अंतरराष्ट्रीय
रियाद, 28 दिसम्बर | आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, सउदी अरब ने सोमवार को एक सप्ताह के लिए अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों के निलंबन के विस्तार की घोषणा की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ानों के अलावा, मंत्रालय ने इस अवधि के दौरान जमीन और समुद्र द्वारा प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को भी सप्ताह भर के लिए और बढ़ा दिया गया है।
दिसंबर में, सउदी अरब ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया था।
यह निर्णय कुछ देशों में वायरस के नए प्रकार को पाए जाने के बाद अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए लिया गया।
इस निर्णय में माल, वस्तुओं, और आवश्यक आपूर्ति श्रृंखला को लागू प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियाती उपायों के मद्देनजर कहा कि गैर-सउदी के लोग हवाई जहाजों के माध्यम से देश छोड़कर जा सकते हैं। (आईएएनएस)
सियोल, 28 दिसम्बर | दक्षिण कोरिया में सोमवार को ब्रिटेन से लौटने वाले तीन कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए गए। सभी पॉजिटिव रोगियों में कोरोना के नए प्रकार पाए गए हैं, जिससे देश में कोरोना के नए प्रकार का यह पहला मामला दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरिया डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी (केडीसीए) ने एक बयान में कहा कि लंदन से 22 दिसंबर को लौटे तीन दक्षिण कोरियाई नागरिक की रिपोर्ट में कोरोना का नया प्रकार पाया गया है, उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है।
ब्रिटेन से 8 नवंबर और 13 दिसंबर को ब्रिटेन से लौटे चार अन्य नागरिक कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, उनके पॉजिटिव सैंपलों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनमें कोरोना के नए प्रकार हैं या नहीं।
ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का नया प्रकार पुरानी वाले से 70 प्रतिशत तेजी से फैलने के लिए जाना जाता है।
दक्षिण कोरिया ने 23 से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाईट्स को प्रतिबंधित कर दिया है।
देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में 808 नए मामले पाए गए, जिससे यहां मामलों की संख्या 57,680 पहुंच गई है।
देश में इस दौरान 11 अन्य लोग कोरोनावायरस के शिकार हो गए, जिससे यहां कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 819 हो गई है। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
लाहौर, 28 दिसम्बर | पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कमोबेश एक नियमित मामला बनता जा रहा है।
एक तरफ तो प्रधानमंत्री इमरान खान दावा करते हैं कि पाकिस्तान में सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके शासन में अल्पसंख्यकों पर जुल्म बढ़ते जा रहे हैं। खान के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में मुख्य रूप से हिंदू और ईसाई धर्म से संबंध रखने वाली लड़कियों के जबरन धर्मातरण के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है। एक 13 वर्षीय ईसाई लड़की आरजू राजा को कथित तौर पर जबरन अगवा किया गया और उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे इस्लाम कुबूल करा दिया गया। उस लड़की की एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर दी गई। जबरन धर्मातरण और बाल विवाह के इस मामले ने एक बार फिर पाकिस्तान के हालात बंया किए हैं।
आरजू के मामले ने मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर बहस को तेज कर दिया है और यह देश में वर्ष 2020 की शीर्ष और सबसे बड़ी घटनाओं में एक बन गई है, जिसने पाकिस्तान की झूठी धर्मनिरपेक्षता को बेनकाब कर दिया है। आरजू के मामले ने एक बार फिर से यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि आखिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को अपने मौलिक अधिकारों के साथ ही धार्मिक आजादी से जीने का मौका कब मिलेगा।
आरजू का तो यह हालिया मामला है। इसके अलावा भी पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से युवा हिंदू और ईसाई लड़कियों को अगवा करके उनका धर्म परिवर्तन और जबरन निकाह करने के काफी मामले सामने आ चुके हैं। आरजू के साथ ही ऐसी कई घटनाओं के मामले देश की विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं।
28 अप्रैल 2019 को कराची के इत्तेहाद शहर में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां नेहा परवेज नामक एक नाबालिग लड़की को अगवा करके उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका मुस्लिम व्यक्ति इमरान से निकाह करा दिया गया। इसके अलावा भी ऐसे मामलों की लंबी सूची है, जिसमें अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ नाइंसाफी हुई है।
कम उम्र की अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरन धर्मातरण की बढ़ती घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि आखिर देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को असुरक्षित क्यों महसूस हो रहा है।
पाकिस्तान में जबरन धर्मातरण अनियंत्रित जारी है। अपहरणकर्ता बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी से होते हैं और यही वजह है कि उन्हें सत्ताधारी नेताओं का आसानी से संरक्षण प्राप्त हो जाता है। यही नहीं, पाकिस्तान में आरोपियों को दोषी साबित करने और उन्हें सजा दिलाने की प्रक्रिया भी दम तोड़ रही है। (आईएएनएस)
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपनी पार्टी के अंदरूनी असंतोष को दबाने के लिए संसद को भंग नए चुनावों कराने का रास्ता साफ कर दिया है. लेकिन उनके इस कदम से देश में नया राजनीतिक संकट शुरू हो गया है.
डायचेवेले पर लेखानंद पाण्डेय, (काठमांडू से) की रिपोर्ट
नेपाल, 28 दिसम्बर | नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर संसद को भंग कर दिया और घोषणा की कि अप्रैल और मई में देश में नए चुनाव कराए जाएंगे, यानी निर्धारित समय से एक साल पहले.
प्रधानमंत्री के इस फैसले से सत्ताधारी पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया है. नाराज कार्यकर्ताओं ने राजधानी काठमांडू की सड़कों पर उतरकर विरोध जताया. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड से ओली का टकराव हुआ था. प्रचंड ने ही ओली को प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने में मदद की थी. दोनों नेताओं ने 2018 में अपनी पार्टियों का विलय किया था. हालांकि सत्ता में साझेदारी पर विवाद और आपसी विचार विमर्श की कमी के कारण दोनों नेताओं में मदभेद रहे हैं.
ओली अपनी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर भी समर्थन खो चुके हैं. पार्टी के कुछ सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि वह वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करके अहम फैसले ले रहे हैं और नियुक्तियां कर रहे हैं. ऐसे में ओली के इस्तीफे की मांग तेज हो रही है.
जब ओली ने संसद को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी, तो सत्ताधारी दल के 90 सांसदों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की. संसद को भंग करने के विरोध में सात मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं और उनका कहना है कि यह फैसला 2017 में मिले 'जनादेश' का उल्लंघन है.
ओली की सिफारिश पर तुरंत संसद को भंग करने के लिए राष्ट्रपति भंडारी की आलोचना हो रही है. वह सत्ताधारी पार्टी की सदस्य रही हैं और प्रधानमंत्री ओली की नजदीकी समझी जाती हैं.
असंवैधानिक कदम?
पर्यवेक्षक कहते हैं कि ओली के कदम से देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि जब तक वैकल्पिक सरकार बनाने की संभावनाएं मौजूद हों, तब तक प्रधानमंत्री संसद को भंग करने की सिफारिश नहीं कर सकते. उन्हें आशंका है कि हालिया घटनाक्रम के कारण नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का नया दौर शुरू हो सकता है.
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के एक वकील टीकाराम भट्टाराई ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "यह असंवैधानिक कदम है, जिसके कारण नेपाल में नई राजनीतिक व्यवस्था और लोकतंत्र के लिए जोखिम पैदा होंगे." नेपाली सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनावाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता भद्रकाली पोखरियाल ने बताया, "संसद को भंग करने के खिलाफ दायर 12 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है."
संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ भीमार्जुन आचार्य की राय है कि संसद को भंग करने के कदम से नेपाल में संघीय और गणतांत्रिक ढांचा ध्वस्त हो सकता है जिसे सितंबर 2015 में लागू नए संविधान के तहत कायम किया गया. वह कहते हैं कि इस गलती को सुधारने का बस यही तरीका है कि संसद को बहाल किया जाए.
नेपाल में नए चुनाव 30 अप्रैल और 10 मई को निर्धारित हैं. लेकिन ओली के प्रेस सलाहकार कुंदन अरयाल ने राजनीतिक अस्थिरता और कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए इन तारीखों पर चुनाव कराने को लेकर संदेह जताया है.
नेपाल में ताजा राजनीतिक संकट ऐसे समय में शुरू हुआ है जब देश दूसरी राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों का भी सामना कर रहा है. खासकर शाही परिवार के समर्थक मांग कर रहे हैं कि 2008 में खत्म की गई राजशाही को फिर से बहाल किया जाए. वहीं पूर्व माओ विद्रोहियों के कुछ धड़ों की हिंसा भी लगातार बढ़ रही है. नेपाल में एक दशक तक चले गृहयुद्ध के बाद कुछ समय तक शांति रही. लेकिन ताजा घटनाक्रम फिर उसे महीनों के लिए राजनीतिक अनिश्चित्तता में झोंक सकता है.
ओली इस वादे के साथ सत्ता में आए थे कि वह एक स्थिर और अच्छी सरकार देने के साथ साथ देश का तेजी से आर्थिक विकास करेंगे. हालांकि वह अपने वादों को पूरा नहीं कर सके. भ्रष्टाचार के आरोपों और कई दूसरे राजनीतिक कांडों ने उनके नेतृत्व में जनता के भरोसे को तोड़ा है. कोरोना महामारी पर सरकार के रुख की भी आलोचना हो रही है और उनकी अपनी पार्टी के अलावा दूसरी पार्टियां से भी उनके इस्तीफे की मांग लगातार बढ़ रही है.
बाहरी कारक
विश्लेषकों का कहना है कि भारत और चीन नेपाल के घटनाक्रम को नजदीक से देख रहे हैं. पिछले एक दशक में नेपाल और चीन के संबंधों में बहुत प्रगति हुई है, खासकर व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के क्षेत्र में. चीन से नेपाल की नजदीकियां भारत की चिंता को बढ़ा रही हैं.
मौजूदा वित्तीय वर्ष में नेपाल में लगभग 90 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश चीन से आया. चीन ने बीते अक्टूबर में नेपाल को 50 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद दी. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेपाल के दौरे में इस मदद का ऐलान किया गया.
इसके अलावा चीन ने नेपाल में इंफ्रास्ट्रक्चर और हाइड्रोपावर प्रोजेक्टों में करोड़ों युआन का निवेश किया है. दोनों देशों के करीबी व्यापारिक संबंध हैं. नेपाल चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड पहल में भी शामिल है, जिनमें दुनिया के एक बड़े हिस्से को सड़क, रेल और जलमार्गों के जरिए जोड़ना है.
चीन ने प्रधानमंत्री ओली की सरकार के साथ भी अच्छे रिश्ते कायम किए हैं, वहीं हिमालयी क्षेत्र में जमीन के एक टुकड़े को लेकर भारत और नेपाल के बीच पिछले साल संबंधों में काफी खटास देखने को मिली. उस वक्त नेपाल ने भारत पर "धौंस" जमाने का आरोप लगाया था. प्रधानमंत्री ओली ने तो यहां तक कहा कि भारत उनकी पार्टी के नेताओं को भड़का कर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटवाना चाहता है. वहीं भारत सरकार और भारतीय मीडिया ने हमेशा ओली को चीन की कठपुतली की तरह पेश किया है.
संबंधों को सामान्य बनाने के लिए भारत ने अपने सर्वोच्च राजनयिक को अक्टूबर और नवंबर में नेपाल भेजा. उनके साथ भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी के प्रमुख, सेना प्रमुख और विदेश सचिव भी थे.
नेपाली राजनीतिक विश्लेषक चंद्र देव भट्टा ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा कि नेपाल पर चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए चिंता का बड़ा कारण है. लेकिन वह कहते हैं कि यह प्रभाव बढ़ता ही रहेगा चाहे नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार हो या फिर कोई और सरकार. उनके मुताबिक, "नेपाल में राजशाही को खत्म किए जाने के बाद से, चीन ने नेपाल की सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ अच्छे संबंध कायम किए हैं."dw.com
काबुल, 28 दिसंबर | अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हिंसक हमलों की एक श्रृंखला के मद्देनजर, देश के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने सोमवार को कहा कि सरकार राजधानी में पुलिसकर्मियों की संख्या को दोगुना करेगी।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सालेह ने कहा कि एक अध्ययन से पता चला है कि इतनी बड़ी आबादी वाले शहर काबुल के लिए पुलिस की संख्या कम है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि काबुल माउंटेन की सुरक्षा चौकियां पुलिस से लेकर सेना को सौंपी जाएंगी।
सालेह की घोषणा काबुल के कोलोला पोश्ता क्षेत्र में एक चुंबकीय आईईडी विस्फोट से सुरक्षा बलों के वाहन को टक्कर मारने के कुछ घंटों बाद ही सामने आई है। पुलिस ने पुष्टि की कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
किसी भी समूह ने अभी इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
टोलो न्यूज के निष्कर्ष बताते हैं कि पिछले 10 दिनों में काबुल में हुए हिंसक हमलों में 23 लोग मारे गए हैं और 70 अन्य घायल हुए हैं।
काबुल में पिछले 10 दिनों में सुरक्षा को भेदने वाली 15 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आत्मघाती हमले, कार बम हमले, चुंबकीय आईईडी विस्फोट और लक्षित हत्याएं शामिल हैं।
काबुल में 26 दिसंबर को चार धमाके हुए थे।
अधिकांश चुंबकीय आईईडी विस्फोटों में सुरक्षा वाहनों को निशाना बनाया गया और ऐसी घटनाओं को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर पुलिस मुख्यालय की इमारतों के पास अंजाम दिया गया। (आईएएनएस)
चीन की एक अदालत ने सिटीजन जर्नलिस्ट को चार की साल सजा सुनाई है. महिला पत्रकार ने चीन के वुहान शहर से कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों पर रिपोर्टिंग की थी और वहां के तथ्य दुनिया के सामने रखे थे.
माना जाता है कि चीन के वुहान शहर से दुनिया भर में कोरोना महामारी फैली. वहां से संक्रमण के शुरुआती दिनों पर रिपोर्टिंग करने वाली सिटीजन जर्नलिस्ट को एक अदालत ने झगड़े के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है. सिटीजन जर्नलिस्ट 37 वर्षीय झांग झान के वकील ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें "झगड़ा करने" और "समस्या को भड़काने" का दोषी पाते हुए चार साल की सजा सुनाई है.
आधिकारिक बयानों के उलट झान ने महामारी के समय दुनिया के सामने जो तस्वीर पेश की वह बहुत ही भयानक थी. झान उन मुट्ठीभर लोगों में थीं जिन्होंने भीड़भाड़ वाले अस्पतालों और सुनसान सड़कों की भयावह तस्वीरें दुनिया के सामने रखीं.
सच दिखाने की सजा?
उनके वकील रेन क्वानियु ने कहा, "हम शायद अपील करेंगे." सोमवार को शंघाई के कोर्ट ने झांग को चार साल की सजा सुनवाई. कोर्ट के फैसले के पहले क्वानियु ने कहा, "झांग का मानना है कि उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करने के लिए सताया जा रहा है." चीन के कोरोना संकट से जल्द नहीं निपटने की आलोचना को वहां के अधिकारियों ने दबा दिया और व्हिसल ब्लोअर्स जैसे कि डॉक्टरों को इस बारे में चेतावनी भी दी गई थी.
चीन के वुहान से फैला वायरस एक साल में दुनियाभर में भारी तबाही मचा चुका है और कोरोना के कारण आठ करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 17 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
शंघाई के कोर्ट में झांग की सुनवाई शुरू होने के पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. सात महीने तक झांग को चीन ने हिरासत में रखा और उसके बाद उन पर सुनवाई शुरू की. हालांकि झांग के कुछ समर्थक कोर्ट के बाहर इकट्ठा हुए और उनके समर्थन में नारेबाजी की. व्हीलचेयर पर आए एक व्यक्ति ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वह हेनान प्रांत से आया है और वह अपना समर्थन झांग को इसलिए दे रहा है क्योंकि वह भी ईसाई है. उसके हाथ में एक पोस्टर था जिस पर झांग का नाम लिखा था. बाद में पुलिस ने इस व्यक्ति को वहां से हटा दिया. कोर्ट के सुरक्षारकर्मियों का कहना था कि विदेशी पत्रकारों को "कोरोना वायरस महामारी की वजह" से अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई.
चीन का सच बाहर लाना कितना खतरनाक?
पूर्व वकील झांग 1 फरवरी को अपने शंघाई वाले घर से वुहान पहुंची थीं. उन्होंने यूट्यूब पर स्थानीय नागरिकों का इंटरव्यू, कमेंट्री के साथ साथ स्थानीय शवदाहगृह का वीडियो, ट्रेन स्टेशनों, अस्पतालों और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी का वीडियो अपलोड किया था. मध्य मई में उन्हें हिरासत में लिया गया था और उन्होंने इसके खिलाफ जून के आखिर में भूख हड़ताल की थी.
उनके वकीलों ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने उन्हें जबरन ट्यूब के जरिए खाना खिलाया. दिसंबर तक उनकी तबीयत और बिगड़ गई और उन्हें सिरदर्द, चक्कर आने, पेट दर्द, कम रक्त दबाव और गले के संक्रमण जैसी शिकायतें हो गईं.
उनके वकील ने बताया कि सुनवाई शुरू होने के पहले उन्हें जमानत देने और सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग पर कोर्ट ने ध्यान नहीं दिया. अन्य सिटीजन जर्नलिस्ट फांग बिन, चेन कुईशी और ली जेहुआ को भी पत्रकारिता के लिए हिरासत में लिया गया था. फांग के बारे में कोई सूचना तो नहीं मिली लेकिन ली अप्रैल महीने में यूट्यूब वीडियो में नजर आए थे और कहा था कि उन्हें जबरदस्ती क्वारंटीन में भेज दिया गया था. चेन को बाद में रिहा कर दिया गया था लेकिन उन्होंने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है.
एए/एके (रॉयटर्स)
चीनी गेम टाइकून जिनकी क्रिसमस के दिन मौत हो गई थी, उन्हें ज़हर दिया गया था. चीन की शंघाई पुलिस ने इसकी पुष्टि की है.
39 वर्षीय लिन ची, यूज़ू नाम की गेम डिवलेपर कंपनी के चेयरमेन और चीफ़ एग्जेक्युटिव थे. उन्हें गेम ऑफ थ्रोन्स: विंटर इज़ कमिंग स्ट्रैटिजी गेम बनाने के लिए जाना जाता था.
शंघाई पुलिस ने बयान जारी कर ची के एक अहम सहयोगी को मुख्य संदिग्ध बताया है. हालांकि पुलिस ने उस व्यक्ति का नाम उजागर नहीं किया और उसे सिर्फ़ उसके उपनाम जू से संबोधित किया.
हुरुन चाइना रिच लिस्ट के अनुसार, लिन की कुल संपत्ति क़रीब 6.8 अरब युआन यानी क़रीब एक अरब डॉलर थी.
शंघाई पुलिस के मुताबिक़ ची की कंपनी के कई कर्मचारी और पूर्व कर्मचारी शुक्रवार को शोक प्रकट करने के लिए उनके दफ़्तर के बाहर इकट्ठा हुए.
कंपनी ने अपने आधिकारिक वीबो माइक्रोब्लॉग पर एक भावनात्मक बयान भी जारी किया.
उन्होंने लिखा, “अलविदा युवा... हम एक साथ रहेंगे, दयालु बने रहेंगे, अच्छाई पर विश्वास करते रहेंगे और जो बुरा है, उसके ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखें.”
पोस्ट पर हज़ारों लोगों ने कॉमेन्ट किए और इसे वीबो पर 29 करोड़ से अधिक बार देखा गया.
गेम ऑफ थ्रोन्स से जुड़े गेम के अलावा यूज़ू ने ब्रॉल स्टार जैसे कई सुपर हिट गेम भी बनाए हैं.
थ्री-बॉडी प्रॉब्लम
कंपनी को चाइनीज साई-फाई उपन्यास थ्री-बॉडी प्रॉब्लम के साथ अपने कनेक्शन के लिए भी जाना जाता है और इस पर फिल्म बनाने के राइट्स उन्हीं के पास है.
लेकिन मोशन पिक्चर के क्षेत्र में कंपनी के बिज़नेस का विस्तार उम्मीद के मुताबिक सफ़ल नहीं रहा और किताब को छह फ़िल्मों में बदलने का प्रोजेक्ट कभी शुरू नहीं हो पाया.
सितंबर में, कंपनी ने नेटफ्लिक्स को इसपर टीवी प्रोग्राम बनाने का अधिकार दे दिया.
नेपाल में संकट के बीच काठमांडू क्यों पहुंची चीनी कम्युनिस्ट पार्टी
साल 2020 में मील का पत्थर साबित हुईं ये पाँच राजनीतिक घटनाएं
लेखक लिउ सिक्सिन की ये किताब रिमेंबरेंस ऑफ अर्थ्स पास्ट ट्राइलॉजी की पहली किस्त है. इसे आलोचकों से बहुत सराहना मिली है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी इसके प्रशंसक हैं. (bbc.com)
मॉस्को, 28 दिसंबर | बारेंट्स सागर में एक रूसी मछली पकड़ने वाली नाव के डूबने के बाद 17 लोग लापता हो गए, जबकि दो अन्य को बचा लिया गया है। इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया ने सोमवार को दी। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से बताया कि मछली पकड़ने की नाव वनेगा नोवोया जिम्लया द्वीपसमूह के पास डूब गई, जिसमें 19 लोग सवार थे।
मंत्रालय ने दुर्घटनास्थल पर बहुत अधिक बर्फ जमा होने के कारण को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया।
लापाता लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान चल रहा है, लेकिन खराब मौसम की स्थिति के मद्देनजर विमान को तैनात किया जाना बाकी है।(आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 28 दिसम्बर| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सोमवार को अनियंत्रित होकर एक यात्री वैन के खाई में गिरने के कारण सात लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हैं। यह दुर्घटना डेरा गाजी खान जिले के राखी गज के करीब हुई। बताया जा रहा है कि वैन काफी रफ्तार में थी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक यात्री पैन फोर्ट मोनरोए से डेरा गाजी खान जा रही थी।
स्थानीय लोगों और सीमा पुलिस ने खाई में से मृतकों के शवों के निकाल लिया है। (आईएएनएस)
नेपाल में सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन को रोकने के लिए चीन कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के खेमों में पार्टी बँट गई है. दूसरी तरफ़ पीएम ओली ने संसद को भी भंग कर दिया गया है.
कहा जा रहा है चीन नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम से ख़ुश नहीं है और वो चाहता है कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी एकजुट रहे. इसी को देखते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल उपमंत्री गोउ येज़ोउ के नेतृत्व में रविवार को काठमांडू पहुँचा है.
नेपाल के वरिष्ठ लेखक कनकमणि दीक्षित ने आरोप लगाया है कि यह प्रतिनिधिमंडल प्रचंड के आमंत्रण पर आया प्रतीत होता है. उन्होंने कहा है कि जब संसद भंग करने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो ऐसे में समय चीनी प्रतिनिधिमंडल का आना दुखद है.
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने चीनी प्रतिनिधिमंडल से ओली की मुलाक़ात की तस्वीरें पोस्ट की हैं. सूर्य थापा ने इसे शिष्टाचार भेंट कहा है. नेपाल में कहा जा रहा है कि ओली का यह क़दम चीन के लिए भी हैरान करने वाला है. भारतीय मीडिया में अब तक ओली को चीन समर्थक कहा जाता था लेकिन अभी यहाँ भी ओली को लेकर चुप्पी है. भारत सरकार भी पूरे मामले को किसी दर्शक की तरह देख रही है जबकि चीन पूरी तरह से सक्रिय है.
नेपाल के वर्तमान राजनीतिक संकट में चीन खुलकर सामने आया है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पिछले रविवार को अचानक से संसद को भंग कर दिया था. उनके इस फ़ैसले से सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो खेमों में बँट गई है. एक धड़े का नेतृत्व प्रधानमंत्री ओली कर रहे हैं और दूसरे धड़े का पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड'.
चीन को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी का इस तरह बँटना ठीक नहीं लगा. रविवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग के उप-मंत्री गुओ येज़ोऊ एक उच्चस्तरीय टीम के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुँचे.
यह टीम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों से बात करेगी. अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को चीनी टीम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराषट्रीय विंग से भी मुलाक़ात करेगी.
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के पास है.
द हिन्दू अख़बार से नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप-प्रमुख राम कार्की ने कहा, ''हमलोगों के बीच भाईचारे का रिश्ता न केवल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना से है बल्कि भारत और बांग्लादेश की वामपंथी पार्टियों से भी है. हमलोगों के बीच आपसी बातचीत होती रहती है. यह एक रुटीन दौरा है. हमारे प्रतिनिधिमंडल का आना जाना लगा रहता है.''
द हिन्दू के अनुसार चीन की यह टीम नेपाली संसद यानी प्रतिनिधि सभा भंग करने को लेकर ओली और प्रचंड खेमे से बात करेगी. उम्मीद की जा रही है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल से ओली और प्रचंड दोनों की मुलाक़ात होगी. ओली और प्रचंड दोनों नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं. दोनों एक दूसरे के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी कर रहे हैं.
कार्की ने द हिन्दू से कहा कि पार्टी में विभाजन को लेकर ओली को अहसास होगा कि उन्होंने ग़लती की थी. कार्की ने कहा कि 20 दिसंबर को ओली ने संसद भंग कर ग़लत क़दम उठाया था. कार्की ने कहा कि ओली कम्युनिस्ट एजेंडा चलाने के बजाय नव उदारवाद की राह पर बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, “उनके सत्तावादी व्यवहार को देखते हुए यह नहीं लगता है कि वो अपनी ग़लती स्वीकार करेंगे. यह उस तरह का रुझान दिखा रहे हैं जो आज के समय में हम दुनिया के कई देशों में देख रहे हैं.”
दोनों पक्षों के बीच कई महीनों के तनाव के बाद नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए ओली और प्रचंड के बीच बातचीत कराई थी. (bbc.com)
काठमांडू, 28 दिसंबर| नेपाल में प्रतिनिधि सभा के विघटन के बाद हाल ही में पैदा हुए राजनीतिक अव्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए एक उच्च-स्तरीय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रतिनिधिमंडल काठमांडू पहुंचे हुए हैं, जिन्होंने यहां शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ मैराथन बैठक की शुरूआत की है। रविवार की शाम को सीपीसी के उपाध्यक्ष गुओ येओझो ने राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के साथ बातचीत की।
विदेश मामलों में ओली के सलाहकार राजन भट्टाराई ने कहा कि गुओ ने रविवार रात को प्रधानमंत्री से मुलाकात की हालांकि बैठक का आयोजन सोमवार को होना था।
दोनों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि उनकी चर्चा के विषय का खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।
सीपीसी के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शीतल निवास में राष्ट्रपति भंडारी के साथ एक बैठक की, जिस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों सहित सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में पैदा हुई दरार पर भी बात की।
यह टीम एनसीपी के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस से भी मुलाकात करने वाली है। (आईएएनएस)
सैंटिआगो, 28 दिसंबर | चिली के अरूकानिया क्षेत्र में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई। चिली के अधिकारियों ने कहा कि हताहतों या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चिली विश्वविद्यालय के नेशनल सीस्मोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि रविवार को आए भूकंप का केंद्र टॉलटन नगरपालिका से 144 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में दर्ज किया गया।
भूकंप, जिसकी गहराई 26.5 किमी थी, को लॉस लागोस और बायोबियो के पड़ोसी क्षेत्रों में महसूस किया गया।
इस बीच, नेवल हाइड्रोग्राफिक एंड ओशेनोग्राफिक सर्विस ने कहा कि भूकंप की वजह से चिली में सुनामी आने की संभावना नहीं है।
पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित, चिली भूकंप की दृष्टि से सबसे अधिक सक्रिय देशों में से एक माना जाता है। (आईएएनएस)
तेहरान, 28 दिसंबर | ईरान की राजधानी तेहरान के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में 12 पर्वतारोहियों के शव मिले हैं। यहां के बचावकर्मियों और पुलिस सूत्रों ने ये जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 25 दिसंबर को कोलाचल, अहर और दराबाद के जिलों में तीन अलग-अलग घटनाएं हुईं, जब अचानक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन हुआ, जिसके बाद बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान शुरू हुआ।
तीन दिनों की खोज के बाद, तेहरान में रविवार को रेड क्रिसेंट ने अपने ऑपरेशन को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि राजधानी के उत्तरी ऊंचाइयों में फंसे 14 लोगों को बचाया गया है और 11 शव बरामद किए गए हैं।
समाचार एजेंसी तस्नीम के अनुसार, कोलाचल जिले की पुलिस ने कहा कि उन्हें 12वां शव भी मिला है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसंबर | स्मार्टफोन का निर्माण करने वाली चीनी कंपनी शाओमी के सीईओ लेई जून ने ऐलान किया है कि ब्रांड के नए मॉडल एमआई 11 को चार्जर के बिना मार्केट में पेश किया जाएगा। पर्यावरण का हवाला देते हुए जून ने चीनी सोशल मीडिया साइट वेबो में इसकी घोषणा की है।
जून ने कहा, "एमआई 11 की पैकिंग को हल्का रखा जाएगा। तकनीकी और पर्यावरण का ख्याल रखते हुए इसके साथ दिए जाने वाले चार्जर को अब बॉक्स में शामिल नहीं किया जाएगा। उम्मीद करता हूं कि इसे आप अपना समर्थन देंगे। क्या तकनीकी और पर्यावरण का ख्याल रखने के बीच इससे बेहतर कोई उपाय है?"
सैमसंग के साथ मिलकर शाओमी ने कुछ महीने पहले उस वक्त एप्पल का मजाक उड़ाया था, जब कंपनी ने अपनी आईफोन 12 सीरीज के साथ चार्जिग एडाप्टर को हटा दिया था।
हालांकि सैमसंग ने कथित तौर पर बाद में उस विज्ञापन को डिलीट कर दिया था, जिसमें आईफोन के बॉक्स में चार्जर को शामिल न करने के चलते एप्पल का मजाक उड़ाया गया था।
--आईएएनएस
कराची, 27 दिसंबर | पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 18 साल पहले अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के चार आरोपियों को रिहा नहीं किया जाएगा। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सिंध सरकार का मानना है कि अहमद उमर सईद शेख, फहद नसीम अहमद, सैयद सलमान साकिब, शेख आदिल -- इन चार आरोपियों के संबंध में 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का दिया आदेश अभी भी उनके दायरे में है।
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने कहा था कि सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपियों को रिहा नहीं किया जाएगा। अब 24 दिसंबर को सिंध हाईकोर्ट ने सिंध सरकार को तुरंत इन्हें रिहा किए जाने का आदेश दिया, जिसके तीन बाद यह खबर सामने आई है।
सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि सिंध सरकार के द्वारा भी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी जाएगी।
इससे पहले 2 अक्टूबर को सिंध हाईकोर्ट की एक बेंच ने 2 अप्रैल को शेख सईद की मौत की सजा को सात साल जेल में बदल दिया था और साल 2002 में अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिए जाने का फैसला सुनाया। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 27 दिसंबर | अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य में एक म्यूजिक वीडियो फिल्माने के दौरान हुई गोलीबारी के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम 5 लोग घायल हो गए। स्थानीय मीडिया की रिपोटरें के अनुसार, शाम 5.35 बजे गोलीबारी होने के बाद पुलिस को बुलाया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक घटना शनिवार को बॉस्टन से 6 किमी दूर लिन में हुई।
सभी पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से कम से कम एक की हालत गंभीर थी। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 27 दिसंबर | लेह में हुए भूस्खलन में 2 दिन पहले मारे गए सेना के जवान एम. परशुराम का रविवार को तेलंगाना के मेहबूबनगर जिले के गांव में अंतिम संस्कार किया गया। गांडीव मंडल के गुवान्विकुनता टांडा में बड़ी संख्या में लोगों ने जवानों को अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी। सेना के जवान का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार में स्थानीय जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया।
इससे पहले शनिवार की रात हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जवान का शव लेने चेवेल्ला के सांसद डॉ. रंजीथ रेड्डी, राज्य मंत्री श्रीनिवास गौड और पारगी विधायक महेश रेड्डी पहुंचे थे। बाद में शव को सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव ले जाया गया। स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर रैली निकाली और 'परशुराम अमर रहे' के नारे लगाए।
श्रीनिवास गौड ने जवान के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और डबल बेडरूम का घर देने की घोषणा की है। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया है कि सरकार हर संभव मदद करेगी।
परशुराम के परिवार में उनकी पत्नी एम. शांति और बच्चे भार्गवी (8) और कुणाल चौहान (6) हैं।
परशुराम 2005 में सेना में शामिल हुए थे और लद्दाख के लेह में कार्यरत थे। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 27 दिसंबर | अमेरिकी राज्य इलिनोइस में बाउलिंग एले में एक व्यक्ति द्वारा फायरिंग करने से 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने कहा है कि संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह घटना शिकागो से करीब 140 किलोमीटर दूर रॉकफोर्ड में स्थित बाउलिंग एले में शनिवार की शाम को हुई। घटना में 3 लोग घायल भी हुए हैं।
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, रॉकफोर्ड के पुलिस प्रमुख डैन ओशिया ने कहा कि जिन लोगों को गोली लगी उनमें कम से कम दो किशोरवय बच्चे शामिल हैं। घायलों की स्थिति और उम्र के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है, ना ही घटना में मारे गए लोगों की उम्र की जानकारी है।
रॉकफोर्ड पुलिस विभाग ने लोगों से घटनास्थल वाले इलाके से दूर रहने का आग्रह किया। ओशिया ने कहा कि पुलिस का मानना है कि गोलीबारी में कुछ लोगों को इमारत के बाहर गोली मारी गई और कुछ को इमारत के अंदर गोली मारी गई।
पुलिस के आने तक संदिग्ध व्यक्ति इमारत में ही था। मामले की जांच चल रही है। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 27 दिसंबर | गिलगित बाल्टिस्तान (जीबी) क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। रविवार को सेना के एक बयान में यह जानकारी दी गई। सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने बयान में कहा कि हेलीकॉप्टर शनिवार को तकनीकी कारणों से उस समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जब इस क्षेत्र के एक सैन्य अस्पताल में मरे एक सैनिक के शव को निकाला जा रहा था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बयान के हवाले से बताया कि दो सैनिकों के साथ एक पायलट और को-पायलट (दोनों मेजर रैंक के) दुर्घटना में मारे गए।
जीबी के एक स्थानीय सूत्र ने सिन्हुआ को बताया कि यह घटना एक सुदूर घाटी में हुई जहां कोई रिहायशी बस्ती नहीं थी।
सूत्र ने कहा कि दुर्घटना के बाद सैन्य दल दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और शवों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हेलीकॉप्टर के मलबे से निकाला। (आईएएनएस)
स्टॉकहोम, 27 दिसंबर | क्रिसमस मनाने के लिए लंदन से स्वीडन आए एक व्यक्ति की हाल ही में ब्रिटेन में तेजी से फैलने वाले कोरोनावायरस के नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी की सारा बायफोर्स ने शनिवार को एक समाचार सम्मेलन में बताया कि, दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सोरलैंड में पहुंचने के बाद से व्यक्ति आइसोलेशन में है और घर में किसी का भी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजीटिव नहीं आया है। बायफोर्स ने कहा कि स्वीडन में अभी और भी मामले सामने आने वाले हैं।
स्वीडन पहुंचने के बाद 21 दिसंबर को अत्यधिक थकान और शरीर दर्द का अनुभव करने के बाद व्यक्ति का कोविड-19 टेस्ट किया गया, जो पॉजीटिव आया। वहीं शनिवार को पुष्टि की गई कि व्यक्ति कोरोनोवायरस के नए म्यूटेंट से संक्रमित है।
बायफोर्स ने कहा कि पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने नए कोरोनावायरस स्ट्रेन की निगरानी के लिए अपने प्रयासों को बढ़ा दिया है और अब अक्टूबर से ब्रिटेन से स्वीडन आने वाले सभी लोगों का टेस्ट करने का लक्ष्य बनाया गया है।
बायफोर्स ने कहा "हमने सोमवार को एक नई अपील जारी की है, जिसमें ब्रिटेन से आए हर किसी को टेस्ट करने के लिए आग्रह किया जा रहा है, ताकि हम संपर्क ट्रेसिंग का संचालन कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि यह वायरस स्ट्रेन स्वीडन में नहीं फैले। जिनमें कोई लक्षण नहीं है, उन्हें भी परीक्षण कराना चाहिए।"
पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने सभी से आग्रह किया है कि, जिसने ब्रिटेन से स्वीडन की यात्रा की है, वे अपने घरों में आइसोलेट हो जाए।
एजेंसी के 23 दिसंबर को जारी नए आंकड़ों से पता चला है कि महामारी की शुरुआत के बाद से स्वीडन में कुल 8,279 लोगों की मौत हो गई है और देश में 396,048 मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं 29 दिसंबर को अपडेट किए जाने पर आंकड़े बढ़ने की उम्मीद है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के अनुसार, 22 दिसंबर तक दुनिया भर में 233 कोविड-19 कैंडीडेट वैक्सीन विकसित कर रहे हैं और उनमें से 61 क्लिनिकल ट्रायल में हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, रूस और चीन की दवा कंपनियों द्वारा विकसित वैक्सीन को अब तक कई देशों और क्षेत्रों द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है।
(आईएएनएस)
लंदन, 27 दिसंबर | ब्रिटेन में तूफान बेला के कारण हो भारी बारिश के चलते सैकड़ों लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मौसम कार्यालय के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया, शनिवार को पूरे ब्रिटेन में तूफान बेला के कारण तेज हवाओं और बाढ़ के दर्जनों अलर्ट जारी किए गए हैं। इस तूफान से इंग्लैंड, वेल्स, उत्तरी आयरलैंड और दक्षिणी स्कॉटलैंड के कुछ हिस्सों के अलावा तटीय क्षेत्रों के सबसे अधिक प्रभावित होने की उम्मीद है।
जलस्तर बढ़ने के कारण क्रिसमस के दिन इंग्लैंड के बेडफोर्डशायर में रिवर ग्रेट ऑउस के पास बसे 1,300 से अधिक घरों के लोगों को घर खाली करने की सलाह दी गई। बेडफर्डशायर फायर सर्विस ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए घरों से निकाले गए लोगों के लिए स्थानीय केंद्र बनाए गए हैं। पानी की मात्रा ने स्थिति को बहुत मुश्किल बना दिया है।
बीबीसी ने बताया कि वहां के कुछ निवासियों ने बाढ़ के पानी को रोकने के लिए क्रिसमस की पूरी रात खुद नालियां खोदीं।
बेडफोर्ड बोरो काउंसिल ने कहा कि जिन लोगों ने उनसे घर से निकालने के लिए कहा, उन्हें दूसरे लोगों के घरों में जाने की अनुमति दी गई थी।
बता दें कि बेडफोर्डशायर में अभी टियर- 4 प्रतिबंध लागू है, जिसके तहत लोगों को आपस में मिलने-जुलने की अनुमति नहीं है।
(आईएएनएस)
तेहरान, 27 दिसंबर | ईरान की राजधानी तेहरान की उत्तरी ऊंचाइयों में हुई भारी बर्फबारी के कारण कम से कम 6 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है। यह जानकारी बचाव और राहत अधिकारी ने दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार को रेड क्रिसेंट एंड रिलीफ ऑगेर्नाइजेशन ऑफ ईरान के प्रमुख मेहदी वालिपोर के हवाले से बताया कि बर्फबारी के कारण कम से कम 18 लोग भी लापता हैं।
उन्होंने कहा कि शवों को पहाड़ों से नीचे लाने और फोरेंसिक मेडिसिन द्वारा उनकी पहचान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके परिवारजनों को सौंप दिया जाएगा।
वर्तमान में रेड क्रिसेंट सोसाइटी की 16 टीमें लापता लोगों की खोज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि "क्षेत्र में बचाव अभियान जारी है।"
स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह घटना पिछले 2 दिनों में हुई भारी बर्फबारी और उसके बाद हुए हिमस्खलन के कारण हुई है।
--आईएएनएस
एक वीडियो कॉल में अपू सरकार ने मुझे अपना हाथ दिखाया. यह देखकर कुछ भी अस्वाभाविक नहीं लगा. लेकिन जब मैंने बारीकी से देखा, तो उनकी सभी उंगलियों की नोक की सतह सपाट थी.
बाइस साल के अपू सरकार बांग्लादेश के उत्तरी ज़िले राजशाही में अपने परिवार के साथ रहते हैं. कुछ समय पहले तक वे एक चिकित्सा सहायक के रूप में काम कर रहे थे. उनके पिता और दादा किसान थे.
अपू के परिवार के सभी पुरुष सदस्यों में आनुवांशिक कारणों से एक दुर्लभ शारीरिक स्थिति देखने को मिलती है. उनके पास कोई फिंगरप्रिंट नहीं है. ये स्थिति इतनी दुर्लभ है कि अब तक यह दुनिया के कुछ ही परिवारों में देखी गई है.
अपू के दादा के समय में उंगलियों के निशान का अभाव एक बड़ा मुद्दा नहीं था. अपू बताते हैं, "मुझे नहीं लगता कि मेरे दादाजी ने इसे एक समस्या के रूप में लिया था."
लेकिन दशकों बाद हमारी उंगलियों पर छोटी-नन्हीं बरीक लकीरें (अंग्रेजी में डर्मैटोग्लिफ़ कहा जाता है) दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाला बायोमेट्रिक डेटा बन गया है.
सरकार परिवार का संघर्ष
इसका उपयोग बैकों में खाता खोलने से लेकर नए मोबाइल फ़ोन का कनेक्शन लेने तक में किया जाता है. साल 2008 में जब अपू युवा थे, तब बांग्लादेश में सभी वयस्कों के लिए एक राष्ट्रीय पहचान पत्र पेश किया गया था. उसके लिए सभी को अंगूठा लगाना था.
जब अपू के पिता अमल सरकार पहचान पत्र लेने गए तो कर्मचारी हैरान रह गए. अंत में, उन्हें ये जो पहचान पत्र दिया गया, उस पर लिखा था 'बिना फिंगरप्रिंट के.' साल 2010 में पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बांग्लादेश में उंगलियों के निशान भी अनिवार्य किए गए थे.
काफी कोशिशों के बाद और मेडिकल बोर्ड प्रमाण पत्र के आधार पर अमल ने पासपोर्ट बनवाया. लेकिन उन्होंने अभी तक इसका उपयोग नहीं किया है. वे हवाई अड्डे पर किसी मुसीबत में पड़ने से घबराते हैं.
हालांकि खेतीबारी के काम के लिए उन्हें मोटरसाइकिल की सवारी करनी पड़ती है लेकिन उन्होंने ड्राइवर का लाइसेंस नहीं लिया है. अमल ने बताया, "मैंने शुल्क का भुगतान किया, परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन उन्होंने मेरे नाम से ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किया क्योंकि मेरे पास फिंगरप्रिंट नहीं थे."
अमल को जब भी ट्रैफिक पुलिस वाले रास्ते में चेकिंग के दौरान रोकते हैं तो वे उसी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जमा की गई फीस की रसीद दिखलाते हैं. लेकिन इससे हमेशा उनका काम नहीं बनता है. पहले भी वे दो बार जुर्माना भर चुके हैं.
'एडर्मैटोग्लाफ़िया' की समस्या
वे ट्रैफिक अधिकारी को अपनी स्थिति के बारे में बताते हैं और अपनी उंगलि दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन फिर भी उन्हें जुर्माना भरना पड़ता है. अमल बताते हैं, "मुझे हमेशा ही इस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है."
साल 2016 में बांग्लादेश की सरकार ने मोबाइल फोन का सिम कार्ड खरीदने के लिए उपभोक्ता की उंगलियों के निशान राष्ट्रीय डेटाबेस से मैच कराने की ज़रूरत को अनिवार्य कर दिया था.
अपू हंसते हुए बताते हैं, "वे कन्फ़्यूज हो गए. सिम कार्ड खरीदते समय जब भी मैं अपनी अंगुली सेंसर पर रखता, उनका सॉफ्टवेयर हैंग हो जाता था." अपू सिम कार्ड नहीं खरीद पाए. अब उनके परिवार के सभी पुरुष सदस्य उनकी माँ के नाम पर सिम कार्ड का उपयोग करते हैं.
अमल और अपू सरकार का परिवार जिस मेडिकल समस्या से जूझ रहा है, साइंस में उसे 'एडर्मैटोग्लाफ़िया' कहते हैं. इस मामले की चर्चा साल 2007 में उस वक़्त खूब हुई थी, जब स्विटज़रलैंड के एक त्वचा विशेषज्ञ पीटर इतिन से 25 साल की एक महिला ने संपर्क किया था.
उस महिला को अमेरिका जाने में परेशानी हो रही थी. उसका चेहरा और पासपोर्ट का फोटो तो मैच कर रहा था लेकिन आव्रजन अधिकारी उसकी उंगलियों के निशान को रिकॉर्ड करने में असमर्थ थे क्योंकि उस महिला के पास कोई फिंगर प्रिंट ही नहीं था.
बेहद दुर्लभ मामला
जांच करने पर प्रोफेसर इतिन ने पाया कि महिला और उसके परिवार के आठ सदस्यों में समान समस्याएं थीं- अंगुली के पोरुए वाले सपाट हिस्से और कम संख्या में पसीने वाली ग्रंथियां.
प्रोफ़ेसर इतिन ने एक अन्य त्वचा विशेषज्ञ एलाई स्प्रेकर और एक छात्र जाना नौसबेक के साथ परिवार के 16 सदस्यों के डीएनए का अध्ययन किया. उनमें से सात में उंगलियों के निशान थे और नौ के नहीं थे.
प्रोफ़ेसर इतिन ने बीबीसी को बताया, "ऐसे मामले बेहद दुर्लभ हैं. केवल कुछ ही परिवारों को ऐसा देखा गया है."
साल 2011 में प्रोफेसर इतिन की टीम ने पाया कि नौ गैर-फिंगरप्रिंट वाले लोगों में SMARCAD1 नामक जीन में मुटेशन के कारण ऐसा हुआ था. उस समय इस जीन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. हाथों पर प्रभाव के अलावा इसकी वजह से कोई और स्वास्थ्य समस्या नहीं देखी गई.
खोज के बाद इस स्थिति को 'एडर्मैटोग्लाफ़िया' नाम दिया गया. हालांकि प्रोफेसर इतिन ने इसे "कहीं आने-जाने में रुकावट पैदा करने वाली बीमारी" का नाम दिया है. ये बीमारी परिवारों की पीढ़ियों को प्रभावित कर सकती है.
'जन्मजात पामोप्लांटर केराटोडर्मा'
अपू सरकार के चाचा गोपेश ढाका से 350 किलोमीटर दूर दिनाजपुर में रहते हैं. पासपोर्ट पाने में उन्हें दो साल लग गए. पासपोर्ट पाने की समस्या को याद करते हुए गोपेश बताते हैं, "मुझे अपनी स्थिति समझाने के लिए चार या पांच बार यात्रा करनी पड़ी."
गोपेश के दफ़्तर में हाजिरी लगाने के लिए बायोमेट्रिक एटेंडेंस सिस्टम ने गोपेश के लिए अलग से समस्या खड़ी कर दी थी. उन्होंने अपने आला अधिकारियों को पुराने दस्तखत वाली हाजिरी व्यवस्था के लिए मनाना पड़ा, जिसके लिए उन्हें इजाजत दे गई.
एक बांग्लादेशी त्वचा विशेषज्ञ ने अमल सरकार के परिवार की स्थिति को "जन्मजात पामोप्लांटर केराटोडर्मा" के रूप में वर्णित किया. प्रोफेसर इतिन के अनुसार 'एडर्मैटोग्लाफ़िया' की दूसरी अवस्था में त्वचा सूखने लगती है और हाथों और पैरों पर पसीना कम हो सकता है.
यही लक्षण सरकार परिवार में देखे गए हैं. हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए और परीक्षण किए जाने की ज़रूरत होगी.
त्वचा विशेषज्ञ एलाई स्प्रेकर कहते हैं कि उनकी टीम सरकार परिवार का जेनेटिक टेस्ट करना चाहेगी. इस जेनेटिक टेस्ट से सरकार परिवार को केवल अपनी स्थिति का पता चल पाएगा लेकिन रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आने वाली परेशानियों से बचने में उन्हें मदद नहीं मिलने वाली है.
नए प्रकार का राष्ट्रीय पहचान पत्र
सरकार परिवार के लिए समाज धीरे-धीरे और अधिक जटिल होता जा रहा है. अमल सरकार ने अपना अधिकांश जीवन बिना किसी समस्या के बिताया लेकिन अब वह अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं.
उन्होंने कहा, "यह मेरे हाथों की बात नहीं है. यह मेरी जन्मजात स्थिति है. लेकिन जिस तरह से मेरा बेटा और मैं अलग-अलग दर्द से गुजर रहे हैं, मेरे लिए ये तकलीफदेह है."
चिकित्सा प्रमाण पत्र पेश करने के बाद, अमल और अपू को हाल ही में एक नए प्रकार का राष्ट्रीय पहचान पत्र हासिल हुआ है. इसमें अन्य बायोमेट्रिक डेटा जैसे आंख रेटिना स्कैन और चेहरे की छवियां शामिल हैं.
लेकिन फिर भी वे न तो सिम कार्ड खरीद पाए हैं और न ही उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिला है. पासपोर्ट प्राप्त करना एक लंबा और थकाऊ काम बन गया है. अप्पू ने कहा, "मैं अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकर हैरान हूं. मैंने कुछ सुझाव मांगे हैं, लेकिन कोई रास्ता नहीं मिल पाया है. कुछ ने यह भी सुझाव दिया कि मुझे कोर्ट जाना चाहिए. यदि सभी विकल्प समाप्त हो जाएंगे तो मैं ऐसा ही करूंगा."
अपू ने उम्मीद जताई कि उन्हें पासपोर्ट मिल जाएगा. वे बांग्लादेश से बाहर यात्रा करना पसंद करते हैं. (bbc)
यूरोप के कई देशों ने अपने यहाँ कोरोना वायरस के नए और ज़्यादा संक्रामक वैरिएंट के पाए जाने की पुष्टि की है. ये वायरस का वही स्ट्रेन है जिसकी पहचान सबसे पहले ब्रिटेन में हुई थी.
अब स्पेन, स्वीडन और स्विटज़रलैंड ने बताया है कि ब्रिटेन की यात्रा से लौटे उसके नागरिकों के कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
ब्रिटेन में वायरस के नए स्ट्रेन की ख़बर मिलने के बाद कई देशों ने अपने नागरिकों की वहाँ आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था.
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में गुरुवार को ब्रिटेन से लौटे एक शख़्स के तीन रिश्तेदारों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है. यह जानकारी शहर के डिप्टी हेल्थ चीफ़ एंटोनियो ज़ापातेरो ने दी है.
उन्होंने कहा, "संक्रमण का चौथा मामला भी ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति का है. हालाँकि कोई भी मरीज़ गंभीर रूप से बीमार नहीं है इसलिए घबराने की ज़रूरत नहीं है."
उन्होंने कहा कि तीन अन्य संदिग्ध मामले हैं जिनमें नए वैरिएंट का संक्रमण हो सकता है लेकिन उनके टेस्ट के नतीजे मंगलवार या बुधवार से पहले नहीं आएंगे.
फ़्रांस, स्विटज़रलैंड, स्पेन और स्वीडन में भी मामले
इससे पहले शनिवार की सुबह फ़्रांस ने भी अपने यहाँ ब्रिटेन की यात्रा से लौटे एक व्यक्ति के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने की ख़बर दी थी. संक्रमित व्यक्ति एसिंप्टोमैटिक है और फ़िलहाल उन्होंने ख़ुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया है.
वायरस के नए वैरिएंट की पुष्टि के बाद फ़्रांस ने ब्रिटेन से लगी अपनी सीमाएँ बंद कर दी थीं. हालाँकि बुधवार को इसने यूरोपीय संघ के नागरिकों के लिए सीमाएँ खोल दी थीं, बशर्ते यात्रा करने से पहले वो अपनी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट पेश करें.
स्पेन और फ़्रांस के अलावा स्विटज़रलैंड ने भी अपने यहाँ तीन लोगों के वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित होने की जानकारी दी है. इनमें से दो ब्रितानी नागरिक हैं जो क्रिसमस की छुट्टियाँ मनाने स्विटज़रलैंड गए थे.
स्विटज़रलैंड एकमात्र ऐसा देश है जिसने क्रिसमस के मौके पर विदेशी सैलानियों के लिए अपनी सीमाएं खोल रखी थीं और यही वजह है कि पिछले कुछ हफ़्तों में हज़ारों ब्रितानी नागरिक छुट्टियाँ मनाने यहाँ पहुँचे थे.
स्वीडन की एक ट्रैवेल एजेंसी ने बताया है कि वहाँ ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति की तबीयत ख़राब है और उन्होंने ख़ुद को आइसोलेट कर लिया है.
डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और ऑस्ट्रेलिया में भी लोगों के कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की चपेट में आने की पुष्टि हो चुकी है.
जापान ने शुक्रवार को बताया कि ब्रिटेन से लौटे पाँच जापानी नागरिक भी संक्रमित पाए गए हैं.
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट क्या है?
कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले लंदन, दक्षिण-पूर्वी ब्रिटेन और पूर्वी ब्रिटेन में हुई थी.
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार इन दिनों देश में कोरोना पॉज़िटिव हो रहे लोगों में दो-तिहाई संख्या नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों की हो सकती है. हालाँकि ये एक अनुमान भर है.
वायरस के बारे में तीन प्रमुख बातें हैं जो दुनिया को चिंता में डाल रही हैं:
ये बहुत जल्दी कोरोना वायरस के अन्य रूपों की जगह ले रहा है.
इसके म्यूटेशन से वायरस के उन हिस्सों में बदलाव हुआ है जो इंसानी कोशिकाओं पर असर डालता है. इसमें N501Y नाम का म्यूटेशन हुआ है जो शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है.
लैब में देखा गया है कि इनमें से कुछ म्यूटेशन की वजह से वायरस की इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ जाती है.
बीबीसी के स्वास्थ्य और विज्ञान संवाददाता जेम्स गैलाघर का कहना है कि इन सब वजहों से वायरस का नया वैरिएंट ज़्यादा आसानी से फैल सकता है.
हालाँकि राहत की बात ये है कि विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के महीनों में तैयार हुई प्रमुख वैक्सीन वायरस के बदले हुए रूप पर भी प्रभावी होंगी.
कई देशों ने ब्रिटेन की यात्रा पर लगाया प्रतिबंध
इस बीच 40 से ज़्यादा देशों ने इस महीने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. सऊदी अरब, ओमान और कुवैत ने एक कदम आगे जाकर एक हफ़्ते के लिए अपनी सीमाएं पूरी तरह से बंद कर दी हैं.
वहीं, शनिवान को जापान ने जनवरी के आख़िर तक के लिए लगभग सभी ब्रितानी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी हैं. हालाँकि जापानी नागरिक और जापान में काम कर रहे लोगों को लौटने की इजाज़त होगी.
ब्रिटेन के अलावा दक्षिण अफ़्रीका में भी कोरोना वायरस का एक अन्य वैरिएंट मिला है. यह ब्रिटेन में वैरिएंट से अलग है.
दक्षिण अफ़्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस का नया स्ट्रेन स्वस्थ और युवा लोगों को भी तेज़ी से अपनी चपेट में ले रहा है. (bbc)
काठमांडू, 27 दिसंबर | सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में बिखराव को देखते हुए सुलह कराने के इरादे से चीन अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं को काठमांडू भेज रहा है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में उठापटक से परेशान चीन इसे विभाजित होने से बचाने के अपने अंतिम प्रयास के तहत अपने नेताओं को नेपाल भेज रहा है।
दरअसल, बीते सप्ताह नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने संसद को भंग कर दिया था। इसके बाद माना जा रहा है कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी दोफाड़ हो चुकी है।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की सेंट्रल कमेटी के अंतराष्र्ट्ीय विभाग के उप-मंत्री गियो येछाउ ऐसे समय में नेपाल का दौरा कर रहे हैं, जब सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में कहल अपने चरम पर पहुंच गया है।
नेपाल के प्रमुख अंग्रेजी अखबार काठमांडू पोस्ट ने शनिवार को अपने ऑनलाइन संस्करण में लिखा है कि सदन को भंग करने के निर्णय ने चीन को आश्चर्यचकित कर दिया है और वे पिछले दो महीनों में भारत की यात्राओं की एक श्रृंखला के बारे में भी चिंतित हैं, जिसमें एक स्थायी समिति के सदस्य भी शामिल हैं, जो नेपाल पर चीन की स्थिति से अवगत हैं।
माना जा रहा है कि चीन नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों के नेताओं (प्रधानमंत्री ओली और पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' धड़ा) से मुलाकात कर पार्टी को टूटने से रोकने का प्रयास कर रहा है।
सत्तारूढ़ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि गियो काठमांडू में चार दिवसीय यात्रा पर रविवार को आ रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री ओली, प्रचंड और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेताओं के साथ ही राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी से मुलाकात किए जाने की उम्मीद है।
इससे पहले चीनी मंत्री ने 2018 में नेपाल का दौरा किया था।
--आईएएनएस