इसीलिए वह नरेंद्र मोदी के बारे में इस तरह से बोल रहे हैं. यह बयान पाकिस्तान के हित में नहीं है. मुझे लगता है कि यह उनके हित में भी नहीं है. इस तरह की बात वह भले दूसरों से करवा सकते हैं.''
बिलावल के साथ ब्लिंकन का बर्ताव
मुक़्तदर ख़ान कहते हैं, ''जब आप किसी के पीछे पड़ जाते हैं तो अगला कहता है कि तुम मुझे कॉल मत करना, मैं ख़ुद कर लूंगा. उसका मतलब यह होता है कि दूर हो जाओ. मुझे लगता है कि ब्लिंकन ने भी बिलावल के साथ यही किया है.
आप कितनी बार मिलेंगे और एक ही बात करेंगे. संयुक्त राष्ट्र की आम सभा के बाद जो बैठक ब्लिंकन और बिलावल की हुई थी, उससे अलग कोई और नई बात नहीं है. यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि अमेरिका से पाकिस्तान को 9.7 करोड़ डॉलर मिल रहा है.''
मुक़्तदर ख़ान कहते हैं, ''बिलावल ने कहा कि लादेन मारा गया, लेकिन इस बयान के बाद ही पाकिस्तान में कई धमाके हुए हैं. टीटीपी का ख़तरा बढ़ गया है. पाकिस्तान में आने वाले वक़्त में कई घातक हमले हो सकते हैं. तालिबान को पाकिस्तान हल्के में ले रहा है.
तालिबान ने जब अफ़ग़ानिस्तान को पिछले साल अपने नियंत्रण में लिया तो पाकिस्तान के बुद्धिजीवी भी ख़ुश हो रहे थे. पाकिस्तान के पब्लिक डिस्कोर्स से भी बहुत निराशा होती है. आतंकवाद को समर्थन मिलता रहेगा और उसे ख़त्म नहीं किया जाएगा तो पाकिस्तान ख़ुद को पटरी पर नहीं ला सकता है. पाकिस्तानियों को आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति छोड़नी होगी.''
मुक़्तदर ख़ान कहते हैं, ''मुझे यह डर है कि टीटीपी के आतंकवाद की आड़ में पीएम शहबाज़ शरीफ़ चुनाव में देरी करने का ज़रिया खोज रहे हैं. वह कह सकते हैं कि अभी हालात ठीक नहीं हैं इसलिए चुनाव टाल देना चाहिए.
टीटीपी को लेकर पाकिस्तान में सख़्ती नहीं हुई तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सवाल उठेगा. लोग पूछेंगे कि फ़ंड कहाँ से आ रहा है. पाकिस्तान पर फिर एफ़एटीएफ़ लग सकता है.''
पाकिस्तान के कई विश्लेषकों का यह कहना है कि बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री रहते हुए जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे नवाज़ शरीफ़ और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ख़ुश नहीं होंगे.
नवाज़ शरीफ़ और शहबाज़ शरीफ़ ने नरेंद्र मोदी पर बिलावल की टिप्पणी पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन उन्होंने उसका समर्थन भी नहीं किया है. बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और शहबाज़ शरीफ़ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के बीच प्रतिद्वंद्विता रही है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि बिलावल शरीफ़ परिवार से ज़्यादा लोकप्रिय होने के चक्कर में ये सब कर रहे हैं. (bbc.com/hindi)
दक्षिण कोरिया, 27 दिसंबर । कोरियाई कस्टम सर्विस ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए वयस्क इंसानों के बराबर ऊंचाई वाली सेक्स डॉल को आयात करने की अनुमति दे दी है.
हालांकि, अभी भी बच्चों के आकार वाली सेक्स डॉल के आयात की अनुमति नहीं दी गयी है.
दक्षिण कोरिया में सेक्स डॉल प्रतिबंधित नहीं हैं. लेकिन साल 2018 के बाद से हज़ारों सेक्स डॉल्स को ज़ब्त किया गया है.
इसके साथ ही सेक्स डॉल के आयात को उस कानून के ज़रिए प्रतिबंधित किया गया था जो दक्षिण कोरियाई परंपराओं और नैतिक मूल्यों का हनन करती हुई देखी जाती हैं.
लेकिन जो लोग सेक्स डॉल आयात करना चाहते थे, उन्होंने प्रतिबंध लगने के बाद कोर्ट का रुख किया.
अदालत में इन पक्षों ने कहा कि ये उत्पाद मानवीय गरिमा का हनन नहीं करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में एक पुराने फ़ैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि सेक्स डॉल निजी इस्तेमाल की चीजें हैं, ये उसी श्रेणी में आती हैं जिसमें पोर्नोग्राफ़ी आती है; इस श्रेणी पर कड़े नियम लागू हैं लेकिन ये क़ानूनी है. (bbc.com/hindi)
सियोल, 27 दिसंबर। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने इस साल रिकॉर्ड मिसाइल परीक्षण करने के बाद एक अहम राजनीतिक बैठक में अपने देश के सामने आने वाली मुश्किलों और चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत प्रयास करने का आह्वान किया।
यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब उत्तर कोरिया के मानवरहित विमानों (ड्रोन) ने दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि प्योंगयांग में सोमवार को सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की पूर्णकालिक बैठक बुलायी गयी, जिसमें पूर्व परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी और अगले साल की कार्य योजना पर चर्चा की जाएगी।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किम इस बैठक में अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने तथा अमेरिका और दक्षिण कोरिया तक मार करने में समक्ष उच्च-तकनीक वाले हथियार बनाने के संकल्प को पुन: दोहरा सकते हैं। साथ ही वह महामारी के कारण नष्ट हुए आजीविका के साधनों की बहाली करने वाली परियोजनाओं की रूपरेखा भी रख सकते हैं।
अपने भाषण में किम ने 2021 में पार्टी की एक बड़ी बैठक के बाद से मुश्किलों और चुनौतियों की तुलना ‘‘क्रांति के 10 साल के संघर्ष से की।’’ उन्होंने दावा किया कि उत्तर कोरिया ने ‘‘कठिन समय में’’ कुछ सफलताएं हासिल कीं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक, सैन्य, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में उनके देश की शक्ति ‘‘उल्लेखनीय’’ रूप से बढ़ी है।
केसीएनए ने कहा कि किम ने इस साल हासिल की गयी ‘‘शानदार’’ उपलब्धियों की समीक्षा की और उत्तर कोरियाई शैली के समाजवाद को हासिल करने के लिए ‘‘सामरिक और रणनीतिक’’ कार्यों का खांका खींचा।
बहरहाल, एजेंसी ने उन उपलब्धियों की जानकारी नहीं दी जिन्हें हासिल करने का किम ने दावा किया है।
वर्कर्स पार्टी की बैठक कई दिन तक चल सकती है और किम हथियार निर्माण, अमेरिका के साथ संबंध और बाद के सत्रों में अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर बात कर सकते हैं।
इस साल किम की सेना ने रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल परीक्षण किए, जिनमें से कई हथियार अमेरिका के मुख्य भूगाग और उसके सहयोगियों दक्षिण कोरिया और जापान तक पहुंचने में सक्षम हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव उस समय और बढ़ गया जब दक्षिण कोरिया की सेना ने देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कई उत्तर कोरियाई ड्रोन पर हमले के लिए लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया और चेतावनी देते हुए गोलीबारी की।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उत्तर कोरिया के किसी ड्रोन को मार गिराया गया। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसने भी अपनी निगरानी प्रणाली सीमा पार भेजी है। (एपी)
एपी गोला सिम्मी सिम्मी 2712 0952 सियोल
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के क़रीबी दिमित्री मेदवेदेव ने अब से कुछ घंटे पहले साल 2023 के लिए हैरतअंगेज़ कर देने वाली आशंकाएं जताई हैं.
उन्होंने कहा है कि अमेरिकी टेक व्यवसायी एलन मस्क साल 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत सकते हैं.
मेदवेदेव ने इसके साथ ही कई अन्य टिप्पणियां भी की हैं. मस्क ने उनके ट्वीट्स को शानदार थ्रेड क़रार दिया है.
दिमित्री मेदवेदेव की भविष्यवाणी –
- तेल के दाम 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचेंगे और गैस के दाम पांच डॉलर प्रति क्यूबिक मीटर के पार जाएंगे.
- ब्रिटेन एक बार फिर यूरोपीय संघ में शामिल होगा
- ब्रिटेन की वापसी के साथ ही यूरोपीय संघ का विघटन होगा, यूरो का ईयू की मुद्रा के रूप में इस्तेमाल बंद होगा
- पोलेंड और हंगरी यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्र पर क़ब्ज़ा करेंगे
- फोर्थ रीख बनाया जाएगा जिसमें जर्मनी के मौजूदा क्षेत्रफल के साथ-साथ पोलेंड, बाल्टिक स्टेट्स, चेकिया, स्लोवाकिया, कीएफ़ गणराज्य आदि शामिल होंगे.
- फ्रांस और फोर्थ रीख के बीच युद्ध होगा जिसमें यूरोप बंट जाएगा और पोलैंड का एक बार फिर विभाजन होगा.
- उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन से अलग होकर आयरलैंड गणराज्य में शामिल होगा.
- अमेरिका में गृह युद्ध छिड़ेगा जिसके बाद अमेरिका, कैलिफोर्निया और टेक्सस स्वतंत्र राज्य बनेंगे
- टेक्सस और मेक्सिको एक दूसरे के सहयोगी राज्य बनेंगे
- गृह युद्ध ख़त्म होने के बाद एलन मस्क कई राज्यों में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतेंगे
- दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट और आर्थिक गतिविधि अमेरिका और यूरोप छोड़कर एशिया में शिफ़्ट होगी (bbc.com/hindi)
चीन ने एलान किया है कि आगामी आठ जनवरी से चीन पहुंचने वाले विदेशी यात्रियों को क्वारंटीन में नहीं रहना होगा.
चीन ने ये क़दम अपनी ज़ीरो-कोविड नीति में ढील देते हुए उठाया है.
चीनी सरकार पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दे रही है.
इसी बीच चीन में कोरोना मामलों में एक बड़ा उछाल देखा जा रहा है.
स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों ने कहा है कि बदली हुई स्थितियों को संभालने में वे काफ़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मुद्दे पर अपने अधिकारियों से कहा है कि वे लोगों की ज़िंदगियां बचाने के लिए हर संभव प्रयास करें.
इसके साथ ही चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक़, जिनपिंग ने कहा है कि बदली हुई परिस्थितियों से निपटने के लिए ज़्यादा प्रभावशाली उपायों की ज़रूरत है.
चीन ने पिछले दिनों कोविड से जुड़े आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है. लेकिन चीन में हर दिन हज़ारों लोगों की मौत होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
साल 2020 के मार्च महीने के बाद से चीन पहुंचने वाले सभी विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटीन में रहना अनिवार्य था. (bbc.com/hindi)
डकार (सेनेगल), 27 दिसंबर। पूर्वी बुर्किना फासो में एक बस के सड़क किनारे लगे बम की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कर्नल ह्यूबर्ट यामोगो ने एक बयान में बताया कि एक छोटी बस रविवार दोपहर बाउगुई गांव के पास से गुजर रही थी, तभी वह सड़क किनारे लगे एक बम की चपेट में आ गई।
यमोगो ने बताया कि घायलों को फाडा एन गोरमा शहर के एक अस्पताल में ले जाया गया है। सरकार क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है और लापता यात्रियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
देश में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा की गई हिंसा में हजारों लोग मारे गए हैं और लगभग 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। हमलों को रोकने में सरकार की अक्षमता के कारण इस साल दो बार तख्तापलट हुए। (एपी)
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूसी समूह वागनर को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया है. आरोप है कि यह समूह इन हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है.
मेरिकी खुफिया एजेंसी के आकलन के मुताबिक उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए रूस के वागनर समूह को हथियारों की पहली खेप पहुंचाई है. वागनर समूह के 50 हजार लड़ाके इस वक्त यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे हैं. वागनर रूसी सरकार के समर्थन वाले ऐसे लड़ाकों का समूह है जो रूसी हितों के लिए काम करता है.
वॉशिंगटन ने गुरुवार को इस मामले पर कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस के वागनर समूह को रॉकेट और मिसाइलें भेजी हैं. प्योंगयांग ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है.
ताजा अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट इस चिंता के बीच आई है कि एक कुख्यात रूसी निजी सैन्य कंपनी यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध में तेजी से बड़ी भूमिका निभा रही है. वागनर समूह भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क है जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी सेना के रूप में भी जाना जाता है.
भेजे जा सकते हैं और हथियार
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, "हम आकलन करते हैं कि वागनर को दी गई सामग्री की मात्रा यूक्रेन में युद्धक्षेत्र की गतिशीलता को नहीं बदलेगी." किर्बी ने कहा कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने निश्चित तौर पर कहा है कि उत्तर कोरिया ने पिछले महीने हथियारों की शुरुआती खेप भेजी थी. उन्होंने कहा कि अमेरिका चिंतित है कि उत्तर कोरिया और सैन्य उपकरण भेजने की योजना बना रहा है.
ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली से उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों की कथित आपूर्ति की निंदा की है. उन्होंने एक बयान में कहा, "तथ्य यह है कि राष्ट्रपति पुतिन मदद के लिए उत्तर कोरिया की ओर रुख कर रहे हैं, वास्तव में यह रूस की हताशा और अलगाव का संकेत है."
उत्तर कोरिया ने रिपोर्ट का खंडन किया
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने वागनर समूह को रूस द्वारा हथियारों की आपूर्ति करने की खबरों का खंडन करते हुए इसे "आधारहीन" बताया है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा, "पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया और रूस के बीच हथियारों के व्यापार के संबंध में कोई लेनदेन नहीं हुआ है."
केसीएनए के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "यह अमेरिका है जो यूक्रेन को विभिन्न प्रकार के घातक हथियारों की आपूर्ति करके रक्तपात और विनाश फैला रहा है."
राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका ने प्योंगयांग पर हथियारों के आयात या निर्यात के लिए प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन इन प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया की ओर से हथियार भेजे जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक स्थायी सदस्य है और रूसी भाड़े के सैनिकों को हथियारों का हस्तांतरण "घृणास्पद" है.
उन्होंने कहा, "रूस, जिसके पास वीटो शक्ति है वह अब उत्तर कोरिया और ईरान से हथियार खरीद रहा है ताकि यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता को बढ़ावा दिया जा सके."
अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक वागनर के लगभग 50,000 भाड़े के सैनिक यूक्रेन में लड़ रहे हैं. जॉन किर्बी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक करीबी सहयोगी द्वारा नियंत्रित समूह को युद्ध लड़ने के लिए प्रति माह दस करोड़ डॉलर खर्च किया जा रहा है.
उत्तर कोरिया ने इस साल अपने हथियारों का परीक्षण तेज कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि ऐसे संकेत हैं कि प्योंगयांग परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है.
एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)
-परहम गोबादी
ईरान में हिजाब के ख़िलाफ़ लोगों के गुस्से से भड़का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. देश भर में विरोध प्रदर्शनों का सिलिसिला सौ दिन के बाद भी जारी है.
देश में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद भड़का ये अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है और इसने सत्ता की चूलें हिला दी हैं. लेकिन जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है.
ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज़ एजेंसी (HRANA) के मुताबिक़ देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 500 प्रदर्शकारियों की मौत हो चुकी है.
इनमें 69 बच्चे शामिल हैं.
सरकार दो प्रदर्शनकारियों को फांसी दे चुकी है.
इसके अलावा 26 और लोग इस ख़तरे का सामना कर रहे हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इन मुकदमों को 'बेशर्म सुनवाई' करार दिया है.
ईरान में पहले भी सरकार के ख़िलाफ प्रदर्शन हो चुके हैं. 2017 में शुरू हुआ आंदोलन 2018 की शुरुआत तक चला था.
नवंबर 2019 में भी आंदोलन हुए थे. लेकिन मौजूदा प्रदर्शन अपने आप में अनोखा है. प्रदर्शन को हर वर्ग का साथ मिल रहा है.
कुछ ईरानी सेलिब्रिटीज़ भी प्रदर्शनकारियों का साथ दे रहे हैं और डटे हुए हैं. उन्हें या तो गिरफ़्तार किया जा रहा है या निर्वासन में भेजा जा रहा है.
जानी-मानी अभिनेत्री तरानेह अलीदुस्ती को कुख्यात एविन जेल में रखा गया है.
उन्होंने एक युवा प्रदर्शनकारी को मौत की सज़ा देने की निंदा की थी. इसके पहले उन्होंने हिजाब के बगैर अपना फोटो जारी किया था.
ऑस्कर विजेता फिल्म 'द स्टेट्समैन' में उन्हें निर्देशित कर चुके डायरेक्टर असगर फरहादी ने इंस्टाग्राम पर लिखा,''मैंने तरानेह के साथ चार फिल्मों में काम किया है. उन्हें अपने देशवासियों के वाजिब समर्थन और अन्यायपूर्ण सजाओं के विरोध के आरोप में जेल में बंद रखा गया है''.
''अगर इस तरह का समर्थन दिखाना अपराध है तो इस देश के लाखों लोग अपराधी हैं.''
ईरान छोड़ चुकीं एक और अभिनेत्री पेगाह अहनगरानी ने बीबीसी पर्सियन से कहा, ''दोनों तरफ के लोग अतिवाद पर उतर आए हैं. सत्ता लोगों को कुचलने के मामले में और फिल्म इंडस्ट्री के लोग इसका जवाब देने में. ''
उन्होंने हिजाब विरोधी कुर्दिश ईरानी महिला महसा अमीन की मौत का ज़िक्र करते हुए कहा,'' ईरान अब महसा अमीनी से पहले के दौर में नहीं लौट सकता.''
16 सितंबर को हिजाब का विरोध करते हुए पुलिस ज्यादती में उनकी मौत के बाद पूरे ईरान में लोग प्रदर्शन पर उतर आए थे.
जाने-माने ईरानी अभिनेता हमीद फारुकनजाद इस महीने की शुरुआत में अमेरिका चले गए थे. उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमैनी को 'तानाशाह' करार देते हुए उनकी तुलना में फ्रैंको, स्टालिन और मुसोलिनी से की थी.
दुबई में रह रहे ईरानी के सेलिब्रिटी फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में से एक अली करीमी ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा था कि ईरानी खुफिया एजेंसी के एजेंटों ने उन्हें मार डालने की धमकी दी थी. इसकी वजह से ही उन्हें अमेरिका भागना पड़ा.
एक और दिग्गज़ फुटबॉल खिलाड़ी अल देई की ज्वैलरी की दुकान और रेस्तरां को ईरानी अदालत ने बंद करा दिया था.
देई ने देश में चल रही हड़ताल और विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था. इसके बाद उनके ख़िलाफ़ ये कार्रवाई की गई.
मोलोटोव कॉकटेल से लेकर पगड़ी उछाल तक
पहले के प्रदर्शनों से मौजूदा प्रदर्शन इस मायने में अलग हैं कि इस बार प्रदर्शनकारी मोलोटोव कॉकटेल ( एक तरह का देसी बम) का इस्तेमाल कर रहे हैं.
मोलोटेव कॉकटेल का इस्तेमाल बासिज मिलिशिया के ठिकानों और हवज़ा के ख़िलाफ़ हुआ है.ये शिया मुस्लिम मौललियों के धार्मिक स्कूल हैं.
ईरान की जेनरेशन जेड (युवा पीढ़ी) इन प्रदर्शनों का अगुआई कर रही है. ये युवा कड़े धार्मिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इन लोगों ने एक नया ट्रेंड शुरू किया है. उन्होंने सिर पर बांधे जाने वाले स्कार्फ को जलाना शुरू किया.
एक और नया ट्रेंड उभर रहा है. प्रदर्शनकारी शिया मौलवियों के पीछे जाकर उनकी पगड़ी उछालते हैं और भाग जाते हैं.
इस आरोप में एक 16 साल के लड़के आर्शिया इमाम गोलीजादा को ईरान के पश्चिमी शहर तबरीज़ में गिरफ़्तार किया गया था.
उसे दस दिन जेल में रख कर छोड़ा गया. दो दिन बाद उसने आत्महत्या कर ली.
ईरानी अधिकारी ने न सिर्फ विरोधियों को कुचलना शुरू किया है, बल्कि इस कार्रवाई में मारे गए लोगों के शवों को भी उनके परिवार वालों से सौदेबाजी के लिए इस्तेमाल कर रहे रहे हैं. उन्हें कहा जा रहा है कि उन्हें शव तभी मिलेंगे जब वे चुप रहेंगे.
बीबीसी फ़ारसी को एक सूत्र ने बताया कि इस दबाब में मारे गए एक प्रदर्शनकारी के भाई ने उसकी लाश को शव गृह से चुरा लिया. गाड़ी में लाश रख कर वो घंटों तक शहर में गाड़ी दौड़ाता रहा.
फांसी और यातना
प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर ईरान के अस्पष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत लगाए गए आरोपों में दो लोगों को फांसी दे दी गई है.
मानवाधिकार संगठनों ने इसे 'न्याय की हत्या' बताया है. जिन लोगों को मौत की सजा सुना कर जेल में बंद रखा गया है उन्हें काफी यातनाएं दी जा रही हैं.
गैर सरकारी संगठन कुर्दिश ह्यूमन राइट्स नेटवर्क ने कहा कि मंगलवार को समन यासीन ने खुदकुशी की कोशिश की थी. समन कुर्दिश-ईरानी रैपर हैं, जिन्हें मौत की सज़ा दी गई है. मानवाधिकार संगठन ने कहा था कि यासीन को यातना दी गई थी.
बीबीसी पर्सियन को मिले एक एक ऑडियो में एक 26 साल के बॉडी बिल्डर सहांद नूर मोहम्मदजादा ने आरोप लगाया है कि उन्हें लेकर कई बार फांसी देने की रिहर्सल की गई.
नूर मोहम्मदजादा को नवंबर में सजा दी गई थी. उन्हें 'अल्लाह के खिलाफ दुश्मनी' के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था ( ईरानी कानूनी में हथियार लेकर 'लोगों में असुरक्षा' फैलाने का आरोप में इस सजा का प्रावधान है. )
मोहम्मदजादा पर 23 सितंबर को तेहरान में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक रोकने का आरोप लगाया गया था . हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया है.
बीबीसी पर्सियन को एक एक्सरे इमेज मिली है, जिसमें दिखा गया है कि जेल में बंद एक रेडियोलॉजिस्ट की तीन पसलियां टूटी हुई हैं. उनका फेफड़ा छिदा हुआ है.
रेडियोलॉजिस्ट हामिद गरे हसनलून को 'धरती पर भ्रष्टाचार' के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. ईरान में इसकी सज़ा मौत है.
इस मामले के जानकार एक सूत्र ने बताया कि डॉ. गरे हसनलू को उन्हें जुर्म कब़ूलवाने के लिए यातना दी गई. (bbc.com/hindi)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 26 दिसंबर। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वे नए साल में नियमित तौर पर कोविड-19 महामारी के आंकड़े प्रकाशित करना बंद कर देंगे क्योंकि ऐसा देखा गया है कि देश के लोग टीकों और दवाओं की मदद से वायरस के साथ जीने के चरण में पहुंच गए हैं, लिहाजा अब इनकी जरूरत नहीं है।
ब्रिटेन की ‘‘यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी’’ (यूकेएचएसए) ने कहा कि वह मौसमी फ्लू जैसी अन्य सामान्य वायरल बीमारियों की तरह कोविड की निगरानी जारी रखेगी। इस साल अप्रैल के बाद से, प्रजनन दर, या आर वैल्यू का डेटा एक निगरानी उपकरण के रूप में पाक्षिक रूप से प्रकाशित किया गया है।
‘यूकेएचएसए एपिडेमियोलॉजी मॉडलिंग रिव्यू ग्रुप’ (ईएमआरजी) के अध्यक्ष डॉ. निक वाटकिंस ने कहा, "महामारी के दौरान, आर वैल्यू और वृद्धि दर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई व सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी देने के लिए एक उपयोगी और सरल संकेतक के रूप में कार्य किया।"
उन्होंने कहा, "अब जब हम टीके और दवाओं की मदद से कोविड-19 के साथ जीने के चरण में पहुंच गए हैं तो निगरानी कम हो गई है। फिर भी कई अलग-अलग संकेतकों के माध्यम से बारीकी से निगरानी की जाती है, ऐसे में इस विशिष्ट डेटा के प्रकाशन की अब आवश्यकता नहीं है।"
ईएमआरजी ने कहा कि उसकी हालिया विस्तृत समीक्षा में निष्कर्ष निकला है कि 6 जनवरी, 2023 से कोविड-19 से संबंधित आंकड़ों का प्रकाशन बंद कर दिया जाएगा। (भाषा)
बाझोउ(चीन), 26 दिसंबर। चीन की राजधानी बीजिंग से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम स्थित औद्योगिक हेबेई प्रांत के काउंटी अस्पताल में याओ रुआन हताश खड़ी हैं क्योंकि उनकी सास कोविड से संक्रमित है और तत्काल इलाज की जरूर है परंतु आसपास के सभी अस्पताल मरीजों से भरे हैं। चीन में कोविड- महामारी की नयी लहर में लगभग यही स्थिति है।
रुआन अपने फोन पर किसी से बात करते हुए लगभग चिल्लाते हुए कहती सुनाई देती है, ‘‘ वे कह रहे हैं कि बिस्तर खाली नहीं है।’’
चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है। छोटे शहरों और दक्षिण पश्चिम बीजिंग के अस्पतालों के आपात चिकित्सा इकाई मरीजों से भरी हैं। एंबुलेंस को ही आपात चिकित्सा कक्ष में तब्दील कर इलाज किया जा रहा है और मरीजों के तीमारदार अस्पताल में एक खाली बिस्तर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालात यह है कि मरीजों को अस्पतालों के गलियारों और जमीन पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है क्योंकि बिस्तरों की कमी है।
रुआन की बुजुर्ग सास करीब एक सप्ताह पहले कोविड-19 की चपेट में आई थीं। उन्होंने बताया कि वह सबसे पहले स्थानीय अस्पताल गईं जहां पर स्कैनिंग के दौरान फेफड़ों में निमोनिया जैसे लक्षण हाने के संकेत मिले, लेकिन वहां पर कोविड के गंभीर मामलों का इलाज करने की व्यवस्था नहीं थी। रुआन ने बताया कि इसके बाद वह लंबी दूरी तय कर बगल की काउंटी (प्रशासनिक इकाई) के बड़े अस्पतालों में गईं।
उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ अस्पताल-दर अस्पताल गई लेकिन सभी वार्ड भरे मिले, वहां से वापस आकर अपने गृह नगर झोझोउ अस्पताल आईं लेकिन वहां भी हताश हाथ लगी।
रुआन ने कहा, ‘‘वह आक्रोशित है। मेरे लिए बहुत उम्मीद नहीं बची है। हम लंबे समय से घर से बाहर हैं और भयभीत हैं क्योंकि उन्हें (सास को) सांस लेने में मुश्किल हो रही है।’’
एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने गत दो दिनों में हेबेई प्रांत के बाओडिंग और लांगफांग के कस्बों और छोटे शहरों के पांच अस्पतालों और दो श्मशानों का दौरा किया। सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद महामारी ने सबसे अधिक विकराल रूप इसी इलाके में लिया। कई दिनों तक घर में रहने के बाद अब कई उबर चुके हैं और युवा अपने काम पर लौट चुके हैं, लेकिन बुजुर्ग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और आपात चिकित्सा इकाई पर बोझ है। (एपी)
दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया के ड्रोन ने उनके वायु क्षेत्र में प्रवेश किया और इसे लेकर सेना ने जवाबी कार्रवाई की.
दक्षिण कोरिया की सेना ने बताया कि ड्रोन के सीमा पार करने पर उन्होंने वार्निंग शॉट फ़ायर किए. इसके बाद उन्हें मार गिराने के लिए फ़ाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भेजे.
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने योनहॉप एजेंसी के हवाले से बताया कि इस दौरान एक लड़ाकू विमान केए-1 दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
हालांकि उन ड्रोन को गिराया गया या नहीं इसकी जानकारी नहीं दी गई.
इससे पहले उत्तर कोरिया के ड्रोन ने पांच साल पहले सीमा पार की थी.
साल 2017 में दक्षिण कोरिया ने फ़ायरिंग की थी जब डिमिलिट्राराइज़्ड ज़ोन से सीमा एक ड्रोन सीमा में घुसा था. इसके एक साल पहले भी उत्तर कोरिया के ड्रोन के सीमा पार करने की ख़बर आई थी.
बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया अपनी ड्रोन क्षमता में इज़ाफ़ा कर रहा है, हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया है. उत्तर कोरिया का आरोप है कि दक्षिण कोरिया सबूतों को तोड़मोड़ कर जानकारी दे रहा है. (bbc.com/hindi)
म्यांमार, 26 दिसंबर । म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों का एक दल महीने भर समंदर में भटकने के बाद इंडोनेशिया के पश्चिमी तट पर पहुंचा है.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया है कि ये शरणार्थी जिस नाव से पहुंचे हैं, उसका इंजन ख़राब था.
इन शरणार्थियों की हालत काफ़ी ख़राब थी. इस दल में शामिल तीन लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है.
अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये दल कुछ हफ़्ते पहले समुद्र में भटके 150 रोहिंग्या शरणार्थियों का हिस्सा है या नहीं.
समाचार एजेंसी एएफ़पी से बात करते हुए इंडोनेशिया के एकेह प्रांत के प्रवक्ता विनार्डी ने कहा है, “इस नाव का इंजन ख़राब था. ये नाव हवा के सहारे एकेह बेसर ज़िले के लादोंग गांव के तट पर पहुंची थी. इन्होंने बताया है कि वे एक महीने तक समुद्र पर भटकते रहे.”
रोहिंग्या म्यांमार का नस्लीय समुदाय है. इस समुदाय के कई लोगों को कुछ साल पहले सरकारी दमन की वजह से म्यांमार छोड़कर भागना पड़ा था.
स्थानीय इमिग्रेशन अधिकारी ने बताया है कि शरणार्थियों को फिलहाल एक सरकारी इमारत में रखा जाएगा.
अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन शरणार्थियों ने अपना सफ़र कहां से शुरू किया था. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 26 दिसंबर । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि पाकिस्तान में अगले साल के अप्रैल महीने में आम चुनाव हो सकते हैं.
रविवार को लाहौर में इमरान ख़ान ने कहा कि जब ‘पंजाब और खैबर पख़्तूनख़्वा विधानसभाएं भंग होंगी तो चुनाव कराना ही होगा. हमने इन विधानसभाओं को अब तक इसलिए भंग नहीं किया था क्योंकि हमें इसके लिए अपने सहयोगियों को तैयार करना था.’
पीटीआई चीफ़ इमरान ख़ान को अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद 10 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
इसके बाद से वो पाकिस्तान में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं और देशभर में रैलियां करके अपने लिए जनसमर्थन बढ़ा रहे हैं.
सरकार पर दबाव बनाने के इरादे से इमरान ख़ान लगातार पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा विधानसभाओं को भंग करने की बात कर रहे हैं.
पाकिस्तानी अख़बार डॉन के मुताबिक़, इमरान ख़ान ने ये भी कहा है कि वह नए सत्ता प्रतिष्ठान (सेना) के संपर्क हैं.
इससे एक दिन पहले इमरान ख़ान ने कहा था कि उनके मुताबिक़ पाकिस्तान में मार्च या अप्रैल में चुनाव हो सकते हैं.
इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई पंजाब में पीएमएल (क्यू) के साथ सरकार चला रही है जिसके मुख्यमंत्री परवेज़ इलाही हैं.
पीएमल (क्यू) के पास सिर्फ़ दस सीटें हैं और वह सार्वजनिक रूप से इमरान ख़ान का समर्थन कर रही है.
लेकिन परवेज़ इलाही पंजाब विधानसभा को भंग करने की तारीख़ आगे बढ़ाने की मांग करते दिख रहे हैं. (bbc.com/hindi)
काठमांडू, 26 दिसंबर। पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसके बाद हिमालयी राष्ट्र में चली आ रही लंबी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई।
सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड (68) ने सदन के 169 सदस्यों के समर्थन से सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति भंडारी ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
राष्ट्रपति भंडारी सोमवार को दोपहर में शीतल निवास में आयोजित एक आधिकारिक समारोह में पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी, जिसके बाद वह प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
भारी बहुमत से प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बावजूद, प्रचंड को अब संविधान के अनुच्छेद 76 (4) के अनुसार 30 दिन के भीतर निचले सदन में विश्वास मत साबित करना होगा।
संवैधानिक वकील मोहन आचार्य ने ‘काठमांडू पोस्ट’ समाचार पत्र को बताया, “गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री को यह साबित करना होगा कि उन्हें सदन में विश्वास मत हासिल है।”
अगर वह सदन में विश्वास मत साबित करने में नाकाम रहते हैं तो सरकार गठन की नयी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पिछले माह हुए आम चुनावों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिल पाने के कारण देश में जारी राजनीतिक अनिश्चितता अब समाप्त हो गई है।
राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा के ऐसे किसी भी सदस्य को प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित किया था, जो संविधान के अनुच्छेद 76(2) में निर्धारित दो या दो से अधिक दलों के समर्थन से बहुमत प्राप्त कर सकता हो।
प्रचंड ने राष्ट्रपति द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त होने से पहले सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया था। संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत गठबंधन सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति द्वारा दी गई समय सीमा रविवार शाम को समाप्त होनी थी।
सूत्रों ने बताया कि रविवार को प्रचंड सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन सहित अन्य शीर्ष नेताओं के साथ राष्ट्रपति कार्यालय गये और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसमें सभी दल 'प्रचंड' के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमत हुए।
प्रचंड को 275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 168 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य तथा तीन निर्दलीय शामिल हैं।
यह आश्चर्यजनक घटनाक्रम भारत और नेपाल के बीच संबंधों की दृष्टि से शायद अच्छा न हो, क्योंकि क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर प्रचंड और उनके मुख्य समर्थक केपी शर्मा ओली के रिश्ते पहले से ही नयी दिल्ली के साथ कुछ बेहतर नहीं रहे हैं।
तीसरी बार नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त हुए प्रचंड को चीन का समर्थक माना जाता है।
प्रचंड ने अतीत में कहा था कि नेपाल में ‘‘बदले हुए परिदृश्य’’ के आधार पर और 1950 की मैत्री संधि में संशोधन तथा कालापानी एवं सुस्ता सीमा विवादों को हल करने जैसे सभी बकाया मुद्दों के समाधान के बाद भारत के साथ एक नयी समझ विकसित करने की आवश्यकता है।
भारत और नेपाल के बीच 1950 की शांति और मित्रता संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार बनाती है।
हालांकि, प्रचंड ने हाल के वर्षों में कहा था कि भारत और नेपाल को द्विपक्षीय सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए ‘‘इतिहास में अनिर्णित’’ कुछ मुद्दों का कूटनीतिक रूप से समाधान किये जाने की आवश्यकता है।
उनके मुख्य समर्थक ओली भी चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री के रूप में ओली ने पिछले साल दावा किया था कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन क्षेत्रों- लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों- को नेपाल के राजनीतिक मानचित्र में शामिल करने के कारण उन्हें सत्ता से बाहर किये जाने का प्रयास किया गया था। इस विवादित मानचित्र के कारण दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गये थे। लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र भारत का हिस्सा हैं।
भारत ने 2020 में नेपाली संसद द्वारा नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी देने के बाद पड़ोसी देश के इस कदम को ‘कृत्रिम विस्तार’ करार दिया था।
नेपाल पांच भारतीय राज्यों -सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1850 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करता है।
किसी बंदरगाह की गैर-मौजूदगी वाला पड़ोसी देश नेपाल माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है। नेपाल की समुद्र तक पहुंच भारत के माध्यम से है और यह अपनी जरूरतों की चीजों का एक बड़ा हिस्सा भारत से और इसके माध्यम से आयात करता है। (भाषा)
बंदा असेह (इंडोनेशिया), 26 दिसंबर। भूखे और कमजोर दिख रहे दर्जनों रोहिंग्या मुसलमान हफ्तों की समुद्री यात्रा बाद रविवार को इंडोनेशिया के असेह प्रांत के तट पर पहुंचे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
स्थानीय पुलिस प्रमुख रोली युइजा अवे ने बताया 58 पुरुषों का एक समूह रविवार तड़के असेह बेसार जिले के लेडोंग गांव में इंद्रपत्र तट पर पहुंचा।
उन्होंने कहा कि गांव वालों ने जातीय रोहिंग्या समूह को एक जर्जर लकड़ी की नाव पर देखा और उन्हें उससे उतारने में की। फिर उनके आगमन की सूचना अधिकारियों को दी।
अवे ने कहा, “वे भूख और शरीर में पानी की कमी की वजह से काफी कमजोर नजर आ रहे थे। उनमें से कुछ लंबी और जटिल यात्रा के कारण बीमार पड़ गए हैं।”
उन्होंने कहा कि गांववालों और अन्य लोगों ने रोहिंग्या शरणार्थियों को भोजन और पानी प्रदान किया।
अवे ने कहा कि कम से कम तीन पुरुषों को चिकित्सा देखभाल के लिए एक क्लिनिक में ले जाया गया, और अन्य का भी उपचार किया जा रहा है। (एपी)
एपी जोहेब प्रशांत प्रशांत 2612 0943 बंदाअसेह
उत्तरी अमेरिका में बर्फ़ीला तूफ़ान आने की वजह से अब तक अमेरिका और कनाडा में कम से कम 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस तूफ़ान की वजह से अमेरिका में 34 लोगों की जान गयी है.
इस तूफ़ान का सबसे ज़्यादा असर न्यूयॉर्क प्रांत के बफ़ैलो शहर पर देखा जा रहा है.
वहीं, कनाडा के मेरिट शहर में एक बस के बर्फ़ से ढकी सड़क पर फिसलने से चार लोगों की मौत हुई है.
उत्तरी अमेरिका पिछले कई दिनों से इस तूफ़ान की मार झेल रहा है. लेकिन शुरुआती झटकों के बाद बिजली आपूर्ति सामान्य होती दिख रही है.
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, रविवार दोपहर तक सिर्फ़ दो लाख लोगों तक बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे पहले ये आंकड़ा 17 लाख था.
इस तूफ़ान की वजह से हज़ारों फ़्लाइट्स रद्द कर दी गयी हैं. इसके चलते एक बड़ी संख्या में लोग क्रिसमस के मौके पर अपने परिवारों के पास नहीं पहुंच पाए हैं.
इस बर्फ़ीले तूफ़ान ने जितने बड़े क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया है, वह अभूतपूर्व है.
इसका असर उत्तरी अमेरिका में कनाडा से लेकर सुदूर दक्षिण में अमेरिकी प्रांत टेक्सस तक देखा जा रहा है.
बीते रविवार लगभग 5.5 करोड़ अमेरिकी नागरिकों को बर्फ़ीली हवाओं से जुड़ी चेतावनी जारी की गयी.
न्यूयॉर्क प्रांत की गवर्नर कैथी होचुल ने इसे बफ़ैलो शहर के इतिहास में सबसे ज़्यादा तबाही लाने वाला तूफ़ान बताया है.
न्यूयॉर्क प्रांत के इरी काउंटी के एग्ज़ीक्यूटिव मार्क पोलोनकार्ज़ ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि एक शख़्स को कार में ही मृत पाया गया है. (bbc.com/hindi)
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया है कि बीते 24 घंटों में चीन के 43 लड़ाकू विमानों ने ताइवानी समुद्री क्षेत्र का उल्लंघन किया है.
इसके साथ ही इस युद्धाभ्यास में कुल 71 चीनी विमान इस्तेमाल किए गए हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, इन विमानों ने ताइवान की खाड़ी को दो हिस्सों में बांटने वाली काल्पनिक रेखा मीडियन लाइन को पार किया है.
चीन ने इस घटना पर कहा है कि उसने बीते रविवार ताइवान के आसपास समुद्री और हवाई क्षेत्र में ‘स्ट्राइक ड्रिल्स’ आयोजित की हैं.
चीन ने ये भी बताया है कि इन ड्रिल्स को ताइवान और अमेरिका की ओर से भड़काऊ कदमों की वजह से अंजाम दिया गया है.
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है. वहीं, ताइवान चीन के इस दावे को खारिज करता है.
ताइवान ने कहा है कि इन ड्रिल्स ने दिखाया है कि चीन क्षेत्रीय शांति भंग करके ताइवानी जनता को डराने की कोशिश कर रहा है.
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने ये भी बताया है कि ताइवान के पास चीनी नौसेना के सात जहाज़ भी देखे गए हैं.
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि चीनी लड़ाकू विमान नज़र आने के बाद ताइवानी लड़ाकू विमानों ने उन्हें चेतावनी दी. इस दौरान मिसाइल सिस्टम्स को तैयार रखा गया था.
चीन ने पिछले कुछ सालों में ताइवान पर अपना शासन स्वीकार करने के लिए दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है.
वहीं, ताइवान की सरकार कहती है कि वह शांति चाहती है लेकिन हमला होने पर खुद की रक्षा करेगी. (bbc.com/hindi)
कीव, 25 दिसंबर। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस बातचीत को तैयार है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस की ओर से यूक्रेन पर नए हमले किए जा रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने रविवार को एक रूसी टीवी चैनल से साक्षात्कार के दौरान कहा, “हम यूक्रेन सैन्य अभियान के संबंध में उन सभी के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं जो एक स्वीकार करने योग्य समाधान चाहते हैं, लेकिन अब सब कुछ उन पर निर्भर है। हम नहीं, वे समझौते से इनकार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय और नागरिकों के हितों की रक्षा में लगे हैं। यूक्रेन के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि देश पर हमले जारी रहने के बीच पुतिन की यह टिप्पणी आई है।
रविवार को देशभर में हवाई हमले की चेतावनी दो बार जारी की गई थी, और दोपहर में तीन मिसाइलों ने आंशिक रूप से कब्जे वाले डोनेत्स्क क्षेत्र में क्रामटोरस्क शहर को निशाना बनाया। (एपी)
मैड्रिड, 26 दिसंबर। स्पेन में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक बस के पुल से फिसल कर नदी में गिरने से छह यात्रियों की मौत हो गई और चालक सहित एक अन्य यात्री घायल हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुल से करीब 30 मीटर नीचे लेरेज़ नदी में डूबे वाहन की केवल छत नजर आ रही है। एक अन्य वाहन चालक ने पुल की ‘रेलिंग’ टूटी देखने के बाद आपात सेवाओं को इसकी जानकारी दी।
स्पेनिश गार्डिया सिविल के अनुसार, बस में कुल आठ लोग सवार थे। दो घायलों को शनिवार रात ही बचा लिया गया था। वे अस्पताल में भर्ती हैं। छह लोगों के शव रविवार को बस में से निकाले गए।
क्षेत्रीय अध्यक्ष अल्फोंसो रुएडा ने बताया कि हादसा शायद खराब मौसम के कारण हुआ। (एपी)
लंदन, 25 दिसंबर। उत्तर पश्चिम इंग्लैंड के एक पब में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर गोलीबारी में एक युवती की मौत हो गई और तीन पुरुष घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस ने रविवार को दी।
मर्सीसाइड पुलिस बल ने कहा कि शनिवार रात 11:50 बजे वालेसी शहर के लाइटहाउस पब में हुई गोलीबारी के बाद हत्या के मामले की हमने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया है।
खुफिया पुलिस अधीक्षक डेविड मैकॉग्रीन ने कहा, “यह जांच बहुत प्रारंभिक चरण में है। हम समझते हैं कि यह वास्तव में चौंकाने वाली और विनाशकारी घटना है जो क्रिसमस से ठीक पहले एक व्यस्त इलाके में हुई।”
पुलिस बल ने एक बयान में कहा, “एक युवती को गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।” पुलिस ने कहा कि कई अन्य लोगों को चोटें आई हैं और तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मैकॉग्रीन ने कहा कि जांचकर्ता गवाहों के साथ-साथ मोबाइल फोन वीडियो और टेलीविजन फुटेज की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हुआ था। (एपी)
बंदा असेह (इंडोनेशिया), 25 दिसंबर। हफ्तों तक समुद्र में फंसे रहने के बाद भूख से परेशान और शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके 58 रोहिंग्या मुसलमान रविवार को इंडोनेशिया के सबसे उत्तरी प्रांत बंदा असेह के एक समुद्र तट पर पाए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
स्थानीय पुलिस प्रमुख रोली यूइजा अवे ने बताया कि 58 लोगों का एक समूह रविवार तड़के असेह बेसर जिले के मछली पकड़ने वाले गांव लाडोंग के इंद्रपात्रा समुद्र तट पर पहुंचा।
उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीणों ने रोहिंग्या मुसलमानों के समूह को एक जर्जर लकड़ी की नाव पर देखा, उन्होंने उनकी नाव से उतरने में मदद की और फिर उनके आगमन की सूचना अधिकारियों को दी।
रोली यूइजा अवे ने कहा, ‘‘ वे भूख और पानी की कमी से काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। उनमें से कुछ समुद्र में लंबी और थकाऊ यात्रा के बाद बीमार पड़ गए हैं। ’’
उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों ने ग्रामीणों और अन्य लोगों से भोजन और पानी लिया क्योंकि वे असेह में आप्रवासन और स्थानीय अधिकारियों से आगे के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
अवे ने कहा कि कम से कम तीन रोहिंग्या मुसलमानों को चिकित्सा देखभाल के लिए एक स्वास्थ्य क्लिनिक में ले जाया गया, और अन्य भी विभिन्न चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य समूहों ने शुक्रवार को दक्षिण एशिया के देशों से आग्रह किया था कि अंडमान सागर में कई हफ्तों से भटक रही एक छोटी नाव में 190 लोगों के सवार होने की आशंका है और वे संभवत: रोहिंग्या शरणार्थी हैं। (एपी)
नेपाल में पांच दलों का सत्तारूढ़ गठबंधन रविवार को उस वक़्त टूट गया जब प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कुमार दाहाल 'प्रचंड' सत्ता में साझेदारी के लिए किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों की ये बैठक प्रधानमंत्री के निवास स्थल पर हुई.
सीपीएन के नेता गणेश साह ने बताया कि सरकार के पांच साल के कार्यकाल में पहले ढाई साल के लिए प्रधानमंत्री बनाए जाने की प्रचंड की मांग को शेर बहादुर देउबा खारिज कर चुके हैं. इसके बाद आज की मीटिंग हुई है.
इससे पहले देउबा और प्रचंड के बीच सरकार के नेतृत्व में कार्यकाल की साझेदारी को लेकर रणनीतिक सहमति बनी थी.
सत्ता की इस साझेदारी में दो नेताओं को आधा-आधा कार्यकाल मिलता और एक के बाद दूसरा सरकार का नेतृत्व करता.
रविवार सुबह प्रचंड के साथ बातचीत में नेपाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ही पदों पर दावा किया था जिसे प्रचंड ने खारिज कर दिया.
इसके बाद ये बातचीत बेनतीजा हो गई. नेपाली कांग्रेस ने स्पीकर का पद प्रचंड की पार्टी को ऑफ़र किया था जिसे उन्होंने खारिज कर दिया.
गणेश साह ने बताया कि देउबा और प्रचंड के बीच आखिरी चरण की बातचीत नाकाम होने के बाद अब ये गठबंधन ख़त्म हो गया है.
देउबा के साथ बातचीत नाकाम होने के बाद प्रचंड ने सीपीएन-यूएमएल के चेयरमैन केपी शर्मा ओली के घर जाकर उनसे मुलाकात की और उनसे प्रधानमंत्री बनने के लिए समर्थन मांगा.
नेपाली मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ओली के घर ये बातचीत अभी भी जारी है.
नेपाली कांग्रेस के पास प्रतिनिधि सभा में 89 सीटें हैं और वो सबसे बड़ी पार्टी है.
सीपीएन-यूएमएल के पास 78 और प्रचंड की पार्टी सीपीएन एमसी के पास 32 सीटें हैं.
बीबीसी नेपाली सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, सीपीएन-यूएमएल समेत सात दलों ने प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाए जाने के लिए अपना समर्थन दे दिया है. (bbc.com/hindi)
उत्तरी अमेरिका में पिछले कई सालों में आए सबसे भयंकर बर्फीले तूफान के कारण क्रिसमस के दिन करोड़ों लोगों को और मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
वे पिछले कई दिनों से शून्य से काफी नीचे के तापमान में जीने को मजबूर है.
कुछ इलाक़ों में तो तापमान माइनस 50 डिग्री तक चला गया है.
अमेरिका में आर्कटिक तूफान की चपेट में आने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है.
वहीं, क़रीब 10 लाख लोग बिना बिना बिजली के अंधेरे में गुज़ारा कर रहे हैं.
भयंकर तूफान के कारण दृश्यता प्रभावित हुई है, तेज़ और ठंडी हवाएं चल रही हैं और बर्फबारी हो रही है.
मौसम के बेहद ख़राब होने से आवागमन पर बहुत बुरा असर हुआ है.
ऐसे में क्रिसमस की छुट्टियों पर लोगों को अपने परिवार के पास पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कनाडा के दो सबसे बड़े शहरों मॉन्ट्रियल और टोरंटो को जोड़ने वाला रेल संपर्क ट्रेन के पटरी से उतरने के चलते बाधित हो गया है. (bbc.com/hindi)
चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने दावा किया है कि पिछले दो दिनों में उसने बलूचिस्तान प्रांत में कई हमलों को अंजाम दिया है और इन हमलों में छह सुरक्षा कर्मियों की जानें गई हैं.
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान तालिबान के हमलों में कई लोग घायल भी हुए हैं.
इंटर सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि संबाज़ा इलाके के झोब ज़िले में सुरक्षा बलों के साथ चरमपंथियों की मुठभेड़ में एक चरमपंथी और एक सैनिक की मौत हो गई.
सुरक्षा बलों ने उस इलाके में चरमपंथियों पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया था. बयान में कहा गया है कि सेना की कार्रवाई पुख़्ता जानकारी के आधार पर की गई है और ये पिछले 96 घंटों से चल रही है.
पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उसकी कार्रवाई का मक़सद चरमपंथियों को पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा के रास्ते ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के इलाके में दाखिल होने से रोकना था.
आईएसपीआर ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान तालिबान के चरमपंथियों को सीमा पार से उनके सहयोगियों से मदद मिल रही थी. (bbc.com/hindi)
क्रिसमस के मौक़े पर वेटिकन से दिए अपने वार्षिक संदेश में पोप फ्रांसिस ने कहा है कि दुनिया फ़िलहाल 'अमन के अकाल' का सामना कर रही है.
पोप ने यूक्रेन में जारी युद्ध का ज़िक्र किया. इसे 'संवेदनहीन युद्ध' बताते हुए पोप ने जंग ख़त्म करने की अपील की.
उन्होंने 'युद्ध के हथियार' के रूप में अनाज के इस्तेमाल की भी निंदा की.
यूक्रेन दुनिया के कुल उत्पादन का 30 फ़ीसदी गेहूं पैदा करता है. फरवरी में यूक्रेन पर हुए रूसी हमले के बाद गेहूं की क़ीमतों में काफ़ी उछाल आ गया.
पोप बनने के बाद यह उनका 10वां क्रिसमस दिवस संबोधन है. रविवार को 10 मिनट के संबोधन में ज़्यादातर समय उन्होंने यूक्रेन की ही चर्चा की.
पोप फ्रांसिस ने कहा, ''इस तीसरे विश्व युद्ध के अन्य क्षेत्रों में भी अमन का भयंकर अकाल पड़ा है.''
उन्होंने पश्चिम एशिया, म्यांमार, हैती और अफ्रीका के साहेल इलाक़े में हो रही हिंसा और मानवीय आपदा का भी ज़िक्र किया.
पोप ने हिजाब को लेकर ईरान में पिछले तीन महीने से हो रहे विरोध प्रदर्शन के बंद होने और 'सुलह' कायम होने की भी दुआ की. मानवाधिकार संस्थाओं का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. (bbc.com/hindi)