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नई दिल्ली, 2 फरवरी | सड़क सुरक्षा निकाय इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने कहा है कि वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के रूप में 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन देश में लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने बजट का स्वागत करते हुए कहा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 10 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिलेगी। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का प्रावधान, शहरी इंफ्रा फंड के लिए 10,000 करोड़ रुपये, 100 महत्वपूर्ण परिवहन इंफ्रा परियोजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपये से भी बुनियादी ढांचा क्षेत्र मजबूत होगा।
पारख ने कहा, 50 नए हवाई अड्डों और हेलीपोटरें की घोषणा बेहतर कनेक्टिविटी में योगदान देगी। विवाद से विश्वास दो- स्वेच्छा से संविदात्मक विवादों का निपटारा करने वाली योजना ठेकेदारों को बड़ी राहत और नकदी प्रवाह में आसानी प्रदान करेगी, जो अनुबंध संबंधी विवादों के फास्ट ट्रैक प्राप्ति के लिए हैं, जो सम्मानित किए गए हैं लेकिन हैं अदालत में चुनौती दी गई है।
आईआरएफ ने सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद सहित पीएम गति शक्ति के सात विकास इंजनों पर बजट के जोर का भी स्वागत किया।
केंद्र सरकार ने अपने बजट में सड़क, रेल, अंतदेर्शीय जलमार्ग, हवाई संपर्क जैसे विभिन्न प्रमुख उप-क्षेत्रों में कार्यक्रमों को आगे बढ़ाकर सभी प्रकार की कनेक्टिविटी को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
पारख ने कहा,इन्फ्रास्ट्रक्च र सेक्टर की पूंजी-गहन प्रकृति और इंफ्रास्ट्रक्च र परियोजनाओं के लिए लंबी अवधि की अवधि को देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्च र क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की सख्त आवश्यकता थी। इसलिए संवर्धित बजटीय आवंटन, विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्च र का समयबद्ध निर्माण सुनिश्चित करेगा और भारत के समग्र विकास को बढ़ावा देगा।
पारख ने कहा, राजमार्ग निर्माण से लेकर अन्य मोबिलिटी इंफ्रा सेक्टरों में विस्तार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख चालकों के रूप में काम करेगा और देश की प्रगति का सबसे ठोस सबूत होगा। इंफ्रास्ट्रक्च र और मोबिलिटी सेक्टर में निवेश का बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र जैसे सभी क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। इंफ्रास्ट्रक्च र क्षेत्र रोजगार सृजन और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी सहायता करता है। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 2 फरवरी | वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को राज्य में लोगों की दुर्दशा जानने के लिए उनके साथ सिर्फ तीन किलोमीटर चलने की चुनौती दी। अपनी प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा के अंतिम चरण की शुरूआत करने से पहले उन्होंने केसीआर को यह चुनौती दी।
हैदराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मिला ने कहा कि केसीआर राज्य के लोगों से किए गए वादे को पूरा करने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, पिछले नौ वर्षों से राज्य का कोई भी तबका ऐसा नहीं है जो इस निरंकुश और निकम्मे शासन से पीड़ित न हुआ हो। किसानों की दुर्दशा से लेकर युवाओं की दुर्दशा, महिलाओं के मुद्दों से लेकर शिक्षा तक, केसीआर अपने हर वादे को निभाने में विफल रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने कहा कि जब उन्होंने उनकी विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की, तो उनकी पदयात्रा पर हमला किया गया।
मैं आज मुख्यमंत्री को चुनौती देती हूं कि वे पूरे दिन हमारे साथ चलें और अगर आप हमें दिखाएंगे कि राज्य का हर व्यक्ति खुश है और आपके पास कोई समस्या नहीं है, तो मैं राजनीति से हट जाऊंगी। मैं आपको चलने के लिए इस ब्रांड के नए जूते की जोड़ी उपहार में दे रही हूं। यह आपके पैर के आकार के अनुसार है। अगर यह फिट नहीं होते तो एक्सचेंज के लिए यह बिल है।
दो महीने के ब्रेक के बाद, शर्मिला वारंगल जिले में अपनी पदयात्रा फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं, जहां राज्य सरकार ने इसे रोक दिया था।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकर्ताओं ने 28 नवंबर को वारंगल जिले में कथित तौर पर उनकी बस में आग लगा दी थी और अन्य वाहनों पर पथराव किया था।
हालांकि, पदयात्रा फिर से शुरू नहीं हो सकी, क्योंकि पुलिस ने अनुमति नहीं दी।
वाईएसआरटीपी ने तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने शर्मिला को फिर से पदयात्रा शुरू करने की अनुमति देते हुए पहले लगाई गई शर्तों का पालन करने को कहा।
नई दिल्ली, 2 फरवरी | राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पंजीकृत कारखानों में दुर्घटनाओं में श्रमिकों की उच्च मृत्यु दर और उनके मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों पर केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। रिपोर्ट 6 हफ्ते के भीतर देने की बात कही गई है। एनएचआरसी ने बताया कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें श्रम और रोजगार मंत्रालय के कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार 2017 से 2022 के बीच देश के पंजीकृत कारखानों में दुर्घटना से हर दिन औसतन 3 लोगों की मौत हुई और 11 लोग घायल हुए। कथित तौर पर, 2018 और 2020 के बीच 3331 मौतें दर्ज की गईं।
आयोग ने कहा कि कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए केवल 14 लोगों को सजा सुनाई गई थी। श्रम और रोजगार मंत्रालय के कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय ने केवल पंजीकृत कारखानों के मुख्य निरीक्षकों तथा औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के निदेशकों द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़े ही एकत्रित कर प्रस्तुत किए, जबकि भारत में 90 फीसदी श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। नई व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता पारित होने के दो साल बाद भी इसका कार्यान्वयन किया जाना अभी शेष है।
आयोग का मानना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ये रिपोर्ट कारखानों सहित विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों में श्रमिकों के मानवाधिकारों के बारे में गंभीर चिंताएं उजागर करती है। व्यापार और मानव अधिकारों की अवधारणा को उचित महत्व देते हुए कानून के दायरे में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच संरचना अनुबंधों या अन्य समझौतों के चरण में मानवाधिकार जोखिम को कम किया जा सकता है।
इसको लेकर आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम विभाग के सभी मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों को उनके अधिकार क्षेत्र में कारखानों में दुर्घटनाओं के कारण श्रमिकों की मृत्यु अक्षमता तथा कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 40बी के अनुसार घायलों/मृतकों के निकट परिजनों को दिया गया मुआवजा, कारखाने के मालिकों के खिलाफ चलाए गए मुकदमे और कारखानों में नियुक्त सुरक्षा अधिकारियों की संख्या के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया है।
आयोग ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव को भी व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता के कार्यान्वयन के संबंध में की गई कार्रवाई और देश भर में कारखाना श्रमिकों के संबंध में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए किए गए या किए जाने वाले उपायों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। (आईएएनएस)|
रांची, 2 फरवरी | झारखंड के खूंटी में मनरेगा घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में चार्जशीटेड सहायक अभियंता शशि प्रकाश ने गुरुवार को रांची के ईडी कोर्ट में सरेंडर किया है। कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मनीलॉन्ड्रिंग के इसी केस में झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल मुख्य आरोपी हैं। उन्हें इसी मामले में लगभग नौ माह पहले जेल भेजा गया था। फिलहाल वह अंतरिम जमानत पर हैं। मनरेगा में यह घोटाला उस वक्त हुआ था, जब पूजा सिंघल वहां 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक डीसी के रूप में पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई थी। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी।
बाद में ईडी ने इस मामले की जांच करते हुए पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी एवं सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ 5 जुलाई 2022 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इसी चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को नक्सल विरोधी अभियान में एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस के संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने झारखंड के लातेहार में भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार और गोला बारूद बरामद किए हैं। सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को गुप्त सूचना के आधार पर झारखंड के लातेहार के नवाटोली के वन क्षेत्र जोकपानी में सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया। इस ऑपेरशन के दौरान नक्सलियों के ठिकानों से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए।
जानकारी के मुताबिक बरामद किए गए सामान में 5.56 इंसास एलएमजी, दो 7.62 एसएलआर राइफल, एक 5.56 इंसास राइफल, 13 मिश्रित मैगजीन और 470 मिश्रित राउंड गोलियां शामिल हैं।
गौरतलब है कि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में सुरक्षा बलों ने नक्सल गतिविधियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है। यही वजह है, नक्सली अपना गढ़ छोड़कर भागने पर मजबूर हैं। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 2 फरवरी | एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट प्रस्तावों से जीवन बीमा कंपनियों पर दोहरी मार पड़ी है। यह कुछ निजी कंपनियों की आय वृद्धि को भी प्रभावित करेगा। बीमा और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने एक शोध रिपोर्ट में एमके ग्लोबल के बीमा क्षेत्र के विश्लेषक अविनाश सिंह और महेक शाह ने कहा कि 5 लाख रुपये की सीमा एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और मैक्स लाइफ के लिए लगभग 10 प्रतिशत प्रीमियम आधार और एसबीआई लाइफ के लिए लगभग 5 प्रतिशत प्रीमियम आधार की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है।
हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 80सी से संबंधित प्रभाव एसबीआई लाइफ के लिए थोड़ा अधिक होने की संभावना है।
इनके लिए कुल प्रीमियम का लगभग 15 प्रतिशत गंभीर विकास जोखिम के तहत हो सकता है। इससे लगभग 3-4 प्रतिशत का नुकसान हो सकता है।
'नई कर व्यवस्था' (वित्त वर्ष 21 के बजट में लॉन्च) में बदलाव करके, सरकार ने इसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया है। इसने 'छूट-मुक्त' व्यवस्था के तहत करों को कम किया है। इस प्रकार कर-बचत मूल्य को कम किया है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी, 80डी और अन्य के तहत बचत साधन (जैसे जीवन बीमा पॉलिसी)।
सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 22 के बजट में यूलिप पॉलिसी को पहले ही 2.5 लाख रुपये की सीमा मिल चुकी है।
एमके ग्लोबल ने कहा, नेट पर दो परिवर्तनों का भौतिक प्रभाव होगा। धारा 80सी/डीसे संबंधित परिवर्तनों के साथ जन खंड में वृद्धि को नुकसान होगा और छूट यू/एस10(10डी) को हटाने से समृद्ध खंड में उच्च-टिकट वाले गैर-यूलिप के विकास पर असर पड़ेगा।
यह तर्क दिया जा सकता है कि जोखिम वाले क्षेत्रों में आम तौर पर कम लाभप्रदता होती है (उच्च टिकट के उत्पाद डिजाइन और कम टिकट में उच्च वितरण लागत के कारण), लेकिन विकास पर प्रभाव भी बीमाकर्ताओं को मार्जिन पर थोड़ा समझौता करने के लिए मजबूर करेगा।
तत्काल अवधि में गैर-सममूल्य गारंटीकृत उत्पादों में अगले दो महीनों में आग लग सकती है।
कुल मिलाकर यह देखना दिलचस्प होगा कि बीमाकर्ता वितरण लागत और परिचालन व्यय से कैसे निपटते हैं, क्योंकि वे अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने का प्रयास करते हैं। एमके ग्लोबल ने कहा कि नेट पर हम नए व्यापार (वीएनबी) के मध्यम अवधि के मूल्य में लगभग 10-12 प्रतिशत की कमी देखते हैं, जो मध्यम टर्मिनल विकास और इक्विटी की उच्च लागत के साथ है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमलों पर आधारित फिल्म 'फराज' की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। दो पीड़ितों की माताओं ने फिल्म की रिलीज को चुनौती देते हुए निषेधाज्ञा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हंसल मेहता द्वारा निर्देशित यह फिल्म 3 फरवरी को रिलीज होने वाली है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ ने फिल्म निमार्ताओं को निर्देश दिया था कि वे फिल्म में पेश किए गए डिस्क्लेमर का 'गंभीरता से पालन' करें।
डिस्क्लेमर में कहा गया है कि फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है लेकिन इसमें निहित तत्व पूरी तरह से काल्पनिक हैं।
उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी को नोटिस जारी किया था और फिल्म के निर्देशक और निमार्ताओं को एक याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
इसी बेंच ने पांच दिन में जवाब दाखिल करने की बात कही थी।
पिछली सुनवाई के दौरान माताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया था कि फिल्म निर्माता मेहता और निमार्ताओं ने उन्हें रिलीज से पहले फिल्म देखने की अनुमति नहीं दी है।
उन्होंने कहा था, 'उन्होंने इसका पूरी तरह से खंडन किया है।'
सिब्बल ने तर्क दिया था कि उन्होंने फिल्म निमार्ताओं से फिल्म का नाम बदलने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं माने।
उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि फिल्म में किन नामों का इस्तेमाल किया गया है। 2021 में उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि पीड़ित दो लड़कियों का नाम नहीं लिया जाएगा।
इस पर कोर्ट ने पूछा था कि इसका फिल्म के नाम से क्या संबंध है?
सिब्बल ने कहा था कि यह उस शख्स का नाम है जो हमले का शिकार हुआ था।
इससे पहले, खंडपीठ ने कहा था कि फिल्म निर्माता को पहले विश्लेषण करना चाहिए कि उर्दू कवि अहमद फराज ने क्या रुख अपनाया था। अदालत ने कहा था, अगर आप फिल्म का नाम 'फराज' रख रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि अहमद फराज किसके लिए खड़ा था। अगर आप एक मां की भावनाओं के प्रति संवेदनशील हैं, तो उससे बात करें।
हालांकि, मेहता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शील त्रेहान ने तर्क दिया कि वे रिलीज से पहले फिल्मों को देखने की इजाजत देने का उदाहरण नहीं देना चाहते हैं।
मेहता के वकील ने कहा, 'सारी जानकारी पहले से ही पब्लिक डोमेन में है।' इस पर सिब्बल ने तर्क दिया था, पब्लिक डोमेन और पब्लिक रिकॉर्ड दो अलग-अलग चीजें हैं।
सिब्बल ने त्रेहान का विरोध करते हुए कहा, क्या बात है? माताओं को आघात के साथ फिर से जीना होगा। (आईएएनएस)|
मुंबई, 2 फरवरी | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने अखिल महाराष्ट्र गियार्रोहण महासंघ (एएमजीएम) द्वारा तैयार दो प्रमुख किलों-सिंधुदुर्ग और विजयदुर्ग के स्केल-मॉडल का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पर्वतारोहण की एक शीर्ष संस्था एएमजीएम ने राज्य में फैले 450 छोटे-बड़े किलों में से दो दर्जन से अधिक के मॉडल तैयार करने का प्रोजेक्ट हाथ में लिया है। इनमें से कुछ 600 साल पुराने हैं।
सिंधुदुर्ग के खूबसूरत तटीय शहर मालवन में बुधवार को उद्घाटन के मौके पर भागवत ने कहा, इन किलों को देखना अपने आप में एक प्रेरक अनुभव है। इस विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रेरणा की भावना आती है।
सांगली के मॉडेलर रमेश बहुरगी ने एक साल में दो मॉडल तैयार किए। दोनों मजबूत, बड़े पैमाने पर फाइबर से बने, रहने और काम करने वाले क्षेत्रों, जल निकायों, हरियाली, आसपास की स्थलाकृति आदि जैसे सभी जटिल विवरणों को प्रदर्शित करते हुए इनमें से प्रत्येक की लागत 2.50 लाख रुपये आई है।
ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण विजयदुर्ग और सिंधुदुर्ग किला महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की स्वराज्य की अवधारणा का एक अभिन्न अंग हैं।
एएमजीएम के अध्यक्ष उमेश जिरपे ने कहा कि स्केल-मॉडल परियोजना के तहत पांच वर्षों में लगभग 25-30 और किले इस तरह से बनाए जाएंगे।
जिरपे ने आईएएनएस को बताया, इन मॉडलों को मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर, कोल्हापुर आदि जैसे प्रमुख शहरों में ले जाएंग, ताकि लोग अपने गौरवशाली विरासत को समझ सकें और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।
एजीएम के हृषिकेश यादव, डॉ. ए राहुल वारंगे, वीरेंद्र वंजू, भूषण हर्षे, राजेश नेने और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
जिरपे ने कहा कि परियोजना के दौरान उन्हें पता चला कि राज्य में 450 से अधिक किलों में से, राज्य सरकार के पास केवल एक पुणे के सिंहगढ़ किले का आधिकारिक मानचित्र है।
जिरपे ने कहा, शीर्ष आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*टेक्ट्स की हमारी टीम ने दो किलों को पूरी तरह से नि: शुल्क तैयार किया, डिजाइन तैयार किए, और फिर स्केल-मॉडल बनाए। यह एक कठिन काम है और हमें लगता है कि सरकार को इसके संरक्षण के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
एजीएम के सुयश मोकाशी ने कहा कि आने वाले समय में दुर्गों का चयन उनके ऐतिहासिक, भौगोलिक और सामरिक महत्व के आधार पर किया जाएगा, ताकि वे छात्रों, पर्यटकों आदि के लिए पैमाना-मॉडल बनाकर संग्रहालयों में प्रदर्शित कर सकें।
मोकाशी ने कहा कि यह एक अनूठी और मेगा-पहल है क्योंकि कई किले पहाड़ी की चोटी पर, तटों पर, अरब सागर में, नदी के किनारे, जंगलों, कस्बों और शहरों में हैं, जो विभिन्न राजवंशों और अतीत में शासन करने वाले विभिन्न विदेशी शासकों द्वारा बनाए गए हैं। (आईएएनएस)|
पेशावर, 2 फरवरी | खैबर-पख्तूनख्वा में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मोअज्जम जाह अंसारी ने गुरुवार को कहा कि पेशावर मस्जिद में 31 जनवरी को आत्मघाती बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार आतंकवादी की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि उसने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, आईजीपी ने कहा कि हमलावर हेलमेट और मास्क पहनकर मोटरसाइकिल चला रहा था।
उन्होंने कहा कि मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट फर्जी थी।
अंसारी ने विस्तार से बताया कि हमलावर ने वाहन को साइड में ले जाने का नाटक किया, पुलिस लाइन पहुंचा और एक कांस्टेबल से पूछा कि मस्जिद कहां है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शीर्ष पुलिस अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि बम हमलावर खैबर रोड से फुटेज में मिला था।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर मिले आत्मघाती हमलावर का सिर वही था, जिसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज में हुई है।
आईजीपी ने यह भी कहा कि हमलावर एक व्यक्ति नहीं था, बल्कि उसका पूरा नेटवर्क उसका समर्थन कर रहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस धमाके के लिए जिम्मेदार आतंकवादी नेटवर्क के करीब थी।
अंसारी के अनुसार, आतंकवादियों ने प्रांतीय राजधानी की शांति भंग की और पुलिस कर्मी अब उनके नेटवर्क के करीब थे।
उन्होंने कहा कि मारे गए 101 लोगों में से हर एक का बदला लिया जाएगा।
आईजीपी अंसारी ने लोगों से विस्फोट के बारे में अफवाहें नहीं फैलाने का आग्रह किया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि उन्होंने स्पष्ट किया कि ड्रोन हमले की अटकलें झूठी थीं और विस्फोट स्थल पर कोई 'गड्ढा' नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि हमलावर का कोई पहचान पत्र नहीं मिला और बम निरोधक इकाई की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट वास्तव में एक आत्मघाती बम विस्फोट था।
अंसारी ने कहा कि विस्फोट में टीएनटी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जबकि इमारतों को गिराने में इस्तेमाल होने वाली अन्य विस्फोटक सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया। (आईएएनएस)|
मुंबई, 2 फरवरी | एक्शन स्टार टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार ने अपकमिंग फिल्म 'सेल्फी' के गाने 'मैं खिलाड़ी' पर डांस किया।
अक्षय और टाइगर, जिन्होंने 'बड़े मियाँ छोटे मियाँ' की शूटिंग शुरू कर दी है, ने अक्षय के गाने पर एक साथ डांस किया और एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया।
वीडियो में, दोनों सितारों को मैचिंग काला चश्मा और काले कपड़े पहने 'मैं खिलाड़ी' का हुक स्टेप करते हुए देखा जा सकता है, जो अक्षय के 1994 के गीत 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' का रीमेक है।
बगीचे में डांस करते हुए वीडियो पोस्ट करते हुए अक्षय ने कैप्शन में लिखा, "तो टाइगर जैकी श्रॉफ ने मेरे साथ हैशटैग मैन खिलाड़ी के साथ खेल खेला और यह हो गया!! आप अपनी बेस्टी के साथ मैन खिलाड़ी रील कैसे बनाते हैं? मैं दोबारा पोस्ट करूंगा। हैशटैग सेल्फी।"
'सेल्फी' 24 फरवरी को रिलीज होने वाली है।
'बड़े मियां छोटे मियां' अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित है और अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन प्रतिपक्षी के रूप में नजर आएंगे। (आईएएनएस)|
आनंद, 2 फरवरी | मध्य गुजरात के आनंद जिले में बिजली की बाड़ के संपर्क में आने से 11 वर्षीय एक बालक की मौत हो गई। पीड़िता के पिता प्रवीण ठाकोर ने भादरन पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि बुधवार शाम उनका बेटा अनिल खेत से बेर तोड़ने गया था। रमेश पटेल नामक एक व्यक्ति के खेत को पार करते समय केले की फसल को मवेशियों से बचाने के लिए लगे तार से छू गया।
भादरन थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है। अगर जांच के दौरान खेत मालिक रमेश भाई की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसान अपनी फसलों को नष्ट करने से नीले बैल, सूअर और अन्य मवेशियों को रोकने के लिए बिजली की बाड़ लगाते हैं, जिससे अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 2 फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मेघालय विधानसभा के लिए फरवरी के अंत में होने वाले चुनावों के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्य की सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी।
भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और मेघालय इकाई के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया।
सिन्हा ने कहा कि मेघालय में भाजपा पहली बार अपने बूते सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इन नामों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी की सीईसी के सभी सदस्य मौजूद थे।
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख सात फरवरी है। मतगणना दो मार्च को की जाएगी।
भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज दो ही सीट पर जीत मिली थी। सात सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे।
सिन्हा ने कहा कि मेघालय की जनता भ्रष्टाचार और भाजपा शासित पड़ोस के राज्यों के मुकाबले इस राज्य के विकास की धीमी गति से परेशान है।
उन्होंने कहा, ‘‘सड़कों की हालत खराब है, घंटों बिजल गुल रहती है, उपचार के लिए लोगों को गुवाहाटी जाना पड़ता है। आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।’’
सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय योजनाएं मेघालय पहुंच तो रही है इनका क्रियान्वयन की रफ्तार धीमी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार भाजपा ने ‘सशक्त मेघालय’ का नारा दिया है क्योंकि राज्य की जनता को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है।’’
वर्तमान में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगुवाई में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), भाजपा तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) की गठबंधन सरकार है और कोनराड संगमा इसका नेतृत्व कर रहे हैं।
हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है।
मेघालय के पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई।
कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी 19 सीट पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी। प्रदेश की यूडीपी के छह सदस्य चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
इसी प्रकार राज्य की पीडीएफ को चार सीट पर जीत मिली थी और भाजपा तथा एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी।
चुनावी नतीजों के बाद संगमा ने भाजपा, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी नगालैंड विधानसभा चुनाव नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। इसके तहत एनडीपीपी के खाते में 40 और भाजपा के खाते में 20 सीटें गई हैं।
राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होगा। भाजपा ने इन 20 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी। पार्टी की नगालैंड इकाई के अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलॉन्ग को पार्टी ने अलोंगटाकी सीट से उम्मीदवार बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी और जे पी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सीईसी के सभी सदस्य भी उपस्थित थे।
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के नगालैंड प्रभारी नलीन कोहली, राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और प्रदेश अध्यक्ष अलॉन्ग ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।
अलॉन्ग ने कहा कि सीईसी की बैठक में तय हुआ है कि 2023 के नगालैंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और एनडीपीपी साथ लड़ेंगे और इसके तहत एनडीपीपी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और भाजपा 20 सीटों पर।
कोहली ने कहा कि भाजपा ने जिन 20 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 11 सीटों पर पार्टी के वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है। पार्टी ने एक मौजूदा विधायक का टिकट काटा है।
उन्होंने बताया कि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने चार उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया गया है जबकि पांच नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है।
नगालैंड में नयी विधानसभा के गठन के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती दो मार्च को होगी। नामांकन पत्र दाखिल कराने की आखिरी तारीख सात फरवरी होगी जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 10 फरवरी होगी।
नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है।
राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 13,09,651 है।
नगालैंड में वर्तमान में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) सत्ता में है।
वर्तमान में राज्य विधानसभा में कुल 59 सदस्य हैं। इनमें एनडीपीपी के 41, भाजपा के 12, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार, तथा दो निर्दलीय सदस्य हैं जबकि एक सीट फिलहाल रिक्त है।
पिछले विधानसभा चुनाव में नगालैंड में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग के नेतृत्व वाला एनपीएफ 26 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा। इस चुनाव में वरिष्ठ नेता नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाले एनडीपीपी को 17 और भाजपा को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई।
बाद में भाजपा और एनडीपीपी ने जनता दल यूनाइटेड और कुछ अन्य दलों के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई और नेफ्यू रियो चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह को लेकर आई अमेरिकी संस्थान हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर चर्चा कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की और शोर-शराबे के बीच सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत दौरे पर आईं जाम्बिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर नेली मुट्टी और वहां के संसदीय शिष्टमंडल का सदन की ओर से स्वागत किया।
जाम्बिया के शिष्टमंडल के सदस्य इस दौरान सदन की विशेष दीर्घा में बैठे थे।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। वे अडाणी समूह को लेकर आई उक्त रिपोर्ट पर चर्चा कराने की और समूह की कारोबारी प्रक्रियाओं की जांच कराने की मांग कर रहे थे।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से उनके स्थान पर जाने की अपील करते हुए बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील की और कहा कि बिना तथ्यों के कोई बात नहीं की जानी चाहिए।
इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य पूनम मदाम को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने को कहा, लेकिन हंगामे के बीच वह पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं।
अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। विधान मंडल अध्यक्षों के सम्मेलन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि प्रश्नकाल चलना चाहिए।’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप बुनियादी सवाल उठाएं। मैं आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सदन की मर्यादा नहीं रखना चाहते। बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कीजिए।’’
हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मौजूदा बजट सत्र में अपनी रणनीति को लेकर बैठक की और अडाणी समूह से संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग उठाने का फैसला किया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडाणी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे।
लोकसभा में कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर ने कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडाणी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडाणी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।
संसद का बजट सत्र मंगलवार से आरंभ हो गया है। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा।
उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया।
‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 90 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है।
‘अडाणी एंटरप्राइजेज’ ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को अडाणी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच हो।
अडाणी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के हितों और एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच हो।’’
कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने कहा, ‘‘जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है।’’
इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई।’’
उन्होंने दावा किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।
इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडाणी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे।
खरगे ने अडाणी एंटरप्राइजेज का प्रत्यक्ष उल्लेख किए बिना राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में पूंजी गंवाती कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निवेश के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडाणी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडाणी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।
गौरतलब है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। इस कारोबारी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 फरवरी ‘स्वदेशी जागरण मंच’ (एसजेएम) ने उच्च निवल मूल्य (एचएनआई) वाले लोगों पर लागू आयकर दर को कम करने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च कर दर का हवाला देकर देश छोड़ने वाले लोगों को राहत देने के बजाय सरकार को उनके पासपोर्ट रद्द कर देने चाहिए।
एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बुधवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट 2023-24 में उच्च निवल मूल्य (एचएनआई) पर लागू आयकर दर को मौजूदा 42.74 प्रतिशत से घटाकर 39 प्रतिशत करने का प्रस्ताव उन्हें देश छोड़ने के लिए रोकने का एक प्रयास है।
महाजन ने कहा, ‘‘ कई लोग विभिन्न कारणों से देश छोड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि वह उच्च कर दर की वजह से किसी और देश में काम करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने करदाताओं के इस वर्ग को देश छोड़ने से रोकने के लिए राहत देने का प्रस्ताव दिया है।
महाजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को एक विशेष वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘‘ अगर, मैं वित्त मंत्री होता, तो मैं प्रधानमंत्री से कहता कि पहले इन सभी अमीर लोगों को देश छोड़ने से रोकें और उनके पासपोर्ट रद्द कर दें।’’
स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक ने कहा कि सरकार को इन उच्च-निवल मूल्य वाले लोगों को जो उन पर लागू कर दर के कारण देश छोड़कर चले गए हैं, कभी भी भारत वापस नहीं आने देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को विकास की राह पर ले जाना होगा। हमें ऐसे लोगों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा नहीं बनाना।’’ (भाषा)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि इस बार का बजट समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना को साकार करता है.मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
केंद्र सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण बजट में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बजट में महिला सम्मान बचत पत्र जारी करने का ऐलान किया है. इसकी मियाद दो साल के लिए होगी और इनके तहत किसी महिला या लड़की के नाम से दो साल के लिए, दो लाख रुपये जमा करवाए जा सकेंगे. इस पर सरकार द्वारा 7.50 फीसदी ब्याज दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के साथ ही, वन टाइम नई लघु बचत योजना महिला सम्मान बचत पत्र मार्च 2025 तक उपलब्ध कराया जाएगा. इसके तहत 2 लाख रुपये तक की जमा पर फिक्स्ड ब्याज दर 7.50 फीसदी रहेगा." जैसे ही सीतारमण ने यह ऐलान किया प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी सदस्य मेज थपथपाने लगे.
हालांकि आर्थिक जानकार इसे बचत से जोड़कर तो देख रहे हैं लेकिन साथ ही कह रहे हैं यह उम्मीद से कम है.
महिलाओंं के लिए बचत योजना का ऐलान
महिला सम्मान बचत पत्र योजना केवल एक बार के लिए होगी. इसमें आंशिक निकासी का विकल्प भी होगा. बजट में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की बात कही गई है. वित्त मंत्री ने बताया कि दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह को आर्थिक सशक्तिकरण के अगले चरण तक पहुंचाने के लिए बड़े उत्पादक उद्यम बनाए जाएंगे.
बजट में वित्त मंत्री ने कई नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणाएं की. मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.
यशोदा हेल्थकेयर की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उपासना अरोड़ा के मुताबिक सरकार ने नर्सिंग कॉलेज बढ़ाने का अच्छा कदम उठाया है. उन्होंने कहा, "150 से अधिक नर्सिंग कॉलेज और बनाने से इसका बहुत लाभ होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा. हमारे पास कुशल स्टाफ होगा."
जनता को बजट से कुछ नहीं मिला-विपक्ष
हालांकि विपक्षी दल बजट में जनता को कुछ नहीं दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है."
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बजट पर तंज करते हुए ट्वीट किया, "पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किए गए आवंटन की सराहना की गई थी. आज हकीकत सबके सामने है. आवंटित राशि की तुलना में व्यय काफी कम है. यह हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए पीएम मोदी की OPUD स्ट्रेटजी है- ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर."
वहीं कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "आम बजट में कुछ अच्छी चीजें हैं, लेकिन मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का कोई जिक्र नहीं किया गया है. कुछ बुनियादी सवालों के जवाब बाकी रह गए." (dw.com)
भारत के सामने महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ते व्यापार घाटे की समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं. भारत का केंद्रीय बजट इन चुनौतियों से निपटने में कितना कारगर साबित होगा.
डॉयचे वैले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की कमाई और खर्च का बहीखाता यानी बजट पेश कर दिया है. इनकम टैक्स की लिमिट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे लोग खुश हैं. सीनियर सिटिजन्स और महिलाओं के लिए सेविंग्स पर ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं. इससे भी मिडिल क्लास खुश हुआ है.
लेकिन बड़े स्तर पर देखें, तो देश पर इस बजट का क्या असर होगा? ये जानने के लिए सरकार की ही मदद लेते हैं. बजट से ठीक पहले आए इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि साल 2022-23 में आर्थिक वृद्धि हुई और इसकी तीन वजहें गिनाई गईं. पहली, कोरोना के बाद मांग में बढ़ोतरी. दूसरी, साल 2022 के पहले कुछ महीनों में बढ़ा निर्यात. और तीसरी, सरकार की ओर से किए गए खर्चे.
मांग और निर्यात मुश्किल में
इन तीनों में से दो बातें तो आगामी बजट के लिए डरावना इशारा कर रही हैं, क्योंकि बढ़ी हुई मांग के अगले साल और बढ़ने के आसार नहीं हैं. बाकी यह तो सब जानते हैं कि नई नौकरियां आती हैं और सैलरी बढ़ती है, तो फिर मांग भी बढ़ती है. और अभी तो हालात भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इससे उलट हैं. तो इस साल मांग बढ़ेगी और इससे बहुत आर्थिक वृद्धि होगी, इसकी संभावना कम ही लगती है.
दूसरी बात है निर्यात में बढ़ोतरी की. तो दुनियाभर में मांग सिकुड़ रही है. यूरोपीय देशों में तो वृद्धि के आसार ही नहीं दिख रहे. ऐसे में निर्यात बढ़ने की भी कम ही संभावना है.
सरकार के खर्च बढ़ाने का विकल्प
इन हालात में एक ही विकल्प बचता है- सरकार खर्च बढ़ाए. सरकार इसके लिए तैयार भी है. बजट में एलान किया गया है कि अगले साल सरकार अपनी ओर से 100 खरब रुपये खर्च करेगी. यह मौजूदा साल के मुकाबले करीब एक-तिहाई ज्यादा होगा. इस खर्च से सरकार नौकरियां बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि लाने की कोशिश करेगी.
नौकरियां लाने के लिए सरकार ने अलग से कुछ योजनाएं बना रखी हैं. टूरिज्म को मिशन मोड में बढ़ाना इनमें से एक है. अगर ऐसा हुआ, तो स्थानीय स्तर पर ही ढेर सारे रोजगार पैदा किए जा सकते हैं. जैसे मान लीजिए कि अगर बनारस और अयोध्या जैसे शहरों में बड़ी संख्या में पर्यटक आने लगें, तो वहां टैक्सी, रेस्टोरेंट और होटल वगैरह के कितने रोजगार बढ़ जाएंगे.
नौकरियां लाने के लिए कई योजनाएं
फिर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करने का भी प्लान है. इसके तहत अगले तीन सालों में लाखों युवाओं को ट्रेंड किया जाएगा. सरकार ने 5जी सेवाओं का इस्तेमाल करके लैब लगाने की भी बात कही है, जहां ऐप डेवलप करने की नौकरियां आएंगी.
इसके अलावा किसी IIT के साथ मिलकर लैब में हीरे बनाने को और विस्तार देने की योजना है. सरकार को उम्मीद है कि इस सेक्टर में भारी नौकरियां आ सकती हैं. हालांकि, ये सारी नौकरियां अभी भविष्य में हैं. ये तुरंत नहीं आ जाएंगीं.
सरकार भी कर्ज की दरों से परेशान
वहीं पिछले कुछ वर्षों में कोविड के बाद अर्थव्यवस्था जिस हाल में थी, सरकार को उसे चलाने के लिए ज्यादा कर्ज लेना पड़ रहा था. इस वजह से ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं. जिनकी EMI चल रही है, उनसे पूछ लीजिए.
वैसे बढ़ी हुई ब्याज दरों से परेशान तो सरकार भी है. आलम ये है कि वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने 94 खरब रुपये ब्याज चुकाने में दिए, जो सरकार के कुल खर्च का साढ़े 22 फीसदी है. अगले साल यह ब्याज 108 खरब होने का एस्टीमेट है, जो सरकार के कुल खर्च का 24 फीसदी बनता है. यह सरकार का सबसे बड़ा खर्च बना हुआ है.
मांग बढ़े या बचत, यह भी उलझन
सरकार के राजकोषीय घाटे की भी बात कर लेते हैं. माने सरकार ने कितना खर्च किया और कितना कमाया. तो अगले साल यह घाटा 6 परसेंट से कम रहेगा, जो इस साल साढ़े 6 परसेंट रहने वाला है. और सरकार अपना घाटा कर्ज लेकर भर रही है. जब सरकार कर्ज लेती है, तो बड़ा कर्ज लेती है. जैसे इस साल करीब 120 खरब और अगले साल करीब 123 खरब रुपये. इतना बड़ा लोन लिया जाता है, तो ब्याज दरें चढ़ी रहती हैं. माने कर्ज देने वाला ज्यादा ब्याज मांगता है.
जब सरकार के लिए ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो लोगों के लिए भी बढ़ती हैं. तो अगर सरकार इतना लोन लेती रही, तो आपकी ईएमआई की दर भी जल्द कम नहीं होने वाली. और लोग ज्यादा ब्याज दर का सोचकर ज्यादा सेविंग करने लगे, तो खर्च करना बंद कर देंगे. सरकार यह भी नहीं चाहती कि लोग खर्च कम करें. जब खर्च करेंगे, तभी तो मांग बढ़ेगी और इकॉनमी चलेगी.
कागज पर अच्छा, जमीन पर मुश्किल
आखिरी बात सरकार की कमाई से जुड़ी. यानी जनता के दिए जाने वाले टैक्स की बात. तो टैक्स से कमाई अच्छी हो रही है. और आगे भी होती रहेगी. इस साल टैक्स से 300 खरब रुपये आने की गुंजाइश है और अगले साल के लिए 336 खरब आने का अनुमान है. यानी सरकार की टैक्स से होने वाली कमाई बढ़ ही रही होगी. फिर दूसरा जरिया है विनिवेश का. यानी सरकारी संपत्तियां बेचकर कमाई करने का. इसके टारगेट सरकार पिछले कई वर्षों से अचीव नहीं कर पा रही है.
तो सरकार ने जीडीपी ग्रोथ के जो टारगेट रखे हैं, उसे लेकर बजट के पन्नों पर तो सही तस्वीर खींची जा रही है. लेकिन अगर अर्थव्यवस्था में मांग नहीं बढ़ती है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में घटी मांग से निर्यात स्थिर रहता है या घट जाता है और नौकरियां तुरंत नहीं आतीं, तो बजट में पेश की गई तस्वीर को जमीन पर उतारना बहुत मुश्किल होगा. (dw.com)
जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण विस्थापित हुए लोग अभी उसी हालत में हैं और अब पांच और कस्बों में वैसी ही दरारें दिखने लगी हैं. लोग उस चारधाम राजमार्ग को जिम्मेदार मान रहे हैं जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी.
जसवंत सिंह बुटोला के घर से चार धाम यात्रा के लिए बनाई जा रही रेलवे लाइन नजर आती है. 18 महीने पहले जसवंत सिंह बुटोला एक सुबह सोकर उठे तो उन्होंने अपने घर की दीवार में एक दरार देखी. अब वह दरार इतनी चौड़ी हो चुकी है कि 55 साल के बुटोला को डर लगने लगा है. उन्हें लगता है कि पीढ़ियों से जिस गांव मारोडा में उनका परिवार रह रहा है, वो उन्हें छोड़ना पड़ेगा.
रेलवे लाइन की ओर देखते हुए बुटोला कहते हैं, "यह विनाश है.”
यह रेलवे लाइन भारत सरकार की विशेष योजना के तहत बनाई जा रही है. सरकार ने हिमालय के भीतर स्थित कई प्रमुख तीर्थस्थलों को रेल या सड़क से जोड़ेन की महती योजना बना रखी है जिसके जरिए लाखों हिंदू व सिख श्रद्धालू इन जगहों तक आसानी से पहुंच पाएंगे. चारधाम नाम की इस योजना में वह जोशीमठ भी शामिल है जहां हाल ही में सैकड़ों घरों में दरारें पड़ीं और वहां से लोगों को हटाना पड़ा.
इस योजना की एक रणनीतिक अहमियत भी है. चीन के साथ लगती सीमा पर यह ढांचागत विकास किया जा रहा है, जिसे भारत की सुरक्षा के लिए जरूरी समझा जाता है. इस तरह भारत इन इलाकों में अपनी पहुंच को और गहरा व मजबूत करना चाहता है.
प्रधानमंत्री ने बताया था जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में चीन सीमा से लगते एक गांव में दिए भाषण में कहा था कि ये नए रास्ते गांवों में विकास लेकर आएंगे. उन्होंने कहा था, "आधुनिक संपर्क-मार्ग राष्ट्रीय सुरक्षा की भी गारंटी हैं. देश के सीमांत क्षेत्र सर्वोत्तम और सबसे चौड़ी सड़कों के जरिए जोड़े जा रहे हैं.”
अब यह रणनीति मुश्किल में पड़ गई है. पिछले महीने जोशीमठ में कई परियोजनाओं पर काम रोकना पड़ा था क्योंकि उन्हें जमीन धंसने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. नागरिकों के अलावा कई विशेषज्ञों और अधिकारियों ने कहा था कि अस्थिर पहाड़ियां होने के कारण जोशीमठ में हो रही खुदाई ही इस आपदा की वजह बनी है.
अब रॉयटर्स समाचार एजेंसी का कहना है कि दो अरब डॉलर की रेल परियोजना और डेढ़ अरब डॉलर की सड़क परियोजना के साथ लगते कम से कम पांच और गांवों और कस्बों में इमारतों में दरारें पड़ चुकी हैं. ये सारे चारधाम परियोजना के मार्ग पर स्थित हैं और कम से कम दो जगहों पर अधिकारियों ने परियोजना के काम को ही इसके लिए जिम्मेदार माना है.
मरोडा में जिला अधिकारी ने नागरिकों के नाम लिखे एक पत्र में कहा है कि रेल मंत्रालय की निर्माण कंपनी आरवीएनएल उन ग्रामीणों को अन्य जगहों पर जमीन खरीदने के लिए धन देगी जो इस परियोजना प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि आरवीएनएल ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ लगते तीन गांवों के नौ निवासियों ने रॉयटर्स को अपने घर दिखाए जनमें दरारें आ चुकी हैं. इन निवासियों ने दावा किया कि ये दरारें तभी पड़नी शुरू हुई थीं जब उनके गांवों के पास गुफाएं बनाने के लिए विस्फोट होने शुरू हुए.
खतरे में जीते लोग
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा कहते है कि परियोजनाओं और दरारों में सीधा संबंध है. वह कहते हैं, "चट्टानों को तोड़ने के लिए हों या गुफाएं बनाने के लिए, जब धमाके होते हैं तो पहाड़ हिलते हैं और अक्सर नई दरारें उभर आती.” चोपड़ा सुप्रीम कोर्ट द्वारा चारधाम राजमार्ग के आकलन के लिए गठित की गई समिति के अध्यक्ष थे.
उधर, अधिकारी इस आपदा के लिए गांव-कस्बों में हो रहे अनियमित निर्माण को जिम्मेदार बातते हैं. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन निगम के कार्यकारी निदेशक पीयूष रौतेला कहते हैं कि आबादी तेजी से बढ़ रही है और निर्माण बहुत खराब योजना के तहत किया जा रहा है जो दरारों के लिए जिम्मेदार है.
जोशीमठ के लिए जिम्मेदार कौन?
लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मरोडा जैसे गांव तो दशकों से वैसे के वैसे हैं और वहां कोई नया निर्माण तक नहीं हुआ है. निवासी कहते हैं कि उनके यहां तो 2021 में रेलवे इंजीनियर आए और तब कोई निर्माण शुरू हुआ. नजदीकी बुटेला गांव में आठ परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं और बाकी डर में जी रहे हैं.
बुटोला की मुन्नी देवी कहती हैं, "नीचे रात-रात भर रेलवे का काम चलता है और हमारे घर का सीमेंट उतरकर गिरता रहता है. हम बहुत खतरे में जी रहे हैं”
इस संबंध में रॉयटर्स ने रेलवे और अन्य कई मंत्रालयों के सरकारी अधिकारियों से सवालों के जवाब चाहे लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.
वीके/एए (रॉयटर्स)
अडानी समूह ने बुधवार को 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को यह कहते हुए वापस लेने का फैसला किया कि निवेशकों को पैसा लौटा दिया जाएगा. कंपनी के बोर्ड की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ को अडानी समूह ने बुधवार को रद्द कर दिया. समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने इसे रद्द करने की वजह खुद बताई है.
अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंशल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के व्यापारिक समूह पर लगाए गंभीर आरोपों के बाद पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया. बुधवार देर शाम एक नाटकीय घटनाक्रम में अडानी समूह ने अडानी एंटरप्राइजेज के पूरे बिक चुके एफपीओ को रद्द करने का फैसला लिया.
क्यों वापस लिया एएफपीओ
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने इसको रद्द करने को लेकर एक बयान जारी किया. अडानी ने अपने बयान में कहा, "असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए निदेशक मंडल ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है."
अडानी ने आगे कहा, "इस फैसले का हमारे मौजूदा ऑपरेशंस और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन का ध्यान रखेंगे. साथ ही साथ भविष्य के प्लान पर ध्यान देंगे."
निवेशकों को पैसे लौटाएंगे
उन्होंने कहा कि एफपीओ के वापस होने के बाद निवेशकों के पैसे लौटा दिए जाएंगे. शेयर बाजार में बुधवार को क्रेडिट स्विस द्वारा समूह के बॉन्ड्स मार्जिन लोन पर रोक लगाने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी और स्टॉक 2,128 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. बुधवार को अंडानी एंटरप्राइजेज का मार्केट कैप घटकर 2,42,672 करोड़ पर आ गया.
अडानी ने कहा, "बोर्ड इस अवसर पर हमारे एफपीओ के लिए आपके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए सभी निवेशकों को धन्यवाद देता है. एफपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन कल (31 जनवरी) सफलतापूर्वक बंद हो गया. पिछले हफ्ते स्टॉक में उतार-चढ़ाव के बावजूद कंपनी के व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपका विश्वास रहा है."
अंडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी को निवेश के लिए खुला था और यह 31 जनवरी को बंद हुआ. इस एफपीओं को एंकर निवेशकों और अन्य निवेशकों ने हाथों हाथ लिया था. यहां तक कि अबु धाबी की एक कंपनी ने 3,200 करोड़ का निवेश किया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से झटका
पिछले दिनों अमेरिकी रिसर्च ग्रुप हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप के ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा है जिसके कारण उसकी कंपनियों की स्थिरता पर संदेह है. यह रिपोर्ट कहती है कि अडानी ग्रुप ने टैक्स हेवन माने जाने वाले देशों का अनुचित इस्तेमाल भी किया है. हिंडनबर्ग ने अडानी पर अपनी रिपोर्ट में ग्रुप की गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप ने विदेशों में बनाई अपनी कंपनियों का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए किया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरिशस और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हेवन में बनाई गईं कई बेनामी कंपनियां हैं जिनके पास अडानी की कंपनियों में हिस्सेदारी है.
हालांकि अडानी समूह ने इस रिपोर्ट के आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह "भारत पर हमला" है. अडानी समूह ने जवाब देते हुए कहा है कि यह "भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला है." समूह ने 29 जनवरी को 413 पन्नों का जवाब जारी करते हुए कहा कि आरोप "झूठ के सिवाय कुछ नहीं है." अडानी समूह ने कहा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'मिथ्या धारणा बनाने' की छिपी हुई मंशा से प्रेरित है ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
बुधवार को अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के साथ अडानी से एशिया और भारत में सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा छिन गया. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले लगभग 120 अरब डॉलर की उनकी कुल संपत्ति ने उन्हें दुनिया का तीसरा सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया था. (dw.com)
नई दिल्ली, 2 फरवरी | दिल्ली के द्वारका इलाके में पांच और छह साल की दो लड़कियों का एक व्यक्ति ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसकी पहचान दीपक (25) के रूप में की।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुरुवार को दोपहर करीब 1.20 बजे एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि वह अपनी बहनों सहित परिवार के साथ उत्तम नगर में अपने रिश्तेदार के घर जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने आई थी।
अधिकारी ने कहा, पार्टी के बाद, उसकी 6 साल और 5 साल की बेटियां घर में नहीं मिलीं। काफी तलाश करने पर वे आरोपी की झुग्गी के अंदर मिलीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दीपक ने उनके साथ दुष्कर्म किया है।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 342, 354 और 10/12 यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम के तहत उत्तम नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के बयान के बाद और जांच में सामने आने वाले तथ्यों के अनुसार आईपीसी की अन्य धाराएं जोड़ी जाएंगी। (आईएएनएस)|
मुंबई, 2 फरवरी | अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर, निर्माता आनंद पंडित ने स्टार के साथ फिर से 2021 की फिल्म 'द बिग बुल' की अगली कड़ी पर काम को लेकर जानकारी साझा की। पंडित कहते हैं, "मुझसे लगातार पूछा जा रहा था कि क्या मैं सीक्वल बनाऊंगा.. हां, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 'द बिग बुल' के एक रोमांचक सीक्वल पर काम हो रहा है और यह निश्चित रूप से दर्शकों को आगे की कहानी बताएगी।"
5 फरवरी को अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के मद्देनजर यह घोषणा महत्वपूर्ण है।
पंडित कहते हैं, "हां, मैं एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता हूं जो उनकी प्रतिभा की विशालता के साथ न्याय करे। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और उनके साथ काम करना बेहद खुशी की बात है। उम्मीद है कि सीक्वल हमें एक साथ जादू करने का एक और मौका देगा।"
निर्माता एक किताब के अधिकार खरीदने की प्रक्रिया में हैं और कहते हैं, "मैं इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकता कि सीक्वल किस पर आधारित होगा लेकिन यह बहुत दिलचस्प होने वाला है।"
'द बिग बुल' डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 2021 में रिलीज हुई थी और हेमंत शाह नाम के एक कुख्यात स्टॉकब्रोकर की काल्पनिक कहानी है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | अदाणी ग्रुप पर अनुसंधान समूह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के हंगामे के बीच गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।
स्पीकर ओम बिड़ला ने जैसे ही जाम्बिया के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और प्रश्नकाल शुरू किया, तभी हंगामा शुरू हो गया।
बिड़ला ने शोर-शराबे वाले ²श्यों पर आपत्ति जताई और सदस्यों से निराधार दावे नहीं करने को कहा। नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के चलते राज्यसभा भी स्थगित कर दी गई।
अमेरिका की एक शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
विपक्षी दल अदाणी मुद्दे, सीमा पर चीनी अतिक्रमण और राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)|
काहिरा, 2 फरवरी | मिस्र की राजधानी काहिरा के एक धर्मार्थ अस्पताल में बुधवार को लगी आग में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए। मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता होसाम अब्देल-गफ्फार के मुताबिक दुर्घटना अल मतरेया जिले में स्थित अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में हुई। मौके पर 12 एंबुलेंस भेजी गई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के हवाले से अब्देल-गफ्फार ने कहा कि घायलों को जलने, फ्रैक्च र या दम घुटने का सामना करना पड़ा। उन्हें अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 फरवरी | संसद की कार्यवाही से पहले सदन में रणनीति बनाने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के नेता गुरुवार सुबह बैठक करेंगे। कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस रणनीति समिति की बैठक भी होगी। कांग्रेस सचेतक नसीर हुसैन ने कहा, संसद भवन में सीपीपी कार्यालय में कांग्रेस रणनीति समिति की बैठक होगी और समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गेजी के कक्ष में सुबह 10 बजे होगी।
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक कर रहे हैं।
संसद की संयुक्त बैठक में सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दे सकती है। (आईएएनएस)|